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UP Temperature Started Rising Once Again : बारिश न होने की वजह से यूपी का तापमान एक बार फिर से बढ़ने लगा है। रविवार को आगरा यूपी का दूसरा सबसे गर्म शहर रिकॉर्ड हुआ। यहां का तापमान 40. 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। बांदा 41. 4 डिग्री सेल्सियस के साथ यूपी में सबसे अधिक तपा। तीसरा सबसे गर्म शहर कानपुर रहा, जहां पारा 40. 7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। ( UP Temperature Started Rising Once Again)
अभी और चढ़ेगा पारा ( UP Temperature Started Rising Once Again)
मौसम विज्ञानी के मुताबिक, जब पारा 40 डिग्री के पार जाता है, तब लू की स्थिति बनती है। बारिश न होने तक गर्मी का पारा अभी और चढ़ने के आसार हैं। हालांकि, बादलों की आवाजाही की वजह से पारे में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। गर्मी बढ़ने से रविवार को कानपुर में सड़कें तक खाली देखी गईं।
2 दिनों में राहत की उम्मीद ( UP Temperature Started Rising Once Again)
सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि बारिश न होने की वजह से मैक्सिमम टेंप्रेचर 40 और मिनिमम टेंप्रेचर 30 डिग्री सेल्सियस के आस-पास बना रहेगा। बारिश से ही लोगों को राहत मिल सकती है। अभी 48 घंटे तक गर्मी और उमस लोगों को परेशान करती रहेगी। उम्मीद है कि 28 जून तक यूपी में मानसून आ जाएगा।
( UP Temperature Started Rising Once Again)
| UP Temperature Started Rising Once Again : बारिश न होने की वजह से यूपी का तापमान एक बार फिर से बढ़ने लगा है। रविवार को आगरा यूपी का दूसरा सबसे गर्म शहर रिकॉर्ड हुआ। यहां का तापमान चालीस. नौ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। बांदा इकतालीस. चार डिग्री सेल्सियस के साथ यूपी में सबसे अधिक तपा। तीसरा सबसे गर्म शहर कानपुर रहा, जहां पारा चालीस. सात डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अभी और चढ़ेगा पारा मौसम विज्ञानी के मुताबिक, जब पारा चालीस डिग्री के पार जाता है, तब लू की स्थिति बनती है। बारिश न होने तक गर्मी का पारा अभी और चढ़ने के आसार हैं। हालांकि, बादलों की आवाजाही की वजह से पारे में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। गर्मी बढ़ने से रविवार को कानपुर में सड़कें तक खाली देखी गईं। दो दिनों में राहत की उम्मीद सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि बारिश न होने की वजह से मैक्सिमम टेंप्रेचर चालीस और मिनिमम टेंप्रेचर तीस डिग्री सेल्सियस के आस-पास बना रहेगा। बारिश से ही लोगों को राहत मिल सकती है। अभी अड़तालीस घंटाटे तक गर्मी और उमस लोगों को परेशान करती रहेगी। उम्मीद है कि अट्ठाईस जून तक यूपी में मानसून आ जाएगा। |
वाराणसी को स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस अवार्ड से नवाजा गया है। इस बीच वहां वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ० डी वासुदेवन ने अवार्ड समारोह में वाराणसी का प्रतिनिधित्व किया है।
वाराणसीः किसी शहर के स्वास्थ्य का परीक्षण करना हो तो वहाँ के म्युनिस्पल कॉर्पोरशन यानी नगर निगम के कार्यो की नब्ज़ टटोलना पड़ता है। स्कॉच संस्था ने पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दिल की धड़कन नगर निगम और वाराणसी स्मार्ट सिटी को गुड गवर्नेस के लिए 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' अवार्ड से नवाजा है। जबकि "म्युनिसिपल रैंकिंग 2021" उत्तर प्रदेश टॉप तीन की सूचि में शामिल हुआ है। स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक डॉ डी वासुदेवन ने दिल्ली में इस अवॉर्ड को ग्रहण किया। स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट 2021' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में "म्युनिसिपल रैंकिंग 2021" जारी की गयी है।
काशी के विकास को आज पूरे देश में मॉडल के रूप में देखा जाने लगा है ,इसमें नगर निगम और वाराणसी स्मार्ट सिटी की अहम भूमिका मानी जाती है। आम तौर पर आम नागरिक का वास्ता हर कदम पर नगर निगम से पड़ता है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नगर निगम आम नागरिक के उम्मीदों पर खरा उतरा है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मूलभूत सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने का काम योगी सरकार ने बखूबी निभाया है। इसका सबूत है 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' है।
'स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट 2021' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में "म्युनिसिपल रैंकिंग 2021" जारी की गयी है जिसमें वाराणसी नगर को प्रथम स्थान,थाने (महाराष्ट्र) एवं बिधाननगर (पश्चिम बंगाल) संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान पर एवं वापी(गुजरात) तथा चेन्नई (तमिलनाडु) को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। "म्युनिसिपल रैंकिंग 2021" की राज्यवार श्रेणी में देश भर में उत्तर प्रदेश टॉप थ्री लिस्ट में शामिल हैं।
वाराणसी को 'स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट 2021' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के फलस्वरूप, 'इंडिया गवर्नेंस फोरम' में वाराणसी को 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' से सम्मानित किया गया। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ० डी वासुदेवन,अवार्ड समारोह में वाराणसी का प्रतिनिधित्व किया है।
| वाराणसी को स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस अवार्ड से नवाजा गया है। इस बीच वहां वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉशून्य डी वासुदेवन ने अवार्ड समारोह में वाराणसी का प्रतिनिधित्व किया है। वाराणसीः किसी शहर के स्वास्थ्य का परीक्षण करना हो तो वहाँ के म्युनिस्पल कॉर्पोरशन यानी नगर निगम के कार्यो की नब्ज़ टटोलना पड़ता है। स्कॉच संस्था ने पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दिल की धड़कन नगर निगम और वाराणसी स्मार्ट सिटी को गुड गवर्नेस के लिए 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' अवार्ड से नवाजा है। जबकि "म्युनिसिपल रैंकिंग दो हज़ार इक्कीस" उत्तर प्रदेश टॉप तीन की सूचि में शामिल हुआ है। स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक डॉ डी वासुदेवन ने दिल्ली में इस अवॉर्ड को ग्रहण किया। स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट दो हज़ार इक्कीस' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में "म्युनिसिपल रैंकिंग दो हज़ार इक्कीस" जारी की गयी है। काशी के विकास को आज पूरे देश में मॉडल के रूप में देखा जाने लगा है ,इसमें नगर निगम और वाराणसी स्मार्ट सिटी की अहम भूमिका मानी जाती है। आम तौर पर आम नागरिक का वास्ता हर कदम पर नगर निगम से पड़ता है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नगर निगम आम नागरिक के उम्मीदों पर खरा उतरा है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मूलभूत सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने का काम योगी सरकार ने बखूबी निभाया है। इसका सबूत है 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' है। 'स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट दो हज़ार इक्कीस' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में "म्युनिसिपल रैंकिंग दो हज़ार इक्कीस" जारी की गयी है जिसमें वाराणसी नगर को प्रथम स्थान,थाने एवं बिधाननगर संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान पर एवं वापी तथा चेन्नई को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। "म्युनिसिपल रैंकिंग दो हज़ार इक्कीस" की राज्यवार श्रेणी में देश भर में उत्तर प्रदेश टॉप थ्री लिस्ट में शामिल हैं। वाराणसी को 'स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट दो हज़ार इक्कीस' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के फलस्वरूप, 'इंडिया गवर्नेंस फोरम' में वाराणसी को 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' से सम्मानित किया गया। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉशून्य डी वासुदेवन,अवार्ड समारोह में वाराणसी का प्रतिनिधित्व किया है। |
. सबसे पहले आंवला, शिकाकाई और रीठा के 8-10 टुकड़े लें।
. अब एक बाउल में पानी और ये तीनों चीजें मिलाकर रातभर भिगोएं।
. सुबह इसमें थोड़ा पानी और मिलाएं।
. अब पैन में डालकर एक उबालें।
. अच्छे से उबलने के बाद इसे ठंडा होने दें।
. मिश्रण के रूम टेंपरेचर पर आते ही इसे मैश करें।
. इसका पल्प निकाल दें और अच्छे से मिलाएं।
. अब इसे छान लें।
. लीजिए आपका होममेड हर्बल शैंपू बनकर तैयार है।
नोट- आप इसमें आंवला, रीठा और शिकाकाई का पाउडर भी मिला सकती है।
. बालों को हल्का गीला करके शैंपू से मसाज करें।
. बाद में ताजे या गुनगुने पानी से धो लें।
आप इसे अपने रोजाना शैंपू की जगह इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर आप डैंड्रफ से परेशान है तो गुनगुना पानी इस्तेमाल करने से बचें।
आंवला पोषक तत्व, एंटी-ऑक्सीडेंट्स व औषधीय गुणों से भरपूर होता है। ये बालों की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। इसके साथ रूखे-बेजान बालों को रिपेयर करने में मदद करते हैं। इसतरह बालों को जड़ों से पोषण मिलने से तेजी से बढ़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा आंवला बालों को काला व घना बनाने में मदद करता है।
रीठा आयरन से भरपूर होता है जो बालों को स्वस्थ रखने में मुख्य भूमिका निभाता है। यह बालों को पोषित करके उसे तेजी से बढ़ने में मदद करता है। इसके साथ ही इससे बालों को सभी जरूरी एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी मिलते हैं।
शिकाकाई में मौजूद तत्व आंवला और रीठा की गुडनेस को ऑब्जर्व करने की क्षमता रखते हैं। यह स्कैल्प की अच्छे से सफाई करके उसे लंबा, घना, काला, मुलायम व हैल्दी बनाएं रखने में मदद करता है।
| . सबसे पहले आंवला, शिकाकाई और रीठा के आठ-दस टुकड़े लें। . अब एक बाउल में पानी और ये तीनों चीजें मिलाकर रातभर भिगोएं। . सुबह इसमें थोड़ा पानी और मिलाएं। . अब पैन में डालकर एक उबालें। . अच्छे से उबलने के बाद इसे ठंडा होने दें। . मिश्रण के रूम टेंपरेचर पर आते ही इसे मैश करें। . इसका पल्प निकाल दें और अच्छे से मिलाएं। . अब इसे छान लें। . लीजिए आपका होममेड हर्बल शैंपू बनकर तैयार है। नोट- आप इसमें आंवला, रीठा और शिकाकाई का पाउडर भी मिला सकती है। . बालों को हल्का गीला करके शैंपू से मसाज करें। . बाद में ताजे या गुनगुने पानी से धो लें। आप इसे अपने रोजाना शैंपू की जगह इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर आप डैंड्रफ से परेशान है तो गुनगुना पानी इस्तेमाल करने से बचें। आंवला पोषक तत्व, एंटी-ऑक्सीडेंट्स व औषधीय गुणों से भरपूर होता है। ये बालों की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। इसके साथ रूखे-बेजान बालों को रिपेयर करने में मदद करते हैं। इसतरह बालों को जड़ों से पोषण मिलने से तेजी से बढ़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा आंवला बालों को काला व घना बनाने में मदद करता है। रीठा आयरन से भरपूर होता है जो बालों को स्वस्थ रखने में मुख्य भूमिका निभाता है। यह बालों को पोषित करके उसे तेजी से बढ़ने में मदद करता है। इसके साथ ही इससे बालों को सभी जरूरी एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी मिलते हैं। शिकाकाई में मौजूद तत्व आंवला और रीठा की गुडनेस को ऑब्जर्व करने की क्षमता रखते हैं। यह स्कैल्प की अच्छे से सफाई करके उसे लंबा, घना, काला, मुलायम व हैल्दी बनाएं रखने में मदद करता है। |
गुवाहाटी। तेज गेंदबाज अनुरीत सिंह की कसी हुई गेंदबाजी के दम पर रेलवे ने शुक्रवार को यहां असम को केवल 55 रन पर ढेर करके रणजी ट्रॉफी ग्रुप 'ए' क्रिकेट मैच में पारी और 184 रन से जीत दर्ज की।
असम की हार गुरुवार को ही तय हो गई थी और शुक्रवार को उसने जब 7 विकेट पर 41 रनों से अपनी पारी आगे बढ़ाई तो बाकी बचे 3 विकेट भी जल्द गंवा दिए। उसकी तरफ से केवल विकेटकीपर बल्लेबाज कुणाल सैकिया (16) ही दोहरे अंक में पहुंचे।
अनुरीत सिंह ने बाकी बचे 3 में से 2 विकेट लिए और इस तरह से पारी में 28 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। दीपक बंसल और अमित मिश्रा ने 2-2 विकेट लिए। असम ने अपनी पहली पारी में 244 रन बनाए थे जिसके जवाब में रेलवे ने अपनी पारी 7 विकेट पर 483 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी।
रेलवे की यह 3 मैचों में दूसरी जीत है और उसके अब 13 अंक हो गए हैं। असम को दूसरी हार का सामना करना पड़ा और उसके अब 3 मैचों में केवल 1 अंक है। (भाषा)
| गुवाहाटी। तेज गेंदबाज अनुरीत सिंह की कसी हुई गेंदबाजी के दम पर रेलवे ने शुक्रवार को यहां असम को केवल पचपन रन पर ढेर करके रणजी ट्रॉफी ग्रुप 'ए' क्रिकेट मैच में पारी और एक सौ चौरासी रन से जीत दर्ज की। असम की हार गुरुवार को ही तय हो गई थी और शुक्रवार को उसने जब सात विकेट पर इकतालीस रनों से अपनी पारी आगे बढ़ाई तो बाकी बचे तीन विकेट भी जल्द गंवा दिए। उसकी तरफ से केवल विकेटकीपर बल्लेबाज कुणाल सैकिया ही दोहरे अंक में पहुंचे। अनुरीत सिंह ने बाकी बचे तीन में से दो विकेट लिए और इस तरह से पारी में अट्ठाईस रन देकर पाँच विकेट हासिल किए। दीपक बंसल और अमित मिश्रा ने दो-दो विकेट लिए। असम ने अपनी पहली पारी में दो सौ चौंतालीस रन बनाए थे जिसके जवाब में रेलवे ने अपनी पारी सात विकेट पर चार सौ तिरासी रन बनाकर समाप्त घोषित की थी। रेलवे की यह तीन मैचों में दूसरी जीत है और उसके अब तेरह अंक हो गए हैं। असम को दूसरी हार का सामना करना पड़ा और उसके अब तीन मैचों में केवल एक अंक है। |
नई दिल्लीः हीरो स्प्लेंडर प्लस बाइक को गांव से लेकर शहरों तक खूब पसंद किया जाता है, जिसकी खरीदारी को लोग घरों से बाहर निकलते हैं। अगर आप हीरो स्प्लेंडर प्लस की खरीदारी करने का प्लान बना रहे हैं तो फिर बिल्कुल भी देर नहीं करें। मार्केट में इन दिनों धाकड़ वेरिएंट को खूब पसंद किया जा रहा है, जिसे आप कम कीमत में खरीदकर घर ला सकते हैं।
यह बाइक हीरो स्प्लेंडर प्लस 100cc है, जिसका माइलेज और लुक भी एकदम फाड़ू है। कंपनी की ओर से सेल बढ़ाने के लिए अब इस पर फाइनेंस प्लान दिया जा रहा है, जिसे कम कीमत खर्च कर घर ला सकते हैं। आपने खरीदारी का अवसर हाथ से निकाला तो फिर पछतावा करना होगा। फाइनेंस प्लान की डिटेल जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल ध्यान से पढ़ने की जरूरत होगी।
देश की बड़ी टू-व्हीलर कंपनियों में गिने जाने हीरो कंपनी अपनी स्प्लेंडर प्लस 100cc को मार्केट में खूब बेच रही है, जिसपर फाइनेंस प्लान भी दे रही है। अगर आप खरीदारी करना चाहते हैं तो वैसे शोरूम में हीरो स्प्लेंडर प्लस का प्राइस 70,658 रुपये से शउरू होकर ऑन रोड तक 85,098 रुपये तक तय किया गया है। वहीं, इसके फीचर्स की बात करें तो सबसे अलग हैं, जो लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं।
बाइक में 97.2cc का 4 स्ट्रोक, एयर कूल्ड तकनीक पर आधारित सिंगल सिलेंडर इंजन शामिल किया गया है। इंजन 8.02 ps की अधिकतम पावर और 8.05 Nm का पीक टॉर्क पैदा करने में सफल है। बाइक के इंजन के साथ 4 स्पीड गियरबॉक्स शामिल किया गया है। इसके माइलेज की बात करें तो 83 किलोमीटर का प्रति लीटर देती है। इसे कंपनी द्वारा प्रमाणित किया गया है।
हीरो स्प्लेंडर प्लस 100cc को आप बहुत कम में खरीदकर घर ला सकते हैं। बाइक को फाइनेंस प्लान पर खरीदते हैं तो आपको 76,098 रुपये का लोन मिल रहा है। खरीदने के लिए आपको 9,000 रुपये डाउन पेमेंट करनी होगी। इसके बाद आपको तीन साल तक हर महीना 2,445 रुपये मंथली ईएमआई भरनी होगी। लोन चुकाने के साथ 9.7 फीसदी सालाना दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।
| नई दिल्लीः हीरो स्प्लेंडर प्लस बाइक को गांव से लेकर शहरों तक खूब पसंद किया जाता है, जिसकी खरीदारी को लोग घरों से बाहर निकलते हैं। अगर आप हीरो स्प्लेंडर प्लस की खरीदारी करने का प्लान बना रहे हैं तो फिर बिल्कुल भी देर नहीं करें। मार्केट में इन दिनों धाकड़ वेरिएंट को खूब पसंद किया जा रहा है, जिसे आप कम कीमत में खरीदकर घर ला सकते हैं। यह बाइक हीरो स्प्लेंडर प्लस एक सौcc है, जिसका माइलेज और लुक भी एकदम फाड़ू है। कंपनी की ओर से सेल बढ़ाने के लिए अब इस पर फाइनेंस प्लान दिया जा रहा है, जिसे कम कीमत खर्च कर घर ला सकते हैं। आपने खरीदारी का अवसर हाथ से निकाला तो फिर पछतावा करना होगा। फाइनेंस प्लान की डिटेल जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल ध्यान से पढ़ने की जरूरत होगी। देश की बड़ी टू-व्हीलर कंपनियों में गिने जाने हीरो कंपनी अपनी स्प्लेंडर प्लस एक सौcc को मार्केट में खूब बेच रही है, जिसपर फाइनेंस प्लान भी दे रही है। अगर आप खरीदारी करना चाहते हैं तो वैसे शोरूम में हीरो स्प्लेंडर प्लस का प्राइस सत्तर,छः सौ अट्ठावन रुपयापये से शउरू होकर ऑन रोड तक पचासी,अट्ठानवे रुपयापये तक तय किया गया है। वहीं, इसके फीचर्स की बात करें तो सबसे अलग हैं, जो लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। बाइक में सत्तानवे.दोcc का चार स्ट्रोक, एयर कूल्ड तकनीक पर आधारित सिंगल सिलेंडर इंजन शामिल किया गया है। इंजन आठ.दो ps की अधिकतम पावर और आठ.पाँच Nm का पीक टॉर्क पैदा करने में सफल है। बाइक के इंजन के साथ चार स्पीड गियरबॉक्स शामिल किया गया है। इसके माइलेज की बात करें तो तिरासी किलोग्राममीटर का प्रति लीटर देती है। इसे कंपनी द्वारा प्रमाणित किया गया है। हीरो स्प्लेंडर प्लस एक सौcc को आप बहुत कम में खरीदकर घर ला सकते हैं। बाइक को फाइनेंस प्लान पर खरीदते हैं तो आपको छिहत्तर,अट्ठानवे रुपयापये का लोन मिल रहा है। खरीदने के लिए आपको नौ,शून्य रुपयापये डाउन पेमेंट करनी होगी। इसके बाद आपको तीन साल तक हर महीना दो,चार सौ पैंतालीस रुपयापये मंथली ईएमआई भरनी होगी। लोन चुकाने के साथ नौ.सात फीसदी सालाना दर से ब्याज का भुगतान करना होगा। |
RBI Withdraws Rs 2000 Note: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दो हजार के नोट को वापस लेने के फैसले पर देश में राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस समेत अन्य कई विपक्षी दल इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, तो वहीं पलटवार करते हुए भाजपा ने यह आरोप लगाया है कि हताश और मुद्दाविहीन विपक्ष आरबीआई के फैसले को लेकर लोगों में डर का माहौल पैदा कर रहा है. भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने विपक्षी दलों द्वारा की जा रही आलोचना पर पलटवार करते अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश में नोटों को जारी करने और वापस लेने की अतीत में कई मिसालें हैं और यह कोई पहली बार नहीं हुआ है.
जब आरबीआई दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने का निर्णय लेता है तो हताश और मुद्दाविहीन विपक्ष आरबीआई के फैसले को लेकर लोगों में उसी तरह से डर का माहौल पैदा कर रहा है जैसा उसने कोविड महामारी के संकट काल में किया था. मालवीय ने आरोप लगाया कि कोविड महामारी के संकट काल में भी विपक्षी दलों ने कोविड वैक्सीन को लेकर डर का माहौल बनाने की कोशिश की थी। मालवीय ने दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने के आरबीआई के फैसले से जुड़े कई तथ्यों को शेयर करते हुए यह बताया कि यह फैसला आरबीआई की 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत लिया गया है. यह भी पढ़ेः RBI Withdraws Rs 2000 Note: 2 हजार के नोट वापस लेने के फैसले पर विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार, कांग्रेस ने कहा- 'पहले करते हैं, फिर सोचते हैं'
उन्होंने आगे कहा कि यह करेंसी स्ट्रक्च र को युक्तिसंगत बनाने और कम मूल्य के नोटों की उपलब्धता में सुधार करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। और यह आरबीआई द्वारा अपनाई जाने वाली एक सामान्य प्रथा है। साल 2013-14 में भी आरबीआई ने ऐसा ही किया था।
अमित मालवीय ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यह देखा गया है कि दो हजार रुपये के नोट का उपयोग आमतौर पर लेनदेन के लिए नहीं किया जाता है। उन्होंने देश में यूपीआई और डिजिटल पेमेंट के इस्तेमाल के बढ़ने की बात कहते हुए आरबीआई द्वारा दो हजार रुपये के नोट को लेकर की गई कई महत्वपूर्ण घोषणाओं का भी जिक्र किया जिससे लोगों को सुविधा होगी.
| RBI Withdraws दो हज़ार रुपया Note: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दो हजार के नोट को वापस लेने के फैसले पर देश में राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस समेत अन्य कई विपक्षी दल इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, तो वहीं पलटवार करते हुए भाजपा ने यह आरोप लगाया है कि हताश और मुद्दाविहीन विपक्ष आरबीआई के फैसले को लेकर लोगों में डर का माहौल पैदा कर रहा है. भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने विपक्षी दलों द्वारा की जा रही आलोचना पर पलटवार करते अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश में नोटों को जारी करने और वापस लेने की अतीत में कई मिसालें हैं और यह कोई पहली बार नहीं हुआ है. जब आरबीआई दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने का निर्णय लेता है तो हताश और मुद्दाविहीन विपक्ष आरबीआई के फैसले को लेकर लोगों में उसी तरह से डर का माहौल पैदा कर रहा है जैसा उसने कोविड महामारी के संकट काल में किया था. मालवीय ने आरोप लगाया कि कोविड महामारी के संकट काल में भी विपक्षी दलों ने कोविड वैक्सीन को लेकर डर का माहौल बनाने की कोशिश की थी। मालवीय ने दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने के आरबीआई के फैसले से जुड़े कई तथ्यों को शेयर करते हुए यह बताया कि यह फैसला आरबीआई की 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत लिया गया है. यह भी पढ़ेः RBI Withdraws दो हज़ार रुपया Note: दो हजार के नोट वापस लेने के फैसले पर विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार, कांग्रेस ने कहा- 'पहले करते हैं, फिर सोचते हैं' उन्होंने आगे कहा कि यह करेंसी स्ट्रक्च र को युक्तिसंगत बनाने और कम मूल्य के नोटों की उपलब्धता में सुधार करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। और यह आरबीआई द्वारा अपनाई जाने वाली एक सामान्य प्रथा है। साल दो हज़ार तेरह-चौदह में भी आरबीआई ने ऐसा ही किया था। अमित मालवीय ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यह देखा गया है कि दो हजार रुपये के नोट का उपयोग आमतौर पर लेनदेन के लिए नहीं किया जाता है। उन्होंने देश में यूपीआई और डिजिटल पेमेंट के इस्तेमाल के बढ़ने की बात कहते हुए आरबीआई द्वारा दो हजार रुपये के नोट को लेकर की गई कई महत्वपूर्ण घोषणाओं का भी जिक्र किया जिससे लोगों को सुविधा होगी. |
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
| चार की उप-धारा एक में निर्धारित सत्रह मदों को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा बाईस सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम दो हज़ार पाँच के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन |
एक इवेंट में खूबसूरत ब्लैक एंड व्हाइट इंडो वेस्टर्न आउटफिट में नजर आईं.
कियारा के स्कर्ट पर ब्लैक एंड व्हाइट लाइनिंग की खूबसूरत डिटेलिंग दिखाई दे रही है.
स्कर्ट को कियारा ने डीप प्लगिंग नेकलाइन वाले ब्लैक बलाउज के साथ स्टाइल किया है.
ज्वैलरी की बात करें तो अपने इस आउटफिट के साथ कियारा ने झमकी स्टाइल ईयर रिंग्स कैरी किए हैं.
| एक इवेंट में खूबसूरत ब्लैक एंड व्हाइट इंडो वेस्टर्न आउटफिट में नजर आईं. कियारा के स्कर्ट पर ब्लैक एंड व्हाइट लाइनिंग की खूबसूरत डिटेलिंग दिखाई दे रही है. स्कर्ट को कियारा ने डीप प्लगिंग नेकलाइन वाले ब्लैक बलाउज के साथ स्टाइल किया है. ज्वैलरी की बात करें तो अपने इस आउटफिट के साथ कियारा ने झमकी स्टाइल ईयर रिंग्स कैरी किए हैं. |
जेसिका लेंज (जेसिका लेंज): जीवनी, फिल्मोग्राफी और व्यक्तिगत जीवन (फोटो)
स्क्रीन पर एक सुंदर गोरा दिखाई दियाबीसवीं शताब्दी के सत्तर के दशक। लेकिन अब भी उनकी भूमिका दुनिया भर के कई प्रशंसकों का ध्यान आकर्षित करती है। ऐसा लगता है कि कुछ दर्जन साल भी अपनी उत्कृष्ट सुंदरता को प्रभावित करने में सक्षम नहीं हुए हैं, और अभिनेता की प्रतिभा बदल गई है, अगर केवल बेहतर के लिए। जेसिका लैंग कैसे सफल हुआ और वह अपने खाली समय में कैसे रहती है? इस और कई अन्य चीजों के बारे में, लेख में पढ़ें।
जेसिका Phyllis लैंग (यह उसकी पूरी हैनाम) क्लोकेट नामक एक शहर में पैदा हुआ था। उसके पिता एक यात्रा विक्रेता थे, इसलिए परिवार लगातार जगह से आगे बढ़ रहा था। अपने बचपन के दौरान, जेसिका ने अठारह अलग-अलग शहरों को बदल दिया। लेकिन स्कूल में लगातार बदलाव ने भी उसे अच्छी तरह से अध्ययन करने से रोका नहीं। अपने खाली समय में लड़की ड्राइंग कर रही थी। उसके पिता बहुत भावनात्मक और सकारात्मक थे। इसने जेसिका के विश्वव्यापी प्रभाव को प्रभावित किया, वह हमेशा महसूस करती थी कि किसी भी समय उसके साथ कुछ अविश्वसनीय हो सकता है। स्कूल से सफलतापूर्वक स्नातक होने के बाद, लड़की को मिनेसोटा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति मिली और पेंटिंग का अध्ययन करने गया। लेकिन जेसिका लैंग बाहर निकलने से पहले एक साल पहले और अमेरिका के चारों ओर यात्रा करने के लिए कलाकार फ्रांसिस्को पैको ग्रांडे के साथ गया। उसे एक युवा स्पैनियर्ड के साथ हिप्पी के जीवन को पसंद नहीं आया, और जल्द ही उसने पेरिस जाने के द्वारा सब कुछ मूल रूप से बदलने का फैसला किया। अमेरिका की यात्रा की शुरूआत से पहले, जेसिका और फ्रांसिस्को का विवाह हो गया था, और हालांकि वे जल्द ही विभाजित हुए, तलाक केवल 1 9 81 में होगा, और पूर्व पति / पत्नी मौद्रिक मुआवजे के लिए सफल अभिनेत्री पर मुकदमा चलाएगा।
पेरिस में, जेसिका लैंग ने अध्ययन करने का फैसला कियाअभिनेता का कौशल, अर्थात् पेंटोमाइम की कला। वह स्कूल गई, जहां उन्होंने प्रसिद्ध माइम एटियेन डे क्रोक्स पढ़ाया। एक प्रतिभाशाली लड़की ने जल्द ही "ओपेरा कॉमेडियन" में प्रदर्शन करना शुरू किया। उनकी उपस्थिति ने फोटोग्राफर और फैशन डिजाइनरों को आकर्षित किया, इसलिए उन्होंने कभी-कभी मॉडल के रूप में काम किया। लेकिन फैशन की दुनिया में काम करना जेसिका लैंग का सपना नहीं है। बोहेमियन कलाकार पको ग्रांडे के साथ व्यक्तिगत जीवन उसके लिए काम नहीं करता था, लेकिन उसने पेरिस में चित्रकला का आनंद लेने से नहीं रोका। वह फिर से ड्राइंग में लौट आई, और तस्वीरें भी लीं। अमेरिका लौटने के कुछ साल बाद मुझे वेट्रेस के रूप में नौकरी मिल गई, नृत्य पाठ और अभिनय कौशल का ख्याल रखा। उन्हें अमेरिकी फैशन एजेंसी में आमंत्रित किया गया था। वहां वहां लैंग ने निर्माता डिनो डी लॉरेनटीस को देखा, जो "किंग काँग" के अनुकूलन के लिए मुख्य पात्र की तलाश में थे। जेसिका की सुंदरता ने तुरंत उसे मोहित किया।
डिनो डी लॉरेनटीस ने जेसिका को उनके लिए आमंत्रित कियाफिल्म, और उसने एक डरावनी सुंदरता निभाई, जिसमें एक विशाल बंदर का सामना करना पड़ा। फिल्म आलोचकों की समीक्षा बहुत चापलूसी नहीं थी, लेकिन जेसिका लैंग, जिसकी जीवनी अभी तक उज्ज्वल क्षणों से नहीं बढ़ी थी, अंततः एक असली सेलिब्रिटी बन गई। वह लोकप्रिय पत्रिकाओं के कवर पर दिखाई देने लगी, उसे महीने की लड़की कहा जाता था। जेसिका ने फिल्म कैरियर जारी रखने का फैसला किया और 1 9 7 9 टेप में "ऑल द जैज़" नामक अभिनय किया। 1 9 80 में, "जीवन की उच्च लागत को कैसे हराया जाए" काम था, जो बहुत सफल नहीं हुआ, लेकिन अभिनेत्री को फिल्म निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करने की इजाजत दी गई। उन्हें फिल्म "द पोस्टमैन ऑलिंग रिंग्स ट्विस" शूट करने के लिए आमंत्रित किया गया था, जहां साइट पर उनके साथी जैक निकोलसन थे। इस नाटकीय भूमिका ने अभिनेत्री को उत्कृष्टता से सफलता प्राप्त की, और उनकी प्रतिभा को अंततः पूर्ण रूप से सराहना की गई। बीस साल में, वह सिनेमा के मान्यता प्राप्त स्टार बन गईं।
अस्सी के दशक में, जेसिका लैंग, फिल्मोग्राफीजो अब तक कई चित्र नहीं थे, वास्तव में मांग में बन गए हैं। 1 9 82 में, तुरंत दो सफल टेप - "फ्रांसिस" और "तुत्सी" गए। सेट पर, जेसिका ने देखा कि उसे पेशेवर ज्ञान की कमी है, इसलिए उसने स्टैनिस्लावस्की प्रणाली और तीसवां दशक के कलाकारों की तकनीक का अध्ययन किया। परिणाम प्रकट होने में धीमे नहीं थे - अभिनेत्री को ऑस्कर के लिए दो बार नामित किया गया था, यह 1 9 43 से पहली बार हुआ था। फिल्म "टुत्सी" में भूमिका जेसिका का एकमात्र रोमांटिक काम था, उसके बाद उसके पास मुश्किल भाग्य वाली कठोर और जिद्दी महिलाओं की छवियां थीं। लोकप्रियता के आगमन के साथ, वह चुन सकती थी कि उसे कहाँ से हटाया जाना था, और निर्देशकों को अपनी शर्तों को निर्धारित किया।
1 99 6 में, जेसिका लैंग छोड़ने वाला थाटेप "ट्राम डिजायर" पर काम पूरा होने के तुरंत बाद छायांकन। लेकिन फिर उसने अपना मन बदल दिया। 1 99 7 में, उनका काम "ए थौसंड एकर्स" फिल्म में दिखाई दिया, और 1 99 8 में वह तीन चित्रों के साथ अपने प्रशंसकों से प्रसन्न थीः "विरासत", "चचेरे भाई बेटा" और "ए स्टोरी फ्रॉम माई चाइल्डहुड"। अगले वर्ष, जेसिका ने "टाइटस - रोम के शासक" नामक एक ऐतिहासिक फिल्म के फिल्मांकन में हिस्सा लिया। नई सहस्राब्दी में, "प्रोजाक राष्ट्र" स्क्रीन पर दिखाई दिया, और ऐसा लगता है कि जेसिका लैंग पूरी तरह से अपनी योजनाओं के बारे में भूल गया। अभिनेत्री का करियर लगातार आगे बढ़ना जारी रखा।
2003 में, स्क्रीन "द शो ऑफ़ द सेंचुरी" जारी की गई थी"सामान्य", लेकिन इस अवधि का मुख्य कार्य टेप "बिग फिश" में भूमिका थी, जिसे सनकी निर्देशक टिम बर्टन ने गोली मार दी थी। इस तथ्य के बावजूद कि जेसिका लैंग की भूमिका बहुत बड़ी नहीं थी, ऐसा लगता है कि इस अभिनेत्री के लिए लिपि के कुछ हिस्से लिखे गए हैं। उसने एक पत्नी की भूमिका निभाई जो अपने पति-एक यात्रा विक्रेता की देखभाल करता है। शायद एक उन्माद पिता की बचपन की यादें जेसिका ने स्क्रीन पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद की। या शायद यह उसकी अभिनय प्रतिभा की शक्ति है। वैसे भी, भूमिका बहुत यादगार बाहर आ गई।
जेसिका लैंग, जिसकी फिल्मोग्राफी सुंदर हैप्रभावशाली, स्क्रीन पर और वर्तमान समय पर प्रकट नहीं होता है। 2004 में, उन्होंने मिनी-सीरीज़ "रेट्रोसेक्सुअलः 80 की" में काम किया, 2005 में उन्होंने "टूटे हुए फूल" और "बिना प्रवेश के प्रवेश" में खेला, साथ ही साथ "लॉसर" नामक एक टेप में भी खेला। 2007 में, स्क्रीन "बोनेविले" और "साइबिल" गईं। 200 9 में, अभिनेत्री ने टेलीविजन फिल्म "ग्रे गार्डन" की फिल्मांकन में हिस्सा लिया। द अमेरिकन हिस्ट्री ऑफ़ हॉरर्स में उनकी आखिरी उल्लेखनीय काम भूमिका थी। 2012 में इस श्रृंखला में उपस्थित होने के लिए, अभिनेत्री को एम्मी मिली। इसके अलावा, 2012 में, वह रोमांटिक फिल्म "द ओथ" में एपिसोडिक भूमिका में दिखाई दी, और 2013 में - "थेरेसा रैकन" नामक फिल्म में।
फिलहाल उसके साथ "प्लेयर" शूटिंग कर रहे हैंभागीदारी, जिसे 2015 में लुभाने की योजना है। इसके अलावा, सनसनीखेज श्रृंखला अभी भी बाहर आ रही है, जिसका मतलब है कि अभिनेत्री नए सीज़न पर काम करने में व्यस्त है। अधिकांश समय, जेसिका थिएटर के मंच पर खर्च करती है, प्रदर्शन पसंद करती है, न कि फिल्में। आप उसे न्यूयॉर्क में अपनी आंखों से अभिनय देख सकते हैं।
जेसिका लैंग के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी, अलेक्जेंड्रा, प्रसिद्ध रूसी नर्तक मिखाइल बरीशिकोव के साथ एक अशांत रोमांस के दौरान एक अभिनेत्री के लिए पैदा हुई थी। नाटककार सैम शेपार्ड के साथ, उनके पास एक लंबा और अधिक स्थिर संबंध है, वे कई सालों से एक साथ रहते हैं। जेसिका लैंग और सैम शेपार्ड के बच्चे - हन्ना और बेटे सैम की बेटी। वे पूरे परिवार के साथ फिल्मांकन से मुक्त एक अभिनेत्री में खेत पर रहते हैं, वह खेती में लगी हुई है।
| जेसिका लेंज : जीवनी, फिल्मोग्राफी और व्यक्तिगत जीवन स्क्रीन पर एक सुंदर गोरा दिखाई दियाबीसवीं शताब्दी के सत्तर के दशक। लेकिन अब भी उनकी भूमिका दुनिया भर के कई प्रशंसकों का ध्यान आकर्षित करती है। ऐसा लगता है कि कुछ दर्जन साल भी अपनी उत्कृष्ट सुंदरता को प्रभावित करने में सक्षम नहीं हुए हैं, और अभिनेता की प्रतिभा बदल गई है, अगर केवल बेहतर के लिए। जेसिका लैंग कैसे सफल हुआ और वह अपने खाली समय में कैसे रहती है? इस और कई अन्य चीजों के बारे में, लेख में पढ़ें। जेसिका Phyllis लैंग क्लोकेट नामक एक शहर में पैदा हुआ था। उसके पिता एक यात्रा विक्रेता थे, इसलिए परिवार लगातार जगह से आगे बढ़ रहा था। अपने बचपन के दौरान, जेसिका ने अठारह अलग-अलग शहरों को बदल दिया। लेकिन स्कूल में लगातार बदलाव ने भी उसे अच्छी तरह से अध्ययन करने से रोका नहीं। अपने खाली समय में लड़की ड्राइंग कर रही थी। उसके पिता बहुत भावनात्मक और सकारात्मक थे। इसने जेसिका के विश्वव्यापी प्रभाव को प्रभावित किया, वह हमेशा महसूस करती थी कि किसी भी समय उसके साथ कुछ अविश्वसनीय हो सकता है। स्कूल से सफलतापूर्वक स्नातक होने के बाद, लड़की को मिनेसोटा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति मिली और पेंटिंग का अध्ययन करने गया। लेकिन जेसिका लैंग बाहर निकलने से पहले एक साल पहले और अमेरिका के चारों ओर यात्रा करने के लिए कलाकार फ्रांसिस्को पैको ग्रांडे के साथ गया। उसे एक युवा स्पैनियर्ड के साथ हिप्पी के जीवन को पसंद नहीं आया, और जल्द ही उसने पेरिस जाने के द्वारा सब कुछ मूल रूप से बदलने का फैसला किया। अमेरिका की यात्रा की शुरूआत से पहले, जेसिका और फ्रांसिस्को का विवाह हो गया था, और हालांकि वे जल्द ही विभाजित हुए, तलाक केवल एक नौ इक्यासी में होगा, और पूर्व पति / पत्नी मौद्रिक मुआवजे के लिए सफल अभिनेत्री पर मुकदमा चलाएगा। पेरिस में, जेसिका लैंग ने अध्ययन करने का फैसला कियाअभिनेता का कौशल, अर्थात् पेंटोमाइम की कला। वह स्कूल गई, जहां उन्होंने प्रसिद्ध माइम एटियेन डे क्रोक्स पढ़ाया। एक प्रतिभाशाली लड़की ने जल्द ही "ओपेरा कॉमेडियन" में प्रदर्शन करना शुरू किया। उनकी उपस्थिति ने फोटोग्राफर और फैशन डिजाइनरों को आकर्षित किया, इसलिए उन्होंने कभी-कभी मॉडल के रूप में काम किया। लेकिन फैशन की दुनिया में काम करना जेसिका लैंग का सपना नहीं है। बोहेमियन कलाकार पको ग्रांडे के साथ व्यक्तिगत जीवन उसके लिए काम नहीं करता था, लेकिन उसने पेरिस में चित्रकला का आनंद लेने से नहीं रोका। वह फिर से ड्राइंग में लौट आई, और तस्वीरें भी लीं। अमेरिका लौटने के कुछ साल बाद मुझे वेट्रेस के रूप में नौकरी मिल गई, नृत्य पाठ और अभिनय कौशल का ख्याल रखा। उन्हें अमेरिकी फैशन एजेंसी में आमंत्रित किया गया था। वहां वहां लैंग ने निर्माता डिनो डी लॉरेनटीस को देखा, जो "किंग काँग" के अनुकूलन के लिए मुख्य पात्र की तलाश में थे। जेसिका की सुंदरता ने तुरंत उसे मोहित किया। डिनो डी लॉरेनटीस ने जेसिका को उनके लिए आमंत्रित कियाफिल्म, और उसने एक डरावनी सुंदरता निभाई, जिसमें एक विशाल बंदर का सामना करना पड़ा। फिल्म आलोचकों की समीक्षा बहुत चापलूसी नहीं थी, लेकिन जेसिका लैंग, जिसकी जीवनी अभी तक उज्ज्वल क्षणों से नहीं बढ़ी थी, अंततः एक असली सेलिब्रिटी बन गई। वह लोकप्रिय पत्रिकाओं के कवर पर दिखाई देने लगी, उसे महीने की लड़की कहा जाता था। जेसिका ने फिल्म कैरियर जारी रखने का फैसला किया और एक नौ सात नौ टेप में "ऑल द जैज़" नामक अभिनय किया। एक नौ अस्सी में, "जीवन की उच्च लागत को कैसे हराया जाए" काम था, जो बहुत सफल नहीं हुआ, लेकिन अभिनेत्री को फिल्म निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करने की इजाजत दी गई। उन्हें फिल्म "द पोस्टमैन ऑलिंग रिंग्स ट्विस" शूट करने के लिए आमंत्रित किया गया था, जहां साइट पर उनके साथी जैक निकोलसन थे। इस नाटकीय भूमिका ने अभिनेत्री को उत्कृष्टता से सफलता प्राप्त की, और उनकी प्रतिभा को अंततः पूर्ण रूप से सराहना की गई। बीस साल में, वह सिनेमा के मान्यता प्राप्त स्टार बन गईं। अस्सी के दशक में, जेसिका लैंग, फिल्मोग्राफीजो अब तक कई चित्र नहीं थे, वास्तव में मांग में बन गए हैं। एक नौ बयासी में, तुरंत दो सफल टेप - "फ्रांसिस" और "तुत्सी" गए। सेट पर, जेसिका ने देखा कि उसे पेशेवर ज्ञान की कमी है, इसलिए उसने स्टैनिस्लावस्की प्रणाली और तीसवां दशक के कलाकारों की तकनीक का अध्ययन किया। परिणाम प्रकट होने में धीमे नहीं थे - अभिनेत्री को ऑस्कर के लिए दो बार नामित किया गया था, यह एक नौ तैंतालीस से पहली बार हुआ था। फिल्म "टुत्सी" में भूमिका जेसिका का एकमात्र रोमांटिक काम था, उसके बाद उसके पास मुश्किल भाग्य वाली कठोर और जिद्दी महिलाओं की छवियां थीं। लोकप्रियता के आगमन के साथ, वह चुन सकती थी कि उसे कहाँ से हटाया जाना था, और निर्देशकों को अपनी शर्तों को निर्धारित किया। एक निन्यानवे छः में, जेसिका लैंग छोड़ने वाला थाटेप "ट्राम डिजायर" पर काम पूरा होने के तुरंत बाद छायांकन। लेकिन फिर उसने अपना मन बदल दिया। एक निन्यानवे सात में, उनका काम "ए थौसंड एकर्स" फिल्म में दिखाई दिया, और एक निन्यानवे आठ में वह तीन चित्रों के साथ अपने प्रशंसकों से प्रसन्न थीः "विरासत", "चचेरे भाई बेटा" और "ए स्टोरी फ्रॉम माई चाइल्डहुड"। अगले वर्ष, जेसिका ने "टाइटस - रोम के शासक" नामक एक ऐतिहासिक फिल्म के फिल्मांकन में हिस्सा लिया। नई सहस्राब्दी में, "प्रोजाक राष्ट्र" स्क्रीन पर दिखाई दिया, और ऐसा लगता है कि जेसिका लैंग पूरी तरह से अपनी योजनाओं के बारे में भूल गया। अभिनेत्री का करियर लगातार आगे बढ़ना जारी रखा। दो हज़ार तीन में, स्क्रीन "द शो ऑफ़ द सेंचुरी" जारी की गई थी"सामान्य", लेकिन इस अवधि का मुख्य कार्य टेप "बिग फिश" में भूमिका थी, जिसे सनकी निर्देशक टिम बर्टन ने गोली मार दी थी। इस तथ्य के बावजूद कि जेसिका लैंग की भूमिका बहुत बड़ी नहीं थी, ऐसा लगता है कि इस अभिनेत्री के लिए लिपि के कुछ हिस्से लिखे गए हैं। उसने एक पत्नी की भूमिका निभाई जो अपने पति-एक यात्रा विक्रेता की देखभाल करता है। शायद एक उन्माद पिता की बचपन की यादें जेसिका ने स्क्रीन पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद की। या शायद यह उसकी अभिनय प्रतिभा की शक्ति है। वैसे भी, भूमिका बहुत यादगार बाहर आ गई। जेसिका लैंग, जिसकी फिल्मोग्राफी सुंदर हैप्रभावशाली, स्क्रीन पर और वर्तमान समय पर प्रकट नहीं होता है। दो हज़ार चार में, उन्होंने मिनी-सीरीज़ "रेट्रोसेक्सुअलः अस्सी की" में काम किया, दो हज़ार पाँच में उन्होंने "टूटे हुए फूल" और "बिना प्रवेश के प्रवेश" में खेला, साथ ही साथ "लॉसर" नामक एक टेप में भी खेला। दो हज़ार सात में, स्क्रीन "बोनेविले" और "साइबिल" गईं। दो सौ नौ में, अभिनेत्री ने टेलीविजन फिल्म "ग्रे गार्डन" की फिल्मांकन में हिस्सा लिया। द अमेरिकन हिस्ट्री ऑफ़ हॉरर्स में उनकी आखिरी उल्लेखनीय काम भूमिका थी। दो हज़ार बारह में इस श्रृंखला में उपस्थित होने के लिए, अभिनेत्री को एम्मी मिली। इसके अलावा, दो हज़ार बारह में, वह रोमांटिक फिल्म "द ओथ" में एपिसोडिक भूमिका में दिखाई दी, और दो हज़ार तेरह में - "थेरेसा रैकन" नामक फिल्म में। फिलहाल उसके साथ "प्लेयर" शूटिंग कर रहे हैंभागीदारी, जिसे दो हज़ार पंद्रह में लुभाने की योजना है। इसके अलावा, सनसनीखेज श्रृंखला अभी भी बाहर आ रही है, जिसका मतलब है कि अभिनेत्री नए सीज़न पर काम करने में व्यस्त है। अधिकांश समय, जेसिका थिएटर के मंच पर खर्च करती है, प्रदर्शन पसंद करती है, न कि फिल्में। आप उसे न्यूयॉर्क में अपनी आंखों से अभिनय देख सकते हैं। जेसिका लैंग के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी, अलेक्जेंड्रा, प्रसिद्ध रूसी नर्तक मिखाइल बरीशिकोव के साथ एक अशांत रोमांस के दौरान एक अभिनेत्री के लिए पैदा हुई थी। नाटककार सैम शेपार्ड के साथ, उनके पास एक लंबा और अधिक स्थिर संबंध है, वे कई सालों से एक साथ रहते हैं। जेसिका लैंग और सैम शेपार्ड के बच्चे - हन्ना और बेटे सैम की बेटी। वे पूरे परिवार के साथ फिल्मांकन से मुक्त एक अभिनेत्री में खेत पर रहते हैं, वह खेती में लगी हुई है। |
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने आज भाजपा के शासनकाल में लाये गये एंटी कन्वर्जन लाॅ को निरस्त कर दिया है. भाजपा के शासनकाल के दौरान लाया गया धर्मांतरण रोधी कानून बहुत ही विवादास्पद था जिसे आज कैबिनेट की बैठक के बाद निरस्त करने का फैसला किया गया.
धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने के लिए अब राज्य सरकार विधानसभा के अगले सत्र में एक विधेयक लायेगी. ज्ञात हो कि विधानसभा का अगला सत्र आगामी तीन जुलाई से शुरू हो रहा है. प्रदेश के कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर चर्चा की और इसे निरस्त करने का फैसला लिया.
ज्ञात हो कि भाजपा सरकार ने कर्नाटक में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक, 2021 या धर्मांतरण विरोधी विधेयक पिछले साल सितंबर में कर्नाटक विधान परिषद से पारित कराया था. यह विधेयक गलत बयानी, जबरदस्ती, धोखाधड़ी, लालच या शादी के माध्यम से एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण पर रोक लगाता है. दोषी पाये जाने पर तीन से पांच वर्ष के जेल की सजा और 25,000 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया था.
ज्ञात हो कि कर्नाटक के अलावा छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे अन्य राज्यों ने भी धर्म परिवर्तन को प्रतिबंधित करने वाले कानून पारित किये हैं. कर्नाटक में धर्मांतरण रोधी कानून के तहत पहला मामला पिछले साल अक्तूबर में दर्ज कराया था. जिसमें एक 24 साल के मुस्लिम युवक पर एक हिंदू महिला से शादी करके उसका धर्मांतरण कराने का आरोप लगा था. दूसरा मामला नवंबर में दर्ज किया गया, जिसमें एक युवक पर मध्यप्रदेश की महिला को प्रताड़ित करने का आरोप था.
| कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने आज भाजपा के शासनकाल में लाये गये एंटी कन्वर्जन लाॅ को निरस्त कर दिया है. भाजपा के शासनकाल के दौरान लाया गया धर्मांतरण रोधी कानून बहुत ही विवादास्पद था जिसे आज कैबिनेट की बैठक के बाद निरस्त करने का फैसला किया गया. धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने के लिए अब राज्य सरकार विधानसभा के अगले सत्र में एक विधेयक लायेगी. ज्ञात हो कि विधानसभा का अगला सत्र आगामी तीन जुलाई से शुरू हो रहा है. प्रदेश के कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर चर्चा की और इसे निरस्त करने का फैसला लिया. ज्ञात हो कि भाजपा सरकार ने कर्नाटक में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक, दो हज़ार इक्कीस या धर्मांतरण विरोधी विधेयक पिछले साल सितंबर में कर्नाटक विधान परिषद से पारित कराया था. यह विधेयक गलत बयानी, जबरदस्ती, धोखाधड़ी, लालच या शादी के माध्यम से एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण पर रोक लगाता है. दोषी पाये जाने पर तीन से पांच वर्ष के जेल की सजा और पच्चीस,शून्य रुपयापये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया था. ज्ञात हो कि कर्नाटक के अलावा छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे अन्य राज्यों ने भी धर्म परिवर्तन को प्रतिबंधित करने वाले कानून पारित किये हैं. कर्नाटक में धर्मांतरण रोधी कानून के तहत पहला मामला पिछले साल अक्तूबर में दर्ज कराया था. जिसमें एक चौबीस साल के मुस्लिम युवक पर एक हिंदू महिला से शादी करके उसका धर्मांतरण कराने का आरोप लगा था. दूसरा मामला नवंबर में दर्ज किया गया, जिसमें एक युवक पर मध्यप्रदेश की महिला को प्रताड़ित करने का आरोप था. |
जीव जंतु से बहुत प्यार करते हैं। उनका इंसानों की तरह ख्याल रखना चाहते हैं। ऐसे निमल्स लवर्स या तो जीव जंतु को पालते हैं या फिर उनका रेस्क्यू कर उन्हें ठीक स्थान पहुंचाते हैं। मगर कुछ लोगों का प्यार एक अलग ही लेवल का होता है। जिसे दर्शाने का उनका अंदाज लोगों को दंग कर जाता है। एक वायरल वीडियो में पानी के जानवर के प्यार में पड़े शख्स ने गहराई में जाकर दिखाया प्यार।
ट्विटर के @LiesZebulon पर शेयर एक वीडियो में एक शख्स मछली को गले लगाकर नाचता दिखा तो लोग देखते ही रह गए। नजारा किसी बड़े एक्वैरियम या फिर वाटर पार्क जैसा लग रहा है जहां ढेरों मछलियों के बीच वह शख्स एक विशाल मछली की बांहों में बाहें डालकर गाने की धुन में मगन दिखाई दिया। वीडियो को करीब 92,000 व्यूज मिल चुके हैं।
शार्क के साथ शख्स का रोमांटिक डांस!
सोशल मीडिया पर लोगों को शार्क के साथ शख्स का डांस बहुत पसंद आ रहा है। जहां शख्स शार्क की बाहों में बाहें डालकर ऐसे नाच रहा था मानों वो कोई जानवर ना होकर उसकी गर्लफ्रेंड या पत्नी हो। मछली पानी के बिना नहीं रह सकती इसलिए शख्स पानी की गहराई में उतरकर उसके साथ डांस करता दिखाई दिया। डांस के दौरान बैकग्राऊंड में बहुत रोमांटिक गाना बज रहा था, जिसे लेकर यूज़र्स ने आश्चर्य भी जताई। कुछ तो पूछ बैठे कि ये स्लो मोशन रोमांटिक सॉन्ग मछली के साथ डांस करते हुए क्यों बजाया रहा है?
डांस का वीडियो किसी एक्वेरियम या वॉटर शो वाली स्थान का लग रहा है। क्योंकि शार्क के साथ नाचते शख्स ने बाकायदा ऑक्सीज़न सिलेंडर और मास्क पहन रखा है। तो वहीं सामने कुछ लोग एक अनोखे डांस शो का आनंद लेते भी दिखाई दे रहे थे। लोगों को शार्क के साथ नाचते शख्स का वीडियो बहुत पसंद आ रहा है। कुछ लोग तो उस आदमी की स्थान स्वयं के होने की ख्वाहिश जाहिर करते ही देखे गए। वीडियो को 92 हज़ार से अधिक व्यूज़ मिले हैं। और 5 हज़ार से अधिक लोगों ने वीडियो लाइक किया है।
| जीव जंतु से बहुत प्यार करते हैं। उनका इंसानों की तरह ख्याल रखना चाहते हैं। ऐसे निमल्स लवर्स या तो जीव जंतु को पालते हैं या फिर उनका रेस्क्यू कर उन्हें ठीक स्थान पहुंचाते हैं। मगर कुछ लोगों का प्यार एक अलग ही लेवल का होता है। जिसे दर्शाने का उनका अंदाज लोगों को दंग कर जाता है। एक वायरल वीडियो में पानी के जानवर के प्यार में पड़े शख्स ने गहराई में जाकर दिखाया प्यार। ट्विटर के @LiesZebulon पर शेयर एक वीडियो में एक शख्स मछली को गले लगाकर नाचता दिखा तो लोग देखते ही रह गए। नजारा किसी बड़े एक्वैरियम या फिर वाटर पार्क जैसा लग रहा है जहां ढेरों मछलियों के बीच वह शख्स एक विशाल मछली की बांहों में बाहें डालकर गाने की धुन में मगन दिखाई दिया। वीडियो को करीब बानवे,शून्य व्यूज मिल चुके हैं। शार्क के साथ शख्स का रोमांटिक डांस! सोशल मीडिया पर लोगों को शार्क के साथ शख्स का डांस बहुत पसंद आ रहा है। जहां शख्स शार्क की बाहों में बाहें डालकर ऐसे नाच रहा था मानों वो कोई जानवर ना होकर उसकी गर्लफ्रेंड या पत्नी हो। मछली पानी के बिना नहीं रह सकती इसलिए शख्स पानी की गहराई में उतरकर उसके साथ डांस करता दिखाई दिया। डांस के दौरान बैकग्राऊंड में बहुत रोमांटिक गाना बज रहा था, जिसे लेकर यूज़र्स ने आश्चर्य भी जताई। कुछ तो पूछ बैठे कि ये स्लो मोशन रोमांटिक सॉन्ग मछली के साथ डांस करते हुए क्यों बजाया रहा है? डांस का वीडियो किसी एक्वेरियम या वॉटर शो वाली स्थान का लग रहा है। क्योंकि शार्क के साथ नाचते शख्स ने बाकायदा ऑक्सीज़न सिलेंडर और मास्क पहन रखा है। तो वहीं सामने कुछ लोग एक अनोखे डांस शो का आनंद लेते भी दिखाई दे रहे थे। लोगों को शार्क के साथ नाचते शख्स का वीडियो बहुत पसंद आ रहा है। कुछ लोग तो उस आदमी की स्थान स्वयं के होने की ख्वाहिश जाहिर करते ही देखे गए। वीडियो को बानवे हज़ार से अधिक व्यूज़ मिले हैं। और पाँच हज़ार से अधिक लोगों ने वीडियो लाइक किया है। |
रूस (Russia) से कच्चा तेल पाकर पाकिस्तान की काफी ज्यादा खुश है। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि रुसी एलपीजी कार्गो का पहला बैच भी मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा के तोरखम बॉर्डर से होता हुआ पाकिस्तान पहुंच गया है। रूस ने ट्रेन से उज्बेकिस्तान में इसकी डिलीवरी की है। इस बात कि जानकारी पाकिस्तान मीडिया कि तरफ से कि गयी है, सूत्रों का कहना है कि 10 एलपीजी टैंकर पाकिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं जबकि अन्य आने वाले हैं। यह 1,10,000 टन एलपीजी का पहला बैच है।
खबर के अनुसार, क्लियरेंस के लिए टैंकरों के काफिले को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर रोका गया। कार्गो उज्बेकिस्तान होते हुए अफगानिस्तान से पाकिस्तान में पहुंचे हैं। पाकिस्तान को ऐसे समय पर रूसी गैस मिली है, जब रविवार को ही रूसी कच्चे तेल की पहली खेप कराची पहुंची है। कराची बंदरगाह पर पहुंचे जहाज में 45,142 मीट्रिक टन रूसी कच्चा तेल था। आर्थिक संकट के चलते पाकिस्तान गंभीर ऊर्जा चुनौतियों का सामना कर रहा है।
गैस के घटते भंडार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में भारी उछाल के बीच पाकिस्तान अपनी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए अब नए रास्ते खोजने में जुटा हुआ है। दुनिया का पांचवां सबसे ज्यादा आबादी वाला देश पाकिस्तान लंबे वक्त से ऊर्जा संकट को झेल रहा है। पाकिस्तान अपने पेट्रोलियम उत्पादों का 84 प्रतिशत आयात करता है, जिनके लिए वह खाड़ी अरब सहयोगियों जैसे सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पर निर्भर है। एनालिटिक्स फर्म Kpler के डेटा के अनुसार, देश ने 2022 में 154,000 बीपीडी तेल का आयात किया।
चीनी मुद्रा में किया भुगतान?
वहीं पाक पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसादिक मलिक ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने चीनी मुद्रा में रियायती रूसी कच्चे तेल का भुगतान किया। खबर के अनुसार, मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने गोपनीयता के मद्देनजर पक्षों की ओर से साइन किए हुए समझौतों के कारण रूस के साथ तेल सौदे की शर्तों की जानकारी देने से इनकार कर दिया।
| रूस से कच्चा तेल पाकर पाकिस्तान की काफी ज्यादा खुश है। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि रुसी एलपीजी कार्गो का पहला बैच भी मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा के तोरखम बॉर्डर से होता हुआ पाकिस्तान पहुंच गया है। रूस ने ट्रेन से उज्बेकिस्तान में इसकी डिलीवरी की है। इस बात कि जानकारी पाकिस्तान मीडिया कि तरफ से कि गयी है, सूत्रों का कहना है कि दस एलपीजी टैंकर पाकिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं जबकि अन्य आने वाले हैं। यह एक,दस,शून्य टन एलपीजी का पहला बैच है। खबर के अनुसार, क्लियरेंस के लिए टैंकरों के काफिले को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर रोका गया। कार्गो उज्बेकिस्तान होते हुए अफगानिस्तान से पाकिस्तान में पहुंचे हैं। पाकिस्तान को ऐसे समय पर रूसी गैस मिली है, जब रविवार को ही रूसी कच्चे तेल की पहली खेप कराची पहुंची है। कराची बंदरगाह पर पहुंचे जहाज में पैंतालीस,एक सौ बयालीस मीट्रिक टन रूसी कच्चा तेल था। आर्थिक संकट के चलते पाकिस्तान गंभीर ऊर्जा चुनौतियों का सामना कर रहा है। गैस के घटते भंडार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में भारी उछाल के बीच पाकिस्तान अपनी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए अब नए रास्ते खोजने में जुटा हुआ है। दुनिया का पांचवां सबसे ज्यादा आबादी वाला देश पाकिस्तान लंबे वक्त से ऊर्जा संकट को झेल रहा है। पाकिस्तान अपने पेट्रोलियम उत्पादों का चौरासी प्रतिशत आयात करता है, जिनके लिए वह खाड़ी अरब सहयोगियों जैसे सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पर निर्भर है। एनालिटिक्स फर्म Kpler के डेटा के अनुसार, देश ने दो हज़ार बाईस में एक सौ चौवन,शून्य बीपीडी तेल का आयात किया। चीनी मुद्रा में किया भुगतान? वहीं पाक पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसादिक मलिक ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने चीनी मुद्रा में रियायती रूसी कच्चे तेल का भुगतान किया। खबर के अनुसार, मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने गोपनीयता के मद्देनजर पक्षों की ओर से साइन किए हुए समझौतों के कारण रूस के साथ तेल सौदे की शर्तों की जानकारी देने से इनकार कर दिया। |
रतन मेत्युपल थाफ एजूकेशन
(१) ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रो का पारिवारिक वातावरण सराव है वह उन्हें मैंग्रेजी पहने अंग्रेजी बोलने और अँग्रेजी में अपने विचार व्यक्त करने के लिये कोई प्रेरणा नही देता ।
(२) ग्रामीण क्षेत्रो मे कार्य करने वाले अँग्रेजी के श्रव्यापक प्रसन्तुष्ट रहते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में किसी प्रकार के प्राइवेट ट्यूशन की सुविधा नहीं है। लड़के गरीब हैं प्रत ट्यूशन कर नहीं सकते ।
(३) ग्रामीण क्षेत्रों में कोई अँग्रेजी पढाने वाला प्रध्यापक रहना पसंद नहीं करता प्रत. वह दिल्ली शहर से प्रतिदिन ५०-६० मोल बग यात्रा तो कर सकता है किन्तु ग्रामीण क्षेत्र मे रहकर अध्यापन कार्य करना पसंद नहीं करता ।
(४) राजकीय विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षायो के लिये अध्यापक वा कोई वित्तीय प्रतिफल नहीं मिलता ।
ऐसे ही अनेक कारण हो सकते हैं जिनकी इस समस्या के मूल मे स्थित माना जा सकता है। इन कारण मूल तत्वो का विश्लेषण करने के बाद समस्या के समाधान हेतु उत उपकल्पनाओं का निर्माण किया जा सकता है जिनका परीक्षण अनुसंधानकर्ता सरलतापूर्वक कर सकना है। समस्या के कारणों का निराकरण करने से समस्या का हल हो सकता है इसलिये क्रियात्मक उपकल्पनाभो में इस बात का उल्लेख होता है कि समस्या के कारणों को किस प्रकार दूर किया
उपरोक्त समस्या के समाधान के लिये निम्नलिखित क्रियात्मक उपकल्पनाथो का निर्माग् किया जा सकता है(१) यदि ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित विद्यालयों के कमजोर छात्रों के लिये छात्रावासो की व्यवस्था की जाय तो उनका अंग्रेजी मे स्तर ऊंचा उठ सकता है ।
(२) यदि ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित विद्यालयों के अग्रेजी के अध्यापकों को उनके प्रति रिक्त परिश्रम द्वारा पच्छे परिणामों के लिये प्रेरणा देने वाले उत्साहवर्धक साधन जुटाये जायें तो अप्रेजी का स्तर ऊंचा उठ सकता है ।
(३) यदि अंग्रेजी के अध्यापको के लिये निःशुल्क आवास का प्रबन्ध किया जाय और रहने की उन्हें मन्य सुविधाएं प्रदान की जाये तो अँग्रेजो का स्तर ऊँचा उठ सकता है ।
(४) यदि राजकीय विद्यालयों में अंग्रेजी के प्रध्यापकों को अतिरिक्त परिश्रम के लिये बुद्ध मावर्षक धनराशि दी जाय अथवा अन्य प्रकार के अन्य प्रलोभन दिये जायें तो छात्रों का अंग्रेजी का स्तर ऊँचा उठ सकता है ।
इन त्रियात्मक उपकल्पनाओं को देखने से पता चलेगा कि उनके दो-दो भाग है - एक पर दूसरा है लक्ष्यात्मक पक्ष प्रत्येक कथन का पूवा कहता है- "यदि ऐसा किया जाय" और उत्तरार्ध बहना है "तो ऐसा होगा ।" वचन वा पूर्वार्द्ध उपकल्पना का त्रियात्मक पक्ष है भोर वथन का उत्तरार्द्ध उपकल्पना का लक्ष्यात्मक पक्ष ।
कियात्मक उपनामे निम्न गुण होने चाहिए :
जो उपना सत्यापनशील हो, जिससे सत्यता और असत्यता को परीक्षा की जा सके, जो विद्यालय के वार्य पर विशेष प्रभाव डाल सके, और जो शब्दमे अभिव्यक्त बोजा मरे और जो उसकी क्षमताओं के अनुकूल हो, जिसका उद्देश्य अनुसंधानकर्ता को पूरी तरह ज्ञात हो जिन्य त्रिया से नदी के बराबर हस्तक्षेप हो, और पूर्व स्थापित सिद्धान्तो द्वारा समर्पित हो वही क्रियात्मक उपरल्पना मच्छी मानी जा सकती।
ऐमी उपाधी वा निर्माण ऐसे व्यक्तियों द्वारा सम्भव है जिनमें सृजनात्मक बना पैन्ट पर गहन अनुभव हो। मनुमधान कर्ता विद्यालय की प्रगति के प्रति उस में होने वाले नये-नये मनुसंधाना में पूर्णत परिचित हो सभी यह मच्छी का निर्माण करता है । | रतन मेत्युपल थाफ एजूकेशन ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रो का पारिवारिक वातावरण सराव है वह उन्हें मैंग्रेजी पहने अंग्रेजी बोलने और अँग्रेजी में अपने विचार व्यक्त करने के लिये कोई प्रेरणा नही देता । ग्रामीण क्षेत्रो मे कार्य करने वाले अँग्रेजी के श्रव्यापक प्रसन्तुष्ट रहते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में किसी प्रकार के प्राइवेट ट्यूशन की सुविधा नहीं है। लड़के गरीब हैं प्रत ट्यूशन कर नहीं सकते । ग्रामीण क्षेत्रों में कोई अँग्रेजी पढाने वाला प्रध्यापक रहना पसंद नहीं करता प्रत. वह दिल्ली शहर से प्रतिदिन पचास-साठ मोल बग यात्रा तो कर सकता है किन्तु ग्रामीण क्षेत्र मे रहकर अध्यापन कार्य करना पसंद नहीं करता । राजकीय विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षायो के लिये अध्यापक वा कोई वित्तीय प्रतिफल नहीं मिलता । ऐसे ही अनेक कारण हो सकते हैं जिनकी इस समस्या के मूल मे स्थित माना जा सकता है। इन कारण मूल तत्वो का विश्लेषण करने के बाद समस्या के समाधान हेतु उत उपकल्पनाओं का निर्माण किया जा सकता है जिनका परीक्षण अनुसंधानकर्ता सरलतापूर्वक कर सकना है। समस्या के कारणों का निराकरण करने से समस्या का हल हो सकता है इसलिये क्रियात्मक उपकल्पनाभो में इस बात का उल्लेख होता है कि समस्या के कारणों को किस प्रकार दूर किया उपरोक्त समस्या के समाधान के लिये निम्नलिखित क्रियात्मक उपकल्पनाथो का निर्माग् किया जा सकता है यदि ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित विद्यालयों के कमजोर छात्रों के लिये छात्रावासो की व्यवस्था की जाय तो उनका अंग्रेजी मे स्तर ऊंचा उठ सकता है । यदि ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित विद्यालयों के अग्रेजी के अध्यापकों को उनके प्रति रिक्त परिश्रम द्वारा पच्छे परिणामों के लिये प्रेरणा देने वाले उत्साहवर्धक साधन जुटाये जायें तो अप्रेजी का स्तर ऊंचा उठ सकता है । यदि अंग्रेजी के अध्यापको के लिये निःशुल्क आवास का प्रबन्ध किया जाय और रहने की उन्हें मन्य सुविधाएं प्रदान की जाये तो अँग्रेजो का स्तर ऊँचा उठ सकता है । यदि राजकीय विद्यालयों में अंग्रेजी के प्रध्यापकों को अतिरिक्त परिश्रम के लिये बुद्ध मावर्षक धनराशि दी जाय अथवा अन्य प्रकार के अन्य प्रलोभन दिये जायें तो छात्रों का अंग्रेजी का स्तर ऊँचा उठ सकता है । इन त्रियात्मक उपकल्पनाओं को देखने से पता चलेगा कि उनके दो-दो भाग है - एक पर दूसरा है लक्ष्यात्मक पक्ष प्रत्येक कथन का पूवा कहता है- "यदि ऐसा किया जाय" और उत्तरार्ध बहना है "तो ऐसा होगा ।" वचन वा पूर्वार्द्ध उपकल्पना का त्रियात्मक पक्ष है भोर वथन का उत्तरार्द्ध उपकल्पना का लक्ष्यात्मक पक्ष । कियात्मक उपनामे निम्न गुण होने चाहिए : जो उपना सत्यापनशील हो, जिससे सत्यता और असत्यता को परीक्षा की जा सके, जो विद्यालय के वार्य पर विशेष प्रभाव डाल सके, और जो शब्दमे अभिव्यक्त बोजा मरे और जो उसकी क्षमताओं के अनुकूल हो, जिसका उद्देश्य अनुसंधानकर्ता को पूरी तरह ज्ञात हो जिन्य त्रिया से नदी के बराबर हस्तक्षेप हो, और पूर्व स्थापित सिद्धान्तो द्वारा समर्पित हो वही क्रियात्मक उपरल्पना मच्छी मानी जा सकती। ऐमी उपाधी वा निर्माण ऐसे व्यक्तियों द्वारा सम्भव है जिनमें सृजनात्मक बना पैन्ट पर गहन अनुभव हो। मनुमधान कर्ता विद्यालय की प्रगति के प्रति उस में होने वाले नये-नये मनुसंधाना में पूर्णत परिचित हो सभी यह मच्छी का निर्माण करता है । |
Dhirendra krishna shastri: इन दिनों बाबा बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra krishna shastri) बिहार के पटना में है। यहां वो नौबतपुर में हनुमंत कथा (Hanumant Katha) कर रहे हैं। अनुमान से कहीं अधिक भक्तों की भीड़ कथा सुनने और पंडित धीरेंद्र शास्त्री को देखने उमड़ रही है। इसे लेकर राजनीति भी काफी हो रही है। एक तरफ जहां भाजपा स्वागत तो दूसरी तरफ कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी उनके विरूद्ध आवाज उठा रही है। शहर में लगे धीरेंद्र शास्त्री के पोस्टरों पर कालिख तक पोती गई। इस बीच झारखंड में कांग्रेस पार्टी विधायक ने बाबा को चैलेंज कर दिया है।
दरअसल झारखंड से कांग्रेस पार्टी विधायक इरफान अंसारी ने बाबा को चैलेंज करते हुए बोला कि मैं बाबा को कहूंगा कि आप कथा के मंच से अल्लाह हू अकबर नारा लगाओ। उन्होंने बोला जैसे इरफार अंसारी जय बजरंग बली का नारा लगाते हैं, ठीक वैसे ही आप अल्लाह हू अकबर या फिर अली का नारा लगाइये।
ये बाबा कहां से आ गया?
विधायक इरफान अंसारी यही नहीं रुके उन्होंने बोला कि उन्हें बाबा शब्द से भी परेशानी हैं। एक बाबा उत्तरप्रदेश में है, अब ये नया बाबा कहां से आ गया है? जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव निकट आएगा, बाबओं की संख्या बढ़ती जाएगी।
गौरलतब है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दौरा जब से प्रस्तावित हुआ है, तभी से इस पर टकराव हो रहा है। एक तरफ तेज प्रताप ने उनके विरूद्ध मोर्चा खोला हुआ है तो वहीं पटना के डाक बंगला चौराहे पर बाबा बागेश्वर धाम के पोस्टरों पर छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। दरअसल यहां बाबा बागेश्वर के पोस्टर पर कालिख पोत दी गई। इतना ही नहीं, पोस्टर पर 420 भी लिख दिया गया है। हालांकि ये हरकत किसने और किसके कहने पर की है। इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है।
| Dhirendra krishna shastri: इन दिनों बाबा बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बिहार के पटना में है। यहां वो नौबतपुर में हनुमंत कथा कर रहे हैं। अनुमान से कहीं अधिक भक्तों की भीड़ कथा सुनने और पंडित धीरेंद्र शास्त्री को देखने उमड़ रही है। इसे लेकर राजनीति भी काफी हो रही है। एक तरफ जहां भाजपा स्वागत तो दूसरी तरफ कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी उनके विरूद्ध आवाज उठा रही है। शहर में लगे धीरेंद्र शास्त्री के पोस्टरों पर कालिख तक पोती गई। इस बीच झारखंड में कांग्रेस पार्टी विधायक ने बाबा को चैलेंज कर दिया है। दरअसल झारखंड से कांग्रेस पार्टी विधायक इरफान अंसारी ने बाबा को चैलेंज करते हुए बोला कि मैं बाबा को कहूंगा कि आप कथा के मंच से अल्लाह हू अकबर नारा लगाओ। उन्होंने बोला जैसे इरफार अंसारी जय बजरंग बली का नारा लगाते हैं, ठीक वैसे ही आप अल्लाह हू अकबर या फिर अली का नारा लगाइये। ये बाबा कहां से आ गया? विधायक इरफान अंसारी यही नहीं रुके उन्होंने बोला कि उन्हें बाबा शब्द से भी परेशानी हैं। एक बाबा उत्तरप्रदेश में है, अब ये नया बाबा कहां से आ गया है? जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव निकट आएगा, बाबओं की संख्या बढ़ती जाएगी। गौरलतब है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दौरा जब से प्रस्तावित हुआ है, तभी से इस पर टकराव हो रहा है। एक तरफ तेज प्रताप ने उनके विरूद्ध मोर्चा खोला हुआ है तो वहीं पटना के डाक बंगला चौराहे पर बाबा बागेश्वर धाम के पोस्टरों पर छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। दरअसल यहां बाबा बागेश्वर के पोस्टर पर कालिख पोत दी गई। इतना ही नहीं, पोस्टर पर चार सौ बीस भी लिख दिया गया है। हालांकि ये हरकत किसने और किसके कहने पर की है। इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है। |
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद हुए बवाल की साजिश के एक मामले में वर्ष 2020 से जेल में बंद पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत देने पर सहमति जताई। बता दें कि केरल के पत्रकार कप्पन पर कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। निचली अदालतों की ओर से बार-बार जमानत से इनकार किया गया था। इसके कारण अक्टूबर 2020 से वह सलाखों के पीछे हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी रखी हैं।
जानकारी के मुताबिक सिद्दीकी कप्पन को सबसे पहले शांति भंग करने की आशंका पर तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन पर देशद्रोह और आतंकवाद विरोधी कानून (यूएपीए) व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के उल्लंघन के आरोप लगाए गए। आपको बता दें कि हाथरस जिले में एक युवती के साथ गैंगरेप की वारदात के बाद बड़ा बवाल हुआ था। गांव पूरा छावनी बन गया था। वहीं कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जांच की प्रगति और अभियोजन की ओर से जुटाई गई सामग्री और तथ्यों पर टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि विवाद उनके खिलाफ आरोप तय करने को लेकर है। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से यह भी पूछा कि वह कौन-सा सबूत है जो बताता है कि वह मामले में शामिल था। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कप्पन को तीन दिन के भीतर निचली अदालत ले जाया जाएगा और जैसा वह उचित शर्तों के साथ जमानत पर रिहा किया जाएगा।
1. कप्पन दिल्ली में जंगपुरा पुलिस के अधिकार क्षेत्र में रहेंगे।
2. कप्पन निचली अदालत की स्पष्ट अनुमति के बिना दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे।
3. कप्पन प्रत्येक सोमवार को स्थानीय पुलिस थाने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और यह शर्त अगले छह सप्ताह के लिए लागू होगी।
4. छह सप्ताह के बाद कप्पन केरल जाने के लिए स्वतंत्र होंगे, लेकिन उन्हें प्रत्येक सोमवार को वहां के स्थानीय पुलिस थाने में रिपोर्ट करनी होगी। साथ ही वहां बनाए गए रजिस्टर में अपनी हाजिरी दर्ज करनी होगी।
5. कप्पन कोर्ट की ओर से दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे और विवाद से जुड़े किसी भी व्यक्ति से संपर्क नहीं करेंगे।
| नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद हुए बवाल की साजिश के एक मामले में वर्ष दो हज़ार बीस से जेल में बंद पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत देने पर सहमति जताई। बता दें कि केरल के पत्रकार कप्पन पर कड़े गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। निचली अदालतों की ओर से बार-बार जमानत से इनकार किया गया था। इसके कारण अक्टूबर दो हज़ार बीस से वह सलाखों के पीछे हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी रखी हैं। जानकारी के मुताबिक सिद्दीकी कप्पन को सबसे पहले शांति भंग करने की आशंका पर तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन पर देशद्रोह और आतंकवाद विरोधी कानून व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के उल्लंघन के आरोप लगाए गए। आपको बता दें कि हाथरस जिले में एक युवती के साथ गैंगरेप की वारदात के बाद बड़ा बवाल हुआ था। गांव पूरा छावनी बन गया था। वहीं कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जांच की प्रगति और अभियोजन की ओर से जुटाई गई सामग्री और तथ्यों पर टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि विवाद उनके खिलाफ आरोप तय करने को लेकर है। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से यह भी पूछा कि वह कौन-सा सबूत है जो बताता है कि वह मामले में शामिल था। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कप्पन को तीन दिन के भीतर निचली अदालत ले जाया जाएगा और जैसा वह उचित शर्तों के साथ जमानत पर रिहा किया जाएगा। एक. कप्पन दिल्ली में जंगपुरा पुलिस के अधिकार क्षेत्र में रहेंगे। दो. कप्पन निचली अदालत की स्पष्ट अनुमति के बिना दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे। तीन. कप्पन प्रत्येक सोमवार को स्थानीय पुलिस थाने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और यह शर्त अगले छह सप्ताह के लिए लागू होगी। चार. छह सप्ताह के बाद कप्पन केरल जाने के लिए स्वतंत्र होंगे, लेकिन उन्हें प्रत्येक सोमवार को वहां के स्थानीय पुलिस थाने में रिपोर्ट करनी होगी। साथ ही वहां बनाए गए रजिस्टर में अपनी हाजिरी दर्ज करनी होगी। पाँच. कप्पन कोर्ट की ओर से दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे और विवाद से जुड़े किसी भी व्यक्ति से संपर्क नहीं करेंगे। |
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक महिला के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
इंदौर(सचिन बहरानी): मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक महिला के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
आपको बता दें पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र के स्कीम नंबर 114 का है। यहां की रहने वाली करुणा शर्मा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। करुणा ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिख कर छोड़ा है जिसमें बीसी और फंड के करोड़ों के लेनदेन का जिक्र है। कुछ समय पूर्व करुणा का इसी फंड को लेकर कुछ लोगों से विवाद भी हुआ था। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि करुणा का पति भिलाई में प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर है। लसूडिया पुलिस ने बताया कि अभी तक फन डोर बीसी के करोड़ों के लेनदेन का मामला सामने आया है। आगे जो तथ्य आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
| मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक महिला के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक महिला के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। आपको बता दें पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र के स्कीम नंबर एक सौ चौदह का है। यहां की रहने वाली करुणा शर्मा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। करुणा ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिख कर छोड़ा है जिसमें बीसी और फंड के करोड़ों के लेनदेन का जिक्र है। कुछ समय पूर्व करुणा का इसी फंड को लेकर कुछ लोगों से विवाद भी हुआ था। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि करुणा का पति भिलाई में प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर है। लसूडिया पुलिस ने बताया कि अभी तक फन डोर बीसी के करोड़ों के लेनदेन का मामला सामने आया है। आगे जो तथ्य आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। |
BAREILLY:
बरेली में कुपोषण के बाद अब दिमागी बुखार ने भी मासूमों को अपना निवाला बनाना शुरू कर दिया है। दिमागी बुखार के फैले खतरे के बीच एक मासूम की तड़पकर मौत हो गई। वेडनसडे शाम को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में इलाज के दौरान दिमागी बुखार से पीडि़त बच्ची ने तकलीफों के बीच अपनी आखिरी सांस ली। बच्ची को तेज बुखार के साथ दिमागी सूजन थी। डॉक्टर्स के मुताबिक उसमें मेनिनजाइटिस के लक्षण मिले थे। वहीं वेडनसडे रात को ही कुपोषण के शिकार एक नवजात की भी बच्चा वार्ड में मौत हो गई। नवजात का वजन बेहद कम था और उसे सांस लेने में भी बेहद तकलीफ हो रही थी। दोनो ही मौतें भमौरा एरिया से जुड़ी हैं।
भमौरा के ब्रह्मापुर निवासी फिरंगी लाल की 8 साल की बेटी नेहा की पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब थी। वेडनसडे को बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर शाम करीब 6 बजे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचे। इमरजेंसी वार्ड में लाई गई बच्ची तेज बुखार के चलते बेहोश थी। ईएमओ ने अपनी जांच में उसके दिमाग में सूजन पाई। बच्चा वार्ड में एडमिट करने पर पीडियाट्रिशियन डॉ। एससी गुप्ता ने बच्ची को गंभीर हालत में देखा। दिमागी बुखार मेनिनजाइटिस के लक्षण मिलने पर आनन-फानन में बच्ची का इलाज शुरू किया गया। लेकिन आधे घंटे में ही मासूम ने दम तोड़ दिया।
बरेली मंडल में कुपोषण से हो रही मासूमों की मौतों में एक और आंकड़ा जुड़ गया है। कुपोषण के चलते महज एक दिन के नवजात की भी बच्चा वार्ड के एनआईसीयू में मौत हो गई। भमौरा के नवदिया में रहने वाले ईश्वर दयाल की वाइफ पुष्पा की ट्यूजडे को डिलीवरी हुई। प्रसूता ने जुड़वा बेटों को जन्म दिया था। लेकिन दोनों ही बच्चे प्री-मेच्योर थे। उनका वजन कम था और कुपोषण के शिकार थे। दोनों ही नवजात की हालत बेहद नाजुक था। परिजन दोनों बच्चों को लेकर बच्चा वार्ड पहुंचे। दोनों मासूमों की हालत गंभीर देख उन्हें एनआईसीयू में एडमिट किया गया। वेडनसडे रात एक नवजात की मौत हो गई। इसके बाद घबराए परिजन दूसरे नवजात को एनआईसीयू से लेकर निजी हॉस्पिटल चले गए।
| BAREILLY: बरेली में कुपोषण के बाद अब दिमागी बुखार ने भी मासूमों को अपना निवाला बनाना शुरू कर दिया है। दिमागी बुखार के फैले खतरे के बीच एक मासूम की तड़पकर मौत हो गई। वेडनसडे शाम को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में इलाज के दौरान दिमागी बुखार से पीडि़त बच्ची ने तकलीफों के बीच अपनी आखिरी सांस ली। बच्ची को तेज बुखार के साथ दिमागी सूजन थी। डॉक्टर्स के मुताबिक उसमें मेनिनजाइटिस के लक्षण मिले थे। वहीं वेडनसडे रात को ही कुपोषण के शिकार एक नवजात की भी बच्चा वार्ड में मौत हो गई। नवजात का वजन बेहद कम था और उसे सांस लेने में भी बेहद तकलीफ हो रही थी। दोनो ही मौतें भमौरा एरिया से जुड़ी हैं। भमौरा के ब्रह्मापुर निवासी फिरंगी लाल की आठ साल की बेटी नेहा की पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब थी। वेडनसडे को बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर शाम करीब छः बजे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचे। इमरजेंसी वार्ड में लाई गई बच्ची तेज बुखार के चलते बेहोश थी। ईएमओ ने अपनी जांच में उसके दिमाग में सूजन पाई। बच्चा वार्ड में एडमिट करने पर पीडियाट्रिशियन डॉ। एससी गुप्ता ने बच्ची को गंभीर हालत में देखा। दिमागी बुखार मेनिनजाइटिस के लक्षण मिलने पर आनन-फानन में बच्ची का इलाज शुरू किया गया। लेकिन आधे घंटे में ही मासूम ने दम तोड़ दिया। बरेली मंडल में कुपोषण से हो रही मासूमों की मौतों में एक और आंकड़ा जुड़ गया है। कुपोषण के चलते महज एक दिन के नवजात की भी बच्चा वार्ड के एनआईसीयू में मौत हो गई। भमौरा के नवदिया में रहने वाले ईश्वर दयाल की वाइफ पुष्पा की ट्यूजडे को डिलीवरी हुई। प्रसूता ने जुड़वा बेटों को जन्म दिया था। लेकिन दोनों ही बच्चे प्री-मेच्योर थे। उनका वजन कम था और कुपोषण के शिकार थे। दोनों ही नवजात की हालत बेहद नाजुक था। परिजन दोनों बच्चों को लेकर बच्चा वार्ड पहुंचे। दोनों मासूमों की हालत गंभीर देख उन्हें एनआईसीयू में एडमिट किया गया। वेडनसडे रात एक नवजात की मौत हो गई। इसके बाद घबराए परिजन दूसरे नवजात को एनआईसीयू से लेकर निजी हॉस्पिटल चले गए। |
केंद्र सरकार ऐसी कई स्कीम्स लेकर लाई हैं, जिनके जरिए एक आम आदमी न सिर्फ देश को चलाने में मदद कर सकता है, बल्कि हर महीने एक अच्छी इनकम भी हासिल कर सकता है। इस खबर में हम आपको ऐसी स्कीम्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप हर महीने 25 हजार रुपए तक कमा सकते हैं।
केंद्र सरकार ने सालों से सरकारी विभागों में पड़ी लाखों फाइलों को डिजिटल रूप देना शुरू कर दिया है। इस काम में आम आदमी की मदद ली जा रही है। डाटा एंट्री के इस काम के लिए आपको . . . . . पर खुद को रजिस्टर करना होगा। इसके बाद आपका काम शुरू। डिजिटाइज इंडिया पर रजिस्टर करने के बाद आपको अपने टास्क करने होंगे। इसमें सामान्य तौर पर स्निेपेट्टस (शब्दों को टुकड़ों में तोड़ा जाता है) होते हैं, जो इमेज फाइल के तौर पर आपके सामने आते हैं। इन्हें आपको कॉलम में टाइप करना होता है। डेटा एंट्री के लिए आपको रिवॉर्ड प्वाइंट्स मिलते हैं। एक रिवॉर्ड प्वाइंट दो पैसे के बराबर होता है। 20 से लेकर 40 वर्ड्स पर मिनट अगर आपकी टाइपिंग स्पीड है, तो आप हर महीने 10 हजार रुपए तक कमा सकेंगे।
सरकार ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट्स में करप्शन को खत्म करने के लिए एक स्कीम शुरू की है। इसके तहत अथॉरिटी 25 हजार रुपए तक इनाम दे रही है। एनएचएआई की वेबसाइट के मुताबिक यह कैश रिवॉर्ड उन लोगों को दिया जाएगा, जो अथॉरिटी में और इसके रोड प्रोजेक्ट्स में किसी भी तरह के करप्शन के मामलों को उजागर करेंगे। आपकी तरफ से की गई करप्शन की शिकायत यदि सही निकलती है, तो आपको कैश रिवॉर्ड दिया जाएगा। यह रिवॉर्ड 5 हजार से लेकर 25 हजार रुपए के बीच दिया जाएगा। करप्शन का मामला जितना गंभीर होगा, इनाम भी उतना बड़ा होगा। शिकायत आपको एनएचएआई के चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) को करनी होगी।
जनधन खातों के साथ मिलने वाले रूपे डेबिट कार्ड के जरिए आप पैसे तो नहीं कमा सकते, लेकिन इससे बचत जरूर कर सकते हैं। सामान्य डेबिट कार्ड के जैसे इस कार्ड पर भी आपको रिवॉर्ड प्वाइंट्स समेत सभी सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन रूपे डेबिट कार्ड से अगर आप यूटिलिटी बिल (बिजली, टेलिफोन और अन्य बिल) भरते हैं, तो आपको हर बिल पर 5 फीसदी कैशबैक मिलता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की वेबसाइट के मुताबिक हर बिल पेमेंट पर 5 फीसदी या अधिकतम 50 रुपए का कैशबैक मिलेगा। जिसे बाद में दूसरे ट्रांजैक्शन के लिए यूज किया जा सकता है।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में युवाओं को भीम ऐप और आधार पे के रेफरल प्रोग्राम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि युवा दूसरों को इन ऐप को रेफर कर प्रति दिन 200 रुपए तक कमा सकते हैं। अगर आप के कहने पर कोई आधार पे ऐप यूज करता है तो आपको 10 रुपए मिलेंगे। कैशबैक स्कीम के तहत मर्चेंट को भीम आधार ऐप पर किए जाने वाले हर एक ट्रांजैक्शन पर कैशबैक मिलेगा। रेफरल बोनस स्कीम के तहत भीएम ऐप रेफर करने वाले मौजूदा यूजर और ऐप एडॉप्ट करने वाले नए यूजर दोनों के अकाउंट में कैश बोनस दिया जाएगा। कैशबैक स्कीम के तहत मर्चेंट को भीम आधार ऐप पर किए जाने वाले हर एक ट्रांजैक्शन पर कैशबैक मिलेगा। यह स्कीम 14 अक्टूबर तक चलेगी।
| केंद्र सरकार ऐसी कई स्कीम्स लेकर लाई हैं, जिनके जरिए एक आम आदमी न सिर्फ देश को चलाने में मदद कर सकता है, बल्कि हर महीने एक अच्छी इनकम भी हासिल कर सकता है। इस खबर में हम आपको ऐसी स्कीम्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप हर महीने पच्चीस हजार रुपए तक कमा सकते हैं। केंद्र सरकार ने सालों से सरकारी विभागों में पड़ी लाखों फाइलों को डिजिटल रूप देना शुरू कर दिया है। इस काम में आम आदमी की मदद ली जा रही है। डाटा एंट्री के इस काम के लिए आपको . . . . . पर खुद को रजिस्टर करना होगा। इसके बाद आपका काम शुरू। डिजिटाइज इंडिया पर रजिस्टर करने के बाद आपको अपने टास्क करने होंगे। इसमें सामान्य तौर पर स्निेपेट्टस होते हैं, जो इमेज फाइल के तौर पर आपके सामने आते हैं। इन्हें आपको कॉलम में टाइप करना होता है। डेटा एंट्री के लिए आपको रिवॉर्ड प्वाइंट्स मिलते हैं। एक रिवॉर्ड प्वाइंट दो पैसे के बराबर होता है। बीस से लेकर चालीस वर्ड्स पर मिनट अगर आपकी टाइपिंग स्पीड है, तो आप हर महीने दस हजार रुपए तक कमा सकेंगे। सरकार ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट्स में करप्शन को खत्म करने के लिए एक स्कीम शुरू की है। इसके तहत अथॉरिटी पच्चीस हजार रुपए तक इनाम दे रही है। एनएचएआई की वेबसाइट के मुताबिक यह कैश रिवॉर्ड उन लोगों को दिया जाएगा, जो अथॉरिटी में और इसके रोड प्रोजेक्ट्स में किसी भी तरह के करप्शन के मामलों को उजागर करेंगे। आपकी तरफ से की गई करप्शन की शिकायत यदि सही निकलती है, तो आपको कैश रिवॉर्ड दिया जाएगा। यह रिवॉर्ड पाँच हजार से लेकर पच्चीस हजार रुपए के बीच दिया जाएगा। करप्शन का मामला जितना गंभीर होगा, इनाम भी उतना बड़ा होगा। शिकायत आपको एनएचएआई के चीफ विजिलेंस ऑफिसर को करनी होगी। जनधन खातों के साथ मिलने वाले रूपे डेबिट कार्ड के जरिए आप पैसे तो नहीं कमा सकते, लेकिन इससे बचत जरूर कर सकते हैं। सामान्य डेबिट कार्ड के जैसे इस कार्ड पर भी आपको रिवॉर्ड प्वाइंट्स समेत सभी सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन रूपे डेबिट कार्ड से अगर आप यूटिलिटी बिल भरते हैं, तो आपको हर बिल पर पाँच फीसदी कैशबैक मिलता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक हर बिल पेमेंट पर पाँच फीसदी या अधिकतम पचास रुपयापए का कैशबैक मिलेगा। जिसे बाद में दूसरे ट्रांजैक्शन के लिए यूज किया जा सकता है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में युवाओं को भीम ऐप और आधार पे के रेफरल प्रोग्राम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि युवा दूसरों को इन ऐप को रेफर कर प्रति दिन दो सौ रुपयापए तक कमा सकते हैं। अगर आप के कहने पर कोई आधार पे ऐप यूज करता है तो आपको दस रुपयापए मिलेंगे। कैशबैक स्कीम के तहत मर्चेंट को भीम आधार ऐप पर किए जाने वाले हर एक ट्रांजैक्शन पर कैशबैक मिलेगा। रेफरल बोनस स्कीम के तहत भीएम ऐप रेफर करने वाले मौजूदा यूजर और ऐप एडॉप्ट करने वाले नए यूजर दोनों के अकाउंट में कैश बोनस दिया जाएगा। कैशबैक स्कीम के तहत मर्चेंट को भीम आधार ऐप पर किए जाने वाले हर एक ट्रांजैक्शन पर कैशबैक मिलेगा। यह स्कीम चौदह अक्टूबर तक चलेगी। |
यह जानकारी मुख्य संसदीय सचिव विनय कुमार ने खेगुआ में उनसे मिलने आए भवाई क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमण्डल को संबोधित करते हुए दी । प्रतिनिधिमण्डल ने भवाई के लिए मॉडल स्कूल स्वीकृत करवाने के लिए आभार व्यक्त किया। सीपीएस ने कहा कि भवाई मॉडल स्कूल को शीघ्र ही क्रियाशील बना दिया जाएगा । इसके अतिरिक्त संगड़ाह में भी मॉडल स्कूल खोला जा रहा है ।
उन्होंने विकास की चर्चा करते हुुए कहा कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल प्रदेश के इतिहास में विकास युग के नाम से जाना जाएगा । उन्होने कहा कि सरकार द्वारा जहां प्रदेश के सभी क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित किया है वहीं पर कर्मचारियों को उनके लाभ समय समय पर प्रदान किए गए । इसके अतिरिक्त अनुबंध कर्मचारियों को 5 वर्ष की बजाए तीन वर्ष में नियमित तथा दिहाड़ीदारो को आठ वर्ष की बजाए 5 वर्ष में नियमित करने के निर्णय से हजारों कर्मचारियों को लाभ मिला है ।
सीपीएस ने कहा कि रेणुका निर्वाचन क्षेत्र के हरिपुरधार में शीघ्र पुलिस चौकी खोल दी जाएगी । इसके अतिरिक्त संगड़ाह में ज्यूडिशियल कोर्ट खोलने की सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी गई है । उन्होने कहा कि बोगधार में पॉलटेकनिकल कॉलेज खोलने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा औपचारिकताऐं पूरी की जा रही है और इस कॉलेज को भी शीघ्र खोल दिया जाएगा ।
उन्होंने बताया कि संगड़ाह में सात करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले मिनी सचिवालय और साढ़े छः करोड़ से निर्मित होने वाले सीएचसी भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है । इसके अतिरिक्त माईना में आईटीआई भवन और 85 लाख की लागत से खेल स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है ।
विनय कुमार ने खेगुआ में जन समस्याओं को सुनते हुए कहा कि सरकार लोगों को स्वच्छ, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है और सरकार द्वारा सभी उपायुक्तों को दूरदराज गांव में शिविर लगाने के निर्देश दिए है ताकि लोगों की समस्याओं का निदान मौके पर हो सके । उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जन समस्याओं को समयबद्ध निपटाने के निर्देश दिए है और अधिकारियों को जन समस्याओं को लंबित रखने के लिए जवाबदेह बनाया गया है ।
| यह जानकारी मुख्य संसदीय सचिव विनय कुमार ने खेगुआ में उनसे मिलने आए भवाई क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमण्डल को संबोधित करते हुए दी । प्रतिनिधिमण्डल ने भवाई के लिए मॉडल स्कूल स्वीकृत करवाने के लिए आभार व्यक्त किया। सीपीएस ने कहा कि भवाई मॉडल स्कूल को शीघ्र ही क्रियाशील बना दिया जाएगा । इसके अतिरिक्त संगड़ाह में भी मॉडल स्कूल खोला जा रहा है । उन्होंने विकास की चर्चा करते हुुए कहा कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल प्रदेश के इतिहास में विकास युग के नाम से जाना जाएगा । उन्होने कहा कि सरकार द्वारा जहां प्रदेश के सभी क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित किया है वहीं पर कर्मचारियों को उनके लाभ समय समय पर प्रदान किए गए । इसके अतिरिक्त अनुबंध कर्मचारियों को पाँच वर्ष की बजाए तीन वर्ष में नियमित तथा दिहाड़ीदारो को आठ वर्ष की बजाए पाँच वर्ष में नियमित करने के निर्णय से हजारों कर्मचारियों को लाभ मिला है । सीपीएस ने कहा कि रेणुका निर्वाचन क्षेत्र के हरिपुरधार में शीघ्र पुलिस चौकी खोल दी जाएगी । इसके अतिरिक्त संगड़ाह में ज्यूडिशियल कोर्ट खोलने की सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी गई है । उन्होने कहा कि बोगधार में पॉलटेकनिकल कॉलेज खोलने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा औपचारिकताऐं पूरी की जा रही है और इस कॉलेज को भी शीघ्र खोल दिया जाएगा । उन्होंने बताया कि संगड़ाह में सात करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले मिनी सचिवालय और साढ़े छः करोड़ से निर्मित होने वाले सीएचसी भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है । इसके अतिरिक्त माईना में आईटीआई भवन और पचासी लाख की लागत से खेल स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है । विनय कुमार ने खेगुआ में जन समस्याओं को सुनते हुए कहा कि सरकार लोगों को स्वच्छ, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है और सरकार द्वारा सभी उपायुक्तों को दूरदराज गांव में शिविर लगाने के निर्देश दिए है ताकि लोगों की समस्याओं का निदान मौके पर हो सके । उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जन समस्याओं को समयबद्ध निपटाने के निर्देश दिए है और अधिकारियों को जन समस्याओं को लंबित रखने के लिए जवाबदेह बनाया गया है । |
गर्मियों में पीले फलों का बहुत महत्व होता है। पीले फलों में विटामिन सी, विटामिन ए, फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और खनिज होते हैं।
पीले फल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। गर्मियों में आपको पीले फल जैसे आम, पपीता, संतरा, खरबूजा, अनानास और केला जरूर खाना चाहिए। पीले फल और सब्जियां भी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। हृदय और मधुमेह के रोगियों को इसे अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए। पीले फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं। गर्मियों में इन फलों का सेवन आपको अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए करना चाहिए। आइए जानते हैं गर्मियों में कौन से पीले फल आते हैं और क्या हैं इसके फायदे?
1- आम- गर्मी आते ही लोग आम का इंतजार करने लगते हैं। गर्मियों में आपको खाने के लिए बहुत कुछ मिल जाएगा। फलों का राजा आम जितना रसीला और मीठा होता है उतना ही इसके फायदे भी होते हैं। आम में विटामिन सी पाया जाता है। आम खाने से आंख, त्वचा, कोलेस्ट्रॉल, पाचन और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है। गर्मियों में आम जरूर खाना चाहिए।
2- केला- केला एक ऐसा फल है जो हर मौसम में पाया जाता है। केले विटामिन ए, बी, सी, ई, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। इसमें अमीनो एसिड होता है, जो एलर्जी से बचाता है। केले में विटामिन बी6 होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है।
3- अनानस- अनानस में पोटेशियम और कई अन्य आवश्यक एंजाइम होते हैं। इससे ब्लोटिंग की समस्या कम होती है। अनानास शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसे खाने से आंखों की चमक बढ़ती है और मोतियाबिंद का खतरा कम होता है।
4- संतरा- संतरा खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी मिलता है। संतरे में भी अच्छी मात्रा में फाइबर होता है। संतरा कैल्शियम और विटामिन का भी अच्छा स्रोत है। संतरा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। वजन कम करने के लिए आपको संतरा भी खाना चाहिए। सर्दी-जुकाम से राहत पाने के लिए भी संतरे का सेवन करना चाहिए।
5- पपीता- गर्मियों में पपीते को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें. पपीते में विटामिन सी और विटामिन ए पाया जाता है। इससे आंखें और इम्यून सिस्टम दोनों मजबूत होते हैं। पपीता खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है, जो पेट और पाचन को अच्छा रखने में मदद करता है। वजन घटाने के लिए भी पपीता एक अच्छा फल है।
| गर्मियों में पीले फलों का बहुत महत्व होता है। पीले फलों में विटामिन सी, विटामिन ए, फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और खनिज होते हैं। पीले फल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। गर्मियों में आपको पीले फल जैसे आम, पपीता, संतरा, खरबूजा, अनानास और केला जरूर खाना चाहिए। पीले फल और सब्जियां भी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। हृदय और मधुमेह के रोगियों को इसे अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए। पीले फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं। गर्मियों में इन फलों का सेवन आपको अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए करना चाहिए। आइए जानते हैं गर्मियों में कौन से पीले फल आते हैं और क्या हैं इसके फायदे? एक- आम- गर्मी आते ही लोग आम का इंतजार करने लगते हैं। गर्मियों में आपको खाने के लिए बहुत कुछ मिल जाएगा। फलों का राजा आम जितना रसीला और मीठा होता है उतना ही इसके फायदे भी होते हैं। आम में विटामिन सी पाया जाता है। आम खाने से आंख, त्वचा, कोलेस्ट्रॉल, पाचन और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है। गर्मियों में आम जरूर खाना चाहिए। दो- केला- केला एक ऐसा फल है जो हर मौसम में पाया जाता है। केले विटामिन ए, बी, सी, ई, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। इसमें अमीनो एसिड होता है, जो एलर्जी से बचाता है। केले में विटामिन बीछः होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है। तीन- अनानस- अनानस में पोटेशियम और कई अन्य आवश्यक एंजाइम होते हैं। इससे ब्लोटिंग की समस्या कम होती है। अनानास शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसे खाने से आंखों की चमक बढ़ती है और मोतियाबिंद का खतरा कम होता है। चार- संतरा- संतरा खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी मिलता है। संतरे में भी अच्छी मात्रा में फाइबर होता है। संतरा कैल्शियम और विटामिन का भी अच्छा स्रोत है। संतरा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। वजन कम करने के लिए आपको संतरा भी खाना चाहिए। सर्दी-जुकाम से राहत पाने के लिए भी संतरे का सेवन करना चाहिए। पाँच- पपीता- गर्मियों में पपीते को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें. पपीते में विटामिन सी और विटामिन ए पाया जाता है। इससे आंखें और इम्यून सिस्टम दोनों मजबूत होते हैं। पपीता खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है, जो पेट और पाचन को अच्छा रखने में मदद करता है। वजन घटाने के लिए भी पपीता एक अच्छा फल है। |
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