diff --git "a/bho_Deva/mala_000002_remove.jsonl" "b/bho_Deva/mala_000002_remove.jsonl" new file mode 100644--- /dev/null +++ "b/bho_Deva/mala_000002_remove.jsonl" @@ -0,0 +1,106 @@ +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"चतुर मुरगा ओकनीके खाजाए। सब जनावर परसान होगइल रलसन। एक दिनके बात ह।\nओकरा खाए खातिर\nसिकार ना िमलल। उ भुख पियासके मारे परेसान होगइल।\nबहुत दिन तक उ भुखे रहे।\nएक दिन जङगलमे एगो मुरगा देखलख।\nउ खुस होके सोचलख। आज एकराके खाके आपन पेट भरेम।\nलेकिन मुरगा गाछीपर बइठल रहे। इ सोचलख एकाराके केगे निचे उतारी।\nआरे मुरगा भाइ। तु उपर काहे बार। तहरा मालुम बा। भगवानसे एगो खबर आइल बा।\nमुरगा पुछलक कथी खबर बा। सियार कहलक कि। आजसे सब जनावर एक बानी।\nमुरगा सोचलक। इ हमरा के मुरख बनावता। मुरगा कहलक हमर सघतीया बाघ आवता।\nबाघके नाम सुनके\nसियार डेरागइल। उ उहासे भागइल। मुरगा बचगइल।","num_words":109,"character_repetition_ratio":0.004,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.35,"stopwords_ratio":0.018,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.997,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"आम आम के गाछी ह।\nछोट छोट गाछी बा।\nअनिता खाना खइलिन।\nबादमे आम खइलिन।\nविहान भैला कब्जियत भइल।\nअनिता बाबुजिसे कहलिन।\nबाबुजी डाक्टर से देखइलन।\nडाक्टर सबकुछ पुछलन।\nपुछके अन्तिम मे कहलन।\nखाके आम ना खाएके।\nई लोग सब सिखलन।\nघरे अइलन।\nआके आराम करतारी।","num_words":46,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.344,"stopwords_ratio":0.022,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.996,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"बगइचा चलल जाव बगइचा में।\nघुमल जाव बगइचा में।\nरंगविरंग फूल रोपल जाव।\nफूल खुब फुलाई।\nबगइचा गमगम करी।\nमहकसे तितली लोभाई।\nहमनियो के मन रमाई।\nबगइचामें रंगविरंग चिरइबा।\nचिरई चु-चु करता।","num_words":32,"character_repetition_ratio":0.094,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.291,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.595,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"खीर भात अउरी बानर भी रहसन।\nएगोदिन जमा भइलसन।\nकुछ अलग करेके सोचलसन।\nमुसके खाना चाउर।\nकउवाके खाना रोटी।\nबाँदरके खाना केरा।\nअलग खाना होखे।\nजवन सबके निमन लागे।\nसबके सब सोचे लगलसन।\nबढीया खाना खाएल जाव।\nबहुत देरके सोचला पर। खीरभात पकावल जाव।\nसबके सहमती भइल।\nमुस मामा चाउर लेके।\nबानर भाइ हडिया लेके।\nखीरभात पकावललोग।","num_words":57,"character_repetition_ratio":0.02,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.372,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.98,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"भगवान क दुलार घर के पिछे बगैचा बा। बगैचा बारा निमन बा। बगैचा मे फुल बा। फुल बडा सुनर बा।\nबगैचा से फुल लेयइनी।\nफुलके ��ाला बनइनी। माला बनाके मंदिर गइनी। मंदिर जाके पुजा कइनी।\nमंदिर मे भगवान के माला लगइनी। माला लगाके ध्यान कइनी। ध्यान मे डुब गइनी।\nतब प्रणाम कइनी।\nभगवान प्रकट भइलन। तब हमर आँख खुलल। तब देख के डर गइनी। तब फेन प्रणाम कइनी।\nतब भगवान कहलन। बोल केतना धन दी। तब हम कहनी। हमरा धन ना चाही।\nहम कहनी विद्या चाहि। तब भगवान कहलन। विद्या से का होइ। तु धन माग।\nतब हम कहनी। धन हरदम ना रही। विद्या से धन होइ।\nविद्या से धन कमाएम।\nतब हम कहनी। विद्या से ज्ञान होइ। विद्या से बुद्धी होइ।\nविद्या से बडका आदमी होयम।\nतब भगवान बिद्धा देलन।\nविद्या देके चल गेलन। तब मंदिर से अइनी। तब खुशी भइनी।\nखुशि होके पढे गइनी। पढके बडका आदमी भइनी। आदमी होके पैसा कमइनी। पैसा कमाके खुशि भइनी।","num_words":158,"character_repetition_ratio":0.083,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.379,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.025,"lang_id_score":0.943,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"चोरी इसकुल के राहमे बगिचा रहे। बगिचा मे फल वाला गाछी रहे। रूनी, केरा, जामुन रहे। आम अउरी लिच्‍ची भी रहे।\nरोजीना दुनुजने देख के ललचियाए। एकदिन इसकुल से घर आवत रहेसन। ओकनी के मन ललचल।\nचोरी करेके मन करे। फेरू सोचलसन कवन देखली। चौकिदार होइ। पकड ली त।\nइहे सोचके चोरी करेसे बचे लोग।\nकी लोग का कही। पढेवाला लइका चोरी करेलसन। लालच बुरी बलाय। एगो कहावत बा। रौशन कहलीन।\nअब्दुल काहे माने जाव। कहलख हम त रूनी तोडेम।\nजे होइ देखल जाइ। रौशन मना कइलीन।\nमाकीर अब्दुल न मनलख।\nरूनी के गाछी पर झटहा मरलख। रूनी टुटके गिरल।\nरौशन उठावे गइली।\nएतने मे माली आ गइल।\nअब्दुल भाग गइलन। रौशन थकबक रह गइलन। रौशन के माली पकड लेलख।\nरौशन रोए लागल। माली काका रौशन पर तरस खइलख। रौशन के ना मरलख। रौशन के समझइलख।\nके चोरी बुरी बात ह। चोरी ना करेके चाही। कवनो समान माँग लेवेके चाहि। तु पढे जालु। पढे वाला लइका चोरी ना करेला।","num_words":159,"character_repetition_ratio":0.04,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.375,"stopwords_ratio":0.013,"flagged_words_ratio":0.031,"lang_id_score":0.997,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"भइया भइया दुलार करेलन।\nभइया दाेकान जालन।\nभइया खेते जालन।\nभइया कमालन।\nभइया मिठाइ देलन।","num_words":15,"character_repetition_ratio":0.092,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.376,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.559,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"चिरई चिरई आकाशमे बा।\nपांख पसारले बा।\nचिरई गाछिपर बैठल।\nधनुषवा��से शिकार करी।\nचिरई झिंगा खाता।\nबहुत किसिमके मछरी खाला।\nचिरई चु चु करता।\nपत्थर पर बैठल बा।\nआदमी चिरईके मारता।\nझटहासे मारल जाला।\nचिरई पोखरीके किनारमे बा।\nएकराके बकुला कहाला।\nचिरई खोतामे बैठल बा।\nबच्‍चा मुह बावता।","num_words":48,"character_repetition_ratio":0.019,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.349,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"माई हमर माइ ममताके खजाना हइ। माइ सबकर बराबर होखेली। सबकर माइके बराबर कदर करेके चाहीं।\nसबकर माईके बराबर कदर करेके चाहीं। माई सबकर पहिलका गुरू होखेली।\nहमर माई हमराके बहुत उपदेश देवेली।\nअपने ना खाके भी हमराके खियावेली। सबके खईलासे बचेलात अपने खाली।\nहमर माई बहुत निमन बारी।\nहमर माई बहुत सुनर बारी। केतना करी माईके बखान। इनका मे सब ममता भरलबा। सभीके करेली दुलार।\nमाई हमनीके निमन बोली सीखावेली। बाल बचा पर बहुत धया देवली। हमर माई हमर गुरू हइ।\nमाई बाबुजी मिलके हमनीके नसिब बनावला। साथे साथे मेला भी घुमावला। मिठ मिठ सामान भी किनके खिआवता।\nमाई त माई हालीन। अपना बच्‍चा खतिरा सब काम करेनी। अपना बच्‍चाके दुध पियावेली। माईके दुधमे मिठाइ होला। भुख पियास मिटावेला।\nमाई दुलारेनी, सबके खेलावेनी। माई सुतके वेरीया गित सुनावेली। बउवाके िनमन निमन बात बतावेली।\nबउवाके नहवावेली, साफ सुथरा करेली। निमन निमन कपडा पहेनावली।\nहसावेली खेलाबेनी, खुस राखेली।","num_words":147,"character_repetition_ratio":0.071,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.4,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.865,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"बबीके किताब किताब पढी।\nदादा किताब किनी।\nबेगमे किताब।\nथाेर किताब।\nबबीके किताब।","num_words":13,"character_repetition_ratio":0.059,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.39,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.748,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"निमन बगइचा बगइचा घन बा।\nबगइचामे चिउटी घुमता।\nबगइचा मत काटी।\nछतमे गाछि बा\nबगइचामे जातानी।","num_words":16,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.375,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"नाग नाग आ बेंग।\nनागके बिख।\nनाग नागिन।\nनाग नाग।\nनिचे नाग।","num_words":12,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.393,"stopwords_ratio":0.083,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.65,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"कहानी किताब किताब।\nकिताबमे गाछि।\nकिताबके ढेर।\nकिताब पढता।\nकिताबके पाना।","num_words":11,"character_repetition_ratio":0.032,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.366,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.664,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"जुता जुता टुट गईल।\nजुता बेचाता।\nजुतामे चिउटी।\nजुता मोजा लगाई।\nकएगो जुता किनाई?","num_words":14,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.359,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.511,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"बगैचा बगैचामे गाछी।\nबगइचामे तरकारी।\nबगइचामे टिकोरा।\nबगइचामे रूनी बा।\nबगइचामे अामके पाता।","num_words":13,"character_repetition_ratio":0.101,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.386,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.933,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"बउवा आ गोही बउवा नदीमे नहाए गईल।\nगोही देखके खुश होगईल।\nबउवा देख डेरा गईल।\nदेहिया थरथरा गईल।\nबउवा कहे नहाए द।\nलईका बानी जाए द।\nलईकाके निहोरा कईलासे।\nकेतनो करब तु निहोरा।\nहम ना छोडेम तोरा।\nगोहिया पकडलख गोड़।\nलईका कहलख छोड़ छोड़।","num_words":44,"character_repetition_ratio":0.019,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.35,"stopwords_ratio":0.023,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.94,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"मदत दुनु किसान रहे लोग।\nदुनु जने खेति पाति करे लोग।\nदुनु बहुत खुश रहे लोग।\nदुनु खेतसे आवत रहे लोग।\nरास्तामे एगो घायल सुग्गाके देखलन लोग। उ बहुत बुरा तरहसे घायल रहे।\nदुनु जने सुग्गाके घरे लेगइनी।\nसुग्गाके इलाज कइनी। आ सुग्गा निमन होगइल।\nनिमन भइला बाद उड गइल।\nएकदिन सुग्गा अनारके दाना आँगनमे गिरइलख। ऊ दाना रोपदेलि। ऊ बडका गाछी होगइल। ओमे बहुत अनार फरल रहे।\nएगो अनार तुरके देखनी त।\nअनारके सब दाना सोनाके रहे। सब अनारमे सोनाके दाना रहे। उ लोग सब अनार फोरलन। आ बजारमे बेच देलन।\nओसे पैसा आइल। ओसे स्कुल बनइलख लोग।\nहस्पिटल भि बनइलन।\nऊ स्कुलमे बहुत लइका लइकीलोय पढतरहे।\nपढके बहुत लोग डाक्टर बनल।\nऊ लोग सबके मदत करे लोग। जेसे उ लोगके फाइदा मिलल। उ लोगके सोचके नमस्कार बा।\nसब केहु मदत करी। एक आपसमे सहयोग करी। आ सब केहु आगे बढी। बाबु माईके नाम रोशन करी।","num_words":147,"character_repetition_ratio":0.03,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.351,"stopwords_ratio":0.034,"flagged_words_ratio":0.007,"lang_id_score":0.995,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"दाँत दतिवनसे दातँ धोवत लोग।\nसञ्जय दाँत धोअता।\nकक्षा एक में पढेला।\nत्रिलोकीके दाँत चमकता।\nक्षयरोगसे बची।\nदाँते सेब काटता।\nज्ञानी बबी।\nदाँत देखाके हँसता।\nदाँत द���हके एगो अङ ह।","num_words":30,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.378,"stopwords_ratio":0.067,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.889,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"कौवाके प्यास पानी खोजते खोजते चारुओर उडत रहे। उकरा पानी केनहु ना लउकल।\nप्यासके कारन ओकर घेंट सुखत रहे। उडते उडते ओकरा एगो घइला लउकल।\nघइलाके पेनीमे तनकासा पानी रहे। कौवा उ पानी पिएके चहलक। पानी पेनीमे रहल। उ पानी पिए नासकल।\nिपयासके मारल अब कौवा छटपटाए लागल। कौवा सोचे लागल।\nकौवा उपाए सोचलक। अगर घइलामे पथल रखदेम त। \nपानी उपर आ जाइ।\nअब कौवा घइलामे इटापथल\nराखेलागल। पथल भरगइल पानी उपर आगइल।\nपानी पिके कौवा खुस होगइल। कौवा अपन सगतिया सगे खेले लागल।","num_words":84,"character_repetition_ratio":0.014,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.382,"stopwords_ratio":0.024,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.9,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"रमुवा आ गाए रमुवा गाएके जङगलमे लेजाए।\nगाई जङगलमे चरत रहे।\nएक िदनके बात ह।\nगाए जङगलके भितर गइल।\nरमुवा गाईके खोजे लागल।\nखोजत खोजत साँझ होगइल।\nसोचलख अब ना मिलि।\nहम चलतनी घरे।\nरोवत रोवत घरे आइल।\nरास्तामे मगरूवा काका भेटइलन।\nउ पुछलन काहे रोवतारी?\nरमुवा सब बात बतइलख।\nकाका जङगल जाके।\nगाए खोजदेलन।","num_words":55,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.345,"stopwords_ratio":0.018,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.877,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"मोटरसाईकिल आदमी मोटरसाइकिल चलावत बा।\nमोटरसाइकल बनता।\nमिस्त्री बनावेला।\nमोटरसाइकल आदमी चलावता।\nकाका मोटरसाईकल चलावतारन ।\nमोटरसाईकिल भारी होला।\nलईकन ना चलावेला।","num_words":22,"character_repetition_ratio":0.081,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.323,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"बिलाई मुस बहुत होसियार बा।\nहमरासे भागे एने ओने।\nकईसे ओकराके पाई।\nम्याउँ म्याउँ म्याउँ।\nअब चल जाएम ईहवासे।\nफेर नाआएम दोबारा।\nअब कवना घरमें जाई।\nकुछो समझ नईखे आवत।\nभुख लागल बा हमरा।\nतहनीके लागेला जइसे।\nकइसे तोहके बताइ\nम्याउँ म्याउँ म्याउँ।\nकुछाे सुझाव तु।\nकईसे भुखके मेटाई।म्याउँ म्याउँ म्याउँ।","num_words":51,"character_repetition_ratio":0.141,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.38,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.41,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"गिरगिट एकदिन गिरगिट घुमे गइल।\nआपन साथीके भी लेगइल।\nदिन निमन रहे।\nघाम उगल रहे। गिरगिट डारि पर बैठल रहे। गिरगिट घाम तापत रहे।\nदोसर दिन सुबहमे। गिरगिट गइल वगैचा मे। फुलके गाछिपे चढगइल।\nअचानकसे पानी परेलागल।\nगिरगिट जोरसे भिजगइल। गिरगिट लागल सोचे।\nबिहान हम घर बनाएम।\nगिरगिट खुब सोचलख।\nफेर जंगल गइल ।\nजोरसे घाम उगल रहे।\nगिरगिट घर बनावेला बिसर गइल।\nगिरगिट घुमे गइल। फिरसे जोरसे पानी परे लागल। गिरगिट बहुत भिज गइल।\nगिरगिटके बोखार लागइल।\nगिरगिट सोचलख अब जैसेभि घर बनाइब।\nफिर घाम उगइल। गिरगिट भुलगइल। अइसे गिरगिट कबो घर ना बनइलख।","num_words":95,"character_repetition_ratio":0.092,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.283,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"कोइल आ काग बगैचा मे एगो गाछि मिलल।\nदुनु इयार लोग बैठ गैल।\nतब, कागके हुआइ आइल।\nकाग कहत अपना इयार से।\nए इयार जी, रउवा सुनतानी।\nहमरा त अब नैखे अडात।\nकहते मातर काग इयार बोलतारन टाएसे। जब देखलसन लइका कागके।\nत लइकन ढेला चलावत खेदे लागल।\nलइका सब चहेटके कागके भगादेलख। अपन इयार कागके बेइजती कोइलसे नासहाइल। महावलके शान्त करते कोइल बोलता कु।\nलइका सब कोइलके बोली सुनके फिरगैल। कोइलके बोली लइकनके बहुत सुनर लागल।\nलइकासब रूकके कोइलके आवाज सुने लागल।\nबादमे जब भेटभइल दुनु इयार के। तब काग बडा दुखित होके पुछतारन। ए, इयार जी रउवा सुनतानी।\nकोइल कहतारन, कागसे।\nका कहतानी इयार जी। काग कहतारन, इयारजी काहे ऐसन भैल। हमर बोली तीत राउर कैसे मीठ।\nजबकी हमनी दुनु इयार करीये बानी। लैका हमारा के खेदे लागल। तोहर बोली सुने लागल। इ कैसन चमत्कार होगैल इयार जी।\nइ बात सुनके कोइल इयार कहलन। ए इयारजी रूउवा सुनेके चाहतानी। हमनी दुनु इयारके रंग एकेबा।\nबस, एतने फरक बा की।\nराउर बोली तित लागेला।\nऔरी हमर बोली सबके मीठ।","num_words":170,"character_repetition_ratio":0.062,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.372,"stopwords_ratio":0.012,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.84,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"गजरा बबीके गजरा।\nचारगो गजरा।\nगजरा खा।\nगजराके बोरा।\nगजरा पर चिउटा।","num_words":12,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.369,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.832,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"घर आ बिलाई हमरा घरमे बिलाई बा।\nबिलाईके नाम मिठु ह।\nबिलाई हमरा सँगे रहेला।\nहमरा सँगे सुतेला।\nहमरा सँगे रहेला।\nसाथे साथे खाला।\nहम एकदिन घरे नारहीं।\nबिलाईके थाह भईल।\nबिलाई घरमे जाके।\nपुरा दुध पी गईल।","num_words":38,"character_repetition_ratio":0.144,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.388,"stopwords_ratio":0.026,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.976,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"खोंता साँप अण्डा खा गईल।\nचिरई रोवत रहगईल।\nगाछी छोड़के उड़ गईल।\nदोसर फुलवारी मे गईल।\nदोसर खोंता बनइलख।\nचिरई फेरसे अण्डा परलख।\nउहाँ साँप ना रहे।\nअण्डासे बच्‍चा भईल।\nचिरइ बाहरसे दाना लावे।\nदाना बच्‍चाके खियावे।\nबच्‍चा सयान हो गईल।\nबच्‍चा उड़े लागल।\nसंसार घुमे लागल।\nदुनुजने खुश होगईले।","num_words":50,"character_repetition_ratio":0.015,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.355,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.989,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"अपन सफाई हम आपन दाँत माजेनी।\nबस्रसे मुह ।\nहम रोज सबेरे मुह धोएनी।\nहम अभी एगो लइका बानी।\nहमर नोह माइ काटेली। हम हप्तामे एकदिन नोह काटेली।\nहम साबुन पानी से नहाइले\nहम रोज नहाइले। रोज नहाइलासे बिमारी ना होइ।\nसाबुन से शरीर साफ रहेला।\nअपन इसकुलके डरेस पहिनके पढेजाएम। हम अपन कलास सफा राखीने। हम अपन किताबमे जिल लगाइने।\nअपन घरके बाहर सफा राखीने।\nहम बारीमे तरकारी रोपले बानी। अपन बारीके तरकारी निमन होला।\nमाइ हमनीके कपडा फिचतानी\nदिदी फिचल कपडा घाममे पसारत बा। हमर दुआर साफ बा। हम रोज दुआर बहारिले।\nहम सफा पानी पिइले। पानीसे तागत मिलेला। माजल गिलाससे पानी पिएके चाही। पानीके गरम कइलाके बाद पिएके चाही।\nएगो लइका रहे। उ रोज बाहर हगे। उकरा हगल पर रोज माछी बइठे। एकदिन उ लइकाके खानापर बइठ गइल।\nउ खानाखाके बिमार होगइल।","num_words":135,"character_repetition_ratio":0.023,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.388,"stopwords_ratio":0.015,"flagged_words_ratio":0.007,"lang_id_score":0.973,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"चन्दा मामा दाल भात गुटुक्‍क।\nबउवा खाइ सुटुक्‍क।।\nआव आव चान मामा।\nहम पहिनले बानी जामा।\nचन्दा मामा उपर।\nबउवा बनी सुपर।।\nबउवा सुति नीनमे।\nघुमे जाइ दिनमे।।\nहमरासे रूसके।\nबादल मे छुपके।।\nरह रहके झाँकेला।।","num_words":36,"character_repetition_ratio":0.021,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.377,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.484,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"हम आ हमर सँगतीया हमनी अबगे छ सालके भैनी।\nलिला बहुत चनचल ह। वोकर चनचल आदत बहुत िनमन लागेला।\nहमनी एके विद्यालयमे पढेजानी। हमनी एके कक्षामे पढेनी।\nएकदिन लिला विद्यालय ना आइल। जबकी उ हमेसा आवे। हम सबतर खोजनी।\nलीला कहो ना रहे।\nहम सबतर देखनी। हमरा नीमन ना लागल। वोकर पढाइ छ��टगइल। उ दिनभर विद्यालय ना आइल।\nलिला पढे नाआईल। हमरा दुख लागल।\nहम िललाके घरेगईलरनी। लिला बिछौनामे सुतलरहे। लिलाके बोखार लागल रहे।\nलिला दवाई खातरहे। आराम करत रहे। कुछ दिनबाद लिला ठिक होगइल।\nलिला िधरे धिरे िनमन होतरहे।\nउ घरे आराम करत रहे।\nकुछ दिनबाद लिला ठिक हाेगइल। फेरू लिला स्कुल जाएलागल। हमरा निमन लागेलागल।","num_words":107,"character_repetition_ratio":0.081,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.349,"stopwords_ratio":0.009,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.963,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"फुल कुमारी फुल कुमारी राजारानीके एकलोता सतान रहे। सब फुल कुमारीके बहुत माने। फुल कुमारी दिन भर हसते रहे।\nएक दिन उ फुलबारीमे गइल।\nइगो तितली लउकल। फुल कुमारी तितलीके पकडे लागल।\nतितली उडे कबो इस डालीमे। अउर दुसरा डाल पर बइठजाए। फुल कुमारी दउरके तितलीके पकडत रहे।\nतितली पकडइत देखके।\nइगो सुगा फुल कुमारीपर हसे लागल। सुगाके हसल देखके फुलकुमारी। उदास रहे लागल।\nबेटीके उदास देखके अपन सिपाहीके बुलाइलक।\nराजा सिपाहीके आदेस देलक।\nजउन हमर बेटीके हसा दी। हम बेटीके सादी ओकरा सगे करम। देसके सारा लोग आएल। अपन खेल तमासा देखइलक।\nबादर वाला आएल। बादरके\nखेल देखइलक। तबहु फुलकुमारी ना हसलक।\nढोलक वाला अइलक। ढोलके खेल देखइलक। खेल देखावते मे उकर दाढी गिरगइल।\nफुल कुमारी दाढी गिरल देखली। उ जोर जोरसे हसे लागली। उ हसल देखके राजा खुस हाेगल।","num_words":131,"character_repetition_ratio":0.065,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.373,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.811,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"कमल एगो कमल।\nवनमे कमल ।\nधरतीपर कमल।\nदुगो कमल।\nभाईके कमल।","num_words":12,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.268,"stopwords_ratio":0.083,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"मुस आ बिलाई एगो मुस भीडमे उठ खडा भइल। अपना दुगो पैर पर। आ बोलल शुरू कयलख। सुन लोगिन हमार बिरादरी के लोग।\nबिलाई मौसीके घेंटमे। एगो घंटी बाँध देवल जाव। जबजब उ हमनीके ओर आवे लागि। त घंटी बाजे लागि। आ हमनीके होसियार हो जाइल जाइ।\nमाकिर एगो बुढा मुस खुश नाभइल। आ एगो जवान मुसाके सहारे। दुगो पैर पर खडा भइल। आ कहल शुरू कइलख।\nसब त ठीक बा। माकिर हमनीमे हिम्मतगर मुस के बा।\nबिलाइ मौसीके घेंटमे घंटीया बाधी के।\nएतने मे एगो बिलाई आइल।\nआ झपट मारलख। सब मुसा दुम दबाकर भाग गइलसन।","num_words":97,"character_repetition_ratio":0.04,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.347,"stopwords_ratio":0.113,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"हमार भइया हमार भइया निमन बाड़न्।\nहमराला कपड़ा लेयावेलन्।\nभइया गीत गावेलन्।\nहमरोके सिखावेलन्।\nहम सुनके नाचेनी।\nभइया साइकिल किनलन्।\nचलावेके सिखावेलन्।\nहम साइकिल सिख गइनी।\nभइया बजार लेजालन्।\nखेलौना किनदेलन्।\nहम खेलौना से खेलेनी।\nभइया पढेलन्।\nहमरो के पढावेलन्।\nहमहु खुब मनसे पढेनी।","num_words":44,"character_repetition_ratio":0.098,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.382,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.753,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"साधु उ शंकरजी के भक्त रहे। उ रोज पुजा करे। भगवान खुश हुइलन।\nभगवान प्रकट भइलन। कहलन कुछो माग। साधु वरदान मगलन।\nसाधु कहलन भगवान से। हम मालजाल के भाषा बुझेके चाहत बानि। भगवान वरदान दे देहलन।\nसाधु घरमे गइलन। घर मे माई आ बच्‍चा रहलन। दुनु बतियात रहलसन।\nमाई कहे बच्‍चासे। जंगल मे एगो जगह बा। उ जगह मे सोना बा।\nसाधु इ बात सुनलेलन। आ सोच मे परगैलन। आ अपना घर मे चल गैलन।\nमेहरारू फेरू पुछलीन। तब उ बात बतादेलन। उनकर वरदान खतम हो गइल।","num_words":88,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.347,"stopwords_ratio":0.045,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"पुजा पोखराके आरीआरी।\nमन्दिर बानावावता।।\nमन्दिरके भीतर।\nदेवता बैठावता।।\nदेवताके बीचमे।\nपुजा कारावावता।।\nपुजाके बीचमे।\nघन्टी बजावता।।\nघन्टीके सँगेसँगे।\nशंख बजावता।।\nभोलवा गइल सुत।\nप्रसादी गइल छुट।।\nपुजा भइल समाप्त।\nमन्दिर भइल सनाट।।","num_words":33,"character_repetition_ratio":0.027,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.361,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.63,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"सियार बाहर मे सियार बा।\nलईकन के बजार बा।\nसियारके बडका पोंछ बा।\nथुथुना पर मोंछ बा।\nदेखके कुकुरा भुकेला।\nलईकनपर खुब झुकेला।\nसियरा बडी बोलता।\nधीरे धीरे डोलता।\nलइका सब होसियार।\nहल्‍ला कईले गाँव जवार।","num_words":36,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.364,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"सागपात सागपात बारीमें रोपी।\nबालबच्‍चाके निरोग राखी।\nसागपात किनके लेयाई।\nपरिवार खुशहाल बनाई।\nसागपात बाटे सस्ता।\nशरीरके करेला फाइदा।\nहरिहर सागपात खाई।\nसब बेमारी भगाई।","num_words":25,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.396,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.736,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"रामु आ गुरू रामु उहे विद्यालयमे पढत रहे।\nरामु बहुत मेहन्ती रहे। रोज विद्यालय जात रहे।\nरामुके गुरूसब मन परावेला।\nसबलोग माया करेला।\nरामुके काम से खुस बालोग।\nरामु विद्यालय आवल छोढलन। कोही पता नाचल।\nगुरूलोग के पता नालागल।\nउनकर अपन माई नारहे।\nमाएभा माई विद्यालय जाएसे रोकले रानी। यि बात गुरूके थाहा भईल।\nसब गुरूलोग चिन्तामे रहे।\nरामु के घर जाएके सोचलख।\nसब जना रामुके घर गईल।\nसबलोग उनकर माईके सम्झइलख। माई उनकर सम्झ गईनी। ओकराबाद विद्यालय जाई लगलन।\nरामु पढके होसियार होगईलन।\nउ नोकरीके खाेजी मे लागईलन। नोकरीमे फारम भरलन।\nरामुके सरकारी नाेकरी मिलगईल। रामु बडका आदमी बनगईलन। सब केहु रामुके माने लागल लोग।\nउनकर माई बहुत खुसी भईनी।\nविद्यालयमे सब गुरूसे भेट कईनी। सब गुरूके धन्यावाद देनी।","num_words":120,"character_repetition_ratio":0.031,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.357,"stopwords_ratio":0.008,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.966,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"चलाख बन्दर आम बहुत फरल रहे। बन्दर रोज जाके आम खाए। आ गोहिके भि खियावे। दुनु रोज आम खाए। आम बहुत मिठ रहे।\nआम एतना मिठ बा। बन्दरके करेजि केतना मिठ होइ। इ बात गोहि सोचलख।\nगोहि बन्दरके नदिमे घुमेला कहलख। बान्दर घुमेला मान गइल। दुनु घुमेला राजी होगइले।\nदुनु नदीमे घुमे चल गइले। दुनु खुशीसे घुमे लागल। बन्दर नदीमे भइल चिज देखे लागल।\nगोही नदीके बिचमे बन्दरसे कहलख। हम एगो बात कही।\nबन्दर कहलख हा बही।\nहम तोहर करेजी खाएला। नदीके बिचमे लेअिन ह। इ सुनके बन्दर घरबरा गइल। खडा हो गइल। बन्दर उपाए लगइलख।\nगोहीसे कहलख । कि अभि हमर करेजी निमन नालागि। गोही पुछलख काहे। हम आम खइले नइखी ओहिसे। गाेही बन्दरके बात बुझ गइल।\nदुनु नदीके आरीमे आगइल। आरीमे आवते बन्दर गाछी पर चढगइल। बन्दरके चलाखीसे ऊ बचगइल।\nगोही अपन करतुत पर बहुत पछताइल। अब बन्दर गोही लग नाजाए। आ अब बन्दर खुशीसे रहे लागल।","num_words":149,"character_repetition_ratio":0.024,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.349,"stopwords_ratio":0.02,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.972,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"राजाके बेटा आ हरिन सिकार खेलेके आदत रहे। एकदिन सिकार खेले गईल।\nहरिनके बच्‍चा देखलक।\nहरिन चरे गइल रहे। बच्‍चा घरे रहे। सुसुक सुसुक रोअत रहे।\nदेखके माया लागल। उ दरबारम��� लेगईल।\nजब हरिन घर लौटल। अपन बच्‍चा नादेखलक। दोसरासे पुछे लागल।\nमाई हरिन दरबार गइली। बच्‍चाके बारेमे पुछली। बच्‍चा कहाँ बाटे।\nराजकुमार बाहर आईलन। बच्‍चा हरिन भी आईल। माई बच्‍चा देखली।\nराजा से कहलीन्। हमर बच्‍चा दे द। राजा हरीन वापस करदेलन।\nदुनुजना खुशी होगईलन्। जंगलके ओरी चल देली। राजा बडा खुश भईलन्।","num_words":84,"character_repetition_ratio":0.037,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.37,"stopwords_ratio":0.012,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.561,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"टांगी आ गाछी मोट डाढ़ी रहे। हरिहर पात रहे। हवा खात रहसन। बड़ा खुश रहसन।\nबढ़ई कहलख। ए गाछी लोगन। तोहनीके एहसान होई। एगो लकडी चाही।\nटांगी के बेत बनावेला।\nहरानी तनीसा दूर होई।\nजब टांगीमे बेत लागी।\nबुरबक गाछीसब। बात मान गइले। कुछो ना सोचलसन। चटसे तयार भइलेसन।\nबढ़ई खुश हो गईल। बेतला लकड़ी कटलख। आ बेत बनईलख।\nजब टांगिमे बेत लागल। टांगी कमाल देखईलख। गाछी काटे लागल।\nगाछीसब कटे लागल। छोटका आ बड़का। सब गाछी हरान भईल। पछताए लागल।\nहमनीसे बुरबकई होगइ्ल। अब केहु ना बचाई। सजा भोगेके पड़ी।\nगोडपे टांगी मारके। पछता रहल बानीसन।\nपहिले ही सोचेके चाही।","num_words":101,"character_repetition_ratio":0.004,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.375,"stopwords_ratio":0.04,"flagged_words_ratio":0.01,"lang_id_score":0.976,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"बरफ बरफसे खोकी होला।\nठन्डा हरदम रहेला।\nअक्षय बरफ खाला।\nत्रिलोकी कम खाला।\nज्ञानुभाई बरफ नाखाला।\nअँतरी खराब होजाला।\nबरफसे बमारी होला।\nरोजरोज ना खाएके।\nबरफवाला पहुँचल ।\nलईकाके माई डेरवाए ।","num_words":32,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.373,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.935,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"साबुन साबुन दुकानमे मिलेला।\nसाबुनसे नहाई महतारी।\nसाबुनसे हाथ धोवता।\nसाबुनसे फुहर धोव।\nहम साबुनसे नहाएनी।","num_words":16,"character_repetition_ratio":0.095,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.346,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.975,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"कछुवा आ खरहा एकदिन दुनु हराबाजि लगइलख। कवन दौरके जल्दी घर पहुची। खरहा सोचलख कछुआ त सुस्त दौरी।\nकछुवा बेचरा डेरा गइल।\nओकरा लागल फसगेनि हम आज। खरहा हसिहन हमरा पे बारबार।\nदौरके हाराबाजि सुरु भइल।\nदौरते दौरते खरहा आगे पहुचल। खरहा खुशी भइल।\nखरहा सबओरी देखलख कछुवा ना दिखल। सोचलख हम बहुत आगे आगे आगेनी।\nरास्तामे खरहा गाछी देखलख।\nमौसम निमन रहे हावा बहतरहे। खरहा सोचलख हावा खाली।\nकछुवा के खरहा दिखाइ ना देल। कछुवाके लागल खरहा आगे चलगइल।\nखरहा गाछीके नजदिक पहुचल। गाछीलग बैठके गित गावे लागल।\nगित गइलाके बाद खरहाके निन्द आगइल। खरहा जोरसे सुत गइल।\nकछुवा आगे बढल त देखलख। खरहा त सुतगइल बा। देखके कछुवा आगे बढगइल।\nखरहा हडबडाके उठल।\nदेखलख त कछुवा रहले नारहे। खरहा डेरा गइल।\nखरहा सोचलेल हम हारगइनी।\nकछुवा खरहासे जितके खुशी होगइल। खरहाके घमन्ड टुट गइल।","num_words":136,"character_repetition_ratio":0.04,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.348,"stopwords_ratio":0.007,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.996,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"silbloomlm","source":"BLOOM Library","original_code":"bho","text":"गुलाब निमन गुलाब।\nदुगो गुलाब।\nबबी गुलाब तुरता।\nगुलाब अा पथ्थर।\nगमलामे गुलाब।","num_words":13,"character_repetition_ratio":0.0,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.316,"stopwords_ratio":0.0,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.733,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"1903 ग्रेगरियन कैलेंडर के एगो साधारण साल बा।\\nआयरिश सागर (अंगरेजी: Irish Sea; आयरिश: Muir Éireann,), आयरलैंड आ ग्रेटब्रिटेन के बिलग करे ला। ई सागर दक्खिन ओर, सेंट जॉर्ज चैनल द्वारा सेल्टिक सागर से जुडल बाटे आ उत्तर ओर नॉर्थ चैनल से। Anglesey एह सागर में सभसे बड़ा दीप बाटे आ दूसरा सभसे बड़ा दीप प्रसिद्ध आइल्स ऑफ मैन बा। कभी-कभी कुछ बहुत कम आ बिसेस अवसर पर एह सागर के मांक्स सागर (Manx Sea, आयरिश: Muir Meann) भी कहल जाला। मान्स्क: Mooir Vannin, स्कॉटिश गैलिक: [Muir Mhanainn] ).एह क्षेत्र के ब्यापार खतिर ई सागर के काफ़ी महत्व बाटे आ जहाज से यातायात आ मछरी पकड़े आ ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी महत्व वाला बा। आयरलैंड आ ब्रिटेन के बीचा में सालाना ट्रैफिक देखल जाय त 12 मिलियन से कुछ ढेरे पसिंजर आ 17 मिलियन टन (17,000,000 लांग टन; 19,000,000 शार्ट टन) के आसपास के माल ढोवल जाला।\\nकुशीनगर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के उत्तरी पूरबी हिस्सा में एगो शहर, पर्यटन स्थल आ बौद्ध तीरथ बा। अपनहीं नाँव के जिला में मौजूद ई शहर उत्तरी-पूरबी उतर प्रदेश के प्रमुख शहर गोरखपुर से करीबन 50 किलोमीटर पूरुब ओर नेशनल हाइवे 28 पर पड़े ला। एकरा के कुछ बड़हन आकार नजदीकी दूसर शहर पड़रौना बा।\\nकुशीनगर के प्राचीन नाँव \"कुशीनारा\" बतावल जाला। एकर पहिचान ओह जगह के रूप में कइल जाला जहाँ भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण भइल। एहीसे ई जगह बौद्ध धर्म माने वाला लोगन क चारि गो सबसे पबित्र तीरथ अस्थानन में गिनल जाला, बाकी तीन गो जगह लुम्बिनी, बोधिगया, आ सारनाथ हवें। भारत से बाहर के लोग खाती ई एगो अंतरराष्ट्रीय पर्यटन आ तीरथ के जगह हवे। खासतौर से एशियाई देसन के लोग, जहाँ बौद्ध धर्म के प्रचलन बहुत बा, अपना जिनगी में कम से कम एक बेर इहाँ के जातरा जरूर कइल चाहे ला।\\nपरिनिर्वाण मंदिर, रामभर स्तूप आ अन्य प्राचीन बिहार के अवशेष इहाँ के देखे लायक चीज बाने। परिनिर्वाण मंदिर में गौतम बुद्ध के लेटल मुद्रा में मूर्ती बा। एकरे अलावे कई गो नया मंदिर आसपास के बड़हन बिस्तार में स्थापित भइल बाने। कई सारा मंदिर सभ के नाँव ओह देस के नाँव पर बा जहाँ के लोग इनहन के बनवावल हवे। सरकार इहाँ मैत्रय परियोजना के तहत एगो बिसाल मूर्ती स्थापित करावे के घोषणा भी कइले बा।\\nकृष्ण हिंदू धर्म के एगो प्रमुख देवता हवें। इनका के बिष्णु के अवतार के रूप में भी पूजल जाला आ अपना में खुदे इनहीं के सबसे बड़हन ईश्वर के रूप में भी पूजल जाला। कृष्ण के हिंदू धर्म में करुणा, दया आ प्रेम के देवता के रूप में पूजल जाला, आ ई भारतीय देवी-देवता सभ में एगो प्रमुख देवता हवें। कृष्ण के जनमदिन के लगभग पूरा भारत में कृष्ण जन्माष्टिमी के रूप में मनावल जाला आ ई हिंदू कैलेंडर के हिसाब से भादो महीना के अन्हार में अष्टिमी तिथी के पड़े ला आ अंगरेजी कलेंडर के हिसाब से ई तिहुआर अगस्त भा सितंबर में पड़े ला।कृष्ण के अउरी कई नाँव से जानल जाला, जइसे की गोविंद, मुकुंद, मधुसूदन, वासुदेव, आ माखनचोर। कृष्ण के जिनगी के कथा आ खीसा सब के \"कृष्ण लीला\" कहल जाला। कृष्ण कई गो पुराणिक कथा सभ, जइसे कि महाभारत, भागवत पुराण आ भगवत गीता में प्रमुख चरित्र बाड़ें आ इनके जिकिर कई किसिम के दार्शनिक, धार्मिक आ कथा ग्रंथ सभ में आइल बा। एह कथा आ ग्रंथ सभ में कृष्ण के कई बिबिध रूप में प्रस्तुत कइल गइल बा: उदाहरण खाती, ईश्वर के अवतार, लीलापुरुष, आदर्श प्रेमी, पबित्र हीरो, आ साक्षात ईश्वर इत्यादि। इनके बिबिध रूपलेखन (आइकनोग्राफी) में इनके जिनगी के बिबिध रंग प्रगट होला आ जीवन के अलग-अलग हिस्सा, बचपन में माखन चोरा के खाए वाला चंचल बालक, मुरली बजावे वाला लइका, युवा रूप में राधा आ गोपी लोग के साथे रास रचावे वाला प्रेमी, युद्ध में निपुण योद्धा आ अर्जुन के सारथी, योगी आ उपदेशक इत्यादि रूप प्रमुख बाड़ें।\\nताज महल होटल मुंबई क एगो पाँच सितारा होटल ह जवन की मुम्बई की कोलाबा में गेटवे ऑफ़ इंडिया की लगे आइल बा।इ ताज होटल रिसोर्ट एवं पैलेस क एगो प्रमुख संपत्ति ह, जवने में 560 कमरा और 44गो सुइट्स बा। एमें 35 बटलर सहित करीब 1500 कर्मचारी लोगन क स्टाफ बा। इतिहासी और सरंचना की महत्व की दृष्टी से देखल जा त ए होटल की तहत आवे वाला दुगो इमारत, ताज महल पैलेस और टावर दुनू अलग अलग इमारत हई स, जवन की अलग-अलग समय पर आ अलग-अलग डिज़ाइन में बनल बाड़ी स।\\nपनामा मध्य अमेरिका क एगो देस हवे। ई पनामा नहर खातिर जानल जाला। एकर राजधानी पनामा सिटी बाटे।\\nप्योत्र इलिच चाइकोफ़्सकी (अंगरेजी: Pyotr Ilyich Tchaikovsky7मई 1840 [O.S. 25 अप्रैल] –6नवंबर [O.S. 25 अक्टूबर] 1893) रूस के एगो परसिद्ध संगीतकार रहलें। ई पहिला रूसी संगीतकार रहलें जिनके दुनियाँ भर में ब्यापक पहिचान आ सम्मान मिलल। इनके जमाना रोमांटिक म्यूजिक के जमाना रहल जेह दौर में ई आपन रचना कइलें। इनकर काम खाती रूस के सम्राट तिसरा अलेक्जेंडर इनके सम्मानित कइलें आ जिनगी भर खाती पेंशन जारी कइलें।\\nभूगोल के रूपरेखा\\nआगे दिहल रूपरेखा भूगोल आ एकरे संबंधित बिसय सभ के परिचय खातिर बनावल गइल बाटे:\\nभूगोल पृथ्वी आ एकरे निवासी लोग के अध्ययन हवे।\\nभोजपुरी ( कैथी: 𑂦𑂷𑂔𑂣𑂴𑂩𑂲 सुनीं) भाषाई परिवार के स्तर प एगो इंडो-आर्य भाषा हीया जवन मूल रूप से भारत के मध्य गंगा के मैदान के कुछ हिस्सन में आ नेपाल के तराई वाला कुछ हिस्सन में बोलल जाले। भारत में ई भाषा मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में, बिहार के पच्छिमी में, आ झारखंड के उत्तरी-पच्छिमी इलाका सभ में बोलल जाले।मूल क्षेत्र के अलावा भोजपुरी जाने-बुझे वाला लोगन के बिस्तार बिस्व के सगरी महादीप कुल पर बा। उत्तर प्रदेश मे सबसे जादा भोजपुरी बनारस,बलिया,जौनपुर आउर गोरखपुर मे बोलल जाला।जेन्ने-जेन्ने यूरोपियन कॉलोनी रहल अंग्रेज लोग उत्तरपरदेश आ बिहार से भारी संख्या में मजदूरी करे खातिर लोग के ले गइल जिनहन लोग के भाषा भोजपुरी रहे। एसियाइ देशन में मउरीसस सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद आ टोबैगो, फिजी नीयन देश प्रमुख बाड़ें जहाँ भोजपुरी प्रमुख भाषा के रूप में बोलल आ बुझल जाले, चाहे इहाँ भोजपुरी के मूल में अन्य भाषा सभ के तत्व मिल के नाया भाषा सभ के निर्माण भइल बा।\\nमैडम मैरी क्यूरी, पोलिश: [Maria Salomea Skłodowska-Curie] (7 नवंबर 1867 –4जुलाई 1934) एगो पोलिश आ फ्रांस में माइनारिटी पोलिश बैज्ञानिक रहली। फिजिक्स में इनके मूलभूत योगदान रहल आ रसायन बिज्ञान म���ं रेडियोएक्टिविटी के क्षेत्र में खास काम कइली। इनके योगदान खाती इनके नोबेल सम्मान दिहल गइल; नोबेल इनाम पावे वाली ऊ पहिली औरत रहली आ पहिली अइसन ब्यक्ति रहली जेकरा के ई सम्मान दू बेर मिलल होखे।\\nमोतीलाल बनारसीदास एगो प्रकाशन संस्थान बाटे जवन संस्कृत आ इंडोलॉजी के पुस्तक के प्रकाशन करे ला। एकर हेडक्वॉर्टर दिल्ली में बाटे। शाखा लंदन आ बनारस में भी बा।\\nलाल किला भारत के राजधानी दिल्ली शहर में मौजूद एगो इतिहासी किला बाटे। ई किला मुगल शासक लोग के मुख्य निवासस्थान रहल, लगभग 200 साल ले जब ले कि 1857 में अंतिम मुगल बादशाह के अंगरेज लोग देस निकाला ना दे दिहल। ई दिल्ली के बीचोबीच के इलाका में बा आ इहाँ कई गो म्यूजियम स्थापित कइल गइल बाने। मुगल शासन काल में ई खाली मुगल बादशाह लोग के निवास करे के जगह भर ना रहल बलुक राजकाज से अउरी मुगल राजा लोग के पारिवारिक कारपरोज से जुड़ल आयोजन आ राजनीतिक घटना सभ के केंद्र भी रहल, आसपास के इलाका पर एह जगह के बहुत परभाव भी रहल।पाँचवाँ मुग़ल बादशाह शाह जहाँ द्वारा ई किला 1639 में बनवावल गइल जब किलेबंदी (देवाल आ गेट) के भीतर ऊ आपन राजधानी शाहजहानाबाद बसवलें। लाल रंग के बलुआ पाथर से बनल होखे के कारन एकर नाँव लाल किला रखाइल। ई किला 1546 में इस्लाम शाह सूरी के बनवावल सलीमगढ़ किला के ठीक बगल में बाटे। शाही आवास के भवन सभ एक कतार में बनल बाने आ ई एगो नहर के किनारे बनावल गइल बाने। एह नहर के नहर-ए-बहिश्त यानी \"स्वर्ग के नहर\" नाँव दिहल गइल रहे। किला के बनावट आ आर्किटेक्चर के परभाव एकरे बाद बने वाला कई ठो किला आ भवन सभ पर पड़ल।1747 में जब नादिरशाह के हमला भइल, किला के नक्काशी आ सजावट में लागल कीमती पाथर सभ के ब्यापक लूटपाट भइल। 1857 के बिद्रोह के बाद किला के अंदर संगमरमर के बनल ज्यादातर चीज सभ ब्रिटिश राज में बरबाद हो गइल। ब्रिटिश लोग एह किला के बाहरी मजबूत देवाल सभ भर बचावे के कोसिस कइल आ बाद में एह किला के तोपखाना (गैरिसन) के रूप में इस्तेमाल भइल। एही किला में ब्रिटिश लोग अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह 'ज़फ़र' के सुनवाई भी कइल जेकरे बाद उनके देशनिकाला दे के 1858 में रंगून भेज दिहल गइल।वर्तमान में, हर साल भारत के आजादी के राष्ट्रीय परब स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर भारत के परधानमंत्री किला के मुख्य दरवाजा पर तिरंगा फहरावे लें आ किला के प्राचीर से राष्ट्र के संबोध��त करे लें।2007 में लाल किला परिसर के यूनेस्को द्वारा बिस्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दिहल गइल।\\nवासिली कैंदिन्सकी (रूसी:Васи́лий Васи́льевич Канди́нский; जनम 16 December [O.S.4December] 1866 – देहांत 13 December 1944) एगो परभावशाली रूसी पेंटर आ कला क सिद्धांत देवे वाला आदमी रहलें। उनके पहिला अइसन व्यक्ति मानल जाला जे भावचित्र (Abstract painting) बनावे शुरू कइलें।","num_words":1440,"character_repetition_ratio":0.028,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.398,"stopwords_ratio":0.119,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Caution-Khaini-tobacco is very harmful for health it causes cancer Bhojpuri: कैंसर दीही, दांत गिराई भाई जी, भुलाइयो के खैनी मत खाईं जी!– News18 Hindi\\nBhojpuri: कैंसर दीही, दांत गिराई भाई जी, भुलाइयो के खैनी मत खाईं जी!\\nभइल ई कि अधेड़ उमिर के एगो धोती-कुरता-बंडी पहिरले कवि मंचे पर कविता के आनंद लेत खइनी बनावत रहलन. पहिले देरी ले तरहत्थी पर रगरलन,फेरु उहंवें बइठल-बइठल फटके लगलन. बगल में बइठल एगो सूटधारी के जब छींक आवे लागल,त ऊ आपत्ति करत कहलन, 'भाईजी, ई का करत बानीं?' पढ़ीं आगे का जवाब मिलल...\\nLast Updated : May 27, 2021, 19:04 IST\\nभोजपुरी के एगो अंतरराष्ट्रीय स्तर के जलसा चलत रहे. साहित्य-संस्कृति से गहिर सरोकार राखेवाला देशी-विदेशी बुद्धिजीवियन के जमावड़ा रहे. कविसम्मेलन के आखिरी सत्र जारी रहे. सभे केहू किसिम-किसिम के कविता सुने आ सराहे में मगन रहे. मंच पर नामी-गिरामी कवि-कवयित्रियन के भरमार रहे. कविता पर 'वाह-वाह','का कहे के' जइसन शाबाशी के सुर गूंजत रहे. तलहीं मंच के एगो हिस्सा से हल्ला-गुल्ला होखे लागल.\\nभइल ई कि अधेड़ उमिर के एगो धोती-कुरता-बंडी पहिरले कवि मंचे पर कविता के आनंद लेत खइनी बनावत रहलन. पहिले देरी ले तरहत्थी पर रगरलन,फेरु उहंवें बइठल-बइठल फटके लगलन. बगल में बइठल एगो सूटधारी के जब छींक आवे लागल,त ऊ आपत्ति करत कहलन,'भाईजी, ई का करत बानीं?'\\n'खइनी बनावत बानीं. रउओं लेबि का? 'ऊ सहज ढंग से जवाब दिहलन.\\n'ई त हम देखते बानीं कि रउआं खइनी बनावत बानीं! बाकिर हमरो इहे सवाल बा,\\nका इहवां खइनी बनावल उचित बा? का रउआं एह मंच के गरिमा के इचिकियो खेयाल नइखे?'सूटधारी मने-मन खिसिआत पुछलन.\\n'उचित-अनुचित रउएं ढेर बुझाला का?'\\n'हमरा कहे के माने ई बा कि स्टेज से बहरी जाके रउआं खइनी बना आ खाके इहवां आ जइतीं!'\\n'हम काहें कतहीं जाईं! जेकरा दिक्कत बुझाता,ऊ खुद इहां से हटि जाउ भा मंच से उतरि जाउ!'\\nसूटधारी पिनपिना गइलन आ उहां से उठिके सोझे अध्यक्ष जी का लगे जाके शिकाइत करत कहलन,'अध्यक्ष जी,हऊ देखीं! मंच पर हऊ अदिमी सुर्ती बनावत बा आ सबके डिस्टर्ब करत मंच के गरिमा के ठेस पहुंचावत बा.'\\n'आरे भाई,काहें खिसिआत बाड़ऽ? इहवां खइनी कवनो निसा ना मानल जाला. ई त भोजपुरियन आ भोजपुरिया संस्कृति के पहिचान ह!' फेरु ऊ ओने मुंह कऽके कहलन,'आरे भाई,खइनी बनाके तनी हमरो के दीहऽ!'\\nफेरु का रहे! सूटधारी पिनपिना के उहवां से भागत कहलन,'जेकर ईस्सर अइसन, ओकर दलीद्दर कइसन!'\\nआग बबूला होत सूटधारी संयोजक से जाके शिकाइत कइल चहलन, बाकिर उन्हुकर ई देखिके घोर अचरज भइल कि ऊहो खइनिए बनावत कविता सुनत रहलन. जहवां सइ गो कसाई, उहवां एगो के का बसाई! उहां त गोल के गोल मथमहोरे रहे!\\nसांचो, भोजपुरिया समाज में खइनी के पइसार जन-जन में साफ झलकेला. जहवां पहुंचे भोजपुरिया, उहवां पहुंचे खइनी. उहे खइनी, जवन कतहीं सुर्ती कहाले, त कतहीं तमाकू. लोग कहेला कि सुर्ती खाते मन-मिजाज में फुर्ती आ जाला.\\nसंस्कृत साहित्यो में तमाकू के चरचा आवेला. कहल गइल बा कि जइसे गंगा के तीन गो धार त्रिवेणी भा त्रिवाहिनी कहाला, ओही तरी तमाकू के तीन गो धार होला. पहिलका धार होला खइनी खाके थूकेवालन के. दोसरका धार हुक्का गुड़गुड़ावे वालन के होला. तिसरका धार नाक में नस लेबेवालन के बा. एह तरी तमाकू खाइल,पीयल आ सूंघल जात आइल बा. संस्कृत के ऊ रोचक श्लोक बा-\\nकचित् थुकिया, कचित् हुकिया\\nतमालस्य त्रयं धारा\\nयथा गंगा त्रिवाहिनी!\\nकइसन कल्पना बा कवि के! पतितपावनी गंगा के तुलना तमाकू से! हालांकि भोजपुरिया इलाका में तमाकू के खेती ना होला. ई उपजेला बिहार के वैशाली, पच्छिमी उत्तर प्रदेश आ दोसर हलका में, बाकिर जहवां-जहवां भोजपुरिया जालन,खइनी उहवां पहिले पहुंचि जाला.\\nपहिले बूढ़ पुरनिया मरद-मेहरारू हुक्का में तमाकू भरिके आगी धऽके गुड़गुड़ावत रहत रहलन. लोग चुनौटी में एक ओरि चूना राखेला आ दोसरा ओरि टूंगिके खइनी. खइनी खाएवाला बायां तरहत्थी पर खइनी धऽके ओमें पहिले चूना मिलावेला,फेरु दहिना हाथ के अंगूठा से खूब मीसि-मीसिके मिलावेला. आखिर में दूनो तरहत्थी से ताल मिलावत फटकेला. तब जाके खइनी खाए खातिर तय्यार हो जाला आ चुटकी से ओठ-दांत का बीचे दबा लिहल जाला. खाएवाला कहेला कि जब अस्सी हाली चुटकियाके खइनी-चूना मीसल जाला आ नब्बे बेर ताल देके फटकल जाला, तब जाके जानदार खइनी बनेले-\\nअस्सी चुटकी, नब्बे ताल\\nतब द���खऽ खइनी के हाल!\\nबाकिर आजु के पीढ़ी के ई फार्मूला पसन नइखे. ऊ त कहेलन कि चूना के फटकिके बहरिआवे के जरूरत नइखे. अस्सी चुटकी त दीं, बाकिर ताल मत दीं,तब खइनी के करामात देखीं-\\nअस्सी चुटकी, ना दे ताल\\nखइनी के अतना शोहरत मिलल रहे कि अदिमी त अदिमी, चिरई-चुरुंगो पर खइनी के असर देखावल गइल रहे. एगो भूअर रंग के पीयर ठोर वाली चिरई मइनी के भूअर रंग के खइनी से जोड़िके एगो लोकगीत लरिकन के जबान पर चढ़ल रहे-\\nमइनी खाले खइनी\\nबकुलवा खाला पान,\\nमइनी के सात बेटा\\nमइनी चलेले उतान!\\nस्कूल में जब मैना,सुनैना दूगो बहिन पढ़त रहली लो,त लरिका ओही गीत में जोड़-घटाव कऽके दूनो के रिगावऽ स-\\nसुनइनी खाले पान,\\nबस्ता में दूनो\\nदूनों चलेले उतान!\\nलरिकाईं के एगो अउर घटना खइनी से जुड़ल बा. एगो मरखहवा पंडी जी रहनीं.\\nलरिकन से खइनी बनवा के खासु आ गाहे-बगाहे बेंतो बरिसावल करसु. बाकिर एक दिन जब ऊ स्कूल में अइलन,त देवाल प लिखल तुकबंदी पर उन्हुकर निगाह परल.\\nकेकर कारिस्तानी हऽ ई?ऊ एक-एक कऽके सभसे सवाल कइलन कि केकर हरकत हऽ,बाकिर किछु पता ना चलि पावल. ऊ तुकबंदी रहे-\\nसट-सट इहां बेंत बरिसावल छोड़ीं पंडी जी,\\nलइकन से खइनी बनवावल छोड़ीं पंडी जी!\\nअगिला दिने सांचो एगो बदलाव लउकल रहे. पंडी जी खइनी खाइल छोड़ि देले रहलन.\\nखइनी खाएवाला मानेला कि खइनी से ताजगी आवेला आ तन-मन तरोताजा हो जाला. नींन टूटि जाला आ दिमाग़ क्रियाशील बनल रहेला. ऊ लोग मशहूर गणितज्ञ गोरख बाबू के उदाहरण देला,जे खइनी के दीवाना रहलन आ खइनिए से उन्हुका दिमाग के तेजस्विता बनल रहल.\\nऊ लोग इहो कहेला कि खइनी खाएवाला के दांत में पायरिया ना होला आ दांतदर्दो से निजात मिलेला.\\nबाकिर तमाकू सेवन करेवाला एह बात के भुला जाला कि खइनी मोती नियर उज्जर दांत के करिया बना देले आ एक-एक कऽके मए दांत झारि देले. मुंह के कैंसर नियर जानलेवा बेमारी एकरे देन ह. हालांकि बनल-बनावल खइनी के पुड़िया पर मुंह के कैंसर के फोटो आ हिदायत दूनों रहेला, बाकिर तबहूं 'मूरख हृदय न चेत,जो गुरु मिलहिं बिरंचि सम'!\\nखइनी खाएवाला जहां-तहां थूकत फिरेला आ सरेआम गंदगी-प्रदूषण फइलावे में ओकरा इचिकियो अहस ना लागे. मुंह के बदबू के त कहहीं के नइखे. हालांकि गांजा एकरो से भयावह निसा ह,बाकिर गांजा पिएवाला अपना के राजा से कम ना बूझे आ खुद प इतरात कहेला-\\nगांजा पिए राजा, बीड़ी पिए चोर\\nखइनी खाला चेताया,थूके चारू ओर!\\nलोग कहेला क�� खइनी एक-दोसरा के जोड़ेले आ एकरे मार्फत भोजपुरिया संस्कृति के फइलाव होला. खइनी बनावत देखिके अनजानो मनई दोस्ती के हाथ बढ़ावेला आ एक-दोसरा से नेह-नाता प्रगाढ़ बनावेला.\\nबाकिर ई कुल्हि निसाखोरन के कुतर्क होला. तमाकू कवनो हाल में सेहत, समाज आउर मनुजता खातिर वरदान ना हो सके. ई त अभिशाप ह आ अभिशापे रही. ई सुसंस्कारित समाज के ना,अपसंस्कृति आ प्रदूषण के निशानी ह. एसे एकरा से दूर रहीं आ समाज के हर तबका के दूर राखीं.\\nअंत में हम कहल चाहबि-\\nखइनी खाके जनि करीं, आपन दांत खराब\\nजवन दांत मोती मतिन,हो जाई बरबाद\\nहो जाई बरबाद, थूकि गंदगी बढ़ाइब\\nझरि जाई सभ दांत,बताईं, कइसे खाइब\\nमुंह के कैंसर के उपाय काहें के कइनी\\nअबहूं से हरदम खातिर अब छोड़ीं खइनी.\\n(लेखक भगवती प्रसाद द्विवेदी वरिष्ठ साहित्यकार हैं. यह उनके निजी विचार हैं.)","num_words":1132,"character_repetition_ratio":0.031,"word_repetition_ratio":0.061,"special_characters_ratio":0.395,"stopwords_ratio":0.064,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Awadhesh Mishra and Sanjay Pandey are the main villains of modern Bhojpuri cinema – News18 Hindi\\nBhojpuri Spl: आधुनिक भोजपुरी सिनेमा के महाखलनायक बाड़न अवधेश मिश्रा अउर संजय पाण्डेय\\nभोजपुरी सिनेमा के आधुनिक युग के खलनायिकी के समझे खातिर हम एह दौर के कुछ स्थापित आ लोकप्रिय विलेन से उनका सफर आ किरदार पर विस्तार से बातचीत कइनी. आज बात एह दौर के दू गो महा खलनायक अवधेश मिश्रा अउर संजय पाण्डेय के. जे अपना अदायगी से दिल जीत ले लें.\\nLast Updated : February 09, 2021, 16:32 IST\\nभोजपुरी सिनेमा के आधुनिक दौर मे कलाकार बदल गइलें, नया हीरो अउरी नया खलनायक आ गइलें, तकनीक बदल गइल, शूटिंग के पैटर्न भी बदल गइल, लेकिन कहानियन के ढर्रा कुछ खास ना बदलल. भोजपुरी के अधिकांश फिलिम अभियो कमोबेश हिंदी के कुल फिलिम के साथे साउथ के फिलिम से प्रेरित लागेला. हालांकि बीच-बीच में कई गो प्रयोग भइल अउर ओह मे सफलता भी मिलल. कहानी आ किरदार मे नयापन से खलनायक के भी नया स्पेस आ नया चेहरा मिलल. भोजपुरी सिनेमा के आधुनिक युग (2000-2021) के खलनायिकी के समझे खातिर हम एह दौर के कुछ स्थापित आ लोकप्रिय विलेन से उनका सफर आ किरदार पर विस्तार से बातचीत कइनी. आज बात एह दौर के दू गो महा खलनायक अवधेश मिश्रा अउर संजय पाण्डेय के..\\nअवधेश मिश्रा भोजपुरी खलनायकी के दुनिया के बेताज बादशाह हउवें. अवधेश मिश्रा के भोजपुरी में एंटी हीरो के अस्मिता अउरी उचित मेहनताना खातिर आवाज़ उठावे अउरी स��घर्ष करे खातिर जानल जाला. अवधेश मिश्रा के जनम सीतामढ़ी बिहार के सुतियारा गाँव में भइल. फिल्म में अभिनय के शौक लागल त पहिले थियेटर ज्वाइन कइलें, फेर मुम्बई आपन किस्मत आजमावे आ गइलें. हिंदी सिनेमा खातिर संघर्ष कइलें अउरी जब ओने बात ना बनल त उभरत भोजपुरी फिलिम उद्योग में काम करे आ गइलें. 2005 में ‘दुल्हन अइसन चाहीं’ से शुरुआत कइलें अउरी अभी ले कुल 300 फिलिम कर चुकल बाडें. बातचीत के दौरान बतवले कि उ फिलिम के सलेक्शन बहुत सोच-विचार के करेलन. बकौल अवधेश मिश्रा, हम भोजपुरी में जब काम कइल शुरु कइनीं तब हमरा महसूस भइल कि भोजपुरी फिल्मन में खलनायक के उ कद नइखे जवन दोसर फिल्म उद्योग में बा.\\nहमनी के मेहनताना काफी कम मिलत रहे अउरी ट्रीटमेंट भी कुछ खास ना होखे. हम फेर ई मुद्दा खातिर संघर्ष करे शुरु कइनी, आवाज उठावे लगनी. हमार कुछ साथी कलाकार लोग भी सपोर्ट में आइल. आज संतोष के साथ कह सकेनी कि हम इंडस्ट्री में खलनायकन के भी अच्छा जगह दिलवावे में कामयाब भइनी. अवधेश मिश्रा के कुछ बेहतरीन किरदार अउरी नीमन प्रदर्शन वाला फिलिम के बात कइल जाव त रविकिशन के साथे ‘सुहाग’ आ ‘लागल रहा राजा जी’ में उ लल्लन सिंह के यादगार चरित्र निभवले रहले. निरहुआ के फिलिम ‘प्रेम के रोग भइल’ में उनकर ध्रुपद सिंह के किरदार एतना मशहूर भइल रहे कि उ इंडस्ट्री में एह फिलिम के बाद ही स्थापित हो गइलें.\\nपूरा फिल्म खलनायक के इर्द-गिर्द ही गढ़ल गइल रहे. ‘ज्वालामंडी’ में उ एगो चुनौतीपूर्ण रोल कइलें. उनकर रोल ज्वालाबाई नाम के हिजड़ा के रहल जे सॉफ्ट लउकेला लेकिन अंदर से खल स्वभाव के बा. अवधेश मिश्रा अपना किरदारन में अलग-अलग प्रयोग कइला खातिर जानल जाले. उ हिंदी के ‘एक विलेन’ से प्रेरित होके विलेन फिल्म बनवले जवना में उनकर मुख्य भूमिका रहल. ओही जे रविकिशन के फिल्म धुरंधर में उनकर किरदार एगो व्यवहारिक नजरिया वाला रहल जे देखे में त एकदम शरीफ बुझाला बाकिर भीतर से बहुत करिया बा. पवन सिंह के साथ लुटेरे में बरगद सिंह के उनकर किरदार याद कइल जाये वाला बा. अवधेश मिश्रा सकारात्मक चरित्र भी निभवले बाड़न जेकरा में खेसारीलाल यादव के साथे मेहंदी लगा के रखना आउर ज़िला चंपारण के नाम विशेष रूप से लिहल जा सकेला.\\nसंजय पाण्डेय आजमगढ़ के कम्हरिया गाँव के रहे वाला हउवें. उ शुरुआती दिनन में थिएटर कइलें अउरी फेर फिलिम में आ गइलें. उनकर पहिला फिल्म ‘कहिया डोली लेके अइबा’ 2004 में आइल रहल जेकर डायरेक्टर राजकुमार आर पाण्डेय रहलें. ई दूनो जाना के डेब्यू फिल्म रहल. बकौल संजय पाण्डेय हमनी के सिनेमा अउरी कहानी दूनो ही पीछे चलेला त उनकर किरदार अउरी खलनायकी कइसे आगे रह सकेला. हमरा शिकायत लेखको लोग से भी बा उ आपन कहानी में चरित्र के निर्माण करबे ना करेलें. खाली चरित्रन के नाम दे देलें अउरी फिलिम में उनके काम दे देलें. मुश्किल से 5% स्क्रिप्ट ही अभी ले हमरा के अइसन मिलल बा जेकरा में पहिले से ही कैरेक्टाराईज़ेशन कइल गइल रहे नाही त अधिकतर हमारा किरदारन में हम खुद मेहनत करके ओकरा के अलग शेड दिहले बानी. जइसे कभी अपना चरित्र के हकला बना देनी, लंगड़ बना देनी, ओकरा के कवनो तकिया कलाम दे देनी, ओकर मैनेरिज्म के बदल देनी. हमरा फिल्म में ज़्यादातर किरदारन के नाम अउरी डायलाग ही मिलेला बाकी के काम हम करेनी.\\nसंजय आगे बतावेलें कि उनकर कुछ यादगार चरित्र भी बा जेकरा के लोग काफी सरहलस. ‘राजा बाबू’ फिलिम में नागिन के रोल में जे नागिन के धुन सुनते ही नागिन डांस करे लागेला, ‘औलाद’ में एगो साइको के रोल अउरी ‘पटना से पाकिस्तान’ में पहिले खलासी के रोल जे बाद में विधायक बन जाला. ‘दीवाना’ फिलिम में भी निभावल गइल उनकर रोल अलग रहल. संजय पाण्डेय कहेलें कि हम हमेशा आपन किरदारन में कोशिश कइलें बानी कि उ एक दूसरा के रिपीट ना लागें अउरी कवनो हिंदी आ दूसर भाषा के फिल्म के किरदार से प्रेरित ना होखे. ‘निरहुआ हिन्दुस्तानी 2’ में हमार रोल काफी पसंद कइल गइल.\\nओकरा में हम एगो कॉमिक अउरी जरे-कुढ़े वाला चाचा के रोल कइलें रहनी, जे हमेशा आपन बड़का भाई के घर तबाह कइल चाहेला. ‘रानी चली ससुराल’ में हमार रिटायर्ड पहलवान के रोल काफी सुन्दर बनल बा जेकर चेला लड़की के चक्कर में बर्बाद हो जाला. ‘सपूत’ फिलिम में भी हमार बढ़िया किरदार बा. ‘दिलदार सावरिया’ में हमार विजय सिंह के रोल काफी अच्छा बा अउरी एकरा में हम अंडरप्ले कइले रहनी. लोग हमरा के लाउड एक्टर समझे लागल त एह फिलिम से हम आपन ओह छवि के तोड़ देहनी. आधुनिक दौर में सबसे अधिक नाम, दाम आ काम पावे वाला ई दोनों कलाकार अधिकांश फिलिम में अभिनय के मामला में अपना हीरो लोग पर भारी पड़ल बाड़न बाकिर मेहनताना हमेशा हलुके आ बहुते हलुक रहल बा. मतलब इहाँ पइसा कलाकारी के ना, हीरोबाजी के मिलेला.\\nBhojpuri Bhojpuri Cinema Bhojpuri News Sanjay Pandey भोजपुरी भोजपुरी फिल्म\\nकिताबों के लिए मशहूर हैं नैनीताल के 'मामू'\\nVirat Kohli quits: विराट कोहली का इस्तीफा या बीसीसीआई का छुपमछुपाई का खेल!","num_words":1027,"character_repetition_ratio":0.051,"word_repetition_ratio":0.065,"special_characters_ratio":0.397,"stopwords_ratio":0.066,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"‘माई रे माई हमरा ऊहे लइकी चाही’ के फर्स्‍ट लुक | Bhojpuri News Website\\n‘माई रे माई हमरा ऊहे लइकी चाही’ के फर्स्‍ट लुक\\nभोजपुरी फिल्‍म ‘माई रे माई हमरा ऊहे लइकी चाही’ के फर्स्‍ट लुक पोस्टर दुर्गा अष्‍टमी के शुभ अवसर पर मुंबई में जारी भईल. सुपरस्‍टार प्रदीप पांडेय ‘चिंटू’ बतवलें कि सामाजिक-पारिवारिक एह फिल्‍म में धमाल-मस्‍ती अ एक्‍शन के एगो नया अंदाज दर्शकन के देखे के मिली.\\nफिल्‍म काफी इंटरटेनिंग बतावल जा रहल बा. सबसे खास बात ई बा कि फिल्म के म्यूजिक बेहतरीन बा. आप लोगन के बता दिहल जाव कि अभी हाल ही में प्रदीप पांडेय ‘चिंटू’ के फिल्‍म ‘ससुराल’ बॉक्‍स ऑफिस पर निमन प्रदर्शन कईले बिया. अब एक बार फिर ‘माई रे माई हमरा ऊहे लइकी चाही’ फिल्‍म लेके आ रहल बाडें.\\nचिंटू बतवलें कि फिल्‍म में लीड रोल में अभिनेत्री प्रीति ध्‍यानी बाड़ी आ लोगन के दुनहुन लोग के जोड़ी बहुते निमन लागी. अंजलि फिल्म्स क्रिएशन के बैनर तले बन रहल भोजपुरी फिल्म ‘माई रे माई हमरा ऊहे लइकी चाही’ के निर्माता नरेश प्रजापति आ राधे गोविन्द गुप्ता, जबकि निर्देशक अजय कुमार झा बाड़ें. फिल्‍म की शूटिंग गुजरात और मुंबई में भईल बा.","num_words":184,"character_repetition_ratio":0.135,"word_repetition_ratio":0.011,"special_characters_ratio":0.4,"stopwords_ratio":0.06,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.997,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"भोजपुरी न्यूज: पूर्व मंत्री मंजू वर्मा कइली आत्मसमर्पण, मधु भी पहुंचली CBI दफ्तर - bhojpuri news patna former minister of bihar manjur verma surrenders in local court of begusarai in arms act\\nभोजपुरी न्यूज: पूर्व मंत्री मंजू वर्मा कइली आत्मसमर्पण, मधु भी पहुंचली CBI दफ्तर\\nएने आज मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला में आरोपित मधु भी आज मुजफ्फरपुर स्थित CBI दफ्तर पहुंचके खुदके CBI के समक्ष आत्मसमर्पण कर देहली.\\nLast Updated: November 20, 2018, 11:14 PM IST\\nबिहार के पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा आखिरकर आत्मसमर्पण कर देहली. अपन पहचान छुपाके उ बुर्का पहिन टेम्पू से पहुंचल रहली. मझौली कोर्ट जहवां मंजू अपन वकील के माध्यम से कईली आत्मसमर्पण. आत्मसमर्पण के बाद मंजू बीमार होखे के खूबे नाटक भी कइली लेकिन ऊंखर ई साजिश कौनो काम न आइल. कोर्ट मौके पर डॉक्टर के बुलइले. डॉक्टर चेकअप कारला के बाद मंजू के स्वस्थ बतवले. जेकरा बाद न्यायालय इंखरा के 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज देलस.\\nइधर ई पूरा प्रकरण के लेके सियासत खूब भइल. विपक्ष कहता कि ई सब पहले से मैनेज रहे इतने न विपक्ष के इहो दावा बा कि ई हमनी के दबाव के नतीजे ह. जेकरा चलते मंजू वर्मा के पहले पार्टी से जेडीयू निलंबित कइलस उआर फ़िरो, मंजू ई तरह से नाटकीय अंदाज में आत्मसमर्पण कइली.\\nउहे सत्तापक्ष के कद्दावर नेता श्याम रजक विपक्ष के ई आरोप के सिरे से खारिज कर रहल बाड़े. श्याम रजक के कहना बा कि हमनी के सरकार केकरो के न त फ़सवेला अउर न बचावेला कानून अपन 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He further accused that Bihar government is not utilising the central assistance properly. On the other hand Nitish, Lalu, Ramvilas, every opposition leader has criticised Manmohan Singh for his statement.\\nदेश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपना चुनाव सभा में बिहार सरकार पर आरोप लगावत कहले कि बिहार के विकास खातिर केन्द्र से मिलल धन इस्तेमाल कर के बिहार सरकार आपन बतावत बिया. हर साल केन्द्र बिहार खातिर एक हजार करोड़ रुपिया देत आइल बिया बाकिर बिहार सरकार ओकर सुबहित इस्तेमाल ना कइलसि.\\nओने नीतीश फेर केन्द्र पर आरोप लगवले बाड़न कि ऊ बिहार का साथे मयभावत व्यवहार करत बिया. बिहार के जरुरत लायक धन केन्द्र नइखे देत. मनमोहन के बयान पर लालू आ रामोविलास आपन विरोध जतवले बाड़े. लालू का मुताबिक बिहार के पिछड़ापन में कांग्रेसो के बड़हन योगदान बा.\\nलालू अपना चुनाव सभा में मुसलमान आ सवर्ण दुनु पर डोरा डाले के कोशिश में लागल बाड़न. कहत बाड़े कि मुसलमान आ सवर्ण दुनु के आरक्षण के फायदा दीहें. ओने नीतीशो सवर्ण लोग से सहयोग मँगले बाड़न कि अगिलको सरकार उनकरे बनवावे लोग जेहसे कि बिहार के विकसित राज्य बनावल जा 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जेकर अबहीं दांत ना जामल होखे, उगत सूरज. ई बात आउर बा कि ई सूरज खाली डेढ़े साल अंजोर कइ पइलसि, आ बुझा गइल.\\nहिंदी के दुनिया के ऊ सूरज भलहीं जल्दिए डूबि गइल, बाकिर हिंदी पत्रकारिता में भकसावन अन्हार के बीच नया किरिन देखा गइल, ओह से अइसन अंजोर भइल, कि हिंदी के दुनिया चकाचौंध से भरि गइल बिया. ई सुकुल जी के रोपल आंकुर रहे कि आजु हमनीं अब दस-दस लाख बिकाए आ एक-एक करोड़ पाठक वाला हिंदी के अखबार देखत बानीं जा.\\nहिंदी पत्रकारिता दिवस पर भोजपुरियो के क���नो रिश्ता हो सकेला?\\nउदंत मार्तंड जब निकलल रहे, तब हिंदी आजु नीयर चुस्त ना रहे. तब ऊ आपन रूप संवारत रहे. एह वजह से हिंदी के पहिलका अखबार के जवन भाषा रहे, ओह में खड़ी बोली आ ब्रज के मिलावट रहे. जुगुल किशोर सुकुल के जुबान भलहीं अवधी रहे, एकरा बादो ऊ हिंदी के जब इतिहास रचत रहले त आपन बोली-बानी पर भी धियान ना दिहले. जबकि कलकत्ता के समाज में अवधियो लोग खूब बा. ‘उदंत मार्तंड’ में सुकुल जी आ उनुकर संहतिया लोग जवन भाषा के इस्तेमाल करत रहे लोग, ओहके मध्यदेसी कहत रहे लोग. गौर करे वाला ई बात बा कि ओहू घरी कलकत्ता पर भोजपुरिया समाज के बहुते असर रहे. साफ बा कि अगर हिंदी के अखबार निकली त ओकर पढ़निहार लोगन में भोजपुरिया समाज के भी लोग रहित. एह हिसाब से ओह में भोजपुरी के भी सबदन के रहल जरूरी रहे. बाकिर सुकुल जी ओह के बिसरा देले रहले.\\nकलकत्ता भलहीं अब कोलकाता नाम से जानल जात बा. बाकिर पुरूब में आपन रोजी-रोटी के आस राखे वाला भोजपुरिया समाज अबहिंयो एकरा के पुरनके नांव कलकत्ते से यादि करेला आ आपन काम चलावेला. भोजपुरी समाज कलकत्ता में पहिले उपेक्षा के पात्र रहल. मोटिहाई, जूट मिल में मजूरी, सड़क पर हाथ से खींचे वाला रेक्सा चलावल, कवनो मारवाड़ी सेठ के गद्दी के सेवक, मंदिर के पुजारी, मारवाड़ी सेठ के घर के महाराज माने खाएक बनावे वाला, कहीं दरवान आदि के रूप में भोजपुरी समाज के पहिले पहिचान रहे. इहे वजहि रहे कि भोजपुरिया बोले वालन के बंगाल में लोग देसवाली बोलत रहल हा. देसवाली सब्द में ओइसहिं उपेक्षा बोध बा, जइसे पंजाब, दिल्ली आ हरियाणा में बिहारी सब्द में बा. भाषा के जानकारन के कहनाम ह कि ऊहे भाषा समाज में ताकतवर मानल जाले, जवना के बोले वाला आर्थिक आ सामाजिक रूप से ताकतवर होला. जाहिर बा कुछु साल पहिले ले भोजपुरिया समाज के मतलब रहे उपेक्षा आ अपमान. बाकिर अब भोजपुरिया समाज के भी ताकत बढ़ल बा. भोजपुरिया समाज देस के लालबहादुर शास्त्री आ चंद्रशेखर नियर तपल प्रधानमंत्री देले बा. अब एहू समाज से आईएएस, पीसीएस, पत्रकार, वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री आदि निकल तारे. अब ईहो समाज कारोबार में हाथ आजमावता. एकर असर बा कि अब भोजपुरियो के ताकत बढ़ता. ई भोजपुरी समाजे के बढ़ल ताकत ह कि अब भोजपुरी में लिखल लेख, कहानी आ कविता मुख्यधारा के हिंदी पत्र, पत्रिका आ वेबसाइट छापल शुरू कइ देले बा.\\nकोलकाता से एगो बहुते पुरान अखबार निकलेला, सन्मार्ग. रामराज्य परिषद के संस्थापक आ हिंदू समाज के पूज्य करपात्री जी महाराज एह अखबार के स्थापना कइले रहले. बहरहाल सन्मार्ग में पहिले हर अतवार के दिने छपे वाला रविवारीय परिशिष्ट में ‘लष्टम्-पष्टम्’ नांव से भोजपुरी में स्तंभ छापत रहे. सन्मार्ग के पाता रहे कि भलहीं भोजपुरिया समाज के कोलकाता के हाई सोसायटी में बहुत पैठ नइखे, बाकिर ओकर ताकत जरूर बा. ओह ताकत के समझि के ओह समाज के भावना देबे के तेयारी कइलसि आ कोरोना काल के पहिले तक लगातार छापत रहलसि.\\nभोजपुरिया समाज दू तरह से ताकत के रूप में उभरल बा. महानगरन में तमाम रोजगार खातिर आइल भोजपुरिया समाज स्थानीय समाज में वोट बैंक के रूप में उभरल बा. बाकिर आर्थिक आ सामाजिक हैसियत ओकर बढ़ल बा. एह वजह से ओकर खरीद क्षमता भी बढ़ि गइल बा. बाजार अइसन बदलाव पर गहरा निगाह राखेला. बाजार के जब लागल कि भोजपुरिया समाज के भी संबोधित करे के चाहीं त ऊ भोजपुरी में विज्ञापनो ले बनावे लागल. अब ई विज्ञापन त उनुके नूं मिली, जे भोजपुरिया संवेदना के उभारि के अपना साथे पाठक भा दर्शक के रूप में जोड़ी. एही वजह से उ नवभारत टाइम्स भी भोजपुरी में लेख छापल सुरू कइ दिहलसि, जवना के प्रकाशक समूह कुछु दिन पहिले ले लागत रहे कि हिंदी में ना रही. ई मामूली बात नइखे कि जवना प्रकाशन समूह के कुछु साल पहिले ले हिंदी में बाजार आ स्कोप ना लउकत रहे, ऊ अब भोजपुरी में स्वतंत्र प्रकाशन भले ना सुरू कइले होखे, कम से कम आपाना हिंदिए प्रकाशन में भोजपुरी के जगहि दे ता. अब त देस के कई गो अखबार आ पत्रिका कबो-कबो भोजपुरी में लेख, कहानी आ कविता छापल सुरू कइ देले बाड़े. दिलचस्प बनावे खातिर अब भोजपुरी मुहावरा आ कहाउत के लेके अखबार समाचारन के शीर्षक तक ले देबे लागल बाड़े.\\nभोजपुरी के ई ताकतिए बा कि जवना पर जुगुल किशोर सुकुल जी धियान ना दिहले, अब उहे भोजपुरी हिंदी के ताकत बढ़ावे के मजबूत हथियार बनि गइल बिया. भोजपुरी के पत्रकारिता में सम्मान देबे में न्यूज18 समूह के भी कम योगदान नइखे. ई ओकर दिहल सम्माने ह कि इहवां हिंदी पत्रकारिता दिवस पर रऊंआ भोजपुरी के ताकति के बखान पढ़ि रहल बानीं. (लेखक उमेश चतुर्वेदी वरिष्ठ पत्रकार हैं. यह उनके निजी विचार हैं.)\\nBhojpuri में पढ़ें, पिछला जनम आ अध्यात्म पर एगो साधु से बतकही","num_words":977,"character_repetition_ratio":0.074,"word_repetition_ratio":0.06,"special_characters_ratio":0.394,"stopwords_ratio":0.075,"flagged_words_ratio":0.003,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"These officers will sink your ship Nitish Kumar Read Chaneshar Letter in Bhojpuri Bhojpuri: चनेचर चा के चिट्ठी: ई अफसर लोग तs राउर जहाज डूबा दिहें नीतीश बाबू!\\nBhojpuri: चनेचर चा के चिट्ठी- ई अफसर लोग तs राउर जहाज डूबा दिहें नीतीश बाबू!\\nकोरोना महामारी में अफसरशाही के परपंच देख के उनका देह में लहर उठल रहे. गांव होखे बा शहर, सगरे हाहाकार मचल बा. लेकिन अफसर लोग के नजर में सभ ठिक्के बा. सच्चाई पs परदा डाल के ई अफसर लोग सरकार के भी सभ निमने देखा रहल बड़े.\\nLast Updated: May 20, 2021, 12:49 PM IST\\nचनेसर चा के मन कुछ बेचैन रहे. मन में बबंडर उठल तs दलान के एह कोना से ओह कोना चक्कर मारे लगले. कोरोना महामारी में अफसरशाही के परपंच देख के उनका देह में लहर उठल रहे. गांव होखे बा शहर, सगरे हाहाकार मचल बा. लेकिन अफसर लोग के नजर में सभ ठिक्के बा. सच्चाई पs परदा डाल के ई अफसर लोग सरकार के भी सभ निमने देखा रहल बड़े. सोच-बिचार के उदबेग में चनेसर चा कुछ बुदबुदाए लगले. फेन कगज-कलम उठा के चौकी पs बइठ गइले. मन के बोझा हलुक करे खतिर जोर से सांस खींच के कहले, हमार बात सरकार भिरी पहुंची कि ना ? मालूम नइखे, लेकिन आज हम नीतीश बाबू के चिट्ठी लिखब जरूर.\\nचनेसर चा के चिट्ठी\\nचनेसर चा कलम उठा के लिखे लगले, हजूर के दंडवत, गांव के गरीब किसान रउआ से हाथ जोड़ के कुछ कहल चाहत बा. भारत में तीन इंजीनियर नामी मुखमंतरी बनले. रउओ ओकरा में एक बानी. सोच-बिचार अलहदा होखे के चलते रउआ से जनता के उमेद भी बहुत अधिक बा. महामारी में अगर जनता के दुख दर्द होई तs ऊ आपन तकलीफ केकरा से कही ? लेकिन अफसोस के बात ई बा कि जनता के आवाज रउआ भी पहुंच नइखे पावत. जनता अउर सरकार के बीच देवाल बन के खाड़ा बा अफसर लोग के परपंच. ऊ सही बात रउआ भी पहुंचे निइखन देत. ऊ बिगड़ल बेबस्था के भी रंग-पोत के निमन देखा रहल बाड़े. लेकिन रउआ भरमाई मत. अफसर के आंख से ना बलिक अपना आंख से देखीं कि जनता कवन हाल में जिनगी गुजार रहल बिया. कुछ दिन पहिले रउए पाटी के एक नेता कहले रहन, अस्पताल के बेबस्था सुधारीं ना तs अफसर डूबा दिहें रुउआ के. हमरो कहनाम इहे बा कि गलती करिहें अफसर अउर भरे के परी सरकार के.\\nहजूर ! अफसर तs आंख में धूर झोंक रहल बाड़े\\nचनेसर चा रोक के कुछ सोचे लगले. फेन लिखले, बेगूसराय के अफसर लोग कइसे सरकार के आंख में धुर झोंकले, तनी एकरा पs बिचार करीं. तारीख 17 मई, दिन सोमार. रउआ बेगूसराय के बाघा सामुदायिक किचेन के भरचुल जांच कइले रहीं. ओह दिन सामुदायिक भवन के बिहुती घर जइसन सजावल गइल रहे. फरस पर ललका कलीन. गद्देदार कुरसी. कुरसी टेबुल के उज्जर बगबग खोल के ओहार. टेबुल पs उजरका चमचम्मी. अइसन टंच बेबस्था तs निमन निमन बरियात में ना रहे. माल जनता के रहे एह से मिरजा के होली खेले में कवनो दिक्कत ना रहे. एक टेबुल पs दू अदिमी बइठ के शांति से खात रहन. रउआ नजर के सामने सामाजिक दूरी के भरपूर पालन देखावल गइल. लेकिन ई सभ नजर के धोखा रहे. कोरोना महामारी में जहां सगरे चीख पुकार मचल बा ओह स्थिति में सामुदायिक किचन के होटल जइसन चकाचक कइसे देखावल गइल ? अबहीं जब पइसा के कमी बा तs भोजन के बदले सजावट पs खारचा काहे भइल ?\\nएक्के दिन के बाद एकर पोल खुल गइल. तारीख 18 जून, दिन मंगर, समय रात के करीब आठ बजे. इहे सामुदायिक किचेन आपन ओरिजनल रूप में सामने आ गइल. करीब डेढ़- दू सौ अदिमी के भीड़ जुट गइल. गेट पर धाक्का धुक्की, ठेला ठेली, खींचा खीची शुरू हो गइल. पहिले जाये के फेरा में अदिमी प s अदिमी चढ़े लगले. कोरोना गाइडलाइंस चल गइल बूंट लादे. जब गिरील सटा के गेट बंद भइल तब तनी शांति भइल. लेकिन अकरा बादो हौल में आदिमी के भीड़ ढुक गइल रहे. सोमार के जवना टेबुल पs दू अदिमी खात रहन अब ओकरा पs चार-पांच अदिमी बइठ के जिमावत रहन. जे सीट लूटे में पिछुआ गइल ओकरा खाड़ा रहे के पड़ल. दरी, कालीन, गाद्दा अउर चमकऊआ ओहार गायब रहे. पुरान-धुरान टेबुल कुरसी पs लोग सट-सट के खात रहन. नीतीश बाबू समझ लीं, रउआ सही देखनी कि गलत देखनी.\\nटंच इंतजाम के असलियत\\nचनेसर चा चिट्ठी के पारगराफ बदलले. तरीख 18 जून, दिन मंगर. वैशाली जिला के दू सामुदायिक किचेन हाजीपुर अउर महुआ के रउआ भरचुअल जांच कइले रहीं. रउआ नजर में टोटल इंतजाम चकाचक देखावे खातिर अफसर लोग पूरा जोगाड़ कइले रहन. हाजीपुर सेंटर के साज-सजावट में कवनो कमी ना रहे. बेसहारा लोग के भोजन करे खातिर टेबुल बेंच के इंतजाम कइल गइल रहे. सामाजिक दूरी के भी नियम लागू रहे. एक बेंच पs एक अदिमी. अतना कइलो के बाद अफसर लोग ई बूझात रहे कि अगर मुखमंतरी जी कवनो दिक्कत के बारे में सवाल पूछ देले तs कहीं खाये वला लोग शिकाइत मत कर देस. राउर भिडियो कनपरेसिंग के पहिले एगो अफसर खाये वला लोग के समझावे लगले, अगर मुखमंतरी जी भोजन के इंतजाम के बारे में पूछिहें तs का कहे बा. अफसर सिखवले, सीएम साहेब के पूछला पs कहे के बा, दू टाइम भोजन मिल रहल बा, एकदम बढ़िया. सभ केहू बढ़िया-बढ़िया कह देलस. रउओ खुश हो गइनी. रउआ कोरोना काल में सामुदायिक किचेन एह से खोलले बानी जवना से कि महामारी में केहू भूख से बेयाकुल ना रहे. मकसद तs नेक बा लेकिन अफसर लोग सफल होखे दिहें तब नूं. अगर बेवस्था सही में ठीक बा तs केहू के सिखवला-पढ़वला के भला का जरूरत बा ?\\nअफसर लोग में तालमेल नइखे\\nचनेसर चा लिखले, हुजूर अफसरे लोग के चलते सरकार के पटना हाईकोट में फजीहत हो गइल. बक्सर में मौत अउर गंगा घाट पs दाह संस्कार के अफसर लोग अलग-अलग रिपोट देले. राज के मुख सचिव हलफनामा में कहले कि बक्सर में6लोग के मौत भइल बा. दोसरा देने पटना परमंडल के कमिश्नर अपना रिपोट में कहले कि बक्सर के चरित्तर बन शमसान में5मई से 15 मई के बीच 789 लोग के दाह संसकार कइल गइल. तब हाईकोट के पूछे के पड़ल कि केकर रिपोट के सांच मानल जाव ? मुख सचिव अउर कमिश्नर के आफिस पटने में रहे. कवनो रिपोट देवे के पहिले आपस में राय-सलाह करे के चाहत रहे. लेकिन अइसन ना भइल. पटना हाईकोट तs पहिलहीं से सरकार के काम से नाखुश रहे. ई रिपोट से तs पब्लिक भी समझ गइल कि हाकिम लोग महामारी में कइसे काम कर रहल बाड़े. रउए आदेश पs असकूल के देवाल पs गांधी जी के सात शिक्षा लिखल बा. एकरा में लिखल बा सिधांत के बिना राजनीति अउर अंतरआतमा के बिना सुख, पाप के समान बा. शासन के संचालन अफसर-करमचारी के मार्फत ही होला. अगर अफसर-करमचारी के अंतरआत्मा में खोट आ जाई तs शासन के सुख कवना काम के रह जाई. गरीब किसान के लिखे में अगर भूल-चूक भइल होई तs माफ करबs. बाकी भगवान के दया से सभ कुछ ठीक रहे. (लेखक अशोक कुमार शर्मा वरिष्ठ स्तंभकार हैं. यह उनके निजी विचार हैं.)","num_words":1127,"character_repetition_ratio":0.045,"word_repetition_ratio":0.072,"special_characters_ratio":0.398,"stopwords_ratio":0.051,"flagged_words_ratio":0.004,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"भोजपुरी विशेष- खरबिरवा से सेहत: सेहत में खरबिरवा | Bhojpuri special article covid 19 Corona virus Ayurvedic Naturopathy treatment nodakm – News18 Hindi\\nभोजपुरी विशेष- खरबिरवा से सेहत: सेहत में खरबिरवा\\nजइसे-जइसे आयुर्वेद का प्रति जनता में फेरु से रुचि बढ़त लउकत बा, एलोपैथिक चिकित्सकन में घबराहट बढ़े लागत बा. ओइसे, आयुर्वेदिक आ प्राकृतिक चिकित्सा पुरातन काल से एह देश के जीवनरेखा में दूध-पानी नियर घुलल-मिलल रहल बा.\\nLast Updated : January 07, 2021, 12:01 IST\\nकोविड-19 महामारी के दौरान जब कवनो अलम ना लउकत रहे, त लोग आयुर्वेद आ कुदरत का ओरि उमेदि से भरिके निहारे लागल. एने आ���ुर्वेदिक चिकित्सको के सर्जरी के हक मिलला के खबर आवत कहीं कि हड़कंप मचि गइल आ एलोपैथी से जुड़ल डॉक्टर साहेब खिलाफत प उतरि अइलन. जइसे-जइसे आयुर्वेद का प्रति जनता में फेरु से रुचि बढ़त लउकत बा, एलोपैथिक चिकित्सकन में घबराहट बढ़े लागत बा. ओइसे, आयुर्वेदिक आ प्राकृतिक चिकित्सा पुरातन काल से एह देश के जीवनरेखा में दूध-पानी नियर घुलल-मिलल रहल बा. ओह में खरबिरवे से सेहत बनावे आ सुधारे के गुर बतावल जात रहे. तब खानपान आउर जीवनशैली पर खास धियान दिहल जात रहे. जइसन अन्न,ओइसन मन के कहनाम सांचो के चरितार्थ होत रहे.\\nमिशनरी भाव से सेवा\\nओह घरी चिकित्सक में आपरूपी भगवान के दर्शन होत रहे, काहें कि डॉक्टर मिशनरी भाव से सेवा करत रहलन आ उन्हुका बेवहार में तनिको व्यवसायी नजरिया नजर ना आवत रहे. बलिया जिला के भाखर गांव में हम एगो अइसने वैद जी के देखले रहलीं. उहां के नांव रहे पंडित जगदेव पाठक. उहां के होत फजीरे एगो बैग आ छाता लेके पैदले घर से निकलि जाईं आ गांवें-गांवें जाके पूछीं कि उहां केहू बेमार त नइखे नू? रोगी का घरे वैदजी बेबोलवले पहुंचि जाईं आ मरीज के नटिका देखिके खुदे बतावल शुरू कऽ दीं कि रोगी के का तकलीफ़ बा आ कवना कारन से ऊ बेमारी दबोचले बिया. अद्भुत नाड़ी-विशेषज्ञ रहनीं उहां के. उहां के सोरहो आना सांच बात सुनिके बेमार-हेमार अदिमी अचरज में परि जात रहे कि इहां के ओकरा तन-मन के गुपुत तथ कइसे जानि गइनीं!\\nवैदजी खानपान का बारे में किछु सलाह दीं आ दवाई के पुड़िया बनावत ई समुझा दीं कि कइसे ओकर सेवन करे के बा, का खाएके बा आ का नइखे खाए के. जब परिवार के लोग फीस का बिसे में पूछे, त उहां के कहीं कि पहिले रोगी के ठीक हो जाए दीं, फेरु अपना मरजी से,जवन उचित बुझाय, दे देबि. फेरु उहां के हाथ जोड़त दोसरा रोगी के देखे चलि दीं. आस्ते-आस्ते उहां के नांव-जश अइसन फइलल-पसरल कि दू दिन बनारस,दू दिन छपरा,दू दिन बलिया आ एक दिन गांव पर वैदजी हर हफ्ता बइठीं. जहवां जाईं, हरेक जगहा रोगी के भीड़ ठकचल रहे,बाकिर सभ केहू उहां से संतुष्ट होके लवटे. खरबिरवे से उहां के चूरन,आसव आउर अरिष्ट बनाईं आ जनसेवा में लीन रहीं. उहां के हरदम खानपान आ दिनचर्या सुधारे के सबक दीं.\\nखानपान से सेहत\\nसचहूं, सात्विक खानपान में सेहतमंद रहे के राज छिपल बा. जवना घरी बिहार विधानसभा के चुनाव होत रहे, ओमें 108साल के एगो सेहतमंद माताजी शामिल भइल रहली. ज�� एगो जज साहेब उन्हुका नीमन तंदुरुस्ती के राज पुछलन, त ऊ कहली कि मोटअनजा में सेहतमंद जिनिगी के राज छिपल बा. जनेरा, बजड़ा, जोन्हरी, सांवा, टांगुन, कोदो, जौ, लेतरी वगैरह के मोट अनाज मानल जाला आ इहे मोटअनजा खाके पुरनकी पीढ़ी चुस्ती-तंदुरुस्ती का संगें सइ साल के जिनिगी जीयत रहे,बाकिर अब त ऊ कुल्हि अनाज दुलभ हो गइल बा आ गहूं-चाउर नियर मेंही अन्न खाके लोग किसिम-किसिम के लाइलाज मर्ज के शिकार हो रहल बा.\\nखरबिरवा में जिनिगी के सत\\nखरबिरवा के इस्तेमाल कऽके पहिले जनता जनार्दन सुख-भोग करत रहे. ओह खरबिरवा के खोज अइसहीं ना भइल रहे. ऊ ज्ञान डिग्री हासिल कऽके ना, पीढ़ी दर पीढ़ी के तजुर्बा से मिलल रहे आ एही से ओकर रामबाण असर होत रहे. तब खेती-किसानी सर्वोत्तम पेशा रहे आ निषिध चाकरी के भीख मतिन मानल जात रहे. ओह घरी के कृषि वैज्ञानिक आउर मौसम विज्ञानी रहलन-घाघ आ भड्डरी. ओह लोग के कहल कबो बांव ना जात रहे. वजह ई रहे कि कुदरत का संगें सहजीवन के भाव रहे. प्रकृति जीव-जगत के हिफाजत करत रहे आ मनई प्रकृति के. आजु हमनीं के कुदरती दोहन के खामियाज़ा भुगतत बानीं जा.\\nलोकोक्तियन का जरिए साफ-साफ ढंग से आपन जीवनशैली सुधारे के नसीहत दिहल गइल बा. सीमित संसाधनो में कइसे हंसी-खुशी से जीयल जा सकेला, कहाउते में एकर मरम बतावल गइल बा. आजुकाल्ह त बहुत किछु बेमौसमे हो रहल बा, बाकिर मौसम-महीना के हिसाब से खाए-पीए आ खुशहाल जिनिगी जीए के सलाह दीहल गइल बा. हरेक महीना में किछु खास खाए प जोर देत कहल गइल बा-\\nसावन हर्रे, भादो चित्रकवा\\nक्वार मास गुर खा लऽ मितवा\\nकातिक मुरई, अगहन तेल\\nपूस में दूध से राखऽ मेल\\nमाघ माह घीव-खिचड़ी खा\\nफागुन उठिके रोज नहा\\nचइत महीना नीम के पतई\\nबइसाखे चाउर बसमती--\\nघाघ-भड्डरी इहो बतवले रहलन कि कवना महीना में का-का ना खाए के चाहीं-\\nचैते गुर,बैशाखे तेल\\nजेठे महुआ,असाढ़े बेर\\nसावन साग न भादो दही\\nक्वार करैला,कातिक मही\\nघाघ-भड्डरी सांची कही\\nमरिहें ना त खटपर रही.\\nबेमारी-हेमारी में घर में मौजूद खाए-पीए के चीजु-बतुस रोगियाह अदिमी खातिर कवना हद ले उपयोगी हो सकेला, एक झलक एह लोकोक्तियन में देखल जा सकेला. यजुर्वेदो में एकर चरचा आइल बा. आजुकाल्ह ठंढा के एह सीजन में अदरक,नीबू आ मधु कतना सेहत खातिर जरूरी बा ,एकर एगो चित्र देखीं ठंढा लगला पर-\\nठंढा जब लागे बहुत\\nसरदी से बेहाल,\\nनींबू, मधु के साथ में\\nआदी पिहीं उबाल.\\n��गर नींबू नाहिओं मिले, त आदी के रस आउर शहद के सेवन से सरदी भगावे के\\nनुस्खा बतावल गइल बा-\\nआदी कूटीं, रस बना\\nमधु लीहीं समभाग,\\nनियमित सेवन जे करी\\nसरदी जाई भाग.\\nएही तरी, जेवाइन के बाफ लिहला से जकड़ल कफ बहरिआए लागी आ खांसी से आस्ते-आस्ते छुटकारा मिल जाई-\\nकफ पीरा पहुंचा रहल\\nखांसी बहुत सताय,\\nअजवाइन के बाफ लीं\\nकफ तब बाहर आय.\\nजेवाइन के महातम के सेहत खातिर बेरि-बेरि बखान कइल गइल बा. एकरा के पीसि\\nके जदी नींबू का रस में गाढ़ लेप बनाके लगावल जाउ, त कइसनो चमड़ी के रोग से निजात मिलि सकेला-\\nअजवाइन के पीसि लीं\\nनींबू संग मिलाय,\\nफोड़ा-फुंसी दूर हो\\nचर्मरोग मिटि जाय.\\nगुर का संगें जेवाइन के मेल पित्तरोगो में असरकारी सिद्ध होला-\\nअजवाइन-गुर खाइ लीं\\nबनी तुरंते काम,\\nपित्तरोग से ग्रस्त जे\\nपावे झट आराम.\\nगहूं के ब्राण्डेड आटा के इस्तेमाल करेवाला एह जुग में अगर लीवर आ टीबी नियर रोग से मुकुती पावल चाहीं, त मकई के रोटी खाईं आ सेहतमंद रहीं. आजु काल्ह ई मोट अनाजे घर के वैद साबित हो सकेला-\\nमकई के रोटी मिले\\nखा लीहीं भरपूर,\\nलीवर ठीक रही सदा\\nटीबी भागी दूर.\\nआजु ब्लडप्रेशर,हार्ट आ शुगर के रोग से ग्रस्त मरीजन के तादाद बहुत बा, बाकिर इन्हनियों के इलाज खरबिरवे से बतावल गइल बा. गजरा के रस आ आंवरा के एह बेमारी में अजमावल जा सकेला-\\nगाजर रस संग आंवरा\\nरक्तचाप, हिरदय सही\\nकरीं बेफिकर काम.\\nमधुमेह में टमाटर, खीरा, करइला के रस के उपयोगी करार दिहल गइल बा. अइसहीं, नीम के पतई के रामबाण भूमिका हो सकेला-\\nलाल टमाटर काटि लीं\\nखीरा संग सनेह,\\nसरस करइला का संगें\\nदूर रही मधुमेह.\\nसात पतइया नीम के\\nभागी चिनिया रोग सब\\nमन चंगा हो जाय.\\nकरू तेल में लहसुन, जेवाइन आउर हींग के पकाके जोड़न पर मालिश कऽके असह दरद प काबू पावल आम बात बा. ई कुल्हि चीजु घरे में सुलभ बा आ आजमावलो ओतने आसान बा-\\nअजवाइन आ हींग लीं\\nजोड़न में मालिश करीं\\nदरद दूर हो जाय.\\nतुलसी के महातम आदिकाल से बतावल गइल बा. होत सवेरे एकरा सेवन से देह आ मन-परान में खुशहाली के हरियरी भरल जा सकेला-\\nतुलसी दल दस गो चिखीं\\nसेहतमंद रहीं सदा\\nएही तरी, मट्ठा, काला निमक, जीरा, हींग के पेय में निरोगी काया के गुर छिपल बा. जरूरत बा एकरा के अंगीकार करे के-\\nछाछ, हींग, सेंधा नमक\\nदूर करी सब रोग,\\nजीरा ओमें डालिके\\nपिहीं, रहीं निरोग.\\nहजारन साल से वाचिक परिपाटी में चलल आ रहल ई आ एह किसिम के अनगि���त सेहत से जुड़ल लोकोक्ति ना खाली जनमानस के जागरूक करत आइल बाड़ी स,बलुक लोकजिनिगी के सेहतमंद आउर दीर्घजीवी बनावे के दिसाईं अगहर भूमिको निबाहत आ रहल बाड़ी स. इन्हनीं में जिनिगी जीए के सलीका आ आपन हाथ जगरनाथ के भाव समाहित बा.जरूरत एह बात के बा कि तथाकथित आधुनिकता के भंवरजाल में अझुराइल नवकी पीढ़ी पूर्वाग्रहमुक्त होके इन्हनीं के अपना अस्तित्व के हिस्सा बनावे आ जिनिगी के खुशनुमा,सेहतमंद आ तनावमुक्त बनवला का संगहीं सुघर विज्ञानसम्मत गौरवशाली परंपरा का प्रति सम्मान जाहिर करे. बेकार समुझल जाए वाली चीजुओ सेहत खातिर कतना बेशकीमती आ जियतार हो सकेली स, इहो सबक देत बाड़ी स ई अनमोल लोकोक्ति. (यह लेख लेखक के निजी विचार है.)\\nAyurvedic bhojpuri article bhojpuri special Corona Virus COVID 19\\nआरा में ट्रेन से कटकर युवक ने की खुदकुशी, मरने से पहले मां को भेजा वीडियो\\nShocking: रेस्टोरेंट में शख्स ने मांगी खास डिश तो वेट्रेस ने तान दी बंदूक!\\nFIFA की एक योजना ने बढ़ाई IOC की चिंता, वर्ल्ड कप का भी हो सकता है बहिष्कार","num_words":1370,"character_repetition_ratio":0.029,"word_repetition_ratio":0.038,"special_characters_ratio":0.395,"stopwords_ratio":0.069,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":0.997,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"*साहित्य प्रेमी संघ*: सगुन: मन में नेह के तार बहुत बा\\nसगुन: मन में नेह के तार बहुत बा\\nमन में नेह के तार बहुत बा.\\nई नदिया में धार बहुत बा.\\nतनिको चूक के मौका नइखे\\nगरदन पर तलवार बहुत बा.\\nसौ एके छप्पन के आगे\\nपर्चो भर अखबार बहुत बा.\\nकाहे गांव से भगत बा ड\\nगांव में कारोबार बहुत बा.\\nके अब केकर दुःख बांटे ला\\nबनल रहे व्यवहार बहुत बा.\\nमिल जाये त कम मत बुझिह\\nचुटकी भर संसार बहुत बा.\\n(समकालीन भोजपुरी साहित्य में प्रकाशित)\\nसगुन: मन में नेह के बहुत बा:\\nPosted by devendra gautam at 7:31 PM","num_words":87,"character_repetition_ratio":0.171,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.396,"stopwords_ratio":0.08,"flagged_words_ratio":0.011,"lang_id_score":0.874,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"घाटशिला : कांबिंग के दौरान पहाड़ से उतरत में अचेत भइल सीआरपीएफ जवान, अस्पताल पहुंचले से पहिले भइल मौत - खबर भोजपुरी\\nघाटशिला थाना क्षेत्र के बासाडेरा से सटल पहाड़न पs नक्सलियन के खिलाफ चलावल जा रहल अभियान में सामिल सीआरपीएफ के जवान शुरु हांसदा (57) के सोमवार के साँझ मौत हो गइल. जानकारी के मुताबिक सीआरपीएफ -193 एफ कंपनी के जवान शुरु हांसदा पहाड़ पर से उतरत वक्त बेहोश होके गिर गइल रहने. ओनके इलाज खातिर उनके घाटशिला अनुमंड��� अस्पताल लावल गइल, जहवां डाक्टर उनके मृत घोषित कs देहने. शुरु हांसदा बहरागोड़ा थाना क्षेत्र के कुटशोल के रहे आला रहनें अउर विगत दू साल से सीआरपीएफ कैंप कालचिति पिकेट में तैनात रहनें. घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में उनकर पत्नी डुमनी हांसदा अउर भाई लंबोदर हांसदा पहुंचल रहनें. उनकर चार बेटी में से दू के शादी हो चुकल बा. हांसदा के शव मंगलवार के पोस्टमार्टम खातिर एमजीएम जमशेदपुर भेजल जाई.\\nपोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चली कससे भइल मौत\\nघाटशिला के थाना प्रभारी शंभू नाथ गुप्ता कहनें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अइले के बाद जवान के मौत के कारण के खुलासा भइले के उम्मीद बा. जानकारी के अनुसार सोमवार के साँझ थाना क्षेत्र के कालचिति पंचायत के बासाडेरा पहाड़न पs एएसआई अजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलावल जात रहल. अजीत कुमार सिंह बतवने कि पहाड़ से उतरते में शुरु हांसदा के तबीयत खराब होखे लागल अउर ऊ बेहोश होके गिर गइने. ओनके अस्पताल लेआवल गइल, जहवां डॉक्टर ओनके मृत घोषित कs देहने.\\n2282800cookie-checkघाटशिला : कांबिंग के दौरान पहाड़ से उतरत में अचेत भइल सीआरपीएफ जवान, अस्पताल पहुंचले से पहिले भइल मौतyes","num_words":254,"character_repetition_ratio":0.067,"word_repetition_ratio":0.057,"special_characters_ratio":0.385,"stopwords_ratio":0.031,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.998,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Staggering electoral incident and political skirmish in Bengal before Assembly Election 2021 Bhojpuri Bhojpuri Spl: बंगाल में चौंका देबे वाली चुनावी घटना आ राजनीतिक घमासान– News18 Hindi\\nBhojpuri Spl: बंगाल में चौंका देबे वाली चुनावी घटना आ राजनीतिक घमासान\\nचुनाव आयोग (Election Commission) स्पष्ट रूप से घोषणा क दिहलस कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के गोड़ में नंदीग्राम में जौन चोट लागल ऊ एगो हादसा रहल ह. चुनाव आयोग के दूनो पर्यवेक्षक दीदी पर हमला के सिलसिला में आपन अलग-अलग रिपोर्ट सनीचर के जमा क देले रहुए लोग.\\nLast Updated : March 15, 2021, 17:58 IST\\nबंगाल में दू दिन का भीतर समाचार विश्लेषण के परिदृश्य बदलि गइल बा. रउरा सब के कई गो बात एके संगे बतावे के परी. चोट लगला के चारे दिन बाद 14 अप्रैल के ममता बनर्जी चुनावी मैदान में फेर उतरि गउवी. ऊ व्हीलचेयर पर बइठि के रोड शो करतारी. ममता बनर्जी के ई रोड शो5किलोमीटर लंबा रहुए जौन पार्क स्ट्रीट से शुरू भउवे. चुनाव आयोग राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय आ खुद चुनाव आयोग के दू गो पर्यवेक्षक लोगन के अलग-अलग रिपोर्ट के आधार पर घोषणा कइले बा कि ममता बनर्जी पर केहू हमला नइखे कइले. हमला के कौनो सबूत नइखे मिलल.\\nचुनाव आयोग स्पष्ट रूप से घोषणा क दिहलस कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गोड़ में नंदीग्राम में जौन चोट लागल ऊ एगो हादसा रहल ह. चुनाव आयोग के दूनो पर्यवेक्षक दीदी पर हमला के सिलसिला में आपन अलग-अलग रिपोर्ट सनीचर के जमा क देले रहुए लोग. रिपोर्ट में बा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घायल भइल महज एगो दुर्घटना रहल ह ना कि सोचल समझल हमला भा साजिश. विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे आ विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक निर्वाचन आयोग के सनीचर के सांझि खान आपन- आपन रिपोर्ट दे जमा क देले बा लोग.\\nओने ममता बनर्जी के चोट लगला के बारे में राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय जौन पहिला रिपोर्ट चुनाव आयोग के लगे जमा करुअन, ओसे चुनाव आयोग संतुष्ट ना रहुए. ओमें कइ गो जानकारी स्पष्ट ना रहे. मुख्य सचिव भीड़ के दबाव, तंग सड़क, सड़क के एकदम किनारे लोहा के खंभा, दरवाजा के झटका से बंद भइल, ममता बनर्जी के बाहर निकलल गोड़ के घायल भइल जइसन कई गो अइसन बात लिखले रहले कि जौना से कौनो निर्णय पर पहुंचल बहुत मुश्किल रहुए. मुख्य सचिव के रिपोर्ट से ईहो पता ना चलत रहुए कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी के पैर में लागल चोट हादसा रहुए कि हमला.\\nपुलिस रिपोर्ट के आधार पर मुख्य सचिव, निर्वाचन आयोग के जौन रिपोर्ट देले बाड़े ओमें प्रत्यक्षदर्शियन के बयान भी अलग-अलग तरह के रहुए. ओसे कुछ समझे में नइखे आवत. ए बारे में भी स्पष्ट सबूत नइखे कि कार के दरवाजे के धक्का मारल बा. एह तरह के कौनो वीडियो चुनाव आयोग के नइखे मिलल. चुनाव आयोग मुख्य सचिव के पहिला रिपोर्ट के खारिज क दिहुए. त राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय आपन रिपोर्ट दोबारा जमा करुअन. तब जाके चुनाव आयोग मुख्यमंत्री के चोट लगला के बारे में आपन फैसला सुनउवे. चुनाव आयोग एगो अउरी काम कइले बा- राज्य के सुरक्षा व्यवस्था के डॉयरेक्टर विवेक सहाय आ पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस सुपरिंटेंडेंट (एसपी) प्रवीण प्रकाश के पद से हटा के एह दूनों जाना के सस्पेंड क देले बा. विवेक सहाय पर चुनाव आयोग कारवाई करेके कहले बा. कहले बा कि मुख्यमंत्री के जेड प्लस सुरक्षा में रहते हुए चोट कइसे लागि गइल.\\nतृणमूल कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता कहतारन स कि घायल शेरनी ज्यादा खतरनाक होले, दीदी के लल���ार दूर तक जाई l घायल भइला का दू दिन बादे चुनाव के गंभीरता देखि के दीदी डाक्टरन पर दबाव डालि के अस्पताल से व्हील चेयर पर निकलुई. चुनाव प्रचार ह्वील चेयरे पर बइठि के कर रहल बाड़ी. ममता बनर्जी पदयात्रा के पहिले कहुई कि हमार पार्टी आपन लड़ाई जारी राखी, हमनी का निडर होके लड़बि जा, अबहियों हमरा काफी दर्द होता. बाकिर हम बंगाल के लोगन के दर्द ज्यादा महसूस करतानी. हम अपना जमीन के एह लड़ाई में बहुते नोकसान उठवले बानी आ हम अउरी अधिका पीड़ित होखबि, तबो हम लड़बि. हम डरपोक लोगन के सामने कभी ना झुकबि.\\nएने अवैध कोयला खदान के खोदाई के मामला में सनीचरे के सीबीआई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजा अभिषेक बनर्जी के साढू भाई अंकुश अरोड़ा, साली माने अंकुश के पत्नी मेनका गंभीर आ ससुर पवन अरोड़ा के पूछताछ खातिर बोलवले बिया. कुछे दिन पहिले अभिषेक के पत्नी रुजिरा नरुला बनर्जी आ साली मेनका गंभीर से सीबीआई पूछताछ क चुकल बिया. अभिषेक बनर्जी डायमंड हार्बर लोकसभा सीट से लोकसभा सांसद हउवन. सीबीआई, चिटफंड घोटाला में तृणमूल कांग्रेस के राज्य सभा सांसद मानस भुंइया से पूछताछ के बाद शुक का दिने बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के बोलउवे. ओने प्रवर्तन निदेशालय तृणमूल के नेता मदन मित्र के पूछताछ खातिर बोलउवे. तृणमूल कहतिया कि ई बदला के राजनीति ह. सीबीआई तृणमूल कांग्रेस के एह नेता लोगन से कहले बिया कि ऊ लोग सीजीओ कांप्लेक्स स्थित ओकरा कार्यालय में आवसु लोग आ आई कोर चिटफंड घोटाला का संबंध में पूछताछ के जबाब देसु लोग.\\nआरोप बा कि सन 2011 में आई कोर नामक चिटफंड कंपनी के एगो कार्यक्रम में पार्थ चटर्जी एगो कार्यक्रम में मंच पर मानस भुइयां का संगे बइठल रहले आ आई कोर कंपनी के प्रशंसा कइले रहले. पार्थ चटर्जी ओह घरी उद्योग मंत्री रहले आ भुइयां सिंचाई मंत्री. तृणमूल कांग्रेस के ई दूनो नेता कहता लोग कि कौनो कार्यक्रम में शामिल भइला से केहू घोटाला में शामिल ना हो जाला. आई कोर चिट कंपनी पर सेबी के नजर परल त ओकरा शक भइल. सेबी तुरंते आदेस दिहलस कि आई कोर ग्रुप लोगन से पइसा जमा कइल तत्काल बंद करो. सेबी आई कोर के बंद क दिहलस. कांग्रेस नेता सचिन पाइलट आई कोर ग्रुप के बात संसद में उठवले रहले.\\nओने दू दिन पहिले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के नंदीग्राम विधानसभा सीट खातिर नामांकन के ���र्चा भरला का बाद राजनीतिक सरगर्मी अउरी तेज होखल जाता. उनुका साथे तीन गो केंद्रीय मंत्री- स्मृति इरानी, बाबुल सुप्रियो आ धर्मेद्र प्रधान मौजूद रहुए लोग. स्मृति इरानी भाजपा के अग्नि कन्या मानल जाली. अमेठी से राहुल गांधी के हरावला का बाद उनुकर महत्व अउरी बढ़ि गइल. बंगाल में ममता बनर्जी के खिलाफ उनुकर तेवर भाजपा के पसंद परेला. भाजपा मानतिया कि नंदीग्राम में उनुकर उपस्थिति फेर एगो कौंध पैदा करी.\\nनंदीग्राम में एगो जनसभा में स्मृति इरानी कहुई कि हम दीदी (ममता बनर्जी) से पूछे आइल बानी कि कौना बेटी के वोट देबे के बा? 80 साल के बुजुर्ग महिला के के पिटले बा? भाजपा कार्यकर्ता लोगन के हत्या के कइले बा? दुर्गा माता के मूर्ति विसर्जन आ सरस्वती पूजा के अनुमति के ना देला? जब दीदी नंदीग्राम आके “खेला होबे” कहेली त एकर माने का भइल? स्मृति इरानी सवालन के झड़ी लगा दिहुई. एकरा पहिले 10 मार्च के एह सीट से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रत्याशी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नामांकन कइए चुकल बाड़ी. पत्रकारन से शुभेंदु कहुअन कि विकास के नांव पर चुनाव होई आ भगवान उनकरा संगे बाड़न. सुरुए से शुभेंदु अधिकारी अपना के भूमिपुत्र कहतारे. त लड़ाई रोचक मोड़ पर आ गइल बिया. नंदीग्राम में मतदान एक अप्रैल के बा. माने 15 दिन बादे नंदीग्राम में वोट परी.\\nओने चुनाव आयोग ममता बनर्जी के जख्मी भइला पर तृणमूल कांग्रेस के आरोप के बहुत कड़ा जबाब देले बा. तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग पर आरोप लगउवे कि ऊ चुनाव का नांव पर कानून व्यवस्था अपना हाथ में लेले बा आ पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आ एडीजी माने अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) के ट्रांसफर क देले बा. एही से ममता बनर्जी पर हमला भइल ह. चुनाव आयोग जबाब देले बा कि ई त चुनाव आयोग के गठन आ कार्यकलाप पर सवाल उठावल भइल. नंदीग्राम में मुख्यमंत्री के चोट लागल निश्चिते दुर्भाग्यपूर्ण बा आ एकर जांच होता. बाकिर ई कहल कि चुनाव आयोग पूरा कानून व्यवस्था अपना हाथ में ले लेले बा, गलत बा. चुनाव आयोग चुनाव का समय रोजमर्रा के रूटीन कानून व्यवस्था ना देखेला. चुनाव आयोग ओह कानून के ना बदलेला जौन मुख्यमंत्री एप्रूव कइले बाड़ी, आदेश देले बाड़ी.\\nआ ई कहल कि एगो खास राजनीतिक पार्टी के निर्देश पर चुनाव आयोग तबादला कइले बा, गलत बा. संविधान के अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग के अधिकार के बारे में स्प���्ट बतावल बा कि चुनाव आयोग चुनाव व्यवस्था के देख-रेख, नियंत्रण आ निर्देश दी. ई भारतीय संविधान के मूलभूत आधार आ ताना- बाना ह. चुनाव आयोग आगे कहता कि आयोग के विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक आ विवेक दूबे के निर्देश पर ही डीजीपी आ एडीजी (लॉ एंड आर्डर) के ट्रांसफर कइल गइल बा. एह आरोप पर कि चुनाव आयोग ट्रांसफर का पहिले राज्य सरकार से ना पुछलसिह, चुनाव आयोग लिखले बा कि ई चुनाव आयोग के कानूनी बाध्यता नइखे. चुनाव आयोग कहले बा कि ई आरोप कि चुनाव आयोग एगो खास पार्टी के दिशा निर्देश पर चलता, दुर्भाग्यपूर्ण बा.\\nओने नंदीग्राम में ओइजा के नागरिक दीप शंकर दास कहतारे कि ममता बनर्जी के जब चोट लगुए त ऊ अपना फेसबुक पर ऊ लाइव प्रसारण करत रहुअन. उनुका आंखी के सोझा दीदी गाड़ी के दरवाजा खोलुई दरवाजा जाके एगो साढ़े तीन फुट से तनी कम ऊंट खंभा से टकरउवे आ वापस जोर से ममता बनर्जी के गोड़ पर चोट करुए. एही से उनका बांया पैर के हड्डी में गंभीर चोट आइल बा. केहू हमला नइखे कइले. ओह समय सेक्युरिटी के लोग मौजूद रहुए. दीप शंकर दास 34 मिनट के वीडियो बनवले बाड़े. लेकिन ममता बनर्जी के आरोप बा कि उनुका पर हमला भइल बा. ममता बनर्जी अब धीरे- धीरे स्वस्थ होतारी. बाकिर पूरी तरह स्वस्थ होखे में उनुका समय लागी.\\nयशवंत सिन्हा तृणमूल कांग्रेस में, उनकर कौनो असर नइखे\\nअटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त आ विदेश मंत्री रहि चुकल यशवंत सिन्हा 13 मार्च के कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गउवन. सन 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनला का बाद से यशवंत सिन्हा भाजपा से नाराज़ चलतारे. एही नाराज़गी के दौरान ऊ पार्टी छोड़ले रहले. यशवंत सिन्हा के बेटा जयंत सिन्हा अबहियों भाजपा में बाड़े आ झारखंड के हजारीबाग लोकसभा सीट से सांसद बाड़े. मोदी सरकार के पहिला कार्यकाल में ऊ मंत्री भी रहले. यशवंत सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमला बोलत रहले ह. अब तक अइसन नइखे लागत कि उनकरा तृणमूल कांग्रेस में शामिल भइला से बंगाल विधानसभा चुनाव में कवनो असर पड़ी. अइसहूं यशवंत सिन्हा आउट डेटेज नेता बाड़े. तृणमूल कांग्रेस में शामिल होखे से पहिले यशवंत सिन्हा ममता बनर्जी से उनका घरे भेंट करुअन. मुलाक़ात के बाद सिन्हा केंद्र सरकार पर हमलावर बयान दिहुअन.\\nबंगाल में संयुक्त किसान मोर्चा के इंट्री\\nदिल्ली के किसान आंदोलन में बंगा�� के किसानन के हिस्सेदारी ना रहल ह. वजहें ई बा कि एइजा न्यूनतम समर्थन मूल्य कौनो मुद्दा ना रहल ह. एकरा अलावा एइजा बड़ किसान नइखे लोग. एह परिस्थिति में नंदीग्राम में संयुक्त किसान मोर्चा के सभा के पूरा जिम्मेदारी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर बा. बंगाल के सबसे प्रमुख आंदोलनन में से पहिला नंदीग्राम आ दूसरा सिंगूर रहि चुकल बा. किसानन के जमीन अधिग्रहण के खिलाफ एही दूनों जगहन पर आंदोलन जोर पकड़ले रहे. नंदीग्राम में संयुक्त किसान मोर्चा के महापंचायत भइल ह. राकेश टिकैत भाषण दिहले ह आ कहले ह कि किसान आंदोलन के केहू ना रोक सकेला. आंदोलन के जगह पर पक्का मकान बनाइब जा ताकि आंदोलनकारी ओइजा रहि सक सन. (लेखक विनय बिहारी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं.)","num_words":1804,"character_repetition_ratio":0.075,"word_repetition_ratio":0.029,"special_characters_ratio":0.394,"stopwords_ratio":0.061,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"भोजपुरी सोगहगे बिला मत जाव (बतकुच्चन – ११६) – Anjoria\\nहालही मे एगो विद्वान लेखक के पढ़त रहनी. उनुका लेख में सोगहग के चरचा आइल त उहाँ के लिखले बानी कि शायद सोगहग के जनम संस्कृत के सयुगभाग से भइल जवना के मतलब होला दुनु हिस्सा समेत पूरा. बाकिर हमार बतकुचनी सुभाव के एहसे तोस ना मिलल आ लागल खरकोचे. सोचे लगनी कि सोगहग के माने गह अंग से काहे ना लगावल जाव? गह अंग माने कि जवन सगरी अंग के धइले रहे, गहले रहे. आखिर गह के माने होखबे करेला पकड़ल. हथियार के मुट्ठो के गह कहल जाला. आ गहना मतलब होला बढ़िया से पकड़ल. हो सकेला कि आभूषण के गहना एही से कहल गइल होखे कि ऊ अधिकतर औरतन आ कुछ मरदो लोग के गहले रहेला, धइले रहेला, जकड़ेला रहेला अपना मोहपाश में. आदमी जब बेहिसाब खुश होखेला त ओह खुशी से अस जकड़ जाला कि कहाला कि गहगह हो गइल बा. अब गहकी के एहसे जोड़े के चाहीं त कह सकीलें कि ऊ आदमी जे कवनो चीझु बतुस के लेबे, अपना पकड़ में करे, आइल बा एहसे गहकी ह.\\nअब चलीं सोगहग से कुछ अउर चरचा कइल जाव. जइसे कि एगो राजनीतिक गोल में दू गो गोल अइसन बन गइल बा कि दुनु के सोगहगे चाहीं पार्टी. केहू केहू से तालमेल बिठावे के मूड में नइखे. अब एह सोगहगे घोंटे का फेर में गोल सोगहगे गायब हो जाव, बिला जाव त ओहसे का. बतिया पंचे के रही खुंटवा रहिए प रही वाला अंदाज में बुढ़ऊ माने के तइयार नइखन पचन के राय. पंच फैसला कर के नयका हीरो के जिम्मेदारी सँउप दिहलें त बुढ़ऊ फनफना उठले, आखिर भर उमिर जवन�� सपना का आस में बिता दिहलें तवन आखिर घड़ी में काहे छोड़सु आ खासकर के तब जब सिकहर अब टूटल तब टूटल का हाल में. बिलाई का भागे टूटल चाहत बा तबले आ गइलन ई दोसर जने ओह हाँड़ी के दही चाटे.\\nबाकिर ई सिकहर का ह? ई बतवला से पहिले एगो कवि के कविता के कुछ लाइन दोहरावल चाहब. अनन्त देव पाण्डेय अनन्त लिखत बानी कि,\\n“ढेंका जाँत कहाँ चलि गइलें, ओखर मूसर कहाँ परइलें, होत भोरहरी में घम घम घम, चिउरा कहीं कूटाते नइखे, गउवाँ गाँव बुझाते नइखे. कोठिला कोठिली ले कगरइलें, डोका डोकी कहाँ हेरइले, झाँपी मोन्हीं कुरूई खातिर, बरुआ कहीं बन्हाते नइखे, गउवाँ गाँव बुझाते नइखे. कुण्डा छोंड़ नाद आ गगरी, मेंटा पूरा दुदहँड़ सगरी, हाँड़ी परई घरिया दियरी, भरुका आज गढ़ाते नइखे, गउवाँ गाँव बुझाते नइखे.”\\nदेखलीं कवि जी कतना शब्द एहमें बता गइनीं. बहुत कमे लोग होखी जे एह शब्दन के मतलब बता सकी. काहे कि जवन चीझ होखबे ना करी तवना के देखब जानब कइसे? एहिसे कुछ शब्द बिलात रहेली सँ आ कुछ गढ़ात रहेली सँ. भाषा जीयत रहेले आ शब्द बदलत रहेलें. आ अब त भोजपुरी भासो पर संकट आइल चाहत बा. हवा बान्हे वाला लोग भलही कहत फिरे कि मारीशस, त्रिनिडाड समेत बीसन देश में भोजपुरी बोलाले बाकिर सचाई त इहे बा कि मारीशस आ त्रिनिदाद में एकर कवनो मोल नइखे रह गइल. आखिर भोजपुरी जान पढ़ के होखी का जब एकरा से कवनो नौकरी नइखे मिले वाला, पेट नइखे पोसाए वाला?\\nत भोजपुरी सोगहगे बिला मत जाव एहला पूरा समाज के लागे के पड़ी. अबहीं त हाल ई बा कि सोगहग के कुछ लोग सोझहग कहि दी तबो केहू काटी ना. काहे कि काटे खातिर जाने के पड़ी सोगहग भासा.\\n2 thought on “भोजपुरी सोगहगे बिला मत जाव (बतकुच्चन – ११६)”\\nकई-कईगो लमहर, पोढ़गर, सोगहग ऊँखी एक्केलगतारी खइले के मजे कुछ अउर होला। सोगहग के सुन्नर अउर तर्कसंगत बखान खातिर साधुवाद।।\\nसोगहग पर एगो सोगहग आलेख … खूब भैया\\nपाण्डेय जी कविता राउर सोगहग विचार के पूरा कर रहल बिया –\\n“ढेंका जाँत कहाँ चलि गइलें, ओखर मूसर कहाँ परइलें, होत भोरहरी में घम घम घम, चिउरा कहीं कूटाते नइखे, गउवाँ गाँव बुझाते नइखे. कोठिला कोठिली ले कगरइलें, डोका डोकी कहाँ हेरइले, झाँपी मोन्हीं कुरूई खातिर, बरुआ कहीं बन्हाते नइखे, गउवाँ गाँव बुझाते नइखे. कुण्डा छोंड़ नाद आ गगरी, मेंटा पूरा दुदहँड़ सगरी, हाँड़ी परई घरिया दियरी, भरुका आज गढ़ाते नइखे, गउवाँ गाँव बुझाते नइखे.”","num_words":653,"character_repetition_ratio":0.069,"word_repetition_ratio":0.106,"special_characters_ratio":0.397,"stopwords_ratio":0.051,"flagged_words_ratio":0.002,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"हँ हम दस गो भोजपुरी फिलिम ठुकरइनी आ ओकर साफ वजहो बा हमरा लगे – कहलन विनय आनंद – Anjoria\\nहँ हम दस गो भोजपुरी फिलिम ठुकरइनी आ ओकर साफ वजहो बा हमरा लगे – कहलन विनय आनंद\\nपिछला दिने विनय आनंद सोझ बात बतियावत कहलन कि ऊ तय कर लिहले बाड़न कि अब वइसने फिलिम करिहन जवना के निर्माता निर्देशक फिलिम बनावे के बेंवत राखत होखसु. शौकिया तौर पर फिलिम बनावे आइल निर्माता लोग का साथे काम ना करीहें. एही ले हाल में ऊ नाहियो त दस गो फिलिम के आफर नकार दिहलन. एह फिलिमन के कहानियो कमजोर रहुवे आ निरमाता निर्देशको. एह लोग के फिलिम बनावे के चाहत कम रहल आ फिलिमगिरी करे के अधिका.\\nकहलन कि भोजपुरी सिनेमा कवनो एक हीरो, कवनो एक डिस्ट्रीब्यूटर भा कवनो एक फाइनेंसर के मोहताज नइखे. जवना दिने ओवरसीज मार्केट खुल जाई तवना दिन से सिनेमा भोजपुरीओ एगो बड़हन सिनेमा इंडस्ट्री में गिनाए लागी. भोजपुरीओ फिलिम १०० करोड़ के बिज़नस करे लगीहें सँ. अगर हैदराबाद आ तमिल के फिलिम एतना बिजनेस कर सकेली सँ त भोजपुरीओ फिलिम कर सकीहें. कुछुओ नामुमकिन ना होखे. जहिया से कंप्यूतराइज्ड टिकट कटे लागी भोजपुरी फिलिम देखावे वाला थिएटरन के त ओही दिन से बिहार आ यूपी में बिजनेस बढ़े लागी. कहलन कि समय आ गइल बा कि मौजूदा रावणन का हाथ से तलवार छीन के राम के खोजीं सँ आ तलवार उनका हाथ में दे दीं सँ. तब सिनेमा भोजपुरी इंडस्ट्री भारत का साथही पूरा दुनिया में आपन अलग पहिचान बनावे में सफल हो जाई”","num_words":243,"character_repetition_ratio":0.064,"word_repetition_ratio":0.051,"special_characters_ratio":0.362,"stopwords_ratio":0.062,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"एगो अउरी बगावत क आग लहकल मुहूर्त भइल एक और बग़ावत की आग के – Anjoria\\nएगो अउरी बगावत क आग लहकल मुहूर्त भइल एक और बग़ावत की आग के\\nसिस्टम लोग खातिर बनल भा बनावल जाले, बाकिर सिस्टम क हिसाब से लोग ना बनावल जा सके. जबहिए अइसन कोशिश होखि त बगावत त होखबे करी. इहे संदेश ले के आवत बा निर्देशक दिनेश मिश्रा के अगिलका फिलिम “एक और बग़ावत की आग”. निर्माता बलराम सी शर्मा अउर सुनील दतिया के एह फिल्म क म्यूजिकल मुहूर्त हाल ही में धूम-धाम से मुंबई का कृष्णा स्टूडियो 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भीड़ जुटत बा एकरा देखे ला आ जेही देखत बा उहे कहत बा कि ढेर दिन बाद लीक से हट के बनल कवनो भोजपुरी फिलिम देखे के मिलल बा.\\n‘इ कईसन प्रथा’ के नायक नायिका एक्शन स्टार विराज भट्ट आ भोजपुरी के नंबर वन अदाकारा रिंकू घोष बाड़ी. निर्माता दिलीप कुमार वर्मा आ निर्देशक अउर नृत्य निर्देशक निहाल सिंह हउवें.\\n‘जो जीता वही सिकंदर’ के शूटिंग पूरा हो गइल\\nदिनेश यादव आ राकेश मिश्रा अउर कलुआ के दिवानगी प्रगति पर","num_words":115,"character_repetition_ratio":0.124,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.398,"stopwords_ratio":0.061,"flagged_words_ratio":0.009,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Corona lockdown destroyed lives know how back on track Bhojpuri: चिरई-चुरुंग आ गोरू-माल, लोकजिनिगी के खुशहाली के सुर-ताल – News18 Hindi\\nCORONA LOCKDOWN DESTROYED LIVES KNOW HOW BACK ON TRACK\\nBhojpuri: चिरई-चुरुंग आ गोरू-माल, लोकजिनिगी के खुशहाली के सुर-ताल\\nसन् 2020 में जब महामारी कोरोना का चलते लॉकडाउन के नौबत आइल, त नगर-महानगर में एगो अजबे नजारा देखे के मिलल. ओह घरी ढेर पाखी साइबेरियो से असमय आ गइल रहलन स. किछु अनेरिया कुकुरो-बिलारि के खाए-पीए के इंतजाम होखे लागल रहे.\\nLast Updated : May 22, 2021, 07:21 IST\\nसन् 2020 में जब महामारी कोरोना का चलते लॉकडाउन के नौबत आइल, त नगर-महानगर में एगो अजबे नजारा देखे के मिलल. मनई त अपना-अपना घर में लुकाइल रहे,बाकिर कई गो माल-मवेशी आ जंगली जीव सुनसान सड़क पर चहलकदमी करत रहले स. मोर मगन मन से नाचत रहलन स आ कौआ-काग,गौरैया, कबूतर, पंडुक, सुग्गा, मैना, रूखी-ना जाने कहवां से आके एने-ओने चहकत रहलन स. फेरु त बहुत लोग के मन-मिज़ाज बदलल आ बालकनी में भा छत पर च���रई-चुरुंग खातिर दाना-पानी रखाए लागल. ओह घरी ढेर पाखी साइबेरियो से असमय आ गइल रहलन स. किछु अनेरिया कुकुरो-बिलारि के खाए-पीए के इंतजाम होखे लागल रहे.\\nएने एगो खबर देखे के मिलल कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के ऊ चहेता कुकुर मरि गइल,जवन पछिला दस साल से उन्हुका संगें रहे आ जेकरा के ऊ आपन सच्चा संघतिया बतवलन. इहवां के लोकजिनिगी के खुशहाली के सुर-ताल होलन चिरई-चुरुंग आउर गोरू-माल. इहवां के लोक भोर में मुरुगा के बांग सुनिके जागत रहे. लरिकाईं में जब हमनीं के सबक रटे खातिर भोर में उठिके पढ़ाई करीं जा,त ओह घरी नांद में गोताइल सानी-पानी में मुंह डुबवले बैल,गाइ,भइंसि के गरदांव में बान्हल घंटी समवेत सुर में एह तरी टुनटुना स,जइसे मंदिर में पूजा-पाठ होत होखे. परिवार के मए लोग पशु-पक्षी खातिर संवेदनशील होत रहे. खात खा पहिला रोटी गाइ खातिर रखा जात रहे आ आखिरी रोटी कुकुर खातिर. अंगना में भा दुआर प\\nबांस गाड़िके धान के झोंप बान्हि दिहल जात रहे, जवना से कि चिरई-चुरुंग आके खात रहसु आ चहचहाहट से घर-आंगन गुलजार भइल रहो. इहां तक कि चिउंटिओ के बिल का लगे सातू-गूर धरात रहे. दुआर प सरसों छिटा जात रहे आ जहां-तहां से उड़त कबूतर आके दुआर के शोभा बढ़ावऽस.\\nमाल-मवेशी, चिरई-चुरुंग का संगें सांचो के दोस्ताना नेह-नाता होत रहे. पशु-पक्षी आ अदिमी एक-दोसरा के पूरक होत रहे. अतने भर ना, दूनों मिलि-जुलि के कुदरत के हिफाजत करत रहे आ एक-दोसरा प आपन जान छिरिकत रहे. अनबोलता जनावर मालिक खातिर अपना के कुरबान कऽ देत रहलन स आ मनइयो उन्हनीं से बिछुड़िके अतना गमगीन हो जात रहे, जइसे आपन कवनो सवांग गंवा देले होखे.\\nतब,अदिमी, माल-मवेशी, चिरई-चुरुंग-सभ मिलिके हरेक आफत-बिपत के हंसत-खेलत मुकबिला करत रहे. लोग-लरिकन के वियोग-बिछोह में जनावर आ चिरइयो दुख में डूबि जात रहे.\\nजैव विविधता हमनीं के संस्कृतिओ के हिस्सा रहल बा. अधिकतर देवी-देवता के वाहन इहे पशु-पक्षी रहल बाड़न. भोले बाबा के सवारी बा बंसहा बैल. दुरुगा माई सिंह के सवारी करेली. गणेशजी मूस प सवार बाड़न,त लछिमीजी के प्रिय बा उरुआ. गाइ के त महतारी के दरजा हासिल बा. पितरपख में कौआ के महातम हो जाला,त दशहरा में नीलकंठ के. जिनिगी में डेगे-डेग तमाम जीव के संग-साथ जीए के होसिला देत आइल बा. तबे नू नागपंचमी के नाग देवता के पूजा होला आ लोकोकथा में नाग मनई के हितैषी के भूमिका न��बाहत बा.\\nवनवास के दौरान रावन जब सीता जी के हऽरि ले जात बा, त बेयाकुल राम तमाम जनावर-पखेरू से जंगल में घूमि-घूमि के पूछत बाड़न-\\nहे खग-मृग हे मधुकर सैनी!\\nतुम देखी सीता मृगनैनी?\\nजइसे नीम के फेंड़ प चिरई चहकेले,ओइसहीं घर-आंगन में बेटियन के किलकारी गूंजत रहेला. एह से, ना कबो चिरई-चुरुंग के बसेरा नीम के गांछ काटे के चाहीं, ना कबो बेटी के कलेस देबे के चाहीं.\\nकतना सुचिंतित सोच छिपल बा एह लोकगीत में-\\nबाबा! निमिया के फेंड़ जनि काटहु\\nनिमिया चिरइया बसेर,\\nबाबा!बिटिया के जनि दुख देहु\\nबिटिया चिरइया के नांइ,\\nसगरी चिरइया उड़ि जइहें\\nरहि जइहें निमिया अकेल.\\nसिरिफ अतने ना, लरिकी के तुलना अंगना के चिरई आ खूंटा में बान्हल गाइ से कइल गइल बा.एगो विदाई गीत में कहल गइल बा-\\nकाहे को ब्याहे बिदेस रे,सुन बाबुल मोरे!\\nहम तो बाबुल तोरे अंगना के चिरई\\nभोर होत उड़ि जाय रे,सुन बाबुल मोरे!\\nहम तो बाबुल तोरे खूंटे के गइया\\nहांके जिते हंकि जाय रे, सुन बाबुल मोरे!\\nवियोग-बिछोह के बात पर इयाद आवत बा लरिकाईं के एगो घटना. होश सम्हारला प देखलीं कि घर के बरंडा में टांगल पिंजड़ा में लाल ठोर आ रेघारी वाली एगो हरिअल सुग्गी रहे,जवना के मीठ बोली सभके मन मोहि लेत रहे. बाकिर स्कूल के पंडी जी के जब ई बात मालूम भइल,त उहांके समुझवनीं कि चिरई-चुरुंग के कैद कइल नीमन काम ना होला. फेरु त हम घरे आवते पिंजड़ा खोलिके सुग्गी के उड़ा दिहलीं. सुग्गी जाके अंगना के मुंड़ेरा प बइठि गइल.उहवां से फेरु उड़े के कोशिश कइलस,बाकिर ओकरा से त उड़ले ना जात रहे. तलहीं एगो कौआ ओकरा प ठोर मरलस. ऊ सम्हरल चहलसि,तलहीं ना जाने केने से आके एगो बाज़ झपट्टा मारे लागल आ सुग्गी हारि-पाछिके अंगना में,\\nफेरु बरंडा के पिंजड़ा प बइठि गइलि. आजी हमरा के डांटत सुग्गी के हाथ में लेके पोल्हावे लगली. हमरा के काटऽ त खून ना. फटाफट घर में से मलहम ले आके लगवलीं आ अपना करनी प अफसोस करे लगलीं. ओकरा बाद रोज पिंजड़ा खोलिके सुग्गी के बहरी निकालल जाउ,ऊहो खुश होके चहकत एने-ओने फुल्के,फेरु खा-पीके खुदे पिंजड़ा में ढूकि जाउ,काहें कि केहू के ना रहला प बिलार से डर रहे. आगा चलिके एक दिन पलखत पावते बिलार झपटिके ओकर जान ले लेले रहे आ हम ढेर दिन ले आपन सुध-बुध भुलाके ओकरा शोक में डूबल रहि गइल रहलीं.\\nएही सिलसिला में मन परत बा सी एफ एंड्रूज के बचपन के एगो कथा. उन्हुका घर के झरोखा पर बनल खोंता में चिरई के एगो जोड़ा रहत रहे. एक दिन जब चिरई बहरी गइल रहे,त बालक एंड्रूज खोंता में झांकिके देखलन,उहवां उज्जर-उज्जर दूगो अंडा रहे. ऊ उठा लिहलन आ अपना माई के देखावे लगलन. माई डपटत अंडा उहंवें धऽ देबे के कहली,काहें कि चिरई आके जब आपन अंडा ना देखी,त ऊ रोवत-कलपत आपन जान दे दी. ऊ अंडा राखे जाते रहलन,तले चिरई 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आपन खास बेकति तक पहुंचावल जाला आ जब ऊ रो-धो लेला,तब ई मानल जाला कि गरह कटि गइल.\\nएही तरी खंजन चिरई, जवना के भोजपुरी इलाका में खंड़लिच कहल जाला,जातरा पर लउकि गइल शुभ आ मंगलकारी मानल जाला. 'पद्मावत' के रचयिता मलिक मुहम्मद जायसी के त अतना ले कहनाम रहे कि कमल के फूल मुंह में लेके फन कढ़ले सांपो प बइठल खंड़लिच लउकि जाउ,त देखनिहार के धन-दौलत,राजपाट जरूरे भेंटाई-\\nपन्नग पंकज मुख गहे, खंजन तहां बईठ,\\nछत्र,सिंहासन, राजधन,ता कहं होइ जो डीठ.\\nजवना फेंड़ प बकुला बइठि जाला आ जवना घर प गिद्ध बइठि जाला, ओकर बिधनस के घोषणा हो जाला.बाकिर गिद्ध-चिल्होर के त सरल-गलल मांस खाके वातावरन के साफ-सुथरा बनावेवाला जनमजात सफाईकर्मी मानल जात रहल हा.\\nबाकिर हमनीं के कीटनाशक के इस्तेमाल कऽके गिद्धन के मुआ घलनीं जा. घर-घर में फुदुके���ाली बाभन चिरई फुरगुद्दी लोप होखे का कगार पर बिया,तबे नू ओकरा संरक्षण खातिर बीस मार्च के दुनिया गौरैया दिवस मनावेले. ट्रैक्टर, ट्राली, थ्रेसिंग मशीन हर-बैल के खातमा कऽ दिहलस. जइसे लरिकिन के कोखे में भ्रूण हतिया होत बा, ओही तरी जर्सी गाइ के बछरू बधल जात बाड़न स. कबो खेत-खरिहान-दुआर के रौनक रहल बैल आजु कसाइयन के हाथ में जाके बधात बाड़न स. बाग-बगइचा-लखरांव उजड़ि गइला प कोइलर के कूक अब सुनात नइखे. बानर गांवागाईं आके काटत-झपटत तबाही मचावत बाड़न स.\\nकतहीं लीलगाइ फसलन के बरबाद करत बाड़ी स, त कतहीं टिड्डियन से जनमानस त्रस्त बा.\\nआजु जरूरत एह बात के बा कि जनजीवन के आफत-बिपत-महामारी से बचावे खातिर कुदरत का प्रति दिल से संवेदनशील भइल जाउ,पर्यावरण के हिफाजत कइल जाउ आ चिरई-चुरुंग, गोरू-माल खातिर नेह-छोह के भाव जगावल जाउ. तबे हमनीं के जिनिगी जियतार बनल रही, नाहीं त ई दुनिया-जहान भूत के डेरा बनिके रहि जाई. (लेखक भगवती प्रसाद द्विवेदी जी वरिष्ठ साहित्यकार हैं. यह उनके निजी विचार हैं.)","num_words":1454,"character_repetition_ratio":0.033,"word_repetition_ratio":0.029,"special_characters_ratio":0.387,"stopwords_ratio":0.063,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"एगो मजदूर के दरद – Anjoria\\n– प्रभाकर पाण्डेय ‘गोपालपुरिया’\\nनून-तेल-भात कबो, कबो दलिपिठवा,\\nकबो-कबो खाईं हम भुँजा अउरी मिठवा,\\nकबो लिट्टी-चोखा त कबो रोटी-चटनी,\\nकई-कई राति हम बिना खइले कटनी.\\nकबो मिलि जाव एक मुठी सतुआ,\\nकबो-कबो खिचड़ी खिया दे नथुआ,\\nकेतने संघतिया त खइले बिना मरलें,\\nउनकर घरवाला त सुधियो ना पवलें.\\nजीवन का होला ई कबो ना बुझाइल,\\nपचीसे बरिसवा में बुढ़ापा घिर आइल,\\nभइल बा बिआह, इहो मन ना परे,\\nतब्बो मनवा ई चाहे पहुँचि जाईं घरे.\\nमनवा मसोसि के हम रहि गइनी,\\nअपना बबुआ के मुहँवा देखिओ ना पवनी,\\nउहे हमार बाबू, आजु एइसन हो गइने,\\nहमरिए नाव पर लूट-पाट 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20220801","original_code":"bho","text":"Movies are also shot at haunted places ghost was also seen in Bipasha Basu s make-up room Bhojpuri: भूतियो जगह पर होखेला फिल्मन के शूटिंग, बिपाशा बसु के मेकअप रूम में लउकल रहे भूत! – News18 Hindi\\nBhojpuri: भूतियो जगह पर होखेला फिल्मन के शूटिंग, बिपाशा बसु के मेकअप रूम में लउकल रहे भूत!\\nभूतन के गाछ आ खंडहर से निकाल के पूरा दुनिया में विचरण करावे में फिल्म इंडस्ट्री के बड़हन हाथ बा. लोग अपना जिनगी में असली भूत देखले होखे भा ना बाकिर सिनेमाई भूत त जरुरे देखले-सुनले होई. लोक चर्चा में त हर गाँव में कुछ भुतहा जगह बा. त सिनेमा भी लोक आ समाज से अलग त बा ना. ओकरे के मिर्च-मसाला लगा के परोसत रहेला, जवना के हॉरर फिल्म कहल जाला.\\nभूत-प्रेत, चुड़इल-जिन्न के कथा हमेशा से रोचक, डेरावन आ रहस्यमयी रहल बा. लगभग सबका घरे ग्रैंड पेरेंट्स के पास भूत भा चुरइल के साँचो के देखला के जिक्र बा. जे गाँवे रहल बा उ त बूझीं जे अइसन दू चार गो गाछ, बगईचा, मोड़ भा ईनार-पोखरा के बारे में जरूरे जानत होई जहां एगो अतृप्त आत्मा के वास बा आ उ हर रोज अपना तृष्णा में भटकेला. हमरो लगे अइसन कई गो कथा बा, ���गो आपबीती भी बा बाकिर आज फिल्मन के बारे में बात होई.\\nफिलिम आ भूत-प्रेत, चुड़इल के नाता बहुते पुरान बा. हमरा कई बेर लागेला कि भूतन के गाछ आ खंडहर से निकाल के पूरा दुनिया में विचरण करावे में फिल्म इंडस्ट्री के बड़हन हाथ बा. लोग अपना जिनगी में असली भूत देखले होखे भा ना बाकिर सिनेमाई भूत त जरुरे देखले-सुनले होई. लोक चर्चा में त हर गाँव में कुछ भुतहा जगह बा. त सिनेमा भी लोक आ समाज से अलग त बा ना. ओकरे के मिर्च-मसाला लगा के परोसत रहेला, जवना के हॉरर फिल्म कहल जाला.\\nत हॉरर फिल्म माने भूतिया फिल्मन के कहानी में एगो चीज जवन सबसे खास होला उ होला जगह. एगो अइसन जगह जहवाँ भूत भा चुड़इल के डेरा बा. एही से रउआ देखले होखब कि पुरान किला, बंद पड़ल घर, वीरान जंगल, श्मशान घाट, कब्रिस्तान भा बंद सड़क के ही सेटअप में हॉरर फिल्म के कहानी के सेट रहेला. रउआ लोग के जान के आश्चर्य होई कि बहुत अइसन हॉरर फिल्मन के शूटिंग भी भूतिया जगह पर ही भइल. माने सीन में स्वाभाविकता लिआवे खातिर अइसन रिस्क लिआइल. अइसनो भइल बा कि कई गो सामान्य कहानी वाला फिल्म अइसन जगह शूट भइल जवन कथित तौर पर भूतिया रहे. उहाँ फिल्म से जुड़ल लोगन के नकारात्मक शक्ति के आभासो भइल.\\nभूतिया शूटिंग स्पॉट मुकेश मिल मुंबई\\nभूतिया शूटिंग स्पॉट के लिस्ट में सबसे पॉपुलर जगह बा मुकेश मिल मुंबई. समुद्र के किनारे बसल दक्षिण मुंबई के कोलाबा में ई मिल के बचल अवशेष भी देख के लोग के मन रोमांच से भर उठेला. ई एगो मात्र अइसन मिल बा जवन समुद्र किनारे बसल बा. एक टाइम में इहाँ कपास से कपड़ा बनावल जाव. ईस्ट इंडिया कंपनी एकर निर्माण 1870 में कइलस. फेर ई 20वीं सदी के मध्य तक आवत-आवत बंद हो गइल. ओकरा बाद 1975 में फेर से एह में निर्माण चालू भइल लेकिन 1982 में भीषण आग लागल आ मिल के सगरो हिस्सा जल गइल अउरी भारी संख्या में मजदूर जर के मर गइलें. ओकरा बादे से ई जगह भूतिया मानल जाये लागल. अइसन लोग कहेला कि उहाँ भूतन के साया हर समय मंडरात रहेला. साँझ के बाद उहाँ फिल्म क्रू काम ना कइल चाहेला.\\nएक बार त अइसन भइल कि जी टीवी के शो बनूँ मैं तेरी दुल्हन के हिरोइन काम्या पंजाबी एगो पागल के रोल करत रहली. एकर शूटिंग मुकेश मिल में चलत रहे. उ सुनले रहली कि जे शूटिंग करेला ओकरा साथे कुछ दुर्घटना होला. उनका साथे भी भइल. उनके गाड़ी खराब हो गइल. पर्स भुला गइल. बाकिर एक दिन जब शूटिंग होत रहे त शो में पागलखाना के उनका साथे पागल के रोल करे वाली लड़की अचानक आपन औरत के आवाज छोड़के मर्दाना के भारी आवाज में बोले लागल आ चिल्ला-चिल्ला के कहे लागल, “यहाँ से चले जाओ ये हमारी जगह है, मैंने मना किया था ना कि मत आना, चले जाओ.” सभे डेरा के भाग गइल. अइसहीं एक बार एगो फिल्म में लइकन के शूट होत रहे. एगो छोट लइकी आपन हाथ पीछे बान्ह के लागल ढिमिलिया खाए. सभे डेरा गइल, सभ लइका रोए चिल्लाए लगलsसन. ओ लइकी के पिता बतवलें कि जइसे उ अपना बेटी के लेके मिल से बाहर गइलें, बेटी ठीक हो गइल. अइसन कई गो आपबीती लोग के साथे भइल बा कि उहाँ सभे शूटिंग करे जाये से डेराला.\\nबिपाशा बसु के मेकअप रूम में के झाँकत रहे\\nऊटी के फ़र्न हिल होटल जहवाँ सुपरहिट हॉरर फिल्म राज़ के शूटिंग भइल रहे, उहाँ घटल अजीब अजीब घटना के फिल्म से जुड़ल लोग जिक्र कइले बा. बिपाशा बसु के भी उहाँ अइसन महसूस भइल रहे कि केहू उनका मेकअप रूम में झाँकत बा. कोरियोग्राफर सरोज खान अपना टीम के साथे ओही होटल में रुकल रहली. एकदिन आधा रात के उनके नींद खुलल जब पहिला फ्लोर पर कुर्सी-टेबुल के उठापटक सुनली त उ रिसेप्शन पर फोन कइली त लाइन डेड बतवलस. अगिला दिने जब शिकायत कइली त रिसेप्शन वाला कहलस कि एह होटल में पहिला फ्लोर त हइए नइखे. सभे डेरा गइल.\\nइंग्लैंड के एलर्टन कैसल भी ह भूतिया शूटिंग स्पॉट\\nफिल्म 1920 साल 2008 के कमाऊ फिल्म रहे आ दर्शक के डेरवावे में सफल भी भइल. एह फिल्म के शूटिंग उत्तर यॉर्कशायर, इंग्लैंड के एलर्टन कैसल में भइल रहे. उहाँ के स्थानीय लोग के अइसन मान्यता बा कि एगो बढ़ई के आत्मा एह महल में रहेला जेके अरबपति मालिक ओकरा के मार देहलस. फिल्म के हिरोइन अदा शर्मा के साथे अइसन घटना भी भइल जब उ बाथरूम में रहली त दरवाजा अपना मने बंद होखे लागल, लाइट जरे बुताए लागल. फिल्म के कुछ एक दू क्रू भी अइसन घटना के जिक्र कइलें.\\nभूतिया फिल्म खातिर मशहूर रामसे ब्रदर्स\\nभारत में भूतिया फिल्म खातिर मशहूर रामसे ब्रदर्स जब आपन सफल भूतिया फिल्म ‘दो गज़ जमीन के नीचे’ के शूटिंग महाबलेश्वर में करत रहे लोग त ओकर अधिकांश हिस्सा कब्रिस्तान अउरी वीरान जगह पर शूट भइल. गंगूभाई रामसे कई बार महसूस कइलें कि जब आधा रात में उ लोग शूटिंग खतम करके लवटे लोग त केहू उनके पीछा करे आ जब उ पलट के देखस त केहू ना रहे. अइसन उनका साथे कई बार भइल. तब उ अपना भाई आ दोसर फिल्म से जुड़ल लोग से पुछलें. उहो लोग अइसन बात कहलें कि उनको साथे अइसन होला.\\nअइसन कई गो किस्सा-कहानी हॉलीवुड फिल्म जगत से भी जुड़ल बा कि जब उ लोग शूटिंग करे असली भूतिया लोकेशन पर गइल लोग त ओहू लोग के कुछ अजीबोगरीब आ अविश्वसनीय-अकल्पनीय घटनन के आभास होत रहल बा.\\nचक्रवात की चेतावनी के बाद केंद्र सरकार भी एक्टिव, NDRF की 18 टीमें तैनात","num_words":1088,"character_repetition_ratio":0.044,"word_repetition_ratio":0.124,"special_characters_ratio":0.396,"stopwords_ratio":0.066,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Know who was Nati Binodini and some interesting facts of her life Bhojpuri: जानीं के रहली नटी बिनोदिनी? उनकर जीवन के कुछ रोचक प्रसंग\\nअपना अभिनय आ कला से बिनोदिनी बंगाली थिएटर के नया आयाम दिहली एहीसे आजुओ बंगाल में ऊ ‘नटी बिनोदिनी’ के नाम से लोगन के दिल में बाड़ी. समय-समय पर बंगाली थिएटर आ टीवी धारावाहिकन में उनकरा कहानी के दोहरावत जात रहेला.\\nLast Updated: April 10, 2021, 12:01 PM IST\\nनटी बिनोदिनी पर भोजपुरी में बहुते कम लेख मिली. के रहली नटी बिनोदिनी? बिनोदिनी दासी (जनम- सन 1862, मृत्यु- सन 1941) के नटी बिनोदिनी के नाम से ढेर जानल जात रहल ह. ऊ कलकत्ता के बांग्ला भाषा के एगो प्रसिद्ध नाट्य अभिनेत्री रहली. नटी बिनोदिनी 12 साल के उमिर में एक्टिंग शुरू कइली आ 23 साल के उमिर में नाटक कइल छोड़ि दिहली. काहें छोड़ली? ई प्रसंग बाद में आई. रंगमंच छोड़ला का बाद सन 1913 में नटी बिनोदिनी आपन आत्मकथा लिखली “आमार कथा” (The Story of My Life) जौना के अंग्रेजी अनुवाद आजुओ बड़ा चाव से पढ़ल जाला. नटी बिनोदिनी उन्नीसवीं शताब्दी के रेयर अभिनेत्री रहली जौन खाली 11 साल तक रंगमंच पर रहि के भारी ख्याति पवली आ कैरियर के शिखर पर रहते अचानक नाटक से सन्यास ले लिहली. एही 11 साल में ऊ 80 गो नाटक में एक्टिंग क चुकल रहली.\\nबंगाली थिएटर देश के गिनल- चुनल थिएटर रहे जौन अपना नाटकन में महिला कलाकारन के स्टेज पर उतार दिहलस. ओही शुरुआती दौर के पहिला कुछ महिला कलाकारन में से एगो रहली बिनोदिनी दासी. ना त पहिले मरदे, औरत बनि के एक्टिंग करत रहल ह लोग. त नटी बिनोदिनी के माता आ दादी वेश्या रहे लोग. घर में घनघोर गरीबी रहे. उनकरा छोट भाई के सिर्फ पांच साल के उमिर में एसे शादी क दियाइल कि दहेज़ में सोना के गहना मिली जौना के बेंचि के घर के खर्चा चली. भाइयो कुछ दिन बाद मरि गइल. बिनोदिनी के ऊपर घर चलावे के ज़िम्मेदारी आ गइल. नतीजा ई भइल कि 12 साल के उमिर से ही ऊ थिएटर करे सुरू दिहली. थिएटर के दुनिया से उनकर पहिचान ओह समय के एगो थिएटर गायिका गंगाबाई करववली. गंगाबाई उनकरा घर में किराया पर रहे आइल रहली आ ऊहे बच्ची बिनोदिनी के गायन सिखावे लगली. एह लेख में आगे बहुत रोचक बात बाड़ी सन. बाकिर कुछ फैक्ट जानल जरूरी बा. कुछ लाइन उनुका फैक्ट पर रहो. ओकरा बाद रोचक तथ्य पर.\\nअपना अभिनय आ कला से बिनोदिनी बंगाली थिएटर के नया आयाम दिहली एहीसे आजुओ बंगाल में ऊ ‘नटी बिनोदिनी’ के नाम से लोगन के दिल में बाड़ी. समय-समय पर बंगाली थिएटर आ टीवी धारावाहिकन में उनकरा कहानी के दोहरावत जात रहेला. ऊ पहिला एक्टर रहली जौन एकही नाटक में अलग- अलग भूमिका में आके लोगन के अपना अभिनय कला से चकित क देसु. ‘मेघनाद वध’ में ऊ छव गो अलग-अलग भूमिका निभावली – परिमाला, बरुनी, रती, माया, महामाया आ सीता. एकरा अलावा ‘दुर्गेश नंदिनी’ नाटक में ऊ तीन गो किरदार के अभिनय कइली. त उनुकरा अभिनय के रेंज के आजु ले केहू मूल्यांकन ना क पावल.\\n‘चैतन्य लीला’ में उनकर अभिनय के चर्चा पूरा बंगाल में फइल गइल. दर्शकन के लागे कि जइसे खुदे संत चैतन्य महाप्रभु सामने आके खड़ा हो गइल बाड़े. चैतन्य महाप्रभु के एक्टिंग नटी बिनोदिनी कइले रहली. ई नाटक एगो अउरी वजह से चर्चा में रहे. महान संत रामकृष्ण परमहंस, खुदे एह नाटक के देखे खातिर आ गइले. नाटक देखला का बाद ऊ नटी बिनोदिनी के कला से एतना प्रभावित भइले कि खुदे जाके बिनोदिनी से मिलले आ उनुका कला के सराहना कके आसिरबाद दिहले.\\nआजु भी कहल जाला कि ‘चैतन्य लीला’ के समय नटी बिनोदिनी के थिएटर कैरियर अपना चरम पर रहे. हर तरफ अभिनय के दुनिया में उनकरे नांव सुना. एकरा दू साल बाद, सन 1887 में ऊ आपन आखिरी नाटक ‘बेल्लिक बाज़ार’ नाटक में अभिनय कके सिर्फ 24 साल के उमिर में रंगमंच के दुनिया से अलग हो गइली. कारन? लोग अलग-अलग वजह बतावेला. केहू कहेला कि संत चैतन्य के भूमिका से उनुका मन पर एतना गहिर छाप परल कि उनुकर मन एह दुनिया से विरक्त हो गइल, त केहू कहेला कि अपना निजी संबंध के कारन ऊ एक्टिंग कइल छोड़ि दिहली. ईहो माने वाला ढेर आदमी बाड़े जे कहेला कि रामकृष्ण परमहंस के आसिरबाद में एतना असर रहे कि उनुकर मन भगवान में लागि गइल आ थिएटर उनुकरा व्यर्थ लागे लागल. जौन भी कारन होखे, बाकिर नटी बिनोदिनी के अभिनय के छाप अइसन रहे कि आजु ले उनुकर नांव अमर बा. थिएटर के पहिली महिला कलाकारन में से एगो रहला के अलावा, नटी बिनोदिनी आपन आत्म-कथा लिखे वाली गिन���- चुनल दक्षिण एशियाई अभिनेत्रियन में से एगो गिनाली.\\nसन 1913 में ‘अमार कथा’ लिखली आ 1924-25 में ‘अमार अभिनेत्री जीबन’ किताब लिखली. ए किताबन में ऊ अपना जीवन (स्टेज पर आ स्टेज के बाहर) के उतार-चढ़ाव के बारे में रोचक ढंग से लिखले बाड़ी. एह किताबन में ऊ थिएटर के दुनिया में महिला के साथे पक्षपात आ दुर्व्यवहार के उजागर कइले बाड़ी. उनकरे किताब पढ़ि के लोगन के पता चलल कि कइसे कलकत्ता के मशहूर ‘स्टार थिएटर’ के निर्माण खातिर नटी बिनोदिनी अपना देह के सौदा कइली.\\nगिरीश चंद्र घोष जब आपन एगो थिएटर बनावे के सोचले त उनुकर ई सपना, नटी बिनोदिनी के भी सपना बनि गइल. बाकिर समस्या रहे कि रुपया कहां से आई? तले गिरीश घोष के एगो व्यवसायी गुरुमुख रे ऑफर दिहले कि ऊ उनुकरा के थिएटर बनावे खातिर रुपया दीहें. बाकिर बदला में गुरुमुख राय कहले कि अपना नाटक मंडली के सबसे होनहार आ मशहूर कलाकार- नटी बिनोदिनी हमरा के देदीं. माने नटी बिनोदिनी उनुकर उप पत्नी बनि के रहसु. नटी बिनोदिनी के ई जानकारी मिलल. उनुका कुछ समुझे में ना आइल कि का करसु? उनुका के असमंजस से निकाले खातिर गुरुमुख राय एगो अउरी पासा फेंकले. कहले कि जदि नटी बिनोदिनी उनुकर ई शर्त मानि लीहें त ऊ थिएटर के नांव नटी बिनोदिनी के नांव पर रखिहें.\\nअपना कुछ साथी कलाकारन के समुझवला आ अपना गुरु गिरीश चंद्र घोष के सपना खातिर नटी बिनोदिनी गुरुमुख राय के शर्त मानि लिहली. एगो शादीशुदा आदमी के साथे उप पत्नी बनि के रहे खातिर ऊ स्वीकार क लिहली. उद्देश्य ई रहे कि कला आ रंगमंच के सही मुकाम मिल सके. बाकिर उनुका ई पता ना रहे कि जौना रंगमंच के ऊ आपन मुकुट बनवले बाड़ी उहे रंगमंच उनुका संगे धोखा करी.\\nथिएटर के निर्माण पूरा भइल त गुरुमुख राय आ गिरीश चंद्र घोष थिएटर के नांव बिनोदिनी थिएटर ना राखि के ‘स्टार थिएटर’ राखि दिहल लोग. ओह लोगन के लागल कि वेश्या परिवार के लड़की के नांव पर थिएटर के नांव राखल ठीक नइखे. ये वो पल था जब दकियानूसी सोच, कला और किए गए वादे पर भारी पड़ चुकी थी. नटी बिनोदिनी के दिल पर बड़ा भारी चोट लागल. बाकिर केहू तरे ऊ एकरा के सहि लिहली.\\nनटी बिनोदिनी ज़हर के घूंट पी लिहली. कौनो विरोध ना कइली. बाकिर उनुकर नाराजगी उनकरा किताबन में लउकि जाई. नटी बिनोदिनी के किताबन में ऊ कुछ सवाल खुद से कइले बाड़ी जौन कि किताब के मार्मिक अंश मानल जाला. त नटी बिनोदिनी अपना पहिचान ख���तिर लेखन के माध्यम से लड़ाई लड़त- लड़त मरि गइली आ एही से उनकर अमरता भी जुड़ि गइल. बिना कौनो स्कूली पढ़ाई के, एगो परफेक्ट आ दिल छू लेबे वाली आत्मकथा लीखल निश्चिते विलक्षण प्रतिभा कहाई. नटी बिनोदिनी 100 गो के करीब कविता भी लिखले रहली. केहू सरियावे, जतन करे वाला रहित त उहो पढ़े के मिलित. कउनो दुर्लभ चीज भुला जाला तब जाके ओकर असली कीमत के पता चलेला. (लेखक विनय बिहारी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं.)","num_words":1202,"character_repetition_ratio":0.069,"word_repetition_ratio":0.05,"special_characters_ratio":0.398,"stopwords_ratio":0.072,"flagged_words_ratio":0.002,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Whole area is smelled with mango seeds and mahua flowers in Chaitra Bhojpuri: चइत के सुगबुगाहट अउर आम के मोजरि आ महुआ के फूल से गमकेला इलाका\\nCSK VS PBKS Live: दीपक चाहर ने बरपाया कहर, पंजाब की आधी टीम पवेलियन में\\nआम के फेंड़ त अबहियों खूब भा, बाकिर महुआ कमतरा गइल बा. तीस-चालीस साल पहिले भोजपुरिया इलाका में भी ऊ बेयार बहलि सुरू हो गइल रहे, जवना में फेंड़-खूंट के बेंचल आ काटल जइसे सवख हो गइल रहे. उहे ऊ दौर रहे, जब भोजपुरिया समाज भी आधुनिकता की ओर आगे बढ़त रहे.\\nLast Updated: April 7, 2021, 7:00 PM IST\\nचइत में जइसे-जइसे सुरूज भगवान चटख होत जाले, ओइसे-ओइसे भोजपुरिया इलाका के दूगो गंध मदिया देला... आम के मोजरि आ महुआ के फूल के गमक से जइसे भोजपुरिया इलाका में महमहा जाला. आम के फेंड़ त अबहियों खूब भा, बाकिर महुआ कमतरा गइल बा. तीस-चालीस साल पहिले भोजपुरिया इलाका में भी ऊ बेयार बहलि सुरू हो गइल रहे, जवना में फेंड़-खूंट के बेंचल आ काटल जइसे सवख हो गइल रहे. उहे ऊ दौर रहे, जब भोजपुरिया समाज भी आधुनिकता की ओर आगे बढ़त रहे. माटी वाला खपरइल छवाइल घर जइसे पिछड़ापन के निसानी बनि गइल आ सिरमिट-गारा वाला ईंटा के घर के ओर भोजपुरिया समाज भी बढ़े लागल रहे. विकास के नाम पर ई बदलाव जब आवे लागल त सबसे बेसी नोकसान महुए के फेंड़ के पहुंचवलसि... गांवा-गाईं वन विभाग के दरोगा-सिपाही के मिलीभगत से महुआ, जामुन, बन जिलेबी, कोंइति, बड़हर आदि के फेंड़ काटाए लगले स. जब महुआ के फेंड़े ना रहिहें त मादक गंध त कम होखबे करी. ई बात आउर बा कि अबहियों झारखंड, छत्तीसगढ़ में बाकी भोजपुरिया समाज के तुलना में महुआ के फेंड़ ढेरे बाड़े स.\\nमहुआ भोजपुरिया समाज के इकोतंत्र के महत्वपूर्ण हिस्सा रहे. ओकर कई गो इस्तेमाल रहे. जइसे कांच महुआ के फूल के रस निकालि के ओकरा के आटा में मेरा के दूगो वेंजन त भोजपुरिया समाज के घर-घर में बनत रहे. पहिलका रहे लपसी आ दोसरका रहे पुआ. लपसी के माने ई समझीं कि बिना घीव में भूजल आटा के महुआ के मीठ रस मिलाके बनल हलुआ. एकरा गांवन में कांची भी कहल जाला.\\nकुछु घरन में त महुआ के रस से आटा के मीठ कढ़ी भी बनत रहे. ओह में आटा के महीन-महीन पारथी भी पकावल जात रहे. अब भोजपुरिया समाज एह सवाद के भूलि गइल बा.\\nभोजपुरिया लोकगीतन में महुआ बीनला के बहुते वर्णन बा-\\nमहुआ बीनन हम ना जाइबि हो रामा,\\nदेवरू के संगिया..\\nकवनो महुआ होत भिनसारे चुएला ता कवनो घाम चढ़ला. हमनी के बचपन में आपाना बगइचा में दूनों तरह के महुआ देखले आ ओकर फूल के बिनले रहनी हा जा.\\nमहुआ के बीनि के ले आके सुखावल जात रहल हा. सुखल महुआ के फेरू मुंगरी से पिटाई होई आ ओकरा में से झाला निकालल जात रह हा. ओह में से एक-दू बोरा घर के खर्चा खातिर राखात रहल हा आ बाकिर बैपारी लोगन के बेचात रहल हा. हमनी के बचपन में फिक्स रहे कि ठीक बैसाखी सिराति के पहिले महुआ बेचाई आ ओकरा से मिलल पइसा हम भाई-बहिनि में बंटाई. ओहि पइसा से हमनीं के छितौनी के सिराती मेला जात रहनी हा जा.\\nसूखल महुआ के गरमी के दिन में खाए में इस्तेमाल ना होत रहे. काहें कि महुआ गरम होखेला. जब बाराखा बाजत रहे त महुआ बाखारि में से निकलात रहे. ओकर तब दूगो इस्तेमाल होत रहे. गाइ-गरू के खियावे के आ अपने खाए के. एहू में धेयान राखात रहे कि जवना के स्वाद तनी बढ़िया होत रहे, ऊ आदमी के खियावे-खाए के काम आवत रहे आ जवना के सवाद तनी ठीक ना रहे, ओकरा के गाइ-गोरू के खियावल जात रहे.\\nगाइ-गोरू के खियावे खातिर महुआ पहिले भेंवात रहे, फेरू ओकरा के भूसा में मिला के खियावल जात रहे. एह में एक बाति के धेयान राखात रहे. लगहरि आ गाभिन गाइ-भंइसि छोड़ि के सबके खियावल जात रहे.\\nएही तरह जब बूनी-बरखा तेज होत रहे त महुआ के खाए खातिर भेंवाई होत रहे. ओकर रस निकालि के ओह में आटा फेंटि के ओकर महुअरि यानी महुआ के पुआ छानाति रहे. जेकरा पसन आवे त कांचियो-लपसी बनत रहे.\\nमहुआ भूंजि के भी बूंट-मटर के घुघुनि संगे खाइल जात रहे. पहिले जब धान खातिर लेव लागत रहल हा त आदमी-जन, बनिहार-हरवाह के पनिपियाव में इहे जात रहल हा.\\nमहुआ बहुत पौष्टिक होला. ओकरा में एंटीबाटी, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट आ फाइबर खूब पावल जाला. पश्चिम बंगाल से सीपीएम के एगो सांसद रहली डॉक्टर चंद्रकला पांडे. दू मर्तबा राज्यसभा में रहली. उनुका डांड़, पीठ��� आ गोड़ के दरद जाते ना रहे. तमाम इलाज के बाद हारि के ऊ कवनो वैद से मिलली. ऊ उनुका के महुआ के भूनि के दूध में दू दाना खाए-पिए के कहले. एह से उनुकर दर्द दूर हो गइल त ऊ जब केहू से मिलसु त महुआ के गुणगान कइला से ना रूकत रहली.\\nमहुआ से तो देसी शराबो बनेला. झारखंड आ छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज में ओकर बहुते महत्व बा.\\nभोजपुरी समाज के महुआ सौंदर्य आ शृंगार के भी जबरदस्त प्रतीक ह. एकर असर देखे होखि त भोजपुरी के आधुनिक कविता में देखल जा सकेला. भोजपुरी के मसहूर कवि रहनीं सरयू सिंह ‘सुंदर’. फेंड़ से चुअत महुआ के सौंदर्य पर उहां के इ रचना देखीं-\\nगंछिया से टप-टप महुआ चुएला\\nजइसे नयनवा से लोर.\\nमहुआ के गंछिया मातल मलिनिया\\nमनवा में उठेला हिलोर..\\nदेखीं कवि के उड़ान, महुआ के चुअल उहां के नायिका के आंखि से गिरत लोर नीयर लागता. महुआ का गांछी के कवि जी मातल जवानी से करतारे. अइसना में प्रेम के हिलोर ना उठी ता का होई.\\nमहुआ में जवन नाशा होला, ओह से एगो विरही नायिका घबरातिया. काहें कि ओकरा डर बा कि महुआ के मादक गंध कहीं ओकरे के ना मतवाला बना दे आ ओह हालति में कहीं ऊ ऊंच-नींच ना कई बइठे, काहें कि पिया त दूर परदेस में बा. भोजपुरी कवि रिपुसूदन श्रीवास्तव जी के एह रचना में ई भाव देखीं,\\nमातल बा महुआवा, बाड़ा डर लागे.\\nएक त अकेल, दूजे निसइल का आगे..\\nभोजपुरी रचनाकारन के महुआ के मादकता बहुते प्रभावित कइले बा. मुक्तेश्वर तिवारी ‘चतुरी चाचा’ के एह रचना में देखीं,\\nरंगवा के पनिया में चुनरी रंगइली आ\\nसोनवा के पनिया में सरेहि.\\nमहुआ मदन-रस टपकेला बगिया में,\\nमातल बसंतवा में देहि.\\nचतुरी चाचा कहतारे कि फागुन में देवर के रंग से चुनरी रंगा गइल बा, जबकि पाकत फसल से सरेहि के रंग सुनहरा हो गइल बा. एही बीच बगिया में महुआ चुअल सुरू हो गइल बा आ एह से बसंत ऋतु में देहि माति गइल बिया.\\nमहुआ के मादक सौंदर्य के चित्रण भोजपुरी के रचनाकार जगन्नाथ के एह रचना के जिकिर कइला बिना पूरे ना हो सकेला. तनीं उहां के एह रचना पर धेयान दीहीं-\\nबिहंसे बसंती बहार हो फगुनवा जे आइल.\\nसिहरेले अमवा-महुआवा के गंछिया.\\nरसवा भिनल पोरे-पोर.\\nभोरे भिनुसहरा जे कुहुके कोइलिया,\\nबिरहा के उठेला हिलोर.\\nसाफ बा कि महुआ भोजपुरिया समाज के ना सिर्फ जीवन के अंग रहल हा, बल्कि ऊ संस्कृति के भी अहम उपादान रहल हा. आजु पूरा दुनिया पर्यावरण बचावे खातिर चिंतित बिया. महुआ ओहू कसौटी पर खरा रहल हा. ओकर छतनार गांछि पथिक के छाया भी देत रहलि हा. आईं शपथ लीं जा कि जीवन आ भोजपुरिया संस्कृति के प्रतीक महुआ के जिंदा करेके कोशिश में हमनी के आपन सामर्थ्य भर हाथ बढ़ाइबि जा. (डिसक्लेमर- लेखक उमेश चतुर्वेदी वरिष्ठ पत्रकार हैं. यह उनके निजी विचार हैं.)","num_words":1158,"character_repetition_ratio":0.049,"word_repetition_ratio":0.071,"special_characters_ratio":0.398,"stopwords_ratio":0.064,"flagged_words_ratio":0.003,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Prime Minister Narendra Modi Speak in Bhojpuri in Indian Parliament read what he said Bhojpuri Spl: सबसे बड़की पंचायत में गूंजल भोजपुरी, पढ़ीं का कहनीं मोदी जी...\\nBhojpuri Spl: सबसे बड़की पंचायत में गूंजल भोजपुरी, पढ़ीं का कहनीं मोदी जी...\\nराष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में चर्चा के जवाब देत खानी प्रधानमंत्री किसान आंदोलन के चर्चा करते-करत आंदोलन के बढ़ावा देबे वाला लोगन के बारे में भोजपुरी के एगो कहाउत के इस्तेमाल कइ दिहले. उ कहावत रहे, ‘ना खेलब, ना खेले देब, खेलवे बिगाड़ब.’\\nLast Updated: February 11, 2021, 4:13 PM IST\\nमिसरी नियर मीठ भोजपुरी बाजार में बरसों से गूंज तिया. सिनेमा आ संगीत के भाषा अइसन बिया कि बॉलीबुड के बड़का से बड़का नांव भोजपुरी सिनेमा कइके नाम आ दाम-दूनों कमाता. लेकिन भोजपुरी के एगो गंभीर दरद बा. करीब पच्चीस करोड़ भारतीयन के भाषा, मारीशस, फिजी, गुयाना, सूरीनाम जइसन देसन में भारत के सांस्कृतिक प्रतिनिधि एह भाषा के बोली आ भाषा के बेवजह के विवाद में लपेटि के संविधान के आठवां अनुसूची से अलगा राखल बा. भोजपुरी के मनई लोग जब-तब आपन एह मीठ भाषा के संविधान के आठवां अनुसूची में राखे के मांग संसद आ संसद के बहरि उठावत रहेला.\\nअइसन मनई लोगन के उमेद बढ़ि गइल बा. उमेदि के वजह बनल बा प्रधानमंत्री के जुबान से संसद में निकलल भोजपुरी के सात गो शब्द. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में चर्चा के जवाब देत खानी प्रधानमंत्री किसान आंदोलन के चर्चा करते-करत आंदोलन के बढ़ावा देबे वाला लोगन के बारे में भोजपुरी के एगो कहाउत के इस्तेमाल कइ दिहले. उ कहावत रहे, ‘ना खेलब, ना खेले देब, खेलवे बिगाड़ब.’ओइसे त प्रधानमंत्री एह कहाउत के जरिए किसान आंदोलन के बढ़ावा देबे वाला लोगन पर जबरदस्त हमला कइलन, बाकिर भोजपुरी के अइसन विशेषता बा कि एह शब्दन के प्रयोग के बावजूद पूरा सदन में हंसी गूंजि गउए. ओइसे त इ पहिलका मौका बा, जब प्रधानमंत्री देश के सबसे बड़की पंचायत में भोजपुरी के शब्दन के प्रयोग करूअन. हालांकि चुनाव प्रचार आ जनसभा करत खानी ऊ कई हालि कबो बिहार में त कबो पूर्वी उत्तर प्रदेश में दू-चार गो भोजपुरी शब्दन के प्रयोग कइले बाड़े. प्रधानमंत्री एह घरी खांटी भोजपुरिया इलाका बनारस के लोकसभा में प्रतिनिधि बाड़े. बनारसो में एक-दू बेर ऊ भोजपुरी में एक-दू लाइन बोलले बाड़े.\\nदेश के सबसे बड़की पंचायत में ई दोसरा मौका बा, जब कवनो महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर बइठल कवनों खास मनई भोजपुरी के ऑन रिकॉर्ड आपना जुबान के जरिया बनवले बाड़े. एकरा पहिले अइसन मोका करीब नौ साल पहिले आइल रहे. ओह दिन तारीख रहे 2012 के 17 मई. साल 2014 से जगदंबिका पाल भारतीय जनता पार्टी के सांसद बाड़े. बाकिर ओह घरी ऊ कांग्रेस के सांसद रहले. भोजपुरी के संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल करे के मांग लेके उ लोकसभा में विशेष ध्यानाकर्षण प्रस्ताव ले आइल रहले. जवना पर लोकसभा में गरमा-गरम चर्चा भइल रहे. जगदंबिका पाल के एह मांग के समर्थन में बिहार, उत्तर प्रदेश आ झारखंड के कई गो सांसद आपन पार्टी लाइन भुला के संगे आ गइल रहले. एही चर्चा पर जवाब देत खानी तब के गृहमंत्री पी चिदंबरम् आपन भाषण के जब भोजपुरी में शुरूआत कइले त जइसे पूरा सदन आ भोजपुरिया समाज चिहा गइल. शायदे कवनो मोका होई, जब चिदंबरम् के हिंदी में बोलत लोग देखले-सुनले होई. ऊ खालिस आ नफीस अंग्रेजी बोले के आदी हउअन. बाकिर ओह दिन ऊ भाषण के शुरूआत कइलन, ‘हम रउंआ सभ के भावना समझतानीं’. उनुका एतना कहला के देर रहे कि लोकसभा के भोजपुरीभाषी सांसद लोग मेज थपथपावे लागल रहे. ओह घरी मीरा कुमार लोकसभा के अध्यक्ष रहली. ठेठ भोजपुरिया इलाका सासाराम के सांसद रहली. उहो चिदंबरम् के मुंह से भोजपुरी के छह गो शब्द सुनि के उनुकर बड़ाई कइले रहली. तब चिदंबरम् कहले रहले कि सीताकांत महापात्र आ यूपीएससी के समिति के रिपोर्ट के बाद एह बारे में फैसला करिहें. ई बात आउर बा कि आजु ले कवनो फैसला ना भइल.\\n1998-99 के दौरान लालू प्रसाद यादव भोजपुरिया इलाका छपरा से लोकसभा के राष्ट्रीय जनता दल से सांसद रहले. एकरा बाद ऊ राज्यसभा में गइले. एह पंक्तिन के लेखक ओह घरी एगो अखबार के संवाददाता के नाते संसद कवर करत रहे. तब कई बेर लालू आपन परिचित हंसोड़ शैली में भाषण देत खानी एगो-दूगो भोजपुरी शब्द के इस्तेमाल करत रहले, बाकिर भोजपुरी में कबो एह तरी ना बोलले रहले. हं, मौजूदा लोकसभा में एक जुलाई 2019 क��� दिने शून्यकाल में गोरखपुर से भोजपुरिया सांसद रविकिशन भोजपुरी के आठवीं अनुसूची में डाले के मांग उठवले. चूंकि भोजपुरी संसद के अबहीं ले आधिकारिक भाषा नइखे, लिहाजा आपन एह मांग के लेके उ हिंदी में बोलल शुरू कइले आ फेरू प्रधानमंत्री के चर्चा करत खानी उनुकर बनारस के एगो भाषण के शुरूआत में कहल ‘का हाल बा काशी, गोड़ छूकर प्रणाम’ आ बिहार के एगो भाषण में कहल, ‘नमस्कार करत हईं बिहार के’ के उल्लेख जरूर कइले.एह के बाद ऊ भोजपुरी के पहिलकी फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ के गाना ‘ए गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो, संइया से करा द मिलनवा हमार’ भी गाइ के सुनवले रहले. हालांकि एह गवनई पर उनुका के लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला टोकि देले रहले.\\nबहरहाल देश के सबसे बड़की पंचायत में देश के सबसे प्रमुख मनईं के मुंह से निकलल भोजपुरी के शब्द के खास महत्व बा. एह से साबित होता कि पच्चीस करोड़ मनई के भाषा के ना सिर्फ देस के सत्ता तंत्र में पहचान मिले लागल बा, बल्कि ओकरा के स्वीकार भी कईल जा रहल बा. कवनो भाषा के राजनीतिक तंत्र से मान्यता आ स्वीकारोक्ति मिलला के मतलब होला ओह भाषाभाषी के ताकत के स्वीकार. मानल जा सकेला कि भदेस भाषा के रूप में मसहूर भोजपुरी के बोले वालन पर कायरता के जवन ठप्पा एगो क्रांतिकारी कवि के कविता से लागल रहे, ओकरा मिटे के शुरूआत हो गइल बा. (लेखक उमेश चतुर्वेदी जी वरिष्ठ पत्रकार हैं.)","num_words":928,"character_repetition_ratio":0.061,"word_repetition_ratio":0.076,"special_characters_ratio":0.398,"stopwords_ratio":0.066,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"बड़की भउजी - सीमा मिश्र - मैना: भोजपुरी साहित्य क उड़ान (Maina Bhojpuri Magazine)\\nHome सीमा मिश्र Bhojpuri Kahani बड़की भउजी - सीमा मिश्र\\nबड़की भउजी - सीमा मिश्र\\nकमली कई बरिस बाद आज ससुरा से अपना गाँवे आइल बिया। ओकरा खुशी के ठेकाना नइखे। आवते गाँव-घर घूमे निकल परलि। छोट-बड़ सभकर हाल-चाल पूछत कई घंटा बाद घरे आइलि। आवते पूछे लागलि- “ए भउजी, का खाए के बनल बा ?”\\n“सभ तहरे पसंद के बनवले बानी। कबे ले तहार राहि ताकत रहलीं हा।” खाना खाके ननद-भउजाई का बीचे बतकही शुरू हो गइल। टोल-मोहाल के हाल-चाल। केकरा घरे के बा, कहाँ बा, कइसे बा। बाते-बात में कमली पूछ दिहली- “ए भउजी, बड़का घर के का हाल-चाल बा। के-के बा एहिजा ?”\\n“बा के ? खाली एगो मझिलो बाड़ी एहिजा।” चाचीजी का मरला का बाद त बड़को एके-दू बेर अइली।\\n“आ बड़का भइया ?”\\n“हँ, ऊ आवत रहेले।”\\n“कहत रहे लोग कि ऊ लो’ अब घर-परिवार के नइखे देखत। बड़का भइया कमातरे आ खाली अपने परिवार का बारे में सोचतारे।”\\n“ना ए बबुनी, ई जे कहता ऊ एकदमे गलत बोलता। आजु का जमाना में अइसन भाई-भउजाई मिलल मुश्किल बा। हमरा आजो इयाद बा कि जब बड़ जाना के बियाह भइल रहे, ओ घरी शोर भइल रहे कि ओतना बढ़िया घर के लइकी आ पढल-लिखल कइसे गाँव में आ माटी का घर में रही। बाकी ई कहाउत सहिये बा कि बड़का के धियवा के पेट बड़ आ छोटका के धियवा के ठेस बड़।\\n“एकर माने का भइल ?”\\n“बड़को का बेवहार से कबो ई ना लागल कि ऊ पढ़ल-लिखल होके गाँव का लोग के खुशी के खियाल नइखी रख सकत। चाचीजी जवने हाथ प दे दीहें, ऊ कबो ई ना कहिहें कि हम ना खाइबि भा हमरा नीक ना लागे। उनुका सामने चाचीजी के केहूँ बोल देव त ऊ तुरत बोल देत रही कि अइसे ना बोले के चाहीं। उहाँका माई हईं आ माई का साथे अइसन बेवहार ना करेके चाहीं। चचोजी के ऊ खूब आदर करत रहली। बाकिर चाचाजी, जो कबो चाचीजी के केहूँ का सोझा डाँटि देत रहीं त उनुका बहुत तकलीफ होत रहे। कमो पइसा में परिवार कइसे चलावल जाला आ ओकर हौसला ना टूटे, ई केहूँ उनुका से सीखे। जवना घरी बियाह भइल रहे ओ घरी कतना पइसा मिलत रहे.. एक हजार रुपया। बड़का घर एह से कहात रहे कि ओ घर में सभ लोग पढल-लिखल आ सभे विद्वान रहे। बाकिर, गरीबी जी के किरिपा ओ घर पर कम ना रहे। चचो जी ईहे चाहत रहीं कि बबुआ के बियाह कई दिहलीं, अब साथे परिवार ले जासु। बेटा के खइला-पियला के चिंता त रहबे करे कि अकेले कइसे खइहें-पीहें बाकिर ओकरा पीछे एगो ईहो कारन रहे कि नया कनिया-बहुरिया का रहे लायक ओइसन घरो-दुआर ना रहे। देखीं बबुनी, ईहे संस्कारी परिवार के लइकी कहाले कि ओकरा घरे कई किलो तेल आ कई किलो चीनी आ केतना कवन समान आइल, कबो हिसाब ना रहल। ऊ अब एइजा आइल त सइ ग्राम तेल खरीदल देखिके ओकरा प का बीतत होई, अनुमान कर सकतारू। बाकिर तबो नइहर के लोग का सोझा कबो खूले ना दिहलस कि हमनी का अतना अभाव मे जियतानी जा। जे आवे ओकर खूबे खातिर-भाव होखे। ऊ कबो चूल्हा का पँजरा ना गइल रहे बाकिर चुपचाप गोइँठा आ रहरेठा जोरिके खाना पकावे शुरू कइलस। बियाह का बाद तीन-चार महीना गाँवे प रहली बाकिर कबो केहूँ से शिकाइति ना कइली। उनुका मन में रहे कि केहूँ से कुछ कहब त लोग ईहे कहिहें कि माई-बाबू बियाह काहें कइलन हा अइसना घर में। माई-बाबू के केहूँ कुछो मत कहो, एह डर आ लेहाज से सभ कुछ अपने पीके रहि जा��� रही। सास, ससुर, देवर, ननदि- सभकर खियाल राखत रही, केहूँ से कवनो भेद-भाव ना।”\\nबड़कू उनुका से कहले कि हम चाहतानी कि हमरो परिवार ढंग से रहे। सभकर रहन-सहन आ बोल-चाल में बदलाव आवे, एकर जिम्मा तहरे प बा। ऊ कहली कि रउँवा चिंता मत करीं। जइसे ई लोग राउर भाई-बहिन ह लोग ओसहीं हमरो ह लोग। आ एह बात के चिंता कइले बिना कि हम ओ लोग के टोकब कि अइसे रहीं जा भा अइसे बोले-करे के चाहीं त ऊ लोग का कहिहें, हमेशा उनुकर ईहे कोशिश रहे कि सभके रहन-सहन, बोल-चाल, सभ स्टैंडर्ड होखो, सभ एक दोसरा से मिल-जुल के रहे। सभके एक दोसरा खातिर प्रेम-भाव बनल रहे। एहसे ऊ देवरो लोग के टोकत रहिहें कि अइसे ना हइसे रहेके चाहीं, हइसे बोलेके चाहीं। उनुका दिल में कल-छपट ना रहे। अऊरू ना त गाँव-घर का बारे में अतना पता रहे कि ससुराल में अइला का बाद गलतो भइला प सभ में हाँ कहत रहेके बा अउरू सभके जी-जी करत रहेके बा। जानते बानी कि देहात में केहूँ टोक-टाक करत रहो त लोग कही कि देख, बड़-जेठ के जमला के कइसे बोलतिया फलनवा बो। ओकरा तनिको सहूरे नइखे बोले के। बड़-जेठ के जमला के अइसहीं बोलल जाला ?\\nभउजाई गंभीर हो गइल रही। उनुकर मन भरि आइल।\\nबबुआ जी भा बूची जवन कहि दिहल, ऊहे ठीक बा। चाचीजी एकदमे सिधवा रहलीं। जे जवन कहि दे, ओकरे के सही मान लेत रहीं। लोग कहिहें कि देखिह ढेर माथा प जनि चढ़इह। काम-धन्हा कूल्हि करवइह। बाकिर तबो उहाँका पतोह के अकेले ना छोड़त रहलीं। एहसे लइकियो लोग चिढ़ल रहत रहे कि इनका शांति से बइठिए ना जाला, पीछे-पीछे लागल रहिहें। पतोहो आइल त ई बइठि के ना रहिहें। अइसन ना रहे कि बड़को सुनत ना रहली सभके बात बाकिर अतना गंभीर रहली कि सुनिओ के चुप रहिहें जइसे सुनलही नइखी। जब लइकी के बियाह हो जाला आ ससुरा में ओइसन बाताबरन आ रहन-सहन ना होला जवना में ऊ रहिके आइल बिया, त सोचीं, ओकरा खातिर ओकर जीवन केतना कठिन हो जाला जीयल। ओहू पर जब परिवार का लोगन में ओकरा खातिर सहानुभूति ना होखे कि ई अतना एडजस्ट क के रहतिया, ईहे बहुत बा, तब तकलीफ ढेर होला। ए बबुनी असहीं ईहे सोचत उनुकर दिन बीतत रहे कि अब केहूँ के कवनो तकलीफ मत बीतो।\\nअइसने में छुट्टी का बाद बड़कू पहिल बेर परिवार बाहर ले गइले। साथ में छोटकुओ गइले। कइसे घर-परिवार चलावल जाला, एह मामला में त सभ नवसिखुए रहे। महीना में जवन पइसा मिले, कुछ दिन चले फेरु खतम हो जाइ। एही अभाव का उतार-चढ़ाव में दिन बीते लागल। घरो-पर���वार के जिमदारी बढ़े लागल। जहाँ रहसु ओहिजा के त खरचा रहबे कइल, गाँवो त भेजे के रहत रहे। जेतना मिलत रहे ओहसे का होइत ? गाँव-घर में एगो होला नू कि मेहरारुन के कवनो चिंता-फिकिर ना होखे कि घर कइसे चली, ऊ त ई कहिके आपन पीछा छोड़ा लेली लोग कि हमनीका का जानीं जा, ई मरदाना लोग बूझसु कि कहाँ से आई आ कइसे होई। बाकिर ऊ त गाँव-घर का तिकड़म से अनजान अपना करतब के निरबाह करत रह गइली। कइसे का होई, कहाँ से आई, एही चिंता मे परल रहिहें। जब-जब गाँव जाए के होई बड़कू का अपना आफिस से लोन लेबेके परल। फेरु ऊ तनखाह से कटे शुरू हो जाई। अब ईहे समझ कि आमदनी अठन्नी आ खर्चा रुपइया। चचोजी बेमार रहे लगलीं। घर पर खर्च बढ़े लागल। उनुका साँच आ साफ बोलला का चलते परिवार के बाकी लोग उनुकाके मने-मने नापसंदो करी लोग। शुरू में त सभ ठीके रहे। उनुकर बाहर रहल सभके नीक ना लागत रहे। सभ ई जानत रहे कि सभका सहमतिये से ऊ बाहर रहतारी, उनुका खातिर परिवार पहिले बा आउर बाकी चीज बाद में। बड़कू हमेशा चिंता में परल रहिहें कि कहाँ से पइसा ले आईं...घरे कइसे जाईं। एगो-दूगो दोस्त-मित्र रहे लोग जेकरा किहाँ से हमेशा माङिके ले अइहें आ घरे भेजिहें। बीच में त एक बेर अइसन भइल कि गाँव प पइसा के बहुते जरूरत रहे। केकरा किहाँ जासु माङे खातिर, केहू बाँचल ना रहे। ओ घरी फोनो के अतना साधन ना रहे। उनुकर एगो मित्र बहुते संपन्न रहन। फोनो करे खातिर त पइसा चाहीं। कसहूँ पइसा के जोगाड़ कइके एसटीडी बूथ पर गइलन। बातचीत त ठीके भइल बाकिर जसहीं पइसा के बात कइले कि उनुका सुनाइले बन्न हो गइल। हलो-हलो कहे शुरू क दिहले उनुकर दोस्त आ सुनाते नइखे कहिके फोन काट दिहले।”\\nभउजाई के आँखि लोरा गइल। भारी मन से बात आगे बढ़वली-\\nबड़ा दुखी मन से घरे अइले। बड़की भउजी से बड़कू के उदासी ना सहाइ। ऊ हिम्मत ना टूटे दिहली उनुकर- “जाए दीं, कवनो बात नइखे। अउरुओ दोस्त लोग त बा। एक जगहा ना मिलल त का भइल, दोसरा किहाँ मिल जाई।” बड़कू फेरु अपना एगो दोस्त किहाँ गइले हालाकि पहिलहूँ से उनुका से पइसा लीहल रहे। जरूरत बा त माङही के नु परी। दोस्त का घरे पहुँचला पर बहुत देर तक बइठल एने-ओने के बतकही शुरू रहे बाकिर पइसा माङे के हिम्मत ना जुटा पावत रहन। अभी कुछ कहितन ओकरा पहिलहीं जवन बतकही चलत रहे ओही में उनुकर दोस्त कहि दिहले कि कुछ लोग कर्जखोर होला। आदत परि जाला कर्ज लेबे के। ई बात उनुका बहुत लागल। ए बबुनी, एक त केहूँ के दुआरी केहूँ कुछो माङे जाला, ऊ असहीं गिरल रहेला ऊपर से अइसन बात सुन के ओकरा पर का बीती तू सोच सकतारू। बिना कुछ बोलले बड़कू चुपचाप घरे चल अइले। बड़की भउजी देखते समझ गइली। कहली कि चिंता जनि करीं। हमार जवन गहना बा ओकरा के बेच दीं। ओकरा से करजो भरा जाई आ कुछ टेंशनो कम हो जाई। बड़कू त हिचकिचात रहन बाकिर दोसर कवनो ऊपाइओ ना रहे। ऊ बूझि गइली। कहली कि का सोचतानी ? गहना काहें खातिर होला, मोका पर कामे आवे खातिर नू ! हमरा एकरा से कवनो मोह नइखे। हमार त गहना रउँए बानी। परले नु बा।\\nए बबुनी, गहना बेच के करजा भराइल। ई बतिया सभे जानेला। ओ घरी त चचो जी रहलीं। अब बताईं, कइसे केहूँ कहि दिही कि ऊ लोग घर-परिवार के ना देखल आ ना देखता। कमली के ना रहाइल, पूछि दिहलस- “ए भउजी तहरा अतना सभ कइसे पता बा ?”\\nएगो संजोगे कहि सकतारू एहके। बड़को एक हाली आइल रहली त गइलीं उनुका से भेंट करे। ओ घरी ऊ नहाये जात रही। कहली कि रउआँ बइठीं, हम नहाके आवतानी। उनुका डायरी लिखे के आदत रहे। हम उनुका घरहीं बइठल रह गइलीं। संजोग से ओहिजे डयरिया रखल रहे। दोसरा के डायरी त ना पढ़ेके चाहीं बाकिर हमरा ना रहाइल आ उठाके पढ़े लगलीं। जइसहीं उनुका आवे के आहट मिलल, गँवे रख दिहलीं। जान जाईं कि हमार जिग्यासा अउरू बढ़ि गइल। जान-बूझि के अइसने समय पर जात रहीं कि उनुका नहाये जायेके होखे भा कवनो जरूरी काम करत होखस, जवना से उनुकर डयरिया पढ़े के मोका मिल जाव। कूल्हि बतिया थोड़े इयाद बा ? एक-एक गो इयाद कइला पर त एगो इतिहास लिखा जाई। ऊ त उनुका लोग के चर्चा कई देलू हा त अतना बात हो गइल।\\nबड़ा समझौता कइली परिवार खातिर। बाकिर ओकर कवनो कीमत नइखे। बाप-मतारी के काम-किरिया सभ त बड़कुए कइले। घर-दुआर बनवला से लेके मझिलू के बियाह-शादी तक सभ कइले। सभ करजे काढ़िके होत रहे, अतना पइसा कहाँ धइल रहे ? खेतियो-बारी त ओतना नइखे कि ओकरा से कुछ होई। बड़को के एह बात के तकलीफ इचिको ना रहे कि ई खाली अपना घरे-परिवार खातिर करतारे। ऊ त खुशी से उनुकर साथ देत रही। बेचारी बहुत समझौता कइली परिवार खातिर अपना मान-सम्मान आ स्वाभिमान का सङे। जरूरत परला पर बड़कू का आफिस के चपरासी के मेहरारू से पइसा माङिके ले अइली कई बेर, जवना खातिर कई बेर उनुका अपमानो सहे के परल। जेकर एहसान रहेला, ओकराके त कुछ बोलियो नइखे सकत नु आदिमी। कई बेर त अइसनो समय आइल बा कि एक-एक गो चवन्नी-अठन्नी जोरिके घर के सम��न मङावे के परल बा। एक बेर त घर में ना त पइसे रहे आ ना समान। लइकन के हलुआ खाए के मन रहे। सूजी आ चीनी त रहे घर में बाकिर घीव आ तेल ना रहे। बिना घीवे के सूजी भूँजिके चीनी आ पानी डालिके बनाके लइकन के खिया दिहली।\\nसभ कुछ सहन करत रहिहें बाकिर कबो केहूँ से कवनो शिकाइति ना। जानतानी ! कहाला नु कि हँसुआ के धार अपने तरफ खींचेला। बड़कुओ कबो-कबो खिसिअइहें त बड़ी कुठेठ बोल दीहें। सभ जानते रहिहें तबो कहि दीहें कि इनके चलते हमरा घर में सभ बिखराव भइल। एकरा पर जसहीं ऊ कुछो बोल दिहली त ऊ शुरू हो जइहें- “झगड़ा करबू ? झगड़ालू औरत ! कलह करत रही ई कलही औरत। घरे ना जइहें, घर परिवार से इनका नफरत बा।” ए पर ऊ कतना सुनसु ? कहि दीहें कि रउआँ कब कहलीं हा ? हम कहलीं हा कि हम ना जाइब ? रउआँ सभ जानतानी, तबो हमरे प सभ दोष लगा दींला। कुछ देर का बाद जब बड़कू के अपना गलती के एहसास होई त सोचिहें कि इनकर त कवनो दोष नइखे तबो हम इनके प खिसिआ जाईंला। ऊहो का करसु अतना पढ़-लिखके अइसने नोकरी मिलल। तू त जानते बाड़ू कि बड़कू के पढाई के जिला जवार मे शोर बा। घर के अइसन इस्थिती रहे कि एक बेर जवना नोकरी में घुस गइलन ओह में से निकले के संजोगे ना भइल। भाई लोग के कहिहें कि तहरा लोग के अतना जानकारी बा त तूहूँ लोग काहें नइखऽ कुछ करत। दूनो भाई मिलके दुआर पर टिउसनो पढइतऽ लोग त कुछ पइसा घरे आइत अउरू आराम से घर के काम चलित। जानतानीं ? ए पर ऊ लोग नराज हो गइल। सभ त ईहे नु कही कि बड़कू पइसा नइखन भेजत, एहीसे ए लोग के टिउसन पढ़ावे के परता। ए बबुनी एकरे के मिथ्या अभिमान कहल जाला। सभ करम हो जाव बाकिर केहूँ जाने मत पाओ। बड़कुओ का करसु ? घर-परिवार सभके जिमवारी त उनके ऊपर रहे आ ऊ आपन जिमवारी निभावे खातिर का-का ना कइले, बाकिर तबो सभ ईहे कहि देला कि तू का कइल। बीच-बीच में त अइसन तंगी के हालत भइल कि बड़कू चिंते में परल रहसु, बाकिर बड़की भउजी एने-ओने भा नइहर का लोग से भी करजा माङिके ले आके दे दीहें- “लीं घर प भेंज दीहीं।” अतना कइला का बादो उनका कवनो आदर-सम्मान ना मिलल परिवार में।\\nबड़की भउजी के एह बात के बहुत तकलीफ रहेला कि हम त दोसरा घर के लइकी हईं, हम खराब हो सकतानी। हमरा के केहूँ मत आदर देउ, मत पूछो, बाकिर अपना भाई के त मान-सम्मान देबेके चाहीं। साँच त ई बा कि ओह घर में सभ केहूँ अपना मने से काम करेला। ओह घरी बड़कू से केहू ना कुछ पूछी बाकिर जब कहीं आवे-जाए के बात होखे भा नेवता-हँका���ी के, चाहे घर-दुआर के, तब लोग कहिहें कि ऊ जानसु, घर के मालिक त ऊहे नु हवे, हमनीका का जानतानी जा। आपन सभ कुछ लुटाइयो के बड़कू के खाली बदनामिए मिलल। गाँव-जवार, हीत-नात- सगरी ईहे संदेश जाए कि हमनीका का करीं जा ? हमनीके पास बा का ? अउरू ना त अपना के साफ-सुथरा देखावे खातिर ईहो कहि दी लोग कि उनके मना कइला का चलते हमनीका तहरा लोग किहाँ ना गइल रहलीं जा। सभ त ईहे नु जानी कि ई ठीके कहता लोग आ एकरे के साँच मान के भीतरे-भीतर खिसिया के बइठल रही लोग। बड़कू के का मालुम कि उनुका बारे में अइसनो झूठ लोग बोल सकता।\\nए बुची, एक बेर त अइसन भइल कि बड़कू के बदली दोसरा जगे हो गइल। एहिजा ले जाए से पहिले जेकरा ले पइसा लेले रहन ओकर त देबहीं के नु परित। एकरा चलते ऑफिस से जवन एडवांस मिलेला ओकरा में अधिका ले लिहले जवना से एहिजो के पइसा दिया जाउ, आउर कुछ घरहूँ चल जाव। सभ त हो गइल बाकिर जब बिल बना के दीहें त जवन अधिका होई, तवन त कटबे नु करी ? अगिला महीना के तनखाह बहुते कम मिलल। सभ त कट गइल। अब का अपना पासे राखसु आ का घरे भेजसु। नाया जगहा पर केहूँ से माङहूँ में त सोचे के परी। तले घर से चिठ्ठी आ गइल कि हतना पइसा भेज द। जवन मिलल रहे, कुल्हि भेज देतन तबो पूरा ना होइत। ए बबुनी, ऊ करसु त का करसु ? अब गहनो पासे ना रहे बाकिर बड़की भउजी का लगे अभियो एगो अङुठी आ गोड़ के पायल बाँचल रहे। कहली कि एहिजा केकरा से मङाई। देखीं एकरा से कुछ मिल जाए त बेंच के काम क लीं। बगले मे एगो छोट बजार रहे बड़कू ले गइले बाकिर भीतर से एकदमे सहमल कि केहूँ देख मत लेउ। केहूँ देखी त का कही। अइसहीं ऊ छिप-छिपा के बेंचिके पइसा ले अइले। जवन पासे रहे, ओकरा में मेराके घरे भेज दिहले। अब रउँए बताईं कि के करता परिवार खातिर अतना ? अतना बदनाम भइलो पर अभियो करे खातिर हमेशा तेयार रहेले।\\nका ना कइले ? छोटकुओ के बाहर रखले चार-पाँच साल। रहे से लेके खाए-पीए तक के सभ खरचा दिहले। तबो ऊ खिझले रहसु। बिना कुछ बड़कू के बतवले घरे आ के बइठ गइले। ना कवनो फोन ना कवनो बात-बिचार। बिना केहूँ के रहले बहुत दिन भाड़ा दिआत रहल। ई लोग का कब सोचता आ कब का करी लोग, ई ईहे लोग जान सकता, दोसर केहूँ ना। आदर्श आ सिद्धांत के बात खूब करेला लोग बाकिर सभ दोसरे के सुनावे खातिर। अपना बेर कवनो सिद्धांत ना होला। ठीक बा, बड़ भाई-भउजाई खराब बा लोग, ऊ लोग केहूँ के नइखे पूछत बाकिर तू लोग त सही बाड़ऽ। चार दिन खातिर ऊ लोग आवता त ���ढ़िया से आदर-भाव करित लोग ईहे सोच के कि चार-पांच दिन में चलिए जाई लोग। बाकिर काहें के ? बड़ भाई-भउजाई खातिर उनुका लोग के मन मे इज्जत आ आदर नइखे। कई बेर त बड़कू आइल बाड़े दुआर पर बाकिर दूनो भाई घरही में रहे लोग आ सुनके बहरी ना निकलल लोग। ई ना कि अतना दिन पर भइया आइल बाड़े त खुशी से दउरि के जाईं आ भाई से मिलीं। एक जाना हेने गइले, एक जाना होने। लइका-फइका अइले सन। बाद में अइला पर बड़कुए बातचीत शुरू करिहें। अब बताईं, ई कुल्हि आदमी जब आदर्श झारी त लोग हसँबे नु करिहें। हँ, ऊहे बिश्वास करी जे एह लोगन के अतना करीब से नइखे जानत।\\nऊ लोग जब एहिजा ना रहे त तू लोग अपना मन से कहीं जात-आवत रहेल बाकिर बड़कू के रहलो पर पूरा परिवार नइहर चलि गइल। ओ घरी ना पूछल लोग कि तहरो जाएके बा भा तू जइब चाहे का नेवता जाई। ओ घरी बड़ भाई ना रहिहें। बाकिर जब बड़कू कहिहें कि हमरा छुट्टी नइखे, फलाना जगे तू लोग चल जइह त ओहिजा ना जाई लोग। अरे हितई सभकर एके नु बा ?\\nए भउजी, आ मझिलो भउजी कुछ ना कहसु ?\\nऊहे नीमन रहिती त का दुख रहल हा। ऊ त आजु तक कबो बुझबे ना कइली कि हमरा जेठ आ जेठानियो बा लोग। उनुका पर कबो रोक-टोक ना रहे। जब मन करी, नइहर चल जइहें, बजार-हाट कहीं चल जइहें। सभ रोक-टोक बड़किये भउजी खातिर बा। बेमारो माई-बाप के देखे चल गइली त काहें चल गइली। एहिजा नइखी आवत, ओहिजा चल गइली, जबकि चाचा जी का मरला का बादो जब तक चाचीजी जीयत रहली एहिजा आइए के ऊ अपना गाँवे जइहें, ऊहो चाचीजी से पूछिए के। उहाँके कहले पर जइहें। एक बेर मझिलू अचानके खूब बेमार हो गइले। बड़कू किहाँ खबर गइल। एके हफ्ता बाद उनकर सपरिवार गाँव आवे के टिकट कइल गइल रहे, बाकिर बेमारी के खबर सुनते बिना रिजर्वेशने के बइठिके अइले। आवते डाक्टर के देखवला से लेके दवा दारू तक सभ कइले। ओही में चाचियो जी बेमार हो गइली। सभके डाक्टर के देखा-सुना के ठीक क के चले के तैयार भइलन। ए बबुनी ईहो ना कइल लोग कि चार गो रोटियो बनाके दे दी राही में खाए खातिर। मझिलो भउजी के तनी सोचे के ना चाहीं कि जे आदमी हमरा मरद के बेमारी सुनके बिना रिजर्वेशने के आइल आ सभ खर्चा कइल, ओकरा खातिर हम अतनो नइखीं कर सकत कि रस्ता के खाना दे दीं। बड़कू राही में कुछ कीन के खा लिहले आ डेरा में पहुचँत-पहुचँत उनकर तबीयत बिगड़ि गइल। अतना ना दस्त शुरू हो गइल कि मत पूछीं। उनुका के पकड़िके उठावे-बइठावे के परे लागल। जेकरा अतना उल्टी-पैखाना ह���ई, ऊ बिछावन से ऊठे लायक रही ? घरहीं डाक्टर के बोला के सूई-दवाई भइल। केहू ना कहे कि अइसन हालत में अतना दूर लेके जा लोग। बाकिर बड़कू कहले कि ना, गाँवे त जाहीं के परी काहेंकि माई से कहिके आइल बानी कि सभके लेके आवतनी। ऊ रास्ता ताकत होई। घरहूँ सभ जानत रहे आ ऊहो लोग कहल कि देखिह, तबीयत देखिए के चलिह। आ ओही टिकट पर ऊ लोग चल दिहल। अतना असानी से टिकटो त ना मिली। ओही हालत में ऊ लोग चल दिहल। अगिला दिन जब गाँवे पहुँचल लोग त ओकरा ठीक एक घंटा पहिले मझिलो अपना भाई के बोलाके नइहर चल गइली। इचिको ना सोचली कि अइसना हालत में ऊ लोग आवता त हमरा एहिजा रहे के चाहीं। तनिको लाज ना लागल कि हमरा अइसन कइला से केहूँ का सोची कि अइसना हालत में हम जातनी।\\nठीक बा, उनुका माया नइखे बाकिर तू लोग त आपन भाई हव लोग, तहन लोग के ना सोचेके चाहीं कि ई कतना गलत हो रहल बा। केहू ए प कुछ ना बोलल, अउरू ना एह बात के कवनो दुख कि हमार भाई अतना कष्ट में आ गइल बा आ हमनीका कतना गलत कइलीं हा जा उनका के नइहर भेजिके। ई काम जो बड़की भउजी कइले रहिती त घर में का से का हो जाइत। जिनिगी भर सुनाइत लोग। बाकिर मझिलो भउजी के केहूँ कुछो ना कही। दस दिन का बाद जसहीं बड़की भउजी अपना गाँवे गइली कि ओही दिन साझी खान आ गइली। उनुका रहला प ना अइली। जानतानी, बड़ी कहानी बा इनको। कुल्ही कहला पर एगो किताबिए लिखा जाई।\\nबात करत-करत साँझि हो गइल। “ए बबुनी बइठ, तनी दीया-बाती बारिके आवतनी।” ओकरा बादो ओही कुल प चर्चा होत रहि गइल। रात के खाना-पीना भइल, ओकरा बाद सूतल लोग। भोरे उठहीं में देर हो गइल। अभी कमली सुतले रहे कि ऊ चाय बनाके ले अइली।\\nए बबुनी, ऊठीं, चाह ले आइल बानी। सेरा जाई, आँखि-मुँह धोईं, चाह पियल जाव। काहें बबुनी, राती खानी ठीक से नीनि ना भइल हा का ?\\nना ए भउजी, बड़ी देर का बाद नीनि लागलि हा। बड़का भइया आ बड़की भउजिए का बारे में सोचत रह गइलीं। आजु का जमाना में अइसनो भाई-भउजाई बा, जे अतना निभावता।\\nहँ ए बबुनी, राति हमरो देरे से आँखि लागलि। हालाकि तहरा से बतिअवला का बाद हमरो मन हल्का हो गइल। ई बात हम केहूँ से आजु ले कहले ना रहलीं हा। हमरो नीनि देरिए से टूटलि हा। ऊ त बड़की बुचिया उठिके झाडू-पोंछा कइके तरकारी बनाके आ आटा सानिके ध देले बिया। कमली के नजर जब घड़ी पर परल त चउँकि गइलि- एगारह बजि गइल। बड़ा देर ले सुतल रहि गइलीं हा। लागता कि दुआर पर केहूँ बोलता। कमली उठिके चलि गइलि देख��� कि के ह। ओने से आइल त ओकरा हाथ में एगो लिफाफा रहे।\\nए बबुनी के रहल हा ? डाँक बाबू रहले हा। कहँवा के चिठ्ठी ह ? ए भउजी, तहरे नाव से आइल बा, रजिस्ट्री हटे। खोल के देख ना केकर ह। कमली खोलके देखे लागलि। ए भउजी, ई त बड़की भउजी के ह। आँय, बड़की भउजी के ! का ह हो ? खोल ना। कमली लिफाफा खोलिके देखे लागलि। ई त तहरे नाम के चिठ्ठी बा। पढ़ ना, का लिखल बा। कमली पढ़े लागलि-\\n“प्रणाम। रउआँके का कहिके संबोधित करीं, हमरा नइखे बुझात। के बड़ बा, के छोट, हमरा नइखे मालूम। बड़ी दिन हो गइल रउआँसे भेंट भइल। हम जानतनी कि रउआँ हमार डायरी पढ़त रहलीं हा। हम देख लेले रहीं पढ़त। बाकिर हम कबो बतवलीं ना कि हम जानतानी। जान-बूझि के चुप रहलीं, काहेंसे कि जवन हम केहूँ से ना कहलीं, ऊ रउआँ पढ़िके जान गइलीं। हमरो मन हल्का भइल कि केहूँ त बा, जेकरा ले हमार दर्द साझा भइल। अब त रउआँ से हमरा घर के कवनो बात छिपल नइखे। रउआँ त मालूमे बा कि घरे जब मन करी फोन उठाई लोग, ना मन करी त ना उठाई लोग। अइसनो हो जाला कि महीनो फोन ना उठाई लोग। राउर बड़कू हाल-चाल खातिर बेचैन हो जाले त दोसरा किहाँ फोन कइके पूछेले कि हमरा घरे सभ ठीक बा नू ? का करसु, मन ना मानेला। हम जल्दबाजी में चलि अइलीं, रउआँ से मिलहूँ के संजोग ना भइल। एकरो अभास बा हमरा कि रउआँ एह बात के तकलीफ जरूर होई कि हम पूरा डायरी ना पढ़ पवलीं। एहीसे डायरी के कुछ पन्ना जवन रउआँ ना पढ़ पवलीं, चिठ्ठी का सङे भेजतानी। अब तबीयतो ठीक नइखे रहत। का पता, फेरु भेंट होई कि ना। राउर कहानी अधूरा त ना रही। जो फेरु कबो भेंट हो गइल त डायरी के नाया पन्ना हम खुदे दे देबि पढ़े के। बाकिर सभ ऊपरवाला के महिमा। काल्हु का होई, के जानता। ईश्वर करसु रउआँ सभ असहीं बनल रहीं जा। उमेदि ना छोड़ेके चाहीं, बाकिर त होइहें सोइ जो राम रचि राखा।”\\nकमली आ भउजी दूनो जानी सन्न रहि गइल लोग। ननद-भउजाई दूनो का आँखि से लोर थमे के नाँव ना लेत रहे। केहूँ का पासे जइसे कवनो शब्दे ना रहि गइल रहे बोले के। बस दूनो एक दोसरा के खाली मुँह ताकत रहे।\\nनाम: सीमा मिश्र","num_words":3971,"character_repetition_ratio":0.022,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.398,"stopwords_ratio":0.045,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"'कमंडल बनाम मण्डल' के राजनीति\\nपछिला एक साल के राजनीतिक घटनाक्रम त कम बतावता कि आज के राजनीति फेर ओ दौर में पहुँच गईल बिया जहां से धर्म अवुरी जाति आधारित राजनीति के शुरुआत भईल ��हे।\\nलोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी के मिलल अपार सफलता देश के राजनीति में अल्पसंख्यक समुदाय के महत्व पहिले के मुक़ाबला बहुत कम क देलस!\\nपछिला एक साल के राजनीतिक घटनाक्रम त कम से कम इहे बतावता। आज के राजनीति फेर ओ दौर में पहुँच गईल बिया जहां से धर्म अवुरी जाति आधारित राजनीति के शुरुआत भईल रहे।\\nवीपी सिंह सरकार जब मण्डल कमिशन के सिफ़ारिश लागू करत रहे त ओकरा जवाब में लालकृष्ण आडवाणी के अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी कमंडल के राजनीति शुरू कईले रहे। तब 'मण्डल बनाम कमंडल' के राजनीति रहे आज 'कमंडल बनाम मण्डल' के राजनीति देखाई देता।\\nअभी तक क्षेत्रीय दल के एकाधिकार मानल जाए वाला दलित वोटबैंक अचानक देश के प्रमुख राजनीति दल के चहेता बन गईल। आज सभ दल ए वर्ग के वोटबैंक प कब्जा करे के पुरजोर कोशिश करता। हालांकि ए मामला में क्षेत्रीय दल अभियो ए प्रमुख दल से आगे बाड़े।\\nराजनीति के ए रूप के पहिला साफ झलक पछिला साल बिहार चुनाव से पहिले उत्तर प्रदेश के दादरी में भईल एगो घटना के समय मिलल। जहां भाजपा के कुछ नेता ए मौका के हिन्दुत्व से जोड़े के कोशिश कईले उहें कांग्रेस ए मामला में चुप रहत एकरा के असहनशीलता के विषय से जोड़लस।\\nकांग्रेस के पुरनकी राजनीति के मुताबिक इ मामला अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ल रहे, लेकिन नयकी राजनीति में इ 'असहनशीलता' के मुद्दा रहे। जहां उ एकरा के बढ़त धार्मिक उन्माद से जोड़त, कामयाबी से देश में बढ़त असहनशीलता के उदाहरण के रूप में पेश कईलस।\\nलेकिन, ध्यान रखलस कि 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PM","num_words":657,"character_repetition_ratio":0.056,"word_repetition_ratio":0.034,"special_characters_ratio":0.4,"stopwords_ratio":0.047,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.977,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"माँगि आ कोखि – Anjoria\\n‘अकाट गरीबी में जाँगर फटकत जनम बिता देबू कि तनिएसा मन बदलि के अमीर हो जइबू? सोचि समुझि ल, अपने मालिक से बतिया लऽ, हमके बिहने बता दीहऽ।’\\nकहि के मौसी चलि गइली। कुसुम लगली अपने मन में बाति के मथे। मौसी कहतियॉ कि आन के बेटा अपनी कोखि से जनमावे खातिर हमरा आन मरद की साथे सूते के नाहीं परी। अस्पताल में जाके सूति जाए के परी। ओइजा डाक्टर हमरी कोखि में ओह मरद के बीज रोपि दीहें। नव महिन्ना तक हमरे खइले पियले के सब खरच-बरच उहे लोग उठाई । कवनो बेमारी होई त ओकर दवइयो उहे लोग कराई। सब जतन कइले कि बाद जब लइका जनमि जाई तब ओके उ लोग ले जाई जवने लोग से हमहन से कवनो चिन्हापरची नइखे। मौसी ईहो कहि रहलि बा कि लइका जनमवले के जवन पीरा बत्था होला, उहो हमरा नाहीं होखे पाई। डॉक्टर लोग पेट खोलि के लइका निकारि लीहें। एक अठवारा में हमार घाव सूखि जाई आ हम अपने घरे लवटि के मउज से रहे लगबि। चारि लाख रूपया हमहन के पहिलहीं मिलि जाई आ बकियवा चार लाख अस्पताल से निकलते मिलि जाई। जवन जिनगी आठ सैकड़ा के मोहाल बा ओके आठ लाख मिलि जाई त सब दुख दलिद्दर भागि जाई। कुसुम दिन भरि ईहे कुलि सोचत, समुझत, गुनत मथत, मनही मन लजात\\nसकुचात, गुदुरावन उठले पर मुस्कियात बिता दिहली।\\nबुझइबेनहीं कइल कि कब सॉंझि भइल कब अन्हार भइल आ कब शहर से हारल थकल दरसन आके उनके सोझा खाड़ हो गइले। उनकर चेहरा बतावत रहल कि एहू बेर उनके नोकरी नहीं मिलल। जल्दी से पानी ले आके उनके थम्हवली। दरसन मुँह हाथ धोवलें, तबले एक गिलास रस घोरि के ले अइली। रस पी के बइठले तब बिस्कुट आ चाय लेके आ गइली। दरसन पुछलें-बिस्कुट कहाँ किनलू हऽ। कुसुम मुसुकी मारिके बतवली कि मौसी आइल रहलि हऽ। उहे ले आइलि।\\nचाय पियत दरसन अचके चिहा गइलें। पुछलें-‘तहार लिलार त एइसन चमकि रहल बा जइसे मौसी कवनो गाड़ल धन लेआके तहके सँउपि गइली हऽ।\\nकुसुम लजा गइली। सोचिए ना पावें कि कइसे बताई? मूड़ी गाड़ि के धरती निहारे लगली। चाय पीके फेरू पुछलें त धधा के उनके अँकवारी में भरि के कसि लिहली। दरसन के दिनभर के थकान आ निराशा कम\\nहोखे लागल। जब कुछ देर बाद बाँहि के कसावट ढील कइके कुसुम के मुँह दूनू हथेली में भरि के आँखि के सोझा कइलें त एक बेर फेरू चिहा गइले। उनकर दूनू ऑंखि से लोर बहत रहल। कुछु देरले पोल्हवले,\\nसुहुरवलें, तब जाके कुसुम के लेकार फूटल आ कवनो लेखा लजात लजात मौसी के कहल कुल्हि बात बता दिहली।\\nसुनि के दरसन त काठ हो गइलें। कुसुम उनके मुँह देखि के अदकि गइली। लगली समुझावे कि काहें जीव थोर करत बानी? कवनो सचहूँ हम मौसी के बाति माने के कहले बानीं? आरे, हमन के जइसे बानीं, ओइसे रहि के जूझते बानी जा। राउर पढ़ल लिखल बेकार नाहीं जाई। कहियो न कहियो काम-काज भेंटइबे करी।’\\nदरसन कुछ बोललें नाहीं। उठि के टहरे लगलें। कुसुम कुछ देर उनके टहरत देखत रहली। उठि के रसोई बनावे लगली। रसोई का बनइती, आलू के चोखा आ रोटी बनाके ले अइली।\\nदरसन कहलें- अपनो ले आवऽ साथे खाइल जाव।\\nसाथे खाए के बात दरसन तब कहेलें, जब ढेर पियार उमड़ेला। अपनों थरिया परोसि के ले अइली। खात-पियत मन कुछ बदले लागल। दरसन कहलें – ऊ कवन मरद हऽ?\\nकुसुम कहली – मौसी कहत रहली हऽ कि मेहरारू सथवें आइल बाडें स। होटल में ठहरल बा लोग। मौसा ओही होटल में काम करेले। अँगरेज लोग आस्ट्रेलिया से आइल बा। मेहरारू के कोखि लइका जनमावे लायक नइखे। ओमें कवनो खामी बा। उ लोग मउसा से पूछल कि कवनो एइसन जवान लइकी बतावें जेकर बियाह भइल होखे। मरद मेहरी राजी हो जइहे त आठ लाख रूपया देई लोग। चारि लाख पहिले चारि लाख बादि में। मौसा घरे आके मउसी से बतवलें। मौसी कहले रहुवे कि उ सोचलसि कि आपन कुसुमिए काहें न तेयार हो जा? ईहे सोचि के आइल रहुवे। बाकिर बिहने आई तऽ हम बता देबि कि हम तेयार नइखीं।\\nराति दूनू परानी कि ऑखिए में बीतल। पछिले पहर उघाँई लगलि त कुछु अबेर के उठले पर दूनू जने एक दुसरे के सोझे नाहीं ताकत रहलें। कुसुम चाय पियत समय पुछली कि आजु कहीं जाए के होखे त सबेरवें रसोई बना दीं।\\nदरसन कहलें-नाहीं, आजु घरहीं रहे के बा।\\nकुसुम अपने मन के समुझावे लगली कि लालच पाप के बाप कहाला। हमरा एह राहि पर जाए के नइखे। दरसन आपन कागद पत्तर उलटत-पलटत रहलें।\\nतिजहरिया मौसी के अवाई भइल। आहट पाके कुसुम केवाड़ी खोले चलली त दरसन कहले – सोझे इनकार जानि करिहऽ। तनि हमहूँ मौसी से बतिआइबि।\\nकुसुम केवाड़ी खोलि के मौसी के बोलवली. भित्तर ढुकत मौसी उनकी ऑखि में ताकि के जानल चहली कि का भइल। कुसुम महँटिया दिहली आ उनके चाय पानी के फिकिर में परली। दरसन मौसी के पैलग्गी\\nक के उनकी लगहीं बईठि गइलें। कहले – ‘तनि हमहूँ के बताईं का माजरा बा।’\\nमौसी सब हाल छितिरा-छितिरा के बता दिहली। अपनी ओर से ईहो कहि दिहली कि कुसुम हमरी लग्गे रहिहें। गॉव जवार कसबा में केहू का कुछ पता नाही चली। अस्ट्रेलिया से आइल साहेब-मेम आपन लइका लेके हवाई जहाज से फुर्र हो जइहें। तहन पॉच इहां चैन के बंसी बजइहऽ।\\nजाए के तेयार भइली मौसी त दरसन कहलें – ‘ठीक बा। कुसुम के हम समुझाइबि। ई राउर बात मनिहें।\\nमौसी अपनी कुसुमी के सुबुद्धि के कामना करत बिदा भइली।\\nसब कुछ ओही लेखा भइल, जइसन होखे के चाहीं। समय पर आपरेशन भइल। लइका आस्ट्रेलिया गइल। कुसुम अगोरत रहली कि घाव सूखि जाव त कुछु दिन बिता के घरे लवटें। एक्के गो तकलीफ रहे कि उनकी\\nछाती में दूध उतरे लागल रहे। मौसी से कहली। मौसी डाक्टर से पुछली। डाक्टर कहले कि अबहिन गारि के निकालि दीहल करें। चार दिन बादि हम दवाई देबि त दूध उतरल बन्द हो जाई। दरसन आपन नवका\\nरोजगार जमावे के जोगाड़ म��ं जुटि गइल रहलें। अपने घर के एह लेखा बनवावे लगलें कि सामने चारि ठे दोकानि निकलि जाँ सँ आ केराया पर उठा दीहल जाव। एह नव दस महिन्ना में उनकर बढ़ंती देखि के लोग\\nचिहाए लागल त सब के जबाब मिले कि सरकार पढ़ल लिखल जवानन के पुरहर लोन दे रहल बा। कुछ घर घुमनी ईहो चरचा चलावें कि कुसुम कहॉं परा गइली? दरसन बता दें कि शहर में मौसी किहाँ रहि के कंपूटर\\nसिखि रहल बाड़ी। साल भरि के ट्रेनिंग लिहले कि बाद एइजा आके लइकिन के कंपूटर सिखइहें। औरो बहुत तरह के काम काज पढवइया लइकिन के सिखवे के पलान बनि रहल बा। दरसन के एह परचार से लइकी एतना खुश रहे लगलिन सऽ कि घरघुमनी लोग के मुँहवे बन्हा गइल।\\nतिसरका दिने डॉक्टर के गाड़ी मौसी के कुवाटर पर हाजिर भइल। तुरंते मौसी के बोलावा रहल। मौसी गइली त डॉक्टर साहेब कि समने आस्ट्रेलिया वाला साहेब मेम साहेब खिरखिनी एइसन लइका के चुपवले में\\nजुटल रहले। डॉक्टर साहब मौसी से बतवले कि लइका बाहर के कवनो दुध पियते नइखे। रातिदिन रिरियात रहता। रोवलहू के टूब नइखे। ओइजा के डाक्टर लोग के कहाव रहे कि महतारिए के दूध पची। साहेब मौसी के हाथ में दू लाख रूपया के गड्डी थमाके हाथ जोरि लिहलें। उनकी ओर से डाक्टर साहब मौसी के बतवलें कि कुसुम एह लइका के आपन दूध पियावें तब्बे एकर जान बची। मौसी कि सथवें लइकवा के लिहले मेमवो आ गइलि। कुसुम के छाती मुँहें में लिहले के बाद लइकवा चुपा गइल। एहर कुसुम के ऑंखि से लोर बहे लागल अउर लइकवा के महतारियो सुसुके लगलि। मौसियो मोहा गइली।\\nकुछुए देर बाद लइकवा पीके अघा गइल आ गहिर नींद में पहुंचि गइल। मेम ओके उठा के अपनी छाती से लगावल चहली। जइसे जरत लुत्ती से छुवा गइल होखे ओह लेख लइका चिचियाए लागल। मौसी ओके\\nलेके आके फेरू कुसुम की कोरा में दे दिहली। तुरंते लइका उॅघा गइल। पहिले साहेब मेम साहेब सोचले रहले कि दूध पियले की बाद लइका अपने होटल में राखी लोग, बाकि कुसुम के छोड़िके लइका रहबे नाहीं\\nकरे। डाक्टर सब हालि जनलें त कहलें – ‘छव महीना लइका महतारी के दूध पर पालींजा त जिनगी भरि कई तरह के रोग बियाधि से बचल रहि सकेला। साहेब के धन दौलत के कमी रहल नाहीं। होटल में रहि के\\nलइका पोसवावल ओह लोग खातिर तनिको गढ़ू ना रहे। मौसी फेरू कुसुम के समुझवली कि रतियो के लइकवा के अपनिए लगे रखलो पर अउर रूपया देबे के तेयारी बा। कुसुम अपनहूँ लइकवा के साथे रहले\\nमें अजबे तरह ��े सुख सवाद पावे लगली। उनके घाव भरि गइल। घूमे फिरे लगली। दरसन बीच बीच में अवते रहें। कुसुम से बता दिहलें कि उनके कंपूटर सिखले के बात सुनि के आई जानि के कि लवटि के\\nलइकी कुल्हिनि के सिखइहें पढ़इहें सगरी बहुत खुश भइल बाड़ीसन। कुसुम कहली कि सचहूँ हम कंपूटर सीखि लेई त बहुते लाभ हो सकेला। एहर लइका के देखत रहले के साथ लिहले ओकर माईबाप लोग\\nकुसुम कि लगहीं बनल रहे। पहिले दिन साहेब के देखिके कुसुम मौसी से कहली कि इनकी सामने हम लइका के दूध कइसे पिआई। तय भइल कि साहेब ओह कमरा में तब्बे आवे जब लइका दूध पी लिहले\\nहोखे। साहेब अगिले दिन आपन कपड़ा के उठवले अइलें। जबले लइका दूध पियलसि, साहेब बइठका में अपने कंपूटर पर कुछ काम काज करत रहलें।\\nमौसी पुछली – ए साहेब ई का हऽ?\\nसाहेब कहलें – एके गोद में राखि के काम करे वाला कंपूटर कहले जाला।\\nमौसी पुछली – एके कुसुम सीखि सकेले?\\nसाहब कहलें – काहें नाही? सीखि सकेली।\\nमौसी कुसुम से कहली। उ पुछली-के सिखाई?\\nमौसी कहली – दरसन से कहब, उहे कवनो के लगा दीहें।\\nअगला दिने साहेब ओइसने एगो कंपूटर कीनि के कुसुम खातिर लेले अइलें। मेम साहेब कुसुम के देके कहली कि उनही खातिर ई किनाइल ह। एसे सीखि लीहें। खोलि के दुचारि बात बतवली। तले साहेब कमरा में झंकलें आ देखलें कि बिछौना पर लइका अपना हाथगोड़ फेंकि फेंकि खेलि रहल बा। बगल में कुसुम मेम साहेब से कंपूटर सीखि रहल बाड़ी। मुसुकी मारत साहेब कबो एह लोग के कबो बेटा के निहारत रहले।\\nडॉक्टर साहेब कुसुम के आ लइकावा के बोलवा के जॉच कइलें। दूनू जने के वजन लियाइल। कुसुम के खाना खोराक के लमहर लिस्ट बना के कहले कि जबले लइका दूध पियत रही तबले तहार खना पीना एह हिसाब से चली। कुसुम हाथ बढ़वली तबले मेम साहेब अपने हाथ में ले लिहली। सॉझ से पहिले सब समान लदले फनले एगो आदिमी आ गइल। पाछे पाछे साहेब-मेम। मौसी के समुझावल लोग कि अब से कुसुम के खाना-पीना एह लेखा चली। नवका समान बनवले में साहेब-मेम मदद करे लगलें। मौसी कहली – आज आपोलोग एही जा खाना खाई। बिना कवनो ना नुकुर के मानि लिहल लोग। मौसी, साहेब, मेम, कुसुम सब एक्के साथे खाइल। मौसी वाली तरकारी एक चम्मच लेके मेम चिखली आ लगली सीसी करे। मुँह लाल हो गइल। ऑखि नाक से पानी गिरे लागल। मुँह नाक धोवली, तब्बो सिसियाते रहली। मौसी सेब काटि के दिहली। धीरे धीरे चुभुलावे लगली। साहेब त रोटी पर मक्खन लग�� के उसिनल आलू खा लिहलें।\\nदरसन अइलें। देखते कुसुम चिहा के कहली – आपके चेहरा काहे सुखि गइल? खात पियत नइखीं का?\\nकहलें- ‘खात पियत बानी, बाकि तहरे हाथ के खइले में जवन लज्जत मिलेला, ऊ त ना नू मिली।\\nकुसुम बना के हलुवा खियवली। खाना खोराक के नया हाल चाल बतवली। आपन कपड़ा देखवली। कुछ खटर पटर कइली आ बतवली कि मेम साहब रोज सिखा रहल बाड़ी। खा पी के लवटे लगलें, तले लइका के रोवाई सुनि के कुसुम ओहर लपकली। ओके गोदी में उठा के छाती ओकरे मुँह में धरवली आ ओही जा से बोलली – तनी लइकवा के देखाईं का?\\nदरसन कहले-‘नाही हो। हम का करब ओके देखि के? आ कहते बहरा निकड़ि गइलें।\\nकुसुम उनके मन के भाव समुझे लगली। लइकवा के चेहरा मोहरा लाल भभूका फरियाए लागल। ओकर ऑखि निलछहूँ लागे आ भउँहवा ललछौंह। सोचली, ठीके भइल दरसन एके नाही देखलें। उनके कलेस होइत।\\nएक दिन मेम साहेब कहली कि सॉझ के खाना सब लोग ओह लोगन के होटल में खाई। मौसा अइलें त सबलोग होटल से आइल बडकी गाड़ी में बईठि के होटल पहुँचल। साहेब के कमरा में कुछ देर बइठले कि बाद बड़का हाल में चले के भइल। कुसुम कहली – ‘हम लइका छोड़ि के नाहीं जाईबि। ओके कोरा में लिहले गइली। सैकड़न लोग बइठल रहे। कवनो मेज की लगे चारि जने, कवनो की लगे छव जने, कवनो बड़हन रहल त दस बारह जने। रोशनी एतना कम रहल कि कुछ सुझते नहीं रहे। खूब धीरे धीरे बड़ा रसगर कवनो बाजा बाजत रहल। मेज का लगे पहुंचि के बइठले पर लउकल कि हर मेज पर बीच बीच में मोमबत्ती जरावल बा। ओकरे चारू ओर ललटेन के सीसी लागल बा। बइठते में पर पलेट पर पलेट सजाए लागल। खाए पीए के समान ले आके उर्दी पहिरले बैरा लोग राखत रहल। कुसुम गोदी में लइका लिहले चुपचाप बइठल रहली। मौसी कहली – कुछ खा बेटी।\\nकुसुम कहली – मौसी हमके कमरवे में पहुंचा द। बाबू के लेटा के ओही जा खा पी लेबि।\\nसाहेब सुनले त उहो एह लोगन के सम्हारत सहेजत अपने कमरा में अइले। पाछे पाछे बैरा खाना पानी ले अइलें। साहेब कहलें कि कुसुम एइजा खालें, मौसी हाल में चलें।\\nकुसुमो कहली – मौसी तें चलि जो। हमरा कौनो दिक्कत नाहीं होखी।\\nमौसी साहेब की साथे चलि गइली। कुसुम बिछौना पर लेटि के लइका पियावे लगली। जब हिक भरि दूध पी के लइका उँघा गइल त उठि के कुछ खाए लगली। दस मिनट बाद एगो ठकठक सुनि के केवाड़ी खोले उठली। खोलली त देखली कि साहेब साथे बडहन बडहन पलेट लिहले बैरा खाड़ रहल। पाछे हटली। बैरा मेज पर समान ��जावे लागल त कुसुम ओसे कहली – ई सब उठा ले जा। एतना के खाई।\\nसाहेब अपने हाथ से कुछ समान चम्मच से एगो पलेट में राखे लगलें। बैरा से बाकी सब समान ले जाए के कहलें। कुसुम खड़ा रहली। अगोरत रहली कि साहेब निकड़ें त बइठें। साहेब दूनू हाथे से कुसुम के कान्हें पर से घेरि के कुर्सी पर बइठा दिहलें आ कहले – ‘खाइए।’\\nकुसुम फेरू उठि गइली आ कहली – ‘आप जाइए यहाँ से । मैं खा लूंगी। लपकि के केवाड़ी खोलि के कड़ी नजर से ताकि के कहली – ‘जाइए। ’\\nसाहेब चुपचाप निकड़ि गइलें। केवाड़ी बंद क के बइठली आ लगली सोचे कि एह लेखा हमके पकड़ि के जवने तरे दबवलसि हऽ ओसे तऽ एकरे नेति में खाम सोझे लउकि रहल बा। खैर, आपन मन बस में रही त आन के नेति कुनेति से का बिगड़ी। कुछ खाई के लइका के बगल में सुति रहली। कुछ देर बाद उहे गाड़ी एह लोगन के घरे पहुंचा दिहली स।\\nछव महीना में कुछुए दिन बाकी रहल। लइका बकइयां खींचे लागल। ओकरा खाड़ होखे खातिर एगो गोल गोल घूमे वाली गाड़ी आ गइलि। बिच्चे में खाड़ करा के ओकर हाथ किओर पकड़ा दिहल जाव। ओही\\nके साथे लइका खड़ा होके डगरे लागे। कबो गाड़ी में चारू ओर लागल कपड़ा में लद्द दे बइठि जा। कबो खड़ा हो जा। अपनी ओर ताकत माई बाप के देखि के किलकारी मारि के हॅंसे लागे। साहेब मेम सब लोग दिन भर ओही के आगे पाछे लागल रहे। साहेब कौनो हरकत फेरू नाहीं कइलें।\\nएक दिन का भइल कि घर से मौसी आ मेम कुछ देर खातिर बजारे चलि गइलीं। साहेब कंपूटर पर आपन काम करत रहलें। ओह लोगन के बाहर निकरते साहेब कुसुम की कमरा में आ गइलें। बेटा के कोरा उठा के चूमें लगलें। कुसुम से कहले – ‘यह किसका बाचा है?\\nकुसुम कहली – आपका है।\\nसाहेब कहलें – और इसका माँ कौन है?\\nकुसुम कहली – मेम साहब।\\nसाहेब कहलें – नहीं। तुम्हारा पेट से जनमा है। तुम माँ है। हमारे बेटे की माँ तुम है। तो तुम हमारा क्या हुआ?\\nकुसुम बिना कुछ बोलले धड़ाम से केवाड़ी खोलि के बहरा निकड़ि गइली। ओही समे मौसी आ मेम आ गइलीं। कुसुम आंखी में आगी भरि के कहली – मौसी! हे साहेबवा के समुझा दे कि ई हमार कोखि किनले रहल। हमार माँगि हमरा सवाँग के हऽ। ओकरे ओर ताकी त एकर आँख फोर देबि।\\nशीतल सुयश, राप्ती चौराहा,\\nपो0 आरोग्य मंदिर,\\nगोरखपुर – 273003\\nPrevious Post: ‘हम’ पूजक भोजपुरियन के सेवा भाव\\nNext Post: पागल लईकी के किरदार कइल चाहत बानी : रानी चटर्जी","num_words":2534,"character_repetition_ratio":0.029,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.384,"stopwords_ratio":0.037,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"बिहार आ यूपी मिला के तीन गो लोकसभा सीट आ बिहार विधानसभा के दू गो सीटन ला भोटिंग शुरू – टटका खबर\\nबिहार आ यूपी मिला के तीन गो लोकसभा सीट आ बिहार विधानसभा के दू गो सीटन ला भोटिंग शुरू\\nलखनऊ आ पटना, 11 मार्च (वार्ता) बिहार में लोकसभा के अररिया सीट आ विधानसभा के दू गो सीटन – जहानाबाद आ भभुआ – पर आ यूपी के – गोरखपुर आ फूलपुर – लोकसभा सीटन पर आजु करावल जा रहल भोटिंग सबेरे सात बजो से शुरू हो गइल बा.\\nइलाहाबाद से खबर मिलत बा कि बूथ पर मतदातन के रूझान बहुते कम लउकत बा. शायदे कहीं लमहर कतार लउकत बा. हँ कतहीं से कवनो खराब खबर सुने के नइखे मिलल. मतदान शुरु होखत घरी एकाध जगहा से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के गड़बड़ी देखे के मिलल जवना के समय रहते ठीक करा लीहल गइल. हँ भभुआ में ऊवीएम का खराबी का चलते देर ला मतदान शुरु ना हो पावल.\\nफूलपुर से खबर बा कि एक बजे ले करीब 19.2 फीसदी भोट डालल गइल बा. गोरखपुर आ फूलपुर से 11 बजो ले करीब 15 फीसदी भोटिंग के खबर बा.\\nसमाजवादी गोल (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के कहना बा कि यूपी के गोरखपुर आ फूलपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में चउँकावे वाला परिणाम आवे जा रहल बा. त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कहना बा कि सपा बसपा गठजोड़ भाजपा के विजयरथ के ना रोक पाई.\\nTags: अररिया, गोरखपुर, जहानाबाद, फऊलपुर, भभुआ\\nभभुआ से भाजपा आ जहानाबाद से राजद जीतल","num_words":231,"character_repetition_ratio":0.08,"word_repetition_ratio":0.072,"special_characters_ratio":0.399,"stopwords_ratio":0.065,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Holi has great significance in Bhojpuri region during this time romance is at its peak in people Bhojpuri Special: फगुनी सरसराहट में उठे करेजवा में हूक, बढ़े लागेला अजबे रोमांस – News18 Hindi\\nBhojpuri Special: फगुनी सरसराहट में उठे करेजवा में हूक, बढ़े लागेला अजबे रोमांस\\nहकीकत में फागुन के आवे में अबहीं भले कुछु दिन के देर बा, बाकिर पछुआ हवा धीरे-धीरे चले लागल बा. तीसी, सरसों, रहरि के फूल के सुगंध आ आम-लीची के मोंजरि के मातल गंध से सनल फगुनहट सरसराहट से भोजपुरिया समाज में बउरहटि के संकेत मिले लागल बा.\\nLast Updated : February 19, 2021, 22:26 IST\\nजइसे-जइसे फगुनाहट सरसराए लागेला, भोजपुरी माहौल में अजबे रोमांस बढ़े लागेला. चूंकि भोजपुरिया समाज प्रमुखत: खेती-किसानी वाला समाज रहल बा, एह वजह से इहां के लोगनि के रोजी-रोटी खातिर आपन गांव-गिरांव छोड़े के लंबा इतिहास रहल बा. रोजी-रोटी के चक्क���घिन्नी में इहवां के लोग सैकड़ों साल से आपन जरि-सोरि छोड़े के मजबूर रहल बा. चूंकि अंगरेजी जमाना में बंगाल रोजी-रोजगार के बड़का केंद्र रहे, त लोगनि के पनाह ओहि जे ढेर मिलत रहे. एहि वजह से भोजपुरिया लोकरंग में जवन बिरह बा, ओह में कलकता आ बंगाल के ढेरे चर्चा बा…\\nहकीकत में फागुन के आवे में अबहीं भले कुछु दिन के देर बा, बाकिर पछुआ हवा धीरे-धीरे चले लागल बा. तीसी, सरसों, रहरि के फूल के सुगंध आ आम-लीची के मोंजरि के मातल गंध से सनल फगुनहट सरसराहट से भोजपुरिया समाज में बउरहटि के संकेत मिले लागल बा. अइसे में चौराहा-चट्टी पर भोजपुरिया बिरहिन के दरद से भरल गानन के शुरूआत हो गइल बा. ओहि में से एगो गीत बा…\\nलागल झुलनिया के धक्का\\nबलम कलकत्ता निकलि गइले\\nपिया-पिया कहि पीयर भइनी\\nजइसे बिरिछ के पत्ता,\\nबलम कलकत्ता निकलि गइले..\\nएक तरफ फगुआ के इंतजार बढ़ि गइल बा. जेकर कोरोना काल में जइसे-तइसे जल्दीबाजी में बियाह भइल रहल हा, ऊ नवकि कनिया आपन सइंया के मन ही मने बाट जोहतारी. उनुकर ई दरद रोज दुपहरिया के अंगना में आवेवाली बड़की माई समझतारी. ऊ ओलवारे कनिया के एह चिंता के जतावतो बाड़ी. ई सुनि-सुनि के कनिया के अंदर मीठ-मीठ दरद उठता. उनुका ई चर्चा निमनो लागता. बाकिर लाजे-लिहाजे खुलि के बोलि नइखी पावत.\\nकोरोना के चलते ननदी के कॉलेज जाए के नइखे परत. सबेरे चाह-पानी पी के ऊ महल्ला में निकले ले त एगारह-बारह बजे घरे लवटे ले. जब लवटे ले त भउजाई के जुबाने से चिंऊटी काटेले, मोका पाइ के भाई के नाम पर भउजाई के ओलवारे मजा लेले. अइसे में कनिया अगर ई सोचे लागे त बेजाइं ना कहाई. अइसन मोका पर नवकी बहुरिया के करेजा में जवन दरद उठेला, ओह के लोकरंग में कुछु अइसन शब्द मिलल बा…\\nफागुन के आइल बहार हो बलमुआ,\\nछोड़ि द नोकरिया घरे आव.\\nघरहिं खिअइबो तोहे पूड़ी-मिठइया,\\nबलमु घरे आव.\\nऊपर से तोहके सेजिया सुताइब,\\nहीक भरि जिअब लहालोट हो,\\nबलमुआ छोड़ि द नोकरिया,\\nछोड़ द नोकरिया घरे आव..\\nइहे मोका ह, जब आम के मोजरि के बीच से अचानक चिहुकला नियर कोइलरि बोले लागेले. कोइलर के ई बोली जहां लइका-बच्चन खातिर ठिठोली के जरिया बनि जाले, उहां नवकी कनिया के करेजा में हूक के कारण बनि जाले. रहल-सहल कसरि निकालि देले टोला-पड़ोसा के ईया-दादी के ओलवार बोली, दुआरे से मजा लेत देवर के रसीली बानी आ ननदी के ठिठोली. अइसे में जिया ना जरी ता का होई. नवकी कनिया अगर कलकत्ता पर मने-मने खीसि ना निकलिहें त का करिहें. हालांकि कलकता वाली खीसि तब ठंढा जाई, जब पिया जी उहां से लवटिहें आ साड़ी, लिपिस्टिक, आलता आ पाउडर लेके अइहें. ओइसे त अब आलता के जमाना नइखे. बाकिर कुछु साल पहिले ले बंगाल के आलता के बहुते चालान रहे. जब सोहागिन लोग आपना एड़ी- गोड़ के किनारे आलाता लगइहें त ओकर चटख रंगे देखि के कई लोगन के करेजा जइसे बइठि जात रहे. बहरहाल अभी त कनिया के कोइलरि के बोलिए गोली नियर लागतिया…\\nलागेला करेजवा में गोली हो,\\nसुनि कोइलर के बोली…\\nछलकि-छलकि जाला रस के गगरिया…\\nचलल दुलुम भइले रहिया डगरिया…\\nजहं-तहं करेला ठिठोली हो, नवछंटियन के टोली….\\nभरि-भरि के मारे देवरा फिचुकारी…\\nभींजि के लथपथ हो गइले साड़ी…\\nमसकि गइल हमार चोली हो, कइसे खेलीं होली…\\nझिरी-झिरी बहेला बेयार मधुआइल…\\nकुफुरेला जीव मोर पियवा न आइल…\\nदुअरा लगाइल केहू डोली हो, जइसे उड़नखटोली…\\nकोइलरि की बोली से परेशान कनिया के टीस तबे कम होई, जब संइयां लवटि के अइहें.. तब ले कनिया मन ही मन सइयां के यादि कइके कबो हंसि के रहि जइहें त कबो दुखा जइहें. ओइसे अब कनिया के पाले मोबाइल फोन बा. एह फोन में थ्री जी भा फोर जी कनेक्शन बा. जब मोका लागी त वीडियो कॉल कइके बतिया लिहें आ शिकवा-शिकायत भरि दिहें. एह खातिर उनुका तनी एकांत चाहीं, नाहीं वीडियो काल पर आपाना घर के लइका के देखि के लोगे जियल मुसकिल कई दी. तब ले कनिया के पाले एके उपाय बा, बड़की दीदिया चाहे माई से वीडियो काल पर बतियावसु, साल भर के भइल भतीजा के मांह बनि के चलतु वीडियो पर देखसु. जब ले ई करिहें, तब ले सांझि त होइए जाई, फेरू आंगाना गुलजार हो जाई. देवर के बोली आ ननदि के ठिठोली शुरू हो जाई… (लेखक उमेश चतुर्वेदी वरिष्ठ पत्रकार हैं.)\\nBhojpuri Bhojpuri News Holi 2021 Kolkata UP झारखंड भोजपुरी भोजपुरी न्यूज रांची वाराणसी","num_words":810,"character_repetition_ratio":0.038,"word_repetition_ratio":0.097,"special_characters_ratio":0.391,"stopwords_ratio":0.053,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.994,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"बप्पा के पंडाल में गूंजी मनोज तिवारी आ स्वरूप भालवनकर के गणेश आरती – Anjoria\\nबप्पा के पंडाल में गूंजी मनोज तिवारी आ स्वरूप भालवनकर के गणेश आरती\\nभोजपुरी फिलिमन के मेगा स्टार आ मशहूर गायक मनोज तिवारी “मृदुल” आ “हिचकी” फेम मराठी गायक स्वरूप भालवनकर अउर अवधूत गुप्ते के गणेश आरती अबकी का गणपति पण्डालन मे खूब सुने के मिली. ई पहिला बेर भइल जब भोजपुरी के कवनो गायक का साथे मराठी गायकन का आवाज में गणपति आरती तइयार कइल 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में खत्म होई टेंशन?\\nBhojpuri Spl: भारत-पाकिस्तान में शांति बहाली के रजामंदी, त का अब दूनो देश में खत्म होई टेंशन?\\nमानल जा रहल बा कि ई समझौता में भारत क नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र अजील डोभाल अहम भूमिका निभउले रहलन. सूत्रन के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा डिवीज़न अउर रणनीतिक नीति संयोजन क स्पेशल असिस्टेंट मोहम्मद डब्ल्यू यूसुफ़ भारत के एनएसए डोभाल के सीधे संपर्क में रहलन.\\nLast Updated: February 26, 2021, 3:38 PM IST\\nभारत-पाकिस्तान सीमा पर पूरी तरह शांति बहाली कायम करे खातिर आखिरकार दूनों देसन के बीच अब रजामंदी हो गइल बा. एलओसी पर संघर्ष विराम के कुल शर्तन क सख्ती से पालन करे खातिर सहमति जतावल गइल बा. दूनों देशन के डीजीएमओ स्तर के अफसरन के बीच ए खातिर हॉटलाइन पर बात भइल. गुरुवार के भारत क रक्षामंत्रालय एकर जानकारी बकायदा बयान जारी क के देहलस, जेकरा मुताबिक 24-25 फरवरी से एलओसी पर दूनों तरफ से युद्धविराम क पूरी तरह से पालन किहल जाइ.\\nमानल जा रहल बा कि ई समझौता में भारत क नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र अजील डोभाल अहम भूमिका निभउले रहलन. सूत्रन के मुताबिक पाकिस्तान की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा डिवीज़न अउर रणनीतिक नीति संयोजन क स्पेशल असिस्टेंट मोहम्मद डब्ल्यू यूसुफ़ भारत के एनएसए डोभाल के सीधे संपर्क में रहलन. एकरा खातिर तीसरे देश में दूनों लोग आमने-सामने बइठ के बातचीत कइले रहलन. लेकिन इ मुलाकात बेहद गोपनीय रहल अउरी एकरा के बारे में भारत में केवल तीन-चार लोगन के जानकारी रहल, ओनमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर रहलन.\\nमिलल जानकारी के मुताबिक भारतीय सेना क डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत संघा अउर पाकिस्तानी डीजीएमओ मेंज़र जनरल नुमान जकरिया के बीच 22 फरवरी के हॉटलाइन पर बातचीत भयल रहल. ई बातचीत बिल्कुल सौहार्दपूर्ण वातावरण में स्पष्ट रूप से भयल, अउर एसओसी के साथ-साथ सबही इलाकन की स्थित क समीक्षा किहल गइल. हालांकि अइसन न हौ कि पहली बार दूनों देसन के बीच सहमति बनल बा. सन 2018 में अइसहीं एक समझौता पर बड़े अफ़सरन क दस्तखत भइल रहल, जेकरा मुताबित दूनों देश वादा कइले रहलन कि सन 2003 में भइल संघर्ष विराम समझौते क पालन करल जाई. सन 2003 में भइल समझौता में एलओसी पर फायरिंग और गोलाबारी करले क मनाही रहल. लेकिन दुर्भाग्यवश दूनों तरफ से सीज़फ़ायर क एतना उल्लंघन भइल कि हालात युद्ध जइसन हो गइल. भारत क लगातार आरोप हौ कि पाकिस्तान चाह ता कि गोलीबारी के आड में भारतीय सीमा में आतंकियन क घुसपैठ करावल जा सके. हालांकि भारत गोली चलावे क पहल कबहुं न करले हौ लेकिन जवाबी कार्रवाई में गोलाबारी करब मजबूरी हौ.\\nदूनों सेना की तरफ़ से स्मॉल आर्म्स फ़ायरिंग से लेके मोर्टार, रॉकेट, तोप अउर एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल तक इस्तेमाल हो चुकल बा. भारतीय सेना क आंकड़ा बतावता कि साल 2018 में पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर 1629 बार युद्ध विराम क उल्लंघन भयल लेकिन साल 2019 में इ आंकड़ा बढ़ि के 3168 हो गइल. सन 2020 में त पाकिस्तान 4645 बार फायरिंग क के समझौता तोडलस. एतने ना, मौजूदा साल 2021 में यानि 1 जनवरी से ले के 25 फरवरी तक पाकिस्तान 590 बार सीज़फायर तोड़ले बा. जाहिर हौ कि बेवजह फ़ायरिंग से दूनों ओरी तमाम सैनिकन क जान जाएला अउर सीमावर्ती गांवन के निर्दोष लोगन के जानमाव क नुकलान होला. अगर समझौता पर कायदे से अमल होई त इ नुकसान से बचल जा सकेला. रक्षामंत्रालय के अनुसार दूनो सेना के डीजीएमओ स्तर के बातचीत में इ दोहराइल गइल बा कि कउनो कारनवश अगर बीच में गलतफहमी भइल, कउनों विवाद भइल, त ओकरा के मिल बइठ के फ़्लैग मीटिंग में या हॉट लाइन पर सुलझावल जाइ. जानकार मानेलां कि दूनों देसन के बीच में बेहतर संबंध बनावे खातिर अगले कुछ महीनन में जउन ठोस कदम उठावल जाई, ओकर ई बानगी भर हौ.\\nराष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारन के मुता��िक पिछले एक महीना में कुछ बदलाव अइसन भइलन, जेकरा से संकेत मिला ता कि आपसी संबंध में सुधार के खबर जल्द देखे के मिली. पहिला संकेत2फरवरी के पाकिस्तान सेना प्रमुख बाजवा से मिलल, जेहमें ऊ इस्लामाबाद की प्रतिबद्धता अउर सब दिसावन में शांति खातिर हाथ बढ़ाने क बात कहले रहलन. जबकि बालाकोट हवाई हमले के बादे से बाजवा भारत के खिलाफ कड़ा तेवर अख्तियार कइले रहलन. एकरा3दिन दिन बादे दूसर संकेत इस्लामाबाद से5फरवरी के जारी बयान से मिलल, जउन पहिले के बयान से असमान्य रहल.5फरवरी के पाकिस्तान कश्मीर सॉलिडेरिटी के रूप में मनावेला. पिछले हफ्ता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोविड 19 महामारी पर सार्क बैठक बुलउले रहलन. ए बैठक में पाकिस्तान के स्वास्थ्य विभाग के स्पेशल असिस्टेंट फैसल सुल्तान के जुबान से केवल कोरोना संकट क बात निकलल, जबकि एकरा से पहिले मार्च 2020 में सार्क बैठक में फ़ैसल भारत के खिलाफ खूब जहर उगलले रहलन अउर कश्मीर मुद्दा पर दुनिया क ध्यान अपनी ओर खींचे के कोशिस कइले रहलन. अउर ताजा संकेत भारत की ओर से मिलल, जब पाक पीएम इमरान खान के स्पेशल क्राफ्ट के लक्षद्वीप द्वीप समूह के ऊपर सै उडे क इजाज़त दिहल गइल. इमरान क विमान श्रीलंका जात रहल. जबकि एकरा विपरित पाकिस्तान अइसन ना करले रहल. सितंबर 2019 में जब भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद क जहाज यूरोप जात रहल, तब पाकिस्तान अपने हवाईक्षेत्र के इस्तेमाल क अनुमति नाहीं देहले रहल. एकरे अलावा पीएम मोदी जब अमेरिका अउर सउदी की यात्रा पर गइल रहलन, तबो पाकिस्तान अपने हवाईक्षेत्र के इस्तेमाल क इजाजत देवे से साफ इनकार कइले रहल.\\nलेकिन एह बात से इनकार ना किहल जा सकेला कि एकरा पीछे भारत क अदम्य साहसो बा, जउन एलएसी पर चीन के साथ देखउले हौ. चीन के साथ पिछले नौ महीना से चलल टकराव के बाद डिसइंगेजमेंट समझौता भइल. ई शंका रहल कि जब भारत क सेना चीन के साथ सीमा विवाद में फंसल रही, ओ समय पाकिस्तान भी बार्डर पर बदमाशी कइ सकेला. लेकिन अइसन ना भइल. पाकिस्तान की तरफ से अइसन कउनों कार्रवाई ना भयल. यानि पाकिस्तान इ बूझ ता कि जब भारत चीन जइसे जबर देस के आंख देखा के जवाब दे सकेला अउर ड्रैगन के पीछे भागे के मजबूर कई सकेला, त ओकरा के सामने पाकिस्तान क का बिसात हौ. यानि इ माना जा सकेला कि भविष्य में भारत-पाक सीमा पर तनाव अब अउरी घटी, बढ़ी ना. अब एलओसी पर एलएसी के तरह बदलाव ��� बयार बही. देश बदल रहल बा, भारत बदल रहल बा. (लेखक करुणेश त्रिपाठी वरिष्ठ पत्रकार हैं.)","num_words":1026,"character_repetition_ratio":0.046,"word_repetition_ratio":0.085,"special_characters_ratio":0.396,"stopwords_ratio":0.042,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":0.997,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"व्यस्तता का चलते नाच नचैया धूम मचैया से अलगा हो गइलन रवि किशन – Anjoria\\nव्यस्तता का चलते नाच नचैया धूम मचैया से अलगा हो गइलन रवि किशन\\nनवम्बर 5, 2011 रविकिशन\\nभोजपुरी फिलिमन के सदाबहार सुपर स्टार रवि किशन महुआ टीवी के लोकप्रिय शो “नाच नचैया धूम मचैया” के होस्टिंग नियमित रूप से ना करीहें काहे कि एह घरी उनुका बैक टू बैक कई फिलिम के शूटिग करे के पड़त बा. एह फिलिमन में भोजपुरी आ हिन्दी दुनु के फिलिम बाड़ी सँ.\\nसैफ अली खान के होम प्रोडक्शन फिल्म “एजेंट विनोद” के शूटिंग कुछ कारण से तीन दिन अधिका चल गइला से उनुकर सगरी कार्यक्रम गड़बड़ हो गइल बा. रवि किशन के कहना बा कि “नाच नचैया धूम मचैया” उनुका दिल से जुडल शो हवे आ ऊ कबो ना चहलें कि एह शो से दूर होखे के पड़े.\\nबहरहाल रवि किशन के जगहा एह शो के एंकरिंग अब के करी एह खातिर संशय बनल बावे. बतावे जोग बा कि रवि किशन का एंकरिंग में “नाच नचैया धूम मचैया” जबरदस्त कामयाबी पवलसि आ बिहार उत्तर प्रदेश में त एह शो के टीआरपी “जस्ट डांस” शोओ से अधिका रहल.\\nमनोज तिवारी ‘नाच नचईया धूम मचईया’ के एंकर बनलें","num_words":188,"character_repetition_ratio":0.101,"word_repetition_ratio":0.022,"special_characters_ratio":0.373,"stopwords_ratio":0.032,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Bhojpuri Special: भोजपुरी सिनेमा के कॉमेडियन हँसावेले कम, फुहड़ता लउकेला जादा... Comedians of Bhojpuri cinema laugh less but serve vulgarity with double meaning dialogues – News18 हिंदी\\nBhojpuri Special: भोजपुरी सिनेमा के कॉमेडियन हँसावेले कम, फुहड़ता परोसेलें जादा...\\nकॉमेडी सीन आ लाफ्टर रिलीफ कवनो भी फिलिम के जान होला. हिंदी, साउथ चाहे भोजपुरी इंडस्ट्री होखे, कॉमेडी के बहुते स्कोप होला. हालांकि कई बार निर्देशक-लेखक मर्यादा भूल जाले अउर उ फूहड़ता के हद तक पहुँच जालें.\\nकॉमेडी सीन आ लाफ्टर रिलीफ कवनो भी फिलिम के जान होला. हिंदी, साउथ चाहे भोजपुरी इंडस्ट्री होखे, कॉमेडी के बहुते स्कोप होला. हालांकि कई बार निर्देशक-लेखक मर्यादा भूल जाले अउर उ फूहड़ता के हद तक पहुँच जालें. स्वस्थ कॉमेडी एगो चैलेन्ज ह. केहू के हँसावल मजाक ना ह. भोजपुरी के पुरनका फिलिम में हरी शुक्ला हँसावत रहलें, ख़ास क के अपना तकिया क��ाम आ बोले के स्टाइल से. गंगा किनारे मोरा गांव में उनकर तकिया कलाम धकाधक बड़ा फेमस भइल रहे. बाद के समय में नाड़ा लटका के अलूल जलूल भाव भंगिमा वाला कॉमेडियन भी नज़र अइलें. अश्लील आ द्विअर्थी संवाद आ दृश्य से भी हास्य पैदा करे के कोशिश भइल. हम एकरा के कॉमेडी में बेहूदगी कहेनी. अइसन कॉमेडी में हँसी ना बरेला, मुँह से गारी निकलेला. अभी भी भोजपुरी सिनेमा में कॉमेडी कहानी के हिस्सा कम आ फिलर ज्यादा बा.\\nदरअसल ध्यान से देखल जाव त सिनेमा तीन चीज, स्टार पावर, कॉमेडी अउर गाना से चलेला. तीनों के काम कहानी में दर्शक के इंटरेस्ट पैदा कइल ह. हम ई त ना कहेम कि भोजपुरी सिनेमा में अइसन होते बा लेकिन इहो ना कहेब कि भोजपुरी में कॉमेडी हइलहीं नइखे. बा, अच्छा कॉमेडी भी बा आ अच्छा कॉमेडियन भी बाड़न. कुछ लोग त हिंदी आ दोसरा क्षेत्रीय भाषा के बड़ा प्रोजेक्ट में काम करके भोजपुरी में आइल बा. त, आईं भोजपुरी सिनेमा के कुछ प्रमुख कॉमेडियन के सफर अउर उनका बेहतरीन कॉमेडी के बात कइल जाय.\\nपुरनका दौर के भोजपुरी सिनेमा के सबसे अधिक लोकप्रिय हास्य अभिनेता के नाम ह हरी शुक्ला. पचास से ज्यादा फिल्म में हास्य किरदार निभवले बाड़ें. कॉमेडी के साथ साथ ऊ अपना तकिया कलाम खातिर फेमस रहलें. उनकर पहिला भोजपुरी फिल्म रहे बिदेसिया. बिदेसिया में ऊ एगो तकिया कलाम के प्रयोग कइले रहलें “तोरे का नाउ से”. तब यूपी बिहार के सिनेमा प्रेमी उनकर नामे रख दिहल तोरे का नाउ से. आगे के सफ़र में उनकर नाम बदलत रहल जइसे की धकाधक, का हो तौल तौल के, काहें कि ओह समय के सिल्वर जुबली फिल्म गंगा किनारे मोरा गाँव में उनकर तकिया कलाम धकाधक अउर फिल्म दगाबाज बलमा में उनकर तकिया कलाम (तौल तौल के) लोग के जुबान पर चढ़ गइल रहे.\\nएह सब तकिया कलाम के अइसन असर भइल कि आगे के अधिकांश फिल्म जइसे कि दंगल, ठकुराईन आदि में हरी शुक्ला के तकिया कलाम एगो जरूरी शर्त बन गइल रहे. ई सब तकिया कलाम संवाद लेखक ना लिखत रहलें, ऑन द स्पॉट हरी शुक्ल खुदे जोड़त रहलें. ओह समय के कुछ कॉमेडियन लोग जइसे कि सीएस दुबे आदि उनकर नक़ल कइल लेकिन हरी शुक्ला वाला प्रभाव ना छोड़ सकल. हरी शुक्ल के समय में आ ई कहीं कि पुरनका भोजपुरी फिल्म में कॉमेडी कहानी के हिस्सा रहे अउर आज कल के तरह नाड़ा लटकावे आ अश्लील हरकत कर के हास्य पैदा करे वाला कोशिश ना होखे. अउर अब बात कइल जाय भोजपुरी सिनेमा के आधुनिक युग के कॉमेडियन के.\\nनिरहुआ के फिल्मन के जान बाड़न बताशा चाचा. दिनेशलाल यादव निरहुआ 2006 में फिलिम “चलत मुसाफिर मोह लियो रे” से भोजपुरी फिल्मन में डेब्यू कइले रहलन. एही फिलिम से एगो अउर अभिनेता के डेब्यू भइल रहे जे आगे चलके भोजपुरी के सबसे सफल हास्य अभिनेता बनले, जेकरा के भोजपुरी के दर्शक बताशा चाचा के नाम से जानेला. बताशा चाचा के असली नाम मनोज सिंह टाइगर हवे. मनोज टाइगर उत्तरप्रदेश के आज़मगढ़ के रहे वाला हउवन. उनकर निरहुआ से एही फिलिम के दौरान दोस्ती भइल अउर ई दोस्ती काफी रंग ले आइल. मनोज टाइगर निरहुआ के साथे काफी सफल फिलिम देले बाड़न, हालांकि ऊ रविकिशन आ खेसारीलाल के साथे भी कईगो फिलिम कइले बाड़न, लेकिन पवन सिंह के साथे उनकर 15 गो से ऊपर फिलिम बा.\\nरामलीला से फिल्मन तक के सफर आसान ना रहल. मनोज टाइगर अपना अभिनय के शुरुआत गांव के रामलीला से कइले. हालांकि ऊ ऊहां हरदम सीरियस किरदार करत रहले. एक बार आरएसएस के कैम्प में ऊ कॉमेडी स्क्रिप्ट के प्रदर्शन कइले, उहां दर्शकन के ठहाकेदार हंसी उनका अंदर के कॉमेडियन से उनकर परिचय करवलस. मनोज जइसे-तइसे मुम्बई अइलें अउर उ मशहूर पृथ्वी थिएटर ज्वाइन कइ लिहले. उहां “नेताजी के प्लेटफार्म शो” नाटक में उनकर बउवा के रोल काफी मशहूर भइल.\\nउनकर ओह समय के साथी निर्देशक मनोज ओझा उनकर काम देख के उनका के अपना भोजपुरी डायरेक्टोरियल फिलिम “चलत मुसाफिर मोह लियो रे” में चांस दिहलन. मनोज के काम से प्रभावित निर्माता, निर्देशक उनका के एह फिलिम के रिलीज से पहिलही आगे चल के सुपरहिट रहल कई गो फिलिम जइसे कि निरहुआ रिक्शावाला, हो गइल बा प्यार ओढनिया वाली से अउर श्रीमान ड्राइवर बाबू में साइन कर लेले रहलन। फिलिम “निरहुआ रिक्शावाला” में उनकर किरदार बताशा चाचा अमर हो गइल.\\nअब कॉमेडियन हीरो के पिछलग्गू हो गइल बाड़न\\nमनोज भोजपुरी के कई गो कॉमेडियन से खासा नाराज रहेलें. उनकर मानना बा कि आज के कॉमेडियन-एक्टर में ऊ ठसक नइखे रह गइल जवन पहिले होत रहल. अब ऊ स्क्रिप्ट के डिमांड के वजह से ऑनस्क्रीन हीरो के पिछलग्गू हो गइल बाड़े. कैमरा ऑफ होते ऊ ऑफस्क्रीन भी स्टार के खुशामद में लाग जालन कि उनकरा के अगिला फिलिम में काम मिल जाये. मनोज के यकीन बा कि जल्दीये भोजपुरी के ई दौर समाप्त हो जाई अउर सेंसिबल लोग एकरा के कैप्चर कर ली, तब जाके भोजपुरी सिनेमा के अस्मिता लवटी.\\nमनोज के क��छ बेतुका फिलिम कइला के अफ़सोस बा\\nमनोज टाइगर के दस बेहतरीन किरदारन में उनकर “निरहुआ रिक्शावाला” में बताशा चाचा के किरदार जे हीरो के मौसी के बेटा रहल, ऊ सबसे ज्यादा पसंद कइल गइल। इहे किरदार उनका के बताशा चाचा के नाम से मशहूर कइलस. ऊ फ़ारूक़ सिद्दीक़ी के फिलिम “प्रेम के रोग भइल” में पांच अलग-अलग किरदार कइले रहलन. एह फिलिम के पीवीआर में स्क्रीनिंग के टाइम उदित नारायण के हंसत-हंसत कुर्सी से गिरे के हालत हो गइल, तब हंसते-हंसत उदित नारायण मनोज के दिल से शुभकामना देले रहलन. उनकर निरहुआ के फिलिम “दीवाना” में लव गुरु के रोल फुल कॉमेडी से भरल रहल, जे लोगन के शादी करावे खातिर हिंट देत बा. मनोज के आपन अभी तक के करियर में कुछ बेतुका फिलिम कइला के अफसोस भी होला, हालांकि ऊ अइसन फिल्मन के नाम ना बतावेले.\\nमनोज पवन सिंह के साथे “पवन पुरवईया” में कॉमेडी हीरो के रोल कइले रहले. तब लोगन के लागल रहे कि ऊ मुख्य किरदार में भी जम सकेले. फिलिम “पटना से पाकिस्तान “में उनकर नेगेटिव शेड वाला चिंताहरण चौबे के किरदार अभियो दर्शकन के ज़ेहन में ताजा रहेला, जे खूब कॉमेडी कइले रहल। “लागल रहा बताशा” उनकर हालिया रिलीज लीड रोल वाला फिलिम रहे, जे कुछ खास ना चल पावल. मनोज के बेहतरीन भूमिका वाला फिल्मन में वाह खिलाड़ी वाह, राऊडी रानी, मृत्युंजय, बताशा चाचा, हल्फा मचा के गइल, कच्चे धागे अउर दयावान आदि प्रमुख बा.\\nमनोज टाइगर के फिल्मी करियर 15 साल के हो गइल बा. बकौल मनोज, “ ऊ अभी ले कॉमेडी में आपन 20 प्रतिशत ही देखवले बाड़े, बाकी 80 परसेंट देखावे खातिर ऊ मौका के तलाश में बाड़न. ऊ कई गो फिल्मन के स्क्रिप्ट लिखे अउर निर्माण करे में लागल बाड़े. साथ हीं उ भोजपुरी कलाकारन के लेके वर्कशॉप भी कइल चाहत बाड़न अउर ओह लोग खातिर थिएटर प्ले के प्लानिंग भी बा.”\\nTags: Bhojpuri, Bhojpuri Cinema, Bhojpuri News, Dinesh lal nirahua, Gorakhapur, Nirahua, Pawan singh, Ravi Kishan, UP, पटना, बिहार, रांची, वाराणसी\\nFIRST PUBLISHED : January 27, 2021, 15:41 IST","num_words":1242,"character_repetition_ratio":0.054,"word_repetition_ratio":0.042,"special_characters_ratio":0.396,"stopwords_ratio":0.051,"flagged_words_ratio":0.002,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"सीमा सिंह के गोरे गोरे गाल – Anjoria\\nभोजपुरी सिनेमा में आयटम नंबर देबे का मामिला में सीमा सिंह के कवनो जोड़ नइखे. पिछला दिने जब फिल्म “गोरिया के गोरे गोरे गाल” खातिर सीमा सिंह के आयटम नंबर शूट करे के रहल त ओकरा खातिर एगो आलीशान होटल में डांस फ्लोर के सेट लगावल गइल. जब एह पूरा एयरकंडीशन्ड सेट पर सीमा आपन आयटम नंबर पेश कइली त सभे वाह वाह कर उठल. निर्माता रवि शंकर तिवारी आ निर्देशक एस एस ललित के एह फिल्म में मुख्य किरदार में उत्तम कुमार, लवी रोहतगी आ लिलिपुट के नाम बा. बतावल जा रहल बा कि एगो नया कहानी तरोताजा गाना से भरल एह फिल्म में सीमा सिंह के डाँस एगो प्लस प्वायंट बा.\\nRajiv Dinkar as an army man","num_words":124,"character_repetition_ratio":0.096,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.382,"stopwords_ratio":0.097,"flagged_words_ratio":0.008,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"भोजपुरी में पढ़ें -चुनाव के तरंग बा, रंग-बिरंग के ढंग बा,बिहार विधानसभा के पहिला चरण हो गइल. दोसरा चरण अउर तीसरा चरण के तैइयारी चल रहल बा. - oneIndia24live.television news network Group: Latest News, News & All Headlines... भोजपुरी में पढ़ें -चुनाव के तरंग बा, रंग-बिरंग के ढंग बा,बिहार विधानसभा के पहिला चरण हो गइल. दोसरा चरण अउर तीसरा चरण के तैइयारी चल रहल बा. - oneIndia24live.television news network Group: Latest News, News & All Headlines...\\nभोजपुरी में पढ़ें -चुनाव के तरंग बा, रंग-बिरंग के ढंग बा,बिहार विधानसभा के पहिला चरण हो गइल. दोसरा चरण अउर तीसरा चरण के तैइयारी चल रहल बा.\\nPosted on November 2, 2020 Author adminlogin\\tComments Off on भोजपुरी में पढ़ें -चुनाव के तरंग बा, रंग-बिरंग के ढंग बा,बिहार विधानसभा के पहिला चरण हो गइल. दोसरा चरण अउर तीसरा चरण के तैइयारी चल रहल बा.\\nबिहार विधानसभा के पहिला चरण हो गइल. दोसरा चरण अउर तीसरा चरण के तैइयारी चल रहल बा. सभ पाटी के नेता इहे चिंता से परेशान बाड़े कि बिहार के विकास कइसे होई. बिहार के नइया के असली खेवइया के होई, ई बतावे खातिर घमासान मचल बा. चुनाव के तरंग बा, रंग-बिरंग के ढंग बा. रउआ सभे के सामने पेश बा बिहार चुनाव के तीन रंग.\\nभोटर के रिझावे खातिर नाच-गान\\nगोपालगंज के हथुआ विधानसभा सीट दू वजह से चर्चा में बा. पहिला ई कि इहां जदयू कंडिडेट रामसेवक सिंह अपना परचार खातिर बहुत खास इंतजाम कइले बाड़े. दोसर बात ई कि हथुआ बिहार के एकलौता सीट बा जहां से कवनो पाटी किन्नर कंडिडेट के चुनाव में खाड़ा कइले बा. रामसेवक सिंह के परचार खातिर दिल्ली से नुक्कड़ नाटक के मंडली आइल बा. ई मंडली हथुआ के गांवे गांवे घूम के नाच-बजान से भोटर के रिझा के रामसेवक सिंह खातिर भोट मांग रहल बा. रोड पs जब इ मंजली के कलाकार निकलतs बाड़े तs देखनिहार के मजमा लाग जाता. नाच-गान देखे के खातिर रैली से बेसिये भुड़ जुट रहल बा. जदयू के रामसेवक सिंह के खिलाफ लोजपा एगो किन्न�� नेता के मैदान में उतरले बा . मुन्ना किन्नर उर्फ रामदर्शन परसाद एहिजा से लोजपा के टिकट पs चुनाव लड़ रहल बाड़े. किन्नर समुदाय से चुनाव लड़े वला मुन्ना पूरे बिहार में एकलौता उम्मीदवार बाड़े. मुन्ना किन्नर बहुत पहिले से राजनीत में बाड़े. उ 2007 में जिला परिषद के चुनाव लड़ल रहन लेकिन जीत ना पाइले . एकरा बाद 2015 में हथुआ से जिला पार्षद चुनल गइले. मुन्ना पब्लिक के हक में आवाज उठावे खातिर मशहूर बाड़े. मुन्ना के चुनाव लड़े से हथुआ के फाइट बहुत टाइट हो गइल बा.\\nपूर्व मंत्री रो रो के मांग रहल बाड़े भोट\\nबिहार चुनाव में अइसनो नेता बाड़े जे भोट खातिर रो-रो के जनता से हथजोड़िया कर रहल बाड़े. रोअला-धोअला से कहीं भोट मिलेला ? लेकिन लगातार हार से लचार नेता जी के इहे बुझाता कि अब आंख के लोरे से जिनगी अंजोर होई. उ रो-रो के अइसे भोट मांग रहल बाड़े जइसे कवनो लइका झुनझुना मांगत होखे. इन नेता जी नाम हs हिमराज सिंह. हिमराज सिंह कटिहार के कदवा से चुनाव लड़ रहल बाड़े. उ राबड़ी सरकार में मंतरियो रहल बाड़े. 2000 के विधानसभा चुनाव में हिमराज सिंह कदवा से निरदलीय जीतल रहन. ओह चुनाव में कवनो पाटी के बहुमत ना मिलल रहे. नीतीश कुमार साते दिन के बाद मुखमंतरी पद से इस्तीफा दे देले रहन. एकरा बाद राबड़ी देवी कांगरेस अउर निर्दलीय के मदद से सरकार बनवली. हिमराज सिंह के किसमत चमक गइल. राबड़ी सरकार में उ पथ निरमान मंत्री बनले. लेकिन एकरा बाद हिमराज सिंह कदवा से दोहरिया के ना जितले. 2005, 2010 अउर 2015 में लगतार तीन चुनाव हारे से हिमराज सिंह के धीरज डोल गइल. 2020 में अब उ रो-धो के जनता से भोट देवे के निहोरा कर कर रहल बाड़े.\\nकुर्ताफाड़ चुनाव परचार\\nरोसड़ा के कांग्रेस कंडिडेट नागेनदर कुमार विकल के हाल देख के तs लोग दांत तरे अंगुरी दबावे लागल. रोसड़ा के बहुत दिन से जिला बनावे के मांग हो रहल बा. जनता के दिल में जगह बनावे खातिर नागेनदर विकल कुरता फाड़ के किरिया खइले बाड़े कि जब ले रोसड़ा जिला ना बन जाई तब ले उ कुरता ना पेन्हिएं. खाली धोती पेन्ह के रहिहें. 2015 में एह सीट पs कांग्रेस के अशोक कुमार जीतल रहन. उहो रोसड़ा के जिला बनावे के वादा कइले रहन. वादा पूरा ना भइल. जनता के विरोध से डेरा के अशोक कुमार रोसड़ा छोड़ के कुसेसर स्थान चल गइले. अब नागेनदर विकल से पब्लिक सवाल पूछ रहल बा कि कांग्रेस पs केहू कइसे भरोसा करी ? एह सवाल से उबिया के एक दिन न��गेनदर भरले सभा में आपन कुर्ता फाड़ देले. ई देख के लोग चिहा गइल कि अचके में विकलजी कुर्ता काहे फारे लगले ? जब नेताजी एलान कइले कि उ कुरता फार के रोसड़ा के जिला बनावे खातिर किरिया खा रहल बाड़े तब जाके लोग के लोग के सबूर भइल कि कवनो गड़बड़ी वला बात नइखे. भोट खातिर नेता लोग कवन कवन भेस धरिहें, केहू नइखे जानत.\\nTagged bihar assembly election 2020CM Nitish KumarLalu Prasad Yadav\\nयूपी,एटा. सफाई कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर दिया ज्ञापन\\nPosted on March 20, 2021 Author adminlogin\\nएटा. नगर पालिका परिषद द्वारा 196 सेवा प्रदाता सफाई कर्मचारियों के साथ शहर कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को धरना प्रदर्शन किया और एसडीएम तथा सीओ को ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान एसडीएम अबुल कलाम और क्षेत्राधिकारी राजकुमार सिंह तथा नगर पालिका अधिशासी अधिकारी ने सफाई कर्मचारियों को अश्वस्त किया। कहा कि 196 कर्मचारियों को तत्काल […]\\nकर्नलगंज,सकरौरा – स्कूल चलो अभियान की रैली निकाल कर शिक्षा के प्रति जागरूक किया\\nगोंडा के कर्नलगंज-स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत नगर स्थित प्राथमिक तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालय बालकराम पुरवा एवं प्राथमिक विद्यालय सकरौरा नगर क्षेत्र के द्वारा रैली निकालकर विद्यालय में नामांकन हेतु जागरूकता अभियान की शुरुआत की गयी। परिषदीय विद्यालयों में नामंकन बढ़ाने एवं शिक्षा के प्रति जागरूकता के लिए निकाली गयी इस रैली में विद्यालय के […]\\nनई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के मद्देनजर राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. इन सबके बीच कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को केरल 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रंग-राग से भरल बा. आज उनकर जन्मदिन ह.\\nLast Updated : July 29, 2021, 13:01 IST\\nएगो समय रहे आ कहीं-कहीं त आजो ब्रम्हमुहूर्त में मंदिर के घंटियन के साथे ‘ऐसी लागी लगन’, ‘ मईया मोरी मै नहीं माखन खायो’, ‘रंग दे चुनरिया’ आ ‘जग में सुन्दर हैं दो नाम’ जइसन लोकप्रिय, कर्णप्रिय आ मधुर गीतन के गूँज-अनुगूँज आ स्वरलहरी से दिनचर्या शुरू होखे. चिरई-चुरुंग के बोली आ एह सब भजन के बोल लोग-बाग़ के प्रकृति के साथे, ईश्वर के साथे आ जीवन के सार-तत्व के साथे अइसन जोड़ देव कि आदमी शांतचित्त आ प्रसन्नचित्त हो जाय.\\nआज भी ई सब गीत सबका जुबान पर बा आ जुबान पर बाड़े एह गीतन के आपन स्वर देवे वाला भजन सम्राट अनूप जलोटा.\\nआज अनूप जी के जन्मदिन ह. जन्मदिन पर जानल जाय अनूप जी के सफलता आ संघर्ष के कहानी.\\nअनूप जलोटा के नाम लेते एगो संजीदा देह धाजा वाला आदमी के चेहरा मुखर हो जाला अउरी उनके मधु लेखां मीठ आवाज के स्मरण हो जाला. बाकिर अनूप जलोटा के जीवन बड़ा रंग-राग से भरल बा. बरिसन से लोग इहे बुझे कि अनूप जलोटा के भजन लेखां उहो एकरंगा बाड़ें, खाली उनपर एकरूप ओ परमब्रह्म के रंग चढ़ल बा बाकिर बिग बॉस सीजन 12 बरखा के पानी लेखां आइल अउरी उनके रंगीन जीवन के एगो झलक देखा देहलस. एही के चलते उनके प्रशंसक हैरान हो गइलें, बहुते नाराज हो गइलें अउरी बहुते प्रोफेशनल जीवन अउरी निजी जीवन के फ़र्क समझ के अपना के समझा लेहलें.\\nजगजाहिर बा कि अनूप जलोटा बिगबॉस में अपना से 37 साल छोट फैशन मॉडल जसलीन मथारु के साथे प्रेम प्रसंग के लेके मिडिया खातिर हॉट टॉपिक बन गइलें. दुनू जाना कलर्स के हिट शो बिग बॉस के 12वां सीजन में कपल एंट्री कइल लोग. 2018 में ई खबर खूब सुर्खी बटोरलस. हालांकि बाद में दुनू जाना कहल लोग कि हमनी के रिश्ता गुरु-शिष्या के बा. बाकिर बिग बॉस त एही तरह के विवादित ड्रामा खातिर जानल जाला. जब दुनू जाना बिग बॉस के घर से बाहर निकलल लोग तबो बड़ा चर्चा चलल. फेर 2020 के अक्टूबर में जसलीन अनूप जलोटा के साथे शादी के जोड़ा में एगो फोटो डलली. इहो खूब वायरल भइल. लोग सोचल कि दुनू जाना शादी कर लिहल लोग बाकिर असल में उ एगो फिल्म शूट के फोटो रहे.\\n29 जुलाई 1953 के जनमल अनूप जलोटा के पिता पुरुषोत्तम दास जलोटा एगो लोकप्रिय अउरी सम्मानित भजन गायक रहलें. उनके माता जी कत���थक डान्सर अउरी गायिका रहली. अनूप के परिवार लखनऊ में रहत रहे बाकिर उनके जन्म नैनीताल में भइल. दरअसल उनके माता-पिता जी उहाँ घूमे गइल रहे लोग आ उहें उनके जन्म भइल. उनकर बचपन आ युवावस्था लखनऊ में ही बीतल. बचपने से उनके घर में संगीत के माहौल मिलल.\\nएगो साक्षात्कार में उ हमरा के बतवलें कि हम सात साल के उमिर में मंच पर गावल शुरू कइनी. एक बार हम पिताजी के साथे एगो प्रोग्राम में रहनी, उहाँ के बगल में बइठल रहनी. हमरा अइसन लागल कि हमरा लगे हनुमान जी बइठल बानी. हम भाव में आके रोए लगनी. पिता जी बाद में हमसे पुछनी कि तू रोअत काहें रहलs ह? हमरा साथे गवलs ह काहें ना ? हम उहाँ के बतवनी कि हनुमान जी के हमरा दर्शन भइल ह. हमरा कई बार बुझाला कि जवन लमहर सांस से लोग एतना प्रभावित होला, उ जरूर वायुपुत्र हनुमान जी के आशीर्वाद से ही मिलल बा. अनूप जलोटा आगे बतवलें कि हमार संगीत के पहिला आ मुख्य गुरु हमार पिता जी ही हईं. लोग हमरा के सात बरिस के बाद से गावे ले के जाये लागल. हमरा दस से बीस रुपया गावे के मिलबो करे. हमरा बड़ा अच्छा लागे. ओह उमिर में एतना रुपिया बहुत रहे. बचपन में खूब लखनऊ के गलियन में घूम-घूम स्ट्रीट फूड आ मिठाई के स्वाद ली. स्कूल में भी हम भजन गावे खातिर बड़ा लोकप्रिय रहनी. हमार मास्टर लोग अपना घरे हमके बोला के ले जाव. हम बचपन में शैतानी भी खूब करीं. बाकिर हमरा के मारे में मास्टर लोग बड़ा संकोच करे जेकर हमरा फायदा मिले. उ लोग सोचे कि एकरे से भजन सुनेनी जा, एकरा के कइसे मारीं जा, एही से हमार कम पिटाई होखे. बाकिर हमार दोस्त कुल्ह खूब कूटा सन.\\nअनूप जलोटा बड़ भइला पर भारतखंडे संगीत विद्यालय से संगीत सीखलें. लखनऊ से ही बीए कइलें. जब उ 20 साल के रहलें त लखनऊ से बम्बई आ गइलें. इहाँ उनके संघर्ष ना करे के पड़ल. काहे कि उनके पिताजी बंबई में3साल पहिले आ चुकल रहलें आ इहाँ घर ले लेलें रहलें. अनूप आवते कोरल ग्रुप से जुड़के ऑल इंडिया रेडियो में कोरस गावे लगलें. एआईआर में उ 1974 से 1976 ले गवलें. ओकरा बाद उनके फिल्म शिर्डी के साईं बाबा में रफी साहब के साथ गाना गावे के मौका मिलल. एकरा बाद से त उनके लोग फिल्म इंडस्ट्री में पहचाने लागल. फेर उनके स्वतंत्र एल्बम भजन गंगा आ भजन संध्या आइल. एल्बम भजन संध्या के बाद त उ कवनो पहचान के मोहताज ना रह गइलें. उनके भजन ‘ऐसी लागी लगन’ विश्व भर में लोकप्रिय भइल. हालांकि ई भजन उ स्टूडियो में जाके ��ा रिकॉर्ड कइलें रहलें. हरेकृष्ण मंदिर मं उ ई भजन गावत रहलें आ उहाँ साउन्ड रिकॉर्डिस्ट दमन सूद बइठल रहलें. उ ओकरा के रिकॉर्ड कर लेहलें आ प्रोग्राम के बाद अनूप जलोटा के सुनवलें. उनके पसंद आइल. दमन सूद कहलें कि ई भजन रिलीज करे के चाहीं. अनूप जलोटा के ई यकीन ना रहे कि ई भजन एतना कमाल करी. जब कैसेट रिलीज भइल त रातों-रात लोकप्रियता के सब रिकॉर्ड तूर देहलस.\\nअनूप जलोटा के नामे ओह बेरा एगो वर्ल्ड रिकॉर्ड बनल. दरअसल मशहूर अमेरिकन गायक एल्विस प्रेसली के नामे 48 गो गोल्डन, प्लेटिनम आ सिल्वर डिस्क जीतला के रिकॉर्ड रहे जवन उ 28 साल के करियर में जितले रहलें. ई खिताब एगो नियत संख्या में कैसेट बिक गइला पर मिले. अनूप जलोटा अपना भजन गायकी से मात्र6साल में अइसन 60 गो गोल्डन, प्लेटिनम डिस्क जितलें.\\nअनूप जलोटा के भोजपुरी से भी कनेक्शन रहल बा. उ भोजपुरी में नगदे फिल्म के निर्माण कइलें बाड़ें आ कई गो फिलिम के फाइनैन्स कइलें बाड़ें. उनके भोजपुरी फिल्म तेजाब, गंगा तोहरे देश के, बेताब आदि बा. हमरा से बातचीत में अनूप जलोटा बतवलें कि उ हिन्दी-भोजपुरी दुनू में फिल्म के निर्माण करत रहिहें. उ फिल्म सत्य साईं बाबा अउरी वो मेरी स्टूडेंट है में अभिनय भी कइलें बाड़ें. अनूप जलोटा के उनके जन्मदिन पर ढेर सारा शुभकामना!\\nBhojpuri में पढ़ें मलिकाइन के पाती- ई ह आपन बिहार- तनखाह अठन्नी, आमदनी रुपैया!","num_words":1105,"character_repetition_ratio":0.05,"word_repetition_ratio":0.055,"special_characters_ratio":0.4,"stopwords_ratio":0.071,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"How much science is agreed Vikram Samvat read and know Bhojpuri: कतना विज्ञान सम्मत बा विक्रम संवत? पढ़ीं अउर जानीं\\nएह बात के इलिम बहुत कमे लोग के होई कि अपनो देश के एगो साल संवत् बा,जवना के विक्रम संवत कहल जाला. आईं ,तनी विचार कइल जाउ कि कतना तर्क संगत आ विज्ञान सम्मत बा ई विक्रम संवत? बदलाव प्रकृति के दस्तूर ह आ हरेक विध्वंस का बाद नया निरमान होला.\\nLast Updated: April 15, 2021, 2:50 PM IST\\nअंगरेजी आ अंगरेजियत के रंग में रंगाइल एकइसवीं सदी के नवही पीढ़ी के बखूबी पता बा कि ईस्वी सन् 2021में हमनीं के जी रहल बानीं जा आ हरेक पहिली जनवरी के नया साल के शुरुआत धूमधाम से मनावल जाला. बाकिर एह बात के इलिम बहुत कमे लोग के होई कि अपनो देश के एगो साल संवत् बा,जवना के विक्रम संवत कहल जाला. आईं ,तनी विचार कइल जाउ कि कतना तर्क संगत आ विज्ञान सम्मत बा ई विक्रम संवत? बदलाव प्रकृति के दस्तूर ह आ हरेक विध्वंस का बाद नया निरमान होला. पुन्नश्लोक सिपाही सिंह श्रीमंत के कहनामो रहे-\\nगुमसुम-गुमसुम तनिको ना भावे हमें\\nआन्हीं हईं आन्हीं, अन्हाधुन हम मचाइंले,\\nनास लेके आवेलीं कि नया निरमान होखे\\nनया भीत उठेला, पुरान भीत ढाइंले!\\nअब ईस्वी सन् विचार करीं. पहिल जनवरी से जब साल शुरू होला,त अपना देश के माहौल में कवनो बदलाव ना आवे. सउंसे जनसमुदाय हाड़तोड़ जाड़ के सांसत झेलत ठंढ में सिकुड़ रहला आ प्रायः शीतलहरी के प्रकोपो झेलेला.\\nदोसरा ओरि, अपना भारत में फगुआ के पूर्व संध्या पर सम्मत जराके ओह साल के विदाई दियाला आ नयका साल के अगुवानी में पुआ-पकवान खात, फगुआ-चइता गावत चारू ओरि खाली मौज-मस्ती आउर हंसी-खुशी के वातावरण लउकेला.\\nएकरा पहिलहीं प्रकृति आ मौसम में बदलाव हो जाला. पतझड़ में फेंड़-खूंट पुरान पतई झारिके नया कोंपड़,टूसा आउर गमगमात फूलन से सजल ऋतुराज बसंत के स्वागत में ठाढ़ रहेलन स. धरती के बसंती चुनरी लहराए लागेले.लखरांव में आम के मोजर से मधुरस टपके लागेला.\\nकोंचिआइल महुआ के फूल के पथार महुआबारी में मादक बहार ले आवेले. ओने आम के मोजर में टिकोढ़ा लागि जाला आ कोइलर के कूक मीठ रस घोरे लागू लागेले. अइसना खुशगवार माहौल में चइत अंजोरिया के एकम(प्रतिपदा) से नया साल के विक्रम संवत के शुरुआत धूमधाम से होला-भक्तिभाव से भरल-पुरल नवरातन से. कुदरती साज-सिंगार से सजल-धजल मधुमास के ई बसंती नवरातन शक्ति परब का रूप में मनावल जाला,जवना में दुर्गा के नवो रूप के आराधना का जरिए अपना आंतर में पइसल शक्ति संचित करेके उतजोग होला.\\nचइत सुदी एकमे से काहें?\\nसवाल उठत बा कि चइत महीना के अंजोर पख के प्रतिपदे से काहें विक्रम संवत के समहुत होला? अइसन मान्यता बा कि चइत सुकुल एकमे का दिने सतजुग में ब्रह्माजी सृष्टि के सिरिजना के सिरीगनेस कइले रहनीं.ओही के इयाद में विक्रम संवत के नया बरिस शुरू होला-\\nचैत्र मासि जगत ब्रह्मा सगृज प्रथमेऽह्नि\\nशुक्ल पक्ष समग्रन्तु तथा सूर्योदये सति.\\nत्रेता युग में श्रीराम के राज्याभिषेक एही पख में भइल रहे.वनवासी राम-लखन वन-नर(वानर) के संगठन बनाके तमाम बुराइयन में लिप्त राकसन से सफाया कऽके अजोधा में रामराज के स्थापना कइले रहलन. द्वापर में महाभारत का बाद धरम के विजय पताका एही घरी फहरावल गइल रहे. कलियुग में विक्रम संवत के शुरुआत ओही ऐतिहासिक स्मृतियन के कारन होला.\\nनांव विक्रम संवत काहें?\\nभोजपुरी में एगो कहाउत प्रचलित बा-अनका धन पर विकरम राजा! माने,अइसन केहू,जे दोसरा के दौलत का भरोसे खुद के विकरम राजा समुझे! खैर, ऊ विकरम राजा रहलन चक्रवर्ती महाराज विक्रमादित्य, जेकरा नांव पर विक्रम संवत रखाइल रहे. हालांकि एह संवत के स्थापना का घरी महाराज का ओरि से 'कृत संवत' नांव दिहल गइल रहे, बाकिर राजा के पुन्न प्रताप के बदउलत विक्रम संवत नांव मशहूर भइल.\\nसंवत के नांव ओही चक्रवर्ती महाराज के नांव प राखेके परिपाटी रहल बा, जे अपना राज के तमाम जनता के करजा खुद के निजी कोष से भरपाई कऽके ओतना राशि के स्वर्ण मुद्रा राजकीय कोष में जमा करे.\\nएही आधार पर राजा विक्रमादित्य के नांव प विक्रम संवत के शुरुआत भइल.\\nचक्रवर्ती महाराज विक्रमादित्य\\nविक्रमादित्य सही माने में चक्रवर्ती नरेश रहलन. अजातशत्रु रहलन ऊ.सउंसे दुनिया में उन्हुका जस के डंका बाजत रहे. आम जनता के ऊ जनार्दन मानत रहलन आ विद्वानन के अपना जानो से बढ़िके मान-सम्मान देत रहलन. राजा विक्रमादित्य के दरबार के नौ रतन रहलन-महाकवि कालिदास, नामी साहित्यकार अमर सिंह, न्यायविद दर्शन शास्त्री क्षपणक, चिकित्सा पद्धति के जनक धनवंतरि, व्याकरणाचार्य वररुचि, नीतिकार वेताल भट्ट, कविवर घटकर्पर, अंतरिक्ष विज्ञानी वराहमिहिर आ शिक्षा शास्त्री शंकु.\\nसमय के चक्का अविराम गति से चलत रहेला.श्रीमद्भागवत पुराण में राजा परीक्षित के शुकदेव मुनि से सवाल रहे-'काल का हऽ?'\\nमहामुनि के कहनाम रहे कि काल एगो अमूर्त तत्व ह आ जब विषय के बदलाव होला,त आकार लेला, फेरु अव्यक्त के व्यक्त करेला.\\nसुरुज आ चनरमा के चाल प आधारित विक्रम संवत के कालगणना दुनिया के सभसे व्यापक कालगणना मानल गइल बा. ई तथ बतावल गइल बा कि मौजूदा कलियुग के मियाद चार लाख बत्तीस हजार साल के बा. एकरा दोगिना समय द्वापर युग के रहल बा. त्रेता युग कलियुग से तिगुना आ सतयुग चौगुना अवधि ले चलल बा.\\nईस्वी सन् से प्राचीन आ प्रामाणिक\\nसन् 1952में डॉ मेघनाथ साहा के अध्यक्षता में एगो 'कैलेण्डर रिफॉर्म कमेटी ' बनल रहे, जवन राष्ट्रीय पंचांग का बिसे में आपन रिपोट देत विक्रम संवत के सभसे अधिका प्रामाणिक आ विज्ञान सम्मत बतवले रहे आ ईस्वी सन् के कई गो खामी आउर विसंगति का ओरि धियान दियवले रहे. विक्रम संवत के कालगणना हरेक कोन से वैज्ञानिक साबित भइल रहे. बाकिर ��ंगरेजी आ अंगरेजियत के हिमायती सरकार ओह रिपोट के ठंढा बस्ता में डालि देले रहे. विक्रम संवत भारत के गौरवशाली विरासत के प्रतीक बा आ एमें दनुजता के दमन आ मनुजता के विजयी भाव छिपल बा. एकरा कालचक्र के प्रवर्तक महादेव शिव के मानल जाला, जे खुदे महाकाल रहलन. राजा विक्रमादित्य वसुधैव कुटुंबकम् के भाव से लैस एह भूंइ के माई आ खुद के धरती के बेटा मानत कहले रहलन-\\nमाता भूमि: पुत्रोऽहम् पृथ्विया:.\\nइहे वजह बा कि आजुओ हमनीं के तमाम संस्कारिक अनुष्ठान ईस्वी सन् से 57साल जेठ विक्रमे संवत से संचालित होला. खुद पर गर्व करेवाला के अपना देश, इहां के संस्कृति प गर्व होखे के चाहीं.अखियान करीं, विक्रम संवत 2078तेरह अप्रैल से शुरू हो चुकल बा. (लेखक भगवती प्रसाद द्विवेदी वरिष्ठ साहित्यकार हैं.)","num_words":980,"character_repetition_ratio":0.056,"word_repetition_ratio":0.082,"special_characters_ratio":0.392,"stopwords_ratio":0.065,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Sattu s taste and Satuan, know what is its story Bhojpuri: सातू के सोन्ह सवाद आ सतुआन, पढ़ीं का बा एकर दास्तान\\nआजुए का दिने भगवान भास्कर मकर राशि में दाखिल होलन. एह से तिलक, बियाह,जनेव वगैरह के शुभ मुहूरत शुरू हो जाला आ अशुभ सूचक खरवांस खतम हो जाला. बाकिर एह शुभ बदलाव के जसन किसिम-किसिम के व्यंजन आ पकवान बनाके ना कइल जाला. आजु के दिन त सातू के महातम के दिन ह. एकरो एगो वैज्ञानिक कारन बा.\\nLast Updated: April 14, 2021, 2:30 PM IST\\nहरेक साल बेगर कवनो फेरबदल आ बदलाव के चौदह अप्रैल के दिन सतुआन परब का रूप में मनावल जाला. आजुए का दिने भगवान भास्कर मकर राशि में दाखिल होलन. एह से तिलक, बियाह,जनेव वगैरह के शुभ मुहूरत शुरू हो जाला आ अशुभ सूचक खरवांस खतम हो जाला. बाकिर एह शुभ बदलाव के जसन किसिम-किसिम के व्यंजन आ पकवान बनाके ना कइल जाला. आजु के दिन त सातू के महातम के दिन ह. एकरो एगो वैज्ञानिक कारन बा. मीन से मकर में आइल सुरुज के तासीर में तपिस आ जाला आ ऊ धरती पर अंगार बरिसावल शुरू कऽ देलन. ओह असह ताप के तोड़ हऽ सातू.\\nएकरा जरि में बा कुदरत से मिलल नवान्न के पूजन आ सेवन.\\nरबी के फसिल में दलहन के अहम भूमिका होला. ओहू में बहुउपयोगी होखेला बूंट (चना). बूंट के साग,कचरी, घुघुनी, होरहा का बाद जब पाकल फसिल कटइला, दंवइला पर अनाज घरे आवेला,त बूंट,जौ,लेतरी के घोनसारी में भूंजिके सतमेझरा सातू पिसाला. बगइचा से आम के टिकोढ़ा तूरिके आवेला. पिआजुओ कोड़ाके नया-नया घर में आ गइल रह���ला.\\nफेरु आम के चटनी आ पिआजु का संगें सातू सानिके खाए के सवाद के का कहे के!\\nलिबरी घोरीं ,पिंड़ी गटकीं भा घोरुआ बनाके पिहीं, एकरा ठंढा तासीर के का कहे के! सातू खइला पर खूब पियासिओ लागी आ पानी पीयत रहबि,त लूह ना लागी. आम के पकाके पन्नो बनाके गरमी से निजात पा सकेनीं आ बगली में पिआजुओ राखिके गरमात मौसम से मुकबिला कऽ सकेनीं.\\nबाकिर सतुआन के सातू अइसहीं ना खाइल जाला. पहिले होत फजीरे गंगा में भा अउर गांव के नदी,पोखरा,कुंड में नहाके सुरुजदेव के जल चढ़ावल जाला, फेरु नवका गूर, घीव में जौ के सातू मीसिके भगवान भास्कर आ ग्रामदेवता के पूजा चढ़ावल जाला. गरीब-गुरबा आ जरूरतमंद के दान -दछिना दियाला.ओकरा बाद जाके सातू, आम के चटनी आ पिआजु के नेवान कइल जाला.\\nसातू के गंवई जनजीवन से चोली-दामन के नेह-नाता होला. सतुआन नायाब सातू के महिमा बखाने के दिन होला. किछु साल पहिले नवही लोगन में ई गीतिओ खूब मसहूर भइल रहे-\\nबलिया जइहऽ, हमें लेले जइहऽ\\nकोरा में बइठाइके\\nसतुअवा खिअइहऽ हो करेजऊ!\\nनवान्न बूंट आ ओकरा से बनल दाल आ सातू के सवाद का कबो भुलाइल जा सकेला? एकरा दाल से बनल दलपूरी के नांव लेते मुंह में पानी आ जाला. सातू के गुन के त बखान कइले ना जा सके-\\nतोर गुन गूथबि माला!\\nभोजपुरियन के पहिचान लिट्टी-चोखा से होला, जवन फुटेहरी का रूप में देस-दुनिया में सराहल जाला. अगर तवा पर बनाईं, त सातू भरल मकुनी कहाई. किछु लोग भोजपुरिया समाज के सातूखोर कहिके रिगावेला, बाकिर इहे सातूखोर हर जगहा\\nआपन बल-बेंवत-हुनर के जलवा देखाके सभ केहू के नतमस्तक कऽ देलन. आजु काल्ह पेट के तमाम बेमारी, गैस्ट्रिक, चीनिया रोग में राम बान इलाज सातू के घोरल लस्सी से होला.\\nसोचीं, पुरनकी पीढ़ी कतना निफिकिर होके जातरा पर निकल जात रहे.बस,कान्ह प झूलत रहे गमछी में सातू. जहंवां भूखि लागत रहे,इनार-पोखरा भा चांपाकल का लगे बइठिके गमछिए में सातू सना जात रहे आ हीक भर पानी पीके कवन गांछ का नीचे गमछी बिछाके सुस्तात रहे. अगर गमछी में सातू सानत खा हवा बहे लागे आ किछु सातू उधिया जाउ,त लोग हंसी करत ओके पितरन के चढ़ा देउ. फेरु त ई कहाउत मसहूर हो गइल-'उधियाइल सातू\\nसतुआन खुशहाली के परब ह. एह में नमन आ आभार परगट कइल जाला-प्रकृति का प्रति, नदी-ताल-पोखरा का प्रति, भगवान भास्कर का प्रति, धरती माई का प्रति आ अनाज उपजावेवाला किसान-मजूर का प्रति.\\nशुभ के सिरीगनेस के प्रस्थ���न बिंदु ह सतुआन, जवन सरधा भाव के सूचक होला आ ई निकृष्टतो में आनंद आ पौष्टिकता के भान करावेला. परंपरा आ लोकसंस्कृति के जियतार थाती ह सतुआन, जवना के अपना आ जोगा के सामाजिक समरसता के सहज-सरल रूप आउर हरदम बनावटीपन से दूर जमीनी जुड़ाव के संकलप लिहल जा सकेला. (लेखक भगवती प्रसाद द्विवेदी वरिष्ठ साहित्यकार हैं)","num_words":685,"character_repetition_ratio":0.037,"word_repetition_ratio":0.139,"special_characters_ratio":0.395,"stopwords_ratio":0.085,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Best Hindi jokes | JokesJunction\\nHome \/ Tag Archives: Best Hindi jokes\\nTag Archives: Best Hindi jokes\\nJanuary 6, 2018\\tFunny Jokes, Pati Patni Jokes0380\\nDecember 27, 2017\\tFunny Jokes062\\nOctober 6, 2017\\tDarde dil, Funny Jokes0296\\nBhojpuria Bahubali – भोजपुरिया बाहुबली\\nJune 8, 2017\\tFunny Jokes0395\\nभोजपुरिया बाहुबली …. बाहुबली: का भईल रहल ह हो देवसेना ?? देवसेना: हम गईल रहली बुढ़िया माई के स्थाने , त मंदिर के पूजरिया कुल मेहरारुन के अलगे से मंदिरे में घुसावत रहल । अलगे से घुसवले के बहाने उ सगरी मेहरारुन के कलाई खींचत रहल । हम मना कइलीं 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दिन पहिले चउदह सितंबर, माने हिंदी दिवस के दिने एही तरह के बात लोकसभा में जगदम्बिका पाल भी उठवले रहले. अब सवाल इ बा कि एहि लोगन के संसद के दुनों सदनन में आवाज उठावला से का होई. नीरज शेखर कहबो कइले कि भोजुरी खातिर उनइस सौ उनहतरे से मांग कइल जात बा.\\nनीरज शेखर के इशारा उनइस सौ उऩहतर में लोकसभा सदस्य भोगेंदर झा के प्राइवेट मेंबर बिल से रहे, जवन ऊ संसद में उठवले रहले. तब से भोजपुरी खातिर पनरह हाली संसद में प्राइवेट मेंबर बिल आइल बा. ओकरा करीब 30-32 साल बाद यूपीए सरकार के गृहमंत्री पी चिदम्बरम, जवन अंगरेजी छोड़ि कबो हिन्दी बोलत नाहीं देखल-सुनल गइले, ऊहो लोकसभा में कहि गइले- “हम रऊवा सबके भावना के समझत बानी.” ओह टाइम देश के गृहमंत्री के मुंह से अपना भाषा में ई बात सुनि के एमपी लोगन के संगे भोजपुरिया माटी के लोग भी बाड़ा खुश भईले. बाकी ऊ खुशी ‘फेरू बैतलवा डाढ़ी के डाढ़ी’ वाला हालति हो गईल.\\nडॉ. मनमोहन सिंह के परधानमंत्री रहते ओहि घरि के गृहमंत्री पी चिदंबरम भोजपुरी में एगो लाईन बोलि के अब भुलाइए गलि होइहें. बाकिर भोजपुरिया लोग आपन लड़ाई कइसे भुलाई. अभी पचीस-तीस साल पहिले इ हालति रहे कि दिल्ली-बांबे अइसन अपने देश के सहरन में भोजपुरिया लोगनि के परब-तेवहार हंसी के विसे रहे. दु सौ साल पहलि भारत से मॉरिशस, सूरीनाम गइल गईल भारतीय मजदूर नियर भले हालति खराब ना होखे, तबो दिल्ली- बांबे में छठ पूजा खातिर माथा पर डाला राखि के मरद- मेहरारू जब नांगा पांव निकलसु, त उहां के लोग एकरा के अजीब तरह से देखत रहले.\\nबाकिर धन्य हे भोजपुरिया माटी कि लोग लागले रहि गईल. आजु हालि ई बा कि बांबे के समुंदर किनारा अउर दिल्ली में यमुना जी के किनारे दुनो जगहि के सरकार पूजा खातिर घाट साफ-सुथरा करावे ले. दिल्ली में त भोजपुरिया लेगनि के इ असर बा कि एगो एमपियो जरूर भोजपुरिया मानुस चुनल जाले. पहिले कांग्रेस के महाबल मिसिर एमपी रहले, त अब दुई हाली से भाजपा के मनोज तिवारी जीतत तारे. विधायक त कई लोग बा. बंबइयो में इ हालि बा कि जवन पार्टी उत्तर भारतीय (यूपी-बिहार) के लोगनि के खिलाफ रहे, उहो अब एह लोगन के जरूरी मानत बा.\\nभोजपुरिया मटिये अइसनि ह कि इहां के लोग जहां जाले, ओहिजा अइसनि रचि-बसि जाले कि उहवां खातिर जरूरी हो जाले. अब इहे कारनि त बा कि हरियाणा के फरीदाबाद अइसनि जगह में भी भोजपुरी समाज के धरमशाला बनल 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विश्वविद्यालय इन्नू माने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय में भी भोजपुरी के फाइंडेशन कोर्स चले ला.\\nअइसन भोजपुरी के आठवीं अनुसूची में शामिल कईल एसे जरूरी बा कि इ होइ गइला से भोजपुरी के विकास, पढ़ाई, ओकर साहित्य के बढ़ावा देबे खातिर य़ोजना आयोग से अलगा से रूपया-पइसा तय होखे लागी. तमाम साहित्यिक संस्थनान से भोजपुरिया साहित्याकर लोगनि के सम्मान ओइसहिं मिली, जइसे ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी जइसन संस्था से दोसरा भाषा के मिलेला. साफ बाति इ बा कि अपना माटी-भाषा खातिर आवाज उठावल जरूरी बा. उहो अइसन भाषा जवन बहुत धनी बा, बाकिर ओकरा पर सरकार के ध्यान नइखे जात. एहि घरि के परधानमंत्री भले गुजराती होखसु बनारस से एमपी बाड़े. पहिले के गृहमंत्री अउर अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भोजपुरिया हइए हऊवन. भरोसा कइल जा सकेला कि अब भोजपुरी के ओकरि जगहि मिली.","num_words":843,"character_repetition_ratio":0.058,"word_repetition_ratio":0.065,"special_characters_ratio":0.397,"stopwords_ratio":0.045,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"हथुआ के अंबेडकर आवासीय विद्यालय के कोरोनटाइन सेंटर पर बासी भोजन अउरी कुव्यवस्था के लेके ववाल , वीडियो सोशल मिडिया पर भइल वायरल | Bhojpuriya Byar\\nHome गाँव जवार हथुआ के अंबेडकर आवासीय विद्यालय के कोरोनटाइन सेंटर पर बासी भोजन अउरी कुव्यवस्था के लेके ववाल , वीडियो सोशल मिडिया पर भइल वायरल\\nहथुआ के अंबेडकर आवासीय विद्यालय के कोरोनटाइन सेंटर पर बासी भोजन अउरी कुव्यवस्था के लेके ववाल , वीडियो सोशल मिडिया पर भइल वायरल\\nशैलेश कुमार पाण्डेयMay 19, 2020गाँव जवार0\\nगोपालगंज \/ हथुआ :प्रखंड के हथुआ स्थित अंबेडकर आवासीय विद्यालय के कोरोनटाइन सेंटर पर भारी कुव्यवस्था के लेक��� सोमवार के रात में दर्जनों के संख्या में मजदूर बवाल कइले . हथुआ के ऐह कोरोंनटाइन सेंटर से एगो वीडियो वायरल हो रहल बा जइमें मजदूर लोग कोरोनटाइन सेंटर पर भारी कुव्यवस्था के आरोप लगावत नजर आ रहल बाड़े . कोरोंनटाइन सेंटर के मजदूर लोग बतावल की चार – से पांच दिन के रात वाला भोजन में दिन के बासी भोजन मिला के दिहल जा रहल बा . एहिजा खाना के साथे पिए वाला पानी के भी समुचित व्यवस्था स्थानीय प्रशासन ठीक से नइखे कइल गइल . कोरोनटाइन सेंटर में भर्ती रवि कुमार जवन की मीरगंज के रहे वाला बाड़े उ बतवले की मात्र दस जार पानी में ही पूरा दिन के काम चलावल जा रहल बा . जबकि लगतार चार दिन से रात वाला भोजन में दिन के बासी भोजन मिला के दिहल जा रहल बा . ओने नितीश कुमार मटिहानी नैन के महेश कुमार फतेहपुर टोला दीघा , रामू कुमार गिरी बरवा कपरपूरा , रवि गिरी गौसिया पिपरा , मनोज शाही चैनपुर , हरेन्द्र भगत अटवा दुर्ग के आदि मजदूर लोग द्वारा बतावल गइल की भरी कुव्यवस्था के बिच हमनी के चार से एहिजा रहत बानी जा . इ सगरी मजदूर लोग बतावल की जब हमनी के स्थानीय व्यवस्थापक से व्यवस्था के बारे में शिकायत करत बानी जा तब हमनी के साथे एहिजा गाली गलौज भी कइल जा रहल बा . एगो रूम में बारह आदमी के रखल गइल बा . एहिजा सोशल डिस्टेन्स के खुलेआम खिल्ली उड़ावल जा रहल बा . समय से भोजन उपलब्ध नईखे करवाल जात . नाही एहिजा हमनी के दूध मिलत बा नाही कवनो फल के व्यवस्था कइल गइल बा .प्रवासी मजदूर लोग बतावल की एहिजा 100 के ऊपर प्रवासी मजदूर राखल गइल बाड़े . पेट में दर्द सहित कवनो छोट – मोट बेमारी पर कवनो दवाई भी नइखे मिलत . जब केहू के सिरियस तबियत खराब होखत बा तब ओकरा के अस्पताल लेके जाईल जाता . कई बार कच्चा खाना ही मजदूर लोग के मिलत बा . कुछ लोग के मास्क मिलल बा त कुछ लोग के नईखे मिलल . शौचालय के बाल्टी से ही नहाए के पड़त बा . ऐह सगरी कुव्यवस्था के लेके दर्जनों मजदूर सोमार के रात में अनशन पर बईठ गइल रहुअन . अनशन के सुचना पर स्थानीय प्रखंड विकास पदाधिकारी रवि कुमार , अंचल पदाधिकारी बिपिन कुमार सिंह सोमवार के रात के करीब दस बजे अम्बेडकर आवासीय विद्यालय के कोरोनटाइन सेंटर पर जाके स्थिति के जायजा लिहल लोग . दुनु पदाधिकारी मौका पर पहुँच के प्रवासी मजदूर लोग के समझा – बुझा के मामला के जाँच करावल लोग . हलाकि हथुआ प्रखंड विकास पदाधिकारी कोरोनटाइन सेंट��� पर कुव्य्स्था के बात से साफा इंकार कइले .\\nका कहले प्रखंड विकास पदाधिकारी हथुआ\\nजब भोजपुरिया बयार द्वारा घटना के बारे में हथुआ के बीडीओ रवि कुमार सिंह से जानकारी लिहल गइल तब उ कहले की सगरी चीज अफवाह बा . अम्बेडकर आवसीय विद्यालय पर प्रवासी मजदूर लोग खातिर तय मेनू के अनुसार पूरा व्यवस्था कइल गइल बा .बासी भोजन नइखे दिहल जात . खुद ओहिजा के लड़का लोग के निगरानी के जिम्मेवारी दिहल गइल बा . हलाकि रात में बीडीओ साहब कोरोनटाइन सेंटर पर गइला के बाद खुदे स्वीकार कइले बाड़े .\\nPrevious Postबिहार में बुधवार को मिले 60 नए कोरोना संक्रमित मरीज , कुल मरीजो की संख्या पहुंची 1579 Next Postगोपालगंज जिला के जलालपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से कट के एगो प्रवासी मजदूर के भइल मौत","num_words":610,"character_repetition_ratio":0.102,"word_repetition_ratio":0.075,"special_characters_ratio":0.399,"stopwords_ratio":0.028,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"गायकी आ अभिनय का बाद अब राजनीतिओ में शिखर के चढ़ाई करत मनोज तिवारी – Anjoria\\nगायकी आ अभिनय का बाद अब राजनीतिओ में शिखर के चढ़ाई करत मनोज तिवारी\\nजुलाई 12, 2014 भाजपा, मनोज तिवारी, सांसद\\nहालही में भाजपा के नवीन शाहदरा जिला इकाई के बइठक जिला अध्यक्ष अनिल गुप्ता के अध्यक्षता में भइल जवना में दू गो प्रस्ताव पास कइल गइल.एक त कांग्रेस आ आ आ पा का खिलाफ जन आंदोलन शुरू करे के आ दोसर कि यमुना को साफ करे के. एह बइठक में मुख्य अतिथि रहलन उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी आ प्रदेश उपाध्यक्ष अभय वर्मो मौजूद रहले.\\nमनोज तिवारी कहलन कि कार्यकर्ते संगठन के नींव होखेले. इनके बल प चुनाव जीतल जाला. एहसे कार्यकर्ता प्रदेश के कार्यक्रम के राह ना देख सीधे जनता के बीच जासु आ पन्दरह साल ले दिल्ली में राज कइले कांग्रेस आ 49 दिन के आआपा सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकसु.\\n(शशिकात सिंह, रंजन सिन्हा)\\nबाबा रंगीला में विजय वर्मा के जबरदस्त ऐक्शन आ रोमांस\\n२०१४ में रवि किशन के तीन गो फिलिम रिलीज़ ला तइयार","num_words":166,"character_repetition_ratio":0.074,"word_repetition_ratio":0.038,"special_characters_ratio":0.399,"stopwords_ratio":0.114,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Dinesh Lal Yadav Nirahua Birthday know how he became the superstar of Bhojpuri films Bhojpuri Spl: मुड़ी पर ढोलक ढोवे वाला बन गइलें भोजपुरी के सुपरस्टार, B'day पर जानीं निरहुआ के बारे में– News18 Hindi\\nBhojpuri Spl: मुड़ी पर ढोलक ढोवे वाला बन गइलें भोजपुरी के सुपरस्टार, B'day पर जानीं निरहुआ के बा���े में\\nभोजपुरी के सबसे हिट कमर्शियल हीरो (Superstar of Bhojpuri Cinema) के रूप में आपन पहचान बानवे वाला निरहुआ के जन्म टरवाँ, गाज़ीपुर, उत्तरप्रदेश में भइल आ पढ़ाई लिखाई कलकत्ता में. उनके पापा उहाँ प्राइवेट नौकरी करत रहलें.\\nLast Updated : February 02, 2021, 13:37 IST\\nजे आज सफलता के चमकदार शिखर पर बा, ऊ असफलता के कई गो अन्हार रात भी देखले होई. लोग हमेशा उगल सुरुज के सलाम करेला, बाकिर ओकर खातिर चार पहर के जवन घनघोर अन्हरिया गुजारे के पड़ेला ओकरा पर केहू के ध्यान ना जाला. दिनेश लाल यादव जिनके लोग निरहुआ के नाम से जानेला उनके एह सफलता के पीछे संघर्ष के एगो सियाह दौर भी रहल बा.\\nभोजपुरी के सबसे हिट कमर्शियल हीरो के रूप में आपन पहचान बानवे वाला निरहुआ के जन्म टरवाँ, गाज़ीपुर, उत्तरप्रदेश में भइल आ पढ़ाई लिखाई कलकत्ता में. उनके पापा उहाँ प्राइवेट नौकरी करत रहलें. निरहुआ कॉमर्स में स्नातक कइलें. बाकिर गांवे अइलें त अपना चचेरा भाई लोग जइसन बिरहा गायिकी में किस्मत आजमावे लगले. निरहुआ के धीरे-धीरे शोज मिले लागल. बाकिर तब पइसा ओतना ना मिले. अइसनो कई बार भइल कि आयोजक उनका के पइसे ना देहलें आ उनका आपन हरमोनियम अउरी ढोलक मुड़ी पर रखके पैदले घरे आवे के पड़ल. उनका पिता के 2001 में देहांत हो गइल. फेर घर के सारा जिम्मेदारी निरहुये के कपारे आ गइल. उ एल्बम में गावल शुरू कइलें. उनकर पहिला एल्बम 'बुढ़वा में दम बा' (2002) काफी पसंद कइल गइल.\\nठंडा बस्ता में गइल एल्बम से बनलें स्टार\\nउनकर तीसरा एल्बम 'निरहुआ सटल रहे' 2003 में लांच भइल. निरहुआ एह एल्बम के लेके जब टी-सीरीज गइलें त उनकर एलबम रख लिहल गइल लेकिन ई ना बतावल गइल कि रिलीज कब होई. निरहुआ घरे आके खेती-बाड़ी में लाग गइलें आ ऊ एल्बम के बारे में भुला गइलें भा कहीं तs ओकरा रिलीज होखे के आशा छोड़ देहलें. फेर जब शादी के सीजन शुरू भइल तs निरहुआ एगो शो खातिर बिहार में गइलें. उहाँ रास्ता में ऊ जाम में फँस गइलें, देखलें हज़ारों लोग कवनो मेला का ओर जाता. निरहुआ के लागल कि जाम में फंस गइनी, अब त इहो शो हाथ से गइल. जइसे-तइसे निरहुआ अउरी उनके टीम के गाड़ी आयोजन स्थल पर पहुंचलन तs लोग लागल उनके रास्ता देबे. निरहुआ के कुछु बुझइबे ना करे. जब ऊ स्टेज पर गइलें तs देखsतारें कि ई हज़ार लोग के भीड़ उनही के सुने आइल बा. उनकर हाथ पांव कांपे लागल, आजतक ऊ ढेर से ढेर 150 आदमी के सामने गवलें रहलें. जब ऊ बिरहा गावल शुरू कइलें त लोग हल्ला करे ला��ल. लोग निरहुआ सटल रहे गावे के डिमांड करे लागल. उनके बुझा गइल कि एह गाना के ही खुमारी ह कि एतना लोग भीड़ कइले बा. पूरा रात लोग निरहुआ निरहुआ करत रहल आ पूरा रात उहे गावत रहलें. ओकरा बादे दिनेशलाल यादव से उ निरहुआ बन गइलें.\\nनिरहुआ रिक्शावाला ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म ह\\nउनका 2005 में फिल्म मिलल ‘चलत मुसाफिर मोह लियो रे’, जे में ऊ सुनील छैला बिहारी के साथे सेकंड लीड में रहलें. एह फिल्म के बाद ऊ ‘हो गइल बा प्यार ओढनिया वाली से’ कइलें. ई फिल्म काफी सफल भइल. ओकरा बाद उनके फिल्म निरहुआ रिक्शावाला लीड में आइल आ दिनेशलाल यादव भोजपुरी में स्थापित हो गइलें. ई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित भइल. ओकरा बाद त निरहुआ कबो पीछे मुड़ के ना देखलें. एक से बढ़ के एक सिनेमा कइलें आ अब भोजपुरी सिनेमा में उनके 15 साल होखे वाला बा. मनोज तिवारी आ खेसारीलाल के तरह निरहुआ के भी गैर भोजपुरी भाषी लोग बिग बॉस से जानल. ऊ 2016 में बिग बॉस में शिरकत कइले.\\nपहिले पाखी हेगड़े फेर आम्रपाली दुबे के साथे उनकर जोड़ी जमल बा\\nनिरहुआ के साथ पहिले पाखी हेगड़े आ बाद में आम्रपाली दूबे के जोड़ी कई गो सुपरहीट फिल्म देलस. उनकर उल्लेखनीय फ़िल्म बा- निरहुआ रिक्शावाला, कहाँ जइबs राजा नजरिया लड़ाई के, सात सहेलियां, शिवा, दिवाना, परिवार, बिदेसिया, गंगा देवी, राजा बाबू, रणभूमि, निरहुआ हिन्दुस्तानी-1 अउरी 2, पटना से पाकिस्तान, मोकामा0किमी, काशी अमरनाथ, बॉर्डर, शेर-ए-हिंदुस्तान, निरहुआ चलल लंदन आदि.\\nदिनेशलाल यादव निरहुआ के राजनीति में पदार्पण\\n2019 के लोकसभा चुनाव में निरहुआ भाजपा के तरफ से आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़लें. ऊ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जबरदस्त टक्कर देहलें. निरहुआ के चुनाव में हार भइल. एह सीट पर मुस्लिम अउर यादव वोटरन के संख्या जादा बा अउर ई वोट जेकरा ओर रुख कइ देला उहे जीतेला. 2019 के चुनाव में भी इहे भइल. हालांकि निरहुआ अखिलेश के कांटा के टक्कर दिहले जेकरा में उनके स्टारडम भी बहुते काम देलस लेकिन अल्पसंख्यक वोट के ध्रुवीकरण निरहुआ के शिकस्त दे गइल. इहाँ से अखिलेश 6,21,578 वोट से जीतलें अउर भाजपा से निरहुआ 3,61,704 वोट पा के दोसरा नम्बर पर रहलें. निरहुआ हारला के बादो आपन ग्राउंड बनावे में लागल बाड़ें आ राजनीतिक सक्रियता उनकर बनल रहेला. इहो हो सकेला कि जइसे मनोज तिवारी अउर रविकिशन पहिला बार हार के दूसरा बार जीतलें, ओइ���ही इहो अगिला 2024 के चुनाव जीत जास.\\nफिलहाल निरहुआ लगातार फिल्मन के शूटिंग में व्यस्त बाड़ें. हालांकि उनके सोशल मीडिया पर समय समय पर राजनीतिक गतिविधि वाला पोस्ट आवत रहेला बाकिर असल जिंदगी में ऊ फिल्मन के अधिक समय देलें आखिर गनवे आ फिलिमिया ह कि ऊ निरहुआ बनलें. निरहुआ के एह साले रिलीज होखे वाला फिल्मन में खास तौर पर गबरू, निरहुआ नौटंकी वाला, निरहुआ द लीडर, पटना जंक्शन, बलम सिपहिया आदि बा.\\nजन्मदिन पर उनका के खाँची भर शुभकामना.\\n(लेखक मनोज भावुक भोजपुरी सिनेमा के वरिष्ठ स्तंभकार हैं.)\\nBhojpuri Bhojpuri News Bhojpuri superstar Dinesh lal yadav nirahua UP आजमगढ़ झारखंड पटना बिहार रांची लखनऊ वाराणसी","num_words":933,"character_repetition_ratio":0.04,"word_repetition_ratio":0.054,"special_characters_ratio":0.393,"stopwords_ratio":0.061,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"आरा चरपोखरी में माले समर्थक हमला कइलें – टटका खबर\\nभोजपुर जिला के चरपोखरी इलाका के करनौल-चांदी गांव में पिछला मंगल के साँझ माले समर्थक हथियारबंद अपराधी खेत के जुताई करवावत प्रीतम यादव के परिवार वालन पर अंधाधुंध गोली चलावे लगलन. सजोग बढ़िया रहल कि केहू के जान ना गइल बाकिर जुताई करत ट्रैक्टर के नुकसान चहुँपल . प्रीतम यादव एगो माले समर्थक के हत्या करे का आरोप में जेल में बंद बाड़न कई साल पहिले प्रीतम के पिता आ दादा के हत्या माले समर्थक कर दिहले रहले. एकरा बाद माले समर्थक आ मुखिया रहल ब्रजेश पासवान के पिता के हत्या कर दिहल गइल रहुवे. एह सब का चलते माले वाला प्रीतम यादव पर आर्थिक नाकेबंदी लगवले बाड़े. बुध का दिने एएसपी विकास कुमार आ आरा सदर एसडीओ माधव सिंह गाँव के दौरा कर के हालात समुझलें.\\nTags: चरपोखरी, चांदी, भोजपुर, माले\\nचरपोखरी में बिजली करंट से दू गो लड़िका झँउसले","num_words":146,"character_repetition_ratio":0.067,"word_repetition_ratio":0.0,"special_characters_ratio":0.394,"stopwords_ratio":0.062,"flagged_words_ratio":0.041,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"बैंक के कलेक्शन एजेंट से 28 लाख रुपिया लुटाइल – टटका खबर\\nआरा 28 मार्च (वार्ता). भोजपुर जिला के गजराजगंज इलाका में बुध के दिनदहाड़े आईसीआईसीआई बैंक के कलेक्शन एजेंट से 28 लाख रुपिया लूट लिहले सँ अपराधी.\\nपुलिस सूत्र बतवलें कि आईसीआईसीआई बैंक के कलेक्शन एजेंट रूपेश कुमार रुपियन के वसूली क के मोटरसाइकिल से आरा शहर आवत रहुवे. एही बीच बिहिया-कटेया मार्ग पर बरगही मोड़ का नियरा दू गो मोटरसाइकिल पर सवार पांच गो हथियारबंद अपराधी ओकरा के रोक लिहलें आ असलहा का जोर पर ओकरा से 28 लाख रुपिया लूट लिहलें.\\nरुपेश के कहना बा कि ओकर पिटाइओ कइले सँ बदमाश. उनुका बयान पर केस 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साहित्यकार केदारनाथ सिंह जी कहनी कि, फणीश्वरनाथ रेणु के कहानी पंचलाइट के मंचन जब भोजपुरी में भइल त बहुते लोकप्रिय भइल रहे. हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के संस्मरण सुनावत उहां के कहनी कि, एक बार जब पटना में एगो भोजपुरी सम्मेलन में जाए आ भोजपुरी में बोले के नेवता मिलल त पहिले त उहां के झिझकनी, बाकिर बाद में जब उहां के भोजपुरी में बोले के शुरू कइनी त उहां के भोजपुरी बोले में कवनो कठिनाई के सामना ना करे के पड़ल. केदार जी आगे कहनी कि भोजपुरी एगो समृद्ध भाषा बिया. एकरा में कालीदास के मेघदुत आ रवीन्द्रनाथ टैगोर के गीतांजली के जवन अनुवाद भइल बा ऊ मूल किताब के बहुते नियरा बा. उहां के भोजपुरी के ‘विचार के भाषा’ बनावे प जोर देत कहनी कि, भोजपुरी में जादा से जादा गद्य लेखन होखे के चाहीं. एह कार्यक्रम के संचालन करत भोजपुरी केंद्र के समनवयक प्रो. सदानंद शाही जी कहनी कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एगो जनपदीय आंदोलन चलल रहे. अगर भोजपुरी आगे बढ़ी त हिंदी भी आगे बढ़ी.\\nकेदार जी एह संगोष्ठी में भोजपुरी में गद्य लेखन बढ़ावे के जवन सुझाव देले बानी एह बात प नया पीढ़ी के भोजपुरी लेखकन के जरूर ध्यान देवे के चाहीं. काहे कि ई बात सांच बा कि भोजपुरी में गद्य लेखन ओह स्तर प नइखे हो रहल जवना स्तर प होखे के चाहीं. भोजपुरी के लगे जेतना शब्द संपदा बा ओकर उपयोग हमनी के नइखी स क पावत. जेतने लिखाई ओतने भोजपुरी में नया-नया शब्द प्रचलन में आई आ शब्दन से नया-नया अर्थ बोध निकली. एह से बड़ लोगन के देखावल राह प चलत हमहूं आपन भोज��ुरिया भाई लोगन से कहे के चाहत बानी, चली चलल जाव भोजपुरी के विचार के भाषा बनावे. एकरा खातिर आपन भाषा आ संस्कार से जुड़ल हर विषय प भोजपुरी में कलम चलावे के दरकार बा. एह सब काम के मंजिल तक पहुंचावे में एगो ईमानदार प्रकाशक के जरूरत बा, जवन भोजपुरी में रचल जा रहल साहित्य के उचित सम्मान देव. एह तरफ खासतौर से बिहार आ यूपी सरकार के ध्यान देवे के चाहीं.\\nएह बीच एगो चिंता वाला खबर ई बा कि भोजपुरी में कलम चलावे वाला एगो बड़ भाई मिर्जा खोंच एह घरी बीमार चल रहल बाड़न. भोजपुरी जिनगी के संपादक, भाई संतोष पटेल से हमरा मालुम चलल कि व्यंग से सब केहू के चीत क देवे वाला बड़ भाई मिर्जा खोंच आज खुद खटिया पकड़ लेले बाड़न अउर अपना जिनगी के अंतिम सांस गीन रहल बाड़न. भगवान करस उहां के जल्दी ठीक हो जाईं आ भोजपुरिया कलम उठाईं. संतोष भाई उनका प एगो अंक समर्पित करे चाहत बाड़न. बहुत नीमन विचार बा. एकरा पहिले ऊ अपना नयका अंक भिखारी ठाकुर प निकाल चुकल बाड़न.\\nएही बीच बिहार के माटी से एगो खुशखबरियो बा. तथागत अवतार तुलसी आईआईटी पूणे में सबसे कम उमिर के असिस्टेंट प्रोफेसर हो गइल बाड़न. तथागत अवतार तुलसी एतना कम उमिर में अपना ज्ञान के बलबूते बिहार के नाम पूरा दुनिया में रौशन क रहल बाड़न. धन्य बा उनकर माई-बाप आ ऊ माटी जहवां उनकर जनम भइल.\\nदिल्ली में भइल अंतरराष्ट्रीय हिंदी उत्सव में भाग लेत स्व.कमलेश्वर जी कहले रहनी कि अगर चार गो हिंदी के विद्वान के एगो बात प सहमत होखे के कह दीहल जाव त ऊ कबो सहमत ना होइहें. इहे कारण बा कि हिंदी के विकास नइखे होत. ठीक इहे हाल आजु भोजपुरीओ में लउकत बा. एह से भोजपुरी प्रेमी लोग से कहत बानी कि अपना में एक दोसरा से अझुराइल छोड़ के, आपन डफली आपन राग बजावल छोड़ के, एह बात पर ध्यान दीं सभे कि भोजपुरी कइसे आगे बढ़ो.\\nआशुतोष जी के पिछलका आलेख\\nभोजपुरी के मानकीकरण के सवाल प…\\n6 thought on “आपन राग, आपन डफली बजावल छोड़ीं”\\nRudra pratap mishra says:\\nHamar saadar pranam swikar kari aur jankari dihla khati dhanyabad bhi.baat ta raur bahut nik lagal.baki humni ke apan niji system na hokhla ke wajah se internet cafe me simit samay khatin jaye k padela.aur cafe master ka taraf se ye tarah ke kauno anumati na milela.ta bas ohi se apna dur des ke logan ke hal chal jaldi jaldi le ke aur apan tadap likh dihal jala.anubhav aa abhyas ke aabhav bhi bate hamra me.par kosis kareb ta safalta milbe kari\\nरूद्र भाई रउआ एकदम सही बात कह रहल बानी. आज भोजपुरी में नया साहित्य के जरूरत बा. अउर तबे लिखाई जब हमनी जइसन युवा लोग एह दिशा में आगे कदम बढ़इहें.\\nAshutosh bhaiya pranam!bilkul bimari ki sahi nabz pakdi hai apne.ab samaj ke asadharan vikas ko dekte hue aur apni mitti ki maryada ka palan karte hue naye vicharo ko lipibadh kiya jay.agra bhojpuri sammelan me manoj bhaiya ne bhi is nayi baat par sabse jyada jor diya tha aur kaha tha”ab tak hum aap logan ke bahut kuch dihle bani par aj ap log se kuch mangat bani “naya sahita”.ap apan naya krantikari rachna humni ke di taki humni ke bhojpuri ke vishva prasidh banavla ke sapna sakar ho sake”.rahi baat samajik sanskar ki to vo itni heen aur beparda ban gayi hai ki uske liye asamanya purusharth ki jarurat hai par wah asambhav nahi hai.yaad rahe nit subh chintan se hi subh aur sundar sahitya ki rachna ho sakti hai.\\nरुद्र प्रताप जी,\\nका रउरा नइखे लागत कि अगर रउरा देवनागरी में आपन बात लिखले रहतीं त ओकर सवादे कुछ अउर रहित!\\nदेवनागरी में लिखल बहुत आसान बा. तख्ती के अपना कम्प्यूटर पर डाउनलोड कर के इंस्टाल कर लीं. फेर आराम से ओह पर रोमन लिपि में हिन्दी भा भोजपुरी लिखे के कोशिश करीं, तुरते जान जायब कि कतना आसान बा देवनागरी के इस्तेमाल. बस एक बार सगरी बटन एक एक कर के दबावत जाईं आ पता कर लीं कहवाँ का बा.\\nगनेश जी बहुत-बहुत धन्यवाद…\\nएह से भोजपुरी प्रेमी लोग से कहत बानी कि अपना में एक दोसरा से अझुराइल छोड़ के, आपन डफली आपन राग बजावल छोड़ के, एह बात पर ध्यान दीं सभे कि भोजपुरी कइसे आगे बढ़ो.\\nबहुत निक बात कहनी हां आशुतोष जी, हम राउर बात से सहमत बानी, आज समय आ गइल बा कि सब भोजपुरिया अलग अलग दिशा मे जोर आजमाइस ना कर के एक दिशा मे आ सार्थक दिशा मे कोशिश करो,\\nबहुत सुनर आलेख लिखले बानी रौवा, बहुत बहुत धन्यवाद,\\nLeaveaReply to Rudra pratap mishra\\tCancel reply","num_words":1107,"character_repetition_ratio":0.047,"word_repetition_ratio":0.044,"special_characters_ratio":0.351,"stopwords_ratio":0.053,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"United Bihar-born Subodh Kumar Jaiswal becomes CBI chief will Sushant Singh Rajput get justice Bhojpuri: ‘बिहारी’ CBI चीफ के अइला से सुशांत सिंह मौत मामला में इंसाफ मिल जाई?\\nBhojpuri: ‘बिहारी’ CBI चीफ के अइला से सुशांत सिंह मौत मामला में इंसाफ मिल जाई?\\nसंयुक्त बिहार के रहे वला सुबोध कुमार जायसवाल सीबीआई के डायरेक्टर भइल बाड़े तs एक बेर फेन भरोसा जागल बा कि सुशांत मौत के हकीकत सामने आ जाई. काहे से कि सुबोध कुमार जायसावाल के बहुत कड़क अउर ईमानदार अफसर मानल जाला. ई पहिले भी महाराष्ट्र के मुखमंतरी उद्धव ठाकरे के मुंहतोड़ जवाब दे चुकल बाड़े.\\nएक्टर सुशांत सिंह राजपूत के पहिला बरसी के 16 दिन पहिले सिद्धार्थ पिठानी के जब फेन गिरफ्तारी भइल तs पुरान घाव ताजा हो गइल. सुशांत मौत मामला में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो तs खूब तेजी देखा रहल बा लेकिन सीबीआइ जांच बहुत सुस्त बा. सुप्रीम कोर्ट अगस्त 2020 में सीबीआइ जांच के आदेश देले रहे. करीब दस महीना जांच के बाद भी सीबीआइ कवनो नतीजा पs नइखे पहुंचल.\\nजब बिहारी ���ाटी के लाल सुशांत के मुम्बई में मौत भइल रहे तs महाराष्ट्र पुलिस के जांच पs बहुत सवाल उठल रहे. एकरा बाद जब सीबीआइ जांच शुरू भइल तs लोग के भरोसा रहे कि अब सच्चाई से परदा उठ जाई. लेकिन ई आस अभी तक पूरा नइखे भइल. अब जब संयुक्त बिहार के रहे वला सुबोध कुमार जायसवाल सीबीआई के डायरेक्टर भइल बाड़े तs एक बेर फेन भरोसा जागल बा कि सुशांत मौत के हकीकत सामने आ जाई. काहे से कि सुबोध कुमार जायसावाल के बहुत कड़क अउर ईमानदार अफसर मानल जाला. ई पहिले भी महाराष्ट्र के मुखमंतरी उद्धव ठाकरे के मुंहतोड़ जवाब दे चुकल बाड़े.\\n2018 में बनल रहन मुम्बई के पुलिस कमिश्नर\\nसुबोध कुमार जायसवाल पहिले मुम्बई के पुलिस कमिश्नर रहन. जब देवेन्द्र फणनवीस महाराष्ट्र के मुखमंतरी रहन तs 2018 ऊ सुबोध कुमार के मुम्बई के पुलिस कमिश्नर बनवले रहन. फरवरी 2019 में उनका के महाराष्ट्र के डीजीपी बनावल गइल रहे. नवम्बर 2019 में जब उद्धव ठाकरे सीएम बनले त ऊ सुबोध कुमार के पद पs बरकरार रखले. लेकिन सुबोध कुमार बहुत कड़ा अफसर रहन. कवनो राजनीतिक दबाव माने वला ना रहन. उद्धव ठाकरे सरकार एनसीपी अउर कांग्रेस के सहजोग पs टिकल बा. ओह घरी एनसीपी के नेता अनिल देशमुख गृहमंतरी रहन. उनका पs टरान्सफर पोस्टिंग रैकेट चलावे के आरोप लागल. कुछ दलाल मोटा रकम ले के पुलिस अफसरन के मनचाहा पोस्टिंग दियावत रहन स. ई आरोप महाराष्ट्र के इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला लगवले रही. एकरा चलते रश्मि शुक्ला के भी महाराष्ट्र छोड़े के पड़ल रहे. एही बीच मुखमंतरी उद्धव ठाकरे कुछ आइपीएस अफसरन के बदली कर देले. ई ट्रांसफर आदेश में पक्षपात के आरोप लागल. चरचा के मोताबिक सुबोध कुमार जायसवाल ई आदेश पs दस्तखत करे से इंकर कर देले रहन. सरकार से पटरी ना बइठल तs ऊ सेंटरल डिपटेशन पs जाये खातिर दरखास दे देले लेकिन उद्धव सरकार के सामने झुकल मंजूर ना कइले.\\nउद्धव सरकार से पंगा\\nसुबोध कुमार के ई फैसला से उद्धव सरकार नाखुश हो गइल. सुबोध कुमार महाराष्ट्र कैडर के आइपीएस रहन. ऊ केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पs तब्बे जा सकत रहन जब राज्य सरकार एकरा खातिर मंजूरी दिहत. दोसरा देने चर्चा चले लागल कि सुबोध कुमार के दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनावल जाई. इहां तक खबर उड़ गइल कि 29 फरवरी 2020 ऊ दिल्ली पुलिस कमिश्नर बन रहल बाड़े. लेकिन उद्धव सरकार एकरा में अड़ंगा डाल देलस. उ केन्द्र सरकार के लिख के भेज देलस कि अब���ीं सुबोध कुमार के केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पs भेजल संभव नइखे. बाद में बिचार कइल जाई. एह तरीका से सुबोध कुमार के दिल्ली पुलिस कमिश्नर बने के संभावना खत्म हो गइल रहे. बाद में महाराष्ट्र सरकार सेंटरल डिपटेशन के प्रस्ताव मान लेलस. एकर बाद दिसम्बर 2020 में उनका के सीआइएसएफ के डीजी बनाव गइल रहे. महाराष्ट्र के पुलिस कमिश्नर बनल कवनो आइपीएस अफसर खातिर सबसे बड़ सपना होला. ई बहुत बड़ा पद रहे. उ चहिते तs 2022 तक जीडीपी रह सकत रहन. लेकिन सुबोध कुमार अपना सिद्धांत के रक्षा खातिर ई पोस्ट के मोह त्याग के सीआइएसएफ के डीजी बनल मंजूर कर लेले.\\nकड़क आइपीएस अफसर\\nसुबोध कुमार जायसवाल के जन्म 1962 में धनबाद जिला के झरिया बलौक के चासनाला में भइल रहे. सुबोध कुमार के पिताजी शिवशंकर जायसवाल के चासनाला में परचुन अउर किराना के दोकान रहे. चासनाला, झरिया-सिंदरी रोड पs रहे एह से दोकान खूब चलत रहे. उनका जनम के समय चासनाला बिहार में रहे. एह से उनका के बिहारी कहल जा रहल बा. सुबोध कुमार बचपन से पढ़े में बहुत तेज रहन. ऊ डिगवाडीह के मशहूर पब्लिक स्कूल डिनोबली से 1978 में मैट्रिक पास कइले रहन. एकरा बाद ऊ पढ़े खातिर चंडीगढ़ चल गइले. चंडीगढ़ के डीएवी कौलेज से अंगरेजी औनर्स में बीए कइले. एकरा बाद 1985 में उनकर आइपीएस में सलेक्शन भइल. 2001 में करीब 20 हजार करोड़ के स्टाम्प पेपर घोटला भइल रहे. महाराष्ट्र के बदुल करीम तेलघी एकर मास्टरमाइंड रहे. ई मामला भारत के सबसे बड़ घोटला में से एक रहे.\\nरिटायर भइला के अगिला दिन DGP गिरफ्तार\\n2003 में बोम्बे हाईकोर्ट जब एह मामला के जांच खातिर एसआइटी बनवलस तs सुबोध कुमार के ही एकर हेड बनावल गइल. स्टाम्प घोटला के जांच आगा बढ़ल तs एकर आंच मुम्बई के पुलिस कमिश्नर आर एस शर्मा तक ले पहुंच गइल. अपना से बड़ अफसर पs कार्रवाई करे के रहे. लेकिन सुबोध कुमार तनिको परसान ना भइले. एही बीच आर एस शर्मा मुम्बई पुलिस कमिश्नर के पोस्ट से रिटायर हो गइले. रिटायर भइला के अगिला दिन सुबोध कुमार के टीम उनका के गिरफ्तार कर लेलस. एह ममला में महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल के भी जेल जाये के पड़ल रहे. भुजबल एनसीपी के नेता रहन. सुशांत सिंह मौत मामला के भी जांच सीबीआई कर रहल बिया. 14 जून के साल लाग जाई उनकर गुजरला. सुबोध कुमार जायसवाल जइसन कड़क डायरेक्टर के अइला से एह मामला में इंसाफ के उमेद बढ़ गइल बा. (लेखक अशोक कुमार शर्मा वर��ष्ठ स्तंभकार हैं. यह उनके निजी विचार हैं.)","num_words":940,"character_repetition_ratio":0.087,"word_repetition_ratio":0.105,"special_characters_ratio":0.391,"stopwords_ratio":0.041,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"बाबा विश्वनाथ के दरबार में विक्रांत अंजना अउर रवि – Anjoria\\nसिनेमा भोजपुरी के सितारा विक्रांत, अंजना सिंह आ गायक अभिनेता रवि त्रिपाठी पिछला दिन बनारस में बाबा विश्वनाथ के दरबार में जाके पूजा अर्चना कइलें. ई लोग आजुकाल्हु “बिआह” के शूटिंग ला बनारस में बा. निर्देशक रवि कश्यप के एह फिल्म में विक्रांत, अंजना सिंह आ रवि त्रिपाठी मुख्य भूमिका में बाड़ें. इंडियन आयडल फेम गायक रवि त्रिपाठी एही फिलिम से भोजपुरी परदा पर आपन मौजूदगी दर्ज करावत बाड़ें.\\nशूटिंग शुरू करे से पहिले विक्रांत, अंजना आ रवि त्रिपाठी बाबा विश्वनाथ के मंदिर जाके पूजा अर्चना कइलें. कहल लोग कि बनारस आइल बेकार बा अगर बाबा विश्वनाथ के 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स्वेट मार्डेन, शिव खेड़ा, नेपोलियन हिल आदि के प्रेरक पुस्तक से कम रोचक आ मोटिवेशनल ना होला. कोरोना काल में अइसने कहानियन के जरूरत बा जे गहन निराशा में आशा के किरण जगावे. कहल जाला कि मन में हिम्मत होखे आ अपना लक्ष्य खातिर जुनून होखे त कवनो रास्ता पहाड़ नइखे. पश्चिमी चंपारण के एगो छोट गाँव बेलवा के रहे वाला लइका बॉलीवुड के एगो श्रेष्ठ अभिनेता बन गइल, एकरा पीछे अथक मेहनत आ अटूट लगन के हाथ बा. एह बिहारी अभिनेता के नाम ह मनोज बाजपेयी जे सामान्य किसान परिवार से होखला के बादो फिल्म अभिनेता बनला के फ़ैन्सी सपना ना खाली देखलें बल्कि ओकरा के पूरो कइलें. 23 अप्रैल 1969 के मनोज बाजपेयी के जन्म भइल. मनोज अपना पाँच भाई बहिन में दुसरा नंबर के संतान हवें. उनके शुरुआती पढ़ाई गाँवे के प्राथमिक विद्यालय से आ हाईस्कूल के पढ़ाई के. आर. हाईस्कूल बेतिया से भइल.\\nमनोज 1986 में 17 साल के उमिर में दिल्ली पढ़े आ गइलें. बचपन से अभिनेता बने के शौख उनका मन में रहे, एही से इहाँ आके थियेटर से जुड़ गइलें. उनकर नाम मनोज भी ओ बेरा के हिट फिल्म कलाकार मनोज कुमार के नाम पर रखाइल रहे आ मन में कलाकार बने के अरमानों मचलत रहे त थियेटर के प्रति झुकाव स्वाभाविक रहे. दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई करत समय मनोज के जान पहचान थियेटर के दुनिया के बड़ बड़ लोग से हो गइल. तबे उनका पता चलल कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में अभिनय के बेहतरीन प्रशिक्षण होला. उ ओह में दाखिला खातिर लगातार कोशिश कइलें, बाकिर तीन बेर असफल भइलें. मनोज एकदम निराश हो गइल रहलें. बने के अभिनेता रहे आ रास्ता मिलते ना रहे. लाइफ लाइन के तलाश जारी रहल. एह अन्हरिया सफर में भेंटइले रघुबीर यादव (प्रसिद्ध अभिनेता). उनका सलाह पर मनोज मशहूर अभिनय कोच बैरी जॉन के थियेटर कंपनी जॉइन कs लेहलें. शाहरुख खान भी बैरी जॉन किहाँ से अभिनय के कोचिंग लेले बाड़ें. थियेटर के दिन में मनोज आ शाहरुख के मुलाकात भी भइल रहे. मनोज बाजपेयी ए थियेटर कंपनी के साथे कई गो प्ले कइलें अउरी साथ ही अपना अंग्रेजी भाषा के कॉम्प्लेक्स के दूर कइलें. एगो इंटरव्यू में उ बतवलें कि बिहार से आवे वाला अक्सरहा युवक अंग्रेजी से घबड़ाला. हमरा भी बहुत चिंता होखे कि हम कइसे बढ़िया अंग्रेजी बोलीं. कुछ दोस्त लोग के मदद से अंग्रेजी भाषा पर कमांड कइनी आ आज उ काम देता .\\nओही थियेटर के दिन में मनोज बाजपेयी चौथा बार एनएसडी में दाखिला खातिर फेर कोशिश कइलें. एह बेरी उहाँ बोर्ड में बइठल लोग इनका के चिन्हत रहे आ इनका प्रतिभा के मुरीद रहे. उ लोग कहल कि मरदे, अब तू सीखे ना सिखावे आवs. मनोज गइल रहलें ओहिजा चेला बने आ उनके गुरु बने के नेवता मिल गइल. बाकिर उ मना क दिहलें. उनके अभिनय चलत रहल. साल 1994 में गोविंद निहलानी ओमपुरी आ नसीरुद्दीन के लेके फिल्म बनावत रहलें. उ मनोज के एक मिनट के एगो छोट रोल में कास्ट कइलें आ ई रहे भविष्य के एगो चमकत फिल्म सितारा के पहिला पर्दा-पदार्पण. ओही साल मशहूर फिल्मकार शेखर कपूर कुख्यात डाकू फूलन देवी के जीवन पर फिल्म ‘बैन्डिट क्वीन’ बनावत रहलें आ उनके फिल्म में टाइटल रोल के समानांतर भूमिका खातिर एगो अइसन नवयुवक के तलाश रहे जे कुशल अभिनेता होखे. मनोज के मित्र आ ओह फिल्म के कास्टिंग कर रहल तिग्मांशु धूलिया शेखर कपूर से मनोज के नाम सुझवलें. मनोज बाजपेयी के मामला लगभग सेट हो गइल, तले कुछ दिन बाद उनके रोल में निर्मल पाण्डेय के कास्ट कर लिहल गइल. मनोज के हिस्से एगो छोट रोल आइल बाकिर ई रोल उनके अभिनय क्षमता प्रमाणित करे खातिर काफी रहे.\\nकुछ समय बाद मनोज बाजपेयी मुंबई के रुख कर देहलें आ उहाँ उनकर संघर्ष के असली दौर शुरू भइल. बाकिर उनके दिल्ली के कुछ मित्र मुंबई में पहिले से रहलें आ स्थापित होत रहलें. एहीसे उनके मुंबई फिल्म उद्योग में घुसे में मदद भी मिलल. मनोज अपना मित्र सौरभ शुक्ला के साथे मुंबई में आपन शुरुआती दिन गुजरलें. एगो साक्षात्कार में एगो रोचक किस्सा बतवलें कि उ लोग संघर्ष के दिन में अभिनय के लगातार माँजत रहल लोग. केहू भी मित्र आवे त मुर्गा आ मटन पार्टी होखे अउरी मनोज एकरा बदले में आपन कुछ रिहर्सल कइल सीन देखावस.\\nमनोज के 1995 में महेश भट्ट के टीवी शो स्वाभिमान मिलल. ओह में हालांकि मनोज के छोट रोल रहे लेकिन उ एतना लोकप्रिय भइल कि उनके रोल दू साल से ऊपर तक शो में चलल. एकरा बाद उनके रामगोपाल वर्मा से मुलाकात भइल, जब उ एगो कॉमेडी फिल्म दौड़ के कास्टिंग करत रहलें. रामू उनके प्रतिभा देख के एतना प्रभावित भइलें कि उनके कहलें कि हेतना छोट रोल तहरा लायक नइखे. हम तोहरा के अगिला फिल्म में बड़हन रोल देम. मनोज के पैसा के गरज रहे एहीसे उ रोल कइलें. बाकिर रामू अपना वादा मुताबिक अगिला फिल्म सत्या में हीरो के समानांतर भीकू म्हात्रे नाम के गैंगस्टर के रोल दिहलें. ई रोल अउरी फिल्म एतना हिट भइल कि मनोज बाजपेयी पूरा देश में मशहूर हो गइलें. ई फिल्म बहुत सफल भइल आ मनोज के अभिनय के भूरी भूरी प्रशंसा भइल. मनोज के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिलल. एही जा से मनोज बाजपेयी के बढ़िया फिल्म मिले लागल. कुछ साल में उनके शूल, कौन, अक्स, जुबैदा, दिल पे मत ले यार आइल. ई फिल्मन में मनोज बाजपेयी के मुख्य भूमिका रहल आ उनके अभिनय के बड़ा तारीफ भइल. बाकिर मनोज बाजपेयी के फिल्मन के बिजनेस कवनो खास ना रहल.\\nमनोज 2010 तक के पीरियड में कई गो फिल्मन में नजर अइलें बाकिर उनकर मुख्य भूमिका रहल फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल ना देखा पवली सन. एही से पता चलता कि हिन्दी फिल्म दर्शकन के केतना दुर्भाग्य बा कि उ बढ़िया कलाकारन के कबो कैश ना करेला आ लिपल पुतल तथाकथित स्टार चेहरा पर छिछिआइल रहेला. साल 2010 में प्रकाश झा के मल्टीस्टारर राजनीतिक फिल्म राजनीति रिलीज भइल आ फिल्म सुपरहिट भइल. एह में मनोज के नेगटिव रोल के बहुत प्रशंसा भइल. फेर साल 2012 में फिल्म आइल गैंग्स ऑफ वासेपुर आ उनके किरदार स���दार खान अमर हो गइल ओइसहीं जइसे भीकू म्हात्रे. मनोज बाजपेयी ओइसे भी घर घर में पहुँच चुकल रहलें, एह फिल्म के बाद वाली पीढ़ी के भी स्मृति में बस गइलें. साल 2016 में उनके फिल्म ‘अलीगढ़’ रिलीज भइल जेके चारु ओर खूब तारीफ भइल, एक बार फेर मनोज अपना अभिनय से सभके चकित कर देहलें. उनके एकरा खातिर प्रतिष्ठित एशिया पेसिफिक स्क्रीन अवॉर्ड से नवाजल गइल. साल 2018 के फिल्म गली गुलेयां भी मनोज बाजपेयी के फिल्मोग्राफी के बेहतरीन फिल्म ह. एह फिल्म के देश विदेश में खूब तारीफ मिलल.\\nसाल 2019 मनोज बाजपेयी खातिर बढ़िया साल रहल. एही साल उनके पद्म श्री के उपाधि मिलल आ एही साल उनके फिल्म भोंसले रिलीज भइल जे में उ टाइटल रोल कइलें. पिछला साल फिल्म भारत में भी ओटीटी पर प्रदर्शित भइल. ई फिल्म देश विदेश में खूब नाम कमइलस. साल 2021 में उनके भोसले फिल्म खातिर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार मिलल ह.\\nमनोज बाजपेयी के अमेजॉन प्राइम पर रिलीज भइल शो द फैमिली मैन के बड़ा प्रसिद्धि मिलल आ उ शो सुपर डुपर हिट रहल. उनके फिलहाल जीफाइव पर साइलेंस नाम के थ्रिलर ड्रामा रिलीज भइल बा आ जलदिए द फैमिली मैन के अगिला सीरीज रिलीज होखे वाला बा. ( लेखक मनोज भावुक भोजपुरी साहित्य और सिनेमा के जानकार हैं. )","num_words":1290,"character_repetition_ratio":0.048,"word_repetition_ratio":0.077,"special_characters_ratio":0.396,"stopwords_ratio":0.072,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Know What happened whenamonk did not bow down to the Shivalinga read an interesting incident Bhojpuri: एगो संन्यासी शिवलिंग के प्रणाम ना कइले त का भइल, पढ़ीं एगो रोचक प्रसंग\\nBhojpuri: एगो संन्यासी शिवलिंग के प्रणाम ना कइले त का भइल, पढ़ीं एगो रोचक प्रसंग\\nशिवलिंग अनादि आ अनंत ब्रह्म के प्रतीक ह. शिवलिंग निराकार ब्रह्म के भी प्रतीक ह. मुकुंद के मन:स्थिति ओह घरी वैराग्य से एतना भरल रहे कि उनकरा शिवलिंग के प्रणाम करे के इच्छा ना भइल. उनुका लागल कि ईश्वर अपना आत्मा में खोजे के चाहीं. त ऊ बिना प्रणाम कइले मंदिर से बहरा आ गइले और रणबाजपुर के दिशा में चल दिहले.\\nLast Updated: April 13, 2021, 12:49 PM IST\\nमशहूर किताब “योगी कथामृत” के लेखक परमहंस योगानंद के जीवन के एगो रोचक प्रसंग बहुत कुछ कहेला, समझावेला. अभी योगानंद जी के परमहंस के पदवी ना मिलल रहे. ऊ संन्यास भी ना लेले रहले. उनुकर संन्यास से पहिले के नांव रहे मुकुंद घोष. बाकिर मशहूर योगी श्यामा चरण लाहिड़ी के उन्नत शिष्य स्वामी श्रीयुक्तेश्वर जी के ऊ चेला बनि के उनुका आश्रम में संन्यासी बने के ट्रेनिंग लेत रहले. आश्रम रहे कलकत्ता से कुछुए दूर श्रीरामपुर में जहवां रेलवे स्टेसन भी बा.\\nट्रेनिंग का समय उनुका आश्रम के देख-रेख आ आश्रम के कई गो काम करेके परे. कौनो आश्रम में ई जिम्मेदारी, ट्रेनिंग के हिस्सा होला. मुकुंद के लागल कि आश्रम के काम अधिका बा आ उनुका के ध्यान आ ईश्वर भक्ति के पर्याप्त समय नइखे मिल पावत. मन में आइल कि हिमालय में जाके गहिर साधना करेके चाहीं. सोचले कि जाके अपना गुरु से आज्ञा मांगीं. गुरु कहले कि हिमालय में कई गो पहाड़ी लोग रहेले, ओह लोगन के त कौनो ईश्वरानुभूति नइखे भइल. जड़ पहाड़ के बदले कौनो आत्मज्ञानी आदमी से ज्ञान पाव, साधना कर त ईश्वरलाभ होई. बाकिर तबो मुकुंद अपना गुरु से फेर प्रार्थना कइले कि उनुका के हिमालय जाए दिहल जाउ. स्वामी श्रीयुक्तेश्वर जी चुप लगा गइले. एह चुप्पी के मुकुंद स्वीकृति मानि के तारकेश्वर धाम के नजदीक रणबाजपुर चलि दिहले जहवां ओह घरी एगो महान साधक रामगोपाल मजूमदार रहत रहले. रामगोपाल मजूमदार के पता मुकुंद अपना एगो अध्यापक से लेले रहले.\\nट्रेन से तारकेश्वर उतरि के मुकुंद ओइजा के सुविख्यात मंदिर में गइले. लोगन के मन में एह मंदिर के प्रति बहुते श्रद्धा भाव रहेला. कारन ई बा कि एह मंदिर में का जाने कतना लोगन के कठिन- कठिन रोग ठीक भइला के चमत्कार भइल बा. आज भी एह मंदिर के अलौकिक घटना वाला मंदिर मानल जाला. मुकुंद घोष के सबसे बड़की चाची के संगे घटल एगो प्रसंग सुनीं, उनहीं के कहल- “हम मंदिर में एक हफ्ता ले बइठल रहनी एकदम उपासे आ तोहरा (मुकुंद के) चाचा (अपना पति) के एगो पुरान रोग से छुटकारा खातिर प्रार्थना करते रहि गइनी. सातवां दिने हमरा हाथ में अपने आप एगो बूटी परगट हो गइल. हम ओह बूटी के काढ़ा बना के तोहरा चाचा के पिया दिहनी. उनुकर रोग तुरंते ठीक हो गइल आ फेर कबो ना भइल.” त मुकुंद ओही चमत्कारी पवित्र मंदिर में गइले.\\nओह मंदिर में शिवलिंग के गोल पत्थर (योगी कथामृत में इहे लिखल बा) के अलावा कुछु ना रहे. शिवलिंग अनादि आ अनंत ब्रह्म के प्रतीक ह. शिवलिंग निराकार ब्रह्म के भी प्रतीक ह. मुकुंद के मन:स्थिति ओह घरी वैराग्य से एतना भरल रहे कि उनकरा शिवलिंग के प्रणाम करे के इच्छा ना भइल. उनुका लागल कि ईश्वर अपना आत्मा में खोजे के चाहीं. त ऊ बिना प्रणाम कइले मंदिर से बहरा आ गइले और रणबा��पुर के दिशा में चल दिहले. रास्ता में एगो आदमी मिलल तो ओकरा से रणबाजपुर के रास्ता पुछले. बहुत सोचला का बाद ऊ कहलसि कि आगे एगो चौराहा आई, ओइजा से दहिने मुड़ि जइह आ चलत चलि जइह. रणबाजपुर पहुंचि जइब.\\nओह आदमी के बतवला के मुताबिक मुकुंद एगो नहर के किनारे- किनारे चलत गइले. चलत- चलत अन्हार हो गइल. जुगुनू चमके लगले सन आ सियार- हुआं- हुआं बोले लगले सन. चंद्रमा के प्रकाश एतना मद्धिम रहे कि ठीक से रस्तो ना लउके. दू घंटा ले ऊ ठोकर खात चलते रहि गइले. एगो गांव का नजदीक पहुंचले त एगो किसान मिलले. मुकुंद रामगोपाल मजूमदार के बारे में पुछले. किसान कहले कि एह नांव के कौनो आदमी हमरा गांव में ना रहेला. तूं झूठ बोलतार आ तूं जासूस हउव. ओकर पालिटिकल शंका दूर करे खातिर मुकुंद कारुणिक ढंग से आपन उद्देश्य बतवले. तब जाके ऊ किसान कहले कि रणबाजपुर त एइजा से काफी दूर बा. चौराहा से तोहरा बाएं मुड़े के चाहीं, तूं दाएं मुड़ि गइल बाड़. उल्टा दिसा में आ गइल बाड़. मुकुंद सोचे लगले कि जौन आदमी रास्ता बतवले रहे, ऊ त अनभिज्ञ पथिक खातिर अभिशाप बा, बलाय बा. ऊ किसान उनुका के मोटा चावल के भात, मसूर के दाल आ आलू- कच्चा केला के तरकारी खियवले. भोजन बहुते स्वादिष्ट रहे. मुकुंद खातिर किसान एगो छोट झोंपड़ी में सूते के बेवस्था क दिहले. दूर कहीं कीर्तन होत रहे. मृदंग आ करताल के आवाज आवत रहे. मुकुंद मन में एकांतवासी रामगोपाल मजूमदार के लगे पहुंचे के प्रार्थना करे लगले. उनुका नींदे ना लागल.\\nसबेरे सूर्योदय होते ऊ रणबाजपुर खातिर चल दिहले. काटल धान के ठूंठ आ खेत के ढेला से बचत- बचावत चले लगले. जेकरा से रणबाजपुर के ठेकाना पूछसु ऊ कहे कि बस एक कोस (दू मील) बा रणबाजपुर. चलत- चलत छव घंटा बीत गइल. मुकुंद के लागल कि रणबाजपुर हमेसा खातिर एक कोस दूरे रही का? आखिर कहां बा रणबाजपुर? आसमान से दुपहरिया के सूर्य भगवान जइसे आगि बरसावत रहले. मुकुंद खेते- खेत चलल चलि जात रहले. तलहीं मुकुंद देखले कि एगो आदमी उनुका ओर चलल आवता. ओकरा से रणबाजपुर का बारे में ना पुछले कि का जाने ऊहो कहि देउ कि – एक कोस दूर बा. ऊ अदिमिया मुकुंद का लगे आके रुकि गइल. नाट कद, दुबर- पातर शरीर बाकिर ओकर आंखि करिया आ हृदयवेधी रहे. माने आंखि अइसन कि जइसे सामने वाला का भीतर तक देखत होखे. आंख के अलावा ओह आदमी के व्यक्तित्व तनिको प्रभावशाली ना रहे. तले ऊ कहलसि- “हम त रणबाजपुर से जाए वाल��� रहनी हं. बाकिर तोहार उद्देश्य नीमन रहल ह, एही तोहार प्रतीक्षा क लिहनी हं.” फेर कहलसि- तूं बिना सूचना दिहले हमरा किहां चलि आइल बाड़, चतुराई देखावतार? जे तोहरा के हमार पता देले बा, ऊहो अनाधिकार काम कइले बा.\\nमुकुंद देखले कि अइसन सिद्ध पुरुष के आपन परिचय दिहल बेकारे बा. ई त पहिलहीं से सब जानतारे. अचानके ऊ आदमी पुछलसि- “अच्छा बताव त, तोहरा बिचार से भगवान कहां बाड़े?” मुकुंद व्याकुल होके कहले- “काहें? भगवान हमरा भीतर बाड़े आ सब जगह बाडे. सर्वव्यापी बाड़े.”\\nऊ आदमी कहलस- “सर्वव्यापी, हं.” दबल हंसी हंसि के कहलस- “तब काहें, युवक महोदय, तूं काल तारकेश्वर मंदिर में प्रस्तर- प्रतीक में विद्यमान ब्रह्म के आगे आपन सिर ना झुकउव? तोहरा अभिमान के कारने तोहरा के ई दंड मिलल ह आ ऊ पथिक दाएं-बाएं के सूक्ष्म भेद के चिंता ना कके, तोहरा के गलत दिशा में भेज दिहुए. आजुओ तोहरा बहुत मुसीबत झेले के परल ह. ” मुकुंद एह बात से विस्मय विभोर हो गइले कि उनुका सामने खड़ा एगो अति साधारण आदमी के भीतर एतना सर्वव्यापी दृष्टि लुकाइल बा. ऊहे आदमी रहले महान साधक रामगोपाल मजूमदार.\\nरामगोपाल जी कहले- “भक्त में ई सोचे के प्रवृत्ति होला कि ऊ जौन मार्ग अपनवले बा, ऊहे ईश्वर प्राप्ति के एकमात्र मार्ग बा. योग जौना से ईश्वर मिल जाले, निश्चिते सर्वोच्च मार्ग ह, जइसन कि लाहिड़ी महाशय (महान गुरु- श्यामा चरण लाहिड़ी महाशय) कहले बाड़े. अपना भीतर ईश्वर के प्राप्ति हो गइला पर हमनी के जल्दिए बाहरो ओकर अनुभूति करे लागेनी जा. तारकेश्वर आ अन्य जगहन के पवित्र मंदिर के प्रति लोगन के श्रद्धा बिल्कुले सही बा काहें से ई कुल स्थान आध्यात्मिक शक्ति के केंद्र हउवन स.”\\nरामगोपाल मजूमदार आगे कहले- “छोटका योगी. हम देखतानी कि तूं अपना गुरु से दूर भागतार. उनका लगे ऊ कुल चीज बा, जौना के तहरा जरूरत बा, उनुका लगे वापस लौटि जा. पहाड़ तोहार गुरु ना बन सकेले सन.” ईहे बात त दू दिन पहिले मुकुंद के गुरु स्वामी श्रीयुक्तेश्वर जी कहले रहले. रामगोपाल जी कहले- “सिद्ध लोग खाली पहाड़े पर रहसु अइसन कौनो विधि के विधान नइखे. भारत आ तिब्बत के हिमालय शिखरन के संत लोगन पर एकाधिकार नइखे. जेकरा के अपना भीतर पावे के कष्ट ना कइल जाउ, ओकरा के शरीर कहीं दोसरा जगह ले जाके पावल ना जा सकेला.”\\nफेर रामगोपाल जी एगो महत्वपूर्ण बात कहले- “तूं अपना घर में एगो छोट कमरा के व्यवस्था क सकेल, जौना के दरवाजा बंद कके तूं एकांत में रहि सक?”\\nमुकुंद कहले- “जी हं.”\\nरामगोपाल जी कहले- “त ऊहे तोहार गुफा ह. ऊहे तोहार पावन पहाड़ ह. ओइजे तूं ईश्वर के पा सकेल.”\\nरात भर रहि के मुकुंद माने परमहंस योगानंद वापस जब तारकेश्वर धाम लौटले त मंदिर में जाके शिवलिंग के परम श्रद्धा से प्रणाम कायिले. उनुका लागल कि शिवलिंग गोलाकार वृत्त में चारो दिशा में अनंत तक फैलल बा. ओकरा बाद ऊ अपना गुरु स्वामी श्रीयुक्तेश्वर जी का पासे लौटि अइले. आ संन्यास के ट्रेनिंग पूरा कके अतना प्रसिद्ध भइले कि आजु उनुका के पूरा दुनिया जानता. कुछ बरिस बादे ऊ भारत में- “योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया” आ अमेरिका में “सेल्फ रियलाइजेशन फेलोशिप” नामक संस्था के स्थापना 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नइखे, जवन पूर्ण राज्य कहाले स. उदाहरण खातिर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि पूर्ण राज्य हवन स.\\nLast Updated : March 19, 2021, 11:00 IST\\nजब से केंद्र सरकार दिल्ली के शासन व्यवस्था में सुधार खातिर संसद में विधेयक ले आइल बिया, तब से एक बार फेरू दिल्ली के राजनीति में खिचखिच बढ़ि गइल बा. दिल्ली के मुख्यमंत्री आ आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के अगुआई में जंतर-मंतर पर एह प्रस्तावित कानून के खिलाफ परदर्शन हो चुकल बा.\\nदरअसल केंद्र सरकार गवर्नमेंट ऑफ एनसीटी ऑफ देलही एक्ट 1991 में संशोधन करे जा रहलि बिया. एह कानून के मोताबिक दिल्ली में संविधान के अनुच्छेद 239 कख में दिहल वेवस्था के मुताबिक विधानसभा के चुनाव आ शासन वेवस्था चलि रहल बा. चूंकि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेस ह, आ मौजूदा कानून में बेवस्था रहल बा कि भूमि आ कानून बेवस्था छोड़ि के सभ क्षेत्र में दिल्ली विधानसभा कानून बना सकेले आ ओकरा के लागू कइ सकेले. हालांकि कानून के मोताबिक मानल जात रहल हा कि ई बेवस्था ओइसन राज्यन जइसन नइखे, जवन पूर्ण राज्य कहाले स. उदाहरण खातिर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि पूर्ण राज्य हवन स.\\nचूंकि दिल्ली पूर्ण राज्य ना ह, त एकरा विधानसभा आ सरकार पर उपराज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति यानी केंद्र सरकार के नियंत्रण रहे के मान्यता रहल. लेकिन दिल्ली में प्रचंड बहुमत से दू-दू बेर सरकार बनाइ चुकल आम आदमी पार्टी एह सिद्धांत के खारिज करत रहलि हा. एकरा खिलाफ ऊ सुप्रीम कोर्ट में गइलसि आ सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ ई वेवस्था दू साल पहिले दिहलसि कि दिल्ली में चुनल सरकार के काम में उपराज्यपाल कवनो बाधा ना डालि साकेले. उनुका के सरकार आपन फैसला के खाली जानकारी दिही.\\nएह फैसला के बाद से केंद्र शासित प्रदेस में उपराज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार के जवन सर्वोच्चता रहे, ऊ खत्म हो गइल. ओहि के सुधारे खातिर केंद्र सरकार दिल्ली के सरकार के अधिकार तय करे वाला संशोधन विधेयक लेके संसद में आइल बिया. एह पर जवन फैसला होई, ऊ त बाद के बात बा. बाकिर ई जाने के चाहीं कि दिल्ली के शासन वेवस्था विधानसभा बने के पहिले कइसन रहे.\\nमुगलिया सल्तनत के दौरान दिल्लिए से देस के शासन चलत रहे. जब 1857 में पहिलका स्वाधीनता संग्राम भइल त क्रांतिकारी लोग ओह घरी आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के सम्राट घोषित कइले रहे लोग. जब अंग्रेज स्वाधीनता संग्राम के दबा दिहले स त उहनि के शासन खातिर दिल्ली के पंजाब सूबा के जोड़ि दिहले स. तब से दिल्ली पंजाब सूबा के मेहरौली जिला के एगो हिस्सा रहे. जब 1911 में जब दिल्ली में जब राजधानी आइल त 12 दिसंबर 1911 के अंग्रेज दिल्ली के पंजाब राज्य के मेहरौली जिला के चीफ कमिश्नर के अधीन कई के केंद्रीय शासन के तहत ले लिहले स. तब से लेके आजादी के बाद तकले इहे वेवस्था चलत रहे.\\nआजादी के बाद पट्टाभि सीतारमैया समिति बनलि, जवन राज्यन के शासन वेवस्था पर आपन रिपोर्ट दिहलसि. ओह रिपोर्ट के बाद दिल्लियो में विधानसभा बनल. हालांकि सीतारमैया समिति दुनिया के बड़ देसन जइसे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि के राजधानी के शासन सिस्टम देखि के आपन सिफारिस दिहलसि कि राजधानी के अलग शासन वेवस्था होखे के चाहीं. जवना में ओकरा क�� अलग से कानून-वेवस्था छोड़ि के बाकी काम दे देबे के चाहीं. उ समिति विधानसभा के होखला से इनकार ना कइलसि त ओहके चलते दिल्ली में 1951 में विधानसभा बनलसि. तब विधानसभा के अधिकतम सदस्य संख्या 50 राखलि गइल रहे. दिल्ली के पहिलका मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश बनले. बाकिर जब 1953 में राज्यन के पुनर्गठन खातिर फजलु रहमान समिति बनल त ऊ अजमेर आ दिल्ली जइसन चीफ कमिश्नर शासित राज्यन के नजदीक में सामिल कइ देबे के चाहीं. चूंकि दिल्ली में केंद्र के दफ्तर बाड़न स, दूतावास बाड़े स, त ओह वजह से दिल्ली के केंद्र के अधीन शासन रखे के इंतजाम कइल गइल. ओकरा बाद 1956 में दिल्ली के विधानसभा खतम कइ दियाइल आ ओकरा खातिर नगर निगम के वेवस्था भइल. फेरू महानगर परिषद बनावल गइल. बाद में जब जनता पार्टी के 1977 में शासन आइल त दिल्ली के राज्य के दर्जा देबे के फैसला लिहलसि.\\nहालांकि जनता पार्टी के सरकार जल्दीए गिरि गइल. एह बीचे कांग्रेस आ भाजपा दूनों दल दिल्ली के राज्य के दर्जा देबे के मांग लेके आंदोलन करत रहलि. बाद में 1987 में सरकारिया आयोग बनल. बाद में न्यायमूर्ति सरकारिया जब प्रेस काऊंसिल के अध्यक्ष बनि गइले त उनुका जगहि पर बालाकृष्णन समिति बनलि आ ऊ कुछ विषय छोड़ि के दिल्ली के अलगा राज्य बनावे खातिर पर सुझाव दिहलसि. ओहि में दिल्ली सरकार के आठ गो विषय पर काम करे के वेवस्था दिहलसि. ओहि सुझाव के आधार पर 1991 में तब के केंद्रीय गृहमंत्री शंकर राव चव्हाण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम पेश कइले रहले. ओहि से देखल जाउ त दुनिया के जाताना बड़ देसन के राजधानी बाड़ी स, ओह में खाली ऑस्ट्रेलिया के राजधानी केनबर्रा में ही दिल्ली नियर विधानसभा बिया. आ उहवों ओइसहीं लड़ाई होत रहेला, जइसे इहंवा हालि के दिन में केंद्र आ राज्य सरकार में होत रहेला. बाकिर हर जगह स्थानीय शासन नगर निगम नियर बा. (लेखक उमेश चतुर्वेदी वरिष्ठ पत्रकार हैं.)\\narvind kejriwal Bhojpuri Bhojpuri News","num_words":921,"character_repetition_ratio":0.056,"word_repetition_ratio":0.103,"special_characters_ratio":0.399,"stopwords_ratio":0.069,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Bhojpuri: दुनिया के सबसे बड़का एयरलिफ्ट, ना बम फूटल ना गोली चलल- world s largest airlift Pankaj Praveer Shared Story Read in Bhojpuri Taliban news – News18 हिंदी\\nBhojpuri: दुनिया के सबसे बड़का एयरलिफ्ट, ना बम फूटल ना गोली चलल\\nदुनिया के सबसे बड़ एयरलिफ्ट ऑपरेशन में हवाई जहाज के करीब अढ़ाई लाख फेरा लगल रहे। ना बम चलल ना बंदूक, ना खून के एक कतरा भी बहल अउर हो गइल काम। ई ऑपरेशन 15 महीना तक चल रहे। ओह घरी अमेरिका के राष्ट्रपति रहन ट्रूमेन।\\nपंकज प्रवीर जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशंस में एमए कइला के बाद यूपीएससी के तइयारी करत रहन। दिल्ली से गांवे अइल रहन। साथी-संघतिया के जमघट लागल रहे। अफगानिस्तान के हलात पs चर्चा होत रहे। नवलकिशोर कहले, अमेरिका जइसन बरियार देश के अफगानिस्तान में तौहीन हो गइल। अमेरिका हजारों लोग के बचइलस लेकिन काबुल में 13 सैनिक मारे जाए से ओकर सब कइल धइल पानी में चल गइल। राष्ट्रपति जो बाइडन के अमेरिका में किरकिरी हो रहल बा। अमित रंजन पकज प्रवीर देने देख के कहले, का पंकज भाई ! का कहत बाड़s ? का काबुल हवाई अड्डा से लोग के निकाले में अमेरिकी नीति फेल हो गइल ? पंकज प्रवीर जबाब देले, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कइसे ई खतरनाक मिशन में नाकाम हो गइले, एकरा के समझे खातिर एगो पुरान घटना के जिकिर जरूरी बा। ई घटना दुनिया के सबसे बड़ एयरलिफ्ट ऑपरेशन रहे जवना में हवाई जहाज के करीब अढ़ाई लाख लाख फेरा लगल रहे। ना बम चलल ना बंदूक, ना खून के एक कतरा भी बहल अउर हो गइल काम। ई ऑपरेशन 15 महीना तक चल रहे। ओह घरी अमेरिका के राष्ट्रपति रहन ट्रूमेन।\\nअमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रूमेन से बाइडन के तुलना\\nपंकज प्रवीर घटनाक्रम बतावे के पहिले अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन अउर पूर्व राष्ट्रपति हैरी ट्रूमेन के बीच तुलना कइले। बाइडन अउर ट्रूमेन दूनो जना डेमोक्रेटिक पटी के राष्ट्रपति रहन। ट्रूमेन के ऐतिहासिक एयरलिफ्ट से डेमोक्रेटिक पाटी के लोकप्रियता आसमान पs पहुंच गउल रहे। ऊ 1948 में दोबारा राष्ट्रपति के चुनाव जीतले। 2021 में जो बाइडन के नाकाम एयरलिफ्ट से डोमोक्रेटिक पाटी के ग्राफ लगातार नीचे गिर रहल बा। जब ट्रूमेन एयरलिफ्ट ऑपरेशन के रणनीति बनवले रहन ओह घरी दुनिया के हालत बहुत खराब रहे। सेकेंड वर्ल्डवार खतम हो गइले रहे। अमेरिका जापान में एटम बम गिरा के तबाही मचा चुल रहे। तब ले सोबियत संघ (रूस) भी एटम बम बना ले रहे। महाजुद्ध खतम भइल तs अमोरिका अउर सोबियत संघ में शीतयुद्ध शुरू हो गइल। दुनिय़ा के सरदार बने खातिर दूनो देश आमने-सामने आ गइले। एही बीच सोवियत संघ जानबूझ के अमेरिका अउर ब्रिटेन से पंगा लेलस। अब बुझाये लागल कि एटम बम वला दू देश में लड़ाई शुरू हो जाई। राष्ट्रपति ट्रूम���न खुद महाजुद्ध के बिनाश देखले रहन। उहे जापान पs एटम बम गिरावे के औडर देले रहन। तब ट्रूमेन बहुत बुद्धिमानी से एह मामला के हैंडिल कइले। दुनिया में आज तक अतना लंबा अउर बड एयरलिफ्ट कबो ना भइल। ई ट्रूमेन के लीडरशिप क्वालिटी रहे कि बिना कवनो खून खराबा के एयरलिफ्ट ऑपरेशन पूरा हो गइल। ई एयरलिफ्ट बेलकुल लग रहे। एकरा में आदिमी कम अउर खाये-पीये के समान के अधिक लिफ्ट कइल गइल रहे।\\nसोबियत संघ के मनमानी से बर्लिन में घेराबंदी\\nपंकज प्रवीर मेन टौपिक पs अइले। सेकेंड वर्ल्डवार खतम भइल तs मित्र देश (सोवियत संघ, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस) पराजित जर्मनी के दू भाग में बांट देले। पश्चिम जर्मनी में अमेरिका अउर ब्रिटेन के बरचस्व कायम भइल। पूर्वी जर्मनी में सोवियत संघ के दबदबा हो गइल। राजधानी बर्लिन के भी पश्चिम अउर पूर्वी भाग में बंटवारा कइल गइल। सोवियत संघ पूरा जर्मनी पs कब्जा कइल चाहत रहे। एही बीच मई 1948 में सोवियत संघ पूर्वी बर्लिन शहर के घराबंदी कर देलस। सड़क बनावे के नंव पs बैरिकेड खाड़ा कर दिहल गइल। सोवियत संघ रेल गाड़ी अउर नाव खेवे पs भी रोक देलस। बर्लिन स्प्री नदी के किनारे बसल बा। ईहां नाव चाहे मोटरबोट से पंहुच जा सकत रहे। लेकिन सोवियत संघ के रोक के चलते पश्चिम बर्लिन चारो तरफ से घेरा गइल। पश्चिम बर्लिन में रहे वला अमेरिका-ब्रिटेन के समर्थक लोग पिंजरा में कैद हो गइले। कोई पश्चिम बर्लिन तब्बे पहुंच सकत रहे जब ऊ रूस के दबदबा वला इलाका के पार करे। लेकिन ई संभव ना रहे। पश्चिम बर्लिन के टोटल सप्लाई ठप हो गइल। खाये-पीये के समान के कमी होखे लागल। ओह घरी खाना कोइला के चूल्हा पs बनत रहे। कोयला के कमी होखे लागल। सोवियत संघ पश्चिम बर्लिन के बिजली भी काट देलस। हालत खराब होखे लागल।\\n1948 – पश्चिम बर्लिन में एयरलिफ्ट\\nपंकज प्रवीर के कहानी जारी रहे। ओह घरी में पश्चिम बर्लिन में अमेरिका के सैनिक अफसर जनरल लुकस क्ले तैनात रहन। ऊ राष्ट्रपति ट्रूमेन के संदेश भेजले, हालत बहुत खराब बा। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रहित सबसे ऊपर बा। सोबियत संघ नाकाबंदी के जरिये अमेरिकी सेना के पश्चिम बर्लिन छोड़े खातिर दबान बना रहल बा। लेकिन हमरा बिचार से अमेरिका के पश्चिम बर्लिन में बनल रहे के चाहीं। अमेरिका के ताकत अउर इज्जत खातिर ई बहुत जरूरी बा। अगर पश्चिम जर्मनी में रशद पहुंचा दिहल जाई तs हमनी के ईहां मुस्तैदी से डटल रहब जा। ई संदेश सुन के राष्ट्रपति ट्रूमेन बहुत प्रभावित भइले। पश्चिम जर्मनी में खाये-पीये के समान के 36 दिन के ही स्टौक बांच गइल रहे। कोइला के स्टौक भी 45 दिन ही रहे। तब जा के राष्ट्रपति ट्रूमेन इंग्लैंड के परधानमंतरी से बात कइले। पश्चिम जर्मनी जाए खातिर खाली हवाई मार्ग ही खुला रहे। लेकिन एकरो में खतरा रहे। सोवियत प्रभाव वला पूर्वी जर्मनी के ऊपर से ही हवाई जाहज के जाये के रहे। लेकिन अमेरिका अउर इंगलैंड जोखिम उठावे खातिर तइयार हो गइले। तब एयरलिफ्ट के जोजना बनावल गइल।\\nऐतिहासिक एयरलिफ्ट ऑपरेशन\\n24 जून 1948 से एयर लिफ्ट ऑपरेशन शुरू भइल । अमेरिका के 17 अउर इंगलैंड के आठ हवाई जहाज एकरा में शामिल भइले। रोज 646 टन आटा, 109 टन मीट- मछरी, 180 टन आलू, 180 टन चीनी, 11 टन कौफी, 19 टन दूध के पौडर पश्चिम बर्लिन पहुंचावल जाये लागल। रोज करीब चार हजार टन कोइला, पेट्रोल अउर डीडल के भी जरूरत रहे। कोयला से खाना के अलावा बिजली भी बनत रहे। कोइला, पेट्रोल भी हवाई जहाज से ढोयाले लागल। सारा समान पैरासूट से पश्चिम बर्लिन में गिरे लागल। एने से समान जहाज में लदा के पश्चिम बर्लिन जाए। ओने से अगर कनवो अमेरिकी सैनिक भा कवनो नागरिक बाहर निकलल चाहस तs उनको ले आवल जाए। जहाज तs खालिये लौटत रहे।\\n15 महीना शांति से चलल बर्लिन एयरलिफ्ट\\nसोवियत संघ ई देख के पहिले तs तिलमिलाईल लेकिन मित्र देश के ताकत देख के चुप लगा गइल। अमेरिका ई अभियान शांति से चलावल चाहत रहे लेकिन ऊ बैकअप प्लान भी तइयार रखले रहे। राष्ट्रपति ट्रूमेन एयरलिफ्ट के सुरक्षित बनावे खातिर लंदन के एयरफोर्स स्टेशन पs बी-29 लड़ाकू बिमान भेज देले रहन। ई लड़ाकू बिमान एटम बम गिरावे के क्षमता से लैस रहे। सोबियत संघ के स्टालिन भी तीसरा विश्वयुद्ध ना चाहत रहन। ई एयरलिफ्ट बेरोकटोक चलत रहल। सोबियत संघ के चाल नाकाम हो गइल। अंत में थक हार के सोबियत संघ सितम्बर 1949 में पश्चिम बर्लिन से आपन घेरा हटा लेलस। ई एयरलिफ्ट 15 महीना चलल जवना में 23 लाख 25 हजार 510 टन समान गिरावल गइल। 25 हवाई जहाज करीब ढाई लाख फेरा लगवले। ना बम फूटल ना गोली चलल अउर पूरा होइल बर्लिन एयरलिफ्ट। अंत में पंकज प्रवीर कहले, अगर ट्रूमेन जइसन बाइडन भी बैकअप प्लान में अगल-बगल परमाणु क्षमता वला लड़ाकू बिमान तइयार रखिते तs आइएस खोरासन के काबुल में धमाका करे के हिम्मत ना होइत। एकरा बाद मंडली में ��ेहू कुछ ना बोलल।\\nTags: Bhojpuri News, Bihar News in hindi, News in Bhojpuri","num_words":1203,"character_repetition_ratio":0.074,"word_repetition_ratio":0.04,"special_characters_ratio":0.38,"stopwords_ratio":0.047,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":0.993,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"फिल्म समीक्षा: ‘निरहुआ चलल लंडन’- अश्लीलतामुक्त मनोरञ्जक फिल्म ; परिवार के साथ देख सकेनी – Aapan Birgunj\\nफिल्म समीक्षा: ‘निरहुआ चलल लंडन’- अश्लीलतामुक्त मनोरञ्जक फिल्म ; परिवार के साथ देख सकेनी\\nadmin प्रकाशित मिति - Feb 17, 2019 8 0\\nफ़िलिम: निरहुआ चलल लंदन\\nस्टारकास्ट: दिनेश लाल निरहुआ, आम्रपाली दूबे, मनोज टाइगर\\nनिर्देशक: चंद्र प्रकाश पंत\\nनिरहुआ चलल लंदन”, भोजपुरी सिनेमा के बहुप्रतीक्षित बहुचर्चित फ़िलिम में से एगो बा। लोग के एह फ़िलिम के बड़ा बेसब्री से इन्तज़ार रहे। बहुत लमहर इन्तज़ार के बाद आख़िर १५ फ़रवरी शुक्रवार के दिन सिनेमाघर में ई फ़िलिम प्रदर्शित भईल।\\nकुल मिलाके भोजपुरी के सबसे भारी बजट के फ़िल्मन में से एक “निरहुआ चलल लंदन”, भोजपुरी फ़िलिम के दुनिया में पारिवारिक फ़िलिम के रूप में दर्शनीय बा। एह से साफ़-सुघड़ फ़िलिम बनावे के एगो शुरुआत हो सकत बा\\nदुनिया के कवनो कोना में जब भी कवनो के मुँह से लंदन शब्द निकलेला त एगो ख़ास तरह के आकर्षण बन जाला। लंदन शब्द अपने आप में एगो glamour पैदा क देवेला। Glamour आ आकर्षण के साथे-साथे जागेला उम्मीद, गुणवत्ता के माँग। भोजपुरी सिनेमा एह घड़ी बड़का बजट, ताम-झाम से भरल रहऽता। जेकरे एगो उदाहरण बा फ़िलिम “निरहुआ चलल लंदन”। मुंबई आ पटना के गलियन में घूमत-घूमत एह बेर निरहुआ आम्रपाली के साथ चहूँपल बा लंदन। त का लंदन शब्द से जवन आकर्षण आ उम्मीद बनेला ओकर भरपाई भईल बा एह फ़िलिम में? आईं जानल जाव।\\n“निरहुआ चलल लंदन”, भोजपुरी फ़िलिम के दुनिया में एह घड़ी के फूहड़ता से तनका हटके एगो साफ़-सुथरा फ़िलिम बा।\\nफिल्म के कहानी\\nफ़िलिम के कहानी बा निरहुआ (दिनेश लाल यादव) आ जुली (जूली) के। निरहुआ गाँव-शहर के एगो स्थापित गायक बा। जेकर गाना आ स्टेज शो के लोग दीवाना बा। ईहे निरहुआ के बिआह ओकर बाप (गोपाल राय) करावे के चाहत बा। बाकिर कईयन लड़की से बात चलवला का बाद भी निरहुआ मानत नईखे। बिहार के एगो गाँव में रहत निरहुआ के भी आपन सपना बा। जेकरा खातिर ऊ अभिन बिआह करेके नईखे चाहत।\\nओने लंदन में रह रहल बाड़ीं फ़िलिम के नायिका जूली(आम्रपाली दूबे)। शोख़ चंचल सुन्दर जूली, माई बाप के दुलारी जूली। जूली के पापा लंदन के एगो बड़का स्थापित व्यवसायी बाड़ें। उनकर सपना बा आपन करेज के टुकड़ा जूली के एगो बन्हिया लड़का आ घर में शादी कर करे के। जूली भी निरहुए के जईसन बिआह नईखीं करे के चाहत। लेकिन आपन पापा के समुझवला से बिआह खातिर तईयार हो जालीं।\\nलंदन के ही प्रतिष्ठित व्यवसायी विश्वम्भर के लईका से जूली के शादी करे खातिर जूली के पापा विश्वम्भर के लगे चहूँपलन। बाकिर उहाँ दादी बिआह होखे से पहिले एगो शर्त राखेली। शर्त के पूरा करे खातिर जूली भारत आवेली जहवाँ निरहुआ से भेंट होखेला। एकरा बाद ही शुरू होखेला फ़िल्म के रोमांच आ रोमांस के उलझन।\\nअब बात फ़िलिम के तकनीकी पक्ष के। सबसे पहिले बात पटकथा लेखन के। फ़िलिम के पटकथा लेखक बाड़न संतोष मिश्रा। फ़िलिम के शुरुआत के कुछेक हिस्सा के पटकथा में कसाव बा बाकिर फ़िलिम जईसे-जईसे आगा बढ़त जाला वईसे-वईसे पटकथा ढीला पड़त जाला। सबसे पहिले त फ़िलिम के प्लॉट के स्थापित कईले बिना कहानी आगा बढ़त जाला। निरहुआ एगो गायक बा एकरा दृश्य माध्यम से स्थापित करे के जगह संवाद से काम चलावल गईल बा। सीधे जब आवश्यकता पड़ल तबे पता चलल कि निरहुआ गायक बा। पटकथा छोट-बड़ कईयन चूक से भरल बा। जूली जब भारत से लंदन वापस जाली तब उनकर माई के कहीं अते-पता नईखे। हेलिकॉप्टर लगे चाची नईखी बाकिर लंदन में चहूँप गईल बाड़ीं। कईसे? पता ना। पूरा फ़िलिम में जूली के एगो खलनायक बिआह करे खातिर तंग कईले बा। जूली से ओकर भेंट कईसे बा ईहो नईखे देखावल गईल। फ़िलिम में जेतना भी पात्र बा सबके चरित्र विशेषता के संवाद के माध्यम मात्र से स्थापित करे के प्रयास भईल बा ख़ाली एगो निरहुआ के संघतिया बनल अभिनेता मनोज टाइगर के छोड़ के।\\nफिल्म के निर्देशन पक्ष\\nअब बात निर्देशन के। “निरहुआ चलल लंदन” फ़िलिम के निर्देशक बाड़न चंद्र प्रकाश पंत। चंद्र प्रकाश पंत फ़िल्मन में पहिले stunt निर्देशन में काम कईले बाड़न। “निरहुआ चलल लंदन” उनकर पहिला बड़का बजट के फ़िलिम बा। जवना में stunt निर्देशन भी ऊहे कईले बाड़न। फ़िलिम में निर्देशकिय प्रभाव भी ठीके-ठीके बा। कम पात्र से काम चलावे के कोशिश में निर्देशक कही-कहीं कहानी से समझौता भी कईले बाड़न। कबो-कबो लागेला कि कहीं जान पहिचान के आधार प अभिनेता लोग के चुनाव कईल गईल बा। लेकिन जब-जब भावनात्मक दृश्य आईल बा निर्देशक आपन छाप छोड़ें में सफल भईल बाड़न�� ४ करोड़ के बजट के भोजपुरी फ़िलिम में अभिनेता लोग के गलत चुनाव के रिस्क लेवल कवनो भी लिहाज़ से ठीक ना कहल जाई। बाकिर जवना फूहड़ता खातिर भोजपुरी फ़िलिम एह घड़ी बदनाम बा ऊहवाँ निर्देशक एगो साफ़-सुथरा पारिवारिक फ़िलिम बनावे में सफल भईल बाड़न। बधाई के पात्र बाड़न।\\nफ़िलिम के लोकेशन आ संगीत फ़िलिम के मज़बूत पक्ष बा। लंदन आ नेपाल में फ़िल्मावल दृश्यन में लोकेशन के ख़ूबसूरती दर्शक के ख़ूब लुभावेला। गीतन में लंदन स्ट्रीट के दृश्य आ नेपाल में पहाड़न आ झील के सुन्दरता भी नीमन बा। बाकिर लंदन के स्थापित करे खातिर ड्रोन कैमरा से लीहल गईल मास्टर शॉट के अधिकता ख़लल बा।\\nमधुकर आनंद के संगीत से सजल गीतन आपन प्रभाव छोड़ें में सफल भरके बा। हालाँकि कि पहिलका गीत जवना में निरहुआ के साथे सम्भावना सेठ के आइटम डान्स बा, ओकरा हिंदी में ना रखके भोजपुरी में राखल जाईत त ठीक रहित। काहे से कि निरहुआ ईहे गीत के माध्यम से फ़िलिम में गायक के भूमिका में स्थापित हो रहल बा। बाकिर फ़िल्मी निर्माण बहुत रिस्की आ महँगा व्यवसाय भईला से शायद व्यवसायिक मजबूरी के कारण ई करे के परल होई।\\nफ़िलिम में कैमरावर्क ठीक बा। लोकेशन के सुन्दरता कैमरामैन के आधा काम क दिहले बा। कुछेक दृश में ज़रूरत ना भईला के बाद भी ट्रॉली शॉट के बेवजह इस्तेमाल भईल बा। जब जूली के पापा निरहुआ के घरे जालन तब कार रुके के समय डॉली-इन शॉट के ज़रूरत ना रहे। तेपरो लेटेस्ट इक्विप्मेंट के इस्तेमाल फ़िलिम के लूक के ग्लैमरस बनावे में योगदान चहूँपवले बा।\\nफ़िलिम के बैक्ग्राउंड संगीत बहुतेरे दृश्य में मैच नईखे करत। जेकरा वजह से सही प्रभाव नईखे बनत। कहीं-कहीं त रुकावट ही बनल बा। कही दृश्य संवाद बदल जाता बाकिर बैक्ग्राउंड संगीत देर से बदलऽता। अभिनय के लिहाज़ से दिनेश लाल यादव के काम नीमन बा। जवन भी दृश्य में कुछ करे के मौक़ा मिलल बा ऊहवाँ अभिनेता के रूप में दिनेश लाल आपन काम नीमन से कईले बाड़न।\\nभोजपुरी फ़िल्मी दुनिया के सबसे महँग अभिनेत्री के रूप में स्थापित आम्रपाली दूबे के अभिनय बहुत शानदार बा। लंदन के लड़की आ बिहार के लड़की दूनु में ऊ शानदार काम कईले बाड़ीं। पूरा फ़िलिम में उनकर सुन्दरता लउकल बा। पूरा फ़िलिम में उनकर परिधान भी विशेष रूप से आकर्षण के केंद्र बनल बा। अभिनय के दृष्टिकोण से निरहुआ आ आम्रपाली दूबे के काम ��राहनीय बा। मनोज टाइगर भी नीमन अभिनय कईले बाड़न। निरहुआ के माई-बाप के भूमिका में रहल कैरेक्टर आर्टिस्ट के छोड़ दिहल जाए त बाक़ी सब कलाकारन के काम औसत ही कहल जाई। दादी के भूमिका निभा रहल महिला कलाकार के काम भी स्वागत योग्य बा।\\nकुल मिलाके भोजपुरी के सबसे भारी बजट के फ़िल्मन में से एक “निरहुआ चलल लंदन”, भोजपुरी फ़िलिम के दुनिया में पारिवारिक फ़िलिम के रूप में दर्शनीय बा। एह से साफ़-सुघड़ फ़िलिम बनावे के एगो शुरुआत हो सकत बा। ४ करोड़ के बजट में दर्शक के एगो साफ़-सुथरा, भावनात्मक फ़िलिम बनावे ला सम्पूर्ण टीम बधाई के अधिकारी बा लोग।\\nफिल्म रेटिंग – ७ (१० मेसे )","num_words":1187,"character_repetition_ratio":0.059,"word_repetition_ratio":0.049,"special_characters_ratio":0.377,"stopwords_ratio":0.07,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":1.0,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"Bhojpuri Actor Ayaj Khan Birthday Read Some intersting facts about him Manoj Bhawook Bhojpuri: पहिलके फिल्म में अजय देवगन के अपोजिट विलेन बन मशहूर हो गइलें इ अभिनेता, आज ह जन्मदिन\\nBhojpuri: पहिलके फिल्म में अजय देवगन के अपोजिट विलेन बन मशहूर हो गइलें इ अभिनेता, आज ह जन्मदिन\\nअयाज के जनम आज के दिन यूपी के ग़ाज़ीपुर जिला में महेंद गाँव में भइल. ई गाँव दिलदारनगर कमसार के लगे बा. उहे कमसार जहां भोजपुरी फिल्मन के पितामह नाजिर हुसैन के जन्म भइल. कुछ दिन पहिले उहाँ के भी वर्षगांठ रहल ह. ई इत्तेफाक बा कि अयाज जे कबो अभिनय के क्षेत्र में आवे के ना सोचले रहलें.\\nभोजपुरी सिनेमा के एगो डैशिंग कलाकार के आज जन्मदिन ह. हालांकि लोग उनके विलेन के किरदार के रूप में जानेला पर उनका जइसन कद काठी आ चेहरा मोहरा वाला त हीरो होखेला. बाकिर भोजपुरी सिनेमा उनका के विलेन के फ्रेम में टाइपकास्ट कर देहले बा. अक्सरहा अइसन होला कि उ जब कवनो हीरो के साथे फ्रेम मे आवेलें त लोग कन्फ्यूज़ हो जाला कि हीरो के ह आ विलेन के. रूप आ दमखम के साथे उनका लगे अभिनय क्षमता भी बा जेकरा के उ समय-समय पर अपना किरदारन मे देखवले बाड़े. एही से उ तथाकथित भोजपुरिया विलेन ना बल्कि एगो मँजल कलाकार के रूप में जानल जास त नीक होई. हम बात करत बानी अयाज खान के.\\nअयाज के जनम आज के दिन यूपी के ग़ाज़ीपुर जिला में महेंद गाँव में भइल. ई गाँव दिलदारनगर कमसार के लगे बा. उहे कमसार जहां भोजपुरी फिल्मन के पितामह नाजिर हुसैन के जन्म भइल. कुछ दिन पहिले उहाँ के भी वर्षगांठ रहल ह. ई इत्तेफाक बा कि अयाज जे कबो अभिनय के क्षेत्र में आवे क��� ना सोचले रहलें आ शायद अपने क्षेत्र के एतना बड़ शख्सियत के बारे में सुनलो ना रहलें बाकिर आज भोजपुरी के बड़हन कलाकार बाड़ें आ काफी नाम कमा लेहले बाड़ें. अयाज मध्यम वर्गीय परिवार से हवें जहां उनके पापा सरकारी विभाग में अधिकारी रहलें. घर में पढ़ाई लिखाई के माहौल रहे. अयाज के प्राइमरी पढ़ाई गाँव से भइल. फेर उ नवीं कक्षा से एमए तक के शिक्षा बनारस में कइलें. बनारसे में जब उ आपन पढ़ाई करत रहलें त ओहि बेरा मॉडलिंग करस. देह-धजा ठीक रहे त उनके काम धाम भी खूब मिले. लोग सुझाव देव कि मरदवा तू त हीरो बन सकेला, काहें नइखs बंबई जात. लेकिन अयाज ना कबो बंबई गइल रहलें ना कबो जाए के सोचलें रहलें एही से हिम्मत ना होखे. फेर उनके केहू जानो पहचान के ना रहे.\\nअचानक एक दिन उ अखबार में एगो खबर देखलें. अजय देवगन आ मनोज तिवारी के एगो भोजपुरी फिल्म ‘ धरती कहे पुकार के ‘ के शूटिंग होखे वाला बा. ओमें कलाकारन के गरज बा. अयाज ऑडिशन देबे चल गइलें बाकिर उहाँ के भीड़ देख के डेरा गइलें. ओहिजा एक से एक थियेटर के धुरंधर लोग पहुंचल रहे आ इनका लगे अभिनय के कवनो ट्रेनिंग ना रहे, ना ही फिल्म आ सीरियल के एक्सपोजर रहे कि डायलॉग आ भाव भंगिमा के जानकारी होखे. बाकिर ई ढीठे चल गइलें आ किस्मत से शॉर्टलिस्ट भी हो गइलें. इनके रोल मिलल फिल्म के मुख्य खलनायक चरित्र वीर महोबिया के बिगड़ैल बेटा के. फिल्म में ई रोल के काफी स्पेस रहे. ओ बेटा के गाँव वाला अउरी मनोज तिवारी के किरदार किडनैप कर लेता आ ओकरा के वीर महोबिया के जुल्मन के स्वाद चखावता. फिल्म में अजय देवगन के बड़ा रोल रहे अउरी ई फिल्म उनका नामे से एतना चलल कि ब्लॉकबस्टर हो गइल.\\nई बात साल 2006 के ह. इ फिलिम कइला के बाद उ आपन शहर वाराणसी में लौट अइलें आ अपना पढाई में व्यस्त हो गइलें. अगिला साल फेर उ मुंबई वापस आपन किस्मत अजमावे अइलें. उनके एगो सुपरहिट फिल्म में अच्छा खासा रोल मिलल रहे बाकिर काम खोजे खातिर फेर से जीरो से स्ट्रगल करे के पड़ल. एहिजा उनके फिलिम-राइटर संतोष मिश्रा सहारा दिहले अउरी अयाज के दूसरकी फिलिम ‘ निरहुआ रिक्शावाला ‘ रहल जे कई गो कलाकार के इंडस्ट्री में स्थापित कइलस, जेकरा में अयाज भी रहले. ओकरा बाद अयाज खान के लगातार निरहुआ के फिल्म में खल चरित्र के रोल मिले लागल आ उ दीवाना, दाग, लागल रहs ए राजा जी जइसन फिल्म कइलें. फिल्म हिट भइल त इनके भी फायदा भइल बाकिर एगो बड़ नुकसान इ भइल कि उ टाइपकास्ट हो गइलें. हालांकि अयाज एकरा के आपन किस्मत मानेलें कि उनके बैक टू बैक फिल्म मिलल आ उ स्थापित हो पवलें.\\nएगो इंटरव्यू के दौरान अयाज बतवलन कि अभी ले उ 100 फिलिम में काम कर लेले बाड़न अउरी उनकर कुछ बेहतरीन फिलिम में पवन सिंह के साथे ‘धड़कन’ बा जेमें उ पवन के भाई अउरी पुलिस अफसर के रोल कइले बाड़न. फिलिम के क्लाइमेक्स आवत-आवत गुड-बॉय से बैड-बॉय बन जालें, लोगन के अयाज के ई चेंजओवर पसंद आइल. उनकर खेसारीलाल के साथे मुकद्दर में एगो मैच्योर किरदार जे उम्र में बड़ बा, कइल बहुते चुनौतीपूर्ण रहल अउरी फिलिम बनावे से पहिले तक लेखक अउरी डायरेक्टर के ई भरोसा ना रहल कि अयाज ई रोल कर पइहें. रितेश पाण्डेय के साथे सइयां थानेदार फिलिम में उनकर किरदार जवन भयानक अउरी विचित्र हंसी हंसेला, दर्शकन के काफी पसंद आइल. ‘कसम वर्दी वाला’ में पागल के रोल अउरी इंडिया वर्सेस पाकिस्तान में पाकिस्तानी मेजर के रोल उनका लाइफ के माइलस्टोन रोल रहल बा. उनकर पाकिस्तानी मेजर के वेश-भूषा अउरी संवाद-शैली अपनावल एतना नैसर्गिक रहल कि लोग के भ्रम हो गइल रहे कि उ पाकिस्तानी हउवें.\\nअयाज के लीड रोल में फिल्म बलमा डेरिंगबाज पिछला साल बन के तैयार रहे बाकिर लॉकडाउन के चलते रुक गइल. एह फिल्म में उनके मुख्य भूमिका बा आ उ सकारात्मक किरदार में बाड़ें. उनके आवे वाला अउर फिल्मन में रन, अब होई पुलिसगिरी, अनाड़ी ऑटोवाला, बलमा सिपहिया, बनारसी पहलवान आदि बा. अयाज के उनका जन्मदिन पर ढेर सारा शुभकामना! उ अइसहीं अपना कलाकारी से हम सभ के मनोरंजन करत रहस, स्वास्थ्य 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दिल जीते के होड़ लागल बा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी तृणमूल कांग्रेस नियर सेलिब्रिटी राजनीतिक शुरू क देले बिया. जब वामफ्रंट सत्ता में रहे तबो बांग्ला सिनेमा के लोग राजनीति से जुड़ल रहे. फिल्मी संगठन बना के ओकरा के कौनो बरियार राजनीतिक दल से जोड़े के परंपरा पुरान बा. अब हालत अउरी रोचक हो गइल बा. कोलकाता फिल्म इंडस्ट्री में भारतीय जनता पार्टी के उपस्थिति गहिर होत जाता.\\nशुरुआत रूपा गांगुली से भइल जौन महाभारत में द्रौपदी के रोल कइले रहली. बंगीय चलचित्र परिषद (बीसीपी) आ इस्टर्न इंडिया मोशन पिक्चर्स एंड कल्चरल कन्फेडरेशन (ईआईएमपीसीसी) भाजपा के संगठन हउवन स. बीसीपी त अभिनेता आ भाजपा नेता विश्वजीत चटर्जी आ फिल्म निर्देशक शंकुदेव पांडा के नेतृत्व में बनल आ ईआईएमपीसीसी मशहूर फैशन डिजाइनर आ भाजपा नेता अग्निमित्रा पाल के नेतृत्व में बनल. विश्वजीत चटर्जी, शंकुदेव पांडा आ अग्निमित्रा पाल कहेला लोग कि ई दूनो संगठन तृणमूल कांग्रेस के पेंचीदा राजनीति के जबाब में बनल बाड़े सन.\\nसन 2019 के जुलाई में अभिनेता ऋषि कौशिक, पारू मित्रा, रूपा भट्टाचार्य, अनिंद्य बनर्जी, सौरभ चक्रवर्ती, देवरंजन, रूपंजन मित्रा, कंचन मित्रा, विश्वजीत गांगुली आ नमिता मित्रा भाजपा में शामिल भइल रहे लोग. ओने तृणमूल कांग्रेस भी कम नइखे ऊहो एइजा खातिर विख्यात अभिनेता दीपंकर डे के खड़ा करे वाली बिया. दीपंकर सत्यजित राय के आधा दर्जन फिल्मन में काम क चुकल बाड़न. तृणमूल कांग्रेस में पहिलहीं से दूगो टालीवुड के सेलीब्रिटी मिमी चक्रवर्ती आ नुसरत जहां बाड़ी सन जौन पिछला लोकसभा चुनाव में जीत चुकल बाड़ी सन. एकरा अलावा तृणमूल कांग्रेस में बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री के दीपक अधिकारी उर्फ देव, शताब्दी रॉय और संध्या रॉय सांसद के रूप में मौजूद बा लोग जबकि ब्रात्य बसु ममता सरकार में मंत्री बाड़न. चिरंजीत, नैना बंदोपाध्याय आ देबश्री रॉय विधायक के रूप में जीत दर्ज कइले बा लोग. ई त भइल तृणमूल कांग्रेस के फिल्मी सेलीब्रिटी लोग.\\nअब आईं भाजपा के फिल्मी सेलीब्रिटी लोग पर. त भाजपा में बड़ सेलीब्रिटी -बाबुल सुप्रियो, रूपा गांगुली आ लॉकेट चटर्जी बड़ले बा लोग. कोलकाता के फिल्म इंडस्ट्री के टॉलीवुड कहल जाला. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के उपस्थिति में एइजा पिछला 18 फरवरी के कई गो अभिनेता\/अभिनेत्री में शामिल हो गउवे लोग. यश दासगुप्ता, सौमिली घोष विश्वास, पापिया अधिकारी, मीनाक्षी घोष, सुतपा मुखर्जी, त्रमिला भट्टाचार्य, मल्लिका बनर्जी, डायरेक्टर राज मुखर्जी, प्रोड्यूसर डायरेक्टर अतनु राय, संगीत निर्देशक शुभायु बेडोग्गो चिन्हल- जानल एक्टर ह लोग. फिलहाल विख्यात अभिनेता प्रसेनजीत मुखर्जी के भी भाजपा में शामिल होखे के चर्चा बा. हाले में श्यामा प्रसाद मुखर्जी फाउंडेशन के निदेशक अनिर्वाण गांगुली अभिनेता प्रसेनजीत से भेंट कइले बाड़े आ उनुका के अमित शाह पर लिखल एगो किताब देले बाड़े. तबसे सोशल मीडिया पर एह संदेश के बाढ़ आ गइल बा कि प्रसेनजीत भाजपा में शामिल होखे जातारे. हालांकि प्रसेनजीत आपन पत्ता अभी नइखन खोलत.\\nभाजपा में शामिल भइल लोग. बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री राजनीति से अच्छा- खासा प्रभावित बिया. बंगाल में लगभग हर बड़ फिल्मकार राजनीति आधारित फिल्म बनवले बा. आ हर बड़ राजनीतिक दल बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री में आपन पकड़ बनावे के कोशिश कइले बा. दस साल पहिले जब वाममोर्चा शासन में रहे त अधिकतर फिल्मकार आ अभिनेता लेफ्ट समर्थक रहले सन. जब ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस के शासन में टालीवुड ममता बनर्जी के नजदीक आ गइल. आज स्थिति ई बा कि टालीवुड ममता बनर्जी आ भाजपा के बीच बंटा गइल बा. त एही से एबारी के विधानसभा चुनाव बहुते दिलचस्प होखे जा रहल बा. अभी भी बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री में भाजपा के अभियान जारी बा. आज के स्थिति ई बा कि भाजपा अब तृणमूल के जबाब सेलीब्रिटी बनाम सेलीब्रिटी के रूप में देबे जा रहल बिया. एह चुनाव में भाजपा बांग्ला फिल्म इंडस्ट्री पर आपन पकड़ मजबूत करत जा रहल बिया. भाजपा अपना ओर अउरी कतना अभिनेता\/अभिनेत्रियन के खींचि ली, अभी कहल बड़ा मुश्किल बा. काहें से कि भाजपा के आखेट अभियान दिन पर दिन तेजे होखत जाता. अभी ओकर फोकस प्रसेनजीत नियर बड़ अभिनेता पर केंद्रित बा. हर हाल में ऊ प्रसेनजीत के अपना खेमा में लेआवल चाहतिया काहेंसे कि उनकर बंगाल में भारी संख्या में फैन बाड़े सन. प्रसेनजीत वोट खींचे में तगड़ा चुंबक बन सकेले.\\nअभी कुछुए दिन पहिले आरएसएस के प्रमुख नेता मोहन भागवत मुंबई में बंगाल के अभिनेता मिठुन चक्रवर्ती से भेंट कइले त राजनीतिक क्षेत्र में एकरा के रणनीतिक मुलाकात मानल गइल. जदि मिठुन चक्रवर्ती भाज���ा में आ जातारे त ऊहो बंगाल खातिर वोट खींचे वाला तगड़ा चुंबकीय अभिनेता बाड़े. त भाजपा बड़ा सधल कदम उठा रहल बिया. तृणमूल कांग्रेस के नजर भाजपा के एह रणनीति पर लगातार बा. ममता बनर्जी जानतारी कि भाजपा फिल्म इंडस्ट्री में गहिर घुस गइल बिया. मिठुन चक्रवर्ती तृणमूल ज्वाइन कइले आ थोड़हीं दिन बाद एगो चिट फंड कंपनी से धन लिहला के आरोप में केंद्रीय जांच एजंसी उनुका पर टूटि परली सन. परेशानी में परला का बाद मिठुन चक्रवर्ती तृणमूल कांग्रेस आ राजनीति दूनो छोड़ दिहले. अब मोहन भागवत से उनकर कतना सार्थक बातचीत भइल बा, ई आवे वाला समय बताई. जदि भाजपा मिठुन चक्रवर्ती के आखेट क लेतिया त ओकरा वोट के फायदा जरूर होई. बाकिर मिठुन चक्रवर्ती अभी आपन पत्ता नइखन खोलत. ऊ चुप्पी सधले बाड़े. संभव बा पिछला राजनीतिक अनुभव उनकरा के चुप रहे के सिखा देले बा. (लेखक विनय बिहारी सिंह वरिष्ठ स्तंभकार हैं.)","num_words":945,"character_repetition_ratio":0.075,"word_repetition_ratio":0.049,"special_characters_ratio":0.393,"stopwords_ratio":0.073,"flagged_words_ratio":0.0,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"भोजपुरी विशेष: बंगाल में भोजपुरिया ठसक – आखिर कउन लासा ह भोजपुरी में कि सबके सटा लेला | ayodhya - News in Hindi - First Eye News\\nHome उत्तर प्रदेश भोजपुरी विशेष: बंगाल में भोजपुरिया ठसक – आखिर कउन लासा ह भोजपुरी...\\nभोजपुरी विशेष: बंगाल में भोजपुरिया ठसक – आखिर कउन लासा ह भोजपुरी में कि सबके सटा लेला | ayodhya – News in Hindi\\nमजे क बात इ ह कि मुंगेरपाड़ा में रहे वाला अपने घर में त अंगिका ( मैथिली क उप बोली) बोले नन, लेकिन बाहर उनकर बोली भोजपुरी हउए… शुरू में बिहार से आकर बसे वालन मुंगेरिया भाई लोगन के भोजपुरी बोले में दिक्कत त जरूर होइल होई लेकिन उहवां जनम लेवे वालन उन क बाल बच्चन त घर में आपन बोली के साथे मोहल्ला से बाहर भोजपुरी बोले में कउनो दिक्कत न होइल होई… काहे से कि उन सब कर बोली में आपन बोली क कउ न परभाव नाही दिखाई पड़ेला. अब सवाल इ ह कि दूसर बोली बोले वालन के भोजपुरी ही काहे बोले पड़ेला. उ आपन बोली भी त बोल सकत रहलन. जाहिर ह कि उहवां भोजपुरी क परभाव ज्यादा होई. काहे से कि भोजपुरी बोले ज्यादा होई हं. लेकिन मजे क बात इ ह कि उ इलाका में भोजपुरी के अलावा दोसर बोली जैसे अंगिका और मगही बोले वाला तनको उन्नीस न होइहें बलुक दूनो मिला के भोजपुरी से दूना होइहें.\\nत भोजपुरी में कौन लासा बाफेर भोजपुरी में अइसन कउन लासा ह कि दोसर बोली बोले वालन के भी अपने से साट लेला. हो सकेला भोजपुरी बोले वाला उहवां के लोग दबंग होइहें. एकरे चलते अंगिका और मगही बोले वालन उनकर परभाव में तुरते आ जात होईहें. एमन थोड़ बहुत सच्चाई हो सकेला लेकिन पूरा नाहीं. काहे से कि अंगिका और मगही बोले वालन लोग भोजपुरी बोले वालन से दबंगई में तनको कम न होलन. रेलगाड़ी पर चढ़ के बंगाल से आपन गांव जाए वाले भोजपुरिया भाई लोगन के इ बात जरूर पता होई कि बिहार के अंगिका और मगही बोली वाले इलाका जमुई, किउल, बाढ़, बढ़इया, मोकामा, पटना से जब गाड़ी 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धृतराष्ट्र होखे के आरोप\\nरघुनंदन के बात माने खातिर भिरगु तइयार ना भइले। कहले, पुरान बात के दोहरवला से का फैदा ? बिधानसभा में जवन भइल ओकरा के सही कइसे कहल जा सकेला ? रघुनंदन कहले, देखs ! बिधानसभा के भीतर कवनो घटना के जांच करावे के अधिकार स्पीकर भिरी बा। बवाल कइसे शुरू भइल, के एकरा खातिर जिम्मेबार बा, के एकरा में दोषी बा, ई सब सवाल के जबाब स्पीकर के सिवा दोसर केहू ना दे सके। आज तेजस्वी पटना के एसपी के बरखास्त करे के मांग कर रहल बाड़े। लेकिन जब राबड़ी देवी के सरकार में आर आर परसाद डीजीपी रहन तs पटना हाईकोर्ट अतना कठोर बात कहले रहे कि सरकार के लजाए पड़ गइल रहे। राबड़ी देवी जब बिहार के मुख्यमंत्री रही तs 2000-03 के बीच आर आर प्रसाद डीजीपी रहन। पटना में अबैध भवन निरमान के मामला में डीजीपी कोर्ट में हाजिर भइल रहन। तब जज साहेब उनका से कहले रहन, “आप अवैध भवन निर्माण के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं करते ? क्या आपके अफसर धृतराष्ट्र की तरह इतने लाचार हो गये हैं कि वे द्रोपदी (बिहार) के वस्त्रहरण को नहीं रोक पा रहे हैं।” मतलब ई कि ओह घरी अदालत के नजर में बिहार सरकार अउर पुलिस के हालत धृतराष्ट्र जइसन रहे जे जान- बूझ के अनेति के बढ़ावा देत रहे।\\nजब कोर्ट कहले रहे, बिहार में बिधि बेवस्था फेल\\nरघुनंदन के बात जारी रहे। ऊ आगा कहले, देख ! जब सरकार के खिलाफ बिरोधी गतिबिधि तेज हो जाला तब ओकर धेयान सत्ता बचावे में अधिक अउर शासन में कम हो जाला। जुलाई 1994 में जब पटना हाईकोर्ट लालू सरकार के बिधि बेवस्था फेल होखे के बात कहले रहे तs ओघ घरी लालू जादव अउर नीतीश कुमार में घनघोर लड़ाई शुरू हो गइल रहे। अदालत के ई टिपनी के तीन चार महीना पहिले से नीतीश-लालू में अनबन शुरू हो गइल रहे। जुलाई में जनता दल के विभाजन हो गइल रहे। जार्ज फरनानडिस के अगुआइ में जनता दल जार्ज बन गइल रहे। ओह घरी चर्चा चले लागल कि लालू जादव खेमा के 35 बिधायक नीतीश कुमार देने आवे के तइयारी में बाड़े। लालू सरकार पs खतरा मंडराये लागल। एह दांव-पेंच में लालू जादव के टोटल ताकत सरकार बंचावे में लाग गइल। शासन बेवस्था लुंज-पुंज हो गइल। नीतीश कुमार आरोप लगा देले कि लालू जादव बेक्तिवादी हो गइल बाड़े। ऊ पाटी में आपना बेक्तिपूजा के बढ़ावा दे रहल बाड़े। हमरा कतनो समझवला के बादो लालू जादव ना मनले। तब मजबूरी में उनका से अलगा होखे के पड़ल।\\nजब बिधायक लोग पुलिस के पीट के कइले घाहिल\\nसहदेव बहुत देर से रघुनंदन अउर भिरगु के बात सुनत रहन। ऊ कुछ सोंच के कहले, राजनीति के रंग-ढंग भी अजबे बा। आज बिहार में बिधायक लोगन के पुलिस से पिटाये के बात मुद्दा बनल बा। लेकिन आठ साल पहिले महाराष्ट्र में बिधायक लोग ही बिधानसभा में पुलिस अफसर के पीट-कूट के बराबर कर देले रहन। 2013 के बात हs। ओह घरी महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी के सरकार रहे। विधानसभा के सत्र चलत रहे। एक दिन निरदलीय बिधायक क्षितिज ठाकुर हाईस्पीड में कार चला के आवत रहन। ट्रैफिक पुलिस अफसर सचिन सूर्यवंशी ड्यूटी पs रहन। ऊ बिधायक जी के कार रोक के चलान काट देले। बिधायक जी पुलिस अफसर के स्पीकर से शिकायत कइले। सचिन सूर्यवंशी के बिधानसभा में पेशी भइल। जब सचिन सूर्यवंशी बिधानसभा पहुंचले तs अचके में उनके सामने बिधायत क्षीतिज ठाकुर पड़ गइले। उनका साथे चार बिधायक अउरी रहन। एकरा बाद आरोप लागल कि पांचों बिधायक मिल के सचिन सूर्यवंशी के खूब पिटाई कइले। बिधानसभा के बरामदा में फैटा-फैटी, मारा मारी देख के सभे अचरज में पड़ गइल। पुलिस अफसर सचिन घाहिल को के नीचे गिर गइले। बिधानसभा के स्पीकर मामला के जांच करवले। मारपीट करे वला पांचों बिधायक के एक साल खातिर सदन से निलंबित कर देल गइल। सचिन सूर्यवंशी के भ�� सस्पेंड कर दिहल गइल। मतलब कार्रवाई के लपेटा मैं दूनो पक्ष आइल रहे। अब देखे के बा कि बिहार के घटना के का नतीजा निकले ला। अतने बात पs तीनों संघतिया के बतकही खतम हो गइल।","num_words":929,"character_repetition_ratio":0.053,"word_repetition_ratio":0.111,"special_characters_ratio":0.396,"stopwords_ratio":0.052,"flagged_words_ratio":0.001,"lang_id_score":0.999,"perplexity_score":500.0,"cluster_detection":-1} +{"url":"","collection":"madlad400","source":"CC 20220801","original_code":"bho","text":"व्यापार | Anjoria's Weblog\\nTag Archives: व्यापार\\nPosted on दिसम्बर 31, 2011 by Anjoria\\n(शुक, 30 दिसंबर)\\nराज्यसभा में लोकपाल विधेयक पर वोट ना करवलसि सरकार काहे कि ओकरा लगे बहुमत ना रहुवे. ओकर सहयोगी तृणमूल संशोधन पर मतदान करवावे खातिर डाँड़ कस लिहले रहुवे जबकि बहरी से सहायता देबे वाला बसपा, सपा, राजद वगैरह विधेयक के ओह प्रावधान का खिलाफ रहले जवना में राज्य में लोकायुक्त के नियुक्ति जरूरी बना दिहल गइल बा. दोसरे आरक्षण का मुद्दा पर दू गो सरकारी सांसदन के विचार अलग अलग रहल जवना से कि मतिभ्रम पसरल. भाजपा सरकार के आलोचना करत कहलसि कि वोट से भागे वाली सरकार के कवनो नैतिक अधिकार नइखे कि ऊ एको मिनट सत्ता में रहे आ ओकरा इस्तीफा दे देबे के चाहीं. राज्यसभा में बहस के सबसे खास बात रहल कि सरकार के दू गो बड़का, बरियार आ बूढ़ सांसद, प्रणव मुखर्जी आ मनमोहन सिंह, एह बहस से अलग रहले आ सब कुछ नारायण सामी आ पवन कुमार बंसल पर छोड़ दिहल रहे. अब कांग्रेस आ भाजपा में एकर दोष एक दोसरा पर थोपे के होड़ लागल बा. जबकि हमेशा का तरह अबही ले सोनिया आ राहुल गाँधी के मुँह नइखे खुलल.\\nलोकपाल विधेयक अब कवनो सूरत में पाँच राज्यन में होखे वाला विधानसभा चुनाव से पहिले पारित ना हो सके आ टीम अन्ना एह बात के दोष सरकार पर डालत फेर दोहरवले बिया कि ऊ एह चुनाव में कांग्रेस का खिलाफ प्रचार करी. कांग्रेस के सगरी योजना ओकर सहयोगी दल फेल करा दिहले आ ऊ एह बाति के बड़ाई ना करा सके कि ऊ लोकपाल विधेयक पारित करा लिहलसि. लोकसभा में अपना बहुमत का बल पर हेंकड़ी देखावे वाला नेता राज्यसभा में आपन अल्पमत देखि के दुम दबा लिहले बाड़े.\\nदक्खिन भारत में आइल चक्रवाती समुद्री तूफान ठाने का चलते बहुते बरबादी भइल बा. कुड्डालोर व पुड्डुचेरी के तटीय इलाकन में जमीन धँसला के खबर बा.\\nदक्खिन कश्मीर के पुलवामा जिला में शुक का दिने बीएसएफ के एगो सीनियर जवान अपना जूनियर के गोली मार के हत्या कर दिहलसि.\\nजयललिता शुक का दिने कहली कि अगिला प्रधानमंत्री के बनी एकर फैसला उनुकर पार्टी करी. ऊ अपना क��र्यकर्ता लोग के संसदीय चुनाव के तइयारी में अबहिये से लाग जाये के कहली.\\nगोवा के पर्यटन मंत्री रहल आ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक फ्रांसिसको पचेको शुक का दिने अपना विधायकी का साथही पार्टीओ से इस्तीफा दे दिहलन. पचेको के कहना बा कि कांग्रेस-राकांपा गठबंधन गैरकानूनी खनन, भठियरपन आ ड्रग माफिया पर रोक लगावे में नाकाम रहल बा.\\nरक्षा मंत्रालय शुक का दिने सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह के जनम तिथि में बदलाव करे से इंकार कर दिहलसि. अब उनुका अगिला साल 31 मई के रिटायर हो जाये के पड़ी.\\nअस्पताल में भर्ती एएमआरआई के निदेशक के जमानत ना मिलल. एएमआरआई में लागल आग का चलते चौरानबे लोग के जान चल गइल रहे.\\nजम्मू कश्मीर के मुख्य मंत्री उमर अब्दुल्ला अपना ट्विट में कहले बाड़न कि ऊ उमेद करत बाड़े कि अन्ना हमेशा खातिर आपन अनशन टार दिहले होइहे.\\nकर्नाटक भाजपा में अन्दरुनी कलह बढ़ल जात बा आ लागत बा कि हालात सम्हारे खातिर पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के दखल देबे के पड़ी.\\nकेरल के लोकायुक्त पहिले के वाममोर्चा सरकार के झटका देत बियफे का दिने केरल विश्वविद्यालय में साल 2008 में सहायक श्रेणी के पद पर भइल सगरी नियुक्ति रद्द कर देबे के कह दिहलसि.\\nऑल इंडिया अन्ना दविड़ मुनेत्र कड़गम के महापरिषद आ कार्यकारिणी समिति के बइठक चेन्नई में शुक का दिने होखी.\\nभारत पाकिस्तान से आपन परमाणु सिद्धांत घोषित करे के कहलसि काहे कि पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार का बारे में पूरा दुनिया चिंतित बिया.\\nपंजाब के मोहाली, लुधियाना, पटियाला, खन्ना, जागरां, बरनाला, राजपुरा आ होशियारपुर से एह हफ्ता पांच करोड़ रुपिया के नकदी कइल गइल. जनवरी में एहिजा विधानसभा चुनाव होखे वाला बा.\\nभारत के मदन लाल पाकिस्तान के इस्लामाबाद में आयोजित दुसरा शहीद बेनजीर भुट्टो अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीत लिहले.\\nराज्यसभा में बियफे का दिने लोकपाल विधेयक पर चरचा का दौरान भाजपा सांसर रामजेठमलानी बतवलन कि साल 1991 में स्विस बैंक में करिया धन राखे वाला चौदह लोग का सूची में तब के प्रधानोमंत्री के नाम रहल. उनुका उ कहला पर देर ले हंगामा भइल.\\nबियफे का दिने लोकसभा आ राज्यसभा अनिश्चित काल ले स्थगित करत शीतकालीन सत्र के समापन कर दिहल गइल.\\nजम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला संसद में लोकपाल विधेयक पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तेवर के बड़ाई कइले बाड़े.\\nआईएसआई प्रमुख जनरल शूजा पशा चुपेचोरी कतर के दौरा कइले जहाँ अमेरिका के सेंट्रल कमांड के इलाकाई मुख्यालयो बा.\\nरूस के उत्तरी शहर मुरानमनस्क के एगो शिपयार्ड में बियफे का दिने एगो परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बी में आग लाग गइल.\\nपाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहल दोस्त मोहम्मद खोसा पर अपना बीबी आ अभिनेत्री सपना के अपहरण के आरोप में मामला दर्ज कइल गइल बा.\\nतुर्की में एगो इमाम कहले कि सांता क्लॉज बेईमान हउवें काहे कि ऊ दरवाजा का बदले चिमनी से भीतर आवेलें. सांता से सावधान रहला के जरूरत बा.\\nसरकार बजट सत्र के दिन तय करे खातिर निर्वाचन आयोग से सलाह करी.\\nसबेरे तेजी का साथ खुलल शेयर बाजार शुक का दिने सेंसेक्स में 89 अंक के गिरावट लिहले बंद भइल.\\nसीएनजी के दाम2रुपिया हर किलो पर बढ़ गइल जवन शुक का अधरतिया से लागू हो जाई.\\nशुक का दिने सेंसेक्स 320 अंक के बढ़त का साथे खुलल बा.\\nमलेशिया के तेल कम्पनी पेट्रोनास के सहायक कम्पनी पेट्रोनास पावर जीएमआर एनर्जी (सिंगापुर) में 30 फीसदी हिस्सेदारी लेबे खातिर 3.84 करोड़ डॉलर (पांच करोड़ सिंगापुर डॉलर) के भुगतान कर दिहलसि.\\nबैंक ऑफ इंडिया अगिला साल से प्रवासी भारतीयन के खाता पर नौ फीसदी ब्याज दी.\\nएसोचैम माँग कइलसि कि विमान ईंधन पर से बिक्री कर घटावल जाव आ घरेलू विमानन कम्पनियन में विदेशी विमानन कम्पनियों के निवेश करे के अनुमति दिहल जाव.\\nस्वीडन के कंपनी वोल्वो देश में 400 करोड़ रुपिया के निवेश करी.\\nदेश के रियल्टी उद्योग खातिर साल 2011 निराश करे वाला रहल. डेवलपर, खरीददार आ निवेशक सभे परेशानी झेलल.\\nखाद्य महंगाई सतरह दिसंबर के खतम हफ्ता में पिछला6साल के सबले निचला स्तर पर रहल.\\nबियफे का दिने शेयर बाजार में गिरावट रहल आ सेंसेक्स 184 अंक नीचे बंद भइल.\\nताप विद्युत उत्पादक कम्पनी एनटीपीसी बियफे का दिने देश में दू गो बिजली परियोजना में 183.4659 अरब रुपिया के निवेश के योजना मंजूर कइलसि.\\nअगिला महीना मकाऊ में होखे जा रहल “जी सिने अवार्ड” में सलमान खान आ शाहरूख खान सर्वश्रेष्ठ पुरूष अभिनेता के ट्रॉफी का दौड़ में सबले आगा चलत बा.\\nबिग बॉस5में यामामोतोयामा ए. के. ए यामा अतिथि भूमिका में नजर अइहें.\\nएमपी-3 प्लेयर अउर आईपॉड पर तेज संगीत सुनल रउआ के बहिर बना सकेला. सावधान.\\nसमाजसेवी अन्ना हज���रे के खराब तबियत का चलते डॉक्टर उनुका के एक हफ्ता आराम करे के कहले बाड़े.\\nजम्मू कश्मीर के युवा फिल्मकार अली इमरान कुरैशी घाटी में फिलिमन के मजूबती से समर्थन कइले. कहले कि एहसे कला आ संस्कृति के बढ़न्ती होई.\\nमरहूम नवाब मंसूर अली खां पटौदी के पत्नी आ बीतल दौर के मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर कहले बाड़ी कि उनुका बेटा आ फिल्म सितारा सैफ अली खां का माथ पर जल्दिये सेहरा बन्हाई.\\nनसीरुद्दीन शाह के कहना बा कि विद्या बालन से बाकी अभिनेत्री जरतवाही राखेली.\\nदू जनवरी से सिडनी मैदान में होखे वाला टेस्ट मैच ओह मैदान के सौंवा टेस्ट होखी. लोग सोचत बा कि का अइसन सुखद संजोग बनी कि सचिनो आपन सउवाँ शतक एही टेस्ट में लगा पइहें ?\\nढाका प्रीमियर लीग में खेले के फैसला कइले पाकिस्तानी खिलाड़ी शोएब मलिक.\\nश्रीलंका से दूसरका टेस्ट मैच हरला से निराश दक्खिन अफ्रीक क्रिकेट कप्तान ग्रीम स्मिथ मानत बाड़े कि श्रीलंकाई टीम उनुका टीम के हर इलाका में पछाड़ दिहलसि.\\nबिग बैश लीग में पर्थ स्कॉचर्स ब्रिस्बेन हीट टीम के 10 रन से हरवलसि.\\nसिडनी में4गो तेज गेंदबाज उतारी आस्ट्रेलिया\\nओलम्पिक का दौरान लंदन के ‘किलेबंदी’ ना कइल जाई. कहले आयोजन समिति के प्रमुख सबास्टियन कोए.\\nमेलबर्न टेस्ट में घटिया बल्लेबाजी का चलते भारत 122 रन से हार गइल.\\nखेल, देश-दुनिया, मनोरंजन, व्यापार, Uncategorized में प्रकाशित किया गया | Tagged खबर, खेल, दुनिया, देश, मनोरंजन, व्यापार\\t| Leaveareply\\nPosted on दिसम्बर 29, 2011 by Anjoria\\n(बुध, 28 दिसंबर)\\nसीबीआई आपन फाइनल रिपोर्ट में कहले बा कि स्वामी निगमानंद के जहर दे के मारे के कवनो सबूत नइखे मिलल आ ऊ अपना अनशन का चलते मरले.\\nप्रधानमंत्री अन्ना के नाम लिहले बिना कहले बाड़न कि लोकपाल पर संसद के फैसला के सम्मान करे सभही.\\nअन्ना हजारे खराब तबियत का चलते आपन अनशन तूड़ दिहले बाकिर कहलन कि भठियरपन का खिलाफ उनुकर लड़ाई जारी रही आ पाँच गो राज्यन में होखे वाला विधानसभा चुनाव में ऊ कांग्रेस का खिलाफ प्रचार करीहें. पहिला जनवरी से होखे वाला जेल भरो अभियानो टार दिहल गइल बा. अबकी अन्ना के अनशन ले के मुंबई भा रामलीला मैदान में कवनो जन उत्साह ना लउकल.\\nपंजाब में कई जगहा से लावारिस मिलल 3.5 करोड़ रुपिया नगदी जब्त कइल गइल. बतावल जात बा कि 30 जनवरी के होखे वाला विधानसभा चुनाव में बाँटे खातिर एह रुपियन के इस्तेमाल होखे वाला रहुवे.\\nभारतीय जनता प��र्टी के अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही बुध का दिने कहलन कि मायावती अपना मंत्रियन का साथे मिल के राज्य के योजना बना के लूटले बाड़ी.\\nलोकपाल के संवैधानिक दर्जा देबे वाला विधेयक संसद में पारित ना भइला खातिर कांग्रेस भाजपा पर दोष लगावत बिया जबकि भाजपा के कहना बा कि विधेयक कांग्रेस का अपना लापरवाही का चलते ना पारित हो पावल. ई विधेयक राहुल गाँधी के प्रतिष्ठा के प्रश्न बन गइल रहे आ जब पारित ना हो पावल तवना घरी राहुल के चेहरा देखे लायक रहे. लागल कि उनुका ठकुआ मार दिहले बा. कांग्रेस के तेरह गो सांसद ओह समय गैरहाजिर रहले.\\nअहमदाबाद में साल 2008 के सिलसिलेवार बम विस्फोटन के आरोपी अभियुक्त के अम्बेदकर नगर जिला में यूपी एटीएस गिरफ्तार कर लिहलसि.\\nलोकपाल के मुद्दा पर भाजपा के रुख के समर्थन कइलसि माकपा. कहलसि कि विधेयक ना पारित होखे खातिर विपक्ष जिम्मेवार नइखे.\\nराज्यसभा की कार्यवाही मंगल का दिने टार देबे के पड़ल काहे कि विपक्ष लोकपाल विधेयक पर चरचा चाहत रहे आ सरकार चाहत रहे ह्विसलब्लोअर विधेयक पर चरचा.\\nभारत का साथे असैन्य परमाणु वार्ता में भइल प्रगति के स्वागत कइले जापान के प्रधानमंत्री योशिहिको नोडा.\\nराज्यसभा में बियफे का दिने पेश होई लोकपाल विधेयक. राज्यसभा में सरकार अल्पमत में बिया.\\nअरविंद केजरीवाल संसद से पारित लोकपाल विधेयक के जनतंत्र खातिर खतरा बतवले बाड़े.\\nलोकसभा में ह्विसलब्लोअर विधेयक पारित हो गइल.\\nजम्मू काश्मीर के मुख्यमंत्री बदले के बात से फारूक अब्दुल्ला नाराज हो गइल बाड़े.\\nनवम्बर में जापान के औद्योगिक उत्पादन कम हो गइल.\\nपाकिस्तान के एगो अखबार के कहना बा कि पाकिस्तानी सेना ई तय मत करे कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का ह. सेने का चलते साल 1971 में बांग्लादेश बन गइल आ फेर 1999 में कारगिल के लड़ाई भइल.\\nरूस का अदालत में दायर गीता का खिलाफ याचिका खारिज हो गइल.\\nअफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादी बुध का दिने एगो अमेरिकी टैंक के नष्ट करके ओहमें सवार चार गो सैनिकन के मार डाले के दावा कइले बाड़े.\\nचीन के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय उम्मीद जतवले बा कि साल 2015 ले चीन में पांच गुना तेज गति से चले वाला इंटरनेट होखी.\\nअर्जेटीना के राष्ट्रपति के थायराइड के कैंसर बा आ चार जनवरी के उनुकर आपरेशन कइल जाई.\\nमहिंद्रा अपना एक्सयूवी500 मॉडल के दाम पहिला जनवरी से बढ़ावे के एलान कर दिहलसि.\\nडीएलएफ पुणे वाला आपन एसईजेड 810 करोड़ रुपिया में बेच दिहलसि.\\nमध्य प्रदेश सरकार इंदौर में विशेष आर्थिक क्षेत्र बनावे खातिर सॉफ्टवेयर कम्पनी इंफोसिस आ टीसीएस के रियायती दर पर सुपर कॉरीडोर में 100-100 एकड़ जमीन देबे के फैसला लिहले बिया.\\nहीरो ईको समूह 500 करोड़ रुपिया के निवेश करी. आ एकरा जरिये आपन आमदनी डेढ़ हजार करोड़ रुपिया बढ़ाई.\\nभारत-जापान के द्विपक्षीय व्यापार 2014 ले 25 अरब डॉलर के हो जाई.\\nदुपहिया वाहन निर्माता कम्पनी टीवीएस 2013 में बिना गियर वाला स्कूटर आ मोटरसाइकिल बाजार में उतारी जवना में एके जइसन इंजन लगावल जाई.\\nपुंज लॉयड के 1050 करोड़ रुपिया के ठेका मिलल बा जवना में राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के काम करे के बा.\\nब्लैकबेरी निर्माता कनाडाई कम्पनी रिसर्च इन मोशन अपना प्लेबुक ब्रांड के टैबलेट के दाम आधा कर दिहलसि.\\nबुध का दिने शेयर बाजार में गिरावट आइल आ सेंसेक्स 146 अंक नीचे बंद भइल.\\nमेट्रो मैन श्रीधरण शनिचर का दिने रिटायर हो जइहें. दिल्ली में मेट्रो रेल के सपना साकार करे में उनुकर अहम भूमिका रहल.\\nबिपाशा के बहु-कलाकार फिलिमन में काम करे में कवनो आपत्ति नइखे. कहली कि अइसन फिलिमन में काम करत घरी आपन घमंड किनारे रख देबे के पड़ेला.\\nबॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा कहले बाड़ी कि ऋतिक रोशन अभिनीत करन जौहर के फिल्म ‘अग्निपथ’ में काली के उनुकर चरित्र फिल्म के आत्मा हवे.\\nविद्या बालन के चर्चित फिल्म ‘डर्टी पिक्चर’ से जुड़ल सीन आ गाना एह साल मोबाइल पर सबले अधिका देखल गइल. मॉडलन में सबले लोकप्रिय साबित भइली पूनम पांडे.\\nबॉलीवुड के दिग्गज निर्माता-निर्देशक करन जौहर आ टेलीविजन के सबले मशहूर निर्माता-निर्देशक एकता कपूर अब साथे मिलके फिल्म बनावे के फैसला कइल लोग.\\nभोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार रवि किशन के कहना बा कि दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अपना आप में एगो संस्थान हउवें. रवि किशन आ नसीरुद्दीन ह्रदय शेट्टी के फिल्म ‘चालीस चौरासी’ में साथ-साथ काम कइले बाड़े.\\nदेश के माथ बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल कहले बाड़ी कि उनुकर आत्मविश्वास लवटि आइल बा.\\nबिग बैश लीग में होबार्ट हरिकेंस टीम 14 रन से एडिलेड स्ट्राइकर्स के हरा दिहलसि.\\nविश्व महिला शतरंज में भारतीय टीम चउथा जगहा रहल.\\nदबाव का चलते तेंदुलकर आपन शतक नइखन बना पावत.\\nमेलबर्न टेस्ट में भारत के पहिला पारी बुध का दिने 282 रन पर सिमट गइल.\\nPosted on दिसम्बर 28, 2011 by Anjoria\\n(मंगल, 27 दिसंबर)\\nलोकसभा में कुछ संशोधन का साथे लोकपाल आ लोकायुक्त विधेयक आजु ध्वनिमत से पारित हो गइल. मतदान से पहिले सपा, बसपा आ वामदल वहिष्कार कर के सरकार के काम आसान कर दिहलें. दिन भर चलल गरमागरम बहस में भाजपा नेत्री सुषमा स्वराज विधेयक के बखिया उधेड़ दिहली. बाद में जबाब देबे उतरल कपिल सिब्बल गलथेथरई बेसी कइलन तर्क के जबाब तर्क से कम दिहलन. बाकिर अपना बहुमत का सहारे आखिरकार सरकार विधेयक के पारित करा लेबे में सफल रहल. एकरा बाद विधेयक राज्यसभा में पेश होई जहाँ सरकार के बहुमत नइखे. ओहिजा से पास भइला का बाद विधेयक राष्ट्रपति का लगे जाई आ उनुका दस्तखत का बाद कानून बन जाई.\\nओने बरियार लोकपाल के माँग करत अन्ना हजारे अपना खराब तबियत का बावजूद मुंबई में तीन दिन के अनशन शुरू कर दिहलें. मैदान में अन्ना समर्थकन के संख्या अनुमान से कम रहल. दिल्ली के रामलीला मैदान में त जनता के मौजूदगी अउरी कम रहुवे. अन्ना के खराब तबियत का चलते श्री श्री रविशंकर उनुका से आपन अनशन तूड़ देबे के निहोरा कइलन बाकिर अन्ना अपना अनशन का जिद्द पर अडिग बाड़े. अन्ना सोनिया गाँधी से पूछले बाड़े कि ऊ बतावसु कि सरकार के लोकपाल कवना तरह से बरियार मानल जा सकेला.\\nसंसद में लोकपाल विधेयक पर बहस का दौरान भाजपा के शिकायत एह पर बेसी रहुवे कि संविधान में कवनो प्रावधान ना रहला का बावजूद सरकार धर्म का आधार पर आरक्षण देके एगो नया तरह के शुरूआत करत बिया. ओने उत्तर प्रदेश में भाजपा के कमान सम्हरले उमाभारती के कहना बा कि मायावती आ मुलायम पिछड़ा वर्ग के हितैषी नइखन एहीसे ई लोग पिछड़ा वर्ग का कोटा में भइल कटौती के समर्थन करत बा.\\nमध्य प्रदेश में साल तेरह में होखे वाला विधानसभा चुनाव खातिर भारतीय जनता पार्टी आपन कदमताल शुरू कर दिहले बिया आ पार्टी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के योजना का बारे में जनता ले जानकारी चहुँपावे के अभियान चलाई आ केंद्र सरकार के ‘पक्षपातपूर्ण नीतियन’ के ब्योरो दी.\\nगीता पर प्रतिबंध खातिर रूस के एगो अदालतर में चलत मुकदमा में भारत के कुछ कानूनवेत्ता मोर्चा सम्हार लिहले बाड़े.\\nजन गण मन .. के आजु 100 साल पूरा हो गइल.\\nघाम निकलला का बावजूद उत्तर भारत में शीतलहर अबहियो जारी बा.\\nआंध्र प्रदेश आ तमिलनाडु के समुद्री किनार पर शनिचर ले बँड़ेरा व��ला तूफान के अनेसा बनल बा आ एकर चतावनी जारी कर दिहल गइल बा.\\nराष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव मंगल का दिने लोकसभा में लोकपाल विधेयक पर बहस का दौरान कहले कि लोकपाल खातिर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सबले बढ़िया उम्मीदवार साबित होखीहें.\\nविश्व हिंदू परिषद (विहिप), बजरंग दल, सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा आ दिल्ली संत महामण्डल मंगल का दिने धर्म आधारित आरक्षण आ रूस में भगवद् गीता पर प्रतिबंध लगावे का कोशिशन का विरोध में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कइलन.\\nअकाली दल अपना उम्मीदवारन के दुसरकी सूची जारी कर दिहलसि.\\nप्रवासी भारतीयन के सावधि जमा पर एसबीआई आ पीएनबी अब बेसी सूद दीहें.\\nअनशन करे जात अन्ना हजारे के मुंबई में करिया झंडा देखावल गइल.\\nपाकिस्तान के कब्जा वाला कश्मीर में चीन के मौजूदगी बढ़ला पर सेना के चिंता बढ़ल जात बा.\\nपाकिस्तान के प्रधानमंत्री अब कहत बाड़े कि सेना आ आईएसआई के प्रमुखन के हटावल ना जाई.\\nदेश में नागरिक उड्डयन के सौ साल पूरा होखला का मौका पर भारतीय रिजर्व बैंक जल्दिये पांच रुपिया मूल्य के विशेष सिक्का जारी करी.\\nअनिल अम्बानी के रिलायंस समूह के कम्पनियन के शेयर में मंगल का दिने करीब पाँच फीसदी के इजाफा दर्ज भइल.\\nबॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के कहना बा कि ऊ अपना के अतना योग्य ना मानसु कि देश के हर मसला पर आपन राय देत रहसु.\\nसंजय दत्त बिग-बॉस का चलते अपना छुट्टियन में कटौती कर दिहलें. अब ऊ न्यूयार्क ना जा के बाली द्वीप पर जइहें.\\nसाधारण शुल्क पर राजधानी दिल्ली में भारतीय खेल प्राधिकरण के स्टेडियमन के अब नाममात्र का शुल्क पर सरकारी विद्यालयन, महाविद्यालयन, विश्वविद्यालयन, राज्यसंघन, खेल संघन, पंजीकृत संस्थानन आ क्लबन खातिर दिहल जाये के एलान भइल बा.\\nमौजूदा चैम्पियन मैनचेस्टर युनाइटेड सोमार का दिने खेलल इंग्लिश प्रीमियर लीग मुकाबले में विगान एथलेटिक पर 5-0 के भारी अंतर से जीत हासिल कइलसि जबकि तालिका में माथ पर चलत मैनचेस्टर सिटी आ चेल्सी के ड्रॉ से संतोष करे के पड़ल.\\nसिडनी सिक्सर्स टीम मंगल का दिने बिग बैश ट्वेंटी-20 लीग मुकाबले में मेलबर्न स्टार्स टीम को दू रन से हरा दिहलसि.\\nबांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के प्रमुख मुस्तफा कमाल के कहना बा कि अम्पायरिंग के दौरान गलत फैसला के शिकार सबले बेसी कमजोर टीम होली सँ.\\nविश्व महिला शतरंज में भारतीय ट���म के हरा के चैंम्पियन बन गइल चीन.\\nवीरेन्द्र सहवाग के टेस्ट क्रिकेट में 8 हजार रन मंगल का दिने पूरा हो गइल आ ऊ अब देश के पाँचवा आ दुनिया के 23वां बल्लेबाज बन गइले.\\nPosted on दिसम्बर 26, 2011 by Anjoria\\n(सोमार, 26 दिसंबर)\\nलोकपाल पर काल्हु मंगल का दिने संसद में बहस करावल जाई जवना में भाजपा आ माकपा संशोधन प्रस्ताव ले आवे के कहले बाड़े. जबकि संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल कहले बाड़न कि विपक्ष अपना संशोधन पर जोर मत देव आ लोकपाल विधेयक के पास हो जाये देव. लोकपाल का बहाने पहिला बेर कांग्रेस कवनो संवैधानिक संस्था में धर्म का आधार पर आरक्षण के प्रस्ताव रखले बिया आ अगर ई तीर चल गइल त धीरे धीरे सर्वोच्च न्यायालय से लिहले चुनाव आयोग ले हर जगहा मजहब का आधार पर आरक्षण के व्यवस्था कर सकेले. नौकरी आ पढ़ाई में त आरक्षण करिये दिहले बिया.\\nछोट राज्य के समर्थक होखला का बावजूद भाजपा के मध्य प्रदेश ईकाई अलगा बुंदेलखण्ड राज्य के पक्ष में नइखे. बुंदेलखंड बनला पर मध्योप्रदेश के फेर बँटवारा के आवाज उठे लागी.\\nप्रधानमंत्री आपन दू दिन के तमिलनाडु यात्रा पूरा कइलन.\\nअन्ना पर संघ के एजेंट होखे के आरोप लगावे वाला दिग्विजय सिंह का बारे में भाजपा कहले बिया कि दिग्विजय के संघ फोबिया के बीमारी हवे.\\nमुम्बई में केंद्रीय जांच ब्यूरो के विशेष अदालत बैंक का साथ 1.7 करोड़ रुपिया के धोखाधड़ी करे का आरोप में सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के अधिकारी रहल चार जने के पांच से छह साल के सजा सुनवलसि.\\nदिल्ली में एगो सरकारी स्कूल के अध्यापक के आपन छात्रा रहल एगो 22 साल के लड़िकी से बलात्कार करे आ बाद में ओकर अश्लील एमएमस बनाके ब्लैकमेल करे का आरोप में गिरफ्तार कइल गइल बा.\\nकांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी के इशारा मिलला का बाद कांग्रेस के हर छोटका बड़का नेता अन्ना हजारे पर आपन भँड़ास निकाले में लागल बा. सोमार का दिने सुबोधकांत सहाय, व्यालार रवि,\\nअन्ना हजारे जबले अनशन पर रहीहें तबले उनुकर एगो समर्थक देवघर में बिना रुकले तबला बजावत रही.\\nटीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल सोमार का दिने कहलन कि भठियरपन का खिलाफ अन्ना के अभियान साम्प्रदायिकतो के खिलाफ बा.\\nअगिला साल के राष्ट्रीय गणित साल का तरह मनावे आ महान गणितज्ञ रामानुजन के जनम दिन 22 दिसम्बर के गणित दिवस का तरह मनावे के घोषणा कइले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह.\\nदिग्विजय सिंह के बेटा जयवर्धन का खिलाग भाजपा नेता के बयान से खिसियाइल कांग्रेसी सोमार का दिने भोपाल में पुलिस से अझूरा गइलन जब पुलिस ओह लोग के पुतला जरावे से रोके के कोशिश कइलसि.\\n2जी मामला के आरोपी यूनिटेक के संजय चंद्रा अपना बेटा के इलाज खातिर सिंगापुर जाये देबे के अनुमति खातिर दायर याचिका वापिस ले लिहलन.\\nसरकार अन्ना हजारे से कहले बिया कि लोकपाल मुद्दा संसद के विवेक पर छोड़ दिहल जाव आ ऊ आपन अनशन रोक देसु.\\nप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के तमिलनाडु यात्रा का दौरान करिया झंडा देखावे वाला विधानसभा में विपक्ष के नेता आ डीएमडीके के ए. विजयकांत के सैकड़ों कार्यकर्ता समेत गिरफ्तार कर लिहल गइल.\\nराजस्थान में 36 गो हड़ताली चिकित्सक काम पर लवटि अइले.\\nहैदराबाद में उर्दू सम्पादकन के विश्व सम्मेलन 30 आ 31 दिसम्बर के होखेवाला बा जवना में भारत, पाकिस्तान आकई अउरियो देशन के उर्दू अखबारन के सम्पादक शामिल होखीहें.\\nत्रिपुरा में सोमार का दिने एगो पैसेंजर रेलगाड़ी का ईंजन में आग लाग गइल. बाकिर केहु के नुकसान नइखे भइल.\\nअन्ना हजारे मुंबई में अनशन करीहें आ उनुका टीम के शांति भूषण, प्रशांत भूषण समेत कुछ खास सदस्य दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन करीहें.\\nकर्नाटक के मुख्यमंत्री रहल एस बंगरप्पा के उनासी साल का उमिर में आजु सोमार का दिने बेंगलुरू के एगो निजी अस्पताल में हो गइल. उनुका किडनी के परेशानी रहुवे.\\nआजु सोमार का दिने पाकिस्तान आ भारत का बीचे पारम्परिक मुद्दा आ परमाणु विश्वास बहाली के उपायन पर बातचीत चार साल बाद फेर शुरू हो गइल.\\nकरुणानिधि प्रधानमंत्री से मुल्लापेरियार बाँध का मामिला में दखल देबे के निहोरा कइले.\\nमाकपा लोकपाल विधेयक में दू गो संशोधन पेश करी.\\nबाल वैज्ञानिकन खातिर 27 से 31 दिसम्बर ले जयपुर में चले वाला 19वां राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में कई तरह के गतिविधि आयोजित होखी जवन ‘हैंड्स ऑन माइंड्स ऑन’ सिद्धांत पर आधारित होखी.\\nएगो शोध में बतावल गइल बा कि अमेरिका के लड़िकियन में समलैंगिकता तेजी से बढ़त बा. एहमें दू गो लड़िकी अपने में संबंध बनावेली.\\nरूस के अस्त्राखन शहर में हथियारबंद लुटेरा अतवार का सबेरे एगो फैक्ट्री पर धावा बोलके 57 लाख डॉलर के प्लेटिनम लूट लिहले स.\\nओसामा बिन लादेन समेत अनेके माथ आतंकवादियन के मरइला का बाद कमजोर पड़ल अलकायदा पाकिस्तान से हट के उत्तरी अफ्री��ा के आपन ठिकाना बना लिहले बा. अइसन अनेसा एगो मीडिया रपट में बतावल गइल बा.\\nपाकिस्तान के अल्पसंख्यक मामिलात के मंत्री शाहबाज भट्टी के दू गो हत्यारन के तलाश अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शुरू कर दिहल गइल बा.\\nएगो जमींदार किहाँ बंधक बनल अठाईस गो किसानन के पाकिस्तान में छोड़ा लिहल गइल बा. एहमें एगारह गो बच्चा रहले सँ.\\nचीन अपना एगो तेज रफ्तार रेलगाड़ी के परीक्षण कइलसि जवन 500 किलोमीटर के दूरी हर घंटा तय कर सकेले.\\nपश्चिमी इराक में एगो पुलिस चौकी पर छह गो पुलिसवालन के गोली मार के हत्या कर दिहल गइल.\\nभारत-जापान का बीचे बुध का दिने परमाणु समझौता पर चर्चा होखे वाला बा आ दुनु देश मुद्रा विनिमय समझौता पर दस्तखत कर सकेले जवना से रुपिया के दाम गिरे पर रोक लागे के उमेद जतावल जात बा.\\nसैमसंग एलसीडी साझेदारी उपक्रम में सोनी के हिस्सेदारी करीब चौरानबे करोड़ डॉलर में खरीदे के फैसला कइले बिया.\\nदेश के प्रमुख उद्योगन के विकास नवम्बर महीना में 6.8 फीसदी के दर से भइल जवना अक्टूबर में सिर्फ 0.3 फीसदी रहुवे.\\nभारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अपना खास विकास परियोजना खातिर धन जुटावे बदे एगो कर मुक्त बांड जारी कर के बाजार से 10 हजार करोड़ रुपिया जुटावे के योजना में बा.\\nसोमार का दिने शेयर बाजार में तेजी रहल आ सेंसेक्स 232 अंक ऊपर चढ़ि के बंद भइल.\\nजीवीके पावर सोमार का दिने एह बाति से इन्कार कइलसि कि आपन हवाईअड्डा कारोबार के हिस्सेदारी बेचे खातिर ओकर सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट्स इंटरनेशनल से कवनो समझौटा भइल बा.\\n‘डॉन-2 : द किंग इज बैक’ के बॉक्सआफिस पर मिलल शानदार शुरुआत पर फिल्म में जंगली बिल्ली के भूमिका करे वाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का लगे एकर जश्न मनावे के समय नइखे.\\nबॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन मशहूर नाटककार सत्यदेव दुबे के याद करत कहलन कि ऊ ‘समर्पित’ अउर ‘जुनूनी’ कलाकार रहले.\\n‘चिकनी चमेली’ खातिर बड़ाई बटोरत कैटरीना के कहना बा कि ऊ गाना उनुका स्टाइल के नइखे.\\nभारतीय फुटबाल टीम के डिफेंडर महेश गवली सोमार का दिने अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल से संन्यास लेबे के घोषणा कर दिहले. ऊ करीब दस साल भारतीय टीम खातिर खेलले.\\nआस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाज स्टुअर्ट मैक्गिल इंडियन प्रीमियर लीग में खेले के मनसा जतवले बाड़न.\\nफेड कप एशिया-ओसेनिया ग्रुप मुकाबला में चार सदस्यीय भारतीय महिला टीम के स��निया मिर्जा करीहें.\\nटेस्ट क्रिकेट में जयवर्धने 10 हजार रन पूरा करे वाला आजु नउवाँ बल्लेबाज बन गइलन.\\nभारत के सर्वोच्च वरीयता वाला एकल टेनिस खिलाड़ी सोमदेव देवबर्मन अगिला साल 2012 में माथ के 50 खिलाड़ियन में जगह बनवला का साथे साथ लंदन ओलम्पिक खातिर क्वालीफाई करे के लक्ष्य बनवले बाड़े.\\nमेलबर्न टेस्ट में पहिला दिने आस्ट्रेलिया संतोषजनक स्थिति में रहल आ शुरूआत में मिलल मौका भारत गंवा दिहलसि. खेल खतम होखे का बेरा आस्ट्रेलिया छह विकेट का नुकसान पर 277 रन बना लिहले रहुवे.\\nPosted on दिसम्बर 25, 2011 by Anjoria\\n(शनिचर, 24 दिसंबर)\\nश्रीनगर के बड़हन आबादी वाला बुचावारा इलाका से शनिचर का दिने एगो तेंदुआ के बेहोश कर के पकड़ल गइल.\\nएगो तेदेपा नेता टीआरएस प्रमुख चन्द्र शेखर राव के चुनौती दिहलसि कि चलऽ दुनु आदमी तेलंगाना खातिर जान दे दिहल जाव. पुलिस ओह तेदेपा नेता के गिरफ्तार कर लिहलसि.\\nदिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा पर शनिचर का दिने सात गो उड़ान के तकनीकि कारण से रद्द कर दिहल गइल.\\nनिर्वाचन आयोग मतदान से जुड़ल शिकायतन खातिर 24 घंटे चाली रहे वाला एगो कॉल सेंटर के शुरुआत कइले बा जवना के नंबर हवे 1950. निर्वाचन आयोग के स्थापना साल 1950 में भइल रहे.\\nओडिशा उच्च न्यायालय 99वां भारतीय विज्ञान कांग्रेस के रद्द करे भअ ओकर जगहा बदले खातिर दायर याचिका खारिज कर दिहलसि.\\nचुनाव में उम्मीदवारन के खरचा पर लगाम कसे खातिर निर्वाचन आयोग अब उम्मीदवारन खातिर अलग बैंक खाता खोलल जरूरी बना दिहले बा आ सगरी खरचा ओही बैंक खाता से कइल जरूरी होई.\\nअलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एगो खास केंद्र के उद्घाटन शनिचर का दिने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल कइले.\\nराजस्थान में डॉक्टरन के हड़ताल चउथको दिने जारी रहल जवना से कम से कम 30 गो मरीज इलाज का अभाव में मर गइले.\\nराष्ट्रीय जांच एजेंसी साल 2008 के मुम्बई हमले में कथित भूमिका खातिर पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली आ आईएसआई के दू गो अधिकारियन समेत लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियन का खिलाफ शनिचर का दिने अदालत में आरोप पत्र पेश कइलसि.\\nफेसबुक, गूगल आ याहू जइसन बहुते वेबसाइटन के छह फरवरी से पहिले सगरी ‘आपत्तिजनक’ सामग्री हटा लेबे के आदेश दिल्ली के एगो अदालत जारी कइले बिया.\\nभाजपा के कहना बा कि संसद में पेश लोकपाल विधेयक में बहुते खामी बावे.\\nरूस के एगो उपग्रह प्रक्षेपण के असफल भइला का बाद रूस के अंतरिक्ष एजेंसी प्रमुख कहले कि रूस के अंतरिक्ष उद्योग संकट में बा आ एकरा के उबारे खातिर नया लोग के जरूरत बा.\\nदक्षिण अफ्रीका में एगो गुफा का भीतर 77,000 साल पुरान बिछवना मिलल बा जवना के दुनिया के सबले पुरान बिछवना बतावल जात बा.\\nपाकिस्तान आ चीन के राय कई मसला पर एक समान बतवले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी.\\nसोवियत संघ के नेता रहल मिखाइल गोर्बाच्योफ कहले बाड़न कि विवाद का चलते रूस के संसदीय चुनाव दुबारा करावल जाव.\\nबेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेन्को कहले बाड़न कि पहिले अमेरिका अपना किहाँ मृत्युदंड के सजा खतम करे ओकरा बाद उनुकरो देश सजा-ए-मौत खतम कर दी.\\nतिब्बती धर्म गुरु 17वां करमापा लामा उग्येन त्रिनले दोरजी शुक का दिने कहलन कि भारत के पूरा हक बा बौद्ध धर्म पर स्वामित्व राखेके.\\nभारतीय कम्पनी कारुतुरी इंटरनेशनल के सहयोगी कम्पनी कारुतुरी एग्रो प्रोडक्ट्स इथियोपिया में एगो चीनी मिल लगाई.\\nबीजिंग में कार के बिक्री पिछला साल का मुकाबले एह साल आधो से कम रहे के अनुमान लगावल जात बा.\\nमोबाइल सेवा उपभोक्ता के रोमिंग शुल्क से छुटकारा दिआवे आ देश के कवनो हिस्सा में पुरनका मोबाइल नम्बर राखत दोसरा कंपनी के सेबा लेबे के नीति के अगिला साल ले मंजूरी मिल सकेला.\\nब्रिटेन में जनमल बॉलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ जवना तेजी आ लगन से हिन्दी सिखली ओहसे बेसी तेजी से ऊ लटका-झटका के कला सीख लिहली. ई बाति उनुका ताजातरीन आइटम नम्बर ‘चिकनी चमेली’ से साबित होखत बा जवन शीला के जवानीओ के पीछे छोड़ दिहले बिया.\\n‘अग्निपथ’ के निर्देशक करन मल्होत्रा के कहना बा कि फिल्म में खलनायक कंचा चीना (संजय दत्त) के किरदार नायक विजय दीनानाथ चौहान (ऋतिक रोशन) के किरदार से जानबूझ के बड़ राखल गइल बा. फिल्म के निर्माता करन जौहर हउवन.\\nभारतीय क्रिकेट टीम आस्ट्रेलिया में सोमार से शुरू होखे वाला टेस्ट श्रृंखला के पहिला टेस्ट मैच से पहिले फिल्म ‘डॉन 2: द किंग इज बैक” के मजा उठाई.\\nरणजी ट्रॉफी मैच में गुजरात के हराके हरियाणा क्वार्टर फाइनल में चहुँपल.\\nरणजी ट्रॉफी के एगो मैच में बड़ौदा के हराके बंगाल के टीम क्वार्टर फाइनल में चहुँपल.\\nPosted on दिसम्बर 24, 2011 by Anjoria\\n(शुक, 23 दिसंबर)\\nकोलकाता के एएमआरआई अस्पताल जवना में लागल आग से तिरानबे लोग के मौ�� हो गइल रहे ओकरा निदेशकन के अदालत से जमानत ना मिलल आ सबके न्यायिक हिरासत में भेज दिहल गइल.\\nराजस्थान के भंवरी देवी मामिला में एगो कांग्रेसी विधायक के बहिन आ चार गो दोसरा लोग का खिलाफ अदालत से वारंट जारी हो गइल. एह मामिला में सहीराम बिश्नोई सबेरे आत्मसमर्पण कर दिहलसि.\\nडीएमके नेता आ तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री रहल एम.के. स्टालिन के तबियत खराब होखला का चलते शुक का दिने एगो निजी अस्पताल में भर्ती करावल गइल.\\nपश्चिम बंगाल में जहरीली शराब के घटना रोके खातिर अवैध शराब के कारोबारियन के दोसर बिजनेस शुरु करे खातिर राज्य सरकार मदद करी.\\nचरण सिंह के जयंती समाजवादी पार्टी शुक का दिने किसान दिवस का रूप में मनवलसि.\\nभारतीय जनता पार्टी शुक का दिने कहलसि कि अब बसपा के राज्य बँटवारा पर चिट्ठी लिखे के राजनीति बन्द कर देबे के चाहीं.\\nअन्ना हजारे के एमएमआरडीए में अनशन कर के अनुमति मिल गइल आ मुम्बई मेट्रोपालिटन रिजन डेवलपमेंट अथारिटी मैदान कम किराया पर दे दिहल गइल जहाँ अन्ना हजारे 27 दिसम्बर से आपन अनशन करीहें. टीम अन्ना के कुछ सदस्य ओहि दिन से दिल्ली में अनशन करीहें.\\nअल्पसंख्यकन के आरक्षण दिहला के विश्व हिन्दू परिषद संविधान के हत्या बतवले बिया जबकि भाजपा कहले बिया कि एहसे देश में गृहयुद्ध शुरु हो सकेला. केन्द्र सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के मिलल कोटा में से काट के अल्पसंख्यकन खातिर आरक्षण दिहले बिया.\\nछत्तीसगढ़ सरकार विधानसभा में कहलसि कि ओहिजा 1,846 चिकित्सकन के कमी बा.\\nझारखण्ड सरकार अलग झारखण्ड बनावे खातिर लड़े वालन के हर महीना पेंशन दी.\\nकांग्रेस के कहना बा कि अल्पसंख्यक आरक्षण चुनावी हथकंडा ना ह.\\nभारतीय रेलवे झारखण्ड, ओडिशा आ पश्चिम बंगाल के नक्सली इलाका से गुजरे वाली रेलगाड़ियन के बढ़िया सुरक्षा व्यवस्था के आश्वासन मिलला का बाद रात वाली सेवा बहाल करे के फैसला कइले बिया.\\nझारखण्ड में बयासी में से पैंतालिस विधायक अपना सम्पत्ति के घोषणा कर दिहले. एहमें मुख्यमंत्री अर्जुन मुँडा शामिल बाड़े.\\nभारत के यात्रा पर आवे वाला बाड़े जापानी प्रधानमंत्री योशिहिको नोडा.\\nपाकिस्तान सेना प्रमुख कयानी के कहना बा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र पर कवनो खतरा नइखे. एक दिन पहिले प्रधानमंत्री कहले रहले कि देश में चुनल सरकार के सत्ता से हटावे के साजिश हो रहल बा.\\nपाकिस्तान में पिछला महीना भइल नाटो के हवाई हमला खातिर अमेरिका के कहना बा कि ऊ माफी ना माँगी. घटना खातिर पाकिस्तानो ओतने जिम्मेदार बा.\\nभाजपा के नारा बा कि ऊ यूपी में अटल बिहारी बाजपेयी शासन जइसन सुशासन दी. बाजपेयी के जनमदिन पच्चीस दिसंबर से तीन दिन ले भाजपा राज्य भर में भव्य कार्यक्रम करावे जा रहल बिया.\\nदूरसंचार विभाग शुक का दिने एयरटेल, आइडिया सेल्युलर आ वोडाफोन के आपन 3जी रोमिंग समझौता शनिचर तकले खतम कर देबे के कहले बावे.\\nशुक का दिने शेयर बाजार में गिरावट आइल आ सेंसेक्स 75 अंक नीचे गिर के बंद भइल.\\nखुदरा क्षेत्र में एफडीआई के छोड़ले नइखे सरकार आ एहपर सहमति बनावे का कोशिश में लागल बिया. ई बतावत प्रणव मुखर्जी कहलन कि सरकार बीमा अउर पेंशनो में एफडीआई ले आवल चाही.\\nकिफायती विमानन कम्पनी इंडिगो शुक का दिने कहलसि कि ऊ पांच गो नया उड़ान शुरू कर दिहले बिया.\\nरेस्तरां अउर होटल निर्माण क्षेत्र के कम्पनी ‘अंडर वन रूफ होटल कंसल्टेंट्स’ शुक का दिने कहलसि कि भारतीय भोजन के बढ़त लोकप्रियता देखत ऊ मध्यपूर्व में तीन गो आ अमेरिका में दू गो रेस्तरां अउरी खोली.\\nविश्व बैंक पाकिस्तान के अगिला3साल में 5.5 अरब डॉलर करजा दीहि.\\nअमेरिका के आर्थिक विकास दर तिसरकी तिमाही में 1.8 फीसदी रहल जबकी 2.5 फीसदी विकास दर के अंदाज लगावल गइल रहुवे.\\nओडिशा के राजधानी भुवनेश्वर में 555 कलाकार शुक का दिने मंच पर एक साथ ओडिशी नृत्य पेश कर के विश्व रिकार्ड बनवले. एह कार्यक्रम में बीस देश के कलाकार शामिल भइले.\\nहास्य फिल्म ‘गली गली में चोर है’3फरवरी के रिलीज होखी. एहमें अक्षय खन्ना आ श्रेया सरन मुख्य पात्र बाड़े.\\nफरहान अख्तर के बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘डॉन 2: द किंग इज बैक’ में खास भूमिका करे वाला अभिनेता कुणाल कपूर के कहना बा कि फिल्म के उम्मीद से बढ़िया शुरूआत मिलल बा.\\nअनिल कपूर के साथे सह-अभिनेता बने पर गर्व बा रोनित रॉय के. दुनु जने जल्दिये निर्देशक संजय गुप्ता के फिल्म ‘शूटआउट एट वडाला’ में नजर अइहें.\\nअब ले आधा दर्जन फिलिमन में काम कर चुकल अभिनेत्री सोनम कपूर के एह घरी अभिषेक बच्चन सिखावे में लागल बाड़न कि बॉलीवुड में कइसे बनल रहल जा सकेला. दुनु जने जल्दिये फिल्म ‘प्लेयर्स’ में नजर आवे वाला बा.\\nअभिनेता से राजनेता बनल के. चिरंजीवी अतने से संतुष्ट हो गइले कि कांग्रेस उनुका के प्रदेश समिति में शामिल कर लिहलसि.\\nभारत खातिर नया सुपरह���रो बनइहें स्पाइडरमैन के जनक स्टैनली.\\nराष्ट्रीय डोपिंग निरोधी संस्था प्रतिबंधित दवाईयन के इस्तेमाल करे के दोषी मिलल दू गो स्वर्ण पदक जीते वाला समेत छह गो एथलीटन पर एक साल के प्रतिबंध लगा दिहलसि.\\nबिग बैश लीग में गेल के तूफानी शतक का सहारे सिडनी थंडर टीम एडिलेड स्ट्राइकर्स के6विकेट से हरा दिहलसि.\\nसचिन तेंदुलकर के एगो पटनहिया प्रशंसक उनुका खातिर पत्थर तराश के ‘शतकन के सिंहासन’ बनावे में लागल बा.\\nआस्ट्रेलिया के टेस्ट टीम कप्तान माइकल क्लार्क के कहना बा कि अगर भारत के गेंदबाज जहीर खान नइखन खेल पावत त भारत के टीम कमजोर हो जाई.\\nरणजी ट्रॉफी में रेलवे के हराके सौराष्ट्र क्वार्टर फाइनल में चहुँप गइल.\\nपाकिस्तानी क्रिकेट कोच मोहसिन खान के कहना बा कि उनुकर टीम दुनिया के कवनो टीम के हरा सकेले.\\nPosted on दिसम्बर 23, 2011 by Anjoria\\n(बियफे, 22 दिसंबर)\\nकेंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद बियफे का दिने उमेद जतवले कि लोकपाल विधेयक संसद में पारित हो जाई आ सगरी सांसदन से सहयोग करे के निहोरा कइलन.\\nकर्नाटक के मुख्यमंत्री डी॰वी॰ सदानन्द गौड़ा बियफे का दिने विधान परिषद उपचुनाव जीत लिहले.\\nगायब भंवरी देवी के पति अमरचंद के अदालत न्यायिक हिरासत में भेज दिहलसि.\\nममता बनर्जी आरोप लगवले बाड़ी कि माकपा के योजना पिये वाला पानी के भण्डार मे जहर मिलावे के बा. एहसे पहिले जहरीला शराब काण्डो में ऊ माकपा पर आरोप लगवले रही कि सब कुछ सरकार के बदनाम करे खातिर कइल गइल.\\nसरकारी नौकरी में अब धार्मिक अल्पसंख्यकन के 4.5 फीसदी आरक्षण दिहल जाई जवन अन्य पिछड़ा वर्ग के कोटा में से काट के दिहल जाई.\\nजयललिता अब शशिकला के दू गो रिश्तेदारो के पार्टी से निकाल दिहली. शशिकला के पहिलही निकाल चुकल बाड़ी.\\nअनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक पारित हो गइल जवना में पूर्वोत्तर भारत के जनजातियन के जोड़ल गइल बा.\\nसोनभद्र जिला में पुलिस माची इलाका से नक्सली जयकरन आ ओकरा पत्नी पुष्पा के एगो पिस्टल आ जिंदा कारतूसन का साथ गिरफ्तार कर लिहलसि.\\nप्रधानमंत्री के चेन्नई दौरा पर डीएमडीके करिया झंडा देखाई काहे कि केन्द्र सरकार तमिलनाडु का साथे सौतेला बरताव करत बिया.\\nकोलकाता अस्पताल अग्निकांड में त्रिपुरा के पीड़ित के लाश 12 दिन बाद अस्पताल के लाशघर में मिल गइल.\\nलोकपाल संस्था में अल्पसंख्यकन के आरक्षण देबे के प्रावधान के भाजपा असंवैध���निक बतवले बिया आ सरकार से विधेयक में संशोधन करे के कहले बिया.\\nभारतीय मूल के एगो अमेरिकी प्रोफेसर के नेतृत्व में अइसन ‘सौर पेंट’ के आविष्कार भइल बा जवना के घर का बाहरी दिवाल पर लगा के बिजली पैदा कइल जा सकेला आ घर में बिजली के उपकरण चलावल जा सकेला.\\nधार्मिक आधार पर आरक्षण के विरोध करी विहिप, कहलन प्रवीण तोगड़िया.\\nआईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर अभिषेक मिश्र आपन नौकरी छोड़ के राजनीति में आवे के फैसला कइले बाड़न.\\nमुलायम सिंह आ लालू यादव जइसन सांसद नइखन चाहत कि लोकपाल बिल पेश कइल जाव. ओह लोग के अनेसा बा कि तब पुलिस सबका के जेल में डाल दी.\\nकेन्द्र सरकार के कहना बा कि सरकारी लोकपाल विधेयक सबले नीमन बा आ ओकर विरोध खाली राजनीति का चलते होखत बा. ओने अन्ना हजारे के कहना बा कि सरकारी लोकपाल कवनो काम के नइखे. कहलन कि ऊ सोनिया गाँधी आ राहुल हाधी\\nकेंद्रीय दूरसंचार मंत्री रहल ए. राजा के तब के सहयोगी असीवाथम आचारी के जान से मारे के धमकी देबेवाला आदमी के गिरफ्तार कर लिहल गइल बा.\\nबियफे का दिने खाद्य सुरक्षा विधेयक लोकसभा में पेश कर दिहलसि सरकार.\\nमप्र में सड़क निर्माण से जुड़ल 13 गो इंजीनियरन के नोटिस भेज के पूछल गइल बा कि सड़क बनावे में लापरवाही काहे भइल.\\nबुध का दिने हिंदी के साहित्य अकादमी पुरस्कार काशीनाथ सिंह के उनुका उपन्यास ‘रेहन पर रग्घू’ खातिर दिहल जाये के एलान कइल गइल.\\nदिग्विजय सिंह के बेटा जयवर्धन मध्यप्रदेश के राहुल बनल चाहत बाड़न. उहो राहुल का तरह गाँवे गाँवे घूमे के काम काल्हु बुध से शुरू कर दिहले बाड़न.\\nइंडिया अगेंस्ट करप्शन समूह कहले बावे कि ऊ एमएमआरडीए मैदान पर प्रदर्शन करे खातिर रोजाना 3.77 लाख रुपिया भाड़ा मँगला का खिलाफ अदालत जाई.\\nबुध का दिने परमाणु वैज्ञानिक पी.के. अयंगर के निधन हो गइल.\\nअमेरिका के एगो विद्वान के कहना बा कि पाकिस्तान के हिसाब में राखे खातिर जरूरी बा कि अमेरिका भारत से आपन रिश्ता मजबूत करे.\\nपाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी कहले बाड़े कि कुछ लोग चुनल सरकार के सत्ता से हटावे के साजिश रचत बाड़े आ उनुका सत्ता से बेदखल होखे के अनेसा बा.\\nआस्ट्रेलिया में पिछला साल एगो भारतीय छात्र के हत्या करे वाला एगो आस्ट्रेलियाई युवक के 13 साल जेल के सजा बियफे का दिने सुनावल गइल.\\nपाकिस्तान सरकार खुद मान लिहलसि कि आईएसआई आ सेना पर ओकर काबू ना चले.\\nपाकिस्तान में बैंक डकैती रोके के उपाय बतावे खातिर एगो समिति बनावल गइल बा.\\nएप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स के संगीत प्रौद्योगिकी में उनुकर योगदान खातिर मरला का बाद ग्रैमी पुरस्कार से सम्मानित कइल जाई.\\nपाकिस्तान के राजदूतन में दस गो महिला राजदूत शामिल बाड़ी. बतवली विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार.\\nरूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन के दावा बा कि अगिला दस साल में उनुकर देश व्यापार का मामिला में दुनिया के दस गो माथ देशन में गिनल जाई.\\nपाकिस्तान अमेरिका के चेतवले बा कि एबटाबाद जइसन कवनो दोसर घटना ना होखे के चाहीं.\\nईरान अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के नेवतलसि कि आके ओकरा देश के परमाणु प्रतिष्ठानन के निरीक्षण कर लेव.\\nश्रीलंकाई नौसेना समुद्र में फंसल 18 गो भारतीय मछुआरन के बचा लिहलसि.\\nदेश भर के डाकघर से सोना के सिक्का छूट पर बेचे के योजना बनावल गइल बा. पाँच जनवरी से ई बिक्री शुरू कइल जाई. आधा ग्राम से ले के पचास ग्राम तक के सिक्का स्विट्जरलैण्ड से ढलवा के मँगवावल गइल बा. हर सिक्का निनानबे दशमलव नौ नौ फीसदी टंच रही.\\nमोबाइल हैंडसेट कंपनी लावा मोबाइल्स ने बाजार मे एगो अइसन हैंडसेट उतरले बिया जवन टूटी ना आ 120 किलो तक के बोझा सम्हार ली. एकर दाम चार हजार से उपर बा.\\nहिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल बियफे का दिने बतवले कि रिलायंस पावर राज्य में पांच गो जलविद्युत परियोजना हासिल कइले बावे.\\nपिछला नवंबर महीना में जीएसएम मोबाइल उपभोक्ता के गिनिती 67 लाख बढ़ल.\\nयाहू आपन एशियाई सम्पत्ति बेचे के सोचत बावे जइसे कि चीन के अलीबाबा समूह आ जापान के कंपनी में आपन हिस्सेदारी बेच दी.\\nटाटा समूह के अध्यक्ष रतन टाटा आ उनकर उत्तराधिकारी साइरस मिस्त्री बियफे का दिने केंद्रीय वाणिज्य अउर उद्योग मंत्री आनंद शर्मा से मिलले.\\nविजय माल्या के विमानन कम्पनी किंगफिशर के बाजार हिस्सेदारी में गिरावट आइल बा आ ऊ अब पाँचवा जगहा पर गिर गइल बा.\\nरूस के दुनिया के छठवाँ बड़ अर्थव्यवस्था बतवले राष्ट्रपति मेदवेदेव.\\nबियफे का दिने शेयर बाजारों में तेजी रहल आ सेंसेक्स 128 अंक ऊपर चढ़ के बंद भइल.\\nलीबिया के बैंक पर लगावल प्रतिबंध हटा ली यूरोपीय संघ.\\nबालीवुड के असली ‘डॉन’ अमिताभ बच्चन के बतवले शाहरूख खान जे बियफे का दिने पटना चहुँपल रहले अपना फिलिम के प्रचार खातिर. कहलन कि पटना जइसन प���यार उनुका कतहीं ना मिलल.\\nशीला की जवानी, मुन्नी, शालू आ जलेबी बाई के बाद अब ‘चिकनी चमेली’ बॉलीवुड के नईकी आइटम गर्ल बाड़ी. अभिनेत्री कैटरीना कैफ ‘अग्निपथ’ के एह गीत पर ‘शीला की जवानी’ से बढ़िया काम कर देखवले बाड़ी. निर्देशक करन मल्होत्रा के कहना बा कि कैटरीना एह गीत का साथ पूरा न्याय कइले बाड़ी.\\nअभिनेता से फिल्मकार बन रजत कपूर अपना नया फिल्म ‘आंखों देखी’ खातिर हीरोइन के खोज ट्विटर का जरिए करत बाड़े.\\nगंगा किनारे वाला छोरा अमिताभ बच्चन के मराठी समाचार पत्र ‘महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित कइले बावे.\\nबिग बैश लीग मैच में मार्श की तूफानी पारी का बदौलत पर्थ स्कॉचर्स मेलबर्न रेनेगेड्स के 8 विकेट से हरा दिहलसि.\\nगोल्ड कोस्ट के ग्रिफिथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ता निकोलस रोड अपना शोध में कहले बाड़न कि सचिन तेंदुलकर हर लिहाज से डोनाल्ड ब्रैडमैन से बेहतर बल्लेबाज हउवें. एहसे ढेर दिन से चलत आवत बहस फेर जी उठल बा.\\nऑफ स्पिनर हरभजन सिंह आस्ट्रेलिया दौरा का खातिर ना चुनइलन त ओहसे का. अब ऊ कलर्स चैनल पर प्रसारित होखे वाला कुश्ती से जुड़ल कार्यक्रम ‘रिंग का किंग’ में चैनल के सद्भावना राजदूत के तौर पर नजर अइहें.\\nआस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर शेन वार्न के कांस्य प्रतिमा के अनावरण बियफे का दिने मेलबर्न क्रिकेट मैदान के बाहर कइल गइल.\\nस्पेनिश फुटबाल लीग में खेले वाला प्रमुख क्लब विलारियल कोच जुआन कार्लोस गारिडो के बर्खास्त कर दिहले बा.\\nआस्ट्रेलिया के महान स्पिन गेंदबाज शेन वार्न के मानना बा कि चार मैचन के टेस्ट श्रृंखला में भारतीय टीम के सफलता ओकरा तेज गेंदबाजन के फिटनेस परनिर्भर बा.\\nअपना खातिर भारत रत्न माँगे खातिर शतरंज के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद कवनो तरह के लाबिंग ना करीहें ना ही केहु दोसरा के समर्थनकरीहें.\\nक्रिकेट आस्ट्रेलिया आपन टेस्ट विकेटकीपर रहल रोडनी मार्श के देश में काम करत सगरी कोचन के कोच बहाल कइले बा.\\nPosted on दिसम्बर 22, 2011 by Anjoria\\n(बुध, 21 दिसंबर)\\nपहिले केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रहल ए. राजा के तब के एगो सहयोगी बुध का दिने अदालत के बतवलसि कि ओकरा अपना निजी जानकारी से मालूम बा कि कलैगनार टीवी टाटा स्काई सेवा में देखावल जाये वाला चैनल में शामिल रहे.\\nइंदौर परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक अनुराधा शंकर कहले बाड़ी कि झांसी के रानी के मरवावे वा���ा मंत्री आ सांसद बनत जात बाड़े बाकिर स्वतंत्रता सेनानियन के बच्चा अगर चुनाव लड़स त कहल जाला कि ऊ अपना बाप के काम के दाम वसूलत बाड़े.\\nकांग्रेस के बड़बोलता राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह के बेटा जयवर्धन सिंह अब राजनीति के मैदान में उतरल बाड़े. ऊ अपना इलाका गुना के कुलुआ गांव से बुध का दिने पदयात्रा पर निकलल बाड़े.\\nकांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी अब टीम अन्ना पर सीधा निशाना लगावत कहले बाड़ी कि कांग्रेस के झूठहूँ बदनाम कइल जा रहल बा. आरोप लगावल जात बा कि कांग्रेस भठियरपन से लड़ल नइखे चाहत जबकि सरकार हर संभव कोशिश करत बिया.\\nकेंद्र सरकार साल 2008 के मुम्बई हमले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड हेडली आ ओकरा पाकिस्तानी सहयोगियन पर आरोप दायर करे खातिर राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुमति दे दिहले बिया.\\nगीता पर प्रतिबंध लगावे का कोशिश का खिलाफ भाजपा का तरफ से रूस के राष्ट्रपति मेदवेदेव का लगे चिट्ठी भेजले बिया आ गीता का खिलाफ दायर मुकदमा वापिस लेबे के कहले बिया.\\nदिल्ली पुलिस के एगो दारोगा छोटहन झगड़ा में अपना हवलदार के गोली मार के फरार हो गइल. घवाहिल हवलदार के अस्पताल में भरती करावल गइल बा.\\nछूतहा रोग के स्वास्थ्य सेवा खातिर बड़हन चुनौती बतवलन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद. कहलन कि एकरा खातिर सामाजिक आर्थिक आ पर्यावरण कारण जिम्मेदार बा.\\nभाजपा नेता शांता कुमार कहले बाड़न कि अगर सरकार पार्टी के चिंता दूर कर देव त पार्टी एफडीआई पर बतियावे के तईयार बिया.\\nप्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपना वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के बड़ाई करत कहलन कि संप्रग सरकार प्रणव मुखर्जी के ‘संकटमोचक कुशलता’ आ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ‘प्रेरक नेतृत्व’ के कर्जदार बिया.\\nमेघालय में विपक्षी दल राकांपा कहलसि कि असम के साथ सीमा विवाद हल करे खातिर ए\\tगो आयोग गठित करे के जरूरत बा.\\nभाजपा अबहीं लोकपाल विधेयक पर कुछ बोलल नइखे चाहत जब ले ओकर प्रारूप सांसदन के बाँट नइखे दिहल जात.\\nलोकपाल पर चर्चा करे खातिर संसद के सत्र 27-29 दिसम्बर ले बढ़ा दिहल गइल.\\nभारतीय वायु सेना प्रमुख नार्मन अनिल कुमार ब्राउन बुध का दिने उन्नत युद्धक विमान सुखोई के एक घंटा ले उड़वलें आ बाद में नीचे अइला पर एह जहाज के हर लिहाज से सुरक्षित बतवलन.\\nदिल्ली उच्च न्यायालय तीर्थ यात्रा के वीजा पर पाकिस्तान से आइल 151 गो ह���न्दुवन के शरण ना दिहला के केंद्र सरकार से कारण पूछले बावे.\\nसंसद के दुनु सदन में बुध का दिने अलग-अलग मुद्दा पर भइल हंगामा का चलते कामकाज में बाधा पड़ल. लोकसभा में बाधा एगो बसपा सांसद से प्रधानमंत्री के सुरक्षागार्ड के दुर्व्यवहार का चलते पड़ल जवना खातिर बाद में प्रणव मुखर्जी माफी मँगलन.\\nअन्ना हजारे सरकार के प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के कमजोर बतवले आ कहले कि एह लोकपाल से भठियरपन से ना लड़ल जा सकी.\\nओडिशा में बुध का दिने घना कोहरा का चलते भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस रद्द कर दिहल गइल.\\nमध्य प्रदेश के अतिरिक्त महानिदेशक रहल आर.एन. पांडेय के फर्जी यात्रा आ होटल बिल पेश करके सरकारी खजाना से लाखों रुपिया निकाले ला आरोप में लोकायुक्त के विशेष अदालत एक साल के जेल आ तीन लाख रुपिया के जुर्माना के सजा सुनवलसि.\\nतकनीकी खराबी का चलते बुध का दिने भारत के परमाणु क्षमता सम्पन्न पृथ्वी-2 मिसाइल के परीक्षण बुध का दिने टार दिहल गइल.\\nसोनिया गाँधी भाजपा पर दोष लगवले बाड़ी कि ऊ जरूरी विधेयकन के राह मे बाधा डालत बिया.\\nअंग्रेजी पत्रकार जे.डे के हत्या का मामिला में महिला पत्रकार जिगना वोरा के हिरासत तीन जनवरी ले बढ़ा दिहल गइल बा.\\nछत्तीसगढ़ में सरकार का खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित ना हो सकल.\\nभंवरी देवी मामिला में गिरफ्तार मलखान सिंह बिश्नोईके कांग्रेस से निलम्बित कर दिहल गइल बा.\\nपंजाब आ हरियाणा उच्च न्यायालय मंगल का दिने हरियाणा जनहित कांग्रेस से हारल सत्तारूढ़ कांग्रेस के पांच विधायकन के विधानसभा के असम्बद्ध सदस्य घोषित कर दिहलसि.\\nकोलकाता में भयंकर आग के निशाना बनल अस्पताल के6गो गिरफ्तार निदेशकन के पुलिस हिरासत बढ़ा दिहलसि अदालत.\\nअदालत फैसला सुना दिहलसि कि सहजधारी सिख एसजीपीसी चुनाव में मतदान कर सकेलें.\\nअमेरिका के न्यू जर्सी में एहो विमान दुर्घटना में भारतीय मूल के अमेरिकी निवेश बैंकर समेत पांच लोग के जान चल गइल. जहाज न्यू जर्सी से अटलांटा खातिर उड़ल रहे.\\nअमेरिकी अंतरिक्ष संगठन नासा अपना केपलर अभियान में पृथ्वी जइसन कई गो ग्रह खोज निकलले बा जवना सूरजे जइसन एगो सितारा के परिक्रमा करत बाड़े.\\nउरुग्वे का राजधानी मोंटेवीडियो में एगो सम्मेलन में आइल अर्जेटीना के एगो जवान मंत्री के लाश उनुका होटल का कमरा में फाँसी पर लटकल मिलल. एह घटना के जानकारी का बाद ���र्जेटीना के राष्ट्रपति बइठक बीचे में छोड़ दिहलें.\\nपाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर कहले बाड़न कि राष्ट्रपति जरदारी पाकिस्ताने में रहीहें आ विदेश जाये के उनुकर कवनो योजना नइखे.\\nअफ्रीका के सबले बड़का तेल निर्यातक देश लीबिया से आर्थिक सम्बंध मजबूत करे खातिर एगो फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल ओहिजा के दौरा पर आइल बा.\\nबुध का दिने रूस अपना इंटरसेप्टर मिसाइल के सफल परीक्षण कइलसि.\\nमंगल के गिरावट का बाद बुध का दिन सेंसेक्स 510 अंक ऊपर चढ़ के बंद भइल.\\nपाँच जनवरी से दिल्ली में होखे जात ऑटो एक्स्पो 2012 में 50 गो नया वाहन लांच कइल जइहें सँ. एह में कार, बस आ ट्रक शामिल बा.\\nरेटिंग एजेंसी मूडीज बुध का दिने देश के घरेलू सरकारी बांड के साख के रेटिंग एक पायदान बढ़ा के बीएए3 कर दिहलसि जवना से ई विदेशी बांड के रेटिंग का बरोबरी पर आ गइल.\\nजापान का निर्यात नवम्बर में पिछला साल के मुकाबले 4.5 फीसदी कम रहल.\\nअमेरिका ईरान के 10 गो जहाजरानी कम्पनियन पर प्रतिबंध लगा दिहलसि जवना में भारतीय जहाजरानी निगमो से जुड़ल एगो साझा कंपनी शामिल बिया.\\nसरकार मंगल का दिने बतवलसि कि प्रिंट मीडिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ावे का मुद्दा पर सहमति नइखे बन पावत.\\nटाटा मोटर्स मंगल का दिने नया बस मॉडल लांच कइलसि. एहमें से मॉडल के दाम छियासठ लाख रुपिया आ स्टारबस अल्ट्रा के 15 लाख रुपिया बा.\\nमौजूदा लेखा साल में 300 करोड़ रुपिया दाम के करिया धन जब्त कइले बा आयकर विभाग.\\nबियफे का दिने संसद में खाद्य सुरक्षा विधेयक पेश कइल जाई जवन देश के आधा से बेसी आबादी के सस्ता अनाज पावे के अधिकार दीहि.\\nभारत आ पाकिस्तान के गायक अब एगो साझा मंच पर रियलिटी शो ‘सुर-क्षेत्र’ में अपना प्रतिभा के प्रदर्शन करीहें. भारत के टीम के अगुआ रहीहन हिमेश रेशमिया जबकि पाकिस्तानी टीमे के अगुआई मशहूर गायक आतिफ असलम करीहें.\\nअभिनेता-फिल्म निर्माता सौरभ शुक्ला के फिल्म ‘पप्पू कांट डांस साला’ के अभिनेता विनय पाठक के कहना बा कि उनुका आ सौरभ का बी च बढ़िया तालमेल बावे. दुनु जने पहिलहु एक साथ काम कइले बाड़े.\\nसंगीतकार, गायक आ अभिनेता हिमेश रेशमिया कहले बाड़न कि सलमान खान हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में आवे वाला नया चेहरन खातिर गॉडफादर हउवन.\\nसंगीतकार आ गायक विशाल ददलानी अन्ना हजारे के आंदोलन खातिर एमएमआरडीए मैदान के एक दिन ���े भाड़ा देबे के बीड़ा उठवलन.\\nहॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद खातिर भारत रत्न माँगे वालन में अब हॉकी इंडियो शामिल हो गइल बिया.\\nसैयद मोदी बैडमिंटन से सायना नेहवाल हट गइली जब कि जयराम हार के बाहर हो गइलें. सायना के बोखार हो गइल बा.\\nराहुल द्रविड़ डेराइल बाड़न कि खराब फार्म में चलत रिकी पोंटिंग कहीं फार्म में मत आ जासु.\\nबिग बैश लीग में होबार्ट हरिकेंस 42 रन से सिडनी सिक्सर्स के हरा दिहलसि.\\nमीरपुर टेस्ट में पाकिस्तान बांग्लादेश के7विकेट से हरा दिहलसि.\\nभारतीय क्रिकेट टीम के तीन गो धुरंधर – सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ आ वी.वी.एस. लक्ष्मण मेलबर्न क्रिकेट मैदान पर 26 दिसम्बर से आपन आखिरी टेस्ट मैच खेलीहें. एह मैच के देखे खातिर मेलबर्न में विदाई देबे खातिर 75 हजार लोग आपन टिकट आरक्षित करवा लिहले बा.\\nभारतीय क्रिकेट टीम के लतरहत्था स्पिन गेंदबाज प्रज्ञान ओझा बतवले कि कोच डंकन फ्लेचर आस्ट्रेलिया के चलावल दिमागी खेल से निपटे खातिर एगो खास बइठक बोला के खिलाड़ियन से विस्तार से चरचा कइलें.\\nआस्ट्रेलिया में भारत आ सीए अध्यक्ष एकादश टीम के बीच के अभ्यास मैच के फैसला ना निकल पावल.\\nPosted on दिसम्बर 20, 2011 by Anjoria\\n(मंगल, 20 दिसंबर)\\nवार रूम लीक मामला में लंदन के अदालत ने रविशंकरन के प्रत्यार्पण का बारे में सबूत सकार लिहलसि.\\nझारखण्ड के 82 विधायकन में से 19 गो विधायक अबले अपना संपत्ति के घोषणा कइले बाड़े. एहमे कवनो मंत्री शामिल नइखन.\\nराष्ट्रपति प्रतिभा पाटील आजु नौसेना दिवस पर आईएनएस सुभद्रा पर सवार होके नौसेना के 81 पोत आ 44 विमान के भारीभरकम बेड़ा के निरीक्षण कइली.\\nलोकपाल विधेयक 27 दिसम्बर के संसद में पेश होखी आ एकरा के पारित करावे खातिर सत्र तीन दिन खातिर बढ़ा दिहल गइल बा.\\nमंगल का दिने संसद में विपक्ष फेर केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम के लोकसभा में बोले से रोके खातिर जम के हंगामा कइलसि.\\nमध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का तरफ से ‘बेस्ट स्टेट टूरिज्म बोर्ड ऑफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित कइल गइल.\\nकोलकाता के तिलजाला इलाका में रबड़ के जूता बनावे वाली एगो फैक्टरी में सोमार का राति आग लाग गइल बाकिर केहु हताहत नइखे भइल.\\nजनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी काल्हु सोमार का दिने कहलन कि ऊ राजग में शामिल होखल चाहत बाड़न.\\nभंवरी मामला में आखिरकार कांग्���ेसी विधायक मलखान सिंह के गिरफ्तार कर लिहलसि सीबीआई.\\nवाम मोर्चा पश्चिम बंगाल के शराब त्रासदी पर बोलावल सर्वदलीय बैठक के बहिष्कार कर दिहलसि काहे कि सरकार मार्क्सवादी कार्यकर्तन पर से आरोप वापिस लेबे के तइयार ना भइल.\\nअब दूरंतो रेलगाड़ियनो खातिर ‘तत्काल’ आरक्षण के सुविधा पहली अप्रेल से मिले लागी.\\nदिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र9जनवरी से तेरह जनवरी ले चलावल जाई.\\nअन्ना हजारे के अनशन खातिर माँगल मध्य मुम्बई के एमएमआरडीए मैदान खातिर महाराष्ट्र सरकार दू लाख रुपिया रोज के किराया मँगले बिया.\\nकेंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के थपड़ियावे के आरोपी हरविंदर सिंह के सोमार का दिने अदालत से जमानत मिल गइल.\\nजयललिता अपना पुरान सखी शशिकला आ ऊनुका परिवार के लोग समेत 13 लोग के एआईएडीएमके से निकाल दिहली काहे कि ई लोग सरकारी काम में दखल देत रहुवे.\\nयमुना नदी के सफाई में जापान से सहायता लेत बिया केन्द्र सरकार. कहली केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन.\\nराजीव गाँधी आ इंदिरा गांधी के गुणगान करे वाला विज्ञापन पर केन्द्र सरकार 7.25 करोड़ रुपिया खर्चा कइलसि.\\nहालही में करावल चण्डीगढ़ निकाय चुनाव में कवनो पार्टी के बहुमत नइखे मिलल. पहिले एह पर कांग्रेस के कब्जा रहुवे.\\nअटल बिहारी बाजपेयी के जनम दिन पच्चीस दिसंबर के भाजपा सुशासन दिवस का रूप में मनाई.\\nभारत में रूस के राजदूत एलेक्जेंडर कदाकिन अपना देश के ओह लोगन के मतिहीन बतवले बाड़न जे ओहिजा गीता पर रोक लगावे के मुहिम चलवले बा.\\nपाकिस्तान कहले बा की ऊ अफगानिस्तान से सटल अपना सीमा समन्वय केंद्रन के बंद नइखे कइले.\\nपाकिस्तान प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी अपना देश में सैन्य तख्तापलट के अफवाह खारिज कइले बाड़न.\\nमंगल का दिने चीन नाइजीरिया खातिर एगो संचार उपग्रह के प्रक्षेपण कइलसि.\\nफेसबुक के नया मुख्यालय अब मुख्यालय कैलीफोर्निया के मेनलो पार्क सिटी में चल गइल बा.\\nइराक के सर्वोच्च न्यायिक परिषद देश के उपराष्ट्रपति तारिक अल-हाशिमी का खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिहले बावे.\\nपाकिस्तान खातिर जासूसी करे का आरोप में राजस्थान के श्रीगंगानगर जिला में एगो सरकारी क्लर्क के काल्हु सोमार का दिने गिरफ्तार कइल गइल.\\nफ्रांस में भइल एगो थीम पार्टी ‘नाजी पार्टी’ में जाये वाला ब्रिटेन के कंजरवेटिव पार्टी सांसद एडन बर्ले के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन हाउस ऑफ कामंस के सहायक पद से बर्खास्त कर दिहले.\\nउत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-इल के दिल के दौरा से निधन का बाद उनुका छोटका किम जोंग-उन के ताजपोशी कर दिहल गइल. ओहिजा खानदानी तानाशाही चलत बा.\\nलीबिया में गायब हजारो मिसाइल से लंदन ओलम्पिक पर खतरा बतावल जा रहल बा.\\nसॉफ्टवेयर उत्पाद विकसित करे में भारत पीछे रह गइल बा. कहलन हॉटमेल के संस्थापक सबीर भाटिया.\\nसंसद के लोक लेखा समिति सोमार का दिने संसद में पेश अपना रपट में कहले बिया कि छह साल पहिले प्रसार भारती आ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का बीचे भइल गलत करार से राजस्व के 3.39 करोड़ रुपिया के नुकसान भइल.\\nसोमार का दिने शेयर बाजार में गिरावट रहल आ सेंसेक्स 112 अंक नीचे बंद भइलॆ\\nएह साल चीनी के उत्पादन 19 फीसदी अधिका भइल.\\nदेश में कोयला के कमी सकारत कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल कहले कि बिजली संयंत्रन के कोयला आयात करे का बारे में सोचे के चाहीं.\\nपीटीवी पर भारतीय शो ना देखवला का चलते ओकर टीआरपी घट गइल बा.\\n‘डैम 999’ के गीत ऑस्कर के दौड़ में चुनाइल 39 गो गीतन में शामिल बा जवना में से कवनो एगो गीत के 84वां ऑस्कर पुरस्कार में मूल गीत के पुरस्कार मिल सकी.\\nअभिनेता-निर्देशक फरहान अख्तर ‘डॉन’ सीरीज के तिसरको फिलिम बनावे से इंकार नइखन करत बाकिर कहलन कि ऊ दोसरो शैली के फिलिम बनावल चाहत बाड़न.\\nआइटम गर्ल राखी सावंत आरोप लगवली कि बॉलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ ‘अग्निपथ’ के आइटम गीत ‘चिकनी चमेली’ में उनुकर नकल कइले बाड़ी.\\nअखिल भारतीय फुटबाल महासंघ स्टार स्ट्राइकर सुनील छेत्री के साल 2011 के बेहतरीन फुटबाल खिलाड़ी चुनले बा.\\nपाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड मोहसिन खान के इंग्लैंड से होखेवाला सीरीज खातिर अंतरिम कोच बरकरार रखले बा.\\nभारतीय राइफल संघ देश खातिर अकेला व्यक्तिगत ओलम्पिक स्वर्ण पदक जीते वाला निशानेबाज अभिनव बिंद्रा खातिर भारत रत्न के सम्मान मँगलसि.\\nभारत के महिला हॉकी टीम अर्जेंटीना के शहर पाराना में भइल टूर्नामेंट में कांस्य पदक हासिल कइलसि.\\nRT @Nationalistt_IN: सलमान ने कहा है कि राधे फिल्म को हिट करा दो, कोरोना के लिए दान कर दूंगा! हम ही पीएम केयर फंड में सीधे दान कर देंगे, तु…2hours ago\\nRT @Krishna29892392: बड़ी ब्रेकिंग :------ सभी सनातनी मित्रों आपकी पहली जीत की हार्दिक शुभकामनाएं!! 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