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UP Temperature Started Rising Once Again : बारिश न होने की वजह से यूपी का तापमान एक बार फिर से बढ़ने लगा है। रविवार को आगरा यूपी का दूसरा सबसे गर्म शहर रिकॉर्ड हुआ। यहां का तापमान 40. 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। बांदा 41. 4 डिग्री सेल्सियस के साथ यूपी में सबसे अधिक तपा। तीसरा सबसे गर्म शहर कानपुर रहा, जहां पारा 40. 7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। ( UP Temperature Started Rising Once Again)
अभी और चढ़ेगा पारा ( UP Temperature Started Rising Once Again)
मौसम विज्ञानी के मुताबिक, जब पारा 40 डिग्री के पार जाता है, तब लू की स्थिति बनती है। बारिश न होने तक गर्मी का पारा अभी और चढ़ने के आसार हैं। हालांकि, बादलों की आवाजाही की वजह से पारे में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। गर्मी बढ़ने से रविवार को कानपुर में सड़कें तक खाली देखी गईं।
2 दिनों में राहत की उम्मीद ( UP Temperature Started Rising Once Again)
सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि बारिश न होने की वजह से मैक्सिमम टेंप्रेचर 40 और मिनिमम टेंप्रेचर 30 डिग्री सेल्सियस के आस-पास बना रहेगा। बारिश से ही लोगों को राहत मिल सकती है। अभी 48 घंटे तक गर्मी और उमस लोगों को परेशान करती रहेगी। उम्मीद है कि 28 जून तक यूपी में मानसून आ जाएगा।
( UP Temperature Started Rising Once Again)
| UP Temperature Started Rising Once Again : बारिश न होने की वजह से यूपी का तापमान एक बार फिर से बढ़ने लगा है। रविवार को आगरा यूपी का दूसरा सबसे गर्म शहर रिकॉर्ड हुआ। यहां का तापमान चालीस. नौ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। बांदा इकतालीस. चार डिग्री सेल्सियस के साथ यूपी में सबसे अधिक तपा। तीसरा सबसे गर्म शहर कानपुर रहा, जहां पारा चालीस. सात डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। अभी और चढ़ेगा पारा मौसम विज्ञानी के मुताबिक, जब पारा चालीस डिग्री के पार जाता है, तब लू की स्थिति बनती है। बारिश न होने तक गर्मी का पारा अभी और चढ़ने के आसार हैं। हालांकि, बादलों की आवाजाही की वजह से पारे में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। गर्मी बढ़ने से रविवार को कानपुर में सड़कें तक खाली देखी गईं। दो दिनों में राहत की उम्मीद सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि बारिश न होने की वजह से मैक्सिमम टेंप्रेचर चालीस और मिनिमम टेंप्रेचर तीस डिग्री सेल्सियस के आस-पास बना रहेगा। बारिश से ही लोगों को राहत मिल सकती है। अभी अड़तालीस घंटाटे तक गर्मी और उमस लोगों को परेशान करती रहेगी। उम्मीद है कि अट्ठाईस जून तक यूपी में मानसून आ जाएगा। |
वाराणसी को स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस अवार्ड से नवाजा गया है। इस बीच वहां वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ० डी वासुदेवन ने अवार्ड समारोह में वाराणसी का प्रतिनिधित्व किया है।
वाराणसीः किसी शहर के स्वास्थ्य का परीक्षण करना हो तो वहाँ के म्युनिस्पल कॉर्पोरशन यानी नगर निगम के कार्यो की नब्ज़ टटोलना पड़ता है। स्कॉच संस्था ने पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दिल की धड़कन नगर निगम और वाराणसी स्मार्ट सिटी को गुड गवर्नेस के लिए 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' अवार्ड से नवाजा है। जबकि "म्युनिसिपल रैंकिंग 2021" उत्तर प्रदेश टॉप तीन की सूचि में शामिल हुआ है। स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक डॉ डी वासुदेवन ने दिल्ली में इस अवॉर्ड को ग्रहण किया। स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट 2021' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में "म्युनिसिपल रैंकिंग 2021" जारी की गयी है।
काशी के विकास को आज पूरे देश में मॉडल के रूप में देखा जाने लगा है ,इसमें नगर निगम और वाराणसी स्मार्ट सिटी की अहम भूमिका मानी जाती है। आम तौर पर आम नागरिक का वास्ता हर कदम पर नगर निगम से पड़ता है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नगर निगम आम नागरिक के उम्मीदों पर खरा उतरा है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मूलभूत सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने का काम योगी सरकार ने बखूबी निभाया है। इसका सबूत है 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' है।
'स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट 2021' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में "म्युनिसिपल रैंकिंग 2021" जारी की गयी है जिसमें वाराणसी नगर को प्रथम स्थान,थाने (महाराष्ट्र) एवं बिधाननगर (पश्चिम बंगाल) संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान पर एवं वापी(गुजरात) तथा चेन्नई (तमिलनाडु) को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। "म्युनिसिपल रैंकिंग 2021" की राज्यवार श्रेणी में देश भर में उत्तर प्रदेश टॉप थ्री लिस्ट में शामिल हैं।
वाराणसी को 'स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट 2021' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के फलस्वरूप, 'इंडिया गवर्नेंस फोरम' में वाराणसी को 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' से सम्मानित किया गया। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ० डी वासुदेवन,अवार्ड समारोह में वाराणसी का प्रतिनिधित्व किया है।
| वाराणसी को स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस अवार्ड से नवाजा गया है। इस बीच वहां वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉशून्य डी वासुदेवन ने अवार्ड समारोह में वाराणसी का प्रतिनिधित्व किया है। वाराणसीः किसी शहर के स्वास्थ्य का परीक्षण करना हो तो वहाँ के म्युनिस्पल कॉर्पोरशन यानी नगर निगम के कार्यो की नब्ज़ टटोलना पड़ता है। स्कॉच संस्था ने पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दिल की धड़कन नगर निगम और वाराणसी स्मार्ट सिटी को गुड गवर्नेस के लिए 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' अवार्ड से नवाजा है। जबकि "म्युनिसिपल रैंकिंग दो हज़ार इक्कीस" उत्तर प्रदेश टॉप तीन की सूचि में शामिल हुआ है। स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक डॉ डी वासुदेवन ने दिल्ली में इस अवॉर्ड को ग्रहण किया। स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट दो हज़ार इक्कीस' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में "म्युनिसिपल रैंकिंग दो हज़ार इक्कीस" जारी की गयी है। काशी के विकास को आज पूरे देश में मॉडल के रूप में देखा जाने लगा है ,इसमें नगर निगम और वाराणसी स्मार्ट सिटी की अहम भूमिका मानी जाती है। आम तौर पर आम नागरिक का वास्ता हर कदम पर नगर निगम से पड़ता है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नगर निगम आम नागरिक के उम्मीदों पर खरा उतरा है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मूलभूत सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने का काम योगी सरकार ने बखूबी निभाया है। इसका सबूत है 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' है। 'स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट दो हज़ार इक्कीस' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में "म्युनिसिपल रैंकिंग दो हज़ार इक्कीस" जारी की गयी है जिसमें वाराणसी नगर को प्रथम स्थान,थाने एवं बिधाननगर संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान पर एवं वापी तथा चेन्नई को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। "म्युनिसिपल रैंकिंग दो हज़ार इक्कीस" की राज्यवार श्रेणी में देश भर में उत्तर प्रदेश टॉप थ्री लिस्ट में शामिल हैं। वाराणसी को 'स्कॉच स्टेट ऑफ गवर्नेंस रिपोर्ट दो हज़ार इक्कीस' में राष्ट्रीय स्तर पर नगर प्रशासन श्रेणी में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के फलस्वरूप, 'इंडिया गवर्नेंस फोरम' में वाराणसी को 'स्टार ऑफ गवर्नेंस-स्कॉच अवार्ड इन म्युनिसिपल गवर्नेंस' से सम्मानित किया गया। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉशून्य डी वासुदेवन,अवार्ड समारोह में वाराणसी का प्रतिनिधित्व किया है। |
. सबसे पहले आंवला, शिकाकाई और रीठा के 8-10 टुकड़े लें।
. अब एक बाउल में पानी और ये तीनों चीजें मिलाकर रातभर भिगोएं।
. सुबह इसमें थोड़ा पानी और मिलाएं।
. अब पैन में डालकर एक उबालें।
. अच्छे से उबलने के बाद इसे ठंडा होने दें।
. मिश्रण के रूम टेंपरेचर पर आते ही इसे मैश करें।
. इसका पल्प निकाल दें और अच्छे से मिलाएं।
. अब इसे छान लें।
. लीजिए आपका होममेड हर्बल शैंपू बनकर तैयार है।
नोट- आप इसमें आंवला, रीठा और शिकाकाई का पाउडर भी मिला सकती है।
. बालों को हल्का गीला करके शैंपू से मसाज करें।
. बाद में ताजे या गुनगुने पानी से धो लें।
आप इसे अपने रोजाना शैंपू की जगह इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर आप डैंड्रफ से परेशान है तो गुनगुना पानी इस्तेमाल करने से बचें।
आंवला पोषक तत्व, एंटी-ऑक्सीडेंट्स व औषधीय गुणों से भरपूर होता है। ये बालों की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। इसके साथ रूखे-बेजान बालों को रिपेयर करने में मदद करते हैं। इसतरह बालों को जड़ों से पोषण मिलने से तेजी से बढ़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा आंवला बालों को काला व घना बनाने में मदद करता है।
रीठा आयरन से भरपूर होता है जो बालों को स्वस्थ रखने में मुख्य भूमिका निभाता है। यह बालों को पोषित करके उसे तेजी से बढ़ने में मदद करता है। इसके साथ ही इससे बालों को सभी जरूरी एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी मिलते हैं।
शिकाकाई में मौजूद तत्व आंवला और रीठा की गुडनेस को ऑब्जर्व करने की क्षमता रखते हैं। यह स्कैल्प की अच्छे से सफाई करके उसे लंबा, घना, काला, मुलायम व हैल्दी बनाएं रखने में मदद करता है।
| . सबसे पहले आंवला, शिकाकाई और रीठा के आठ-दस टुकड़े लें। . अब एक बाउल में पानी और ये तीनों चीजें मिलाकर रातभर भिगोएं। . सुबह इसमें थोड़ा पानी और मिलाएं। . अब पैन में डालकर एक उबालें। . अच्छे से उबलने के बाद इसे ठंडा होने दें। . मिश्रण के रूम टेंपरेचर पर आते ही इसे मैश करें। . इसका पल्प निकाल दें और अच्छे से मिलाएं। . अब इसे छान लें। . लीजिए आपका होममेड हर्बल शैंपू बनकर तैयार है। नोट- आप इसमें आंवला, रीठा और शिकाकाई का पाउडर भी मिला सकती है। . बालों को हल्का गीला करके शैंपू से मसाज करें। . बाद में ताजे या गुनगुने पानी से धो लें। आप इसे अपने रोजाना शैंपू की जगह इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। अगर आप डैंड्रफ से परेशान है तो गुनगुना पानी इस्तेमाल करने से बचें। आंवला पोषक तत्व, एंटी-ऑक्सीडेंट्स व औषधीय गुणों से भरपूर होता है। ये बालों की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। इसके साथ रूखे-बेजान बालों को रिपेयर करने में मदद करते हैं। इसतरह बालों को जड़ों से पोषण मिलने से तेजी से बढ़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा आंवला बालों को काला व घना बनाने में मदद करता है। रीठा आयरन से भरपूर होता है जो बालों को स्वस्थ रखने में मुख्य भूमिका निभाता है। यह बालों को पोषित करके उसे तेजी से बढ़ने में मदद करता है। इसके साथ ही इससे बालों को सभी जरूरी एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी मिलते हैं। शिकाकाई में मौजूद तत्व आंवला और रीठा की गुडनेस को ऑब्जर्व करने की क्षमता रखते हैं। यह स्कैल्प की अच्छे से सफाई करके उसे लंबा, घना, काला, मुलायम व हैल्दी बनाएं रखने में मदद करता है। |
गुवाहाटी। तेज गेंदबाज अनुरीत सिंह की कसी हुई गेंदबाजी के दम पर रेलवे ने शुक्रवार को यहां असम को केवल 55 रन पर ढेर करके रणजी ट्रॉफी ग्रुप 'ए' क्रिकेट मैच में पारी और 184 रन से जीत दर्ज की।
असम की हार गुरुवार को ही तय हो गई थी और शुक्रवार को उसने जब 7 विकेट पर 41 रनों से अपनी पारी आगे बढ़ाई तो बाकी बचे 3 विकेट भी जल्द गंवा दिए। उसकी तरफ से केवल विकेटकीपर बल्लेबाज कुणाल सैकिया (16) ही दोहरे अंक में पहुंचे।
अनुरीत सिंह ने बाकी बचे 3 में से 2 विकेट लिए और इस तरह से पारी में 28 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। दीपक बंसल और अमित मिश्रा ने 2-2 विकेट लिए। असम ने अपनी पहली पारी में 244 रन बनाए थे जिसके जवाब में रेलवे ने अपनी पारी 7 विकेट पर 483 रन बनाकर समाप्त घोषित की थी।
रेलवे की यह 3 मैचों में दूसरी जीत है और उसके अब 13 अंक हो गए हैं। असम को दूसरी हार का सामना करना पड़ा और उसके अब 3 मैचों में केवल 1 अंक है। (भाषा)
| गुवाहाटी। तेज गेंदबाज अनुरीत सिंह की कसी हुई गेंदबाजी के दम पर रेलवे ने शुक्रवार को यहां असम को केवल पचपन रन पर ढेर करके रणजी ट्रॉफी ग्रुप 'ए' क्रिकेट मैच में पारी और एक सौ चौरासी रन से जीत दर्ज की। असम की हार गुरुवार को ही तय हो गई थी और शुक्रवार को उसने जब सात विकेट पर इकतालीस रनों से अपनी पारी आगे बढ़ाई तो बाकी बचे तीन विकेट भी जल्द गंवा दिए। उसकी तरफ से केवल विकेटकीपर बल्लेबाज कुणाल सैकिया ही दोहरे अंक में पहुंचे। अनुरीत सिंह ने बाकी बचे तीन में से दो विकेट लिए और इस तरह से पारी में अट्ठाईस रन देकर पाँच विकेट हासिल किए। दीपक बंसल और अमित मिश्रा ने दो-दो विकेट लिए। असम ने अपनी पहली पारी में दो सौ चौंतालीस रन बनाए थे जिसके जवाब में रेलवे ने अपनी पारी सात विकेट पर चार सौ तिरासी रन बनाकर समाप्त घोषित की थी। रेलवे की यह तीन मैचों में दूसरी जीत है और उसके अब तेरह अंक हो गए हैं। असम को दूसरी हार का सामना करना पड़ा और उसके अब तीन मैचों में केवल एक अंक है। |
नई दिल्लीः हीरो स्प्लेंडर प्लस बाइक को गांव से लेकर शहरों तक खूब पसंद किया जाता है, जिसकी खरीदारी को लोग घरों से बाहर निकलते हैं। अगर आप हीरो स्प्लेंडर प्लस की खरीदारी करने का प्लान बना रहे हैं तो फिर बिल्कुल भी देर नहीं करें। मार्केट में इन दिनों धाकड़ वेरिएंट को खूब पसंद किया जा रहा है, जिसे आप कम कीमत में खरीदकर घर ला सकते हैं।
यह बाइक हीरो स्प्लेंडर प्लस 100cc है, जिसका माइलेज और लुक भी एकदम फाड़ू है। कंपनी की ओर से सेल बढ़ाने के लिए अब इस पर फाइनेंस प्लान दिया जा रहा है, जिसे कम कीमत खर्च कर घर ला सकते हैं। आपने खरीदारी का अवसर हाथ से निकाला तो फिर पछतावा करना होगा। फाइनेंस प्लान की डिटेल जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल ध्यान से पढ़ने की जरूरत होगी।
देश की बड़ी टू-व्हीलर कंपनियों में गिने जाने हीरो कंपनी अपनी स्प्लेंडर प्लस 100cc को मार्केट में खूब बेच रही है, जिसपर फाइनेंस प्लान भी दे रही है। अगर आप खरीदारी करना चाहते हैं तो वैसे शोरूम में हीरो स्प्लेंडर प्लस का प्राइस 70,658 रुपये से शउरू होकर ऑन रोड तक 85,098 रुपये तक तय किया गया है। वहीं, इसके फीचर्स की बात करें तो सबसे अलग हैं, जो लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं।
बाइक में 97.2cc का 4 स्ट्रोक, एयर कूल्ड तकनीक पर आधारित सिंगल सिलेंडर इंजन शामिल किया गया है। इंजन 8.02 ps की अधिकतम पावर और 8.05 Nm का पीक टॉर्क पैदा करने में सफल है। बाइक के इंजन के साथ 4 स्पीड गियरबॉक्स शामिल किया गया है। इसके माइलेज की बात करें तो 83 किलोमीटर का प्रति लीटर देती है। इसे कंपनी द्वारा प्रमाणित किया गया है।
हीरो स्प्लेंडर प्लस 100cc को आप बहुत कम में खरीदकर घर ला सकते हैं। बाइक को फाइनेंस प्लान पर खरीदते हैं तो आपको 76,098 रुपये का लोन मिल रहा है। खरीदने के लिए आपको 9,000 रुपये डाउन पेमेंट करनी होगी। इसके बाद आपको तीन साल तक हर महीना 2,445 रुपये मंथली ईएमआई भरनी होगी। लोन चुकाने के साथ 9.7 फीसदी सालाना दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।
| नई दिल्लीः हीरो स्प्लेंडर प्लस बाइक को गांव से लेकर शहरों तक खूब पसंद किया जाता है, जिसकी खरीदारी को लोग घरों से बाहर निकलते हैं। अगर आप हीरो स्प्लेंडर प्लस की खरीदारी करने का प्लान बना रहे हैं तो फिर बिल्कुल भी देर नहीं करें। मार्केट में इन दिनों धाकड़ वेरिएंट को खूब पसंद किया जा रहा है, जिसे आप कम कीमत में खरीदकर घर ला सकते हैं। यह बाइक हीरो स्प्लेंडर प्लस एक सौcc है, जिसका माइलेज और लुक भी एकदम फाड़ू है। कंपनी की ओर से सेल बढ़ाने के लिए अब इस पर फाइनेंस प्लान दिया जा रहा है, जिसे कम कीमत खर्च कर घर ला सकते हैं। आपने खरीदारी का अवसर हाथ से निकाला तो फिर पछतावा करना होगा। फाइनेंस प्लान की डिटेल जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल ध्यान से पढ़ने की जरूरत होगी। देश की बड़ी टू-व्हीलर कंपनियों में गिने जाने हीरो कंपनी अपनी स्प्लेंडर प्लस एक सौcc को मार्केट में खूब बेच रही है, जिसपर फाइनेंस प्लान भी दे रही है। अगर आप खरीदारी करना चाहते हैं तो वैसे शोरूम में हीरो स्प्लेंडर प्लस का प्राइस सत्तर,छः सौ अट्ठावन रुपयापये से शउरू होकर ऑन रोड तक पचासी,अट्ठानवे रुपयापये तक तय किया गया है। वहीं, इसके फीचर्स की बात करें तो सबसे अलग हैं, जो लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। बाइक में सत्तानवे.दोcc का चार स्ट्रोक, एयर कूल्ड तकनीक पर आधारित सिंगल सिलेंडर इंजन शामिल किया गया है। इंजन आठ.दो ps की अधिकतम पावर और आठ.पाँच Nm का पीक टॉर्क पैदा करने में सफल है। बाइक के इंजन के साथ चार स्पीड गियरबॉक्स शामिल किया गया है। इसके माइलेज की बात करें तो तिरासी किलोग्राममीटर का प्रति लीटर देती है। इसे कंपनी द्वारा प्रमाणित किया गया है। हीरो स्प्लेंडर प्लस एक सौcc को आप बहुत कम में खरीदकर घर ला सकते हैं। बाइक को फाइनेंस प्लान पर खरीदते हैं तो आपको छिहत्तर,अट्ठानवे रुपयापये का लोन मिल रहा है। खरीदने के लिए आपको नौ,शून्य रुपयापये डाउन पेमेंट करनी होगी। इसके बाद आपको तीन साल तक हर महीना दो,चार सौ पैंतालीस रुपयापये मंथली ईएमआई भरनी होगी। लोन चुकाने के साथ नौ.सात फीसदी सालाना दर से ब्याज का भुगतान करना होगा। |
RBI Withdraws Rs 2000 Note: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दो हजार के नोट को वापस लेने के फैसले पर देश में राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस समेत अन्य कई विपक्षी दल इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, तो वहीं पलटवार करते हुए भाजपा ने यह आरोप लगाया है कि हताश और मुद्दाविहीन विपक्ष आरबीआई के फैसले को लेकर लोगों में डर का माहौल पैदा कर रहा है. भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने विपक्षी दलों द्वारा की जा रही आलोचना पर पलटवार करते अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश में नोटों को जारी करने और वापस लेने की अतीत में कई मिसालें हैं और यह कोई पहली बार नहीं हुआ है.
जब आरबीआई दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने का निर्णय लेता है तो हताश और मुद्दाविहीन विपक्ष आरबीआई के फैसले को लेकर लोगों में उसी तरह से डर का माहौल पैदा कर रहा है जैसा उसने कोविड महामारी के संकट काल में किया था. मालवीय ने आरोप लगाया कि कोविड महामारी के संकट काल में भी विपक्षी दलों ने कोविड वैक्सीन को लेकर डर का माहौल बनाने की कोशिश की थी। मालवीय ने दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने के आरबीआई के फैसले से जुड़े कई तथ्यों को शेयर करते हुए यह बताया कि यह फैसला आरबीआई की 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत लिया गया है. यह भी पढ़ेः RBI Withdraws Rs 2000 Note: 2 हजार के नोट वापस लेने के फैसले पर विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार, कांग्रेस ने कहा- 'पहले करते हैं, फिर सोचते हैं'
उन्होंने आगे कहा कि यह करेंसी स्ट्रक्च र को युक्तिसंगत बनाने और कम मूल्य के नोटों की उपलब्धता में सुधार करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। और यह आरबीआई द्वारा अपनाई जाने वाली एक सामान्य प्रथा है। साल 2013-14 में भी आरबीआई ने ऐसा ही किया था।
अमित मालवीय ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यह देखा गया है कि दो हजार रुपये के नोट का उपयोग आमतौर पर लेनदेन के लिए नहीं किया जाता है। उन्होंने देश में यूपीआई और डिजिटल पेमेंट के इस्तेमाल के बढ़ने की बात कहते हुए आरबीआई द्वारा दो हजार रुपये के नोट को लेकर की गई कई महत्वपूर्ण घोषणाओं का भी जिक्र किया जिससे लोगों को सुविधा होगी.
| RBI Withdraws दो हज़ार रुपया Note: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दो हजार के नोट को वापस लेने के फैसले पर देश में राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस समेत अन्य कई विपक्षी दल इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं, तो वहीं पलटवार करते हुए भाजपा ने यह आरोप लगाया है कि हताश और मुद्दाविहीन विपक्ष आरबीआई के फैसले को लेकर लोगों में डर का माहौल पैदा कर रहा है. भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने विपक्षी दलों द्वारा की जा रही आलोचना पर पलटवार करते अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश में नोटों को जारी करने और वापस लेने की अतीत में कई मिसालें हैं और यह कोई पहली बार नहीं हुआ है. जब आरबीआई दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने का निर्णय लेता है तो हताश और मुद्दाविहीन विपक्ष आरबीआई के फैसले को लेकर लोगों में उसी तरह से डर का माहौल पैदा कर रहा है जैसा उसने कोविड महामारी के संकट काल में किया था. मालवीय ने आरोप लगाया कि कोविड महामारी के संकट काल में भी विपक्षी दलों ने कोविड वैक्सीन को लेकर डर का माहौल बनाने की कोशिश की थी। मालवीय ने दो हजार रुपये के नोट को वापस लेने के आरबीआई के फैसले से जुड़े कई तथ्यों को शेयर करते हुए यह बताया कि यह फैसला आरबीआई की 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत लिया गया है. यह भी पढ़ेः RBI Withdraws दो हज़ार रुपया Note: दो हजार के नोट वापस लेने के फैसले पर विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार, कांग्रेस ने कहा- 'पहले करते हैं, फिर सोचते हैं' उन्होंने आगे कहा कि यह करेंसी स्ट्रक्च र को युक्तिसंगत बनाने और कम मूल्य के नोटों की उपलब्धता में सुधार करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। और यह आरबीआई द्वारा अपनाई जाने वाली एक सामान्य प्रथा है। साल दो हज़ार तेरह-चौदह में भी आरबीआई ने ऐसा ही किया था। अमित मालवीय ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यह देखा गया है कि दो हजार रुपये के नोट का उपयोग आमतौर पर लेनदेन के लिए नहीं किया जाता है। उन्होंने देश में यूपीआई और डिजिटल पेमेंट के इस्तेमाल के बढ़ने की बात कहते हुए आरबीआई द्वारा दो हजार रुपये के नोट को लेकर की गई कई महत्वपूर्ण घोषणाओं का भी जिक्र किया जिससे लोगों को सुविधा होगी. |
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
| चार की उप-धारा एक में निर्धारित सत्रह मदों को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा बाईस सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम दो हज़ार पाँच के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन |
एक इवेंट में खूबसूरत ब्लैक एंड व्हाइट इंडो वेस्टर्न आउटफिट में नजर आईं.
कियारा के स्कर्ट पर ब्लैक एंड व्हाइट लाइनिंग की खूबसूरत डिटेलिंग दिखाई दे रही है.
स्कर्ट को कियारा ने डीप प्लगिंग नेकलाइन वाले ब्लैक बलाउज के साथ स्टाइल किया है.
ज्वैलरी की बात करें तो अपने इस आउटफिट के साथ कियारा ने झमकी स्टाइल ईयर रिंग्स कैरी किए हैं.
| एक इवेंट में खूबसूरत ब्लैक एंड व्हाइट इंडो वेस्टर्न आउटफिट में नजर आईं. कियारा के स्कर्ट पर ब्लैक एंड व्हाइट लाइनिंग की खूबसूरत डिटेलिंग दिखाई दे रही है. स्कर्ट को कियारा ने डीप प्लगिंग नेकलाइन वाले ब्लैक बलाउज के साथ स्टाइल किया है. ज्वैलरी की बात करें तो अपने इस आउटफिट के साथ कियारा ने झमकी स्टाइल ईयर रिंग्स कैरी किए हैं. |
जेसिका लेंज (जेसिका लेंज): जीवनी, फिल्मोग्राफी और व्यक्तिगत जीवन (फोटो)
स्क्रीन पर एक सुंदर गोरा दिखाई दियाबीसवीं शताब्दी के सत्तर के दशक। लेकिन अब भी उनकी भूमिका दुनिया भर के कई प्रशंसकों का ध्यान आकर्षित करती है। ऐसा लगता है कि कुछ दर्जन साल भी अपनी उत्कृष्ट सुंदरता को प्रभावित करने में सक्षम नहीं हुए हैं, और अभिनेता की प्रतिभा बदल गई है, अगर केवल बेहतर के लिए। जेसिका लैंग कैसे सफल हुआ और वह अपने खाली समय में कैसे रहती है? इस और कई अन्य चीजों के बारे में, लेख में पढ़ें।
जेसिका Phyllis लैंग (यह उसकी पूरी हैनाम) क्लोकेट नामक एक शहर में पैदा हुआ था। उसके पिता एक यात्रा विक्रेता थे, इसलिए परिवार लगातार जगह से आगे बढ़ रहा था। अपने बचपन के दौरान, जेसिका ने अठारह अलग-अलग शहरों को बदल दिया। लेकिन स्कूल में लगातार बदलाव ने भी उसे अच्छी तरह से अध्ययन करने से रोका नहीं। अपने खाली समय में लड़की ड्राइंग कर रही थी। उसके पिता बहुत भावनात्मक और सकारात्मक थे। इसने जेसिका के विश्वव्यापी प्रभाव को प्रभावित किया, वह हमेशा महसूस करती थी कि किसी भी समय उसके साथ कुछ अविश्वसनीय हो सकता है। स्कूल से सफलतापूर्वक स्नातक होने के बाद, लड़की को मिनेसोटा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति मिली और पेंटिंग का अध्ययन करने गया। लेकिन जेसिका लैंग बाहर निकलने से पहले एक साल पहले और अमेरिका के चारों ओर यात्रा करने के लिए कलाकार फ्रांसिस्को पैको ग्रांडे के साथ गया। उसे एक युवा स्पैनियर्ड के साथ हिप्पी के जीवन को पसंद नहीं आया, और जल्द ही उसने पेरिस जाने के द्वारा सब कुछ मूल रूप से बदलने का फैसला किया। अमेरिका की यात्रा की शुरूआत से पहले, जेसिका और फ्रांसिस्को का विवाह हो गया था, और हालांकि वे जल्द ही विभाजित हुए, तलाक केवल 1 9 81 में होगा, और पूर्व पति / पत्नी मौद्रिक मुआवजे के लिए सफल अभिनेत्री पर मुकदमा चलाएगा।
पेरिस में, जेसिका लैंग ने अध्ययन करने का फैसला कियाअभिनेता का कौशल, अर्थात् पेंटोमाइम की कला। वह स्कूल गई, जहां उन्होंने प्रसिद्ध माइम एटियेन डे क्रोक्स पढ़ाया। एक प्रतिभाशाली लड़की ने जल्द ही "ओपेरा कॉमेडियन" में प्रदर्शन करना शुरू किया। उनकी उपस्थिति ने फोटोग्राफर और फैशन डिजाइनरों को आकर्षित किया, इसलिए उन्होंने कभी-कभी मॉडल के रूप में काम किया। लेकिन फैशन की दुनिया में काम करना जेसिका लैंग का सपना नहीं है। बोहेमियन कलाकार पको ग्रांडे के साथ व्यक्तिगत जीवन उसके लिए काम नहीं करता था, लेकिन उसने पेरिस में चित्रकला का आनंद लेने से नहीं रोका। वह फिर से ड्राइंग में लौट आई, और तस्वीरें भी लीं। अमेरिका लौटने के कुछ साल बाद मुझे वेट्रेस के रूप में नौकरी मिल गई, नृत्य पाठ और अभिनय कौशल का ख्याल रखा। उन्हें अमेरिकी फैशन एजेंसी में आमंत्रित किया गया था। वहां वहां लैंग ने निर्माता डिनो डी लॉरेनटीस को देखा, जो "किंग काँग" के अनुकूलन के लिए मुख्य पात्र की तलाश में थे। जेसिका की सुंदरता ने तुरंत उसे मोहित किया।
डिनो डी लॉरेनटीस ने जेसिका को उनके लिए आमंत्रित कियाफिल्म, और उसने एक डरावनी सुंदरता निभाई, जिसमें एक विशाल बंदर का सामना करना पड़ा। फिल्म आलोचकों की समीक्षा बहुत चापलूसी नहीं थी, लेकिन जेसिका लैंग, जिसकी जीवनी अभी तक उज्ज्वल क्षणों से नहीं बढ़ी थी, अंततः एक असली सेलिब्रिटी बन गई। वह लोकप्रिय पत्रिकाओं के कवर पर दिखाई देने लगी, उसे महीने की लड़की कहा जाता था। जेसिका ने फिल्म कैरियर जारी रखने का फैसला किया और 1 9 7 9 टेप में "ऑल द जैज़" नामक अभिनय किया। 1 9 80 में, "जीवन की उच्च लागत को कैसे हराया जाए" काम था, जो बहुत सफल नहीं हुआ, लेकिन अभिनेत्री को फिल्म निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करने की इजाजत दी गई। उन्हें फिल्म "द पोस्टमैन ऑलिंग रिंग्स ट्विस" शूट करने के लिए आमंत्रित किया गया था, जहां साइट पर उनके साथी जैक निकोलसन थे। इस नाटकीय भूमिका ने अभिनेत्री को उत्कृष्टता से सफलता प्राप्त की, और उनकी प्रतिभा को अंततः पूर्ण रूप से सराहना की गई। बीस साल में, वह सिनेमा के मान्यता प्राप्त स्टार बन गईं।
अस्सी के दशक में, जेसिका लैंग, फिल्मोग्राफीजो अब तक कई चित्र नहीं थे, वास्तव में मांग में बन गए हैं। 1 9 82 में, तुरंत दो सफल टेप - "फ्रांसिस" और "तुत्सी" गए। सेट पर, जेसिका ने देखा कि उसे पेशेवर ज्ञान की कमी है, इसलिए उसने स्टैनिस्लावस्की प्रणाली और तीसवां दशक के कलाकारों की तकनीक का अध्ययन किया। परिणाम प्रकट होने में धीमे नहीं थे - अभिनेत्री को ऑस्कर के लिए दो बार नामित किया गया था, यह 1 9 43 से पहली बार हुआ था। फिल्म "टुत्सी" में भूमिका जेसिका का एकमात्र रोमांटिक काम था, उसके बाद उसके पास मुश्किल भाग्य वाली कठोर और जिद्दी महिलाओं की छवियां थीं। लोकप्रियता के आगमन के साथ, वह चुन सकती थी कि उसे कहाँ से हटाया जाना था, और निर्देशकों को अपनी शर्तों को निर्धारित किया।
1 99 6 में, जेसिका लैंग छोड़ने वाला थाटेप "ट्राम डिजायर" पर काम पूरा होने के तुरंत बाद छायांकन। लेकिन फिर उसने अपना मन बदल दिया। 1 99 7 में, उनका काम "ए थौसंड एकर्स" फिल्म में दिखाई दिया, और 1 99 8 में वह तीन चित्रों के साथ अपने प्रशंसकों से प्रसन्न थीः "विरासत", "चचेरे भाई बेटा" और "ए स्टोरी फ्रॉम माई चाइल्डहुड"। अगले वर्ष, जेसिका ने "टाइटस - रोम के शासक" नामक एक ऐतिहासिक फिल्म के फिल्मांकन में हिस्सा लिया। नई सहस्राब्दी में, "प्रोजाक राष्ट्र" स्क्रीन पर दिखाई दिया, और ऐसा लगता है कि जेसिका लैंग पूरी तरह से अपनी योजनाओं के बारे में भूल गया। अभिनेत्री का करियर लगातार आगे बढ़ना जारी रखा।
2003 में, स्क्रीन "द शो ऑफ़ द सेंचुरी" जारी की गई थी"सामान्य", लेकिन इस अवधि का मुख्य कार्य टेप "बिग फिश" में भूमिका थी, जिसे सनकी निर्देशक टिम बर्टन ने गोली मार दी थी। इस तथ्य के बावजूद कि जेसिका लैंग की भूमिका बहुत बड़ी नहीं थी, ऐसा लगता है कि इस अभिनेत्री के लिए लिपि के कुछ हिस्से लिखे गए हैं। उसने एक पत्नी की भूमिका निभाई जो अपने पति-एक यात्रा विक्रेता की देखभाल करता है। शायद एक उन्माद पिता की बचपन की यादें जेसिका ने स्क्रीन पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद की। या शायद यह उसकी अभिनय प्रतिभा की शक्ति है। वैसे भी, भूमिका बहुत यादगार बाहर आ गई।
जेसिका लैंग, जिसकी फिल्मोग्राफी सुंदर हैप्रभावशाली, स्क्रीन पर और वर्तमान समय पर प्रकट नहीं होता है। 2004 में, उन्होंने मिनी-सीरीज़ "रेट्रोसेक्सुअलः 80 की" में काम किया, 2005 में उन्होंने "टूटे हुए फूल" और "बिना प्रवेश के प्रवेश" में खेला, साथ ही साथ "लॉसर" नामक एक टेप में भी खेला। 2007 में, स्क्रीन "बोनेविले" और "साइबिल" गईं। 200 9 में, अभिनेत्री ने टेलीविजन फिल्म "ग्रे गार्डन" की फिल्मांकन में हिस्सा लिया। द अमेरिकन हिस्ट्री ऑफ़ हॉरर्स में उनकी आखिरी उल्लेखनीय काम भूमिका थी। 2012 में इस श्रृंखला में उपस्थित होने के लिए, अभिनेत्री को एम्मी मिली। इसके अलावा, 2012 में, वह रोमांटिक फिल्म "द ओथ" में एपिसोडिक भूमिका में दिखाई दी, और 2013 में - "थेरेसा रैकन" नामक फिल्म में।
फिलहाल उसके साथ "प्लेयर" शूटिंग कर रहे हैंभागीदारी, जिसे 2015 में लुभाने की योजना है। इसके अलावा, सनसनीखेज श्रृंखला अभी भी बाहर आ रही है, जिसका मतलब है कि अभिनेत्री नए सीज़न पर काम करने में व्यस्त है। अधिकांश समय, जेसिका थिएटर के मंच पर खर्च करती है, प्रदर्शन पसंद करती है, न कि फिल्में। आप उसे न्यूयॉर्क में अपनी आंखों से अभिनय देख सकते हैं।
जेसिका लैंग के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी, अलेक्जेंड्रा, प्रसिद्ध रूसी नर्तक मिखाइल बरीशिकोव के साथ एक अशांत रोमांस के दौरान एक अभिनेत्री के लिए पैदा हुई थी। नाटककार सैम शेपार्ड के साथ, उनके पास एक लंबा और अधिक स्थिर संबंध है, वे कई सालों से एक साथ रहते हैं। जेसिका लैंग और सैम शेपार्ड के बच्चे - हन्ना और बेटे सैम की बेटी। वे पूरे परिवार के साथ फिल्मांकन से मुक्त एक अभिनेत्री में खेत पर रहते हैं, वह खेती में लगी हुई है।
| जेसिका लेंज : जीवनी, फिल्मोग्राफी और व्यक्तिगत जीवन स्क्रीन पर एक सुंदर गोरा दिखाई दियाबीसवीं शताब्दी के सत्तर के दशक। लेकिन अब भी उनकी भूमिका दुनिया भर के कई प्रशंसकों का ध्यान आकर्षित करती है। ऐसा लगता है कि कुछ दर्जन साल भी अपनी उत्कृष्ट सुंदरता को प्रभावित करने में सक्षम नहीं हुए हैं, और अभिनेता की प्रतिभा बदल गई है, अगर केवल बेहतर के लिए। जेसिका लैंग कैसे सफल हुआ और वह अपने खाली समय में कैसे रहती है? इस और कई अन्य चीजों के बारे में, लेख में पढ़ें। जेसिका Phyllis लैंग क्लोकेट नामक एक शहर में पैदा हुआ था। उसके पिता एक यात्रा विक्रेता थे, इसलिए परिवार लगातार जगह से आगे बढ़ रहा था। अपने बचपन के दौरान, जेसिका ने अठारह अलग-अलग शहरों को बदल दिया। लेकिन स्कूल में लगातार बदलाव ने भी उसे अच्छी तरह से अध्ययन करने से रोका नहीं। अपने खाली समय में लड़की ड्राइंग कर रही थी। उसके पिता बहुत भावनात्मक और सकारात्मक थे। इसने जेसिका के विश्वव्यापी प्रभाव को प्रभावित किया, वह हमेशा महसूस करती थी कि किसी भी समय उसके साथ कुछ अविश्वसनीय हो सकता है। स्कूल से सफलतापूर्वक स्नातक होने के बाद, लड़की को मिनेसोटा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति मिली और पेंटिंग का अध्ययन करने गया। लेकिन जेसिका लैंग बाहर निकलने से पहले एक साल पहले और अमेरिका के चारों ओर यात्रा करने के लिए कलाकार फ्रांसिस्को पैको ग्रांडे के साथ गया। उसे एक युवा स्पैनियर्ड के साथ हिप्पी के जीवन को पसंद नहीं आया, और जल्द ही उसने पेरिस जाने के द्वारा सब कुछ मूल रूप से बदलने का फैसला किया। अमेरिका की यात्रा की शुरूआत से पहले, जेसिका और फ्रांसिस्को का विवाह हो गया था, और हालांकि वे जल्द ही विभाजित हुए, तलाक केवल एक नौ इक्यासी में होगा, और पूर्व पति / पत्नी मौद्रिक मुआवजे के लिए सफल अभिनेत्री पर मुकदमा चलाएगा। पेरिस में, जेसिका लैंग ने अध्ययन करने का फैसला कियाअभिनेता का कौशल, अर्थात् पेंटोमाइम की कला। वह स्कूल गई, जहां उन्होंने प्रसिद्ध माइम एटियेन डे क्रोक्स पढ़ाया। एक प्रतिभाशाली लड़की ने जल्द ही "ओपेरा कॉमेडियन" में प्रदर्शन करना शुरू किया। उनकी उपस्थिति ने फोटोग्राफर और फैशन डिजाइनरों को आकर्षित किया, इसलिए उन्होंने कभी-कभी मॉडल के रूप में काम किया। लेकिन फैशन की दुनिया में काम करना जेसिका लैंग का सपना नहीं है। बोहेमियन कलाकार पको ग्रांडे के साथ व्यक्तिगत जीवन उसके लिए काम नहीं करता था, लेकिन उसने पेरिस में चित्रकला का आनंद लेने से नहीं रोका। वह फिर से ड्राइंग में लौट आई, और तस्वीरें भी लीं। अमेरिका लौटने के कुछ साल बाद मुझे वेट्रेस के रूप में नौकरी मिल गई, नृत्य पाठ और अभिनय कौशल का ख्याल रखा। उन्हें अमेरिकी फैशन एजेंसी में आमंत्रित किया गया था। वहां वहां लैंग ने निर्माता डिनो डी लॉरेनटीस को देखा, जो "किंग काँग" के अनुकूलन के लिए मुख्य पात्र की तलाश में थे। जेसिका की सुंदरता ने तुरंत उसे मोहित किया। डिनो डी लॉरेनटीस ने जेसिका को उनके लिए आमंत्रित कियाफिल्म, और उसने एक डरावनी सुंदरता निभाई, जिसमें एक विशाल बंदर का सामना करना पड़ा। फिल्म आलोचकों की समीक्षा बहुत चापलूसी नहीं थी, लेकिन जेसिका लैंग, जिसकी जीवनी अभी तक उज्ज्वल क्षणों से नहीं बढ़ी थी, अंततः एक असली सेलिब्रिटी बन गई। वह लोकप्रिय पत्रिकाओं के कवर पर दिखाई देने लगी, उसे महीने की लड़की कहा जाता था। जेसिका ने फिल्म कैरियर जारी रखने का फैसला किया और एक नौ सात नौ टेप में "ऑल द जैज़" नामक अभिनय किया। एक नौ अस्सी में, "जीवन की उच्च लागत को कैसे हराया जाए" काम था, जो बहुत सफल नहीं हुआ, लेकिन अभिनेत्री को फिल्म निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करने की इजाजत दी गई। उन्हें फिल्म "द पोस्टमैन ऑलिंग रिंग्स ट्विस" शूट करने के लिए आमंत्रित किया गया था, जहां साइट पर उनके साथी जैक निकोलसन थे। इस नाटकीय भूमिका ने अभिनेत्री को उत्कृष्टता से सफलता प्राप्त की, और उनकी प्रतिभा को अंततः पूर्ण रूप से सराहना की गई। बीस साल में, वह सिनेमा के मान्यता प्राप्त स्टार बन गईं। अस्सी के दशक में, जेसिका लैंग, फिल्मोग्राफीजो अब तक कई चित्र नहीं थे, वास्तव में मांग में बन गए हैं। एक नौ बयासी में, तुरंत दो सफल टेप - "फ्रांसिस" और "तुत्सी" गए। सेट पर, जेसिका ने देखा कि उसे पेशेवर ज्ञान की कमी है, इसलिए उसने स्टैनिस्लावस्की प्रणाली और तीसवां दशक के कलाकारों की तकनीक का अध्ययन किया। परिणाम प्रकट होने में धीमे नहीं थे - अभिनेत्री को ऑस्कर के लिए दो बार नामित किया गया था, यह एक नौ तैंतालीस से पहली बार हुआ था। फिल्म "टुत्सी" में भूमिका जेसिका का एकमात्र रोमांटिक काम था, उसके बाद उसके पास मुश्किल भाग्य वाली कठोर और जिद्दी महिलाओं की छवियां थीं। लोकप्रियता के आगमन के साथ, वह चुन सकती थी कि उसे कहाँ से हटाया जाना था, और निर्देशकों को अपनी शर्तों को निर्धारित किया। एक निन्यानवे छः में, जेसिका लैंग छोड़ने वाला थाटेप "ट्राम डिजायर" पर काम पूरा होने के तुरंत बाद छायांकन। लेकिन फिर उसने अपना मन बदल दिया। एक निन्यानवे सात में, उनका काम "ए थौसंड एकर्स" फिल्म में दिखाई दिया, और एक निन्यानवे आठ में वह तीन चित्रों के साथ अपने प्रशंसकों से प्रसन्न थीः "विरासत", "चचेरे भाई बेटा" और "ए स्टोरी फ्रॉम माई चाइल्डहुड"। अगले वर्ष, जेसिका ने "टाइटस - रोम के शासक" नामक एक ऐतिहासिक फिल्म के फिल्मांकन में हिस्सा लिया। नई सहस्राब्दी में, "प्रोजाक राष्ट्र" स्क्रीन पर दिखाई दिया, और ऐसा लगता है कि जेसिका लैंग पूरी तरह से अपनी योजनाओं के बारे में भूल गया। अभिनेत्री का करियर लगातार आगे बढ़ना जारी रखा। दो हज़ार तीन में, स्क्रीन "द शो ऑफ़ द सेंचुरी" जारी की गई थी"सामान्य", लेकिन इस अवधि का मुख्य कार्य टेप "बिग फिश" में भूमिका थी, जिसे सनकी निर्देशक टिम बर्टन ने गोली मार दी थी। इस तथ्य के बावजूद कि जेसिका लैंग की भूमिका बहुत बड़ी नहीं थी, ऐसा लगता है कि इस अभिनेत्री के लिए लिपि के कुछ हिस्से लिखे गए हैं। उसने एक पत्नी की भूमिका निभाई जो अपने पति-एक यात्रा विक्रेता की देखभाल करता है। शायद एक उन्माद पिता की बचपन की यादें जेसिका ने स्क्रीन पर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद की। या शायद यह उसकी अभिनय प्रतिभा की शक्ति है। वैसे भी, भूमिका बहुत यादगार बाहर आ गई। जेसिका लैंग, जिसकी फिल्मोग्राफी सुंदर हैप्रभावशाली, स्क्रीन पर और वर्तमान समय पर प्रकट नहीं होता है। दो हज़ार चार में, उन्होंने मिनी-सीरीज़ "रेट्रोसेक्सुअलः अस्सी की" में काम किया, दो हज़ार पाँच में उन्होंने "टूटे हुए फूल" और "बिना प्रवेश के प्रवेश" में खेला, साथ ही साथ "लॉसर" नामक एक टेप में भी खेला। दो हज़ार सात में, स्क्रीन "बोनेविले" और "साइबिल" गईं। दो सौ नौ में, अभिनेत्री ने टेलीविजन फिल्म "ग्रे गार्डन" की फिल्मांकन में हिस्सा लिया। द अमेरिकन हिस्ट्री ऑफ़ हॉरर्स में उनकी आखिरी उल्लेखनीय काम भूमिका थी। दो हज़ार बारह में इस श्रृंखला में उपस्थित होने के लिए, अभिनेत्री को एम्मी मिली। इसके अलावा, दो हज़ार बारह में, वह रोमांटिक फिल्म "द ओथ" में एपिसोडिक भूमिका में दिखाई दी, और दो हज़ार तेरह में - "थेरेसा रैकन" नामक फिल्म में। फिलहाल उसके साथ "प्लेयर" शूटिंग कर रहे हैंभागीदारी, जिसे दो हज़ार पंद्रह में लुभाने की योजना है। इसके अलावा, सनसनीखेज श्रृंखला अभी भी बाहर आ रही है, जिसका मतलब है कि अभिनेत्री नए सीज़न पर काम करने में व्यस्त है। अधिकांश समय, जेसिका थिएटर के मंच पर खर्च करती है, प्रदर्शन पसंद करती है, न कि फिल्में। आप उसे न्यूयॉर्क में अपनी आंखों से अभिनय देख सकते हैं। जेसिका लैंग के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी, अलेक्जेंड्रा, प्रसिद्ध रूसी नर्तक मिखाइल बरीशिकोव के साथ एक अशांत रोमांस के दौरान एक अभिनेत्री के लिए पैदा हुई थी। नाटककार सैम शेपार्ड के साथ, उनके पास एक लंबा और अधिक स्थिर संबंध है, वे कई सालों से एक साथ रहते हैं। जेसिका लैंग और सैम शेपार्ड के बच्चे - हन्ना और बेटे सैम की बेटी। वे पूरे परिवार के साथ फिल्मांकन से मुक्त एक अभिनेत्री में खेत पर रहते हैं, वह खेती में लगी हुई है। |
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने आज भाजपा के शासनकाल में लाये गये एंटी कन्वर्जन लाॅ को निरस्त कर दिया है. भाजपा के शासनकाल के दौरान लाया गया धर्मांतरण रोधी कानून बहुत ही विवादास्पद था जिसे आज कैबिनेट की बैठक के बाद निरस्त करने का फैसला किया गया.
धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने के लिए अब राज्य सरकार विधानसभा के अगले सत्र में एक विधेयक लायेगी. ज्ञात हो कि विधानसभा का अगला सत्र आगामी तीन जुलाई से शुरू हो रहा है. प्रदेश के कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर चर्चा की और इसे निरस्त करने का फैसला लिया.
ज्ञात हो कि भाजपा सरकार ने कर्नाटक में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक, 2021 या धर्मांतरण विरोधी विधेयक पिछले साल सितंबर में कर्नाटक विधान परिषद से पारित कराया था. यह विधेयक गलत बयानी, जबरदस्ती, धोखाधड़ी, लालच या शादी के माध्यम से एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण पर रोक लगाता है. दोषी पाये जाने पर तीन से पांच वर्ष के जेल की सजा और 25,000 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया था.
ज्ञात हो कि कर्नाटक के अलावा छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे अन्य राज्यों ने भी धर्म परिवर्तन को प्रतिबंधित करने वाले कानून पारित किये हैं. कर्नाटक में धर्मांतरण रोधी कानून के तहत पहला मामला पिछले साल अक्तूबर में दर्ज कराया था. जिसमें एक 24 साल के मुस्लिम युवक पर एक हिंदू महिला से शादी करके उसका धर्मांतरण कराने का आरोप लगा था. दूसरा मामला नवंबर में दर्ज किया गया, जिसमें एक युवक पर मध्यप्रदेश की महिला को प्रताड़ित करने का आरोप था.
| कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने आज भाजपा के शासनकाल में लाये गये एंटी कन्वर्जन लाॅ को निरस्त कर दिया है. भाजपा के शासनकाल के दौरान लाया गया धर्मांतरण रोधी कानून बहुत ही विवादास्पद था जिसे आज कैबिनेट की बैठक के बाद निरस्त करने का फैसला किया गया. धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने के लिए अब राज्य सरकार विधानसभा के अगले सत्र में एक विधेयक लायेगी. ज्ञात हो कि विधानसभा का अगला सत्र आगामी तीन जुलाई से शुरू हो रहा है. प्रदेश के कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को बताया कि कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर चर्चा की और इसे निरस्त करने का फैसला लिया. ज्ञात हो कि भाजपा सरकार ने कर्नाटक में धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार का संरक्षण विधेयक, दो हज़ार इक्कीस या धर्मांतरण विरोधी विधेयक पिछले साल सितंबर में कर्नाटक विधान परिषद से पारित कराया था. यह विधेयक गलत बयानी, जबरदस्ती, धोखाधड़ी, लालच या शादी के माध्यम से एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण पर रोक लगाता है. दोषी पाये जाने पर तीन से पांच वर्ष के जेल की सजा और पच्चीस,शून्य रुपयापये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया था. ज्ञात हो कि कर्नाटक के अलावा छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे अन्य राज्यों ने भी धर्म परिवर्तन को प्रतिबंधित करने वाले कानून पारित किये हैं. कर्नाटक में धर्मांतरण रोधी कानून के तहत पहला मामला पिछले साल अक्तूबर में दर्ज कराया था. जिसमें एक चौबीस साल के मुस्लिम युवक पर एक हिंदू महिला से शादी करके उसका धर्मांतरण कराने का आरोप लगा था. दूसरा मामला नवंबर में दर्ज किया गया, जिसमें एक युवक पर मध्यप्रदेश की महिला को प्रताड़ित करने का आरोप था. |
जीव जंतु से बहुत प्यार करते हैं। उनका इंसानों की तरह ख्याल रखना चाहते हैं। ऐसे निमल्स लवर्स या तो जीव जंतु को पालते हैं या फिर उनका रेस्क्यू कर उन्हें ठीक स्थान पहुंचाते हैं। मगर कुछ लोगों का प्यार एक अलग ही लेवल का होता है। जिसे दर्शाने का उनका अंदाज लोगों को दंग कर जाता है। एक वायरल वीडियो में पानी के जानवर के प्यार में पड़े शख्स ने गहराई में जाकर दिखाया प्यार।
ट्विटर के @LiesZebulon पर शेयर एक वीडियो में एक शख्स मछली को गले लगाकर नाचता दिखा तो लोग देखते ही रह गए। नजारा किसी बड़े एक्वैरियम या फिर वाटर पार्क जैसा लग रहा है जहां ढेरों मछलियों के बीच वह शख्स एक विशाल मछली की बांहों में बाहें डालकर गाने की धुन में मगन दिखाई दिया। वीडियो को करीब 92,000 व्यूज मिल चुके हैं।
शार्क के साथ शख्स का रोमांटिक डांस!
सोशल मीडिया पर लोगों को शार्क के साथ शख्स का डांस बहुत पसंद आ रहा है। जहां शख्स शार्क की बाहों में बाहें डालकर ऐसे नाच रहा था मानों वो कोई जानवर ना होकर उसकी गर्लफ्रेंड या पत्नी हो। मछली पानी के बिना नहीं रह सकती इसलिए शख्स पानी की गहराई में उतरकर उसके साथ डांस करता दिखाई दिया। डांस के दौरान बैकग्राऊंड में बहुत रोमांटिक गाना बज रहा था, जिसे लेकर यूज़र्स ने आश्चर्य भी जताई। कुछ तो पूछ बैठे कि ये स्लो मोशन रोमांटिक सॉन्ग मछली के साथ डांस करते हुए क्यों बजाया रहा है?
डांस का वीडियो किसी एक्वेरियम या वॉटर शो वाली स्थान का लग रहा है। क्योंकि शार्क के साथ नाचते शख्स ने बाकायदा ऑक्सीज़न सिलेंडर और मास्क पहन रखा है। तो वहीं सामने कुछ लोग एक अनोखे डांस शो का आनंद लेते भी दिखाई दे रहे थे। लोगों को शार्क के साथ नाचते शख्स का वीडियो बहुत पसंद आ रहा है। कुछ लोग तो उस आदमी की स्थान स्वयं के होने की ख्वाहिश जाहिर करते ही देखे गए। वीडियो को 92 हज़ार से अधिक व्यूज़ मिले हैं। और 5 हज़ार से अधिक लोगों ने वीडियो लाइक किया है।
| जीव जंतु से बहुत प्यार करते हैं। उनका इंसानों की तरह ख्याल रखना चाहते हैं। ऐसे निमल्स लवर्स या तो जीव जंतु को पालते हैं या फिर उनका रेस्क्यू कर उन्हें ठीक स्थान पहुंचाते हैं। मगर कुछ लोगों का प्यार एक अलग ही लेवल का होता है। जिसे दर्शाने का उनका अंदाज लोगों को दंग कर जाता है। एक वायरल वीडियो में पानी के जानवर के प्यार में पड़े शख्स ने गहराई में जाकर दिखाया प्यार। ट्विटर के @LiesZebulon पर शेयर एक वीडियो में एक शख्स मछली को गले लगाकर नाचता दिखा तो लोग देखते ही रह गए। नजारा किसी बड़े एक्वैरियम या फिर वाटर पार्क जैसा लग रहा है जहां ढेरों मछलियों के बीच वह शख्स एक विशाल मछली की बांहों में बाहें डालकर गाने की धुन में मगन दिखाई दिया। वीडियो को करीब बानवे,शून्य व्यूज मिल चुके हैं। शार्क के साथ शख्स का रोमांटिक डांस! सोशल मीडिया पर लोगों को शार्क के साथ शख्स का डांस बहुत पसंद आ रहा है। जहां शख्स शार्क की बाहों में बाहें डालकर ऐसे नाच रहा था मानों वो कोई जानवर ना होकर उसकी गर्लफ्रेंड या पत्नी हो। मछली पानी के बिना नहीं रह सकती इसलिए शख्स पानी की गहराई में उतरकर उसके साथ डांस करता दिखाई दिया। डांस के दौरान बैकग्राऊंड में बहुत रोमांटिक गाना बज रहा था, जिसे लेकर यूज़र्स ने आश्चर्य भी जताई। कुछ तो पूछ बैठे कि ये स्लो मोशन रोमांटिक सॉन्ग मछली के साथ डांस करते हुए क्यों बजाया रहा है? डांस का वीडियो किसी एक्वेरियम या वॉटर शो वाली स्थान का लग रहा है। क्योंकि शार्क के साथ नाचते शख्स ने बाकायदा ऑक्सीज़न सिलेंडर और मास्क पहन रखा है। तो वहीं सामने कुछ लोग एक अनोखे डांस शो का आनंद लेते भी दिखाई दे रहे थे। लोगों को शार्क के साथ नाचते शख्स का वीडियो बहुत पसंद आ रहा है। कुछ लोग तो उस आदमी की स्थान स्वयं के होने की ख्वाहिश जाहिर करते ही देखे गए। वीडियो को बानवे हज़ार से अधिक व्यूज़ मिले हैं। और पाँच हज़ार से अधिक लोगों ने वीडियो लाइक किया है। |
रूस (Russia) से कच्चा तेल पाकर पाकिस्तान की काफी ज्यादा खुश है। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि रुसी एलपीजी कार्गो का पहला बैच भी मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा के तोरखम बॉर्डर से होता हुआ पाकिस्तान पहुंच गया है। रूस ने ट्रेन से उज्बेकिस्तान में इसकी डिलीवरी की है। इस बात कि जानकारी पाकिस्तान मीडिया कि तरफ से कि गयी है, सूत्रों का कहना है कि 10 एलपीजी टैंकर पाकिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं जबकि अन्य आने वाले हैं। यह 1,10,000 टन एलपीजी का पहला बैच है।
खबर के अनुसार, क्लियरेंस के लिए टैंकरों के काफिले को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर रोका गया। कार्गो उज्बेकिस्तान होते हुए अफगानिस्तान से पाकिस्तान में पहुंचे हैं। पाकिस्तान को ऐसे समय पर रूसी गैस मिली है, जब रविवार को ही रूसी कच्चे तेल की पहली खेप कराची पहुंची है। कराची बंदरगाह पर पहुंचे जहाज में 45,142 मीट्रिक टन रूसी कच्चा तेल था। आर्थिक संकट के चलते पाकिस्तान गंभीर ऊर्जा चुनौतियों का सामना कर रहा है।
गैस के घटते भंडार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में भारी उछाल के बीच पाकिस्तान अपनी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए अब नए रास्ते खोजने में जुटा हुआ है। दुनिया का पांचवां सबसे ज्यादा आबादी वाला देश पाकिस्तान लंबे वक्त से ऊर्जा संकट को झेल रहा है। पाकिस्तान अपने पेट्रोलियम उत्पादों का 84 प्रतिशत आयात करता है, जिनके लिए वह खाड़ी अरब सहयोगियों जैसे सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पर निर्भर है। एनालिटिक्स फर्म Kpler के डेटा के अनुसार, देश ने 2022 में 154,000 बीपीडी तेल का आयात किया।
चीनी मुद्रा में किया भुगतान?
वहीं पाक पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसादिक मलिक ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने चीनी मुद्रा में रियायती रूसी कच्चे तेल का भुगतान किया। खबर के अनुसार, मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने गोपनीयता के मद्देनजर पक्षों की ओर से साइन किए हुए समझौतों के कारण रूस के साथ तेल सौदे की शर्तों की जानकारी देने से इनकार कर दिया।
| रूस से कच्चा तेल पाकर पाकिस्तान की काफी ज्यादा खुश है। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि रुसी एलपीजी कार्गो का पहला बैच भी मंगलवार को खैबर पख्तूनख्वा के तोरखम बॉर्डर से होता हुआ पाकिस्तान पहुंच गया है। रूस ने ट्रेन से उज्बेकिस्तान में इसकी डिलीवरी की है। इस बात कि जानकारी पाकिस्तान मीडिया कि तरफ से कि गयी है, सूत्रों का कहना है कि दस एलपीजी टैंकर पाकिस्तान में प्रवेश कर चुके हैं जबकि अन्य आने वाले हैं। यह एक,दस,शून्य टन एलपीजी का पहला बैच है। खबर के अनुसार, क्लियरेंस के लिए टैंकरों के काफिले को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर रोका गया। कार्गो उज्बेकिस्तान होते हुए अफगानिस्तान से पाकिस्तान में पहुंचे हैं। पाकिस्तान को ऐसे समय पर रूसी गैस मिली है, जब रविवार को ही रूसी कच्चे तेल की पहली खेप कराची पहुंची है। कराची बंदरगाह पर पहुंचे जहाज में पैंतालीस,एक सौ बयालीस मीट्रिक टन रूसी कच्चा तेल था। आर्थिक संकट के चलते पाकिस्तान गंभीर ऊर्जा चुनौतियों का सामना कर रहा है। गैस के घटते भंडार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में भारी उछाल के बीच पाकिस्तान अपनी ऊर्जा मांगों को पूरा करने के लिए अब नए रास्ते खोजने में जुटा हुआ है। दुनिया का पांचवां सबसे ज्यादा आबादी वाला देश पाकिस्तान लंबे वक्त से ऊर्जा संकट को झेल रहा है। पाकिस्तान अपने पेट्रोलियम उत्पादों का चौरासी प्रतिशत आयात करता है, जिनके लिए वह खाड़ी अरब सहयोगियों जैसे सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पर निर्भर है। एनालिटिक्स फर्म Kpler के डेटा के अनुसार, देश ने दो हज़ार बाईस में एक सौ चौवन,शून्य बीपीडी तेल का आयात किया। चीनी मुद्रा में किया भुगतान? वहीं पाक पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसादिक मलिक ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान ने चीनी मुद्रा में रियायती रूसी कच्चे तेल का भुगतान किया। खबर के अनुसार, मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने गोपनीयता के मद्देनजर पक्षों की ओर से साइन किए हुए समझौतों के कारण रूस के साथ तेल सौदे की शर्तों की जानकारी देने से इनकार कर दिया। |
रतन मेत्युपल थाफ एजूकेशन
(१) ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रो का पारिवारिक वातावरण सराव है वह उन्हें मैंग्रेजी पहने अंग्रेजी बोलने और अँग्रेजी में अपने विचार व्यक्त करने के लिये कोई प्रेरणा नही देता ।
(२) ग्रामीण क्षेत्रो मे कार्य करने वाले अँग्रेजी के श्रव्यापक प्रसन्तुष्ट रहते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में किसी प्रकार के प्राइवेट ट्यूशन की सुविधा नहीं है। लड़के गरीब हैं प्रत ट्यूशन कर नहीं सकते ।
(३) ग्रामीण क्षेत्रों में कोई अँग्रेजी पढाने वाला प्रध्यापक रहना पसंद नहीं करता प्रत. वह दिल्ली शहर से प्रतिदिन ५०-६० मोल बग यात्रा तो कर सकता है किन्तु ग्रामीण क्षेत्र मे रहकर अध्यापन कार्य करना पसंद नहीं करता ।
(४) राजकीय विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षायो के लिये अध्यापक वा कोई वित्तीय प्रतिफल नहीं मिलता ।
ऐसे ही अनेक कारण हो सकते हैं जिनकी इस समस्या के मूल मे स्थित माना जा सकता है। इन कारण मूल तत्वो का विश्लेषण करने के बाद समस्या के समाधान हेतु उत उपकल्पनाओं का निर्माण किया जा सकता है जिनका परीक्षण अनुसंधानकर्ता सरलतापूर्वक कर सकना है। समस्या के कारणों का निराकरण करने से समस्या का हल हो सकता है इसलिये क्रियात्मक उपकल्पनाभो में इस बात का उल्लेख होता है कि समस्या के कारणों को किस प्रकार दूर किया
उपरोक्त समस्या के समाधान के लिये निम्नलिखित क्रियात्मक उपकल्पनाथो का निर्माग् किया जा सकता है(१) यदि ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित विद्यालयों के कमजोर छात्रों के लिये छात्रावासो की व्यवस्था की जाय तो उनका अंग्रेजी मे स्तर ऊंचा उठ सकता है ।
(२) यदि ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित विद्यालयों के अग्रेजी के अध्यापकों को उनके प्रति रिक्त परिश्रम द्वारा पच्छे परिणामों के लिये प्रेरणा देने वाले उत्साहवर्धक साधन जुटाये जायें तो अप्रेजी का स्तर ऊंचा उठ सकता है ।
(३) यदि अंग्रेजी के अध्यापको के लिये निःशुल्क आवास का प्रबन्ध किया जाय और रहने की उन्हें मन्य सुविधाएं प्रदान की जाये तो अँग्रेजो का स्तर ऊँचा उठ सकता है ।
(४) यदि राजकीय विद्यालयों में अंग्रेजी के प्रध्यापकों को अतिरिक्त परिश्रम के लिये बुद्ध मावर्षक धनराशि दी जाय अथवा अन्य प्रकार के अन्य प्रलोभन दिये जायें तो छात्रों का अंग्रेजी का स्तर ऊँचा उठ सकता है ।
इन त्रियात्मक उपकल्पनाओं को देखने से पता चलेगा कि उनके दो-दो भाग है - एक पर दूसरा है लक्ष्यात्मक पक्ष प्रत्येक कथन का पूवा कहता है- "यदि ऐसा किया जाय" और उत्तरार्ध बहना है "तो ऐसा होगा ।" वचन वा पूर्वार्द्ध उपकल्पना का त्रियात्मक पक्ष है भोर वथन का उत्तरार्द्ध उपकल्पना का लक्ष्यात्मक पक्ष ।
कियात्मक उपनामे निम्न गुण होने चाहिए :
जो उपना सत्यापनशील हो, जिससे सत्यता और असत्यता को परीक्षा की जा सके, जो विद्यालय के वार्य पर विशेष प्रभाव डाल सके, और जो शब्दमे अभिव्यक्त बोजा मरे और जो उसकी क्षमताओं के अनुकूल हो, जिसका उद्देश्य अनुसंधानकर्ता को पूरी तरह ज्ञात हो जिन्य त्रिया से नदी के बराबर हस्तक्षेप हो, और पूर्व स्थापित सिद्धान्तो द्वारा समर्पित हो वही क्रियात्मक उपरल्पना मच्छी मानी जा सकती।
ऐमी उपाधी वा निर्माण ऐसे व्यक्तियों द्वारा सम्भव है जिनमें सृजनात्मक बना पैन्ट पर गहन अनुभव हो। मनुमधान कर्ता विद्यालय की प्रगति के प्रति उस में होने वाले नये-नये मनुसंधाना में पूर्णत परिचित हो सभी यह मच्छी का निर्माण करता है । | रतन मेत्युपल थाफ एजूकेशन ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रो का पारिवारिक वातावरण सराव है वह उन्हें मैंग्रेजी पहने अंग्रेजी बोलने और अँग्रेजी में अपने विचार व्यक्त करने के लिये कोई प्रेरणा नही देता । ग्रामीण क्षेत्रो मे कार्य करने वाले अँग्रेजी के श्रव्यापक प्रसन्तुष्ट रहते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में किसी प्रकार के प्राइवेट ट्यूशन की सुविधा नहीं है। लड़के गरीब हैं प्रत ट्यूशन कर नहीं सकते । ग्रामीण क्षेत्रों में कोई अँग्रेजी पढाने वाला प्रध्यापक रहना पसंद नहीं करता प्रत. वह दिल्ली शहर से प्रतिदिन पचास-साठ मोल बग यात्रा तो कर सकता है किन्तु ग्रामीण क्षेत्र मे रहकर अध्यापन कार्य करना पसंद नहीं करता । राजकीय विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षायो के लिये अध्यापक वा कोई वित्तीय प्रतिफल नहीं मिलता । ऐसे ही अनेक कारण हो सकते हैं जिनकी इस समस्या के मूल मे स्थित माना जा सकता है। इन कारण मूल तत्वो का विश्लेषण करने के बाद समस्या के समाधान हेतु उत उपकल्पनाओं का निर्माण किया जा सकता है जिनका परीक्षण अनुसंधानकर्ता सरलतापूर्वक कर सकना है। समस्या के कारणों का निराकरण करने से समस्या का हल हो सकता है इसलिये क्रियात्मक उपकल्पनाभो में इस बात का उल्लेख होता है कि समस्या के कारणों को किस प्रकार दूर किया उपरोक्त समस्या के समाधान के लिये निम्नलिखित क्रियात्मक उपकल्पनाथो का निर्माग् किया जा सकता है यदि ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित विद्यालयों के कमजोर छात्रों के लिये छात्रावासो की व्यवस्था की जाय तो उनका अंग्रेजी मे स्तर ऊंचा उठ सकता है । यदि ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित विद्यालयों के अग्रेजी के अध्यापकों को उनके प्रति रिक्त परिश्रम द्वारा पच्छे परिणामों के लिये प्रेरणा देने वाले उत्साहवर्धक साधन जुटाये जायें तो अप्रेजी का स्तर ऊंचा उठ सकता है । यदि अंग्रेजी के अध्यापको के लिये निःशुल्क आवास का प्रबन्ध किया जाय और रहने की उन्हें मन्य सुविधाएं प्रदान की जाये तो अँग्रेजो का स्तर ऊँचा उठ सकता है । यदि राजकीय विद्यालयों में अंग्रेजी के प्रध्यापकों को अतिरिक्त परिश्रम के लिये बुद्ध मावर्षक धनराशि दी जाय अथवा अन्य प्रकार के अन्य प्रलोभन दिये जायें तो छात्रों का अंग्रेजी का स्तर ऊँचा उठ सकता है । इन त्रियात्मक उपकल्पनाओं को देखने से पता चलेगा कि उनके दो-दो भाग है - एक पर दूसरा है लक्ष्यात्मक पक्ष प्रत्येक कथन का पूवा कहता है- "यदि ऐसा किया जाय" और उत्तरार्ध बहना है "तो ऐसा होगा ।" वचन वा पूर्वार्द्ध उपकल्पना का त्रियात्मक पक्ष है भोर वथन का उत्तरार्द्ध उपकल्पना का लक्ष्यात्मक पक्ष । कियात्मक उपनामे निम्न गुण होने चाहिए : जो उपना सत्यापनशील हो, जिससे सत्यता और असत्यता को परीक्षा की जा सके, जो विद्यालय के वार्य पर विशेष प्रभाव डाल सके, और जो शब्दमे अभिव्यक्त बोजा मरे और जो उसकी क्षमताओं के अनुकूल हो, जिसका उद्देश्य अनुसंधानकर्ता को पूरी तरह ज्ञात हो जिन्य त्रिया से नदी के बराबर हस्तक्षेप हो, और पूर्व स्थापित सिद्धान्तो द्वारा समर्पित हो वही क्रियात्मक उपरल्पना मच्छी मानी जा सकती। ऐमी उपाधी वा निर्माण ऐसे व्यक्तियों द्वारा सम्भव है जिनमें सृजनात्मक बना पैन्ट पर गहन अनुभव हो। मनुमधान कर्ता विद्यालय की प्रगति के प्रति उस में होने वाले नये-नये मनुसंधाना में पूर्णत परिचित हो सभी यह मच्छी का निर्माण करता है । |
Dhirendra krishna shastri: इन दिनों बाबा बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra krishna shastri) बिहार के पटना में है। यहां वो नौबतपुर में हनुमंत कथा (Hanumant Katha) कर रहे हैं। अनुमान से कहीं अधिक भक्तों की भीड़ कथा सुनने और पंडित धीरेंद्र शास्त्री को देखने उमड़ रही है। इसे लेकर राजनीति भी काफी हो रही है। एक तरफ जहां भाजपा स्वागत तो दूसरी तरफ कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी उनके विरूद्ध आवाज उठा रही है। शहर में लगे धीरेंद्र शास्त्री के पोस्टरों पर कालिख तक पोती गई। इस बीच झारखंड में कांग्रेस पार्टी विधायक ने बाबा को चैलेंज कर दिया है।
दरअसल झारखंड से कांग्रेस पार्टी विधायक इरफान अंसारी ने बाबा को चैलेंज करते हुए बोला कि मैं बाबा को कहूंगा कि आप कथा के मंच से अल्लाह हू अकबर नारा लगाओ। उन्होंने बोला जैसे इरफार अंसारी जय बजरंग बली का नारा लगाते हैं, ठीक वैसे ही आप अल्लाह हू अकबर या फिर अली का नारा लगाइये।
ये बाबा कहां से आ गया?
विधायक इरफान अंसारी यही नहीं रुके उन्होंने बोला कि उन्हें बाबा शब्द से भी परेशानी हैं। एक बाबा उत्तरप्रदेश में है, अब ये नया बाबा कहां से आ गया है? जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव निकट आएगा, बाबओं की संख्या बढ़ती जाएगी।
गौरलतब है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दौरा जब से प्रस्तावित हुआ है, तभी से इस पर टकराव हो रहा है। एक तरफ तेज प्रताप ने उनके विरूद्ध मोर्चा खोला हुआ है तो वहीं पटना के डाक बंगला चौराहे पर बाबा बागेश्वर धाम के पोस्टरों पर छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। दरअसल यहां बाबा बागेश्वर के पोस्टर पर कालिख पोत दी गई। इतना ही नहीं, पोस्टर पर 420 भी लिख दिया गया है। हालांकि ये हरकत किसने और किसके कहने पर की है। इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है।
| Dhirendra krishna shastri: इन दिनों बाबा बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बिहार के पटना में है। यहां वो नौबतपुर में हनुमंत कथा कर रहे हैं। अनुमान से कहीं अधिक भक्तों की भीड़ कथा सुनने और पंडित धीरेंद्र शास्त्री को देखने उमड़ रही है। इसे लेकर राजनीति भी काफी हो रही है। एक तरफ जहां भाजपा स्वागत तो दूसरी तरफ कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी उनके विरूद्ध आवाज उठा रही है। शहर में लगे धीरेंद्र शास्त्री के पोस्टरों पर कालिख तक पोती गई। इस बीच झारखंड में कांग्रेस पार्टी विधायक ने बाबा को चैलेंज कर दिया है। दरअसल झारखंड से कांग्रेस पार्टी विधायक इरफान अंसारी ने बाबा को चैलेंज करते हुए बोला कि मैं बाबा को कहूंगा कि आप कथा के मंच से अल्लाह हू अकबर नारा लगाओ। उन्होंने बोला जैसे इरफार अंसारी जय बजरंग बली का नारा लगाते हैं, ठीक वैसे ही आप अल्लाह हू अकबर या फिर अली का नारा लगाइये। ये बाबा कहां से आ गया? विधायक इरफान अंसारी यही नहीं रुके उन्होंने बोला कि उन्हें बाबा शब्द से भी परेशानी हैं। एक बाबा उत्तरप्रदेश में है, अब ये नया बाबा कहां से आ गया है? जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव निकट आएगा, बाबओं की संख्या बढ़ती जाएगी। गौरलतब है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दौरा जब से प्रस्तावित हुआ है, तभी से इस पर टकराव हो रहा है। एक तरफ तेज प्रताप ने उनके विरूद्ध मोर्चा खोला हुआ है तो वहीं पटना के डाक बंगला चौराहे पर बाबा बागेश्वर धाम के पोस्टरों पर छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। दरअसल यहां बाबा बागेश्वर के पोस्टर पर कालिख पोत दी गई। इतना ही नहीं, पोस्टर पर चार सौ बीस भी लिख दिया गया है। हालांकि ये हरकत किसने और किसके कहने पर की है। इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है। |
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद हुए बवाल की साजिश के एक मामले में वर्ष 2020 से जेल में बंद पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत देने पर सहमति जताई। बता दें कि केरल के पत्रकार कप्पन पर कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। निचली अदालतों की ओर से बार-बार जमानत से इनकार किया गया था। इसके कारण अक्टूबर 2020 से वह सलाखों के पीछे हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी रखी हैं।
जानकारी के मुताबिक सिद्दीकी कप्पन को सबसे पहले शांति भंग करने की आशंका पर तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन पर देशद्रोह और आतंकवाद विरोधी कानून (यूएपीए) व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के उल्लंघन के आरोप लगाए गए। आपको बता दें कि हाथरस जिले में एक युवती के साथ गैंगरेप की वारदात के बाद बड़ा बवाल हुआ था। गांव पूरा छावनी बन गया था। वहीं कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जांच की प्रगति और अभियोजन की ओर से जुटाई गई सामग्री और तथ्यों पर टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि विवाद उनके खिलाफ आरोप तय करने को लेकर है। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से यह भी पूछा कि वह कौन-सा सबूत है जो बताता है कि वह मामले में शामिल था। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कप्पन को तीन दिन के भीतर निचली अदालत ले जाया जाएगा और जैसा वह उचित शर्तों के साथ जमानत पर रिहा किया जाएगा।
1. कप्पन दिल्ली में जंगपुरा पुलिस के अधिकार क्षेत्र में रहेंगे।
2. कप्पन निचली अदालत की स्पष्ट अनुमति के बिना दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे।
3. कप्पन प्रत्येक सोमवार को स्थानीय पुलिस थाने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और यह शर्त अगले छह सप्ताह के लिए लागू होगी।
4. छह सप्ताह के बाद कप्पन केरल जाने के लिए स्वतंत्र होंगे, लेकिन उन्हें प्रत्येक सोमवार को वहां के स्थानीय पुलिस थाने में रिपोर्ट करनी होगी। साथ ही वहां बनाए गए रजिस्टर में अपनी हाजिरी दर्ज करनी होगी।
5. कप्पन कोर्ट की ओर से दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे और विवाद से जुड़े किसी भी व्यक्ति से संपर्क नहीं करेंगे।
| नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद हुए बवाल की साजिश के एक मामले में वर्ष दो हज़ार बीस से जेल में बंद पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत देने पर सहमति जताई। बता दें कि केरल के पत्रकार कप्पन पर कड़े गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। निचली अदालतों की ओर से बार-बार जमानत से इनकार किया गया था। इसके कारण अक्टूबर दो हज़ार बीस से वह सलाखों के पीछे हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी रखी हैं। जानकारी के मुताबिक सिद्दीकी कप्पन को सबसे पहले शांति भंग करने की आशंका पर तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन पर देशद्रोह और आतंकवाद विरोधी कानून व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के उल्लंघन के आरोप लगाए गए। आपको बता दें कि हाथरस जिले में एक युवती के साथ गैंगरेप की वारदात के बाद बड़ा बवाल हुआ था। गांव पूरा छावनी बन गया था। वहीं कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जांच की प्रगति और अभियोजन की ओर से जुटाई गई सामग्री और तथ्यों पर टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि विवाद उनके खिलाफ आरोप तय करने को लेकर है। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से यह भी पूछा कि वह कौन-सा सबूत है जो बताता है कि वह मामले में शामिल था। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कप्पन को तीन दिन के भीतर निचली अदालत ले जाया जाएगा और जैसा वह उचित शर्तों के साथ जमानत पर रिहा किया जाएगा। एक. कप्पन दिल्ली में जंगपुरा पुलिस के अधिकार क्षेत्र में रहेंगे। दो. कप्पन निचली अदालत की स्पष्ट अनुमति के बिना दिल्ली के अधिकार क्षेत्र को नहीं छोड़ेंगे। तीन. कप्पन प्रत्येक सोमवार को स्थानीय पुलिस थाने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और यह शर्त अगले छह सप्ताह के लिए लागू होगी। चार. छह सप्ताह के बाद कप्पन केरल जाने के लिए स्वतंत्र होंगे, लेकिन उन्हें प्रत्येक सोमवार को वहां के स्थानीय पुलिस थाने में रिपोर्ट करनी होगी। साथ ही वहां बनाए गए रजिस्टर में अपनी हाजिरी दर्ज करनी होगी। पाँच. कप्पन कोर्ट की ओर से दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे और विवाद से जुड़े किसी भी व्यक्ति से संपर्क नहीं करेंगे। |
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक महिला के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
इंदौर(सचिन बहरानी): मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक महिला के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
आपको बता दें पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र के स्कीम नंबर 114 का है। यहां की रहने वाली करुणा शर्मा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। करुणा ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिख कर छोड़ा है जिसमें बीसी और फंड के करोड़ों के लेनदेन का जिक्र है। कुछ समय पूर्व करुणा का इसी फंड को लेकर कुछ लोगों से विवाद भी हुआ था। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि करुणा का पति भिलाई में प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर है। लसूडिया पुलिस ने बताया कि अभी तक फन डोर बीसी के करोड़ों के लेनदेन का मामला सामने आया है। आगे जो तथ्य आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
| मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक महिला के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। इंदौर: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक महिला के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। आपको बता दें पूरा मामला लसूड़िया थाना क्षेत्र के स्कीम नंबर एक सौ चौदह का है। यहां की रहने वाली करुणा शर्मा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। करुणा ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिख कर छोड़ा है जिसमें बीसी और फंड के करोड़ों के लेनदेन का जिक्र है। कुछ समय पूर्व करुणा का इसी फंड को लेकर कुछ लोगों से विवाद भी हुआ था। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि करुणा का पति भिलाई में प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर है। लसूडिया पुलिस ने बताया कि अभी तक फन डोर बीसी के करोड़ों के लेनदेन का मामला सामने आया है। आगे जो तथ्य आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। |
BAREILLY:
बरेली में कुपोषण के बाद अब दिमागी बुखार ने भी मासूमों को अपना निवाला बनाना शुरू कर दिया है। दिमागी बुखार के फैले खतरे के बीच एक मासूम की तड़पकर मौत हो गई। वेडनसडे शाम को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में इलाज के दौरान दिमागी बुखार से पीडि़त बच्ची ने तकलीफों के बीच अपनी आखिरी सांस ली। बच्ची को तेज बुखार के साथ दिमागी सूजन थी। डॉक्टर्स के मुताबिक उसमें मेनिनजाइटिस के लक्षण मिले थे। वहीं वेडनसडे रात को ही कुपोषण के शिकार एक नवजात की भी बच्चा वार्ड में मौत हो गई। नवजात का वजन बेहद कम था और उसे सांस लेने में भी बेहद तकलीफ हो रही थी। दोनो ही मौतें भमौरा एरिया से जुड़ी हैं।
भमौरा के ब्रह्मापुर निवासी फिरंगी लाल की 8 साल की बेटी नेहा की पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब थी। वेडनसडे को बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर शाम करीब 6 बजे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचे। इमरजेंसी वार्ड में लाई गई बच्ची तेज बुखार के चलते बेहोश थी। ईएमओ ने अपनी जांच में उसके दिमाग में सूजन पाई। बच्चा वार्ड में एडमिट करने पर पीडियाट्रिशियन डॉ। एससी गुप्ता ने बच्ची को गंभीर हालत में देखा। दिमागी बुखार मेनिनजाइटिस के लक्षण मिलने पर आनन-फानन में बच्ची का इलाज शुरू किया गया। लेकिन आधे घंटे में ही मासूम ने दम तोड़ दिया।
बरेली मंडल में कुपोषण से हो रही मासूमों की मौतों में एक और आंकड़ा जुड़ गया है। कुपोषण के चलते महज एक दिन के नवजात की भी बच्चा वार्ड के एनआईसीयू में मौत हो गई। भमौरा के नवदिया में रहने वाले ईश्वर दयाल की वाइफ पुष्पा की ट्यूजडे को डिलीवरी हुई। प्रसूता ने जुड़वा बेटों को जन्म दिया था। लेकिन दोनों ही बच्चे प्री-मेच्योर थे। उनका वजन कम था और कुपोषण के शिकार थे। दोनों ही नवजात की हालत बेहद नाजुक था। परिजन दोनों बच्चों को लेकर बच्चा वार्ड पहुंचे। दोनों मासूमों की हालत गंभीर देख उन्हें एनआईसीयू में एडमिट किया गया। वेडनसडे रात एक नवजात की मौत हो गई। इसके बाद घबराए परिजन दूसरे नवजात को एनआईसीयू से लेकर निजी हॉस्पिटल चले गए।
| BAREILLY: बरेली में कुपोषण के बाद अब दिमागी बुखार ने भी मासूमों को अपना निवाला बनाना शुरू कर दिया है। दिमागी बुखार के फैले खतरे के बीच एक मासूम की तड़पकर मौत हो गई। वेडनसडे शाम को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में इलाज के दौरान दिमागी बुखार से पीडि़त बच्ची ने तकलीफों के बीच अपनी आखिरी सांस ली। बच्ची को तेज बुखार के साथ दिमागी सूजन थी। डॉक्टर्स के मुताबिक उसमें मेनिनजाइटिस के लक्षण मिले थे। वहीं वेडनसडे रात को ही कुपोषण के शिकार एक नवजात की भी बच्चा वार्ड में मौत हो गई। नवजात का वजन बेहद कम था और उसे सांस लेने में भी बेहद तकलीफ हो रही थी। दोनो ही मौतें भमौरा एरिया से जुड़ी हैं। भमौरा के ब्रह्मापुर निवासी फिरंगी लाल की आठ साल की बेटी नेहा की पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब थी। वेडनसडे को बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर शाम करीब छः बजे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पहुंचे। इमरजेंसी वार्ड में लाई गई बच्ची तेज बुखार के चलते बेहोश थी। ईएमओ ने अपनी जांच में उसके दिमाग में सूजन पाई। बच्चा वार्ड में एडमिट करने पर पीडियाट्रिशियन डॉ। एससी गुप्ता ने बच्ची को गंभीर हालत में देखा। दिमागी बुखार मेनिनजाइटिस के लक्षण मिलने पर आनन-फानन में बच्ची का इलाज शुरू किया गया। लेकिन आधे घंटे में ही मासूम ने दम तोड़ दिया। बरेली मंडल में कुपोषण से हो रही मासूमों की मौतों में एक और आंकड़ा जुड़ गया है। कुपोषण के चलते महज एक दिन के नवजात की भी बच्चा वार्ड के एनआईसीयू में मौत हो गई। भमौरा के नवदिया में रहने वाले ईश्वर दयाल की वाइफ पुष्पा की ट्यूजडे को डिलीवरी हुई। प्रसूता ने जुड़वा बेटों को जन्म दिया था। लेकिन दोनों ही बच्चे प्री-मेच्योर थे। उनका वजन कम था और कुपोषण के शिकार थे। दोनों ही नवजात की हालत बेहद नाजुक था। परिजन दोनों बच्चों को लेकर बच्चा वार्ड पहुंचे। दोनों मासूमों की हालत गंभीर देख उन्हें एनआईसीयू में एडमिट किया गया। वेडनसडे रात एक नवजात की मौत हो गई। इसके बाद घबराए परिजन दूसरे नवजात को एनआईसीयू से लेकर निजी हॉस्पिटल चले गए। |
केंद्र सरकार ऐसी कई स्कीम्स लेकर लाई हैं, जिनके जरिए एक आम आदमी न सिर्फ देश को चलाने में मदद कर सकता है, बल्कि हर महीने एक अच्छी इनकम भी हासिल कर सकता है। इस खबर में हम आपको ऐसी स्कीम्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप हर महीने 25 हजार रुपए तक कमा सकते हैं।
केंद्र सरकार ने सालों से सरकारी विभागों में पड़ी लाखों फाइलों को डिजिटल रूप देना शुरू कर दिया है। इस काम में आम आदमी की मदद ली जा रही है। डाटा एंट्री के इस काम के लिए आपको . . . . . पर खुद को रजिस्टर करना होगा। इसके बाद आपका काम शुरू। डिजिटाइज इंडिया पर रजिस्टर करने के बाद आपको अपने टास्क करने होंगे। इसमें सामान्य तौर पर स्निेपेट्टस (शब्दों को टुकड़ों में तोड़ा जाता है) होते हैं, जो इमेज फाइल के तौर पर आपके सामने आते हैं। इन्हें आपको कॉलम में टाइप करना होता है। डेटा एंट्री के लिए आपको रिवॉर्ड प्वाइंट्स मिलते हैं। एक रिवॉर्ड प्वाइंट दो पैसे के बराबर होता है। 20 से लेकर 40 वर्ड्स पर मिनट अगर आपकी टाइपिंग स्पीड है, तो आप हर महीने 10 हजार रुपए तक कमा सकेंगे।
सरकार ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट्स में करप्शन को खत्म करने के लिए एक स्कीम शुरू की है। इसके तहत अथॉरिटी 25 हजार रुपए तक इनाम दे रही है। एनएचएआई की वेबसाइट के मुताबिक यह कैश रिवॉर्ड उन लोगों को दिया जाएगा, जो अथॉरिटी में और इसके रोड प्रोजेक्ट्स में किसी भी तरह के करप्शन के मामलों को उजागर करेंगे। आपकी तरफ से की गई करप्शन की शिकायत यदि सही निकलती है, तो आपको कैश रिवॉर्ड दिया जाएगा। यह रिवॉर्ड 5 हजार से लेकर 25 हजार रुपए के बीच दिया जाएगा। करप्शन का मामला जितना गंभीर होगा, इनाम भी उतना बड़ा होगा। शिकायत आपको एनएचएआई के चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) को करनी होगी।
जनधन खातों के साथ मिलने वाले रूपे डेबिट कार्ड के जरिए आप पैसे तो नहीं कमा सकते, लेकिन इससे बचत जरूर कर सकते हैं। सामान्य डेबिट कार्ड के जैसे इस कार्ड पर भी आपको रिवॉर्ड प्वाइंट्स समेत सभी सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन रूपे डेबिट कार्ड से अगर आप यूटिलिटी बिल (बिजली, टेलिफोन और अन्य बिल) भरते हैं, तो आपको हर बिल पर 5 फीसदी कैशबैक मिलता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की वेबसाइट के मुताबिक हर बिल पेमेंट पर 5 फीसदी या अधिकतम 50 रुपए का कैशबैक मिलेगा। जिसे बाद में दूसरे ट्रांजैक्शन के लिए यूज किया जा सकता है।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में युवाओं को भीम ऐप और आधार पे के रेफरल प्रोग्राम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि युवा दूसरों को इन ऐप को रेफर कर प्रति दिन 200 रुपए तक कमा सकते हैं। अगर आप के कहने पर कोई आधार पे ऐप यूज करता है तो आपको 10 रुपए मिलेंगे। कैशबैक स्कीम के तहत मर्चेंट को भीम आधार ऐप पर किए जाने वाले हर एक ट्रांजैक्शन पर कैशबैक मिलेगा। रेफरल बोनस स्कीम के तहत भीएम ऐप रेफर करने वाले मौजूदा यूजर और ऐप एडॉप्ट करने वाले नए यूजर दोनों के अकाउंट में कैश बोनस दिया जाएगा। कैशबैक स्कीम के तहत मर्चेंट को भीम आधार ऐप पर किए जाने वाले हर एक ट्रांजैक्शन पर कैशबैक मिलेगा। यह स्कीम 14 अक्टूबर तक चलेगी।
| केंद्र सरकार ऐसी कई स्कीम्स लेकर लाई हैं, जिनके जरिए एक आम आदमी न सिर्फ देश को चलाने में मदद कर सकता है, बल्कि हर महीने एक अच्छी इनकम भी हासिल कर सकता है। इस खबर में हम आपको ऐसी स्कीम्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप हर महीने पच्चीस हजार रुपए तक कमा सकते हैं। केंद्र सरकार ने सालों से सरकारी विभागों में पड़ी लाखों फाइलों को डिजिटल रूप देना शुरू कर दिया है। इस काम में आम आदमी की मदद ली जा रही है। डाटा एंट्री के इस काम के लिए आपको . . . . . पर खुद को रजिस्टर करना होगा। इसके बाद आपका काम शुरू। डिजिटाइज इंडिया पर रजिस्टर करने के बाद आपको अपने टास्क करने होंगे। इसमें सामान्य तौर पर स्निेपेट्टस होते हैं, जो इमेज फाइल के तौर पर आपके सामने आते हैं। इन्हें आपको कॉलम में टाइप करना होता है। डेटा एंट्री के लिए आपको रिवॉर्ड प्वाइंट्स मिलते हैं। एक रिवॉर्ड प्वाइंट दो पैसे के बराबर होता है। बीस से लेकर चालीस वर्ड्स पर मिनट अगर आपकी टाइपिंग स्पीड है, तो आप हर महीने दस हजार रुपए तक कमा सकेंगे। सरकार ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने नेशनल हाइवे प्रोजेक्ट्स में करप्शन को खत्म करने के लिए एक स्कीम शुरू की है। इसके तहत अथॉरिटी पच्चीस हजार रुपए तक इनाम दे रही है। एनएचएआई की वेबसाइट के मुताबिक यह कैश रिवॉर्ड उन लोगों को दिया जाएगा, जो अथॉरिटी में और इसके रोड प्रोजेक्ट्स में किसी भी तरह के करप्शन के मामलों को उजागर करेंगे। आपकी तरफ से की गई करप्शन की शिकायत यदि सही निकलती है, तो आपको कैश रिवॉर्ड दिया जाएगा। यह रिवॉर्ड पाँच हजार से लेकर पच्चीस हजार रुपए के बीच दिया जाएगा। करप्शन का मामला जितना गंभीर होगा, इनाम भी उतना बड़ा होगा। शिकायत आपको एनएचएआई के चीफ विजिलेंस ऑफिसर को करनी होगी। जनधन खातों के साथ मिलने वाले रूपे डेबिट कार्ड के जरिए आप पैसे तो नहीं कमा सकते, लेकिन इससे बचत जरूर कर सकते हैं। सामान्य डेबिट कार्ड के जैसे इस कार्ड पर भी आपको रिवॉर्ड प्वाइंट्स समेत सभी सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन रूपे डेबिट कार्ड से अगर आप यूटिलिटी बिल भरते हैं, तो आपको हर बिल पर पाँच फीसदी कैशबैक मिलता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक हर बिल पेमेंट पर पाँच फीसदी या अधिकतम पचास रुपयापए का कैशबैक मिलेगा। जिसे बाद में दूसरे ट्रांजैक्शन के लिए यूज किया जा सकता है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में युवाओं को भीम ऐप और आधार पे के रेफरल प्रोग्राम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि युवा दूसरों को इन ऐप को रेफर कर प्रति दिन दो सौ रुपयापए तक कमा सकते हैं। अगर आप के कहने पर कोई आधार पे ऐप यूज करता है तो आपको दस रुपयापए मिलेंगे। कैशबैक स्कीम के तहत मर्चेंट को भीम आधार ऐप पर किए जाने वाले हर एक ट्रांजैक्शन पर कैशबैक मिलेगा। रेफरल बोनस स्कीम के तहत भीएम ऐप रेफर करने वाले मौजूदा यूजर और ऐप एडॉप्ट करने वाले नए यूजर दोनों के अकाउंट में कैश बोनस दिया जाएगा। कैशबैक स्कीम के तहत मर्चेंट को भीम आधार ऐप पर किए जाने वाले हर एक ट्रांजैक्शन पर कैशबैक मिलेगा। यह स्कीम चौदह अक्टूबर तक चलेगी। |
यह जानकारी मुख्य संसदीय सचिव विनय कुमार ने खेगुआ में उनसे मिलने आए भवाई क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमण्डल को संबोधित करते हुए दी । प्रतिनिधिमण्डल ने भवाई के लिए मॉडल स्कूल स्वीकृत करवाने के लिए आभार व्यक्त किया। सीपीएस ने कहा कि भवाई मॉडल स्कूल को शीघ्र ही क्रियाशील बना दिया जाएगा । इसके अतिरिक्त संगड़ाह में भी मॉडल स्कूल खोला जा रहा है ।
उन्होंने विकास की चर्चा करते हुुए कहा कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल प्रदेश के इतिहास में विकास युग के नाम से जाना जाएगा । उन्होने कहा कि सरकार द्वारा जहां प्रदेश के सभी क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित किया है वहीं पर कर्मचारियों को उनके लाभ समय समय पर प्रदान किए गए । इसके अतिरिक्त अनुबंध कर्मचारियों को 5 वर्ष की बजाए तीन वर्ष में नियमित तथा दिहाड़ीदारो को आठ वर्ष की बजाए 5 वर्ष में नियमित करने के निर्णय से हजारों कर्मचारियों को लाभ मिला है ।
सीपीएस ने कहा कि रेणुका निर्वाचन क्षेत्र के हरिपुरधार में शीघ्र पुलिस चौकी खोल दी जाएगी । इसके अतिरिक्त संगड़ाह में ज्यूडिशियल कोर्ट खोलने की सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी गई है । उन्होने कहा कि बोगधार में पॉलटेकनिकल कॉलेज खोलने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा औपचारिकताऐं पूरी की जा रही है और इस कॉलेज को भी शीघ्र खोल दिया जाएगा ।
उन्होंने बताया कि संगड़ाह में सात करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले मिनी सचिवालय और साढ़े छः करोड़ से निर्मित होने वाले सीएचसी भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है । इसके अतिरिक्त माईना में आईटीआई भवन और 85 लाख की लागत से खेल स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है ।
विनय कुमार ने खेगुआ में जन समस्याओं को सुनते हुए कहा कि सरकार लोगों को स्वच्छ, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है और सरकार द्वारा सभी उपायुक्तों को दूरदराज गांव में शिविर लगाने के निर्देश दिए है ताकि लोगों की समस्याओं का निदान मौके पर हो सके । उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जन समस्याओं को समयबद्ध निपटाने के निर्देश दिए है और अधिकारियों को जन समस्याओं को लंबित रखने के लिए जवाबदेह बनाया गया है ।
| यह जानकारी मुख्य संसदीय सचिव विनय कुमार ने खेगुआ में उनसे मिलने आए भवाई क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमण्डल को संबोधित करते हुए दी । प्रतिनिधिमण्डल ने भवाई के लिए मॉडल स्कूल स्वीकृत करवाने के लिए आभार व्यक्त किया। सीपीएस ने कहा कि भवाई मॉडल स्कूल को शीघ्र ही क्रियाशील बना दिया जाएगा । इसके अतिरिक्त संगड़ाह में भी मॉडल स्कूल खोला जा रहा है । उन्होंने विकास की चर्चा करते हुुए कहा कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल प्रदेश के इतिहास में विकास युग के नाम से जाना जाएगा । उन्होने कहा कि सरकार द्वारा जहां प्रदेश के सभी क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित किया है वहीं पर कर्मचारियों को उनके लाभ समय समय पर प्रदान किए गए । इसके अतिरिक्त अनुबंध कर्मचारियों को पाँच वर्ष की बजाए तीन वर्ष में नियमित तथा दिहाड़ीदारो को आठ वर्ष की बजाए पाँच वर्ष में नियमित करने के निर्णय से हजारों कर्मचारियों को लाभ मिला है । सीपीएस ने कहा कि रेणुका निर्वाचन क्षेत्र के हरिपुरधार में शीघ्र पुलिस चौकी खोल दी जाएगी । इसके अतिरिक्त संगड़ाह में ज्यूडिशियल कोर्ट खोलने की सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी गई है । उन्होने कहा कि बोगधार में पॉलटेकनिकल कॉलेज खोलने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा औपचारिकताऐं पूरी की जा रही है और इस कॉलेज को भी शीघ्र खोल दिया जाएगा । उन्होंने बताया कि संगड़ाह में सात करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले मिनी सचिवालय और साढ़े छः करोड़ से निर्मित होने वाले सीएचसी भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है । इसके अतिरिक्त माईना में आईटीआई भवन और पचासी लाख की लागत से खेल स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है । विनय कुमार ने खेगुआ में जन समस्याओं को सुनते हुए कहा कि सरकार लोगों को स्वच्छ, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है और सरकार द्वारा सभी उपायुक्तों को दूरदराज गांव में शिविर लगाने के निर्देश दिए है ताकि लोगों की समस्याओं का निदान मौके पर हो सके । उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जन समस्याओं को समयबद्ध निपटाने के निर्देश दिए है और अधिकारियों को जन समस्याओं को लंबित रखने के लिए जवाबदेह बनाया गया है । |
गर्मियों में पीले फलों का बहुत महत्व होता है। पीले फलों में विटामिन सी, विटामिन ए, फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और खनिज होते हैं।
पीले फल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। गर्मियों में आपको पीले फल जैसे आम, पपीता, संतरा, खरबूजा, अनानास और केला जरूर खाना चाहिए। पीले फल और सब्जियां भी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। हृदय और मधुमेह के रोगियों को इसे अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए। पीले फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं। गर्मियों में इन फलों का सेवन आपको अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए करना चाहिए। आइए जानते हैं गर्मियों में कौन से पीले फल आते हैं और क्या हैं इसके फायदे?
1- आम- गर्मी आते ही लोग आम का इंतजार करने लगते हैं। गर्मियों में आपको खाने के लिए बहुत कुछ मिल जाएगा। फलों का राजा आम जितना रसीला और मीठा होता है उतना ही इसके फायदे भी होते हैं। आम में विटामिन सी पाया जाता है। आम खाने से आंख, त्वचा, कोलेस्ट्रॉल, पाचन और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है। गर्मियों में आम जरूर खाना चाहिए।
2- केला- केला एक ऐसा फल है जो हर मौसम में पाया जाता है। केले विटामिन ए, बी, सी, ई, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। इसमें अमीनो एसिड होता है, जो एलर्जी से बचाता है। केले में विटामिन बी6 होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है।
3- अनानस- अनानस में पोटेशियम और कई अन्य आवश्यक एंजाइम होते हैं। इससे ब्लोटिंग की समस्या कम होती है। अनानास शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसे खाने से आंखों की चमक बढ़ती है और मोतियाबिंद का खतरा कम होता है।
4- संतरा- संतरा खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी मिलता है। संतरे में भी अच्छी मात्रा में फाइबर होता है। संतरा कैल्शियम और विटामिन का भी अच्छा स्रोत है। संतरा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। वजन कम करने के लिए आपको संतरा भी खाना चाहिए। सर्दी-जुकाम से राहत पाने के लिए भी संतरे का सेवन करना चाहिए।
5- पपीता- गर्मियों में पपीते को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें. पपीते में विटामिन सी और विटामिन ए पाया जाता है। इससे आंखें और इम्यून सिस्टम दोनों मजबूत होते हैं। पपीता खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है, जो पेट और पाचन को अच्छा रखने में मदद करता है। वजन घटाने के लिए भी पपीता एक अच्छा फल है।
| गर्मियों में पीले फलों का बहुत महत्व होता है। पीले फलों में विटामिन सी, विटामिन ए, फाइटोकेमिकल्स, एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और खनिज होते हैं। पीले फल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। गर्मियों में आपको पीले फल जैसे आम, पपीता, संतरा, खरबूजा, अनानास और केला जरूर खाना चाहिए। पीले फल और सब्जियां भी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती हैं। हृदय और मधुमेह के रोगियों को इसे अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए। पीले फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं। गर्मियों में इन फलों का सेवन आपको अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए करना चाहिए। आइए जानते हैं गर्मियों में कौन से पीले फल आते हैं और क्या हैं इसके फायदे? एक- आम- गर्मी आते ही लोग आम का इंतजार करने लगते हैं। गर्मियों में आपको खाने के लिए बहुत कुछ मिल जाएगा। फलों का राजा आम जितना रसीला और मीठा होता है उतना ही इसके फायदे भी होते हैं। आम में विटामिन सी पाया जाता है। आम खाने से आंख, त्वचा, कोलेस्ट्रॉल, पाचन और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है। गर्मियों में आम जरूर खाना चाहिए। दो- केला- केला एक ऐसा फल है जो हर मौसम में पाया जाता है। केले विटामिन ए, बी, सी, ई, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। इसमें अमीनो एसिड होता है, जो एलर्जी से बचाता है। केले में विटामिन बीछः होता है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट है। तीन- अनानस- अनानस में पोटेशियम और कई अन्य आवश्यक एंजाइम होते हैं। इससे ब्लोटिंग की समस्या कम होती है। अनानास शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसे खाने से आंखों की चमक बढ़ती है और मोतियाबिंद का खतरा कम होता है। चार- संतरा- संतरा खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी मिलता है। संतरे में भी अच्छी मात्रा में फाइबर होता है। संतरा कैल्शियम और विटामिन का भी अच्छा स्रोत है। संतरा एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। वजन कम करने के लिए आपको संतरा भी खाना चाहिए। सर्दी-जुकाम से राहत पाने के लिए भी संतरे का सेवन करना चाहिए। पाँच- पपीता- गर्मियों में पपीते को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें. पपीते में विटामिन सी और विटामिन ए पाया जाता है। इससे आंखें और इम्यून सिस्टम दोनों मजबूत होते हैं। पपीता खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है, जो पेट और पाचन को अच्छा रखने में मदद करता है। वजन घटाने के लिए भी पपीता एक अच्छा फल है। |
वीरेंद्र कुमार मीणा, प्रदीप कुमार अग्रवाल, बी श्रीनिवासन, वरिंदर पाल सिंह बाजवा, जसबीर सिंह और अनिल गुप्ता की पोस्टिंग से संबंधित ऑर्डर बाद में जारी किए जाएंगे.
पंजाब सरकार (Government of Punjab) ने राज्य में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल (Bureaucratic Reshuffle) करते हुए सोमवार को 24 आईएएस और 12 पीसीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है. वित्त में प्रमुख सचिव केएपी सिन्हा (KAP Sinha) को बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत में प्रमुख सचिव (Principal Secretary) का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
स्कूली शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार (Krishan Kumar) का तबादला उच्च शिक्षा और भाषा सचिव के पद पर किया गया है. राजस्व और पुनर्वास की विशेष सचिव बबीता को, अरविंद पाल सिंह संधू के स्थान पर फाजिल्का जिले (Fazilka District) का नया डिप्टी कमिश्नर बनाया गया है. जबकि अरविंद पाल सिंह संधू बठिंडा के डिप्टी कमिश्नर के रूप में बी श्रीनिवासन (B Srinivasan) की जगह लेंगे.
वीरेंद्र कुमार मीणा, प्रदीप कुमार अग्रवाल, बी श्रीनिवासन, वरिंदर पाल सिंह बाजवा, जसबीर सिंह और अनिल गुप्ता की पोस्टिंग से संबंधित ऑर्डर बाद में जारी किए जाएंगे. इस आदेश पर पंजाब सरकार के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी (Anirudh Tiwari) ने हस्ताक्षर किए हैं. चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने कुछ दिनों पहले विनी महाजन को हटाकर उनकी जगह अनिरुद्ध तिवारी को मुख्य सचिव नियुक्त किया है.
अनिरुद्ध तिवारी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1990 बैच के अधिकारी हैं और वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास, अतिरिक्त मुख्य खाद्य प्रसंस्करण, अतिरिक्त मुख्य सचिव बागवानी और अतिरिक्त मुख्य सचिव शासन सुधार और लोक शिकायत का पदभार संभाल रहे हैं. 1987 बैच की अधिकारी विनी महाजन को पिछले साल अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था और वह राज्य में इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला अधिकारी थीं.
सरकार ने मुख्य सचिव को हटाने के साथ-साथ कैप्टन के द्वारा नियुक्त किए गए अन्य 13 ओएसडी को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया. कैप्टन द्वारा नियुक्त राजनीतिक नियुक्तियों वाले OSDs को तमाम सरकारी सुविधाओं को लौटाने और सरकारी मकानों को 15 दिनों में खाली करने का निर्देश भी दिया गया है. हटाए गए ज्यादातर अधिकारी कैप्टन द्वारा अलग-अलग पदों पर ओएसडी के रूप में नियुक्त किए गए थे. इनमें मेजर अमरदीप सिंह, एमपी सिंह, संदीप, गुरमेहर सिंह, बलदेव सिंह, जगदीप सिंह, राजेंद्र सिंह बाठ, अंकित बंसल, कर्मवीर सिंह, अमर प्रताप सिंह सेखों, गुरप्रीत सोनी डेसी, नरिंदर भांमरी का नाम शामिल हैं.
| वीरेंद्र कुमार मीणा, प्रदीप कुमार अग्रवाल, बी श्रीनिवासन, वरिंदर पाल सिंह बाजवा, जसबीर सिंह और अनिल गुप्ता की पोस्टिंग से संबंधित ऑर्डर बाद में जारी किए जाएंगे. पंजाब सरकार ने राज्य में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए सोमवार को चौबीस आईएएस और बारह पीसीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है. वित्त में प्रमुख सचिव केएपी सिन्हा को बिजली और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत में प्रमुख सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. स्कूली शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार का तबादला उच्च शिक्षा और भाषा सचिव के पद पर किया गया है. राजस्व और पुनर्वास की विशेष सचिव बबीता को, अरविंद पाल सिंह संधू के स्थान पर फाजिल्का जिले का नया डिप्टी कमिश्नर बनाया गया है. जबकि अरविंद पाल सिंह संधू बठिंडा के डिप्टी कमिश्नर के रूप में बी श्रीनिवासन की जगह लेंगे. वीरेंद्र कुमार मीणा, प्रदीप कुमार अग्रवाल, बी श्रीनिवासन, वरिंदर पाल सिंह बाजवा, जसबीर सिंह और अनिल गुप्ता की पोस्टिंग से संबंधित ऑर्डर बाद में जारी किए जाएंगे. इस आदेश पर पंजाब सरकार के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने हस्ताक्षर किए हैं. चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने कुछ दिनों पहले विनी महाजन को हटाकर उनकी जगह अनिरुद्ध तिवारी को मुख्य सचिव नियुक्त किया है. अनिरुद्ध तिवारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक हज़ार नौ सौ नब्बे बैच के अधिकारी हैं और वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास, अतिरिक्त मुख्य खाद्य प्रसंस्करण, अतिरिक्त मुख्य सचिव बागवानी और अतिरिक्त मुख्य सचिव शासन सुधार और लोक शिकायत का पदभार संभाल रहे हैं. एक हज़ार नौ सौ सत्तासी बैच की अधिकारी विनी महाजन को पिछले साल अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था और वह राज्य में इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला अधिकारी थीं. सरकार ने मुख्य सचिव को हटाने के साथ-साथ कैप्टन के द्वारा नियुक्त किए गए अन्य तेरह ओएसडी को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया. कैप्टन द्वारा नियुक्त राजनीतिक नियुक्तियों वाले OSDs को तमाम सरकारी सुविधाओं को लौटाने और सरकारी मकानों को पंद्रह दिनों में खाली करने का निर्देश भी दिया गया है. हटाए गए ज्यादातर अधिकारी कैप्टन द्वारा अलग-अलग पदों पर ओएसडी के रूप में नियुक्त किए गए थे. इनमें मेजर अमरदीप सिंह, एमपी सिंह, संदीप, गुरमेहर सिंह, बलदेव सिंह, जगदीप सिंह, राजेंद्र सिंह बाठ, अंकित बंसल, कर्मवीर सिंह, अमर प्रताप सिंह सेखों, गुरप्रीत सोनी डेसी, नरिंदर भांमरी का नाम शामिल हैं. |
नई दिल्ली से कालका के बीच शताब्दी ट्रेन का संचालन आज से होगा। करीब दस माह बाद आठ फरवरी से नई दिल्ली-कालका शताब्दी ट्रैक पर दौड़ेगी। यही ट्रेन अगले दिन कालका से चंडीगढ़ होते हुए दिल्ली के लिए सुबह रवाना होगी। अंबाला मंडल की ओर से जारी आदेश के अनुसार ट्रेन अपने पुराने नंबर 12005/12006 से नहीं बल्कि नए नंबर 02005 से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेगी। वापसी में कालका रेलवे स्टेशन से 02006 नंबर से दिल्ली तक रेल मार्ग पर दौड़ेगी।
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| नई दिल्ली से कालका के बीच शताब्दी ट्रेन का संचालन आज से होगा। करीब दस माह बाद आठ फरवरी से नई दिल्ली-कालका शताब्दी ट्रैक पर दौड़ेगी। यही ट्रेन अगले दिन कालका से चंडीगढ़ होते हुए दिल्ली के लिए सुबह रवाना होगी। अंबाला मंडल की ओर से जारी आदेश के अनुसार ट्रेन अपने पुराने नंबर बारह हज़ार पाँच/बारह हज़ार छः से नहीं बल्कि नए नंबर दो हज़ार पाँच से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेगी। वापसी में कालका रेलवे स्टेशन से दो हज़ार छः नंबर से दिल्ली तक रेल मार्ग पर दौड़ेगी। Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi. |
शिवपुरी। जिले के सतनबाड़ा थाना क्षेत्र के तहत आने वाली खूबत घाटी के पास ट्रक के ब्रेक फैल हो जाने के कारण खाई में गिर गया। घटना में ट्रक में सवार लगभग 9 मजदूर घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया जहां उनका उपचार डॉक्टरों द्वारा किया गया। मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
पुलिस ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि ग्वालियर की ओर से आ रहा एक ट्रक खूबत घाटी पर बनी खाई में गिर गया है। सूचना पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई और घायलों को ट्रक से निकालकर 108 की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया। घायलों ने पुलिस को बताया कि वह मजदूर है और मजदूरी कर शिवपुरी आ रहे थे।
तभी खूबत की घाटी पर ट्रक के अचानक ब्रेक फैल हो गए और वह खाई में गिर गया। ट्रक के खाई में गिरने से चीख-पुकार मच गई। वहां से निकल रहे लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
इस घटना में दिनेश प्रजापति पुत्र बाबूलाल (35) मनियर, हरनाम पुत्र अमरलाल (40) नरवर, मातादीन पुत्र चर्तुभुज सेन (47), भूरा पुत्र बाबूलाल प्रजापति (21) मनियर, रामचरण पुत्र कोमल प्रजापति (20), मोहनसिंह पुत्र गोपाली (35), विनोद शाक्य पुत्र रमेश शाक्य मनियर, मुन्न रावत पुत्र खैरू (28) मनियर, वीरेन्द्र शाक्य पुत्र बारेलाल (20) निवासी मनियर शामिल है।
| शिवपुरी। जिले के सतनबाड़ा थाना क्षेत्र के तहत आने वाली खूबत घाटी के पास ट्रक के ब्रेक फैल हो जाने के कारण खाई में गिर गया। घटना में ट्रक में सवार लगभग नौ मजदूर घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया जहां उनका उपचार डॉक्टरों द्वारा किया गया। मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। पुलिस ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि ग्वालियर की ओर से आ रहा एक ट्रक खूबत घाटी पर बनी खाई में गिर गया है। सूचना पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई और घायलों को ट्रक से निकालकर एक सौ आठ की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया। घायलों ने पुलिस को बताया कि वह मजदूर है और मजदूरी कर शिवपुरी आ रहे थे। तभी खूबत की घाटी पर ट्रक के अचानक ब्रेक फैल हो गए और वह खाई में गिर गया। ट्रक के खाई में गिरने से चीख-पुकार मच गई। वहां से निकल रहे लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इस घटना में दिनेश प्रजापति पुत्र बाबूलाल मनियर, हरनाम पुत्र अमरलाल नरवर, मातादीन पुत्र चर्तुभुज सेन , भूरा पुत्र बाबूलाल प्रजापति मनियर, रामचरण पुत्र कोमल प्रजापति , मोहनसिंह पुत्र गोपाली , विनोद शाक्य पुत्र रमेश शाक्य मनियर, मुन्न रावत पुत्र खैरू मनियर, वीरेन्द्र शाक्य पुत्र बारेलाल निवासी मनियर शामिल है। |
[भाग III - खण्ड 4
( 5 ) वर्तमान निवेश की प्रकृति में उद्धृत नहीं किए गए अधिमान शेयरों का मूल्य लागत अथवा अंकित मूल्य निवल आस्ति मूल्य मे से जो भी कम है, पर लगाया जाएगा। यदि निवल आस्ति मूल्य नगण्य है, तब इसका मूल्य शून्य पर लगाया जाना चाहिए।
( 6 ) उद्धृत नहीं की गई सरकारी प्रतिभूतियो अथवा सरकारी गारंटीकृत बंधपत्रों में निवेश का मूल्य वहनीय लागत पर किया जाएगा।
(7) वर्तमान निवेशो की प्रकृति में, म्युयुअल फंड्स की यूनिटों में उद्धृत नहीं किए गए निवेश का मूल्य प्रत्येक योजना विशेष के संबंध में म्युचुअल फंड द्वारा घोषित निवल आस्ति मूल्य पर लगाया जाएगा।
(8) वाणिज्यिक पत्रों का मूल्य वहनीय लागत पर किया जाएगा।
टिपणीः उद्धृत नहीं किए गए ऋण पत्रों को उनकी अवधि अनुसार आय अभिज्ञान एवं आस्ति वर्गीकरण के प्रयोजन के लिए एक दीर्घावधि ऋण अथवा ऋण सुविधाओं के अन्य प्रकार के रूप में माना जाएगा।
आस्ति वर्गीकरण
23 (1) प्रत्येक आवास वित्त कंपनी मलीभांति परिभाषित ऋण संबंधी कमजोरियों को और वसूली के लिए समर्थक प्रतिभूति पर कितनी निर्भरता है, उसको हिसाब में लेने के बाद, पट्टा / किराया खरीद की अपनी आस्तियों, ऋणो एवं अग्रिमों तथा ऋण के अन्य रूपों को निम्न लिखित श्रेणियों में वर्गीकृत करेगीः(i) मानक आस्तियां
(ii) उप मानक आस्तियां
(iii) संदिग्ध आस्तियां
(iv) हानिप्रद आस्तियां
( 2 ) ऊपर निर्दिष्ट किए गए आस्तियों के वर्ग को तब तक पुनर्निर्धारण के एक परिणाम के रूप में समुन्नत नहीं किया जाएगा, जब तक कि यह उन्नयन के लिए अपेक्षित शर्तों को पूरी नहीं करता है।
प्रावधान संबंधी अपेक्षाएं
24 प्रत्येक आवास वित्त कंपनी, किसी लेखा का अनुपयोज्य बन जाने, इस रूप में, उसके अभिज्ञान के बीच समयांतर, प्रतिभूति की वसूली तथा प्रभारित प्रतिभूति के मूल्य में समयोपरि कमी को लेखा में लेने के बाद, उपमानक आस्तियों, संदिग्ध आस्तियों एवं हानिप्रद आस्तियों के लिए यथा निम्नलिखित प्रावधान करेगी :खरीदे गए एवं भुनाए गए बिलों सहित, ऋणों अग्रिमो एवं अन्य ऋण सुविधाएं
( 1 ) खरीदे गए एवं भुनाए गए बिलों सहित, ऋणों अग्रिमों एवं अन्य ऋण सुविधाओं के लिए प्रावधान संबंधी अपेक्षाएं यथा निम्न होंगी1) हानिप्रद आस्तियां
समस्त आस्तियों को बट्टे खाते डाल दिया जाएगा। यदि आस्तियो को किसी भी कारण से लेखा बहियों में रहने दिया | [भाग III - खण्ड चार वर्तमान निवेश की प्रकृति में उद्धृत नहीं किए गए अधिमान शेयरों का मूल्य लागत अथवा अंकित मूल्य निवल आस्ति मूल्य मे से जो भी कम है, पर लगाया जाएगा। यदि निवल आस्ति मूल्य नगण्य है, तब इसका मूल्य शून्य पर लगाया जाना चाहिए। उद्धृत नहीं की गई सरकारी प्रतिभूतियो अथवा सरकारी गारंटीकृत बंधपत्रों में निवेश का मूल्य वहनीय लागत पर किया जाएगा। वर्तमान निवेशो की प्रकृति में, म्युयुअल फंड्स की यूनिटों में उद्धृत नहीं किए गए निवेश का मूल्य प्रत्येक योजना विशेष के संबंध में म्युचुअल फंड द्वारा घोषित निवल आस्ति मूल्य पर लगाया जाएगा। वाणिज्यिक पत्रों का मूल्य वहनीय लागत पर किया जाएगा। टिपणीः उद्धृत नहीं किए गए ऋण पत्रों को उनकी अवधि अनुसार आय अभिज्ञान एवं आस्ति वर्गीकरण के प्रयोजन के लिए एक दीर्घावधि ऋण अथवा ऋण सुविधाओं के अन्य प्रकार के रूप में माना जाएगा। आस्ति वर्गीकरण तेईस प्रत्येक आवास वित्त कंपनी मलीभांति परिभाषित ऋण संबंधी कमजोरियों को और वसूली के लिए समर्थक प्रतिभूति पर कितनी निर्भरता है, उसको हिसाब में लेने के बाद, पट्टा / किराया खरीद की अपनी आस्तियों, ऋणो एवं अग्रिमों तथा ऋण के अन्य रूपों को निम्न लिखित श्रेणियों में वर्गीकृत करेगीः मानक आस्तियां उप मानक आस्तियां संदिग्ध आस्तियां हानिप्रद आस्तियां ऊपर निर्दिष्ट किए गए आस्तियों के वर्ग को तब तक पुनर्निर्धारण के एक परिणाम के रूप में समुन्नत नहीं किया जाएगा, जब तक कि यह उन्नयन के लिए अपेक्षित शर्तों को पूरी नहीं करता है। प्रावधान संबंधी अपेक्षाएं चौबीस प्रत्येक आवास वित्त कंपनी, किसी लेखा का अनुपयोज्य बन जाने, इस रूप में, उसके अभिज्ञान के बीच समयांतर, प्रतिभूति की वसूली तथा प्रभारित प्रतिभूति के मूल्य में समयोपरि कमी को लेखा में लेने के बाद, उपमानक आस्तियों, संदिग्ध आस्तियों एवं हानिप्रद आस्तियों के लिए यथा निम्नलिखित प्रावधान करेगी :खरीदे गए एवं भुनाए गए बिलों सहित, ऋणों अग्रिमो एवं अन्य ऋण सुविधाएं खरीदे गए एवं भुनाए गए बिलों सहित, ऋणों अग्रिमों एवं अन्य ऋण सुविधाओं के लिए प्रावधान संबंधी अपेक्षाएं यथा निम्न होंगीएक) हानिप्रद आस्तियां समस्त आस्तियों को बट्टे खाते डाल दिया जाएगा। यदि आस्तियो को किसी भी कारण से लेखा बहियों में रहने दिया |
बस अड्डा सुजानपुर के नजदीक बनी पक्की दुकानों का किराया न देने पर नगर परिषद ने डेढ़ दर्जन दुकानदारों को नोटिस जारी किए हैं। ये दुकानदार मासिक किराए का भुगतान नहीं कर रहे, साथ ही कई दुकानदारों की पहले की बकाया राशि भी पेंडिंग चल रही है। आखिरकार मजबूर नगर परिषद को अपना पैसा वसूल करने के लिए इन्हें नोटिस जारी करने पड़े हैं। नोटिस की अवहेलना करने पर नगर परिषद ऐसे दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई कर सकती है । सात दिन की मोहलत में दुकानदारों को मासिक वेतन सहित बकाया राशि का भी भुगतान करना होगा। अगर जरूरत पड़ी, तो नगर परिषद हल्फनामे के मुताबिक दुकानें भी खाली करवा सकती है। सख्त रुख अपनाते हुए नगर परिषद ने प्रथम कार्रवाई करते हुए किराए का भुगतान न करने वाले दुकानदारों को डिफाल्टर घोषित करते हुए उन्हें विद्युत कनेक्शन प्राप्ति के लिए दी जाने वाली एनओसी पर रोक लगा दी है और कहा है कि जब तक पुराने और नए मासिक किराए का भुगतान ऐसे दुकानदार नहीं करेंगे तो उन्हें बिजली मीटर लगाने के लिए एनओसी जारी नहीं होगी। नगर परिषद सुजानपुर ने बस अड्डा सुजानपुर पर छह दर्जन के करीब पक्की दुकानें रेहड़ी-फड़ी धारकों के लिए बना कर दी हैं।
इसके लिए बजट का प्रावधान केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के प्रयासों से हुआ था। विधिवत उद्घाटन-शिलान्यास प्रक्रिया पूरी कर दुकानें बनाने और उन्हें आबंटित करने का कार्य हुआ था, जब दुकानें आबंटित करने का कार्य शुरू हुआ उस समय नगर परिषद ने एक हल्फनामा दुकानदारों से लिया था, जिसमें नियम निर्धारित किए गए थे और कहा गया था कि अगर कोई भी नियम कि अवहेलना होती है, तो नगर परिषद किसी भी समय दुकानें खाली करवा सकती है, जिसमें विशेष रूप से मासिक किराए का प्रतिमाह और जो पुराना किराया दुकानदारों के पास पेंडिंग है उसका भुगतान करना अनिवार्य था, लेकिन वर्तमान में कुछेक दुकानदारों ने नया किराया जमा करना तो दूर पुराने का भुगतान भी नहीं किया है। नोटिस में साफ शब्दों में लिखा है कि अगर आप सप्ताह भर के भीतर पुराने के साथ नए किराए का भुगतान नहीं करेंगे, तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। इस संदर्भ में नगर परिषद अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि करीब डेढ़ दर्जन दुकानदारों को नोटिस जारी किए हैं। सात दिन के भीतर नया व पुराना किराया जमा करवाने को कहा है अगर ऐसा नहीं होता है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। दुकानें खाली भी करवाई जा सकती हैं। (एचडीएम)
| बस अड्डा सुजानपुर के नजदीक बनी पक्की दुकानों का किराया न देने पर नगर परिषद ने डेढ़ दर्जन दुकानदारों को नोटिस जारी किए हैं। ये दुकानदार मासिक किराए का भुगतान नहीं कर रहे, साथ ही कई दुकानदारों की पहले की बकाया राशि भी पेंडिंग चल रही है। आखिरकार मजबूर नगर परिषद को अपना पैसा वसूल करने के लिए इन्हें नोटिस जारी करने पड़े हैं। नोटिस की अवहेलना करने पर नगर परिषद ऐसे दुकानदारों पर कड़ी कार्रवाई कर सकती है । सात दिन की मोहलत में दुकानदारों को मासिक वेतन सहित बकाया राशि का भी भुगतान करना होगा। अगर जरूरत पड़ी, तो नगर परिषद हल्फनामे के मुताबिक दुकानें भी खाली करवा सकती है। सख्त रुख अपनाते हुए नगर परिषद ने प्रथम कार्रवाई करते हुए किराए का भुगतान न करने वाले दुकानदारों को डिफाल्टर घोषित करते हुए उन्हें विद्युत कनेक्शन प्राप्ति के लिए दी जाने वाली एनओसी पर रोक लगा दी है और कहा है कि जब तक पुराने और नए मासिक किराए का भुगतान ऐसे दुकानदार नहीं करेंगे तो उन्हें बिजली मीटर लगाने के लिए एनओसी जारी नहीं होगी। नगर परिषद सुजानपुर ने बस अड्डा सुजानपुर पर छह दर्जन के करीब पक्की दुकानें रेहड़ी-फड़ी धारकों के लिए बना कर दी हैं। इसके लिए बजट का प्रावधान केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के प्रयासों से हुआ था। विधिवत उद्घाटन-शिलान्यास प्रक्रिया पूरी कर दुकानें बनाने और उन्हें आबंटित करने का कार्य हुआ था, जब दुकानें आबंटित करने का कार्य शुरू हुआ उस समय नगर परिषद ने एक हल्फनामा दुकानदारों से लिया था, जिसमें नियम निर्धारित किए गए थे और कहा गया था कि अगर कोई भी नियम कि अवहेलना होती है, तो नगर परिषद किसी भी समय दुकानें खाली करवा सकती है, जिसमें विशेष रूप से मासिक किराए का प्रतिमाह और जो पुराना किराया दुकानदारों के पास पेंडिंग है उसका भुगतान करना अनिवार्य था, लेकिन वर्तमान में कुछेक दुकानदारों ने नया किराया जमा करना तो दूर पुराने का भुगतान भी नहीं किया है। नोटिस में साफ शब्दों में लिखा है कि अगर आप सप्ताह भर के भीतर पुराने के साथ नए किराए का भुगतान नहीं करेंगे, तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। इस संदर्भ में नगर परिषद अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि करीब डेढ़ दर्जन दुकानदारों को नोटिस जारी किए हैं। सात दिन के भीतर नया व पुराना किराया जमा करवाने को कहा है अगर ऐसा नहीं होता है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। दुकानें खाली भी करवाई जा सकती हैं। |
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कई पदों पर नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन की मांग की है। गुवाहाटी उच्च न्यायालय इस भर्ती के माध्यम से असम न्यायिक सेवा (Asam Judicial Service) ग्रेड-I के पदों पर योग्य उम्मीदवारों का चयन करेगी।
ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने कानून (Law) की पढ़ाई या LLB की डिग्री ले रखी है, उनके लिए यह प्रतिष्ठित नौकरी पाने का यह सुनहरा मौका हैं।
इस पद पर चयनित उम्मीदवारों को 51,550 से 58,390 रूपये प्रतिमाह वेतन का भुगतान किया जाएगा. इच्छुक उम्मीदवार 2 जुलाई 2018 तक हाईकोर्ट की ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए इस नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों की आयु 35 साल से 48 साल के बीच होनी चाहिए।
असम न्यायिक सेवा ग्रेड- I(Asam Judicial Service Grade-1)
उम्मीदवारों का मान्यता प्राप्त संस्थान/यूनिवर्सिटी से कानून में डिग्री या LLB किया होना अनिवार्य है इसके साथ ही सिविल और क्रिमिनल क्षेत्राधिकार कोर्ट में में एक वकील के रूप में अभ्यास का अनुभव होना भी जरुरी है।
| गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कई पदों पर नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन की मांग की है। गुवाहाटी उच्च न्यायालय इस भर्ती के माध्यम से असम न्यायिक सेवा ग्रेड-I के पदों पर योग्य उम्मीदवारों का चयन करेगी। ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने कानून की पढ़ाई या LLB की डिग्री ले रखी है, उनके लिए यह प्रतिष्ठित नौकरी पाने का यह सुनहरा मौका हैं। इस पद पर चयनित उम्मीदवारों को इक्यावन,पाँच सौ पचास से अट्ठावन,तीन सौ नब्बे रूपये प्रतिमाह वेतन का भुगतान किया जाएगा. इच्छुक उम्मीदवार दो जुलाई दो हज़ार अट्ठारह तक हाईकोर्ट की ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए इस नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों की आयु पैंतीस साल से अड़तालीस साल के बीच होनी चाहिए। असम न्यायिक सेवा ग्रेड- I उम्मीदवारों का मान्यता प्राप्त संस्थान/यूनिवर्सिटी से कानून में डिग्री या LLB किया होना अनिवार्य है इसके साथ ही सिविल और क्रिमिनल क्षेत्राधिकार कोर्ट में में एक वकील के रूप में अभ्यास का अनुभव होना भी जरुरी है। |
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार-शुक्रवार (28-29 जुलाई) को गुजरात और तमिलनाडु का दौरा करेंगे और इस दौरान वह कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे और कार्यक्रमों में भाग लेंगे.
28 जुलाई को, प्रधान मंत्री गुजरात के साबरकांठा के गढ़ोदा चौकी में कई साबर डेयरी परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री 44वें शतरंज ओलंपियाड की घोषणा करने के लिए चेन्नई जाएंगे।
अन्ना विश्वविद्यालय के 42वें दीक्षांत समारोह का दौरा करने के बाद, प्रधानमंत्री गुजरात लौटेंगे और गांधीनगर में गिफ्ट सिटी का दौरा करेंगे, जहां वह कई पहलों के लिए आधारशिला रखेंगे।
28 जुलाई को, वह गुजरात में साबर डेयरी का दौरा करेंगे और 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। उन्होंने कहा, 'इन परियोजनाओं से स्थानीय किसानों और दुग्ध उत्पादकों के राजस्व में वृद्धि होगी. ' प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार इससे क्षेत्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री साबर डेयरी में पाउडर संयंत्र खोलेंगे, जिसकी क्षमता लगभग 120 मिलियन टन प्रति दिन (एमटीपीडी) है। इस परियोजना की कुल लागत 300 करोड़ रुपये से अधिक है। वह साबर डेयरी के एसेप्टिक मिल्क पैकेजिंग प्लांट का भी लोकार्पण करेंगे, जिसकी क्षमता तीन लाख लीटर प्रतिदिन है। यह परियोजना लगभग 125 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ पूरी हुई थी।
इसके अलावा, वह साबर पनीर और मट्ठा सुखाने संयंत्र परियोजना के लिए आधार तैयार करेंगे। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 600 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री 29 जुलाई को गांधीनगर में गिफ्ट सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) का दौरा करेंगे और भारत के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (आईएफएससी) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के विकास और विनियमन के लिए एकीकृत नियामक, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) के मुख्यालय भवन की आधारशिला रखेंगे।
हर-हर शम्भू ! PAK क्रिकेटर ने दी 'सावन' की शुभकामनाएं, क्या किसी भारतीय खिलाड़ी ने दी बधाई ?
| नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार-शुक्रवार को गुजरात और तमिलनाडु का दौरा करेंगे और इस दौरान वह कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे और कार्यक्रमों में भाग लेंगे. अट्ठाईस जुलाई को, प्रधान मंत्री गुजरात के साबरकांठा के गढ़ोदा चौकी में कई साबर डेयरी परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री चौंतालीसवें शतरंज ओलंपियाड की घोषणा करने के लिए चेन्नई जाएंगे। अन्ना विश्वविद्यालय के बयालीसवें दीक्षांत समारोह का दौरा करने के बाद, प्रधानमंत्री गुजरात लौटेंगे और गांधीनगर में गिफ्ट सिटी का दौरा करेंगे, जहां वह कई पहलों के लिए आधारशिला रखेंगे। अट्ठाईस जुलाई को, वह गुजरात में साबर डेयरी का दौरा करेंगे और एक,शून्य करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। उन्होंने कहा, 'इन परियोजनाओं से स्थानीय किसानों और दुग्ध उत्पादकों के राजस्व में वृद्धि होगी. ' प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार इससे क्षेत्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री साबर डेयरी में पाउडर संयंत्र खोलेंगे, जिसकी क्षमता लगभग एक सौ बीस मिलियन टन प्रति दिन है। इस परियोजना की कुल लागत तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक है। वह साबर डेयरी के एसेप्टिक मिल्क पैकेजिंग प्लांट का भी लोकार्पण करेंगे, जिसकी क्षमता तीन लाख लीटर प्रतिदिन है। यह परियोजना लगभग एक सौ पच्चीस करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ पूरी हुई थी। इसके अलावा, वह साबर पनीर और मट्ठा सुखाने संयंत्र परियोजना के लिए आधार तैयार करेंगे। परियोजना की अनुमानित लागत लगभग छः सौ करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री उनतीस जुलाई को गांधीनगर में गिफ्ट सिटी का दौरा करेंगे और भारत के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के विकास और विनियमन के लिए एकीकृत नियामक, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के मुख्यालय भवन की आधारशिला रखेंगे। हर-हर शम्भू ! PAK क्रिकेटर ने दी 'सावन' की शुभकामनाएं, क्या किसी भारतीय खिलाड़ी ने दी बधाई ? |
भारतीय टीम ने विश्व कप के पहले बहुत सारी सीरीज खेलीं और उसके बाद विश्व कप के लिए भारतीय टीम के अंतिम 15 खिलाड़ियों की घोषणा हुई। विश्व कप की टीम में शामिल करने से पहले भारत ने कई खिलाड़ियों को आजमाया, जिसमें से कुछ भारत की उम्मीदों पर खरे उतरे तथा कुछ ने निराश किया। वहीं टीम में कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं जो यह मौका पाने के पूरे हकदार थे।
भारत के विश्व कप स्क्वॉड में कई अनुभवी खिलाड़ियों को शामिल किया गया। वे अनुभवी खिलाड़ी अब करियर के अंतिम पड़ाव की ओर हैं। उनमें से एमएस धोनी, केदार जाधव और दिनेश कार्तिक के साथ-साथ और भी कई खिलाड़ी हैं जिनके लिए शायद ये आखिरी विश्वकप है।
भारत के पास कुछ गजब की युवा प्रतिभाएं हैं, जिन्हें चयनकर्ता 2019 विश्वकप के बाद आजमाना चाहेंगे। कई युवा खिलाड़ी जैसे पृथ्वी शॉ, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे ने इस साल आईपीएल में सबको प्रभावित किया है। भारतीय चयनकर्ता जरूर उन्हें 2019 विश्व कप के बाद मौका देकर देखना चाहेंगे कि क्या वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए परिपक्व हो चुके हैं या नहीं। हालांकि पृथ्वी शॉ भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू कर चुके हैं। पृथ्वी शॉ को अभी तक वनडे क्रिकेट में मौका नहीं मिला है, चयनकर्ता जरूर उन्हें ओपनर के तौर पर आजमाना चाहेंगे।
यह भी पढ़ेंः 3 युवा खिलाड़ी जिन्हें 2019 विश्व कप के बाद भारतीय टीम में जगह मिल सकती है।
इस आर्टिकल में हम उन दो खिलाड़ियों की बात करने जा रहे हैं जिन्हें शायद चयनकर्ता 2019 विश्व कप के बाद भारतीय टीम में मौका ना दें।
केदार जाधव पिछले काफी समय से भारतीय टीम का हिस्सा बने हुए हैं। वह मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हैं तथा जरूरत पड़ने पर भारत के लिए गेंदबाजी भी करते हैं और अहम मौकों पर विकेट भी निकाल कर देते हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से उनका बल्लेबाजी में खास प्रदर्शन नहीं रहा है।
आईपीएल 2019 में भी उन्होंने अपने बल्ले से सब को निराश किया तथा उनकी फिटनेस पर भी हमेशा संदेह बना रहता है। जाधव ने विश्व कप में भारत के लिए नंबर 6 या 7 पर बल्लेबाजी की तथा उन्हें गेंदबाजी करने का भी ज्यादा मौका नहीं मिला। पिछले मैच में उन्हें टीम से बाहर कर रविंद्र जडेजा को शामिल किया गया था।
भारतीय टीम प्रबंधन जरूर अब कुछ युवाओं खिलाड़ियों को मौका देना चाहेगा और केदार जाधव जो कि 34 वर्ष के हो चुके हैं उनके लिए टीम में जगह पाना अब और भी मुश्किल होगा, क्योंकि ऋषभ पंत श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी लगातार अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित कर रहे हैं।
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दिनेश कार्तिक एक ऐसा खिलाड़ी है जो पिछले 10-12 सालों से टीम में कई बार आया और गया है। दिनेश कार्तिक जिन्होंने भारतीय टीम में अपने अच्छे प्रदर्शन से कई बार वापसी की है पिछले कुछ समय से भारत के लिए फिनिशर का रोल निभा रहे हैं।
एमएस धोनी अब करियर के अंतिम दौर में हैं जहां उनसे उस प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की जा सकती जैसा वह अपने करियर के शुरुआती दौर में करते थे। इस विश्व कप में कार्तिक को सात मैचों में बाहर बैठने के बाद बांग्लादेश के खिलाफ जगह मिली।
ऋषभ पंत जिन्हे अब एमएस धोनी के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है और केएल राहुल भी आईपीएल में विकेटकीपिंग कर रहे हैं। ऐसे में दिनेश कार्तिक लिए अपनी जगह बचा पाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि युवा खिलाड़ी तो टीम में आ ही रहे हैं साथ ही दिनेश कार्तिक की उम्र भी अब बढ़ रही है। चयनकर्ता भविष्य को देखते हुए जरूर अब कुछ युवा खिलाड़ियों पर निवेश करना चाहेंगे।
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| भारतीय टीम ने विश्व कप के पहले बहुत सारी सीरीज खेलीं और उसके बाद विश्व कप के लिए भारतीय टीम के अंतिम पंद्रह खिलाड़ियों की घोषणा हुई। विश्व कप की टीम में शामिल करने से पहले भारत ने कई खिलाड़ियों को आजमाया, जिसमें से कुछ भारत की उम्मीदों पर खरे उतरे तथा कुछ ने निराश किया। वहीं टीम में कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं जो यह मौका पाने के पूरे हकदार थे। भारत के विश्व कप स्क्वॉड में कई अनुभवी खिलाड़ियों को शामिल किया गया। वे अनुभवी खिलाड़ी अब करियर के अंतिम पड़ाव की ओर हैं। उनमें से एमएस धोनी, केदार जाधव और दिनेश कार्तिक के साथ-साथ और भी कई खिलाड़ी हैं जिनके लिए शायद ये आखिरी विश्वकप है। भारत के पास कुछ गजब की युवा प्रतिभाएं हैं, जिन्हें चयनकर्ता दो हज़ार उन्नीस विश्वकप के बाद आजमाना चाहेंगे। कई युवा खिलाड़ी जैसे पृथ्वी शॉ, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे ने इस साल आईपीएल में सबको प्रभावित किया है। भारतीय चयनकर्ता जरूर उन्हें दो हज़ार उन्नीस विश्व कप के बाद मौका देकर देखना चाहेंगे कि क्या वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए परिपक्व हो चुके हैं या नहीं। हालांकि पृथ्वी शॉ भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू कर चुके हैं। पृथ्वी शॉ को अभी तक वनडे क्रिकेट में मौका नहीं मिला है, चयनकर्ता जरूर उन्हें ओपनर के तौर पर आजमाना चाहेंगे। यह भी पढ़ेंः तीन युवा खिलाड़ी जिन्हें दो हज़ार उन्नीस विश्व कप के बाद भारतीय टीम में जगह मिल सकती है। इस आर्टिकल में हम उन दो खिलाड़ियों की बात करने जा रहे हैं जिन्हें शायद चयनकर्ता दो हज़ार उन्नीस विश्व कप के बाद भारतीय टीम में मौका ना दें। केदार जाधव पिछले काफी समय से भारतीय टीम का हिस्सा बने हुए हैं। वह मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हैं तथा जरूरत पड़ने पर भारत के लिए गेंदबाजी भी करते हैं और अहम मौकों पर विकेट भी निकाल कर देते हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से उनका बल्लेबाजी में खास प्रदर्शन नहीं रहा है। आईपीएल दो हज़ार उन्नीस में भी उन्होंने अपने बल्ले से सब को निराश किया तथा उनकी फिटनेस पर भी हमेशा संदेह बना रहता है। जाधव ने विश्व कप में भारत के लिए नंबर छः या सात पर बल्लेबाजी की तथा उन्हें गेंदबाजी करने का भी ज्यादा मौका नहीं मिला। पिछले मैच में उन्हें टीम से बाहर कर रविंद्र जडेजा को शामिल किया गया था। भारतीय टीम प्रबंधन जरूर अब कुछ युवाओं खिलाड़ियों को मौका देना चाहेगा और केदार जाधव जो कि चौंतीस वर्ष के हो चुके हैं उनके लिए टीम में जगह पाना अब और भी मुश्किल होगा, क्योंकि ऋषभ पंत श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी लगातार अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित कर रहे हैं। Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्टसकीड़ा पर पाएं। दिनेश कार्तिक एक ऐसा खिलाड़ी है जो पिछले दस-बारह सालों से टीम में कई बार आया और गया है। दिनेश कार्तिक जिन्होंने भारतीय टीम में अपने अच्छे प्रदर्शन से कई बार वापसी की है पिछले कुछ समय से भारत के लिए फिनिशर का रोल निभा रहे हैं। एमएस धोनी अब करियर के अंतिम दौर में हैं जहां उनसे उस प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की जा सकती जैसा वह अपने करियर के शुरुआती दौर में करते थे। इस विश्व कप में कार्तिक को सात मैचों में बाहर बैठने के बाद बांग्लादेश के खिलाफ जगह मिली। ऋषभ पंत जिन्हे अब एमएस धोनी के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है और केएल राहुल भी आईपीएल में विकेटकीपिंग कर रहे हैं। ऐसे में दिनेश कार्तिक लिए अपनी जगह बचा पाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि युवा खिलाड़ी तो टीम में आ ही रहे हैं साथ ही दिनेश कार्तिक की उम्र भी अब बढ़ रही है। चयनकर्ता भविष्य को देखते हुए जरूर अब कुछ युवा खिलाड़ियों पर निवेश करना चाहेंगे। Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्टसकीड़ा पर पाएं। |
नई दिल्ली। अदालत ने एयसेल मैक्सिस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ मामले की जांच पूरी करने के लिए मंगलवार को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को तीन महीने का समय दे दिया। इस मामले में ब्रिटेन और सिंगापुर को भेजे अनुरोध पत्र पर जवाबी रिपोर्ट हासिल करने के लिए जांच एजेंसियों ने समय मांगा था।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने सीबीआई और ईडी द्वारा किए गए अनुरोध को मंजूरी दे दी। जांच एजेंसियों की ओर अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल संजय जैन ने दलील दी कि अनुरोध पत्रों पर रिपोर्ट का अभी इंतजार है तथा ब्रिटेन और सिंगापुर में सक्षम प्राधिकारों को अनुरोध पत्र पर रिपोर्ट भेजने में तेजी लाने के लिए स्मरण पत्र भेजा गया है।
वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने दलील दी कि रिपोर्ट प्राप्त करने में तीन महीने का वक्त लग सकता। उन्होंने मामले में आगे की बहस के लिए सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध किया ताकि जरूरी रिपोर्ट प्राप्त हो जाए। कोर्ट ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद पर्याप्त समय बीत चुका है लेकिन उक्त अनुरोध पर सुनवाई को स्थगित किया जाता है। मामले की अगली सुनवाई 3 नवंबर को होगी।
सीबीआई यह जांच कर रही है कि कार्ति चिदबंरम ने 2006 में एयरसेल-मैक्सिस करार के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से किस तरह से मंजूरी प्राप्त की। उस वक्त उनके पिता केंद्रीय वित्त मंत्री थे। ईडी इस अपराध में धन शोधन के पहलू की जांच कर रही है। आरोप है कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री कार्यकाल में कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस करार को मंजूरी दी और इसके एवज में रिश्वत ली।
| नई दिल्ली। अदालत ने एयसेल मैक्सिस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ मामले की जांच पूरी करने के लिए मंगलवार को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को तीन महीने का समय दे दिया। इस मामले में ब्रिटेन और सिंगापुर को भेजे अनुरोध पत्र पर जवाबी रिपोर्ट हासिल करने के लिए जांच एजेंसियों ने समय मांगा था। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने सीबीआई और ईडी द्वारा किए गए अनुरोध को मंजूरी दे दी। जांच एजेंसियों की ओर अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल संजय जैन ने दलील दी कि अनुरोध पत्रों पर रिपोर्ट का अभी इंतजार है तथा ब्रिटेन और सिंगापुर में सक्षम प्राधिकारों को अनुरोध पत्र पर रिपोर्ट भेजने में तेजी लाने के लिए स्मरण पत्र भेजा गया है। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने दलील दी कि रिपोर्ट प्राप्त करने में तीन महीने का वक्त लग सकता। उन्होंने मामले में आगे की बहस के लिए सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध किया ताकि जरूरी रिपोर्ट प्राप्त हो जाए। कोर्ट ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद पर्याप्त समय बीत चुका है लेकिन उक्त अनुरोध पर सुनवाई को स्थगित किया जाता है। मामले की अगली सुनवाई तीन नवंबर को होगी। सीबीआई यह जांच कर रही है कि कार्ति चिदबंरम ने दो हज़ार छः में एयरसेल-मैक्सिस करार के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड से किस तरह से मंजूरी प्राप्त की। उस वक्त उनके पिता केंद्रीय वित्त मंत्री थे। ईडी इस अपराध में धन शोधन के पहलू की जांच कर रही है। आरोप है कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री कार्यकाल में कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस करार को मंजूरी दी और इसके एवज में रिश्वत ली। |
लखनऊ. यूपी के पीलीभीत से एक महीना पहले एक छात्रा लापता हो गयी थी. लापता छात्रा को बीसलपुर कोतवाली पुलिस ने गुरुवार को मैनपुरी के एक गांव से बरामद कर लिया है. छात्रा को यहां पर 70 हजार रुपए में बेचा गया था. पुलिस छात्रा के साथ उसे खरीदने वाले युवक को भी पकड़ लिया है. पुलिस अब उस महिला को तलाश रही है, जिसने छात्रा को बेचा था. जानकारी के अनुसार, छात्रा 30 मई को लापता हो गयी थी. छात्रा के पिताने 31 मई को कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
छात्रा के पिता ने आवेदन देकर पुलिस को बताया था कि उसकी पुत्री पूर्णागिरि जाने के लिए घर से निकली थी, तभी उसे किसी ने अगवा कर लिया है. वहीं हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने कई बार पुलिस से मिलकर छात्रा को बरामद करने की मांग की थी. कोतवाली पुलिस ने गुरुवार को छात्रा के घरवालों को साथ लेकर मैनपुरी के एक गांव में दबिश दी. वहां पर छात्रा मिल गई. पुलिस छात्रा और उसे अपने साथ रखने वाले युवक को कोतवाली ले आई है.
छात्रा ने बताया कि वह 30 मई को बीसलपुर से ट्रेन से पीलीभीत पहुंची थी. वहां से पूर्णागिरि जाने के लिए टनकपुर की ट्रेन बैठना था. लेकिन, गलती से कासगंज जाने वाली ट्रेन में बैठ गई. जब कासगंज रेलवे स्टेशन पहुंची तो वहां पर कुछ महिलाएं मिलीं. वे महिलाएं उसे अपने साथ पूर्णागिरि ले गईं. फिर अपने साथ वापस कासगंज ले गईं. वहां छात्रा ने घर जाने के लिए महिलाओं से रुपए मांगे. लेकिन उन्होंने रुपये देने से मना कर दिया.
फर्रुखाबाद स्टेशन पर छात्रा को एक महिला मिली. उसने छात्रा को मैनपुरी ले जाकर एक युवक के हाथ 70 हजार रुपए में बेच दिया. आरोपी युवक ने भी छात्रा के घरवालों को बताया कि उसने छात्रा को 70 हजार रुपए में खरीदा है. पुलिस किशोरी और युवक से पूछताछ कर रही है. पुलिस ने बरामद छात्रा का शुक्रवार को सरकारी अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया. किशोरी को आज न्यायालय में बयान दर्ज कराने के लिए पेश किया जाएगा. इसके बाद न्यायालय के आदेशानुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. हालांकि पुलिस छात्रा को बेचने वाली महिला की तलाश शुरू कर दी है.
| लखनऊ. यूपी के पीलीभीत से एक महीना पहले एक छात्रा लापता हो गयी थी. लापता छात्रा को बीसलपुर कोतवाली पुलिस ने गुरुवार को मैनपुरी के एक गांव से बरामद कर लिया है. छात्रा को यहां पर सत्तर हजार रुपए में बेचा गया था. पुलिस छात्रा के साथ उसे खरीदने वाले युवक को भी पकड़ लिया है. पुलिस अब उस महिला को तलाश रही है, जिसने छात्रा को बेचा था. जानकारी के अनुसार, छात्रा तीस मई को लापता हो गयी थी. छात्रा के पिताने इकतीस मई को कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. छात्रा के पिता ने आवेदन देकर पुलिस को बताया था कि उसकी पुत्री पूर्णागिरि जाने के लिए घर से निकली थी, तभी उसे किसी ने अगवा कर लिया है. वहीं हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं ने कई बार पुलिस से मिलकर छात्रा को बरामद करने की मांग की थी. कोतवाली पुलिस ने गुरुवार को छात्रा के घरवालों को साथ लेकर मैनपुरी के एक गांव में दबिश दी. वहां पर छात्रा मिल गई. पुलिस छात्रा और उसे अपने साथ रखने वाले युवक को कोतवाली ले आई है. छात्रा ने बताया कि वह तीस मई को बीसलपुर से ट्रेन से पीलीभीत पहुंची थी. वहां से पूर्णागिरि जाने के लिए टनकपुर की ट्रेन बैठना था. लेकिन, गलती से कासगंज जाने वाली ट्रेन में बैठ गई. जब कासगंज रेलवे स्टेशन पहुंची तो वहां पर कुछ महिलाएं मिलीं. वे महिलाएं उसे अपने साथ पूर्णागिरि ले गईं. फिर अपने साथ वापस कासगंज ले गईं. वहां छात्रा ने घर जाने के लिए महिलाओं से रुपए मांगे. लेकिन उन्होंने रुपये देने से मना कर दिया. फर्रुखाबाद स्टेशन पर छात्रा को एक महिला मिली. उसने छात्रा को मैनपुरी ले जाकर एक युवक के हाथ सत्तर हजार रुपए में बेच दिया. आरोपी युवक ने भी छात्रा के घरवालों को बताया कि उसने छात्रा को सत्तर हजार रुपए में खरीदा है. पुलिस किशोरी और युवक से पूछताछ कर रही है. पुलिस ने बरामद छात्रा का शुक्रवार को सरकारी अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया. किशोरी को आज न्यायालय में बयान दर्ज कराने के लिए पेश किया जाएगा. इसके बाद न्यायालय के आदेशानुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. हालांकि पुलिस छात्रा को बेचने वाली महिला की तलाश शुरू कर दी है. |
Indian Railway Recruitment 2021: नॉर्थ सेंट्रल रेलवे की ओर से ट्रेड अप्रेंटिस के 1,664 पदों पर आवेदन मांगे थे। इन पदों पर आवेदन करने का आज आखिरी दिन है। अगर अभी तक किसी इच्छुक उम्मीदवार ने आवेदन नहीं किया है तो उत्तर मध्य रेलवे आरआरसी की आधिकारिक वेबसाइटrrcpryj. org पर जाकर आज, 1 सितंबर रात 11. 59 बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन पदों पर आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स को कोई एग्जाम नहीं देना है। ये भर्ती 10वीं कक्षा व आईटीआई के मार्क्स के आधार पर होगी। इन मार्क्स के आधार पर एक मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। इसी मेरिट लिस्ट के आधार पर कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।
जिन पदों के लिए 10वीं पास की योग्यता मांगी गई है उनकी मेरिट में 50 फीसदी वेटेज 10वीं के मार्क्स का और 50 फीसदी वेटेज आईटीआई के मार्क्स को दिया जाएगा। जिन पदों के लिए 8वीं पास की योग्यता मांगी गई है उनमें 8वीं व आईटीआई के औसत नंबर लिए जाएंगे। इन पदों के लिए आवेदन फीस की बात करें तो जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को 100 रुपये आवेदन फीस देनी होगी। जबकि एससी, एसटी और महिला उम्मीदवारों को लिए कोई आवेदन फीस नहीं देनी होगी। फीस का भुगतान ऑनलाइन मोड से किया जा सकता है।
आयु सीमा की बात करें तो कैंडिडेट की कम से कम आयु 15 साल और अधिकतम 24 साल होनी चाहिए। आयु की गणना 1 सितंबर 2021 से की जाएगी। अधिकतम आयु सीमा में ओबीसी वर्ग के लिए तीन साल, एससी/एसटी कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए पांच साल और दिव्यांगों को दस साल की छूट दी जाएगी।
पढ़ाई की बात करें तो कैंडिडेट मान्यता प्राप्त संस्थान या बोर्ड से कम से कम 50 फीसदी नंबरों के साथ 10वीं पास हो और पद से संबंधित ट्रेड में आईटीआई सर्टिफिकेट (NCVT से मान्यता प्राप्त) प्राप्त होना चाहिए। वहीं वेल्डर (गैस और इलेक्ट्रिक), वायरमैन और कारपेंटर के लिए 8 वीं कक्षा और आईटीआई / ट्रेड सर्टिफिकेट होना चाहिए। नोटिफिकेशन चेक करने का डायरेक्ट लिंकhttps://www. rrcpryj. org/Downloads/Notification-Act-Apprentice-English. pdf है।
| Indian Railway Recruitment दो हज़ार इक्कीस: नॉर्थ सेंट्रल रेलवे की ओर से ट्रेड अप्रेंटिस के एक,छः सौ चौंसठ पदों पर आवेदन मांगे थे। इन पदों पर आवेदन करने का आज आखिरी दिन है। अगर अभी तक किसी इच्छुक उम्मीदवार ने आवेदन नहीं किया है तो उत्तर मध्य रेलवे आरआरसी की आधिकारिक वेबसाइटrrcpryj. org पर जाकर आज, एक सितंबर रात ग्यारह. उनसठ बजे तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन पदों पर आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स को कोई एग्जाम नहीं देना है। ये भर्ती दसवीं कक्षा व आईटीआई के मार्क्स के आधार पर होगी। इन मार्क्स के आधार पर एक मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। इसी मेरिट लिस्ट के आधार पर कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। जिन पदों के लिए दसवीं पास की योग्यता मांगी गई है उनकी मेरिट में पचास फीसदी वेटेज दसवीं के मार्क्स का और पचास फीसदी वेटेज आईटीआई के मार्क्स को दिया जाएगा। जिन पदों के लिए आठवीं पास की योग्यता मांगी गई है उनमें आठवीं व आईटीआई के औसत नंबर लिए जाएंगे। इन पदों के लिए आवेदन फीस की बात करें तो जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को एक सौ रुपयापये आवेदन फीस देनी होगी। जबकि एससी, एसटी और महिला उम्मीदवारों को लिए कोई आवेदन फीस नहीं देनी होगी। फीस का भुगतान ऑनलाइन मोड से किया जा सकता है। आयु सीमा की बात करें तो कैंडिडेट की कम से कम आयु पंद्रह साल और अधिकतम चौबीस साल होनी चाहिए। आयु की गणना एक सितंबर दो हज़ार इक्कीस से की जाएगी। अधिकतम आयु सीमा में ओबीसी वर्ग के लिए तीन साल, एससी/एसटी कैटेगरी के उम्मीदवारों के लिए पांच साल और दिव्यांगों को दस साल की छूट दी जाएगी। पढ़ाई की बात करें तो कैंडिडेट मान्यता प्राप्त संस्थान या बोर्ड से कम से कम पचास फीसदी नंबरों के साथ दसवीं पास हो और पद से संबंधित ट्रेड में आईटीआई सर्टिफिकेट प्राप्त होना चाहिए। वहीं वेल्डर , वायरमैन और कारपेंटर के लिए आठ वीं कक्षा और आईटीआई / ट्रेड सर्टिफिकेट होना चाहिए। नोटिफिकेशन चेक करने का डायरेक्ट लिंकhttps://www. rrcpryj. org/Downloads/Notification-Act-Apprentice-English. pdf है। |
- #ReligionShiv Abhishesk : श्रावण मास में कैसे करें शिव अभिषेक?
Chanakya Neeti: 'काम जब तक सफल न हो किसी से चर्चा न करें'
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मन्त्रेण रक्षयेद् गूढं कार्य चापि नियोजयेत् । ।
अर्थात्- मन में सोचे हुए कार्य को कभी मुंह से बाहर नहीं निकालना चाहिए। मंत्र के समान गुप्त रखते हुए उसकी रक्षा करनी चाहिए और गुप्त रखकर ही उस काम को करना भी चाहिए।
उपरोक्त श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य कार्य सिद्धि का रहस्य बता रहे हैं। उनका कहना है कि कई कार्य ऐसे होते हैं जिन्हें करने का विचार यदि आपके मन में है तो उसे मन में ही रहने दें। जिस प्रकार गुरु प्रदत्त मंत्र किसी के सामने बोला नहीं जाता, सार्वजनिक नहीं किया जाता, ठीक उसी प्रकार अपने मन में सोचे हुए कार्य को भी मंत्र के समान ही गोपनीय रखना चाहिए और गुप्त रूप से ही उसे पूरा भी कर लेना चाहिए। कहने का आशय यह है कि जब कार्य चल ही रहा है तभी से उसका ढिंढोरा नहीं पीटना चाहिए क्योंकि यदि काम पूरा नहीं हो पाया और आपने पहले से उसका प्रचार-प्रसार कर दिया तो हो सकता है काम अधूरा रह जाने पर या असफल हो जाने पर लोग आपकी हंसी उड़ाए।
कई लोग तो मन ही मन द्वेष भावना रखते हैं। ऐसे में यदि उन्हें आपके कार्य की सिद्धि का पता चल गया तो वे काम बिगाड़ सकते हैं या किसी अन्य से आपका काम बिगड़वा भी सकते हैं। यह शास्त्रीय नियम भी है कि जिस काम को आप लगन से और गोपनीय ढंग से करते हैं उसमें सफलता मिलना आसान हो जाता है।
पहले से लोगों को बता देने से कार्य की सिद्धि में बाधा आ सकती है और फिर काम पूरा हो जाने पर लोगों को पता चल ही जाता है इसलिए उत्तम यही होता है कि अपने काम गोपनीय ढंग से पूरे किए जाएं।
| - #ReligionShiv Abhishesk : श्रावण मास में कैसे करें शिव अभिषेक? Chanakya Neeti: 'काम जब तक सफल न हो किसी से चर्चा न करें' । मन्त्रेण रक्षयेद् गूढं कार्य चापि नियोजयेत् । । अर्थात्- मन में सोचे हुए कार्य को कभी मुंह से बाहर नहीं निकालना चाहिए। मंत्र के समान गुप्त रखते हुए उसकी रक्षा करनी चाहिए और गुप्त रखकर ही उस काम को करना भी चाहिए। उपरोक्त श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य कार्य सिद्धि का रहस्य बता रहे हैं। उनका कहना है कि कई कार्य ऐसे होते हैं जिन्हें करने का विचार यदि आपके मन में है तो उसे मन में ही रहने दें। जिस प्रकार गुरु प्रदत्त मंत्र किसी के सामने बोला नहीं जाता, सार्वजनिक नहीं किया जाता, ठीक उसी प्रकार अपने मन में सोचे हुए कार्य को भी मंत्र के समान ही गोपनीय रखना चाहिए और गुप्त रूप से ही उसे पूरा भी कर लेना चाहिए। कहने का आशय यह है कि जब कार्य चल ही रहा है तभी से उसका ढिंढोरा नहीं पीटना चाहिए क्योंकि यदि काम पूरा नहीं हो पाया और आपने पहले से उसका प्रचार-प्रसार कर दिया तो हो सकता है काम अधूरा रह जाने पर या असफल हो जाने पर लोग आपकी हंसी उड़ाए। कई लोग तो मन ही मन द्वेष भावना रखते हैं। ऐसे में यदि उन्हें आपके कार्य की सिद्धि का पता चल गया तो वे काम बिगाड़ सकते हैं या किसी अन्य से आपका काम बिगड़वा भी सकते हैं। यह शास्त्रीय नियम भी है कि जिस काम को आप लगन से और गोपनीय ढंग से करते हैं उसमें सफलता मिलना आसान हो जाता है। पहले से लोगों को बता देने से कार्य की सिद्धि में बाधा आ सकती है और फिर काम पूरा हो जाने पर लोगों को पता चल ही जाता है इसलिए उत्तम यही होता है कि अपने काम गोपनीय ढंग से पूरे किए जाएं। |
( २३६ ) कर्क लग्न वाले
लड़कियों के विवाह सन्बन्ध का शुभ अशुभ फलादेश
जिन लड़के लड़कियों के ग्रह निम्नांकित प्रकार के होंगे, तो वह एक दूसरे के प्रति, नेष्ठ, श्रेष्ठ, या सामान्य समझे जांयगे वृहस्पति, यदि मकर राशी पर या कन्या राशी पर या कर्क राशी पर या बृषभ राशी पर हो, और बुद्ध या सूर्य कोई भी मकर राशी पर या कर्क राशी पर हो, और शनी धनराशी पर या कुम्भ राशी पर या मिथुन राशी पर या सिंह राशी पर हों, और राहू या केतू कोईभी मकर राशीपर या कर्क राशीपर हो, तो इनका फल अशुभ और कष्टदायक होता है और यदि चन्द्रमा या शुक्र कोई भी मकर राशी पर या कर्क राशी पर हो, और मङ्गल कर्क राशी पर या तुला राशी पर या मकर राशी पर या मिथुन राशी पर हों, और शनी मकर या कर्क या तुला या बृषभ. या बृश्चिक या कन्या इन राशियों पर कहीं भी हों तो इन ग्रहों का फल सुखदायक लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त, इस कर्क लग्न में जन्म लेने वाकों को, दाम्पत्य सुख के सम्बन्ध में कुछ न कुछ कमी तो अवय ही रहती है।
नोट - जो कोई भी श्रेष्ठ ग्रह, अथवा शनी, यदि सूर्य से अस्त होगा, या सून्य अंश होगा, तो उस ग्रह का फल बहुत ही न्यून और निषेध प्राप्त होता है। क्योंकि पती पत्नी के आपसी सम्बन्ध की शक्ती का स्वामी शनी है, और आयु का स्वामी भी शनी है। | कर्क लग्न वाले लड़कियों के विवाह सन्बन्ध का शुभ अशुभ फलादेश जिन लड़के लड़कियों के ग्रह निम्नांकित प्रकार के होंगे, तो वह एक दूसरे के प्रति, नेष्ठ, श्रेष्ठ, या सामान्य समझे जांयगे वृहस्पति, यदि मकर राशी पर या कन्या राशी पर या कर्क राशी पर या बृषभ राशी पर हो, और बुद्ध या सूर्य कोई भी मकर राशी पर या कर्क राशी पर हो, और शनी धनराशी पर या कुम्भ राशी पर या मिथुन राशी पर या सिंह राशी पर हों, और राहू या केतू कोईभी मकर राशीपर या कर्क राशीपर हो, तो इनका फल अशुभ और कष्टदायक होता है और यदि चन्द्रमा या शुक्र कोई भी मकर राशी पर या कर्क राशी पर हो, और मङ्गल कर्क राशी पर या तुला राशी पर या मकर राशी पर या मिथुन राशी पर हों, और शनी मकर या कर्क या तुला या बृषभ. या बृश्चिक या कन्या इन राशियों पर कहीं भी हों तो इन ग्रहों का फल सुखदायक लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त, इस कर्क लग्न में जन्म लेने वाकों को, दाम्पत्य सुख के सम्बन्ध में कुछ न कुछ कमी तो अवय ही रहती है। नोट - जो कोई भी श्रेष्ठ ग्रह, अथवा शनी, यदि सूर्य से अस्त होगा, या सून्य अंश होगा, तो उस ग्रह का फल बहुत ही न्यून और निषेध प्राप्त होता है। क्योंकि पती पत्नी के आपसी सम्बन्ध की शक्ती का स्वामी शनी है, और आयु का स्वामी भी शनी है। |
Sindri: सिंदरी (Sindri) हर्ल गेट के समीप नियोजन को लेकर विगत बुधवार से भूख हड़ताल पर बैठे 30 वर्षीय फूलचंद टुडू को सोमवार को एसएनएमएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया गया. वह छाताटांड़ पंचायत के लोगों द्वारा शुरू चरणबद्ध आंदोलन के तहत अनशन कर रहे थे. इस बीच तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. चिकित्सक ने बीपी कम होने पर उन्हें अस्पताल भेजने की सलाह दी थी.
चरणबद्ध धरना-प्रदर्शन सोमवार 6 फरवरी से आमरण अनशन में तब्दील हो गया है और 14 ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू किया है. अन्य 76 युवा भूख हड़ताल पर अब भी बैठे हैं. नेतृत्व कर रही छाताटांड़ पंचायत की मुखिया डोली हासदा व विरसिंहपुर पंचायत के मुखिया रांगा किस्कू ने बताया कि ग्रामीण अपने हक की लड़ाई मरते दम तक लड़ते रहेंगे. झरिया अंचलाधिकारी प्रमेश कुशवाहा ने सोमवार को ग्रामीणों का हालचाल जाना. मगर हर्ल प्रबंधन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. आमरण अनशन में अनिल महतो, किशन महतो, महेश्वर टुडू, रविश्वर हेम्ब्रम, नागराज महतो, प्रेम महतो, परीक्षित महतो, राजीव सिंह, बीरु सिंह, रंजीत राय, आशुतोष प्रमाणिक, राहुल महतो, समीर बाउरी, प्रेम कुमार महतो शामिल हैं.
धरना प्रदर्शन में डोली हासदा, रांगा किस्कू, सरोज हासदा, रामेश्वर महतो, गंगाधर महतो, हेमलाल मुर्मू, दिनेश महतो, अजय सोरेन, बलराम महतो, सुनीन सोरेन, दीपक महतो, अर्जुन महतो, विजय महतो, माहालाल महतो, राजकुमार किस्कू, अमर बाउरी, पिंटू मंडल, अंबुज महतो, राजीव सोरेन, निर्मल महतो, फागु रजक, संतोष गोराईं, अशोक कुंभकार, दिनेश गोराईं, विक्रम बाउरी, विभिषण कुंभकार सहित अन्य ग्रामीण पुरुष व महिलाएं शामिल थे.
| Sindri: सिंदरी हर्ल गेट के समीप नियोजन को लेकर विगत बुधवार से भूख हड़ताल पर बैठे तीस वर्षीय फूलचंद टुडू को सोमवार को एसएनएमएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया गया. वह छाताटांड़ पंचायत के लोगों द्वारा शुरू चरणबद्ध आंदोलन के तहत अनशन कर रहे थे. इस बीच तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. चिकित्सक ने बीपी कम होने पर उन्हें अस्पताल भेजने की सलाह दी थी. चरणबद्ध धरना-प्रदर्शन सोमवार छः फरवरी से आमरण अनशन में तब्दील हो गया है और चौदह ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू किया है. अन्य छिहत्तर युवा भूख हड़ताल पर अब भी बैठे हैं. नेतृत्व कर रही छाताटांड़ पंचायत की मुखिया डोली हासदा व विरसिंहपुर पंचायत के मुखिया रांगा किस्कू ने बताया कि ग्रामीण अपने हक की लड़ाई मरते दम तक लड़ते रहेंगे. झरिया अंचलाधिकारी प्रमेश कुशवाहा ने सोमवार को ग्रामीणों का हालचाल जाना. मगर हर्ल प्रबंधन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. आमरण अनशन में अनिल महतो, किशन महतो, महेश्वर टुडू, रविश्वर हेम्ब्रम, नागराज महतो, प्रेम महतो, परीक्षित महतो, राजीव सिंह, बीरु सिंह, रंजीत राय, आशुतोष प्रमाणिक, राहुल महतो, समीर बाउरी, प्रेम कुमार महतो शामिल हैं. धरना प्रदर्शन में डोली हासदा, रांगा किस्कू, सरोज हासदा, रामेश्वर महतो, गंगाधर महतो, हेमलाल मुर्मू, दिनेश महतो, अजय सोरेन, बलराम महतो, सुनीन सोरेन, दीपक महतो, अर्जुन महतो, विजय महतो, माहालाल महतो, राजकुमार किस्कू, अमर बाउरी, पिंटू मंडल, अंबुज महतो, राजीव सोरेन, निर्मल महतो, फागु रजक, संतोष गोराईं, अशोक कुंभकार, दिनेश गोराईं, विक्रम बाउरी, विभिषण कुंभकार सहित अन्य ग्रामीण पुरुष व महिलाएं शामिल थे. |
एनएचपीसी लिमिटेड (NHPC) में ट्रेनी इंजीनियर और ट्रेनी ऑफिसर के पदों पर भर्ती होने केलिए इच्छुक और पात्र कैंडिडेट्स से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया गया है. इन पदों पर आवेदन करने के लिए कैंडिडेट्स के पास संबंधित विषय में स्नातक डिग्री होना आवश्यक है.
महत्वपूर्ण तिथियां :
शैक्षिक योग्यता :
ट्रेनी इंजीनियर- कैंडिडेट्स को किसी भी मान्यताप्राप्त संस्थान से इंजीनियरिंग / प्रौद्योगिकी में डिग्री या बी. एससी (इंजीनियरिंग) सिविल डिसिप्लिन में स्नातक की डिग्री 60 फीसदी अंकों के साथ पास होना चाहिए.
ट्रेनी ऑफिसर के लिए - कैंडिडेट्स को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से सोशल वर्क में परास्नातक की डिग्री होनी चाहिए. अधिक जानकारी के लिए कैंडिडेट्स को ऑफिशियल नोटिफिकेशन देखें.
आयु सीमा : एनएचपीसी लिमिटेड (NHPC) में ट्रेनी इंजीनियर और ट्रेनी ऑफिसर के पदों पर भर्ती के लिए कैंडिडेट्स की 30 साल से अधिक की नहीं होनी चहिये.
| एनएचपीसी लिमिटेड में ट्रेनी इंजीनियर और ट्रेनी ऑफिसर के पदों पर भर्ती होने केलिए इच्छुक और पात्र कैंडिडेट्स से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया गया है. इन पदों पर आवेदन करने के लिए कैंडिडेट्स के पास संबंधित विषय में स्नातक डिग्री होना आवश्यक है. महत्वपूर्ण तिथियां : शैक्षिक योग्यता : ट्रेनी इंजीनियर- कैंडिडेट्स को किसी भी मान्यताप्राप्त संस्थान से इंजीनियरिंग / प्रौद्योगिकी में डिग्री या बी. एससी सिविल डिसिप्लिन में स्नातक की डिग्री साठ फीसदी अंकों के साथ पास होना चाहिए. ट्रेनी ऑफिसर के लिए - कैंडिडेट्स को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से सोशल वर्क में परास्नातक की डिग्री होनी चाहिए. अधिक जानकारी के लिए कैंडिडेट्स को ऑफिशियल नोटिफिकेशन देखें. आयु सीमा : एनएचपीसी लिमिटेड में ट्रेनी इंजीनियर और ट्रेनी ऑफिसर के पदों पर भर्ती के लिए कैंडिडेट्स की तीस साल से अधिक की नहीं होनी चहिये. |
संपादक के माध्यम से प्राप्त करने के लिए युक्तियाँ जो आपका काम खरीद सकती हैंअधिकांश फ्रीलांस लेखकों को पता है कि उन्हें "लेखक का बाजार" देखना चाहिए, जब वे निर्णय ले रहे हैं कि उनके संपादक के लिए एक विशिष्ट प्रकाशन को लक्षित करने के बाद किस संपादक से संपर्क करना है। लेकिन जीवन होता है और नौकरियां और खिताब बदल जाते हैं। यह प्रकाशन की विकसित दुनिया में विशेष रूप से सच है।
संपादकीय स्टाफ शीर्षक को समझने से आप यह पता लगाने में सहायता कर सकते हैं कि अपनी क्वेरी कहां भेजनी है और प्रतिस्पर्धा को हराया है।
लेकिन ध्यान रखें कि इनमें से कई खिताब द्रव हैं। सौंपा जिम्मेदारियों के साथ ही नौकरी, कंपनी के आधार पर भिन्न हो सकती है। और सभी कंपनियां इन सभी संपादकों को रोजगार नहीं देती हैं।
एक अधिग्रहण संपादक सामग्री प्राप्त करने का प्रभारी होता है। जब तक कंपनी के मास्टहेड पर या प्रकाशन की वेबसाइट पर अधिक विशिष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं होती है, तो आमतौर पर वह संपादक होता है जिसे आप क्वेरी करना चाहते हैं। यह शीर्षक पुस्तक प्रकाशन उद्योग से अधिक आम तौर पर जुड़ा हुआ है, लेकिन कई बड़े पत्रिकाओं में विशेष रूप से अधिग्रहण के लिए एक संपादक भी जिम्मेदार होता है।
यह संपादक वह है जो सीधे सामग्री का प्रभारी है, और वह क्षेत्ररक्षण प्रश्नों के लिए जिम्मेदार हो सकता है। आम तौर पर, एक लेख संपादक पत्रिका के लेखों के लिए एक समान पढ़ने का अनुभव और थीम या घर शैली का अनुपालन सुनिश्चित करता है।
यह स्थिति समाचार लेखन के साथ अधिक सामान्य रूप से जुड़ी हुई है।
एक असाइनमेंट एडिटर लेखन और अन्वेषण कार्य को निर्देशित करता है और / या कवरेज मुद्दों का ख्याल रखता है। इस संपादक को एक पत्रिका सेटिंग में प्रश्नों को पढ़ने या जवाब देने की संभावना नहीं है।
संपादक जो इस स्थिति को धारण करता है वह अन्य संपादकों का समर्थन करता है और सहायता करता है। प्रकाशन के आधार पर उनकी जिम्मेदारियां व्यापक रूप से भिन्न हो सकती हैं।
वे एक सहयोगी संपादक के रूप में एक ही कार्य करने के लिए सभी तरह से लिपिक chores से हो सकता है। वह प्रश्नों का जवाब देने में सक्षम नहीं हो सकती है या नहीं।
यह मध्य-से-उच्च-स्तरीय संपादकीय कर्मचारी सदस्य है जो प्रबंधन संपादक या संपादक-इन-चीफ का समर्थन करता है। वह पत्रिका के दैनिक संचालन के नट और बोल्ट को संभालता है। फ्रीलांस पिचों का जवाब देने के लिए यह संपादक ज़िम्मेदार होने की संभावना है।
यह प्रकाशन के दैनिक संचालन के प्रभारी व्यक्ति है। प्रबंध संपादक कुछ प्रकाशनों में प्रश्नों और पिचों से निपटने और निपटने की संभावना है।
यह हेड honcho पत्रिका के समग्र उत्पाद से संबंधित है और व्यापार / वित्तीय पक्ष में भी शामिल हो सकता है। इस स्थिति में वे लोग उचित संपादक नहीं हैं, हालांकि स्थानीय पत्रिकाओं या समाचार पत्रों जैसे छोटे प्रकाशनों में एक अपवाद मौजूद हो सकता है। ये कार्यकारी संपादक या संपादक-इन-चीफ प्रकाशन की दिन-प्रति-दिन संपादकीय सामग्री के साथ शामिल होने की अधिक संभावना रखते हैं।
यह स्थिति एक उच्च रैंकिंग और आमतौर पर जाने-माने लेखक / योगदानकर्ता से संबंधित है, जिसने कई बार पत्रिका के लिए लिखा है।
चूंकि यह व्यक्ति तकनीकी रूप से एक कर्मचारी सदस्य नहीं है, इसलिए वह आमतौर पर आपकी क्वेरी को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है।
यह संपादक एक विशिष्ट पत्रिका विभाग या कभी-कभी आवर्ती अनुभाग या कॉलम का प्रभारी होता है, खासकर बड़े प्रकाशनों में। यदि वह अपने विशेष स्थान पर लक्षित हैं तो वह पिचों का जवाब देने में सक्षम हो सकती है।
अब आपको पता है कि कौन करता है - और जहां आप अपना समय बर्बाद कर सकते हैं-लेकिन यह सिर्फ एक शुरुआती बिंदु है। अब आपको उस विशेष संपादक के अनुरूप अपनी पिच परिष्कृत करना होगा।
इनमें से कुछ संपादकीय पदों को एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा भरा जा सकता है। बड़े प्रकाशनों के लिए एक से अधिक विभाग संपादक को रोजगार देना असामान्य नहीं है। जब ऐसा होता है, तो अपने प्रयासों को उस व्यक्ति को सीमित करने का प्रयास करें जो आमतौर पर आपके जैसी सामग्री को संभालता है।
यहां तक कि यदि आपका अनुमान बिल्कुल सही नहीं है, तो वह आपको उचित पार्टी में भेज सकती है यदि वह पसंद करती है और आपके काम के लिए एक संबंध है।
सोशल मीडिया का उपयोग करें। कुछ अनुसंधान करें। नवीनतम चलने पर अद्यतित जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रकाशकों के पृष्ठों पर जाएं और कर्मचारी वहां परिवर्तन करें। यह आम तौर पर अधिक पैसा खर्च करता है और प्रकाशकों और पत्रिकाओं के लिए अपनी वेबसाइटों को अपडेट करने में बहुत अधिक समय लगता है और अक्सर इस प्रकार की जानकारी का पहला ट्रिकल ट्विटर या फेसबुक पर पाया जा सकता है।
अपने काम को एक ही समय में कई प्रकाशनों में न भेजें, और निश्चित रूप से इसे घर में एक से अधिक संपादक को न भेजें क्योंकि आपको बिल्कुल यकीन नहीं है कि कौन से प्रश्न पूछना है। आप प्रभावी रूप से कह रहे हैं कि आपके काम में या प्राप्तकर्ता में आपको अधिक आत्मविश्वास नहीं है यदि शब्द निकलता है कि वह अकेली नहीं है जिसने आपकी पिच प्राप्त की है। और आप जो कुछ भी करते हैं, सुनिश्चित करें कि आपके पास संपादक का नाम सही ढंग से लिखा गया है।
ठीक है, आपने सब ठीक किया है। समय बीतता है और आपको कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। क्या यह आगे बढ़ने का समय है? हां और ना।
कम से कम एक बार पालन करें। अगर आपको दूसरी बार कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो निश्चित रूप से यह काम कहीं और उस टुकड़े को पिच करने का समय है। वही होता है यदि आपको एक कमजोर, गैर-असामान्य प्रतिक्रिया मिलती है। अब आप कहीं और काम भेजने के लिए स्वतंत्र हैं, हालांकि आपको पहले से ही बताए गए कारणों के लिए एक ही घर में किसी और के पास आने के बारे में सावधान रहना चाहिए।
लेकिन यह संभव है कि आपके द्वारा चुने गए संपादक को बस बर्फबारी हो। शायद वह वास्तव में आपके काम की तरह करता है लेकिन उसके पास अभी तक इसका समाधान करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। कंपनी के कैलेंडर की जांच करें-आप आमतौर पर अपनी वेबसाइट पर या उस अद्यतित सोशल मीडिया पेज पर इन पंक्तियों के साथ कुछ ढूंढ सकते हैं। देखें कि क्या हो रहा है। यदि आप उसे विशेष रूप से व्यस्त समय पर मार रहे हैं, तो गहरी सांस लें, थोड़ी देर प्रतीक्षा करें, फिर फिर से पहुंचें। फिर अगर आप अभी भी कुछ नहीं सुनते हैं तो आगे बढ़ें।
| संपादक के माध्यम से प्राप्त करने के लिए युक्तियाँ जो आपका काम खरीद सकती हैंअधिकांश फ्रीलांस लेखकों को पता है कि उन्हें "लेखक का बाजार" देखना चाहिए, जब वे निर्णय ले रहे हैं कि उनके संपादक के लिए एक विशिष्ट प्रकाशन को लक्षित करने के बाद किस संपादक से संपर्क करना है। लेकिन जीवन होता है और नौकरियां और खिताब बदल जाते हैं। यह प्रकाशन की विकसित दुनिया में विशेष रूप से सच है। संपादकीय स्टाफ शीर्षक को समझने से आप यह पता लगाने में सहायता कर सकते हैं कि अपनी क्वेरी कहां भेजनी है और प्रतिस्पर्धा को हराया है। लेकिन ध्यान रखें कि इनमें से कई खिताब द्रव हैं। सौंपा जिम्मेदारियों के साथ ही नौकरी, कंपनी के आधार पर भिन्न हो सकती है। और सभी कंपनियां इन सभी संपादकों को रोजगार नहीं देती हैं। एक अधिग्रहण संपादक सामग्री प्राप्त करने का प्रभारी होता है। जब तक कंपनी के मास्टहेड पर या प्रकाशन की वेबसाइट पर अधिक विशिष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं होती है, तो आमतौर पर वह संपादक होता है जिसे आप क्वेरी करना चाहते हैं। यह शीर्षक पुस्तक प्रकाशन उद्योग से अधिक आम तौर पर जुड़ा हुआ है, लेकिन कई बड़े पत्रिकाओं में विशेष रूप से अधिग्रहण के लिए एक संपादक भी जिम्मेदार होता है। यह संपादक वह है जो सीधे सामग्री का प्रभारी है, और वह क्षेत्ररक्षण प्रश्नों के लिए जिम्मेदार हो सकता है। आम तौर पर, एक लेख संपादक पत्रिका के लेखों के लिए एक समान पढ़ने का अनुभव और थीम या घर शैली का अनुपालन सुनिश्चित करता है। यह स्थिति समाचार लेखन के साथ अधिक सामान्य रूप से जुड़ी हुई है। एक असाइनमेंट एडिटर लेखन और अन्वेषण कार्य को निर्देशित करता है और / या कवरेज मुद्दों का ख्याल रखता है। इस संपादक को एक पत्रिका सेटिंग में प्रश्नों को पढ़ने या जवाब देने की संभावना नहीं है। संपादक जो इस स्थिति को धारण करता है वह अन्य संपादकों का समर्थन करता है और सहायता करता है। प्रकाशन के आधार पर उनकी जिम्मेदारियां व्यापक रूप से भिन्न हो सकती हैं। वे एक सहयोगी संपादक के रूप में एक ही कार्य करने के लिए सभी तरह से लिपिक chores से हो सकता है। वह प्रश्नों का जवाब देने में सक्षम नहीं हो सकती है या नहीं। यह मध्य-से-उच्च-स्तरीय संपादकीय कर्मचारी सदस्य है जो प्रबंधन संपादक या संपादक-इन-चीफ का समर्थन करता है। वह पत्रिका के दैनिक संचालन के नट और बोल्ट को संभालता है। फ्रीलांस पिचों का जवाब देने के लिए यह संपादक ज़िम्मेदार होने की संभावना है। यह प्रकाशन के दैनिक संचालन के प्रभारी व्यक्ति है। प्रबंध संपादक कुछ प्रकाशनों में प्रश्नों और पिचों से निपटने और निपटने की संभावना है। यह हेड honcho पत्रिका के समग्र उत्पाद से संबंधित है और व्यापार / वित्तीय पक्ष में भी शामिल हो सकता है। इस स्थिति में वे लोग उचित संपादक नहीं हैं, हालांकि स्थानीय पत्रिकाओं या समाचार पत्रों जैसे छोटे प्रकाशनों में एक अपवाद मौजूद हो सकता है। ये कार्यकारी संपादक या संपादक-इन-चीफ प्रकाशन की दिन-प्रति-दिन संपादकीय सामग्री के साथ शामिल होने की अधिक संभावना रखते हैं। यह स्थिति एक उच्च रैंकिंग और आमतौर पर जाने-माने लेखक / योगदानकर्ता से संबंधित है, जिसने कई बार पत्रिका के लिए लिखा है। चूंकि यह व्यक्ति तकनीकी रूप से एक कर्मचारी सदस्य नहीं है, इसलिए वह आमतौर पर आपकी क्वेरी को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है। यह संपादक एक विशिष्ट पत्रिका विभाग या कभी-कभी आवर्ती अनुभाग या कॉलम का प्रभारी होता है, खासकर बड़े प्रकाशनों में। यदि वह अपने विशेष स्थान पर लक्षित हैं तो वह पिचों का जवाब देने में सक्षम हो सकती है। अब आपको पता है कि कौन करता है - और जहां आप अपना समय बर्बाद कर सकते हैं-लेकिन यह सिर्फ एक शुरुआती बिंदु है। अब आपको उस विशेष संपादक के अनुरूप अपनी पिच परिष्कृत करना होगा। इनमें से कुछ संपादकीय पदों को एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा भरा जा सकता है। बड़े प्रकाशनों के लिए एक से अधिक विभाग संपादक को रोजगार देना असामान्य नहीं है। जब ऐसा होता है, तो अपने प्रयासों को उस व्यक्ति को सीमित करने का प्रयास करें जो आमतौर पर आपके जैसी सामग्री को संभालता है। यहां तक कि यदि आपका अनुमान बिल्कुल सही नहीं है, तो वह आपको उचित पार्टी में भेज सकती है यदि वह पसंद करती है और आपके काम के लिए एक संबंध है। सोशल मीडिया का उपयोग करें। कुछ अनुसंधान करें। नवीनतम चलने पर अद्यतित जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रकाशकों के पृष्ठों पर जाएं और कर्मचारी वहां परिवर्तन करें। यह आम तौर पर अधिक पैसा खर्च करता है और प्रकाशकों और पत्रिकाओं के लिए अपनी वेबसाइटों को अपडेट करने में बहुत अधिक समय लगता है और अक्सर इस प्रकार की जानकारी का पहला ट्रिकल ट्विटर या फेसबुक पर पाया जा सकता है। अपने काम को एक ही समय में कई प्रकाशनों में न भेजें, और निश्चित रूप से इसे घर में एक से अधिक संपादक को न भेजें क्योंकि आपको बिल्कुल यकीन नहीं है कि कौन से प्रश्न पूछना है। आप प्रभावी रूप से कह रहे हैं कि आपके काम में या प्राप्तकर्ता में आपको अधिक आत्मविश्वास नहीं है यदि शब्द निकलता है कि वह अकेली नहीं है जिसने आपकी पिच प्राप्त की है। और आप जो कुछ भी करते हैं, सुनिश्चित करें कि आपके पास संपादक का नाम सही ढंग से लिखा गया है। ठीक है, आपने सब ठीक किया है। समय बीतता है और आपको कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। क्या यह आगे बढ़ने का समय है? हां और ना। कम से कम एक बार पालन करें। अगर आपको दूसरी बार कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो निश्चित रूप से यह काम कहीं और उस टुकड़े को पिच करने का समय है। वही होता है यदि आपको एक कमजोर, गैर-असामान्य प्रतिक्रिया मिलती है। अब आप कहीं और काम भेजने के लिए स्वतंत्र हैं, हालांकि आपको पहले से ही बताए गए कारणों के लिए एक ही घर में किसी और के पास आने के बारे में सावधान रहना चाहिए। लेकिन यह संभव है कि आपके द्वारा चुने गए संपादक को बस बर्फबारी हो। शायद वह वास्तव में आपके काम की तरह करता है लेकिन उसके पास अभी तक इसका समाधान करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। कंपनी के कैलेंडर की जांच करें-आप आमतौर पर अपनी वेबसाइट पर या उस अद्यतित सोशल मीडिया पेज पर इन पंक्तियों के साथ कुछ ढूंढ सकते हैं। देखें कि क्या हो रहा है। यदि आप उसे विशेष रूप से व्यस्त समय पर मार रहे हैं, तो गहरी सांस लें, थोड़ी देर प्रतीक्षा करें, फिर फिर से पहुंचें। फिर अगर आप अभी भी कुछ नहीं सुनते हैं तो आगे बढ़ें। |
नई दिल्ली। बम की सूचना मिलने के बाद लंदन हवाई अड्डे पर गुरुवार को आपात स्थिति में उतारे गये सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के मुंबई से अमरीका के नेवार्क जा रहे विमान में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है।
लंदन की पुलिस ने करीब साढ़े पांच घंटे की गहन जांच के बाद बताया कि विमान में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। एयर इंडिया के प्रवक्ता धनंजय कुमार ने इससे पहले इस बात की पुष्टि की थी कि उड़ान संख्या एआई 191 को गुरुवार को एहतियात के तौर पर लंदन के स्टैंस्टेड हवाई अड्डे पर उतारा गया क्योंकि उसमें बम होने की सूचना मिली थी।
विमान में 327 यात्री सवार थे। उन्होंने ने बताया कि बम की सूचना मिलने के बाद भारतीय समयानुसार दोपहर बाद 2. 20 बजे विमान को स्टैंस्टेड हवाई अड्डे की ओर मोड़ा गया।
स्टैंस्टेड हवाई अड्डे ने ट्वीट कर बताया कि एयर इंडिया का बोइंग 777 विमान स्थानीय समयानुसार सुबह 10. 15 बजे (भारतीय समयानुसार, दोपहर बाद 2. 45 बजे) के करीब हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतरा। एसेक्स पुलिस हवाई अड्डे पर पूरी तरह मुस्तैद थी। विमान को रनवे से दूर एकांत जगह पर ले जाया गया।
एयर इंडिया के विमान की पूरी जांच की जा रही है जबकि स्टैंस्टेड हवाई अड्डे के रनवे पर अब विमानों की आवाजाही सामान्य है। कुमार ने बताया कि सभी 327 यात्रियों को विमान से उतारकर नाश्ता उपलब्ध कराया गया है। उन्हें अभी हवाई परिसर में ही रखा गया है।
| नई दिल्ली। बम की सूचना मिलने के बाद लंदन हवाई अड्डे पर गुरुवार को आपात स्थिति में उतारे गये सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के मुंबई से अमरीका के नेवार्क जा रहे विमान में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। लंदन की पुलिस ने करीब साढ़े पांच घंटे की गहन जांच के बाद बताया कि विमान में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। एयर इंडिया के प्रवक्ता धनंजय कुमार ने इससे पहले इस बात की पुष्टि की थी कि उड़ान संख्या एआई एक सौ इक्यानवे को गुरुवार को एहतियात के तौर पर लंदन के स्टैंस्टेड हवाई अड्डे पर उतारा गया क्योंकि उसमें बम होने की सूचना मिली थी। विमान में तीन सौ सत्ताईस यात्री सवार थे। उन्होंने ने बताया कि बम की सूचना मिलने के बाद भारतीय समयानुसार दोपहर बाद दो. बीस बजे विमान को स्टैंस्टेड हवाई अड्डे की ओर मोड़ा गया। स्टैंस्टेड हवाई अड्डे ने ट्वीट कर बताया कि एयर इंडिया का बोइंग सात सौ सतहत्तर विमान स्थानीय समयानुसार सुबह दस. पंद्रह बजे के करीब हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतरा। एसेक्स पुलिस हवाई अड्डे पर पूरी तरह मुस्तैद थी। विमान को रनवे से दूर एकांत जगह पर ले जाया गया। एयर इंडिया के विमान की पूरी जांच की जा रही है जबकि स्टैंस्टेड हवाई अड्डे के रनवे पर अब विमानों की आवाजाही सामान्य है। कुमार ने बताया कि सभी तीन सौ सत्ताईस यात्रियों को विमान से उतारकर नाश्ता उपलब्ध कराया गया है। उन्हें अभी हवाई परिसर में ही रखा गया है। |
New Delhi/Alive News : लाखों रुपये खर्च कर अपने बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना देख रहे गुलशन को यह नहीं पता था कि उनके सपने स्कूल की बड़ी लापरवाही के चलते चकनाचूर हो जाएंगे। बेटे को खोने के बाद गुलशन और उनका परिवार सदमे में है तो शुरुआती जांच में जीडी गोयनका स्कूल की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
डीएम के आदेश पर मामले की जांच के लिए पहुंची एडीएम सिटी ने जब पूछताछ की तो पता चला कि घायल छात्र को स्कूल में फस्र्ट एड तक नहीं दिया गया। मेडिकल रूम में तैनात नर्स को घटना की जानकारी तक नहीं थी। मेडिकल रूम की जांच में वहां एक्सपायरी दवा मिली। डीएम के आदेश के बाद दोपहर करीब दो बजे एडीएम सिटी प्रीति जायसवाल एसएचओ इंदिरापुरम सुशील कुमार दुबे के साथ जांच के लिए शक्तिखंड-3 स्थित पहुंची। यहां उन्होंने स्कूल में घटना के दौरान मौजूद टीचर्स, सिक्योरिटी गार्ड, सफाई कर्मी सभी से पूछताछ की। स्कूल के मेडिकल रूम पहुंची तो रजिस्टर में अरमान की एंट्री नहीं मिली।
अरमान के पिता गुलशन सहगल ने बेटे की मौत का जिम्मेदार स्कूल प्रबंधन को ठहराया है। उन्होंने स्कूल पर सच्चाई छुपाने, सीसीटीवी हटाने और सबूत मिटाने का आरोप लगाया है। उनका यह भी कहना है कि उनके बेटे के कपड़े गीले थे, ऐसे में उसके मुंह और नाक के खून साफ किए गए थे। साथ ही प्रधानाचार्य और स्कूल प्रबंधन से नहीं मिलने दिया गया। पुलिस को भी स्कूल की तरफ से सूचना नहीं दी गई। उन्होंने खुद पुलिस को इसकी सूचना दी।
स्कूल में बच्चे की मौत की सूचना से हडक़ंप मच गया। थोड़ी ही देर में स्कूल के गेट पर पैरेंट्स की भीड़ जमा हो गई। जानकारी लेने गए पैरेंट्स ने स्कूल के अंदर जाने का प्रयास किया, मगर सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। अभिभावकों और सुरक्षाकर्मियों में नोकझोंक हुई। इसके बाद शांति गोपाल अस्पताल पर भी लोगों की भीड़ जमा हो गई। स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही और मामले को दबाने का प्रयास का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।
स्कूल के पीटीआई अख्तर खान और लैब असिस्टेंट मनीरतन त्रिपाठी ने बताया कि वह दोनों सुबह कारिडोर में यूनिट टेस्ट के दौरान ड्यूटी दे रहे थे। छात्र अरमान सहगल करीब 10 मिनट लेट पहुंचा था। वह सेकेंड फ्लोर स्थित अपने क्लास रूम की ओर चला गया। क्लास में उसे पता चला कि यूनिट टेस्ट फस्र्ट फ्लोर पर है। पीटीआई अख्तर ने बताया कि वह फस्र्ट फ्लोर की ओर जाने लगा तो क्लास फोर्थ डी के सामने वह गिर गया। इस पर क्लास में मौजूद टीचर बहुत तेज चिल्लाई तो वह मौके पर पहुंचे। लैब असिस्टेंट मनीरतन त्रिपाठी गोद में लेकर मेडिकल रूम पहुंचे। यहां से गाड़ी में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जहां पर घटना हुई है स्कूल के उस ब्लॉक में सीसीटीवी नहीं लगा है। घटना कैसे हुई इसकी स्पष्ट जानकारी पुलिस को नहीं मिल सकी। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने अन्य ब्लॉक के सीसीटीवी की डीवीआर और हार्डडिस्क कब्जे में ले ली है। पुलिस का कहना है कि स्कूल में कैमरे बहुत है। एक-एक कर फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
एडीएम सिटी के अनुसार स्कूल प्रबंधन ने पांचवी क्लास को फस्र्ट फ्लोर और चौथी क्लास का सेकेंड फ्लोर पर बिठाया है। जो मानकों के अनुसार गलत है। छोटी कक्षाएं निचले फ्लोर पर होनी चाहिए। स्कूल की फर्श पर फिसलने वाले टाइल्स लगे हैं। इन पर कभी भी हादसे का खतरा हो सकता है। इसी टाइल्स पर पैर फिसलने से अरमान की मौत की बात भी सामने आ रही है।
स्कूल प्रबंधन के अनुसार अरमान के मुंह पर चोट लगी थी। शरीर पर कहीं और चोटों के निशान नहीं थे। खून भी नहीं बह रहा था। गिरने के बाद अरमान थोड़ी देर में ही बेहोश हो गया। इसी के चलते उसे अस्पताल लेकर जाना पड़ा।
| New Delhi/Alive News : लाखों रुपये खर्च कर अपने बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना देख रहे गुलशन को यह नहीं पता था कि उनके सपने स्कूल की बड़ी लापरवाही के चलते चकनाचूर हो जाएंगे। बेटे को खोने के बाद गुलशन और उनका परिवार सदमे में है तो शुरुआती जांच में जीडी गोयनका स्कूल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। डीएम के आदेश पर मामले की जांच के लिए पहुंची एडीएम सिटी ने जब पूछताछ की तो पता चला कि घायल छात्र को स्कूल में फस्र्ट एड तक नहीं दिया गया। मेडिकल रूम में तैनात नर्स को घटना की जानकारी तक नहीं थी। मेडिकल रूम की जांच में वहां एक्सपायरी दवा मिली। डीएम के आदेश के बाद दोपहर करीब दो बजे एडीएम सिटी प्रीति जायसवाल एसएचओ इंदिरापुरम सुशील कुमार दुबे के साथ जांच के लिए शक्तिखंड-तीन स्थित पहुंची। यहां उन्होंने स्कूल में घटना के दौरान मौजूद टीचर्स, सिक्योरिटी गार्ड, सफाई कर्मी सभी से पूछताछ की। स्कूल के मेडिकल रूम पहुंची तो रजिस्टर में अरमान की एंट्री नहीं मिली। अरमान के पिता गुलशन सहगल ने बेटे की मौत का जिम्मेदार स्कूल प्रबंधन को ठहराया है। उन्होंने स्कूल पर सच्चाई छुपाने, सीसीटीवी हटाने और सबूत मिटाने का आरोप लगाया है। उनका यह भी कहना है कि उनके बेटे के कपड़े गीले थे, ऐसे में उसके मुंह और नाक के खून साफ किए गए थे। साथ ही प्रधानाचार्य और स्कूल प्रबंधन से नहीं मिलने दिया गया। पुलिस को भी स्कूल की तरफ से सूचना नहीं दी गई। उन्होंने खुद पुलिस को इसकी सूचना दी। स्कूल में बच्चे की मौत की सूचना से हडक़ंप मच गया। थोड़ी ही देर में स्कूल के गेट पर पैरेंट्स की भीड़ जमा हो गई। जानकारी लेने गए पैरेंट्स ने स्कूल के अंदर जाने का प्रयास किया, मगर सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। अभिभावकों और सुरक्षाकर्मियों में नोकझोंक हुई। इसके बाद शांति गोपाल अस्पताल पर भी लोगों की भीड़ जमा हो गई। स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही और मामले को दबाने का प्रयास का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। स्कूल के पीटीआई अख्तर खान और लैब असिस्टेंट मनीरतन त्रिपाठी ने बताया कि वह दोनों सुबह कारिडोर में यूनिट टेस्ट के दौरान ड्यूटी दे रहे थे। छात्र अरमान सहगल करीब दस मिनट लेट पहुंचा था। वह सेकेंड फ्लोर स्थित अपने क्लास रूम की ओर चला गया। क्लास में उसे पता चला कि यूनिट टेस्ट फस्र्ट फ्लोर पर है। पीटीआई अख्तर ने बताया कि वह फस्र्ट फ्लोर की ओर जाने लगा तो क्लास फोर्थ डी के सामने वह गिर गया। इस पर क्लास में मौजूद टीचर बहुत तेज चिल्लाई तो वह मौके पर पहुंचे। लैब असिस्टेंट मनीरतन त्रिपाठी गोद में लेकर मेडिकल रूम पहुंचे। यहां से गाड़ी में उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जहां पर घटना हुई है स्कूल के उस ब्लॉक में सीसीटीवी नहीं लगा है। घटना कैसे हुई इसकी स्पष्ट जानकारी पुलिस को नहीं मिल सकी। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने अन्य ब्लॉक के सीसीटीवी की डीवीआर और हार्डडिस्क कब्जे में ले ली है। पुलिस का कहना है कि स्कूल में कैमरे बहुत है। एक-एक कर फुटेज खंगाले जा रहे हैं। एडीएम सिटी के अनुसार स्कूल प्रबंधन ने पांचवी क्लास को फस्र्ट फ्लोर और चौथी क्लास का सेकेंड फ्लोर पर बिठाया है। जो मानकों के अनुसार गलत है। छोटी कक्षाएं निचले फ्लोर पर होनी चाहिए। स्कूल की फर्श पर फिसलने वाले टाइल्स लगे हैं। इन पर कभी भी हादसे का खतरा हो सकता है। इसी टाइल्स पर पैर फिसलने से अरमान की मौत की बात भी सामने आ रही है। स्कूल प्रबंधन के अनुसार अरमान के मुंह पर चोट लगी थी। शरीर पर कहीं और चोटों के निशान नहीं थे। खून भी नहीं बह रहा था। गिरने के बाद अरमान थोड़ी देर में ही बेहोश हो गया। इसी के चलते उसे अस्पताल लेकर जाना पड़ा। |
साउथ की मशहूर अभिनेत्री सामंथा अक्किनेनी पिछले काफी समय से वेब सीरीज 'द फैमिली मैन 2' को लेकर सुर्खियों में है। सामंथा की बॉलीवुड में भी अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है। वो बात अलग है कि उन्होंने अब तक किसी भी हिंदी फिल्म में काम नहीं किया है। हाल ही में उन्होंने इस पर बात की और साथ ही यह भी बताया कि वह बॉलीवुड के किस अभिनेता की जोड़ीदार बनना चाहती हैं। सामंथा ने क्या कुछ कहा, आइए जानते हैं।
सामंथा से पूछा गया कि अगर उन्हें बॉलीवुड फिल्म मिली तो वह किस अभिनेता के साथ इश्क फरमाना चाहेंगी? इस पर उन्होंने फौरन रणबीर कपूर का नाम लिया। अब यह सुन बेशक रणबीर के मन में भी लड्डू फूटने लगेंगे। सामंथा के इस जवाब से यह साफ हो गया है कि वह रणबीर कपूर की फैन हैं। सामंथा की यह ख्वाहिश कब पूरी होगी, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उनकी जोड़ी देखने को फैंस बेशक उतावले हो जाएंगे।
बॉलीवुड में अब तक क्यों नहीं किया सामंथा ने काम?
अपने लंबे करियर में बॉलीवुड फिल्में ना करने पर बात करते हुए सामंथा ने कहा, "मुझे डर लग रहा था। यहां कमाल की प्रतिभा है। मेरे पास कई हिंदी फिल्मों के प्रस्ताव आए, लेकिन भाषा संबंधी परेशानी के चलते इन फिल्मों को नहीं कर पाई थी। " सामंथा के चाहनेवाले उन्हें बॉलीवुड में देखने के लिए भी बेहद उत्साहित हैं। वह वेब सीरीज 'द फैमिली मैन 2' से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डेब्यू करने जा रही हैं।
सामंथा 'द फैमिली मैन 2' में तमिल लिब्रेशन फ्रंट LTTE की सदस्य के किरदार में दिखी हैं। इसके जरिए वह हिंदी सिनेमा से भी जुड़ गई हैं। सामंथा से पूछा गया कि साउथ का कौन सा स्टार 'द फैमिली मैन' में श्रीकांत तिवारी के रूप में मनोज बाजपेयी की भूमिका निभा सकते थे तो बिना समय गंवाए उन्होंने नागार्जुन अक्किनेनी का नाम लिया। सामंथा साउथ के स्टार नागा चैतन्या की पत्नी हैं और सुपरस्टार नागार्जुन अक्किनेनी की बहू हैं।
| साउथ की मशहूर अभिनेत्री सामंथा अक्किनेनी पिछले काफी समय से वेब सीरीज 'द फैमिली मैन दो' को लेकर सुर्खियों में है। सामंथा की बॉलीवुड में भी अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग है। वो बात अलग है कि उन्होंने अब तक किसी भी हिंदी फिल्म में काम नहीं किया है। हाल ही में उन्होंने इस पर बात की और साथ ही यह भी बताया कि वह बॉलीवुड के किस अभिनेता की जोड़ीदार बनना चाहती हैं। सामंथा ने क्या कुछ कहा, आइए जानते हैं। सामंथा से पूछा गया कि अगर उन्हें बॉलीवुड फिल्म मिली तो वह किस अभिनेता के साथ इश्क फरमाना चाहेंगी? इस पर उन्होंने फौरन रणबीर कपूर का नाम लिया। अब यह सुन बेशक रणबीर के मन में भी लड्डू फूटने लगेंगे। सामंथा के इस जवाब से यह साफ हो गया है कि वह रणबीर कपूर की फैन हैं। सामंथा की यह ख्वाहिश कब पूरी होगी, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उनकी जोड़ी देखने को फैंस बेशक उतावले हो जाएंगे। बॉलीवुड में अब तक क्यों नहीं किया सामंथा ने काम? अपने लंबे करियर में बॉलीवुड फिल्में ना करने पर बात करते हुए सामंथा ने कहा, "मुझे डर लग रहा था। यहां कमाल की प्रतिभा है। मेरे पास कई हिंदी फिल्मों के प्रस्ताव आए, लेकिन भाषा संबंधी परेशानी के चलते इन फिल्मों को नहीं कर पाई थी। " सामंथा के चाहनेवाले उन्हें बॉलीवुड में देखने के लिए भी बेहद उत्साहित हैं। वह वेब सीरीज 'द फैमिली मैन दो' से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डेब्यू करने जा रही हैं। सामंथा 'द फैमिली मैन दो' में तमिल लिब्रेशन फ्रंट LTTE की सदस्य के किरदार में दिखी हैं। इसके जरिए वह हिंदी सिनेमा से भी जुड़ गई हैं। सामंथा से पूछा गया कि साउथ का कौन सा स्टार 'द फैमिली मैन' में श्रीकांत तिवारी के रूप में मनोज बाजपेयी की भूमिका निभा सकते थे तो बिना समय गंवाए उन्होंने नागार्जुन अक्किनेनी का नाम लिया। सामंथा साउथ के स्टार नागा चैतन्या की पत्नी हैं और सुपरस्टार नागार्जुन अक्किनेनी की बहू हैं। |
एस्ट्रोक्रीट को किसी भी रूप में आकार दिया जा सकता है और यहां तक कि 3डी प्रिंटिंग (3D printing) में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके जरिए मंगल ग्रह पर कालोनी का निर्माण किया जाएगा.
इंसान मंगल ग्रह (Mars) को अपना अगला ठिकाना बनाने में जुटा हुआ है. ऐसे में इंसानों को लाल ग्रह (Red Planet) पर बसाने से पहले वहां पर मानव कालोनियों (Human colonies) को बसाना होगा. वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर (University of Manchester) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि मंगल ग्रह पर मानव कालोनियों को बनाने के लिए असल में एस्ट्रोनोट्स के खून, पसीने और आंसुओं का इस्तेमाल किया जा सकता है. उनका कहना है कि इसके जरिए मंगल ग्रह पर निर्माण सामग्री भेजने की महंगी और कठिन चुनौती का समाधान हो जाएगा.
मंगल ग्रह पर पानी की कमी (Water on Mars) है. ऐसे में अनुमानों के मुताबिक, लाल ग्रह पर एक ईंट भेजने में दो मिलियन डॉलर का खर्च आता है. मैटेरियल्स टुडे बायो जर्नल में इस महीने पब्लिश हुए नतीजों के मुताबिक, एस्ट्रोनोट्स मंगल की मिट्टी और अपने खून के जरिए साइट पर कंक्रीट बना सकते हैं. यहां गौर करने वाली बात ये है कि ये सिर्फ सैद्धांतिक बात नहीं है. स्टडी के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इंसानों के खून और सिंथेटिक रेजोलिथ के इस्तेमाल के जरिए 'एस्ट्रोक्रीट' नामक एक ठोस पदार्थ पहले ही बनाया हुआ है. एस्ट्रोक्रीट मंगल और चंद्रमा पर मिट्टी के लिए वैज्ञानिक शब्द है.
एस्ट्रोक्रीट कैसे होता है मजबूत?
इंसानों का खून और सिंथेटिक रेजोलिथ का मिक्सचर मानव सीरम एल्ब्यूमिन (Human Serum Albumin) की वजह से काम करता है. एल्ब्यूमिन इंसानों के खून के प्लाज्मा में मिलने वाला एक सामान्य प्रोटीन है. जब प्रोटीन डिहाईड्रेटेड होता है, तो एक मजबूत बॉन्ड बनाता है, जो धूल को एक साथ कर लेता है. अकेले खून और धूल का मिक्सर कंक्रीट के बराबर है. लेकिन रिसर्चर्स का कहना है कि मिक्सर में मानव यूरिया मिलाने पर यह और भी मजबूत हो जाता है. ये सुनहरा पदार्थ यूरिया पसीने, आंसू और मूत्र से बनता है. इस तरह एस्ट्रोक्रीट की ताकत को 300 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.
स्टडी के मुताबिक, एस्ट्रोक्रीट अपने आप में भूरे रंग की एक डल छाया है. लेकिन इसे किसी भी रूप में आकार दिया जा सकता है और यहां तक कि 3डी प्रिंटिंग (3D printing) में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इस स्टडी में एस्ट्रोक्रीट की गंध के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. लेकिन एस्ट्रोक्रीट संरचनाएं (AstroCrete structures) किसी और चीज से बने सीलबंद आंतरिक खोल की रक्षा कर सकती है. ऐसे में एस्ट्रोनोट्स पेशाब और खून से बनी ईंटों के सीधे संपर्क में नहीं होगा. उसका मुख्य काम रेडिएशन और मंगल ग्रह की धूल भरी आंधी को दूर रखना होगा.
| एस्ट्रोक्रीट को किसी भी रूप में आकार दिया जा सकता है और यहां तक कि तीनडी प्रिंटिंग में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके जरिए मंगल ग्रह पर कालोनी का निर्माण किया जाएगा. इंसान मंगल ग्रह को अपना अगला ठिकाना बनाने में जुटा हुआ है. ऐसे में इंसानों को लाल ग्रह पर बसाने से पहले वहां पर मानव कालोनियों को बसाना होगा. वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के वैज्ञानिकों ने कहा है कि मंगल ग्रह पर मानव कालोनियों को बनाने के लिए असल में एस्ट्रोनोट्स के खून, पसीने और आंसुओं का इस्तेमाल किया जा सकता है. उनका कहना है कि इसके जरिए मंगल ग्रह पर निर्माण सामग्री भेजने की महंगी और कठिन चुनौती का समाधान हो जाएगा. मंगल ग्रह पर पानी की कमी है. ऐसे में अनुमानों के मुताबिक, लाल ग्रह पर एक ईंट भेजने में दो मिलियन डॉलर का खर्च आता है. मैटेरियल्स टुडे बायो जर्नल में इस महीने पब्लिश हुए नतीजों के मुताबिक, एस्ट्रोनोट्स मंगल की मिट्टी और अपने खून के जरिए साइट पर कंक्रीट बना सकते हैं. यहां गौर करने वाली बात ये है कि ये सिर्फ सैद्धांतिक बात नहीं है. स्टडी के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इंसानों के खून और सिंथेटिक रेजोलिथ के इस्तेमाल के जरिए 'एस्ट्रोक्रीट' नामक एक ठोस पदार्थ पहले ही बनाया हुआ है. एस्ट्रोक्रीट मंगल और चंद्रमा पर मिट्टी के लिए वैज्ञानिक शब्द है. एस्ट्रोक्रीट कैसे होता है मजबूत? इंसानों का खून और सिंथेटिक रेजोलिथ का मिक्सचर मानव सीरम एल्ब्यूमिन की वजह से काम करता है. एल्ब्यूमिन इंसानों के खून के प्लाज्मा में मिलने वाला एक सामान्य प्रोटीन है. जब प्रोटीन डिहाईड्रेटेड होता है, तो एक मजबूत बॉन्ड बनाता है, जो धूल को एक साथ कर लेता है. अकेले खून और धूल का मिक्सर कंक्रीट के बराबर है. लेकिन रिसर्चर्स का कहना है कि मिक्सर में मानव यूरिया मिलाने पर यह और भी मजबूत हो जाता है. ये सुनहरा पदार्थ यूरिया पसीने, आंसू और मूत्र से बनता है. इस तरह एस्ट्रोक्रीट की ताकत को तीन सौ प्रतिशत तक बढ़ जाती है. स्टडी के मुताबिक, एस्ट्रोक्रीट अपने आप में भूरे रंग की एक डल छाया है. लेकिन इसे किसी भी रूप में आकार दिया जा सकता है और यहां तक कि तीनडी प्रिंटिंग में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इस स्टडी में एस्ट्रोक्रीट की गंध के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. लेकिन एस्ट्रोक्रीट संरचनाएं किसी और चीज से बने सीलबंद आंतरिक खोल की रक्षा कर सकती है. ऐसे में एस्ट्रोनोट्स पेशाब और खून से बनी ईंटों के सीधे संपर्क में नहीं होगा. उसका मुख्य काम रेडिएशन और मंगल ग्रह की धूल भरी आंधी को दूर रखना होगा. |
एक ओर चीनी नेता हिन्दी-चीनी भाई-भाई के नारे लगा रहे थे, तो दूसरी ओर 20 अक्तूबर, 1962 को उनकी सेना ने अचानक भारत पर हमला कर दिया। उस समय लद्दाख के चुशूल हवाई अड्डे के पास स्थित चैकी पर मेजर धनसिंह थापा के नेतृत्व में गोरखा राइफल्स के 33 जवान तैनात थे।
मेजर थापा खाई में मोर्चा लगाये दुश्मनों पर गोलियों की बौछार कर रहे थे। इस कारण शत्रु आगे नहीं बढ़ पा रहा था। चीन की तैयारी बहुत अच्छी थी, जबकि हमारी सेना के पास ढंग के शस्त्र नहीं थे। यहाँ तक कि जवानों के पास ऊँची पहाडि़यों पर चढ़ने के लिए अच्छे जूते तक नहीं थे। फिर भी मेजर थापा और उनके साथियों के हौसले बुलन्द थे।
जब मेजर थापा ने देखा कि शत्रु अब उनकी चैकी पर कब्जा करने ही वाला है, तो वे हर-हर महादेव का नारा लगाते हुए क्रुद्ध शेर की तरह अपनी मशीनगन लेकर खाई से बाहर कूद गये। पलक झपकते ही उन्होंने दर्जनों चीनियों को मौत की नींद सुला दिया; लेकिन गोलियाँ समाप्त होने पर चीनी सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया और चैकी पर चीन का कब्जा हो गया।
चुशूल चैकी पर कब्जे का समाचार जब सेना मुख्यालय में पहुँचा, तो सबने मान लिया कि वहाँ तैनात मेजर थापा और शेष सब सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गये होंगे। देश भर में मेजर थापा और उनके सैनिकों की वीरता के किस्से सुनाये जाने लगे। 28 अक्तूबर को जनरल पी.एन. थापर ने मेजर थापा की पत्नी को पत्र लिखकर उनके पति के दिवंगत होने की सूचना दी। परिवार में दुःख और शोक की लहर दौड़ गयी; पर उनके परिवार में परम्परागत रूप से सैन्यकर्म होता था, अतः सीने पर पत्थर रखकर परिवारजनों ने उनके अन्तिम संस्कार की औपचारिकताएँ पूरी कर दीं।
सेना के अनुरोध पर भारत सरकार ने मेजर धनसिंह थापा को मरणोपरान्त 'परमवीर चक्र' देने की घोषणा कर दी; लेकिन युद्ध समाप्त होने के बाद जब चीन ने भारत को उसके युद्धबन्दियों की सूची दी, तो उसमें मेजर थापा का भी नाम था। इस समाचार से पूरे देश में प्रसन्नता फैल गयी। उनके घर देहरादून में उनकी माँ, बहिन और पत्नी की खुशी की कोई सीमा न थी। इसी बीच उनकी पत्नी ने एक बालक को जन्म दिया था।
10 मई, 1963 को भारत लौटने पर सेना मुख्यालय में उनका भव्य स्वागत किया गया। दो दिन बाद 12 मई को वे अपने घर देहरादून पहुँच गये; पर वहाँ उनका अन्तिम संस्कार हो चुका था और उनकी पत्नी विधवा की तरह रह रही थी। अतः गोरखों की धार्मिक परम्पराओं के अनुसार उनके कुल पुरोहित ने उनका मुण्डन कर फिर से नामकरण किया। इसके बाद उन्हें विवाह की वेदी पर खड़े होकर अग्नि के सात फेरे लेने पड़े। इस प्रकार अपनी पत्नी के साथ उनका वैवाहिक जीवन फिर से प्रारम्भ हुआ।
26 जनवरी, 1964 को गणतन्त्र दिवस पर मेजर धनसिंह थापा को राष्ट्रपति महोदय ने वीरता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान 'परमवीर चक्र' प्रदान किया। इस प्रकार इस वीर ने एक इतिहास रच दिया। 1980 तक सेना में सेवारत रहकर उन्होंने लेफ्टिनेण्ट कर्नल के पद से अवकाश लिया। 1928 में शिमला में जन्मे इस महान मृत्युंजयी योद्धा का 77 वर्ष की आयु में 5 सितम्बर, 2005 को पुणे में देहान्त हुआ।
| एक ओर चीनी नेता हिन्दी-चीनी भाई-भाई के नारे लगा रहे थे, तो दूसरी ओर बीस अक्तूबर, एक हज़ार नौ सौ बासठ को उनकी सेना ने अचानक भारत पर हमला कर दिया। उस समय लद्दाख के चुशूल हवाई अड्डे के पास स्थित चैकी पर मेजर धनसिंह थापा के नेतृत्व में गोरखा राइफल्स के तैंतीस जवान तैनात थे। मेजर थापा खाई में मोर्चा लगाये दुश्मनों पर गोलियों की बौछार कर रहे थे। इस कारण शत्रु आगे नहीं बढ़ पा रहा था। चीन की तैयारी बहुत अच्छी थी, जबकि हमारी सेना के पास ढंग के शस्त्र नहीं थे। यहाँ तक कि जवानों के पास ऊँची पहाडि़यों पर चढ़ने के लिए अच्छे जूते तक नहीं थे। फिर भी मेजर थापा और उनके साथियों के हौसले बुलन्द थे। जब मेजर थापा ने देखा कि शत्रु अब उनकी चैकी पर कब्जा करने ही वाला है, तो वे हर-हर महादेव का नारा लगाते हुए क्रुद्ध शेर की तरह अपनी मशीनगन लेकर खाई से बाहर कूद गये। पलक झपकते ही उन्होंने दर्जनों चीनियों को मौत की नींद सुला दिया; लेकिन गोलियाँ समाप्त होने पर चीनी सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया और चैकी पर चीन का कब्जा हो गया। चुशूल चैकी पर कब्जे का समाचार जब सेना मुख्यालय में पहुँचा, तो सबने मान लिया कि वहाँ तैनात मेजर थापा और शेष सब सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गये होंगे। देश भर में मेजर थापा और उनके सैनिकों की वीरता के किस्से सुनाये जाने लगे। अट्ठाईस अक्तूबर को जनरल पी.एन. थापर ने मेजर थापा की पत्नी को पत्र लिखकर उनके पति के दिवंगत होने की सूचना दी। परिवार में दुःख और शोक की लहर दौड़ गयी; पर उनके परिवार में परम्परागत रूप से सैन्यकर्म होता था, अतः सीने पर पत्थर रखकर परिवारजनों ने उनके अन्तिम संस्कार की औपचारिकताएँ पूरी कर दीं। सेना के अनुरोध पर भारत सरकार ने मेजर धनसिंह थापा को मरणोपरान्त 'परमवीर चक्र' देने की घोषणा कर दी; लेकिन युद्ध समाप्त होने के बाद जब चीन ने भारत को उसके युद्धबन्दियों की सूची दी, तो उसमें मेजर थापा का भी नाम था। इस समाचार से पूरे देश में प्रसन्नता फैल गयी। उनके घर देहरादून में उनकी माँ, बहिन और पत्नी की खुशी की कोई सीमा न थी। इसी बीच उनकी पत्नी ने एक बालक को जन्म दिया था। दस मई, एक हज़ार नौ सौ तिरेसठ को भारत लौटने पर सेना मुख्यालय में उनका भव्य स्वागत किया गया। दो दिन बाद बारह मई को वे अपने घर देहरादून पहुँच गये; पर वहाँ उनका अन्तिम संस्कार हो चुका था और उनकी पत्नी विधवा की तरह रह रही थी। अतः गोरखों की धार्मिक परम्पराओं के अनुसार उनके कुल पुरोहित ने उनका मुण्डन कर फिर से नामकरण किया। इसके बाद उन्हें विवाह की वेदी पर खड़े होकर अग्नि के सात फेरे लेने पड़े। इस प्रकार अपनी पत्नी के साथ उनका वैवाहिक जीवन फिर से प्रारम्भ हुआ। छब्बीस जनवरी, एक हज़ार नौ सौ चौंसठ को गणतन्त्र दिवस पर मेजर धनसिंह थापा को राष्ट्रपति महोदय ने वीरता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान 'परमवीर चक्र' प्रदान किया। इस प्रकार इस वीर ने एक इतिहास रच दिया। एक हज़ार नौ सौ अस्सी तक सेना में सेवारत रहकर उन्होंने लेफ्टिनेण्ट कर्नल के पद से अवकाश लिया। एक हज़ार नौ सौ अट्ठाईस में शिमला में जन्मे इस महान मृत्युंजयी योद्धा का सतहत्तर वर्ष की आयु में पाँच सितम्बर, दो हज़ार पाँच को पुणे में देहान्त हुआ। |
सूरज बड़जात्या बॉलीवुड के बड़े निर्देशक में से एक हैं। उन्होंने बॉलीवुड में तमाम सफल फिल्में की हैं। उन्होंने करीब 24 साल पहले फिल्म हम साथ साथ हैं बनाई थी। इस फिल्म में सैफ अली खान ने मुख्य भूमिका अदा की थी। इसी फिल्म और सैफ अली खान को लेकर निर्देशक ने खुलासा किया है।
| सूरज बड़जात्या बॉलीवुड के बड़े निर्देशक में से एक हैं। उन्होंने बॉलीवुड में तमाम सफल फिल्में की हैं। उन्होंने करीब चौबीस साल पहले फिल्म हम साथ साथ हैं बनाई थी। इस फिल्म में सैफ अली खान ने मुख्य भूमिका अदा की थी। इसी फिल्म और सैफ अली खान को लेकर निर्देशक ने खुलासा किया है। |
नई दिल्ली। DU Admission Update दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने सभी श्रेणियों में दाखिले के लिये विश्वविद्यालयीन सामान्य प्रवेश परीक्षा (CUET) में प्राप्त अंकों को 85 प्रतिशत, जबकि साक्षात्कार को 15 प्रतिशत महत्व (Vetage) देने के सेंट स्टीफंस कॉलेज के फैसले का विरोध किया है। डीयू ने कहा है कि इस फैसले को "अमान्य" माना जाएगा।
विश्वविद्यालय ने कहा कि वह कॉलेज को पत्र लिखकर हाल ही में उसकी ओर से जारी की गई विवरण पुस्तिका को वापस लेने के लिए कहेगा, जिसमें 85:15 'वेटेज' फॉर्मूले का उल्लेख है, अन्यथा इस फॉर्मूले के तहत दाखिले डीयू को स्वीकार्य नहीं होंगे। कॉलेज के स्नातक पाठ्यक्रम 2022-23 के लिए विवरण पुस्तिका में कहा गया है, "सेंट स्टीफंस कॉलेज सीयूईटी को पात्रता मानदंड के रूप में अपनाएगा, जिसमें सीयूईटी के अंकों को 85 प्रतिशत और शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के लिए कॉलेज के साक्षात्कार को 15 प्रतिशत महत्व दिया जाएगा।" कॉलेज ने पिछले महीने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए दाखिला नोटिस में भी यही बात कही थी।
| नई दिल्ली। DU Admission Update दिल्ली विश्वविद्यालय ने सभी श्रेणियों में दाखिले के लिये विश्वविद्यालयीन सामान्य प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों को पचासी प्रतिशत, जबकि साक्षात्कार को पंद्रह प्रतिशत महत्व देने के सेंट स्टीफंस कॉलेज के फैसले का विरोध किया है। डीयू ने कहा है कि इस फैसले को "अमान्य" माना जाएगा। विश्वविद्यालय ने कहा कि वह कॉलेज को पत्र लिखकर हाल ही में उसकी ओर से जारी की गई विवरण पुस्तिका को वापस लेने के लिए कहेगा, जिसमें पचासी:पंद्रह 'वेटेज' फॉर्मूले का उल्लेख है, अन्यथा इस फॉर्मूले के तहत दाखिले डीयू को स्वीकार्य नहीं होंगे। कॉलेज के स्नातक पाठ्यक्रम दो हज़ार बाईस-तेईस के लिए विवरण पुस्तिका में कहा गया है, "सेंट स्टीफंस कॉलेज सीयूईटी को पात्रता मानदंड के रूप में अपनाएगा, जिसमें सीयूईटी के अंकों को पचासी प्रतिशत और शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के लिए कॉलेज के साक्षात्कार को पंद्रह प्रतिशत महत्व दिया जाएगा।" कॉलेज ने पिछले महीने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए दाखिला नोटिस में भी यही बात कही थी। |
Toyota जनवरी 2022 में Hilux को लॉन्च करने जा रही है। Gurugram में एक TVC शूट के दौरान पिकअप ट्रक को पहले ही देखा जा चुका है। कुछ डीलरशिप ने पहले ही 2 लाख रुपये में Hilux की अनौपचारिक बुकिंग लेना शुरू कर दिया है। अब, Motorbeam के अनुसार, Toyota ने Hilux पिक-अप ट्रक की डीलरशिप डिस्पैच शुरू कर दी है। ऐसा कहने के बाद, Toyota ने अभी भी आधिकारिक तौर पर कुछ भी घोषित नहीं किया है।
Hilux Fortuner और Innova Crysta के साथ अपने बहुत सारे आधार और घटकों को साझा करेगी। शुरुआत के लिए, मंच समान होगा। तो, Hilux भी IMV-2 प्लेटफॉर्म पर आधारित होगा। लेकिन Toyota ने Hilux के व्हीलबेस को बढ़ाकर 3,085 मिमी कर दिया है। इसकी लंबाई 5,325 मिमी, चौड़ाई 1,855 मिमी और ऊंचाई 1,865 मिमी है। Hilux का ग्राउंड क्लियरेंस 216mm है। साथ ही इसका वजन 2.1 टन है।
Toyota दो डीजल इंजनों के साथ Hilux की बिक्री करेगी। 2.4-लीटर और 2.8-लीटर यूनिट होगी। 2.4-लीटर Innova Crysta से लिया गया है। यह 150 पीएस का अधिकतम पावर आउटपुट और 360 एनएम का पीक टॉर्क पैदा करता है। यह 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स या 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ आता है। यह इंजन केवल रियर-व्हील ड्राइव के रूप में पेश किया जाएगा।
2.8-लीटर यूनिट Fortuner से ली गई है। तो, यह 204 पीएस का अधिकतम पावर आउटपुट और 500 एनएम का पीक टॉर्क आउटपुट देता है। इसे 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स या 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ पेश किया जाएगा। इस इंजन के रियर-व्हील-ड्राइव सेटअप और फोर-व्हील ड्राइव सेटअप के साथ आने की उम्मीद है। Toyota ने आधिकारिक तौर पर इंजन विकल्पों का खुलासा नहीं किया है इसलिए हमें Hilux को लॉन्च करने के लिए निर्माता की प्रतीक्षा करनी होगी।
Toyota भारत में Hilux को टॉप-स्पेक डबल कैब बॉडी स्टाइल में पेश करेगी। तो, कम से कम चार यात्रियों के बैठने की जगह होगी और पीछे में एक बिस्तर होगा। Hilux बुच दिखता है, वास्तव में, इसकी Fortuner SUV की तुलना में अधिक सड़क उपस्थिति है। यह Hilux के विशाल आकार के कारण है।
यह Innova Crysta और Fortuner के समान प्लेटफॉर्म पर आधारित हो सकता है लेकिन बाहरी पूरी तरह से अलग है। अप-फ्रंट में एलईडी डे-टाइम रनिंग लैंप के साथ एलईडी प्रोजेक्टर हेडलैंप हैं। एक चंकी और स्क्वायर-ऑफ बम्पर है और अधिक ऑफ-रोड लुक देने के लिए डिज़ाइन जैसा बुल बार है।
साइड में प्लास्टिक क्लैडिंग के साथ बड़े व्हील आर्च हैं। साइड फुटस्टेप्स भी हैं ताकि रहने वाले आसानी से अंदर और बाहर आ सकें। इसमें मल्टी-स्पोक अलॉय व्हील्स और बाहरी रियरव्यू मिरर हैं जो क्रोम में फिनिश्ड एलईडी टर्न इंडिकेटर्स के साथ लगे हैं। पीछे की तरफ लंबवत खड़ी एलईडी टेल लैंप हैं।
Fortuner के कई इंटीरियर कंपोनेंट्स को Hilux में ले जाने की उम्मीद है। इसलिए, हम उम्मीद कर रहे हैं कि Hilux में समान सीटें, टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, गियर लीवर, इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, डोर पैड, स्टीयरिंग व्हील आदि होंगे। ऐसा कहने के बाद, Toyota Hilux के डैशबोर्ड में कुछ बदलाव करेगी ताकि यह Fortuner से अलग हो।
| Toyota जनवरी दो हज़ार बाईस में Hilux को लॉन्च करने जा रही है। Gurugram में एक TVC शूट के दौरान पिकअप ट्रक को पहले ही देखा जा चुका है। कुछ डीलरशिप ने पहले ही दो लाख रुपये में Hilux की अनौपचारिक बुकिंग लेना शुरू कर दिया है। अब, Motorbeam के अनुसार, Toyota ने Hilux पिक-अप ट्रक की डीलरशिप डिस्पैच शुरू कर दी है। ऐसा कहने के बाद, Toyota ने अभी भी आधिकारिक तौर पर कुछ भी घोषित नहीं किया है। Hilux Fortuner और Innova Crysta के साथ अपने बहुत सारे आधार और घटकों को साझा करेगी। शुरुआत के लिए, मंच समान होगा। तो, Hilux भी IMV-दो प्लेटफॉर्म पर आधारित होगा। लेकिन Toyota ने Hilux के व्हीलबेस को बढ़ाकर तीन,पचासी मिमी कर दिया है। इसकी लंबाई पाँच,तीन सौ पच्चीस मिमी, चौड़ाई एक,आठ सौ पचपन मिमी और ऊंचाई एक,आठ सौ पैंसठ मिमी है। Hilux का ग्राउंड क्लियरेंस दो सौ सोलह मिलीमीटर है। साथ ही इसका वजन दो दशमलव एक टन है। Toyota दो डीजल इंजनों के साथ Hilux की बिक्री करेगी। दो.चार-लीटर और दो.आठ-लीटर यूनिट होगी। दो.चार-लीटर Innova Crysta से लिया गया है। यह एक सौ पचास पीएस का अधिकतम पावर आउटपुट और तीन सौ साठ एनएम का पीक टॉर्क पैदा करता है। यह पाँच-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स या छः-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ आता है। यह इंजन केवल रियर-व्हील ड्राइव के रूप में पेश किया जाएगा। दो.आठ-लीटर यूनिट Fortuner से ली गई है। तो, यह दो सौ चार पीएस का अधिकतम पावर आउटपुट और पाँच सौ एनएम का पीक टॉर्क आउटपुट देता है। इसे छः-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स या छः-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ पेश किया जाएगा। इस इंजन के रियर-व्हील-ड्राइव सेटअप और फोर-व्हील ड्राइव सेटअप के साथ आने की उम्मीद है। Toyota ने आधिकारिक तौर पर इंजन विकल्पों का खुलासा नहीं किया है इसलिए हमें Hilux को लॉन्च करने के लिए निर्माता की प्रतीक्षा करनी होगी। Toyota भारत में Hilux को टॉप-स्पेक डबल कैब बॉडी स्टाइल में पेश करेगी। तो, कम से कम चार यात्रियों के बैठने की जगह होगी और पीछे में एक बिस्तर होगा। Hilux बुच दिखता है, वास्तव में, इसकी Fortuner SUV की तुलना में अधिक सड़क उपस्थिति है। यह Hilux के विशाल आकार के कारण है। यह Innova Crysta और Fortuner के समान प्लेटफॉर्म पर आधारित हो सकता है लेकिन बाहरी पूरी तरह से अलग है। अप-फ्रंट में एलईडी डे-टाइम रनिंग लैंप के साथ एलईडी प्रोजेक्टर हेडलैंप हैं। एक चंकी और स्क्वायर-ऑफ बम्पर है और अधिक ऑफ-रोड लुक देने के लिए डिज़ाइन जैसा बुल बार है। साइड में प्लास्टिक क्लैडिंग के साथ बड़े व्हील आर्च हैं। साइड फुटस्टेप्स भी हैं ताकि रहने वाले आसानी से अंदर और बाहर आ सकें। इसमें मल्टी-स्पोक अलॉय व्हील्स और बाहरी रियरव्यू मिरर हैं जो क्रोम में फिनिश्ड एलईडी टर्न इंडिकेटर्स के साथ लगे हैं। पीछे की तरफ लंबवत खड़ी एलईडी टेल लैंप हैं। Fortuner के कई इंटीरियर कंपोनेंट्स को Hilux में ले जाने की उम्मीद है। इसलिए, हम उम्मीद कर रहे हैं कि Hilux में समान सीटें, टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, गियर लीवर, इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, डोर पैड, स्टीयरिंग व्हील आदि होंगे। ऐसा कहने के बाद, Toyota Hilux के डैशबोर्ड में कुछ बदलाव करेगी ताकि यह Fortuner से अलग हो। |
दें परंतु हळका जुल्काव दे सकते हैं, इस के पीछे गर्मी आर ठण्ड के अनुसार मंत्र लाने वाली औषधें पिळावें, और फिर घाव भरने वाली औषधें दें, जैसे गिळेअरमनी, दम्युलअख बैन. जला हुआ फागज, कुंदर आदि और कुर्स फाफनज और बनाद कुलवुजूर खिलाना लाभदायक है ।।
गुरदे में खुजली होने का वर्णन
सात दिन में दो बार मवाद को निकाळें, और उलटी करें और शर्वत वनफशा पिलावें. और शियाफ अवियज को रोगन बादाम में घिस कर मूत्र के छिद्र में टपकावें, और वनादकुल बुजूर खिळावें ॥
जिया विवस का वर्णन
यह वह रोग है कि पानी जैसा पीवें वैसाही तुरंत मूत्र में निकलआवै इसका उपाय गर्मी और ठण्ड देखकर करना चा हिये गरम में कुर्सकाफर और कुर्स तवाशीर और कुर्स जिया वितुस दें, और ठण्ड में मसरोदीतूस और माजून मासिकुल चौ ल खिलावें ।।
गुरदे में पथरी पडने और पेशाब में रेतआने का वर्णन इस रोग की वारियां होती है कभी एक महीने के पीछे कभी वर्ष दिन में और कभी कमवढ में जोर करताहै । इसका कक्षण यह है कि छुड्डी की जगह खिचाव और बोझ होगा और मूत्र पीला और काळ आवेगा. और कभी उसमें पथरी भी निकलेगी, और जव आंतें भरेंगी तो पांडा अधिक होगी और पथरी में अधिक दुखहोता है और रेत पड़ने में दुख और रोग उससे कम होते हैं ।
और जब मूत्र में रेत निकले तो जानों कि रेत पढी है
पहिले बमन करावे और मूत्र लाने वाली और साफ करने वाली औषधें और जुल्ला पिळावें, और जब पीडा अधिक होतो वह आवजन करें जो गुरदे की पीड़ा में लिखा गया है और पथरी के तोड़ने के लिये माजून अकरब और माजून ह जरुळयहूद अति लाभदायक है । और उन वस्तुओं से बचें जो रुधिर को गाढा और मैला करें, और पचाबका उपाय करें और जब पेट खाली होतो मेहनत करें और डण्ड पेलें, और विषय कम करें और कर्ता के कपडे परसोना और भोजन के बीचमें और कभी२ विनाकुछखाये ठंडा पानी पीना पथरीको नहीं पड़ने देता है ।
उन्नीसवां अध्याय मसाने के रोगोंका वर्णन मसाने की सूनज का वर्णन
जो गर्मी से सूजम होतो पीडा अधिक होगी सुई सी चुभेगी, पेटू फूला हुआ होगा. और गरम ज्वर होगा इस में फस्द घासलीक खोळें और तीन दिन पीछे माविज की फस्द खोलें और मुलैय्यन सुवारिक पिलावें हरी मकोय के अर्क के साथ आदि में वह पुष्ट औषधं जो मूत्र कावें. निळकुळ न दें, और अकेळी वह औषधें जो ठण्डी हों और मवाद को इधर गिरने से रोकें कभी न दें क्योंकि ऐसा करने से मवाद के कडा होजाने का डर है और रूधिर की सूजन में तो कभी ऐसा न करना चाहिये । जब सूजन का मवाद पकने पर हो तो पकाने के लेप पीछे उसके फोडने का उपाय करें और पीव निकलने के पश्चात् घाव को भरें और जो ठण्डी सूजन होतो अगर उस में नरमी होतो कफ का चिन्ह है और कडापन वादी का चिन्ह है बाकी और लक्षण हर मवाद के | दें परंतु हळका जुल्काव दे सकते हैं, इस के पीछे गर्मी आर ठण्ड के अनुसार मंत्र लाने वाली औषधें पिळावें, और फिर घाव भरने वाली औषधें दें, जैसे गिळेअरमनी, दम्युलअख बैन. जला हुआ फागज, कुंदर आदि और कुर्स फाफनज और बनाद कुलवुजूर खिलाना लाभदायक है ।। गुरदे में खुजली होने का वर्णन सात दिन में दो बार मवाद को निकाळें, और उलटी करें और शर्वत वनफशा पिलावें. और शियाफ अवियज को रोगन बादाम में घिस कर मूत्र के छिद्र में टपकावें, और वनादकुल बुजूर खिळावें ॥ जिया विवस का वर्णन यह वह रोग है कि पानी जैसा पीवें वैसाही तुरंत मूत्र में निकलआवै इसका उपाय गर्मी और ठण्ड देखकर करना चा हिये गरम में कुर्सकाफर और कुर्स तवाशीर और कुर्स जिया वितुस दें, और ठण्ड में मसरोदीतूस और माजून मासिकुल चौ ल खिलावें ।। गुरदे में पथरी पडने और पेशाब में रेतआने का वर्णन इस रोग की वारियां होती है कभी एक महीने के पीछे कभी वर्ष दिन में और कभी कमवढ में जोर करताहै । इसका कक्षण यह है कि छुड्डी की जगह खिचाव और बोझ होगा और मूत्र पीला और काळ आवेगा. और कभी उसमें पथरी भी निकलेगी, और जव आंतें भरेंगी तो पांडा अधिक होगी और पथरी में अधिक दुखहोता है और रेत पड़ने में दुख और रोग उससे कम होते हैं । और जब मूत्र में रेत निकले तो जानों कि रेत पढी है पहिले बमन करावे और मूत्र लाने वाली और साफ करने वाली औषधें और जुल्ला पिळावें, और जब पीडा अधिक होतो वह आवजन करें जो गुरदे की पीड़ा में लिखा गया है और पथरी के तोड़ने के लिये माजून अकरब और माजून ह जरुळयहूद अति लाभदायक है । और उन वस्तुओं से बचें जो रुधिर को गाढा और मैला करें, और पचाबका उपाय करें और जब पेट खाली होतो मेहनत करें और डण्ड पेलें, और विषय कम करें और कर्ता के कपडे परसोना और भोजन के बीचमें और कभीदो विनाकुछखाये ठंडा पानी पीना पथरीको नहीं पड़ने देता है । उन्नीसवां अध्याय मसाने के रोगोंका वर्णन मसाने की सूनज का वर्णन जो गर्मी से सूजम होतो पीडा अधिक होगी सुई सी चुभेगी, पेटू फूला हुआ होगा. और गरम ज्वर होगा इस में फस्द घासलीक खोळें और तीन दिन पीछे माविज की फस्द खोलें और मुलैय्यन सुवारिक पिलावें हरी मकोय के अर्क के साथ आदि में वह पुष्ट औषधं जो मूत्र कावें. निळकुळ न दें, और अकेळी वह औषधें जो ठण्डी हों और मवाद को इधर गिरने से रोकें कभी न दें क्योंकि ऐसा करने से मवाद के कडा होजाने का डर है और रूधिर की सूजन में तो कभी ऐसा न करना चाहिये । जब सूजन का मवाद पकने पर हो तो पकाने के लेप पीछे उसके फोडने का उपाय करें और पीव निकलने के पश्चात् घाव को भरें और जो ठण्डी सूजन होतो अगर उस में नरमी होतो कफ का चिन्ह है और कडापन वादी का चिन्ह है बाकी और लक्षण हर मवाद के |
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकीं उषा जाधव इन दिनों सात समंदर पार यूरोपीय सिनेमा में देश का नाम रोशन कर रही हैं। उषा वहां लगातार अलग अलग माध्यमों में अभिनय के अलावा और भी तमाम सारा क्रिएटिव काम कर रही हैं। उनके नाम एक सम्मान का एक नया अध्याय तब जुड़ गयाजब स्पेन के सिनेमा और टेलीविजन में काम करने वाली अभिनेत्रियों के साथ हुई एक दिलचस्प चर्चा में उन्हें भी एक ऐसी शख्सीयत के रूप में बुलाया गया जिनकी बात का विश्वसिनेमा पर असर होता है।
उषा को इस कार्यक्रम में बुलाने की वजह ये रही है कि वहां के सितारों में से उन्हें भी बदलते दौर की 'एसेंशियल वॉयसेस' में से एक माना गया। इस कार्यक्रम में उन्होंने सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का प्रतिनिधित्व किया। उनके साथ इस चर्चा में अफ्रीका और यूरोप के कलाकारों के अलावा लैटिन अमेरिका के कलाकारों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान बहस इस बात पर भी हुई कि कैसे ढर्रे पर चलती आ रही चीजों में बदलाव लाया जाए और कैसे दृश्य श्रव्य माध्यम में विविधता को प्रोत्साहित किया जाए। स्पेन के खेल व संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम का आयोजन स्पैनिश एसोसिएशन ऑफ वीमन इन फिल्म्स एंड टीवी और सीमा के साथ कूफिल्म ने मिलकर किया।
'अमर उजाला' से इस बारे में एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए उषा ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में उन्हें स्पेन में काम करने के कुछ बेहतरीन प्रस्ताव मिले और उन्होंने वहां पहुंचकर देखा कि इंसानी जज्बात किसी भी भाषा की सरहदें भुला सकते हैं। उषा ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि भारत में भी विभिन्न भाषाओं के सिनेमा के बीच दशकों से कायम रहीं बोलियों की बंदिशें खत्म हो रही हैं और दर्शक अब अच्छे सिनेमा को देखने फिर से सिनेमाघरों में लौटने लगे हैं।
| सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकीं उषा जाधव इन दिनों सात समंदर पार यूरोपीय सिनेमा में देश का नाम रोशन कर रही हैं। उषा वहां लगातार अलग अलग माध्यमों में अभिनय के अलावा और भी तमाम सारा क्रिएटिव काम कर रही हैं। उनके नाम एक सम्मान का एक नया अध्याय तब जुड़ गयाजब स्पेन के सिनेमा और टेलीविजन में काम करने वाली अभिनेत्रियों के साथ हुई एक दिलचस्प चर्चा में उन्हें भी एक ऐसी शख्सीयत के रूप में बुलाया गया जिनकी बात का विश्वसिनेमा पर असर होता है। उषा को इस कार्यक्रम में बुलाने की वजह ये रही है कि वहां के सितारों में से उन्हें भी बदलते दौर की 'एसेंशियल वॉयसेस' में से एक माना गया। इस कार्यक्रम में उन्होंने सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का प्रतिनिधित्व किया। उनके साथ इस चर्चा में अफ्रीका और यूरोप के कलाकारों के अलावा लैटिन अमेरिका के कलाकारों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान बहस इस बात पर भी हुई कि कैसे ढर्रे पर चलती आ रही चीजों में बदलाव लाया जाए और कैसे दृश्य श्रव्य माध्यम में विविधता को प्रोत्साहित किया जाए। स्पेन के खेल व संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम का आयोजन स्पैनिश एसोसिएशन ऑफ वीमन इन फिल्म्स एंड टीवी और सीमा के साथ कूफिल्म ने मिलकर किया। 'अमर उजाला' से इस बारे में एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए उषा ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में उन्हें स्पेन में काम करने के कुछ बेहतरीन प्रस्ताव मिले और उन्होंने वहां पहुंचकर देखा कि इंसानी जज्बात किसी भी भाषा की सरहदें भुला सकते हैं। उषा ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि भारत में भी विभिन्न भाषाओं के सिनेमा के बीच दशकों से कायम रहीं बोलियों की बंदिशें खत्म हो रही हैं और दर्शक अब अच्छे सिनेमा को देखने फिर से सिनेमाघरों में लौटने लगे हैं। |
मुंबई, 22 अप्रैल क्रिस मौरिस (नाबाद 52) और कागीसो राबाडा (44) मुश्किल हालात में बेहद शानदार पारियां खेलते हुए शनिवार को मुम्बई इंडियंस के हाथों दिल्ली डेयरडेविल्स को शर्मनाक हार से बचा लिया। दिल्ली की टीम वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें संस्करण के इस 25वें मैच में हार गई लेकिन मौरिस और राबाडा ने उसका सिर शर्म से नहीं झुकने दिया। मुंबई की टीम अच्छी शुरुआत के बाद भी निर्धारित 20 ओवरों में आठ विकेट खोकर 142 रन ही बना सकी थी जबकि दिल्ली की टीम मौरिस और राबाडा की बहादुरी की बदौलत 20 ओवरों में सात विकेट गंवाकर 128 रन बना सकी।
13 ओर की समाप्ति तक दिल्ली ने 6 विकेट पर 78 रन बना लिए थे और उसे जीत के लिए 42 गेंदों पर 65 रनों की दरकार थी, जो हासिल किए जाने लायक योग था। 15 ओवर की समाप्ति तक दोनों 67 रन की साझेदारी कर चुके थे और दिल्ली को 30 गेंदों पर 52 रनों की जरूरत थी।
मुम्बई के लिए 16वां और 17वां ओवर काफी अच्छा रहा। 16वें ओवर में मैक्लेघन ने छह रन दिए जबकि 17वें ओवर में जसप्रीत बुमराह ने चार रन ही खर्च किए। इन दो ओवरों ने रबाडा और मौरिस पर अच्छा खासा दबाव बना दिया। अंतिम 18 गेंदों पर दिल्ली को 42 रनों की जरूरत थी। यह स्कोर भी हासिल किया जा सकता था।
मैक्लेघन द्वारा फेंके गए 18वें ओवर में मौरिस ने एक छक्के और एक चौके की मदद से 12 रन बटोरे। अब दिल्ली को 12 गेंदों पर 30 रनों की जरूरत थी। 19वां ओवर लेकर बुमराह आए और 115 के कुल योग पर अपने अंतिम ओवर की चौथी गेंद पर रबाडा को आउट कर इस शानदा साझेदारी को विराम दिया। रबाडा ने 39 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाया। मौरिस के साथ सातवें विकेट के लिए उनकी 91 रनों की सम्मानजनक साझेदारी हुई।
बुमराह के इस सफल ओवर में कुल पांचरन बने। बुमराह ने चार ओवर में 21 रन खर्च करके दो विकेट लिए। अंतिम ओर में दिल्ली को 25 रनों की दरकार थी। हार्दिक पंड्या द्वारा फेंके गए इस ओवर में मौरिस और पैट कुमिंस (नाबाद 4) सिर्फ 10 रन ले सके। मौरिस ने अपनी 41 गेदों की पारी में पांच चौके और एक छक्का लगाया। मुम्बई की ओर से मिशेल मैक्लेघन ने सबसे अधिक तीन विकेट लिए जबकि जसप्रीत बुमराह को दो सफलता मिली। दिल्ली के छह बल्लेबाज दहाई तक नहीं पहुंच सके।
इससे पहले, दिल्ली ने शानदार गेंदबाजी करते हुए मुम्बई को 142 रनों पर सीमित कर दिया। दिल्ली के सबसे सफल गेंदबाज अमीत मिश्रा रहे, जिन्होंने अपने कोटे के चार ओवरों में सिर्फ 18 रन दिए और रोहित शर्मा तथा क्रुणाल पांड्या के विकेट लिए।
पैट कमिंस ने चार ओवरों में 20 रन देकर दो विकेट लिए। अपना पहला आईपीएल मैच खेल रहे कागिसो रबाडा ने चार ओवरों में 30 रन खर्च किए और एक विकेट लिया। पार्थिव पटेल (8) और जोस बटलर (28) ने दिल्ली के खिलाफ आक्रामक शुरुआत की, लेकिन ज्यादा देर उसे कायम नहीं रख सके। इस जोड़ी ने चार ओवर में 37 रन जोड़े लिए थे तभी रबाडा ने पटेल को बोल्ड कर दिया।
मुंबई के स्कोर में अभी 10 रन ही जुड़े थे कि संजू सैमसन ने बटलर को रन आउट कर दिल्ली को दूसरी सफलता दिलाई। इस संस्करण में मुंबई की बल्लेबाजी की रीढ़ बने नितीश राणा सिर्फ आठ रन का योगदान ही दे सके।
पैट कमिंस की गेंद पर वह डीप मिडविकेट पर कोरी एंडरसन को कैच दे बैठे। 56 रनों पर तीन विकेट लेने के बाद दिल्ली की टीम का आत्मविश्वास बेहद ऊपर था। वहीं मुंबई के खिलाड़ियों के माथे पर शिकन थी। कप्तान रोहित एक बार फिर विफल रहे और 60 के कुल स्कोर पर उन्हें मिश्रा ने आउट किया। मिश्रा ने ही क्रुणाल पांड्या (17) का विकेट लेकर मुंबई की कमर तोड़ दी।
| मुंबई, बाईस अप्रैल क्रिस मौरिस और कागीसो राबाडा मुश्किल हालात में बेहद शानदार पारियां खेलते हुए शनिवार को मुम्बई इंडियंस के हाथों दिल्ली डेयरडेविल्स को शर्मनाक हार से बचा लिया। दिल्ली की टीम वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग के दसवें संस्करण के इस पच्चीसवें मैच में हार गई लेकिन मौरिस और राबाडा ने उसका सिर शर्म से नहीं झुकने दिया। मुंबई की टीम अच्छी शुरुआत के बाद भी निर्धारित बीस ओवरों में आठ विकेट खोकर एक सौ बयालीस रन ही बना सकी थी जबकि दिल्ली की टीम मौरिस और राबाडा की बहादुरी की बदौलत बीस ओवरों में सात विकेट गंवाकर एक सौ अट्ठाईस रन बना सकी। तेरह ओर की समाप्ति तक दिल्ली ने छः विकेट पर अठहत्तर रन बना लिए थे और उसे जीत के लिए बयालीस गेंदों पर पैंसठ रनों की दरकार थी, जो हासिल किए जाने लायक योग था। पंद्रह ओवर की समाप्ति तक दोनों सरसठ रन की साझेदारी कर चुके थे और दिल्ली को तीस गेंदों पर बावन रनों की जरूरत थी। मुम्बई के लिए सोलहवां और सत्रहवां ओवर काफी अच्छा रहा। सोलहवें ओवर में मैक्लेघन ने छह रन दिए जबकि सत्रहवें ओवर में जसप्रीत बुमराह ने चार रन ही खर्च किए। इन दो ओवरों ने रबाडा और मौरिस पर अच्छा खासा दबाव बना दिया। अंतिम अट्ठारह गेंदों पर दिल्ली को बयालीस रनों की जरूरत थी। यह स्कोर भी हासिल किया जा सकता था। मैक्लेघन द्वारा फेंके गए अट्ठारहवें ओवर में मौरिस ने एक छक्के और एक चौके की मदद से बारह रन बटोरे। अब दिल्ली को बारह गेंदों पर तीस रनों की जरूरत थी। उन्नीसवां ओवर लेकर बुमराह आए और एक सौ पंद्रह के कुल योग पर अपने अंतिम ओवर की चौथी गेंद पर रबाडा को आउट कर इस शानदा साझेदारी को विराम दिया। रबाडा ने उनतालीस गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाया। मौरिस के साथ सातवें विकेट के लिए उनकी इक्यानवे रनों की सम्मानजनक साझेदारी हुई। बुमराह के इस सफल ओवर में कुल पांचरन बने। बुमराह ने चार ओवर में इक्कीस रन खर्च करके दो विकेट लिए। अंतिम ओर में दिल्ली को पच्चीस रनों की दरकार थी। हार्दिक पंड्या द्वारा फेंके गए इस ओवर में मौरिस और पैट कुमिंस सिर्फ दस रन ले सके। मौरिस ने अपनी इकतालीस गेदों की पारी में पांच चौके और एक छक्का लगाया। मुम्बई की ओर से मिशेल मैक्लेघन ने सबसे अधिक तीन विकेट लिए जबकि जसप्रीत बुमराह को दो सफलता मिली। दिल्ली के छह बल्लेबाज दहाई तक नहीं पहुंच सके। इससे पहले, दिल्ली ने शानदार गेंदबाजी करते हुए मुम्बई को एक सौ बयालीस रनों पर सीमित कर दिया। दिल्ली के सबसे सफल गेंदबाज अमीत मिश्रा रहे, जिन्होंने अपने कोटे के चार ओवरों में सिर्फ अट्ठारह रन दिए और रोहित शर्मा तथा क्रुणाल पांड्या के विकेट लिए। पैट कमिंस ने चार ओवरों में बीस रन देकर दो विकेट लिए। अपना पहला आईपीएल मैच खेल रहे कागिसो रबाडा ने चार ओवरों में तीस रन खर्च किए और एक विकेट लिया। पार्थिव पटेल और जोस बटलर ने दिल्ली के खिलाफ आक्रामक शुरुआत की, लेकिन ज्यादा देर उसे कायम नहीं रख सके। इस जोड़ी ने चार ओवर में सैंतीस रन जोड़े लिए थे तभी रबाडा ने पटेल को बोल्ड कर दिया। मुंबई के स्कोर में अभी दस रन ही जुड़े थे कि संजू सैमसन ने बटलर को रन आउट कर दिल्ली को दूसरी सफलता दिलाई। इस संस्करण में मुंबई की बल्लेबाजी की रीढ़ बने नितीश राणा सिर्फ आठ रन का योगदान ही दे सके। पैट कमिंस की गेंद पर वह डीप मिडविकेट पर कोरी एंडरसन को कैच दे बैठे। छप्पन रनों पर तीन विकेट लेने के बाद दिल्ली की टीम का आत्मविश्वास बेहद ऊपर था। वहीं मुंबई के खिलाड़ियों के माथे पर शिकन थी। कप्तान रोहित एक बार फिर विफल रहे और साठ के कुल स्कोर पर उन्हें मिश्रा ने आउट किया। मिश्रा ने ही क्रुणाल पांड्या का विकेट लेकर मुंबई की कमर तोड़ दी। |
गोपीनाथ मंदिर परिसर में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य के दौरान लोग उस समय आश्चर्यचकित हो गए। जब खुदाई के समय प्राचीन गणेश प्रतिमा मिली। इसके बाद जब वहां जानकार लोग मौके पर पहुंचे तो, उन्होंने संभावना जताई कि खुदाई के दौरान कई ऐसे रहस्य हैं। जिनसे पर्दा उठ सकता है। इसको लेकर पुरातत्व विभाग को भी अवगत कराया गया हैं। उधर, पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ संरक्षण सहायक महेंद्र सिंह ने बताया कि गोपीनाथ मंदिर परिसर में खुदाई में मिली गणेश जी की प्रतिमा के बाद अब यहां और भी रहस्य उजागर होने की संभावनाएं बन रही है। इसको लेकर विभाग की ओर से विशेषज्ञों की निगरानी में मंदिर परिसर में खुदाई का कार्य अगले सप्ताह तक शुरू करवाया जाएगा।
मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान कुछ ऐसे अवशेष व तथ्य मिले हैं। जिनसे वहां प्राचीन जलाशय, बावड़ी और कमरेनुमा तहखाने निकलने की संभावना बताई जा रही है। इस दौरान खुदाई में एक सुरंगनुमा गड्ढा भी मिला हैं। जिससे कई रहस्य उजागर हो सकते हैं। जानकार लोगों का कहना है कि अनदेखी और जागरूकता के अभाव में गोपीनाथजी मंदिर से जुड़ी हुई अन्य कृतियां, इमारतें भूगर्भ में समाहित हो चुकी है। जिनसे पर्दा हटाया जाना आवश्यक है।
जानकार लोगों का कहना है कि टोडारायसिंह कस्बे का इतिहास काफी पुराना है। नागवंश से लेकर कई राजपूत वंशों के शासनकाल में टोडारायसिंह बड़ी रियासतों की राजधानी रही है। इसके चलते यह विशाल पत्थरों से निर्मित वास्तु शिल्प कला और बेजोड़ इमारतें हैं। जो मुगल काल में शासकों द्वारा विध्वंस कर दी गई।
मुगलकाल में कई मंदिरों में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों को खंडित कर दिया गया। मुगलकाल के बाद टोडारायसिंह की विरासत लगातार अनदेखी का शिकार होती रही। लोगों के अतिक्रमण करने से यहां का स्वरूप बिगड़ गया है। लोगों ने इन प्राचीन इमारतों के क्षेत्र में जगह-जगह अतिक्रमण कर रखा है।
टोडारायसिंह में पुरातत्व विभाग के अनुसार कस्बे के माणक चौक स्थित श्री गोपीनाथ मंदिर, श्री कल्याण जी मंदिर, कालाकोट राघवराय जी के मंदिर मुगल शासकों की आतताई का दंश झेल चुके हैं।
पुरातत्व विभाग के अनुसार अब इन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाना है। खुदाई के बाद यहां कई ऐसे रहस्य है। जो लोगों के सामने आ पाएंगे। (रिपोर्ट- मनीष बागड़ी)
| गोपीनाथ मंदिर परिसर में चल रहे जीर्णोद्धार कार्य के दौरान लोग उस समय आश्चर्यचकित हो गए। जब खुदाई के समय प्राचीन गणेश प्रतिमा मिली। इसके बाद जब वहां जानकार लोग मौके पर पहुंचे तो, उन्होंने संभावना जताई कि खुदाई के दौरान कई ऐसे रहस्य हैं। जिनसे पर्दा उठ सकता है। इसको लेकर पुरातत्व विभाग को भी अवगत कराया गया हैं। उधर, पुरातत्व विभाग के वरिष्ठ संरक्षण सहायक महेंद्र सिंह ने बताया कि गोपीनाथ मंदिर परिसर में खुदाई में मिली गणेश जी की प्रतिमा के बाद अब यहां और भी रहस्य उजागर होने की संभावनाएं बन रही है। इसको लेकर विभाग की ओर से विशेषज्ञों की निगरानी में मंदिर परिसर में खुदाई का कार्य अगले सप्ताह तक शुरू करवाया जाएगा। मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान कुछ ऐसे अवशेष व तथ्य मिले हैं। जिनसे वहां प्राचीन जलाशय, बावड़ी और कमरेनुमा तहखाने निकलने की संभावना बताई जा रही है। इस दौरान खुदाई में एक सुरंगनुमा गड्ढा भी मिला हैं। जिससे कई रहस्य उजागर हो सकते हैं। जानकार लोगों का कहना है कि अनदेखी और जागरूकता के अभाव में गोपीनाथजी मंदिर से जुड़ी हुई अन्य कृतियां, इमारतें भूगर्भ में समाहित हो चुकी है। जिनसे पर्दा हटाया जाना आवश्यक है। जानकार लोगों का कहना है कि टोडारायसिंह कस्बे का इतिहास काफी पुराना है। नागवंश से लेकर कई राजपूत वंशों के शासनकाल में टोडारायसिंह बड़ी रियासतों की राजधानी रही है। इसके चलते यह विशाल पत्थरों से निर्मित वास्तु शिल्प कला और बेजोड़ इमारतें हैं। जो मुगल काल में शासकों द्वारा विध्वंस कर दी गई। मुगलकाल में कई मंदिरों में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों को खंडित कर दिया गया। मुगलकाल के बाद टोडारायसिंह की विरासत लगातार अनदेखी का शिकार होती रही। लोगों के अतिक्रमण करने से यहां का स्वरूप बिगड़ गया है। लोगों ने इन प्राचीन इमारतों के क्षेत्र में जगह-जगह अतिक्रमण कर रखा है। टोडारायसिंह में पुरातत्व विभाग के अनुसार कस्बे के माणक चौक स्थित श्री गोपीनाथ मंदिर, श्री कल्याण जी मंदिर, कालाकोट राघवराय जी के मंदिर मुगल शासकों की आतताई का दंश झेल चुके हैं। पुरातत्व विभाग के अनुसार अब इन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाना है। खुदाई के बाद यहां कई ऐसे रहस्य है। जो लोगों के सामने आ पाएंगे। |
प्रतीकात्मक फोटो (Photo Credit: ट्विटर ANI)
नई दिल्लीः
कोरोना का कहर चरम पर है. इसके संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) लगा हुआ है. इस दौरान जो लोग घरों में बैठे-बैठे बोर हो रहे हैं, उनके लिए NCERT (National Council of Educational Research and Training) बड़ी खुशखबरी लेके आया है. NCERT ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे साथ #FightCovid19 में शामिल हो सकते हैं. यदि आप 'टू डू लिस्ट' के साथ हैं और घर पर बोर हो रहे हैं, तो हमारे पास आपके लिए सॉल्यूशन है. हमारे पास सुझाव देने के लिए और भी बहुत कुछ है. NROER (National Repository of Open Educational Resources) के साथ जुड़ें. क्विज, गेम, खिलौने बनाने और मुफ्त में बहुत कुछ करने की कोशिश करें.
साथ ही NCERT ने कहा कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करें और घर पर ही रहें. इससे ही आप सुरक्षित रह सकते हैं. NCERT की ई-सामग्री के साथ रचनात्मक बनें. NCERT की पहल के अनुसार कोई भी व्यक्ति घर पर क्रिएटिव एक्टिविटी कर सकते हैं. जिसके माध्यम से उनका टैलेंट भी निखरेगा. क्विज, गेम, खिलौने बनाने और मुफ्त में बहुत कुछ करने की कोशिश करें. जिससे आपका समय भी आसानी से कट जाएगा. घर पर रहने से आप सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन होगा. कोरोना के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन से स्कूलों का एकेडमिक सत्र प्रभावित हुआ है. ऐसे में नए सत्र में स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके.
इसके लिए एनसीईआरटी वैकल्पिक एकेडमिक कैलेंडर तैयार कर रहा है. सीबीएसई की ओर से स्कूलों के लिए यह कैलेंडर जल्द ही जारी किया जाएगा. सीबीएसई चेयरपर्सन अनीता करवाल ने प्रिंसिपलों को पत्र लिखकर बताया है कि नया एकेडमिक कैलेंडर कक्षा एक से 12वीं तक के बच्चों के लिए होगा. इसमें खेल-खेल में पढ़ाई और सीखने के तौर-तरीकों के साथ ही नई तकनीक के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जाएगा.
| प्रतीकात्मक फोटो नई दिल्लीः कोरोना का कहर चरम पर है. इसके संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. इस दौरान जो लोग घरों में बैठे-बैठे बोर हो रहे हैं, उनके लिए NCERT बड़ी खुशखबरी लेके आया है. NCERT ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे साथ #FightCovidउन्नीस में शामिल हो सकते हैं. यदि आप 'टू डू लिस्ट' के साथ हैं और घर पर बोर हो रहे हैं, तो हमारे पास आपके लिए सॉल्यूशन है. हमारे पास सुझाव देने के लिए और भी बहुत कुछ है. NROER के साथ जुड़ें. क्विज, गेम, खिलौने बनाने और मुफ्त में बहुत कुछ करने की कोशिश करें. साथ ही NCERT ने कहा कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करें और घर पर ही रहें. इससे ही आप सुरक्षित रह सकते हैं. NCERT की ई-सामग्री के साथ रचनात्मक बनें. NCERT की पहल के अनुसार कोई भी व्यक्ति घर पर क्रिएटिव एक्टिविटी कर सकते हैं. जिसके माध्यम से उनका टैलेंट भी निखरेगा. क्विज, गेम, खिलौने बनाने और मुफ्त में बहुत कुछ करने की कोशिश करें. जिससे आपका समय भी आसानी से कट जाएगा. घर पर रहने से आप सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन होगा. कोरोना के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन से स्कूलों का एकेडमिक सत्र प्रभावित हुआ है. ऐसे में नए सत्र में स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके. इसके लिए एनसीईआरटी वैकल्पिक एकेडमिक कैलेंडर तैयार कर रहा है. सीबीएसई की ओर से स्कूलों के लिए यह कैलेंडर जल्द ही जारी किया जाएगा. सीबीएसई चेयरपर्सन अनीता करवाल ने प्रिंसिपलों को पत्र लिखकर बताया है कि नया एकेडमिक कैलेंडर कक्षा एक से बारहवीं तक के बच्चों के लिए होगा. इसमें खेल-खेल में पढ़ाई और सीखने के तौर-तरीकों के साथ ही नई तकनीक के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जाएगा. |
मनोरंजन, डेस्क रिपोर्ट। अभिनेत्री दिशा पटानी की ताजा इंस्टाग्राम स्टोरी ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अपने कथित बॉयफ्रेंड टाइगर श्रॉफ से ब्रेक-अप की खबरों के बीच इस तरह की स्टोरी के बाद लग रहा है कि कुछ तो है जो दिशा को परेशान कर रहा है। उन्होंने इसे रात में अपडेट किया और इसे ज्यादा हवा मिलने के बाद सुबह में इसे हटा दिया। इस तरह के पोस्ट ने अब दोनों के संबंध के बारे में शक पैदा कर दिया है, वैसे कभी दिशा और टाइगर की तरफ से अपने रिश्ते को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, उनके परिवार के साथ उनकी निकटता उनके प्रशंसकों द्वारा देखी गई है।
ये भी पढ़े ... ट्विटर डील कैंसिल होने के बाद एलोन मस्क खरीदेंगे मैनचेस्टर यूनाइटेड?
दिशा ने जो स्टोरी पोस्ट की है, उसमें ब्रेंट मॉर्गन के गाने गोना बी ओके के बोल हैं, जिसमें लिखा था, "अगर किसी ने आपको कभी नहीं बताया, तो सब ठीक हो जाएगा। जब आप हर उस चीज पर विश्वास खो देते हैं जो आप जानते थे, तो आप पर हार मत मानिए। जब जीवन भारी हो जाता है... "। उन्होंने इस में एक नीली तितली जोड़ी और रहस्यमयी इंस्टाग्राम कहानी के पीछे के कारण का अनुमान लगाने के लिए इसे सभी के लिए छोड़ दिया।
बता दे, दिशा और टाइगर की बहन कृष्णा भी अच्छी दोस्त हैं और अक्सर एक साथ पोस्ट अपलोड करती हैं।
जानकारी के मुताबिक, टाइगर अपने करियर और फिटनेस को लेकर बहुत अधिक जुनूनी है और उनके पास बाकी चीजों के लिए ज्यादा समय नहीं है। हालांकि, दिशा को उम्मीद थी कि चीजें बेहतर होंगी। एक तरफा रिश्ते ने दोनों के बीच मुश्किलें पैदा कर दी थीं।
दिशा और टाइगर ने बागी 2 और 3 में एक साथ काम किया है। हालांकि, दोनों में से किसी ने भी सार्वजनिक मंच पर अपने निजी जीवन के बारे में कभी बात नहीं की है।
दिशा की आखिरी फिल्म एक विलेन रिटर्न्स थी जबकि टाइगर को हीरोपंती 2 में देखा गया था। दिशा अगली बार सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ योद्धा में दिखाई देंगी और टाइगर के पास गणपत, बड़े मियां छोटे मियां और स्क्रू ढीला हैं।
| मनोरंजन, डेस्क रिपोर्ट। अभिनेत्री दिशा पटानी की ताजा इंस्टाग्राम स्टोरी ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अपने कथित बॉयफ्रेंड टाइगर श्रॉफ से ब्रेक-अप की खबरों के बीच इस तरह की स्टोरी के बाद लग रहा है कि कुछ तो है जो दिशा को परेशान कर रहा है। उन्होंने इसे रात में अपडेट किया और इसे ज्यादा हवा मिलने के बाद सुबह में इसे हटा दिया। इस तरह के पोस्ट ने अब दोनों के संबंध के बारे में शक पैदा कर दिया है, वैसे कभी दिशा और टाइगर की तरफ से अपने रिश्ते को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, उनके परिवार के साथ उनकी निकटता उनके प्रशंसकों द्वारा देखी गई है। ये भी पढ़े ... ट्विटर डील कैंसिल होने के बाद एलोन मस्क खरीदेंगे मैनचेस्टर यूनाइटेड? दिशा ने जो स्टोरी पोस्ट की है, उसमें ब्रेंट मॉर्गन के गाने गोना बी ओके के बोल हैं, जिसमें लिखा था, "अगर किसी ने आपको कभी नहीं बताया, तो सब ठीक हो जाएगा। जब आप हर उस चीज पर विश्वास खो देते हैं जो आप जानते थे, तो आप पर हार मत मानिए। जब जीवन भारी हो जाता है... "। उन्होंने इस में एक नीली तितली जोड़ी और रहस्यमयी इंस्टाग्राम कहानी के पीछे के कारण का अनुमान लगाने के लिए इसे सभी के लिए छोड़ दिया। बता दे, दिशा और टाइगर की बहन कृष्णा भी अच्छी दोस्त हैं और अक्सर एक साथ पोस्ट अपलोड करती हैं। जानकारी के मुताबिक, टाइगर अपने करियर और फिटनेस को लेकर बहुत अधिक जुनूनी है और उनके पास बाकी चीजों के लिए ज्यादा समय नहीं है। हालांकि, दिशा को उम्मीद थी कि चीजें बेहतर होंगी। एक तरफा रिश्ते ने दोनों के बीच मुश्किलें पैदा कर दी थीं। दिशा और टाइगर ने बागी दो और तीन में एक साथ काम किया है। हालांकि, दोनों में से किसी ने भी सार्वजनिक मंच पर अपने निजी जीवन के बारे में कभी बात नहीं की है। दिशा की आखिरी फिल्म एक विलेन रिटर्न्स थी जबकि टाइगर को हीरोपंती दो में देखा गया था। दिशा अगली बार सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ योद्धा में दिखाई देंगी और टाइगर के पास गणपत, बड़े मियां छोटे मियां और स्क्रू ढीला हैं। |
पटना. उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुस्लिम बहुल सीमांचल में नागरिकता कानून के खिलाफ सभाएं करने का ऐलान कर राजद ने साफ कर दिया है कि उसकी होड़ ओवैसी की पार्टी से है। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा सबका साथ सबका विश्वास पाने के लिए अभियान चला रही है जबकि राजद 'डराओ, फूट डालो और राज करो' के रास्ते पर है।
सुशील मोदी ने कहा कि तीन पड़ोसी देशों के धार्मिक आस्था के चलते पीड़ित लाखों शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला कानून किसी भारतीय के खिलाफ नहीं है। लेकिन, राजद-कांग्रेस के लोग लगातार दुष्प्रचार कर मुसलिम समुदाय में डर पैदा करके वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। उन्हें उन स्टेटलेस शरणार्थियों के मानवाधिकार की चिंता नहीं, जिनमें 65 फीसद दलित हैं।
मोदी ने कहा कि सजायाफ्ता लालू प्रसाद ने जेल में दरबार लगाने के साथ-साथ वहीं से पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रम तय करने शुरू कर दिए हैं। राजद पड़ोसी राज्य की जेल से चलने वाली पार्टी बन चुका है और अपनी इस हालत पर उसे कोई शर्म भी नहीं आती। इस दल ने दो दशक पहले उसी समय लोकतंत्र से लोकलाज का पर्दा फाड़ दिया था, जब सीनियर नेताओं को किनारे कर राबड़ी देवी को किचन से उठाकर सीएम बनाया गया था।
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| पटना. उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि मुस्लिम बहुल सीमांचल में नागरिकता कानून के खिलाफ सभाएं करने का ऐलान कर राजद ने साफ कर दिया है कि उसकी होड़ ओवैसी की पार्टी से है। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा सबका साथ सबका विश्वास पाने के लिए अभियान चला रही है जबकि राजद 'डराओ, फूट डालो और राज करो' के रास्ते पर है। सुशील मोदी ने कहा कि तीन पड़ोसी देशों के धार्मिक आस्था के चलते पीड़ित लाखों शरणार्थियों को नागरिकता देने वाला कानून किसी भारतीय के खिलाफ नहीं है। लेकिन, राजद-कांग्रेस के लोग लगातार दुष्प्रचार कर मुसलिम समुदाय में डर पैदा करके वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। उन्हें उन स्टेटलेस शरणार्थियों के मानवाधिकार की चिंता नहीं, जिनमें पैंसठ फीसद दलित हैं। मोदी ने कहा कि सजायाफ्ता लालू प्रसाद ने जेल में दरबार लगाने के साथ-साथ वहीं से पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रम तय करने शुरू कर दिए हैं। राजद पड़ोसी राज्य की जेल से चलने वाली पार्टी बन चुका है और अपनी इस हालत पर उसे कोई शर्म भी नहीं आती। इस दल ने दो दशक पहले उसी समय लोकतंत्र से लोकलाज का पर्दा फाड़ दिया था, जब सीनियर नेताओं को किनारे कर राबड़ी देवी को किचन से उठाकर सीएम बनाया गया था। This website follows the DNPA Code of Ethics. |
दुबईः इयान मोर्गन की कप्तानी वाली कोलकाता नाईट राइडर्स आईपीएल में तीसरी बार और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपरकिंग्स चौथी बार खिताब जीतने के इरादे से आज होने वाले फाइनल में भिड़ेंगे।
चेन्नई का यह नौंवां फाइनल है जबकि कोलकाता की टीम तीसरी बार फाइनल खेलेगी। दोनों टीमों ने लीग चरण में टॉप पर रहने वाली दिल्ली कैपिटल्स को हराकर फाइनल का टिकट हासिल किया है। चेन्नई ने पहले क्वालीफायर में दिल्ली को चार विकेट से हराया था जबकि कोलकाता ने दिल्ली को रोमांचक संघर्ष में तीन विकेट से पराजित किया। चेन्नई और कोलकाता का अब आज होने वाले फाइनल में आमना सामना होगा।
दो बार के विजेता कोलकाता का यह तीसरा फाइनल है और उसने अपने पिछले दोनों फ़ाइनल जीते हैं जबकि चेन्नई का यह नौंवां फाइनल होगा और वह तीन बार विजेता रह चुका है। कोलकाता के कप्तान मोर्गन और चेन्नई के कप्तान धोनी मैदान पर काफी कूल नजर आते हैं लेकिन प्रदर्शन के समय दोनों कप्तानों के बीच काफी फासला है।
धोनी ने दिल्ली के खिलाफ पहले क्वालीफायर में सिर्फ छह गेंदों पर नाबाद 18 रन बनाकर अपनी टीम को असंभव लगने वाली जीत दिलाई थी जबकि मोर्गन दूसरे क्वालीफायर में लक्ष्य का पीछा करते हुए शून्य पर आउट हो गए थे लेकिन राहुल त्रिपाठी ने रविचंद्रन अश्विन के पारी के आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद पर सीधे छक्का जड़कर कोलकाता को फाइनल में पहुंचाया था।
| दुबईः इयान मोर्गन की कप्तानी वाली कोलकाता नाईट राइडर्स आईपीएल में तीसरी बार और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपरकिंग्स चौथी बार खिताब जीतने के इरादे से आज होने वाले फाइनल में भिड़ेंगे। चेन्नई का यह नौंवां फाइनल है जबकि कोलकाता की टीम तीसरी बार फाइनल खेलेगी। दोनों टीमों ने लीग चरण में टॉप पर रहने वाली दिल्ली कैपिटल्स को हराकर फाइनल का टिकट हासिल किया है। चेन्नई ने पहले क्वालीफायर में दिल्ली को चार विकेट से हराया था जबकि कोलकाता ने दिल्ली को रोमांचक संघर्ष में तीन विकेट से पराजित किया। चेन्नई और कोलकाता का अब आज होने वाले फाइनल में आमना सामना होगा। दो बार के विजेता कोलकाता का यह तीसरा फाइनल है और उसने अपने पिछले दोनों फ़ाइनल जीते हैं जबकि चेन्नई का यह नौंवां फाइनल होगा और वह तीन बार विजेता रह चुका है। कोलकाता के कप्तान मोर्गन और चेन्नई के कप्तान धोनी मैदान पर काफी कूल नजर आते हैं लेकिन प्रदर्शन के समय दोनों कप्तानों के बीच काफी फासला है। धोनी ने दिल्ली के खिलाफ पहले क्वालीफायर में सिर्फ छह गेंदों पर नाबाद अट्ठारह रन बनाकर अपनी टीम को असंभव लगने वाली जीत दिलाई थी जबकि मोर्गन दूसरे क्वालीफायर में लक्ष्य का पीछा करते हुए शून्य पर आउट हो गए थे लेकिन राहुल त्रिपाठी ने रविचंद्रन अश्विन के पारी के आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद पर सीधे छक्का जड़कर कोलकाता को फाइनल में पहुंचाया था। |
जीवन मंत्र डेस्क। स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस के विचारों में सुखी और सफल जीवन के सूत्र छिपे हैं। अगर इन सूत्रों को अपना लिया जाए तो हमारी कई समस्याएं आसानी से सुलझ सकती है। काफी लोगों की ये समस्या होती है कि उनका भक्ति में नहीं लग पाता है। इस संबंध में रामकृष्ण परमहंस का एक प्रसंग प्रचलित है।
प्रसंग के अनुसार एक दिन परमहंस के एक शिष्य ने पूछा कि व्यक्ति के मन में सुख-सुविधाओं को पाने की इच्छाएं बढ़ती रहती हैं, कामवासना की वजह से मन व्याकुल रहता है। इन इच्छाओं को पूरा करने के लिए अधिकतर लोग कोशिश करते रहते हैं। जैसी व्याकुलता सुख-सुविधाएं पाने की और कामवासना के लिए रहती है, वैसी व्याकुलता भक्ति करने के लिए क्यों नहीं होती?
रामकृष्ण परमहंस ने शिष्य से कहा कि ज्ञान की कमी कमी वजह से व्यक्ति भगवान से दूर रहता है और सांसारिक इच्छाओं को पूरा करने में लगा रहता है। भ्रम में उलझे रहने और मोह-माया में फंसे होने की वजह से व्यक्ति भगवान की ओर ध्यान नहीं दे पाता है, ऐसे लोग भक्ति नहीं कर सकते।
शिष्य ने फिर पूछा कि ये भ्रम और कामवासना कैसे दूर कर सकते हैं? परमहंसजी ने जवाब दिया कि सांसारिक वस्तुएं भोग हैं और जब तक भोग का अंत नहीं होगा, तब तक व्यक्ति भगवान की भक्ति में मन नहीं लगा सकता।
परमहंस ने समझाया कि कोई बच्चा खिलौने से खेलने में व्यस्त रहता है और अपनी मां को याद नहीं करता है। जब उसका मन खिलौने से भर जाता है या उसका खेल खत्म हो जाता है, तब उसे मां की याद आती है। यही स्थिति हमारी भी है। जब तक हमारा मन सांसारिक वस्तुओं और कामवासना के खिलौने में उलझा रहेगा, तब तक हमें भी अपनी मां यानी परमात्मा का ध्यान नहीं आएगा। भगवान को पाने के लिए, भक्ति करने के लिए हमें भोग-विलास से दूरी बनानी पड़ती है।
इस छोटे से प्रसंग का लाइफ मैनेजमेंट यह है कि जो लोग भक्ति करना चाहते हैं, उन्हें अपनी इच्छाओं को छोड़ देना चाहिए। जब तक मन में सांसारिक इच्छाएं रहेंगी, हम भक्ति नहीं कर सकते।
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| जीवन मंत्र डेस्क। स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस के विचारों में सुखी और सफल जीवन के सूत्र छिपे हैं। अगर इन सूत्रों को अपना लिया जाए तो हमारी कई समस्याएं आसानी से सुलझ सकती है। काफी लोगों की ये समस्या होती है कि उनका भक्ति में नहीं लग पाता है। इस संबंध में रामकृष्ण परमहंस का एक प्रसंग प्रचलित है। प्रसंग के अनुसार एक दिन परमहंस के एक शिष्य ने पूछा कि व्यक्ति के मन में सुख-सुविधाओं को पाने की इच्छाएं बढ़ती रहती हैं, कामवासना की वजह से मन व्याकुल रहता है। इन इच्छाओं को पूरा करने के लिए अधिकतर लोग कोशिश करते रहते हैं। जैसी व्याकुलता सुख-सुविधाएं पाने की और कामवासना के लिए रहती है, वैसी व्याकुलता भक्ति करने के लिए क्यों नहीं होती? रामकृष्ण परमहंस ने शिष्य से कहा कि ज्ञान की कमी कमी वजह से व्यक्ति भगवान से दूर रहता है और सांसारिक इच्छाओं को पूरा करने में लगा रहता है। भ्रम में उलझे रहने और मोह-माया में फंसे होने की वजह से व्यक्ति भगवान की ओर ध्यान नहीं दे पाता है, ऐसे लोग भक्ति नहीं कर सकते। शिष्य ने फिर पूछा कि ये भ्रम और कामवासना कैसे दूर कर सकते हैं? परमहंसजी ने जवाब दिया कि सांसारिक वस्तुएं भोग हैं और जब तक भोग का अंत नहीं होगा, तब तक व्यक्ति भगवान की भक्ति में मन नहीं लगा सकता। परमहंस ने समझाया कि कोई बच्चा खिलौने से खेलने में व्यस्त रहता है और अपनी मां को याद नहीं करता है। जब उसका मन खिलौने से भर जाता है या उसका खेल खत्म हो जाता है, तब उसे मां की याद आती है। यही स्थिति हमारी भी है। जब तक हमारा मन सांसारिक वस्तुओं और कामवासना के खिलौने में उलझा रहेगा, तब तक हमें भी अपनी मां यानी परमात्मा का ध्यान नहीं आएगा। भगवान को पाने के लिए, भक्ति करने के लिए हमें भोग-विलास से दूरी बनानी पड़ती है। इस छोटे से प्रसंग का लाइफ मैनेजमेंट यह है कि जो लोग भक्ति करना चाहते हैं, उन्हें अपनी इच्छाओं को छोड़ देना चाहिए। जब तक मन में सांसारिक इच्छाएं रहेंगी, हम भक्ति नहीं कर सकते। This website follows the DNPA Code of Ethics. |
भारत सरकार सोशल मीडिया फर्मों को सोशल मीडिया के नए नियम का अनुपालन करने के लिए ज्यादा वक्त देने का मन नहीं बना रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय ने एक अधिसूचना में सभी सोशल मीडिया मध्यस्थों से कहा है कि वे शिकायत निपटान प्रणाली का ब्योरा दें और इसके लिए एक अधिकारी की नियुक्ति करें। मंत्रालय ने बड़े सोशल मीडिया मंचों से नए डिजिटल नियमों के अनुपालन के बारे में स्थिति रिपोर्ट देने को कहा है। आईटी मंत्रालय ने कहा कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए अतिरिक्त जांच पड़ताल की जरूरत समेत अन्य नियम बुधवार से प्रभाव में आ गए हैं। इसमें कानून प्रवर्तन एजेंसियों से 24 घंटे तालमेल के लिए मुख्य अनुपालन अधिकारी और भारत स्थित शिकायत निपटान अधिकारी की नियुक्ति और भारत में भौतिक संपर्क का पता दिए जाने संबंधी ब्योरा मांगा गया है। अधिसूचना में कहा गया है, 'सोशल मीडिया मध्यस्थों (एसएसएमआई) के लिए अतिरिक्त नियमों का पालन अहम है, जो एसएसएमआई को अतिरिक्त दिए गए तीन महीने के बाद आज से प्रभावी होगा। आप अपनी मूल कंपनी या किसी और सहायक इकाई के माध्यम से भारत में कई तरह की सेवाएं मुहैया कराते हैं, तो आईटी अधिनियम और उपरोक्त नियमों के अधीन एसएसएमआई की परिभाषा में आता है। ' अधिसूचना में कहा गया है, 'अगर आप एसएसएमआई में नहीं आते हैं तो इसकी वजह स्पष्ट करें, सरकार को कोई अतिरिक्त सूचना मांगने का अधिकार है। '
Apple जल्द Samsung को पछाड़ बन जाएगी भारत की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्यातक !
डिज्नी का कारोबार खरीदने में प्राइवेट इक्विटी कंपनियों की रुचि!
| भारत सरकार सोशल मीडिया फर्मों को सोशल मीडिया के नए नियम का अनुपालन करने के लिए ज्यादा वक्त देने का मन नहीं बना रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय ने एक अधिसूचना में सभी सोशल मीडिया मध्यस्थों से कहा है कि वे शिकायत निपटान प्रणाली का ब्योरा दें और इसके लिए एक अधिकारी की नियुक्ति करें। मंत्रालय ने बड़े सोशल मीडिया मंचों से नए डिजिटल नियमों के अनुपालन के बारे में स्थिति रिपोर्ट देने को कहा है। आईटी मंत्रालय ने कहा कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए अतिरिक्त जांच पड़ताल की जरूरत समेत अन्य नियम बुधवार से प्रभाव में आ गए हैं। इसमें कानून प्रवर्तन एजेंसियों से चौबीस घंटाटे तालमेल के लिए मुख्य अनुपालन अधिकारी और भारत स्थित शिकायत निपटान अधिकारी की नियुक्ति और भारत में भौतिक संपर्क का पता दिए जाने संबंधी ब्योरा मांगा गया है। अधिसूचना में कहा गया है, 'सोशल मीडिया मध्यस्थों के लिए अतिरिक्त नियमों का पालन अहम है, जो एसएसएमआई को अतिरिक्त दिए गए तीन महीने के बाद आज से प्रभावी होगा। आप अपनी मूल कंपनी या किसी और सहायक इकाई के माध्यम से भारत में कई तरह की सेवाएं मुहैया कराते हैं, तो आईटी अधिनियम और उपरोक्त नियमों के अधीन एसएसएमआई की परिभाषा में आता है। ' अधिसूचना में कहा गया है, 'अगर आप एसएसएमआई में नहीं आते हैं तो इसकी वजह स्पष्ट करें, सरकार को कोई अतिरिक्त सूचना मांगने का अधिकार है। ' Apple जल्द Samsung को पछाड़ बन जाएगी भारत की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्यातक ! डिज्नी का कारोबार खरीदने में प्राइवेट इक्विटी कंपनियों की रुचि! |
नीति के परिणामस्वरूप जनता में विक्षोभ व्याप्त हो चला था । युक्त प्रान्त में करबन्दी आन्दोलन चालू हो गया था और सीमान्त की स्थिति भयावह हो चली थी। दिसम्बर के अन्त में गाँधीजी भारत लौटे और वे देश के सम्पर्क में आयें कि ४ जनवरी को ही सरदार बल्लभ भाई पटेल के साथ पकड़ लिये गये । अन्य उच्च कोटि के नेता भी पकड़ लिये गये, आर्डिनेन्स राज्य कायम किया गया। इस परिस्थिति में गाँधीजी ने तीसरी गोलमेज परिषद् में भाग नहीं लिया । पिछली परिषदों से भिन्न तीसरी परिषद् छोटी-सी बैठक थी जिसमें पहले से निश्चित कार्यक्रम को ही कार्यान्वित किया गया।
श्वेत-पत्रगोलमेज परिषदों की समाप्ति के बाद भावी भारतीय शासन विधान के सम्बन्ध में ब्रिटिश सरकार ने अपनी योजना एक श्वेत पत्र में प्रकाशित की । श्वेतपत्र १८ मार्च १९३३ ई० को प्रकाशित हुआ । योजना अत्यन्त निराशाजनक थी । योजना में इतने संरक्षण रखे गये थे कि प्रगति का द्वार सर्वथा अवरुद्ध हो चले। योजना इतनी अपर्याप्त थी कि कांग्रेस तो उससे सन्तुष्ट हो ही नहीं सकती थी, अन्य सभी दलों द्वारा उसकी कटु आलोचना और तीव्र प्रतिवाद किया गया । | नीति के परिणामस्वरूप जनता में विक्षोभ व्याप्त हो चला था । युक्त प्रान्त में करबन्दी आन्दोलन चालू हो गया था और सीमान्त की स्थिति भयावह हो चली थी। दिसम्बर के अन्त में गाँधीजी भारत लौटे और वे देश के सम्पर्क में आयें कि चार जनवरी को ही सरदार बल्लभ भाई पटेल के साथ पकड़ लिये गये । अन्य उच्च कोटि के नेता भी पकड़ लिये गये, आर्डिनेन्स राज्य कायम किया गया। इस परिस्थिति में गाँधीजी ने तीसरी गोलमेज परिषद् में भाग नहीं लिया । पिछली परिषदों से भिन्न तीसरी परिषद् छोटी-सी बैठक थी जिसमें पहले से निश्चित कार्यक्रम को ही कार्यान्वित किया गया। श्वेत-पत्रगोलमेज परिषदों की समाप्ति के बाद भावी भारतीय शासन विधान के सम्बन्ध में ब्रिटिश सरकार ने अपनी योजना एक श्वेत पत्र में प्रकाशित की । श्वेतपत्र अट्ठारह मार्च एक हज़ार नौ सौ तैंतीस ईशून्य को प्रकाशित हुआ । योजना अत्यन्त निराशाजनक थी । योजना में इतने संरक्षण रखे गये थे कि प्रगति का द्वार सर्वथा अवरुद्ध हो चले। योजना इतनी अपर्याप्त थी कि कांग्रेस तो उससे सन्तुष्ट हो ही नहीं सकती थी, अन्य सभी दलों द्वारा उसकी कटु आलोचना और तीव्र प्रतिवाद किया गया । |
बेगूसराय/विनोद कर्णः नगर थाना क्षेत्र के सुभाष चौक पार्क के समीप शनिवार की शाम बाइक सवार हथियारबंद नकाबपोश अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर एक व्यवसायी को गंभीर रूप से घायल कर दिया. मिली सूचना के अनुसार व्यवसायी को तीन गोली लगी है. घायल व्यवसायी सिंघौल ओपी क्षेत्र के नागदह निवासी चंद्रशेखर वर्मा के पुत्र रौशन कुमार (32) बताए जा रहे हैं. फायरिंग की आवाज सुनकर लोग सहम गए.
इसका फायदा उठातेे हुए अपराधी भाग निकला. घायल रौशन कुमार ने बताया है कि वह जीडी कॉलेज के समीप स्थित अपनी कंप्यूटर की दुकान बंद कर बाइक से घर जा रहा था. NH 31 क्रॉस कर वह सुभाष पार्क की तरफ मुड़े ही थे कि एक बाइक पर सवार दो अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ गोली चलानी शुरू कर दी. गोली लगने के बाद भी वे हिम्मत जुटाते हुए गाड़ी को घर की ओर भागते रहे. घर पर पहुंचने के बाद सारी बात बता कर वहीं गिर गए.
इसके बाद घर के लोगों ने आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए भारती सर्जिकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया. हाँस्पिटल के चिकित्सक डा. हीरा कुमार ने बताया कि अपराधियों ने रौशन के दाएं तरफ सिर में, बाई तरफ सीने में एवं पीठ में गोली मारी है. उन्होंने घायल की स्थिति को गंभीर बताया है. समाचार लिखे जाने तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची थी.
| बेगूसराय/विनोद कर्णः नगर थाना क्षेत्र के सुभाष चौक पार्क के समीप शनिवार की शाम बाइक सवार हथियारबंद नकाबपोश अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर एक व्यवसायी को गंभीर रूप से घायल कर दिया. मिली सूचना के अनुसार व्यवसायी को तीन गोली लगी है. घायल व्यवसायी सिंघौल ओपी क्षेत्र के नागदह निवासी चंद्रशेखर वर्मा के पुत्र रौशन कुमार बताए जा रहे हैं. फायरिंग की आवाज सुनकर लोग सहम गए. इसका फायदा उठातेे हुए अपराधी भाग निकला. घायल रौशन कुमार ने बताया है कि वह जीडी कॉलेज के समीप स्थित अपनी कंप्यूटर की दुकान बंद कर बाइक से घर जा रहा था. NH इकतीस क्रॉस कर वह सुभाष पार्क की तरफ मुड़े ही थे कि एक बाइक पर सवार दो अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ गोली चलानी शुरू कर दी. गोली लगने के बाद भी वे हिम्मत जुटाते हुए गाड़ी को घर की ओर भागते रहे. घर पर पहुंचने के बाद सारी बात बता कर वहीं गिर गए. इसके बाद घर के लोगों ने आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए भारती सर्जिकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया. हाँस्पिटल के चिकित्सक डा. हीरा कुमार ने बताया कि अपराधियों ने रौशन के दाएं तरफ सिर में, बाई तरफ सीने में एवं पीठ में गोली मारी है. उन्होंने घायल की स्थिति को गंभीर बताया है. समाचार लिखे जाने तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची थी. |
प्रदेश में बीते 24 घंटे के भीतर दो जिलों में छह नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। दो मरीज ठीक हुए हैं। 80 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है। तीसरी लहर में कुल संक्रमितों की संख्या 92708 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रविवार को 844 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।
दो जिलों में सिर्फ छह लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। देहरादून जिले में पांच और रुद्रप्रयाग जिले में एक संक्रमित मिला है, जबकि किसी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई। दो मरीजों ने संक्रमण को मात दी है। इन्हें मिलाकर अब तक 89097 स्वस्थ हो चुके हैं। 10 जिलों में 80 संक्रमितों का इलाज चल रहा है। इसमें अधिकतर होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश की रिकवरी दर 96. 10 प्रतिशत और संक्रमण दर 0. 71 प्रतिशत है।
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| प्रदेश में बीते चौबीस घंटाटे के भीतर दो जिलों में छह नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। दो मरीज ठीक हुए हैं। अस्सी सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है। तीसरी लहर में कुल संक्रमितों की संख्या बानवे हज़ार सात सौ आठ हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रविवार को आठ सौ चौंतालीस सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। दो जिलों में सिर्फ छह लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। देहरादून जिले में पांच और रुद्रप्रयाग जिले में एक संक्रमित मिला है, जबकि किसी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई। दो मरीजों ने संक्रमण को मात दी है। इन्हें मिलाकर अब तक नवासी हज़ार सत्तानवे स्वस्थ हो चुके हैं। दस जिलों में अस्सी संक्रमितों का इलाज चल रहा है। इसमें अधिकतर होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश की रिकवरी दर छियानवे. दस प्रतिशत और संक्रमण दर शून्य. इकहत्तर प्रतिशत है। Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi. |
किरेन रिजिजू ने राहुल गाँधी को फ्रीडम ऑफ स्पीच पर उनकी दादी इंदिरा गाँधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल की याद दिलाई। राजद्रोह कानून पर रार।
अमिताभ बच्चन ने शेयर कर के डिलीट किया 'धाकड़' का वीडियो, कंगना रनौत ने पूछा - इतने बड़े कद के व्यक्ति पर किसका दबाव?
अमिताभ बच्चन ने 'धाकड़' फिल्म का टीजर शेयर करने के बाद इसे डिलीट कर लिया। कंगना रनौत ने बॉलीवुड की असुरक्षा की भावना और बॉयकॉट के डर को सेलेब्स द्वारा उनकी तारीफ़ न करने का कारण बताया।
बीजेपी सांसद और जयपुर राजघराने की सदस्य दीया कुमारी ने कहा है कि ताजमहल उनकी जमीन पर बना है। कोर्ट ने माँगा तो वे दस्तावेज देंगी।
एडिडास का कहना है कि उसे क्रिएटिव बनने के लिए ऐसा किया है । कंपनी का दावा है कि इसमें जुड़ी मॉडल्स ने इसका समर्थन किया है। यूके में विज्ञापन बैन।
मामले की सुनवाई कर रहे दोनों जजों की राय अलग-अलग होने के कारण कोई एक फैसला नहीं आ सका। अब आगे याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपील डाल सकते हैं।
बीच सड़क पर स्कूल की ड्रेस पहने एक लड़के ने दिन-दहाड़े महिला को चाकू घोंपकर घायल कर दिया। महिला काफी देर तक बेसुध सड़क पर ही पड़ी रही।
यह वही जावेद खान है जिसे मीडिया गिरोह ने कभी अपने ऑटो को एक अस्थायी एम्बुलेंस में बदलने के लिए एक कोविड योद्धा का दर्जा देते हुए स्टार बना दिया था।
एक्टर रणवीर सिंह ने खुलासा किया है कि उन्होंने दीपिका पादुकों पादुकोण को 'राम लीला' फिल्म से डेट करना शुरू कर दिया था। सुनाया किस वाला वाकया।
| किरेन रिजिजू ने राहुल गाँधी को फ्रीडम ऑफ स्पीच पर उनकी दादी इंदिरा गाँधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल की याद दिलाई। राजद्रोह कानून पर रार। अमिताभ बच्चन ने शेयर कर के डिलीट किया 'धाकड़' का वीडियो, कंगना रनौत ने पूछा - इतने बड़े कद के व्यक्ति पर किसका दबाव? अमिताभ बच्चन ने 'धाकड़' फिल्म का टीजर शेयर करने के बाद इसे डिलीट कर लिया। कंगना रनौत ने बॉलीवुड की असुरक्षा की भावना और बॉयकॉट के डर को सेलेब्स द्वारा उनकी तारीफ़ न करने का कारण बताया। बीजेपी सांसद और जयपुर राजघराने की सदस्य दीया कुमारी ने कहा है कि ताजमहल उनकी जमीन पर बना है। कोर्ट ने माँगा तो वे दस्तावेज देंगी। एडिडास का कहना है कि उसे क्रिएटिव बनने के लिए ऐसा किया है । कंपनी का दावा है कि इसमें जुड़ी मॉडल्स ने इसका समर्थन किया है। यूके में विज्ञापन बैन। मामले की सुनवाई कर रहे दोनों जजों की राय अलग-अलग होने के कारण कोई एक फैसला नहीं आ सका। अब आगे याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपील डाल सकते हैं। बीच सड़क पर स्कूल की ड्रेस पहने एक लड़के ने दिन-दहाड़े महिला को चाकू घोंपकर घायल कर दिया। महिला काफी देर तक बेसुध सड़क पर ही पड़ी रही। यह वही जावेद खान है जिसे मीडिया गिरोह ने कभी अपने ऑटो को एक अस्थायी एम्बुलेंस में बदलने के लिए एक कोविड योद्धा का दर्जा देते हुए स्टार बना दिया था। एक्टर रणवीर सिंह ने खुलासा किया है कि उन्होंने दीपिका पादुकों पादुकोण को 'राम लीला' फिल्म से डेट करना शुरू कर दिया था। सुनाया किस वाला वाकया। |
अगर आप अपने बच्चे का नाम इश्लीन रखने की सोच रहें हैं तो पहले उसका मतलब जान लेना जरूरी है। आपको बता दें कि इश्लीन का मतलब सर्वशक्तिमान में लीन होता है। अपनी संतान को इश्लीन नाम देकर आप उसके जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं। शास्त्रों में इश्लीन नाम को काफी अच्छा माना गया है और इसका मतलब यानी सर्वशक्तिमान में लीन भी लोगों को बहुत पसंद आता है। इश्लीन नाम का अर्थ जानने के बाद आप भी अपने बच्चे को इश्लीन नाम आराम से दे सकते हैं। माना जाता है कि इश्लीन नाम वाले व्यक्ति के स्वभाव में सर्वशक्तिमान में लीन होने की झलक देख सकते हैं। आगे इश्लीन नाम की राशि, इश्लीन का लकी नंबर व इस नाम के सर्वशक्तिमान में लीन के बारे में संक्षेप में बताया है।
| अगर आप अपने बच्चे का नाम इश्लीन रखने की सोच रहें हैं तो पहले उसका मतलब जान लेना जरूरी है। आपको बता दें कि इश्लीन का मतलब सर्वशक्तिमान में लीन होता है। अपनी संतान को इश्लीन नाम देकर आप उसके जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं। शास्त्रों में इश्लीन नाम को काफी अच्छा माना गया है और इसका मतलब यानी सर्वशक्तिमान में लीन भी लोगों को बहुत पसंद आता है। इश्लीन नाम का अर्थ जानने के बाद आप भी अपने बच्चे को इश्लीन नाम आराम से दे सकते हैं। माना जाता है कि इश्लीन नाम वाले व्यक्ति के स्वभाव में सर्वशक्तिमान में लीन होने की झलक देख सकते हैं। आगे इश्लीन नाम की राशि, इश्लीन का लकी नंबर व इस नाम के सर्वशक्तिमान में लीन के बारे में संक्षेप में बताया है। |
Kisan Andolan: देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) बुधवार को 35वें दिन में प्रवेश कर चुका है। कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान संगठन आज एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत की मेज पर आमने सामने होंगे।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan) बुधवार को 35वें दिन में प्रवेश कर चुका है। कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान संगठन आज एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत की मेज पर आमने सामने होंगे। बता दें कि यह सरकार और किसानों के साथ बातचीत का छठा दौर है। इस बीच सरकार से वार्ता से पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया। बता दें कि कृषि कानून को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र की मोदी सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी हुई है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कहा है कि वे कांग्रेस नेता की तुलना में कृषि के बारे में ज्यादा जानते हैं क्योंकि वह एक किसान परिवार में पैदा हुए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद एक बेहद ही गरीब परिवार से हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि वो कृषि कानून किसानों के पक्ष में है और इस बारे में हो रही बातचीत 'हा या नहीं' मानसिकता के साथ नहीं होनी चाहिए। दरअसल समाचार एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये बातें कही।
राजनाथ सिंह ने कहा कि किसान कम से कम 2 साल इस कानून को उपयाग करके देखे कि ये कानून कितना उपयोगी है फिर अगर आपको लगता कानून में संशोधन करने की जरूरत है तो हमारी सरकार संशोधन करने के लिए तैयार है और आज भी किसान बातचीत करे उन्हें लगता है कि इसमें संशोधन करने की आवश्यकता है तो हम तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि संबंधी ये जो तीन कानून बने हैं ये किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही बनाएंगे हैं। पिछले सरकारों की तुलना में हमने न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ाई हैं। इस तीनों कानूनों के माध्यम से हमने पूरी कोशिश की है कि किसानों की आमदनी दो-तीन गुना बढ़े।
किसान आंदोलन में शामिल किसानों पर खालिस्तानी समर्थक होने का आरोप लगने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि किसानों पर इस तरह का आरोप नहीं लगना चाहिए। हम किसानों का सम्मान करते हैं, वो हमारे अन्नदाता हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ कृषि कानून के हर मसले पर चर्चा करने को तैयार है, नए कानून किसानों की भलाई के लिए हैं। अगर किसी को कोई दिक्कत है तो सरकार चर्चा को तैयार है।
वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा किसान आंदोलन के समर्थन में दिए गए बयान पर रक्षामंत्री ने कहा कि किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री को भारत के आंतरिक मामलों बोलने का हक नहीं, उन्हें भारत के आंतरिक मामलों हस्तक्षेप बंद करना चाहिए।
| Kisan Andolan: देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन बुधवार को पैंतीसवें दिन में प्रवेश कर चुका है। कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान संगठन आज एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत की मेज पर आमने सामने होंगे। नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन बुधवार को पैंतीसवें दिन में प्रवेश कर चुका है। कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान संगठन आज एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत की मेज पर आमने सामने होंगे। बता दें कि यह सरकार और किसानों के साथ बातचीत का छठा दौर है। इस बीच सरकार से वार्ता से पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया। बता दें कि कृषि कानून को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र की मोदी सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी हुई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कहा है कि वे कांग्रेस नेता की तुलना में कृषि के बारे में ज्यादा जानते हैं क्योंकि वह एक किसान परिवार में पैदा हुए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद एक बेहद ही गरीब परिवार से हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि वो कृषि कानून किसानों के पक्ष में है और इस बारे में हो रही बातचीत 'हा या नहीं' मानसिकता के साथ नहीं होनी चाहिए। दरअसल समाचार एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ये बातें कही। राजनाथ सिंह ने कहा कि किसान कम से कम दो साल इस कानून को उपयाग करके देखे कि ये कानून कितना उपयोगी है फिर अगर आपको लगता कानून में संशोधन करने की जरूरत है तो हमारी सरकार संशोधन करने के लिए तैयार है और आज भी किसान बातचीत करे उन्हें लगता है कि इसमें संशोधन करने की आवश्यकता है तो हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कृषि संबंधी ये जो तीन कानून बने हैं ये किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही बनाएंगे हैं। पिछले सरकारों की तुलना में हमने न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ाई हैं। इस तीनों कानूनों के माध्यम से हमने पूरी कोशिश की है कि किसानों की आमदनी दो-तीन गुना बढ़े। किसान आंदोलन में शामिल किसानों पर खालिस्तानी समर्थक होने का आरोप लगने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि किसानों पर इस तरह का आरोप नहीं लगना चाहिए। हम किसानों का सम्मान करते हैं, वो हमारे अन्नदाता हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ कृषि कानून के हर मसले पर चर्चा करने को तैयार है, नए कानून किसानों की भलाई के लिए हैं। अगर किसी को कोई दिक्कत है तो सरकार चर्चा को तैयार है। वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा किसान आंदोलन के समर्थन में दिए गए बयान पर रक्षामंत्री ने कहा कि किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री को भारत के आंतरिक मामलों बोलने का हक नहीं, उन्हें भारत के आंतरिक मामलों हस्तक्षेप बंद करना चाहिए। |
हरदोई जनपद की महिला पुलिसकर्मी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद एएसपी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
हरदोईः मंझिला थाने में तैनात पुलिसकर्मी को रील बनाने का खुमार चढ़ गया है। कई गानों पर उसके रील बनाने के वीडियो वायरल हो रहे है। जिसमें वह अलग-अलग गानों पर वीडियो बनाती नजर आ रही है। वीडियो वायरल होने के बाद महिला पुलिसकर्मी चर्चा में बनी है।
जब इस वीडियो की पड़ताल की गई तो पता चला कि यह महिला पुलिसकर्मी महिला थाने में तैनात है जिसका नाम प्रियंका सिंह और वह गानों पर वीडियो बनाने की शौकीन है। कुछ इस वायरल वीडियो को अच्छा बता रहे हैं तो कुछ इसे गलत भी बता रहे हैं। यह वीडियो पुलिस आचरण नियमावली के विरुद्ध है। इसके संबंध में एसपी राजेश द्विवेदी द्वारा निर्देश दिए जा चुके हैं कि कोई भी पुलिसकर्मी इस तरह के वीडियो सूट नहीं करेगा। अगर वर्दी में इस तरह के वीडियो सूट करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
| हरदोई जनपद की महिला पुलिसकर्मी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद एएसपी ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। हरदोईः मंझिला थाने में तैनात पुलिसकर्मी को रील बनाने का खुमार चढ़ गया है। कई गानों पर उसके रील बनाने के वीडियो वायरल हो रहे है। जिसमें वह अलग-अलग गानों पर वीडियो बनाती नजर आ रही है। वीडियो वायरल होने के बाद महिला पुलिसकर्मी चर्चा में बनी है। जब इस वीडियो की पड़ताल की गई तो पता चला कि यह महिला पुलिसकर्मी महिला थाने में तैनात है जिसका नाम प्रियंका सिंह और वह गानों पर वीडियो बनाने की शौकीन है। कुछ इस वायरल वीडियो को अच्छा बता रहे हैं तो कुछ इसे गलत भी बता रहे हैं। यह वीडियो पुलिस आचरण नियमावली के विरुद्ध है। इसके संबंध में एसपी राजेश द्विवेदी द्वारा निर्देश दिए जा चुके हैं कि कोई भी पुलिसकर्मी इस तरह के वीडियो सूट नहीं करेगा। अगर वर्दी में इस तरह के वीडियो सूट करेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। |
हिंदी गद्य साहित्य में प्रेमसागर एक प्रसिद्ध ग्रंथ है और अब तक इसके अनेकानेक संस्करण छप भी चुके हैं। शिक्षा-विषयक संग्रहों में बहुधा इसका कुछ न कुछ अंश उद्धृत किया जाता है । इस प्रकार पठित समाज में इसका बहुत प्रचार है। परंतु इधर इसके जितने संस्करण निकले हैं, वे सभी संस्कृतविज्ञ विद्वानों द्वारा शुद्ध कर दिए गए हैं; पर वे लल्लूजीलाला के प्रेमसागर से कितने भिन्न हैं, यह इस संस्करण से मिलान करनेपर मालूम हो सकता है । उन्होंने संस्कृत के शब्दों को जो रूप दिया था, उनका इन नए संस्करणों में संस्कृत रूप ही दिया गया है, जिससे उस समय की शब्दरचना का ठीक ज्ञान नहीं हो सकता । इसी कमी को पूरा करने के लिये प्रेमसागर की वह प्रति प्राप्त की गई, जिसे स्वयं लल्लूजीलाल ने अपने यंत्रालय संस्कृत प्रेस में सन् १८९० ई० में प्रकाशित किया था । यह प्रति कलकत्ते की इम्पीरियल लाइब्रेरी से प्राप्त हुई थी, दूसरी प्रति जो सन् १८४२ ई० में प्रकाशित हुई थी, वह कलकत्ते के बोर्ड औव एक्जामिनर्स के पुस्तकालय से मिली है । उस पर लिखा है 'श्रीयोगध्यानमिश्रेण परिष्कृत्य यथामति समंकितं लालकृतं प्रेमसागर पुस्तकं ।'
पहली प्रति के टाइटिल पृष्ठ पर 'हिंदुवी' था, परंतु वह दूसरी प्रति के टाइटिल पृष्ठ पर परिष्कृत होने से हिन्दी हो गया है । संपादक ने यथामति इस प्रति में बहुत सा संशोधन कर दिया है । जब तीस बत्तीस वर्ष बाद ही के संस्करण में इतना संशोधन हो | हिंदी गद्य साहित्य में प्रेमसागर एक प्रसिद्ध ग्रंथ है और अब तक इसके अनेकानेक संस्करण छप भी चुके हैं। शिक्षा-विषयक संग्रहों में बहुधा इसका कुछ न कुछ अंश उद्धृत किया जाता है । इस प्रकार पठित समाज में इसका बहुत प्रचार है। परंतु इधर इसके जितने संस्करण निकले हैं, वे सभी संस्कृतविज्ञ विद्वानों द्वारा शुद्ध कर दिए गए हैं; पर वे लल्लूजीलाला के प्रेमसागर से कितने भिन्न हैं, यह इस संस्करण से मिलान करनेपर मालूम हो सकता है । उन्होंने संस्कृत के शब्दों को जो रूप दिया था, उनका इन नए संस्करणों में संस्कृत रूप ही दिया गया है, जिससे उस समय की शब्दरचना का ठीक ज्ञान नहीं हो सकता । इसी कमी को पूरा करने के लिये प्रेमसागर की वह प्रति प्राप्त की गई, जिसे स्वयं लल्लूजीलाल ने अपने यंत्रालय संस्कृत प्रेस में सन् एक हज़ार आठ सौ नब्बे ईशून्य में प्रकाशित किया था । यह प्रति कलकत्ते की इम्पीरियल लाइब्रेरी से प्राप्त हुई थी, दूसरी प्रति जो सन् एक हज़ार आठ सौ बयालीस ईशून्य में प्रकाशित हुई थी, वह कलकत्ते के बोर्ड औव एक्जामिनर्स के पुस्तकालय से मिली है । उस पर लिखा है 'श्रीयोगध्यानमिश्रेण परिष्कृत्य यथामति समंकितं लालकृतं प्रेमसागर पुस्तकं ।' पहली प्रति के टाइटिल पृष्ठ पर 'हिंदुवी' था, परंतु वह दूसरी प्रति के टाइटिल पृष्ठ पर परिष्कृत होने से हिन्दी हो गया है । संपादक ने यथामति इस प्रति में बहुत सा संशोधन कर दिया है । जब तीस बत्तीस वर्ष बाद ही के संस्करण में इतना संशोधन हो |
इस मामले में पुलिस ने अज्ञात रोडवेज चालक पर केस दर्ज कर लिया है। वहीं राजेश वासी ढंडेरी ने नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया।
हिसार। दीपावली के दिन सिरसा रोड गुप्ता अस्पताल के सामने रोडवेज बस की चपेट में आने से बाइक सवार एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि उसका पिता गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात रोडवेज चालक पर केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस को दी शिकायत में गांव बगला निवासी 42 वर्षीय शमशेर सिंह ने बताया कि सोमवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे वह मोटरसाइकिल पर सवार हो अपनी बेटी 14 वर्षीय दीक्षा को लेकर हिसार आ रहा था। आरोप है कि इस दौरान वह सिरसा रोड पर गुप्ता अस्पताल के पास पहुंचा तो फतेहाबाद डिपो की रोडवेज बस के चालन ने बड़ी तेज रफ्तार व लापरवाही से उनकी बाइक पीछे से जोरदार टक्कर मारी। इस हादसे में मुझे वा मेरी लडक़ी दीक्षा को चोटें आई। बेटी को शहर के एक निजी अस्पताल में दाखिल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार उसे उसके जीजा राजेश वासी ढंडेरी ने नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया। पुलिस ने रोडवेज बस के अज्ञात चालक पर केस दर्ज कर लिया है।
| इस मामले में पुलिस ने अज्ञात रोडवेज चालक पर केस दर्ज कर लिया है। वहीं राजेश वासी ढंडेरी ने नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया। हिसार। दीपावली के दिन सिरसा रोड गुप्ता अस्पताल के सामने रोडवेज बस की चपेट में आने से बाइक सवार एक बच्ची की मौत हो गई, जबकि उसका पिता गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात रोडवेज चालक पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस को दी शिकायत में गांव बगला निवासी बयालीस वर्षीय शमशेर सिंह ने बताया कि सोमवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे वह मोटरसाइकिल पर सवार हो अपनी बेटी चौदह वर्षीय दीक्षा को लेकर हिसार आ रहा था। आरोप है कि इस दौरान वह सिरसा रोड पर गुप्ता अस्पताल के पास पहुंचा तो फतेहाबाद डिपो की रोडवेज बस के चालन ने बड़ी तेज रफ्तार व लापरवाही से उनकी बाइक पीछे से जोरदार टक्कर मारी। इस हादसे में मुझे वा मेरी लडक़ी दीक्षा को चोटें आई। बेटी को शहर के एक निजी अस्पताल में दाखिल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शिकायतकर्ता के अनुसार उसे उसके जीजा राजेश वासी ढंडेरी ने नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया। पुलिस ने रोडवेज बस के अज्ञात चालक पर केस दर्ज कर लिया है। |
NewDelhi : लोकसभा चुनाव से पूर्व पीएम मोदी के खिलाफ राजनीतिक महागठबंधन को माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पलीता लगा दिया है. बता दें कि उन्होंने साफ तौर पर 2019 के लोकसभा चुनाव से पूर्व राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन बनाये जाने की संभावना से इनकार किया है. उनके अनुसार इस तरह का गठबंधन लोकसभा चुनाव के नतीजे की घोषणा के बाद ही संभव है. उनके बयान से सबसे ज़्यादा परेशानी कांग्रेस को हो गयी है. जान लें कि इससे पहले तेलांगना के सीएम केसीआर और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी चुनाव पूर्व महागठबंधन नकार चुके हैं.
येचुरी ने मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि यह मेरी निजी राय है कि भारत में चुनाव के पहले कोई भी महागठबंधन बनाना संभव नहीं है, क्योंकि हमारा देश विविधताओं वाला है. येचुरी ने कहा कि लोग केंद्र की जनविरोधी सरकार से छुटकारा पाना चाहते हैं लेकिन वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक सरकार लोकसभा चुनाव के बाद ही बन सकती है. माकपा महासचिव ने कहा कि क्षेत्रीय धर्मनिरपेक्ष ताकतें आम चुनाव के बाद एक साथ आयेंगी. हालांकि उन्होंने वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा का नाम नहीं बताया.
एक सवाल के जवाब कि क्या माकपा वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा का हिस्सा बनेगी, तो येचुरी ने कहा कि हमारी पार्टी ने केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन दिया था. इससे पहले हमने 1989, 1996 और 2004 में गठबंधन वाली सरकार का समर्थन किया था. इस सवाल पर कि अगर तृणमूल कांग्रेस को विपक्षी मोर्चा में शामिल किया गया तो क्या माकपा उसका हिस्सा बनेगी? उन्होंने कहा कि तृणमूल और भाजपा में गुप्त तालमेल है. तृणमूल की भाजपा से लड़ने की विश्वसनीयता नहीं है. इसलिए दोनों से समझौता भी संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि हम किसी भी ऐसी पार्टी पर भरोसा नहीं कर सकते जिसने खुद अपने राज्य में लोकतंत्र की हत्या की हो.
| NewDelhi : लोकसभा चुनाव से पूर्व पीएम मोदी के खिलाफ राजनीतिक महागठबंधन को माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पलीता लगा दिया है. बता दें कि उन्होंने साफ तौर पर दो हज़ार उन्नीस के लोकसभा चुनाव से पूर्व राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन बनाये जाने की संभावना से इनकार किया है. उनके अनुसार इस तरह का गठबंधन लोकसभा चुनाव के नतीजे की घोषणा के बाद ही संभव है. उनके बयान से सबसे ज़्यादा परेशानी कांग्रेस को हो गयी है. जान लें कि इससे पहले तेलांगना के सीएम केसीआर और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी चुनाव पूर्व महागठबंधन नकार चुके हैं. येचुरी ने मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि यह मेरी निजी राय है कि भारत में चुनाव के पहले कोई भी महागठबंधन बनाना संभव नहीं है, क्योंकि हमारा देश विविधताओं वाला है. येचुरी ने कहा कि लोग केंद्र की जनविरोधी सरकार से छुटकारा पाना चाहते हैं लेकिन वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक सरकार लोकसभा चुनाव के बाद ही बन सकती है. माकपा महासचिव ने कहा कि क्षेत्रीय धर्मनिरपेक्ष ताकतें आम चुनाव के बाद एक साथ आयेंगी. हालांकि उन्होंने वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा का नाम नहीं बताया. एक सवाल के जवाब कि क्या माकपा वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा का हिस्सा बनेगी, तो येचुरी ने कहा कि हमारी पार्टी ने केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन दिया था. इससे पहले हमने एक हज़ार नौ सौ नवासी, एक हज़ार नौ सौ छियानवे और दो हज़ार चार में गठबंधन वाली सरकार का समर्थन किया था. इस सवाल पर कि अगर तृणमूल कांग्रेस को विपक्षी मोर्चा में शामिल किया गया तो क्या माकपा उसका हिस्सा बनेगी? उन्होंने कहा कि तृणमूल और भाजपा में गुप्त तालमेल है. तृणमूल की भाजपा से लड़ने की विश्वसनीयता नहीं है. इसलिए दोनों से समझौता भी संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि हम किसी भी ऐसी पार्टी पर भरोसा नहीं कर सकते जिसने खुद अपने राज्य में लोकतंत्र की हत्या की हो. |
Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में फार्मा कंपनियों (Pharma company) को निवेश (investment) करने पर मिलने वाली छूट में एसजीएसटी रिफंड से लेकर एयर कार्गो हैंडलिंग सब्सिडी व पेटेंट रजिस्ट्रेशन सब्सिडी तक को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की तरफ से राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इस आकर्षक पैकेज प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
Yogi Adityanath: पंडित दीनदयाल उपाध्याय (Pandit Deendayal Upadhyay) की जयंती पर सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कई योजनाओं की सौगात प्रदेश को दी इसके साथ ही इस बात की घोषणा भी की गई कि मुगलसराय स्टेशन (Mughalsarai Station) के बाद अब यूपी के लखनऊ में सूचना विभाग का नया परिसर भी होगा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर होगा जिसका लोकार्पण सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे।
CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बढ़ते महिला अपराध (Crime Against Women) को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सख्त नाराजगी जताई है।
Agriculture Bill: कृषि बिल को लेकर एक तरफ तो विरोध प्रदर्शन जारी है वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इस बिल को लेकर किसान संगठनों से और उनके नेताओं से मिलकर इस बिल के फायदे के बारे में अवगत करा रहे हैं साथ ही इस बात को लेकर भी आश्वस्त कर रहे हैं कि किसानों के साथ हमेशा नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार और योगी आदित्यनाथ की सरकार खड़ी है।
Agriculture Bill: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि मूल्य समर्थन योजना (एमएसपी (MSP) के अन्तर्गत खरीद जारी रहेगी। इसमें किसी को भी किसी भी प्रकार का कोई संशय नहीं होना चाहिए। प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में एमएसपी के तहत धान की खरीद 1 अक्टूबर, 2020 से प्रारम्भ हो जाएगी। इसके लिए 3,000 क्रय केन्द्र स्थापित किये जाएंगे।
PM Modi holds meeting with CMs : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) से सर्वाधिक प्रभावित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा बैठक की।
हिंदी बेल्ट में फिल्म सिटी(Film City) बनाने को लेकर कई हस्तियों ने अपनी आवाज बुलंद की थी। इससे पहले फिल्मकार मनोज मुंतशिर(Manoj Muntashir) ने हिंदी बेल्ट में फिल्म सिटी बनाए जाने की जोरदार मांग उठाई थी।
Film City in UP: हिंदी बेल्ट में फिल्म सिटी(Film City) बनाने को लेकर कई हस्तियों ने अपनी आवाज बुलंद की थी। इससे पहले फिल्मकार मनोज मुंतशिर(Manoj Muntashir) ने हिंदी बेल्ट में फिल्म सिटी बनाए जाने की जोरदार मांग उठाई थी।
Fight with Coronavirus: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने जनपद लखनऊ (Lucknow) और कानपुर (Kanpur) नगर पर विशेष ध्यान देते हुए कोरोनावायरस (Coronavirus) के मद्देनजर चिकित्सा व्यवस्था (Health System) को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रभावी और कारगर रणनीति बनाते हुए उसे लागू किया जाए। स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक स्तर पर माॅनिटरिंग करते हुए रिकवरी दर को बेहतर बनाया जाए।
Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने 'उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को निवेशक फ्रेंडली (Investor Friendly) प्रदेश बनाने के लिए उठाये गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन मैन्युफैक्चरिंग, आईटी, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, वस्त्रोद्योग, पर्यटन और फिल्म आदि क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश में पारंपरिक निवेश के अवसरों के अतिरिक्त सौर ऊर्जा, जैव ईंधन और नागरिक उड्डयन में उपलब्ध असीम सम्भावनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
| Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश में फार्मा कंपनियों को निवेश करने पर मिलने वाली छूट में एसजीएसटी रिफंड से लेकर एयर कार्गो हैंडलिंग सब्सिडी व पेटेंट रजिस्ट्रेशन सब्सिडी तक को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इस आकर्षक पैकेज प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। Yogi Adityanath: पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई योजनाओं की सौगात प्रदेश को दी इसके साथ ही इस बात की घोषणा भी की गई कि मुगलसराय स्टेशन के बाद अब यूपी के लखनऊ में सूचना विभाग का नया परिसर भी होगा पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर होगा जिसका लोकार्पण सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे। CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश में बढ़ते महिला अपराध को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त नाराजगी जताई है। Agriculture Bill: कृषि बिल को लेकर एक तरफ तो विरोध प्रदर्शन जारी है वहीं उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ इस बिल को लेकर किसान संगठनों से और उनके नेताओं से मिलकर इस बिल के फायदे के बारे में अवगत करा रहे हैं साथ ही इस बात को लेकर भी आश्वस्त कर रहे हैं कि किसानों के साथ हमेशा नरेंद्र मोदी सरकार और योगी आदित्यनाथ की सरकार खड़ी है। Agriculture Bill: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत खरीद जारी रहेगी। इसमें किसी को भी किसी भी प्रकार का कोई संशय नहीं होना चाहिए। प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष दो हज़ार बीस-इक्कीस में एमएसपी के तहत धान की खरीद एक अक्टूबर, दो हज़ार बीस से प्रारम्भ हो जाएगी। इसके लिए तीन,शून्य क्रय केन्द्र स्थापित किये जाएंगे। PM Modi holds meeting with CMs : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनावायरस से सर्वाधिक प्रभावित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा बैठक की। हिंदी बेल्ट में फिल्म सिटी बनाने को लेकर कई हस्तियों ने अपनी आवाज बुलंद की थी। इससे पहले फिल्मकार मनोज मुंतशिर ने हिंदी बेल्ट में फिल्म सिटी बनाए जाने की जोरदार मांग उठाई थी। Film City in UP: हिंदी बेल्ट में फिल्म सिटी बनाने को लेकर कई हस्तियों ने अपनी आवाज बुलंद की थी। इससे पहले फिल्मकार मनोज मुंतशिर ने हिंदी बेल्ट में फिल्म सिटी बनाए जाने की जोरदार मांग उठाई थी। Fight with Coronavirus: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद लखनऊ और कानपुर नगर पर विशेष ध्यान देते हुए कोरोनावायरस के मद्देनजर चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रभावी और कारगर रणनीति बनाते हुए उसे लागू किया जाए। स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक स्तर पर माॅनिटरिंग करते हुए रिकवरी दर को बेहतर बनाया जाए। Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'उत्तर प्रदेश को निवेशक फ्रेंडली प्रदेश बनाने के लिए उठाये गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन मैन्युफैक्चरिंग, आईटी, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, वस्त्रोद्योग, पर्यटन और फिल्म आदि क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश में पारंपरिक निवेश के अवसरों के अतिरिक्त सौर ऊर्जा, जैव ईंधन और नागरिक उड्डयन में उपलब्ध असीम सम्भावनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। |
Home remedies for tooth pain: दांत शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग में से एक है। बाल और स्किन के साथ-साथ इसका भी ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। दांत में जब कुछ खराबी होती है तो असहनीय दर्द होने लगता है। ऐसे में आप यदि पहले से ही अपने दांत का ख्याल रखेंगे तो डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होगी।
- घरेलू उपायों से दांत दर्द से मिलेगा आराम।
- जब दर्द दो दिन से ज्यादा रहें।
- दांतों से खून आने लगें।
- मसूड़ों से ज्यादा बदबू आने लगें।
- दर्द की वजह से ज्यादा सूजन आने लगें।
Big And Bold । अतीक गैंग भी टूट गया. . . 'खजाने' पर लूट मची है!
Big And Bold: Yogi का 'रॉबिनहुड' फॉर्मूला. . . गरीब गदगद!
B&B Political: Rajasthan में Congress पर जमकर बरसे PM Modi, कही ये बड़ी बात!
| Home remedies for tooth pain: दांत शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग में से एक है। बाल और स्किन के साथ-साथ इसका भी ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। दांत में जब कुछ खराबी होती है तो असहनीय दर्द होने लगता है। ऐसे में आप यदि पहले से ही अपने दांत का ख्याल रखेंगे तो डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। - घरेलू उपायों से दांत दर्द से मिलेगा आराम। - जब दर्द दो दिन से ज्यादा रहें। - दांतों से खून आने लगें। - मसूड़ों से ज्यादा बदबू आने लगें। - दर्द की वजह से ज्यादा सूजन आने लगें। Big And Bold । अतीक गैंग भी टूट गया. . . 'खजाने' पर लूट मची है! Big And Bold: Yogi का 'रॉबिनहुड' फॉर्मूला. . . गरीब गदगद! B&B Political: Rajasthan में Congress पर जमकर बरसे PM Modi, कही ये बड़ी बात! |
इंदौर (मध्य प्रदेश),15 सितंबर इंदौर हवाई अड्डे पर बुधवार को कोविड-19 की जांच के दौरान संक्रमित पाए गए 26 वर्षीय व्यक्ति को एअर इंडिया की इंदौर-दुबई की उड़ान में सवार होने से रोक दिया गया।
कोविड-19 की रोकथाम के लिए नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार ने बताया, "तय प्रक्रिया के तहत इंदौर-दुबई उड़ान के हर यात्री की देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पर रैपिड आरटी-पीसीआर जांच की जाती है। बुधवार को 117 यात्रियों की जांच की गई और इनमें शामिल 26 वर्षीय पुरुष संक्रमित पाया गया। "
मालाकार ने बताया कि यह व्यक्ति रोजगार के लिए दुबई जा रहा था।
उन्होंने बताया, "हमने इस व्यक्ति को शहर के खंडवा रोड स्थित देखभाल केंद्र भेज दिया है। उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई है लेकिन संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं। "
इंदौर, राज्य में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। हालांकि, महामारी की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने पर इन दिनों जिले में रोजाना मिलने वाले नये संक्रमितों की तादाद इकाई अंक पर सिमट गई है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
| इंदौर ,पंद्रह सितंबर इंदौर हवाई अड्डे पर बुधवार को कोविड-उन्नीस की जांच के दौरान संक्रमित पाए गए छब्बीस वर्षीय व्यक्ति को एअर इंडिया की इंदौर-दुबई की उड़ान में सवार होने से रोक दिया गया। कोविड-उन्नीस की रोकथाम के लिए नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार ने बताया, "तय प्रक्रिया के तहत इंदौर-दुबई उड़ान के हर यात्री की देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पर रैपिड आरटी-पीसीआर जांच की जाती है। बुधवार को एक सौ सत्रह यात्रियों की जांच की गई और इनमें शामिल छब्बीस वर्षीय पुरुष संक्रमित पाया गया। " मालाकार ने बताया कि यह व्यक्ति रोजगार के लिए दुबई जा रहा था। उन्होंने बताया, "हमने इस व्यक्ति को शहर के खंडवा रोड स्थित देखभाल केंद्र भेज दिया है। उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई है लेकिन संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं। " इंदौर, राज्य में कोविड-उन्नीस से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। हालांकि, महामारी की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने पर इन दिनों जिले में रोजाना मिलने वाले नये संक्रमितों की तादाद इकाई अंक पर सिमट गई है। Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है। |
शायद आप ऐड ब्लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ना जारी रखने के लिए ऐड ब्लॉकर को बंद करके पेज रिफ्रेश करें।
पंजाब में विधानसभा चुनाव के बीच दिल्ली बम ब्लास्ट में दोषी और सजायाफ्ता देविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई का मामला गरमा गया है। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील की है कि भुल्लर को रिहा कर दें।
प्रमोद प्रेमी यादव का नयका दर्दभरा भोजपुरी गीत 'बइठल बिया पगली'
| शायद आप ऐड ब्लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं। पढ़ना जारी रखने के लिए ऐड ब्लॉकर को बंद करके पेज रिफ्रेश करें। पंजाब में विधानसभा चुनाव के बीच दिल्ली बम ब्लास्ट में दोषी और सजायाफ्ता देविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई का मामला गरमा गया है। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अपील की है कि भुल्लर को रिहा कर दें। प्रमोद प्रेमी यादव का नयका दर्दभरा भोजपुरी गीत 'बइठल बिया पगली' |
यह सार्वजनिक खरीद कानून गिने 4734 के अनुच्छेद 19 के अनुसार खुली निविदा प्रक्रिया द्वारा किया जाएगा।
ए) गुणवत्ता, प्रकार और राशिः 432 एम 2 समझदार सतह के आवेदन, टाइल्स के साथ 236 एम 2 मंजिल को कवर करना, 3100 एम 2 सतह पेंटिंग और 548 एम 3 कुचल पत्थर रखना। विस्तृत जानकारी ईएएसएपी के निविदा दस्तावेज में प्रशासनिक विनिर्देश में पाई जा सकती है।
ग) प्रारंभ तिथिः अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की तिथि से एक दिन के भीतर एक्सएनयूएमएक्स वितरित किया जाएगा और काम शुरू किया जाएगा।
डी) काम की अवधिः डिलीवरी की तारीख से 75 (पचहत्तर) कैलेंडर दिन।
| यह सार्वजनिक खरीद कानून गिने चार हज़ार सात सौ चौंतीस के अनुच्छेद उन्नीस के अनुसार खुली निविदा प्रक्रिया द्वारा किया जाएगा। ए) गुणवत्ता, प्रकार और राशिः चार सौ बत्तीस एम दो समझदार सतह के आवेदन, टाइल्स के साथ दो सौ छत्तीस एम दो मंजिल को कवर करना, तीन हज़ार एक सौ एम दो सतह पेंटिंग और पाँच सौ अड़तालीस एम तीन कुचल पत्थर रखना। विस्तृत जानकारी ईएएसएपी के निविदा दस्तावेज में प्रशासनिक विनिर्देश में पाई जा सकती है। ग) प्रारंभ तिथिः अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की तिथि से एक दिन के भीतर एक्सएनयूएमएक्स वितरित किया जाएगा और काम शुरू किया जाएगा। डी) काम की अवधिः डिलीवरी की तारीख से पचहत्तर कैलेंडर दिन। |
Hanuman Ji: भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमानजी की कृपा हर भक्त पर रहती है, लेकिन ज्योतिष कहता है कि तीन राशि वाले ऐसे हैं जिनकी भक्ती से बजरंगबली आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और अपनी कृपा बरसाते रहते हैं। ये तीन रासि वाले हैं - मेष, कुंभ और सिंह राशि। जो भी भक्त इन राशियों की तरह कृपा पाना चाहता है, वो हर मंगलवार को हनुमानजी की विशेष पूजा करे। हनुमान जी की पूजा में नियमों का विशेष महत्व है। इस दिन गंदगी से दूर रहना चाहिए। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और मन में गलत विचार न आने दें। क्रोध और लोभ से दूर रहना चाहिए। इस दिन किसी का अपमान और अपमान नहीं करना चाहिए।
हर मंगलवार को हनुमानजी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद 'ॐ श्री हनुमंते नमः' मंत्र का जाप भी करते रहें। हनुमानजी मंगलवार को चौला चढ़ाने से अधिक प्रसन्न होते हैं। चौला चढ़ाने के साथ हनुमान जी को लड्डू, गुड़ और चने का भोग लगाएं।
मेष राशिः ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार मेष राशि के जातकों पर हनुमान जी की विशेष कृपा होती है। मेष राशि के जातकों की इच्छाशक्ति बहुत प्रबल होती है। हनुमान जी की कृपा से मेष राशि के जातकों का आर्थिक पक्ष भी मजबूत होता है।
कुंभ राशिः ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की कृपा से कुंभ राशि के जातकों को अपने कार्यों में शीघ्र सफलता प्राप्त होती है। कुंभ राशि पर हनुमान जी की विशेष कृपा बनी रहती है। कुंभ राशि के जातकों के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है।
सिंह सूर्य राशिः ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की कृपा से सिंह राशि के जातकों से परेशानियां दूर रहती हैं। इस राशि के लोगों का आर्थिक पक्ष भी मजबूत होता है। हनुमान जी की कृपा से नौकरी और व्यापार में उन्नति होती है।
| Hanuman Ji: भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमानजी की कृपा हर भक्त पर रहती है, लेकिन ज्योतिष कहता है कि तीन राशि वाले ऐसे हैं जिनकी भक्ती से बजरंगबली आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और अपनी कृपा बरसाते रहते हैं। ये तीन रासि वाले हैं - मेष, कुंभ और सिंह राशि। जो भी भक्त इन राशियों की तरह कृपा पाना चाहता है, वो हर मंगलवार को हनुमानजी की विशेष पूजा करे। हनुमान जी की पूजा में नियमों का विशेष महत्व है। इस दिन गंदगी से दूर रहना चाहिए। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और मन में गलत विचार न आने दें। क्रोध और लोभ से दूर रहना चाहिए। इस दिन किसी का अपमान और अपमान नहीं करना चाहिए। हर मंगलवार को हनुमानजी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद 'ॐ श्री हनुमंते नमः' मंत्र का जाप भी करते रहें। हनुमानजी मंगलवार को चौला चढ़ाने से अधिक प्रसन्न होते हैं। चौला चढ़ाने के साथ हनुमान जी को लड्डू, गुड़ और चने का भोग लगाएं। मेष राशिः ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार मेष राशि के जातकों पर हनुमान जी की विशेष कृपा होती है। मेष राशि के जातकों की इच्छाशक्ति बहुत प्रबल होती है। हनुमान जी की कृपा से मेष राशि के जातकों का आर्थिक पक्ष भी मजबूत होता है। कुंभ राशिः ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की कृपा से कुंभ राशि के जातकों को अपने कार्यों में शीघ्र सफलता प्राप्त होती है। कुंभ राशि पर हनुमान जी की विशेष कृपा बनी रहती है। कुंभ राशि के जातकों के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है। सिंह सूर्य राशिः ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी की कृपा से सिंह राशि के जातकों से परेशानियां दूर रहती हैं। इस राशि के लोगों का आर्थिक पक्ष भी मजबूत होता है। हनुमान जी की कृपा से नौकरी और व्यापार में उन्नति होती है। |
औरैया जिले के दिबियापुर थाना क्षेत्र के बूढ़ादाना गांव में बिजली चेकिंग करने गई टीम ने प्रधान संघ अध्यक्ष पर बिजली कर्मचारी को मारपीट कर मोबाइल ले लेने का आरोप लगा थाने में प्रार्थना पत्र दिया है। जबकि गांव की एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने भी थाने पहुंचकर बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर बिजली चेकिंग के नाम पर जबरदस्ती घर में घुसने से मना करने पर गाली गलौज कर अभद्रता का आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
सोमवार को बूढ़ादाना गांव निवासी सूरजमुखी समेत एक दर्जन महिलाओं ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया बिजली विभाग के उच्च अधिकारी अपनी टीम लेकर गांव में गए और बिना कुछ जानकारी दिए घर में घुस गए घर में महिलाएं अकेली थी जब महिलाओं ने एतराज जताया तो वह लोग गाली-गलौज कर अभद्रता करने लगे इस दौरान गांव के अन्य लोग व सूचना पर गांव के प्रधान भी मौके पर पहुंच गए तब भी बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी गाली गलौज करते रहे जबकि बिजली विभाग के प्रभारी जेई अंकुल पुत्र धर्मवीर सिंह ने थाने में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि वह गांव में बिजली की चेकिंग करने अधिकारियों के साथ गए थे तभी गांव के प्रधान व 20 अज्ञात लोगों ने गाली गलौज मारपीट कर दी और उसका मोबाइल फोन छीन लिया। घटना के संबंध में थाना प्रभारी निरीक्षक शशि भूषण मिश्रा ने बताया दोनों पक्षों की तहरीर मिली है एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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| औरैया जिले के दिबियापुर थाना क्षेत्र के बूढ़ादाना गांव में बिजली चेकिंग करने गई टीम ने प्रधान संघ अध्यक्ष पर बिजली कर्मचारी को मारपीट कर मोबाइल ले लेने का आरोप लगा थाने में प्रार्थना पत्र दिया है। जबकि गांव की एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं ने भी थाने पहुंचकर बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर बिजली चेकिंग के नाम पर जबरदस्ती घर में घुसने से मना करने पर गाली गलौज कर अभद्रता का आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। सोमवार को बूढ़ादाना गांव निवासी सूरजमुखी समेत एक दर्जन महिलाओं ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया बिजली विभाग के उच्च अधिकारी अपनी टीम लेकर गांव में गए और बिना कुछ जानकारी दिए घर में घुस गए घर में महिलाएं अकेली थी जब महिलाओं ने एतराज जताया तो वह लोग गाली-गलौज कर अभद्रता करने लगे इस दौरान गांव के अन्य लोग व सूचना पर गांव के प्रधान भी मौके पर पहुंच गए तब भी बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी गाली गलौज करते रहे जबकि बिजली विभाग के प्रभारी जेई अंकुल पुत्र धर्मवीर सिंह ने थाने में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि वह गांव में बिजली की चेकिंग करने अधिकारियों के साथ गए थे तभी गांव के प्रधान व बीस अज्ञात लोगों ने गाली गलौज मारपीट कर दी और उसका मोबाइल फोन छीन लिया। घटना के संबंध में थाना प्रभारी निरीक्षक शशि भूषण मिश्रा ने बताया दोनों पक्षों की तहरीर मिली है एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं जांच कर कार्रवाई की जाएगी। This website follows the DNPA Code of Ethics. |
सवाईसिंह के मारे जाने की ख़बर पोकरण पहुंचने पर उसका पुत्र सालिमसिंह सेना एकत्रकर फलोधी पहुंचा और उधर के गावों का रिपोर्ट ऑॉन् दि प्राविंस ऑॉव् मालवा एंड एडज्वाइनिंग डिस्ट्रिक्ट्स; पृ० १४७-८ । टॉड; राजस्थान; जि० २, पृ० १०८६-६० । वीरविनोद; भाग २, पृ० ८६४ ।
जोधपुर राज्य की ख्यात में लिखा है कि सवाईसिंह आदि के मारे जाने की घटना चैत्र सुदि ३ ( ता० ३० मार्च ) को हुई । उस समय सवाईसिंह श्रादि सरदारों के साथ के छः-सात सौ श्रादी मारे गये । "वंशभास्कर" में लिखा है कि श्रमीरखां ने सरदारों के साथ मंत्रणा करने के लिए एक शिविर तनवाया था, जिसके फ़र्श के नीचे बारूद विछाया गया था ( भाग ४, पृ० ३१७८ ) । सवाईसिंह आदि के मारे जाने के विषय में नीचे लिखा पद्य प्रसिद्ध है, जिससे पाया जाता है कि यदि अमीरखां ने उनके साथ विश्वासघात न किया होता तो उसको उनके बाहुबल का परिचय मिलतामियां जो दीधी मीरखां, कमधां वीच कुरान । रह्या भरोसे रामरे, ( नहीं तो ) पड़ती खवर पठान ।।
ख्यातों आदि में ठाकुर सवाईसिंह को प्रत्येक स्थल पर महाराजा मानसिंह के समय होनेवाले उपद्रवों का मूल कारण बतलाया है । वस्तुतः भूतपूर्व महाराजा भीमसिंह की मृत्यु के बाद उसकी देरावरी राणी के उदर से पुत्र उत्पन्न होने के कारण प्रधान के पद का दायित्व निवाहते हुए वह नवजात शिशु ( धोकलसिंह ) के राज्य का वास्तविक अधिकारी होने से ही उसके स्वत्वों की रक्षा के लिए मानसिंह का विरोधी हुआ होगा । जैसा कि ऊपर बतलाया गया है। मानसिंह के गद्दी बैठने के पूर्व ही भीमसिंह की देरावरी राणी के गर्भ होने की बात प्रकट हो चुकी थी, जिसपर मानसिंह ने क़रार किया था कि देरावरी के उदर से पुत्र उत्पन्न होगा तो वही जोधपुर राज्य का स्वामी होगा और मैं जालोर चला जाऊंगा । राजपूत जाति के इतिहास में अपने स्वार्थों की हानि होने की अवस्था में इक़रार को तोड़ देने के अनेक उदाहरण मिलते हैं। ऐसी अवस्था में भीमसिंह की राखियों का मानसिंह पर, जिसके साथ पहले से ही उनकी शत्रुता थी, विश्वास होना कठिन था। इस प्रकार संदेह के वशीभूत होकर वे चांपासे सणी के गोस्वामी की शरण में चली गईं और जब वहां से सरदारों के श्राग्रह लौटीं तो जोधपुर के दुर्ग में न जाकर नगर के महलों में ठहरीं, जहां मानसिंह की तरफ़ से कड़ा प्रबंध कर दिया गया । फिर माघ वदि में देरावरी राणी के पुत्रं उत्पन्न हुआ, जो मानसिंह द्वारा मरवाये जाने के भय से गुप्त रूप से भाटी छन्नसिंह के | सवाईसिंह के मारे जाने की ख़बर पोकरण पहुंचने पर उसका पुत्र सालिमसिंह सेना एकत्रकर फलोधी पहुंचा और उधर के गावों का रिपोर्ट ऑॉन् दि प्राविंस ऑॉव् मालवा एंड एडज्वाइनिंग डिस्ट्रिक्ट्स; पृशून्य एक सौ सैंतालीस-आठ । टॉड; राजस्थान; जिशून्य दो, पृशून्य एक हज़ार छियासी-साठ । वीरविनोद; भाग दो, पृशून्य आठ सौ चौंसठ । जोधपुर राज्य की ख्यात में लिखा है कि सवाईसिंह आदि के मारे जाने की घटना चैत्र सुदि तीन को हुई । उस समय सवाईसिंह श्रादि सरदारों के साथ के छः-सात सौ श्रादी मारे गये । "वंशभास्कर" में लिखा है कि श्रमीरखां ने सरदारों के साथ मंत्रणा करने के लिए एक शिविर तनवाया था, जिसके फ़र्श के नीचे बारूद विछाया गया था । सवाईसिंह आदि के मारे जाने के विषय में नीचे लिखा पद्य प्रसिद्ध है, जिससे पाया जाता है कि यदि अमीरखां ने उनके साथ विश्वासघात न किया होता तो उसको उनके बाहुबल का परिचय मिलतामियां जो दीधी मीरखां, कमधां वीच कुरान । रह्या भरोसे रामरे, पड़ती खवर पठान ।। ख्यातों आदि में ठाकुर सवाईसिंह को प्रत्येक स्थल पर महाराजा मानसिंह के समय होनेवाले उपद्रवों का मूल कारण बतलाया है । वस्तुतः भूतपूर्व महाराजा भीमसिंह की मृत्यु के बाद उसकी देरावरी राणी के उदर से पुत्र उत्पन्न होने के कारण प्रधान के पद का दायित्व निवाहते हुए वह नवजात शिशु के राज्य का वास्तविक अधिकारी होने से ही उसके स्वत्वों की रक्षा के लिए मानसिंह का विरोधी हुआ होगा । जैसा कि ऊपर बतलाया गया है। मानसिंह के गद्दी बैठने के पूर्व ही भीमसिंह की देरावरी राणी के गर्भ होने की बात प्रकट हो चुकी थी, जिसपर मानसिंह ने क़रार किया था कि देरावरी के उदर से पुत्र उत्पन्न होगा तो वही जोधपुर राज्य का स्वामी होगा और मैं जालोर चला जाऊंगा । राजपूत जाति के इतिहास में अपने स्वार्थों की हानि होने की अवस्था में इक़रार को तोड़ देने के अनेक उदाहरण मिलते हैं। ऐसी अवस्था में भीमसिंह की राखियों का मानसिंह पर, जिसके साथ पहले से ही उनकी शत्रुता थी, विश्वास होना कठिन था। इस प्रकार संदेह के वशीभूत होकर वे चांपासे सणी के गोस्वामी की शरण में चली गईं और जब वहां से सरदारों के श्राग्रह लौटीं तो जोधपुर के दुर्ग में न जाकर नगर के महलों में ठहरीं, जहां मानसिंह की तरफ़ से कड़ा प्रबंध कर दिया गया । फिर माघ वदि में देरावरी राणी के पुत्रं उत्पन्न हुआ, जो मानसिंह द्वारा मरवाये जाने के भय से गुप्त रूप से भाटी छन्नसिंह के |
स्पेन में आने जाने के साधन
पश्चिमी सभ्यता तो प्रसिद्ध ही है । और स्पेन में इस सभ्यता के सर्व प्रकार के गमनागमन के साधन प्रयोग किये जाते हैं ।
सब से पहिले तो रेल ही आयेगी क्योंकि रेलें संसार के हर एक देश में लम्बी यात्राओं के वास्ते बना दी गई हैं ।
PFORD WOMERS
मेड्रिड में एक सड़क का दृश्य
स्पेन में रेलें अच्छी भी हैं और बुरी भी । दूर जाने वाली एक्सप्रेस गाड़ियां बहुत आराम की होती हैं। सीटें ( बैठने की जगह ) काफी चौड़ी होती हैं। रात को बैठने या लेटने के लिये उनके आगे खींच कर अधिक चौड़ा कर सकते हैं । तथापि यह गाड़ियां अन्य योरुपीय देशों की रेलों की अपेक्षा ( ५३ ) | स्पेन में आने जाने के साधन पश्चिमी सभ्यता तो प्रसिद्ध ही है । और स्पेन में इस सभ्यता के सर्व प्रकार के गमनागमन के साधन प्रयोग किये जाते हैं । सब से पहिले तो रेल ही आयेगी क्योंकि रेलें संसार के हर एक देश में लम्बी यात्राओं के वास्ते बना दी गई हैं । PFORD WOMERS मेड्रिड में एक सड़क का दृश्य स्पेन में रेलें अच्छी भी हैं और बुरी भी । दूर जाने वाली एक्सप्रेस गाड़ियां बहुत आराम की होती हैं। सीटें काफी चौड़ी होती हैं। रात को बैठने या लेटने के लिये उनके आगे खींच कर अधिक चौड़ा कर सकते हैं । तथापि यह गाड़ियां अन्य योरुपीय देशों की रेलों की अपेक्षा |
अलीगढ़. बाइक चला रहे साले के साथ जीजा की कुछ ऐसी अनबन हुई कि गुस्साये जीजा ने साले पर गोलियां बरसा दी. जीजा ने साले को पीछे से तड़ातड़ सिर में दो गोलियां मार दी. चलती बाइक पर तमंचे से धड़ाधड़ दो गोली लगते ही उसका साला खून से लथपथ होकर सड़क पर गिर पड़ा, जिसके बाद इलाके में गोली चलने की आवाज सुनते ही लोगों की भीड़ मौके पर जुट गई ओर सूचना पुलिस को दी. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और सिर में दो गोली लगने के बाद घायल को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों की देखरेख में घायल साले का उपचार जारी है.
साले को गोली मारने की ये घटना यूपी के अलीगढ़ की है. पुलिस ने आरोपी जीजा दुष्यंत को गिरफ्तार करते हुए उसके कब्जे से वारदात में इस्तेमाल किया गया अवैध तमंचा भी बरामद किया है. पूरा मामला पत्नी का मंगलसूत्र गायब होने से जुड़ा है, जिसके बाद दोनों जीजा-साले बाइक पर सवार होकर जा रहे थे, तभी चलती हुई बाइक पर जीजा ओर साले के बीच गायब किए गए मंगलसूत्र को लेकर कहासुनी हो गई. मंगलसूत्र को लेकर हुए विवाद के बाद चलती बाइक पर ही जीजा ने अवैध तमंचा निकाल कर इस घटना को अंजाम दिया.
उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर के थाना डिबाई क्षेत्र के गांव इंदरगढ़ी निवासी दुष्यंत, यूपी के कासगंज जिले के थाना ढोलना क्षेत्र के महारावल गांव निवासी राजकुमार दोनों जीजा-साले बाइक पर सवार होकर जनपद अलीगढ़ के थाना हरदुआगंज क्षेत्र के इमलानी गांव रिश्तेदारी में आए हुए थे, जिसके बाद दोनों जीजा साले बाइक पर सवार होकर थाना हरदुआगंज क्षेत्र के कस्बा जलाली की तरफ जा रहे थे. बताया जा रहा है कि साला राजकुमार बाइक चला रहा था जबकि बुलंदशहर निवासी उसका जीजा दुष्यंत बाइक पर पीछे बैठा हुआ था. तभी चलती बाइक पर पत्नी का मंगलसूत्र गायब होने को लेकर जीजा ओर साले के बीच कहासुनी हो गई, इसके बाद चलती बाइक पर पत्नी का मंगलसूत्र गायब करने का साले पर आरोप लगाने वाला जीजा आक्रोशित हो गया और उसको मंगलसूत्र गायब करने की यह बात नागवार गुजर गई.
जिसके बाद उसने भटोला गांव के स्थित माइनर पर बाइक पहुंचते ही अवैध तमंचा निकालकर बाइक चला रहे साले राजकुमार के सिर में एक के बाद एक दो गोली मार दी. जीजा द्वारा सिर में मारी गई दो गोली लगते ही साला खून से लथपथ होकर सड़क पर गिर पड़ा. ग्रामीण दौड़कर घटनास्थल पर पहुंच गए तो देखा गोली लगने के बाद युवक जमीन पर पड़ा था. पुलिस को सूचना मिलते ही थानाअध्यक्ष भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और लोगों की मदद से खून से लथपथ जमीन पर पड़े घायल युवक राजकुमार को आनन-फानन में एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में उपचार हेतु भर्ती कराया.
लोगों द्वारा घायल के पास से मिले मोबाइल नंबर के आधार पर उसके साथ हुई घटना की सूचना कासगंज फोन कर परिवार के लोगों को दी गई.
जीजा-साले के बीच हुए इस गोलीकांड की घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. सूचना पर मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा गोलीकांड की वारदात को अंजाम देने वाले जीजा दुष्यंत को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी जीजा दुष्यंत ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके साले ने अपनी बहन का मंगलसूत्र गायब कर लिया था. पत्नी का गायब मंगलसूत्र साले से वापस मांगने को लेकर विवाद हो गया, जिस पर उसने अपने साले को गोली मार दी. जुर्म कबूल किए जाने के बाद पुलिस ने आरोपी के कब्जे से घटना में इस्तेमाल किया अवैध तमंचा भी बरामद कर लिया है.
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| अलीगढ़. बाइक चला रहे साले के साथ जीजा की कुछ ऐसी अनबन हुई कि गुस्साये जीजा ने साले पर गोलियां बरसा दी. जीजा ने साले को पीछे से तड़ातड़ सिर में दो गोलियां मार दी. चलती बाइक पर तमंचे से धड़ाधड़ दो गोली लगते ही उसका साला खून से लथपथ होकर सड़क पर गिर पड़ा, जिसके बाद इलाके में गोली चलने की आवाज सुनते ही लोगों की भीड़ मौके पर जुट गई ओर सूचना पुलिस को दी. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और सिर में दो गोली लगने के बाद घायल को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों की देखरेख में घायल साले का उपचार जारी है. साले को गोली मारने की ये घटना यूपी के अलीगढ़ की है. पुलिस ने आरोपी जीजा दुष्यंत को गिरफ्तार करते हुए उसके कब्जे से वारदात में इस्तेमाल किया गया अवैध तमंचा भी बरामद किया है. पूरा मामला पत्नी का मंगलसूत्र गायब होने से जुड़ा है, जिसके बाद दोनों जीजा-साले बाइक पर सवार होकर जा रहे थे, तभी चलती हुई बाइक पर जीजा ओर साले के बीच गायब किए गए मंगलसूत्र को लेकर कहासुनी हो गई. मंगलसूत्र को लेकर हुए विवाद के बाद चलती बाइक पर ही जीजा ने अवैध तमंचा निकाल कर इस घटना को अंजाम दिया. उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर के थाना डिबाई क्षेत्र के गांव इंदरगढ़ी निवासी दुष्यंत, यूपी के कासगंज जिले के थाना ढोलना क्षेत्र के महारावल गांव निवासी राजकुमार दोनों जीजा-साले बाइक पर सवार होकर जनपद अलीगढ़ के थाना हरदुआगंज क्षेत्र के इमलानी गांव रिश्तेदारी में आए हुए थे, जिसके बाद दोनों जीजा साले बाइक पर सवार होकर थाना हरदुआगंज क्षेत्र के कस्बा जलाली की तरफ जा रहे थे. बताया जा रहा है कि साला राजकुमार बाइक चला रहा था जबकि बुलंदशहर निवासी उसका जीजा दुष्यंत बाइक पर पीछे बैठा हुआ था. तभी चलती बाइक पर पत्नी का मंगलसूत्र गायब होने को लेकर जीजा ओर साले के बीच कहासुनी हो गई, इसके बाद चलती बाइक पर पत्नी का मंगलसूत्र गायब करने का साले पर आरोप लगाने वाला जीजा आक्रोशित हो गया और उसको मंगलसूत्र गायब करने की यह बात नागवार गुजर गई. जिसके बाद उसने भटोला गांव के स्थित माइनर पर बाइक पहुंचते ही अवैध तमंचा निकालकर बाइक चला रहे साले राजकुमार के सिर में एक के बाद एक दो गोली मार दी. जीजा द्वारा सिर में मारी गई दो गोली लगते ही साला खून से लथपथ होकर सड़क पर गिर पड़ा. ग्रामीण दौड़कर घटनास्थल पर पहुंच गए तो देखा गोली लगने के बाद युवक जमीन पर पड़ा था. पुलिस को सूचना मिलते ही थानाअध्यक्ष भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए और लोगों की मदद से खून से लथपथ जमीन पर पड़े घायल युवक राजकुमार को आनन-फानन में एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में उपचार हेतु भर्ती कराया. लोगों द्वारा घायल के पास से मिले मोबाइल नंबर के आधार पर उसके साथ हुई घटना की सूचना कासगंज फोन कर परिवार के लोगों को दी गई. जीजा-साले के बीच हुए इस गोलीकांड की घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. सूचना पर मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा गोलीकांड की वारदात को अंजाम देने वाले जीजा दुष्यंत को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी जीजा दुष्यंत ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसके साले ने अपनी बहन का मंगलसूत्र गायब कर लिया था. पत्नी का गायब मंगलसूत्र साले से वापस मांगने को लेकर विवाद हो गया, जिस पर उसने अपने साले को गोली मार दी. जुर्म कबूल किए जाने के बाद पुलिस ने आरोपी के कब्जे से घटना में इस्तेमाल किया अवैध तमंचा भी बरामद कर लिया है. . |
कार्ड में आज - यह सिर्फ एक सुंदर कार्ड, और एक ही विषय है, जो आपके व्यक्तित्व पर जोर देती है, समाज में अपनी स्थिति नहीं है, और सामान्य रूप में आप के बारे में बहुत बता सकते हैं।
एक बिजनेस कार्ड व्यापार व्यक्ति नहीं है - यह बुरा प्रपत्र के नियमों के लिए कहा जा सकता है, तो आप और विज्ञापनों की एक बड़ी संख्या "टाइपोग्राफी, क्रास्नोडार" इसलिए लगभग सभी बड़े शहरों, जो विकास, डिजाइन और व्यापार कार्ड के मुद्रण में संलग्न हैं देख सकते हैं, क्योंकि उनके लिए मांग भारी है । लेकिन कहाँ और कैसे इस उच्च मांग उत्पाद था? इतिहास के पन्नों के माध्यम से फ्लिप।
हम पूर्ण विश्वास के साथ एक छोटी सी के इतिहास के तथ्यों का दावा करने का कार्य नहीं करते, लेकिन जैसा कि हम विभिन्न ऐतिहासिक स्रोतों से पता है, व्यवसाय कार्ड 2,500 साल पहले प्राचीन चीन में जन्म लिया है। बनाना बांस या लकड़ी से छोटे उत्पादित और खड़ी लिखा पात्रों के साथ एक पतला प्लेट है। बाद में, यह अंत करने के लिए हम रेशम का इस्तेमाल शुरू किया। पाठ व्यवसाय कार्ड पर लिखा, उसके मालिक के बारे में संक्षिप्त जानकारी है, साथ ही अनुरोध या यात्रा के विषय बाहर स्थापित शामिल थे। कार्ड हर मामले के लिए व्यक्तिगत रूप से तैयार है, और इस कार्ड बहुत सारा पैसा लायक था।
फ़्रांस में, व्यवसाय कार्ड 17 वीं सी में दिखाई दिया। , Louis XIV, जो बाद में शिष्टाचार के बंधन नियमों में प्रवेश के शासनकाल के दौरान। इस तरह के एक सहायक की उच्च लागत के कारण, वे फैशन बन गया और अपने मालिक के अच्छे स्वाद के बारे में बात की थी। विनिर्माण एक छोटे से अदालत चित्रकार में लगे हुए, प्रत्येक कार्ड अद्वितीय बना रही है। इस प्रकार, कार्ड खिताब, शीर्षक, जवाहरात के लिए एक महत्वपूर्ण पूरक है और अपने मालिक का सम्मान करता है।
रूस में, व्यवसाय कार्ड के दौरान लोकप्रिय हो गए हैं कैथरीन द्वितीय के शासनकाल। वे मालिक की नेक मूल, साथ ही इसकी स्थिति पर बल दिया।
19 वीं सदी कस्टम व्यवसाय कार्ड की दूसरी छमाही के बाद से कर रहे हैं और इसलिए, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध।
फिर, के बाद क्रांतिकारी रूस व्यापार कार्ड में लंबे भूल गया है और केवल 20 वीं सदी के 80 के दशक के अंत में अपने पुनरुद्धार शुरू कर दिया।
वर्तमान में, व्यवसाय कार्ड व्यापार व्यक्ति, सामान्य रूप में व्यापार दुनिया का एक अभिन्न हिस्सा है। बिजनेस कार्ड, क्रास्नोडार - पाठ की तरह, लोगों को अक्सर इंटरनेट की खोज पट्टी में, लिखते हैं, और शहर यहाँ के रूप में आप जानते हैं, कोई भी, जिसे एक बार फिर से के लिए की जरूरत है और इस उत्पाद का महत्व पर जोर हो सकती है। चूंकि यह विशेषता व्यवसाय से जुड़े लोगों के बहुमत में है, व्यवसाय कार्ड डिजाइन अपने स्वयं के कानूनों और नियम हैं। टाइपोग्राफी, क्रास्नोडार कंपनी 'itdo ", व्यापार कार्ड बनाने के ग्राहक के लक्ष्यों पर निर्भर करता है, सामान्य रूप में डिजाइन और उपस्थिति को विकसित करने, के बाद से आधुनिक मुद्रण अब मुद्रण व्यवसाय कार्ड की एक विस्तृत विविधता पेशकश कर रहा है, नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग कर के नियमों को जानने के।
| कार्ड में आज - यह सिर्फ एक सुंदर कार्ड, और एक ही विषय है, जो आपके व्यक्तित्व पर जोर देती है, समाज में अपनी स्थिति नहीं है, और सामान्य रूप में आप के बारे में बहुत बता सकते हैं। एक बिजनेस कार्ड व्यापार व्यक्ति नहीं है - यह बुरा प्रपत्र के नियमों के लिए कहा जा सकता है, तो आप और विज्ञापनों की एक बड़ी संख्या "टाइपोग्राफी, क्रास्नोडार" इसलिए लगभग सभी बड़े शहरों, जो विकास, डिजाइन और व्यापार कार्ड के मुद्रण में संलग्न हैं देख सकते हैं, क्योंकि उनके लिए मांग भारी है । लेकिन कहाँ और कैसे इस उच्च मांग उत्पाद था? इतिहास के पन्नों के माध्यम से फ्लिप। हम पूर्ण विश्वास के साथ एक छोटी सी के इतिहास के तथ्यों का दावा करने का कार्य नहीं करते, लेकिन जैसा कि हम विभिन्न ऐतिहासिक स्रोतों से पता है, व्यवसाय कार्ड दो,पाँच सौ साल पहले प्राचीन चीन में जन्म लिया है। बनाना बांस या लकड़ी से छोटे उत्पादित और खड़ी लिखा पात्रों के साथ एक पतला प्लेट है। बाद में, यह अंत करने के लिए हम रेशम का इस्तेमाल शुरू किया। पाठ व्यवसाय कार्ड पर लिखा, उसके मालिक के बारे में संक्षिप्त जानकारी है, साथ ही अनुरोध या यात्रा के विषय बाहर स्थापित शामिल थे। कार्ड हर मामले के लिए व्यक्तिगत रूप से तैयार है, और इस कार्ड बहुत सारा पैसा लायक था। फ़्रांस में, व्यवसाय कार्ड सत्रह वीं सी में दिखाई दिया। , Louis XIV, जो बाद में शिष्टाचार के बंधन नियमों में प्रवेश के शासनकाल के दौरान। इस तरह के एक सहायक की उच्च लागत के कारण, वे फैशन बन गया और अपने मालिक के अच्छे स्वाद के बारे में बात की थी। विनिर्माण एक छोटे से अदालत चित्रकार में लगे हुए, प्रत्येक कार्ड अद्वितीय बना रही है। इस प्रकार, कार्ड खिताब, शीर्षक, जवाहरात के लिए एक महत्वपूर्ण पूरक है और अपने मालिक का सम्मान करता है। रूस में, व्यवसाय कार्ड के दौरान लोकप्रिय हो गए हैं कैथरीन द्वितीय के शासनकाल। वे मालिक की नेक मूल, साथ ही इसकी स्थिति पर बल दिया। उन्नीस वीं सदी कस्टम व्यवसाय कार्ड की दूसरी छमाही के बाद से कर रहे हैं और इसलिए, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध। फिर, के बाद क्रांतिकारी रूस व्यापार कार्ड में लंबे भूल गया है और केवल बीस वीं सदी के अस्सी के दशक के अंत में अपने पुनरुद्धार शुरू कर दिया। वर्तमान में, व्यवसाय कार्ड व्यापार व्यक्ति, सामान्य रूप में व्यापार दुनिया का एक अभिन्न हिस्सा है। बिजनेस कार्ड, क्रास्नोडार - पाठ की तरह, लोगों को अक्सर इंटरनेट की खोज पट्टी में, लिखते हैं, और शहर यहाँ के रूप में आप जानते हैं, कोई भी, जिसे एक बार फिर से के लिए की जरूरत है और इस उत्पाद का महत्व पर जोर हो सकती है। चूंकि यह विशेषता व्यवसाय से जुड़े लोगों के बहुमत में है, व्यवसाय कार्ड डिजाइन अपने स्वयं के कानूनों और नियम हैं। टाइपोग्राफी, क्रास्नोडार कंपनी 'itdo ", व्यापार कार्ड बनाने के ग्राहक के लक्ष्यों पर निर्भर करता है, सामान्य रूप में डिजाइन और उपस्थिति को विकसित करने, के बाद से आधुनिक मुद्रण अब मुद्रण व्यवसाय कार्ड की एक विस्तृत विविधता पेशकश कर रहा है, नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग कर के नियमों को जानने के। |
Baikunthpur Politics News: बैकुंठपुर(नईदुनिया न्यूज)। बैकुंठपुर विधानसभा के विधायक एवं संसदीय सचिव के पति के पोस्ट ने क्षेत्र कि राजनीतिक सरगर्मी ला दिया है। बुधवार की सुबह किए गए पोस्ट को लेकर अब बैकुंठपुर शहर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कोई इसे राजनीतिक स्टंट बाजी बता रहा है तो कोई कांग्रेस के विधायक की गिरती साख को संभालने का स्टंट बता रहा है।
बैकुंठपुर विधायक व संसदीय सचिव अंबिका सिंह देव के पति अमितावो कुमार घोष द्वारा बुधवार की सुबह करीब 7 बजे किया गए फेसबुक मार्मिक पोस्ट में उन्होंने अपनी धर्मपत्नी से अपील की है कि वे सक्रिय राजनीति छोड़ दें, इस्तीफा दे दें। विधायक के पति द्वारा किया गया यह पोस्ट सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है।
बैकुंठपुर विधायक के पति अमितावो कुमार घोष ने फेसबुक पोस्ट में 'मुझे भी कुछ कहना है। की हेडिंग के साथ लिखा है कि श्रीमती अंबिका सिंहदेव, बैकुंठपुर (कोरिया) की विधायक व छत्तीसगढ़ के संसदीय सचिव होने के साथ-साथ मेरी धर्मपत्नी भी हैं। पिछले 26 साल से (1996-2023) हम एक-दूसरे को 51 साल से जानते हैं (1972-2023) हमारे दो बेटे आर्यमान जय घोष व अनिरुद्ध घोष भी है- 20 और 18 साल के। उन्होंने आगे लिखा है कि आज मैं मेरी धर्मपत्नी व हमारे बच्चों की मां से अनुरोध करता हूं कि वो सक्रिय राजनीति छोड़ दें/इस्तीफा दे दें।
इस संबंध में पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े ने कटाक्ष करते हुए कहा कि संसदीय सचिव की पकड़ जनता में नहीं रह गई है । बीते महीने जिला पंचायत उपचुनाव में कांग्रेस एवं स्थानीय विधायक की स्थिति बताने के लिए काफी था आगामी विधानसभा में इनका सूपड़ा साफ होना तय है। इसीलिए अब यह विधानसभा की दावेदारी से हटने के लिए सुरक्षित सस्ता ढूंढ रही हैं।
| Baikunthpur Politics News: बैकुंठपुर। बैकुंठपुर विधानसभा के विधायक एवं संसदीय सचिव के पति के पोस्ट ने क्षेत्र कि राजनीतिक सरगर्मी ला दिया है। बुधवार की सुबह किए गए पोस्ट को लेकर अब बैकुंठपुर शहर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कोई इसे राजनीतिक स्टंट बाजी बता रहा है तो कोई कांग्रेस के विधायक की गिरती साख को संभालने का स्टंट बता रहा है। बैकुंठपुर विधायक व संसदीय सचिव अंबिका सिंह देव के पति अमितावो कुमार घोष द्वारा बुधवार की सुबह करीब सात बजे किया गए फेसबुक मार्मिक पोस्ट में उन्होंने अपनी धर्मपत्नी से अपील की है कि वे सक्रिय राजनीति छोड़ दें, इस्तीफा दे दें। विधायक के पति द्वारा किया गया यह पोस्ट सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। बैकुंठपुर विधायक के पति अमितावो कुमार घोष ने फेसबुक पोस्ट में 'मुझे भी कुछ कहना है। की हेडिंग के साथ लिखा है कि श्रीमती अंबिका सिंहदेव, बैकुंठपुर की विधायक व छत्तीसगढ़ के संसदीय सचिव होने के साथ-साथ मेरी धर्मपत्नी भी हैं। पिछले छब्बीस साल से हम एक-दूसरे को इक्यावन साल से जानते हैं हमारे दो बेटे आर्यमान जय घोष व अनिरुद्ध घोष भी है- बीस और अट्ठारह साल के। उन्होंने आगे लिखा है कि आज मैं मेरी धर्मपत्नी व हमारे बच्चों की मां से अनुरोध करता हूं कि वो सक्रिय राजनीति छोड़ दें/इस्तीफा दे दें। इस संबंध में पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े ने कटाक्ष करते हुए कहा कि संसदीय सचिव की पकड़ जनता में नहीं रह गई है । बीते महीने जिला पंचायत उपचुनाव में कांग्रेस एवं स्थानीय विधायक की स्थिति बताने के लिए काफी था आगामी विधानसभा में इनका सूपड़ा साफ होना तय है। इसीलिए अब यह विधानसभा की दावेदारी से हटने के लिए सुरक्षित सस्ता ढूंढ रही हैं। |
के अर्धच्छेद मिलाए भी सूच्यगुल के अर्धच्छेदनि ते दूणे प्रतरागुल के अच्छेदहा है । बहुरि 'वग्गसला रूवहिया इस सूत्र करि वर्गशलाका ऊपरला स्थान विषे एक अधिक होइ, तातै इहा सूच्यगुल के अनतर प्रतरागुल का वर्गस्थान है, तातै सूच्यगुल की वर्गशलाका ते एक अधिक प्रतरागुल की वर्गशलाका है । बहुरि घनागुल है, सो द्विरूप घनधारा विषै प्राप्त है, सो यहु अन्य धारा विषै उत्पन्न है, सो 'तिगुणा तिगुणा परट्ठाणे' इस सूत्र करि अन्य धारा का ऊपरला स्थान विपै तिगुणा-तिगुणा अर्धच्छेद होहि, ताते सूच्यगुल के अर्धच्छेदन तै तिगुणे घनागुल के अर्धच्छेद है । अथवा तीन जायगा सूच्यगुल माडि परस्पर गुरणे, घनागुल हो है । तातै गुण्य-गुरणकार रूप तीन मूच्यगुल, तिनका अर्धच्छेद जोड़े भी घनागुल के अर्धच्छेद तितने ही हो है । बहुरि 'परसम' इस सूत्र करि अन्य धारा विषै वर्गशलाका समान हो है । सो इहा द्विरूप वर्गधारा विषै जेथवा स्थान विषै सूच्यगुल है, तेथवा ही स्थान विपै द्विरूप घनधारा विषै घनागुल है । तातै जेती सूच्यगुल की वर्गशलाका, तितनी ही घनागुल की वर्गशलाका जानना । बहुरि जगत्श्रेणी है, सो द्विरूप घनधारा विषे प्राप्त है, सो या अर्धच्छेद वर्गशलाका अन्य धारा विषै उपजै है । तहा 'विरलज्जमारणरासि दिण्णस्सद्धद्धिदीहि संगुरिगदे लद्धछेदा होंति' इस सूत्र करि विरलनरूप राशि को देय राशि का अर्धच्छेदन करि गुणे लब्ध राशि के अर्धच्छेद होहि । तातै इहा विरलन राशि पल्य का अर्धच्छेदनि का असख्यातवा भाग, ताको देय राशि धनागुल, ताके अर्धच्छेदनि करि गुणै जो प्रमाण होइ, तितने जगत् श्रेणी के अर्धच्छेद है । बहुरि दूरगा जघन्य परीतासख्यात का भाग श्रद्धा पल्य की वर्गशलाका को दीए जो प्रमाण होइ, तितना विरलन राशि का प्रर्धच्छेद है । ताकौ देय राशि घनागुल की वर्गशलाका विषे जोडै जो प्रमाण होड, तितनी जगत् श्रेणी की वर्गशलाका है । अथवा जगत्श्रेणी विपे देय राणि घनागुल, तीहिरूप द्विरूप घनधारा का स्थान तै ऊपरि विरलन राशि पल्य का अच्छेदन का सख्यातवा भाग, ताके जेते अर्धच्छेद होइ, तितने वर्गस्थान जाइ जगत्श्रेणीरूप स्थान उपजै है । तातै भी जगत् श्रेणी की वर्गशलाका पूर्वोक्त प्रमाण जाननी ।
सो जगत्श्रेणी विषै विरलन राशि का प्रमाण कितना है ?
सो कहिए है, श्रद्धा पल्य का जो अर्धच्छेद राशि ताका प्रथम वर्गमूल, द्वितीय वर्गमूल इत्यादि क्रम ते दूरगा जघन्य परीतासख्यात के जेते अर्धच्छेद होहि, तितने
वर्गमूल करने, सो द्विरूप वर्गधारा के स्थाननि विपे पल्य का अर्धच्छेदरूप स्थान ते नीचे तितने स्थान अत विषै जो वर्गमूलरूप स्थान होइ, ताके अर्धच्छेद दूरगा जघन्य परीतासख्यात का भाग पल्य की वर्गशलाका को दीये जो प्रमाण होइ, तितने होइ । बहुरि 'तम्मित्तदुगे गुणेरासी' इस सूत्र करि अर्धच्छेदनि का जेता प्रमाण, तितने दुवे माडि परस्पर गुणे राणि होइ, सो इहा पल्य की दर्गशलाका का प्रमारण भाज्य है, सो तितने दुवे माडि परस्पर गुणे तो पल्य का अर्धच्छेद राशि होय, अराजघन्य परीतासख्यात का प्रमाण भागहार है, सो तितने दुवे माडि परस्पर गुरणे यथासंभव असख्यात होड । प्रैसै तिस प्रत के मूल का प्रमाण पल्य के अर्धच्छेदनि के असख्यातवे भाग प्रमाण जानना, सोई इहा जगत्श्रेणी विषै विरलन राशि है । वहुरि जगत्प्रतर हे, सो द्विरूप घनधारा विपै प्राप्त हे, सो याके अर्धच्छेद वर्गशलाका अन्य धारानि विषै प्राप्त जानने । तहा जगत्श्रेणी के अर्धच्छेदनि ते दूर्ण जगत्प्रतर के अर्धच्छेद है । 'वग्गसला रूवहिया' इस सूत्र करि जगत्श्रेणी की वर्गशलाका ते एक अधिक जगत् प्रतर की वर्गशलाका है । बहुरि घनरूप लोक, सो द्विरूप घनाघन धारा विषै उपजै है । तहा 'तिगुणा तिगुणा परट्टा इस सूत्र करि द्विरूप घनधारा विषे प्राप्त जो जगत्श्रेणी, ताके अर्धच्छेदनि तै लोक के अर्धच्छेद तिगुणे जानने । अथवा तीन जायगा जगत्श्रेणी माडि परस्पर गुणे लोक होइ, सो गुण्य-गुणकार तीन जगत्श्रेणी के अर्धच्छेद जोडे भी तितने ही लोक के अर्धच्छेद हो हे । बहुरि 'परसम' इस सूत्र करि जगत् धरणी की वर्गशलाका मात्र ही लोक की वर्गशलाका है । इहा प्रयोजनरूप गाथा सूत्र कहिये है । उक्त च
गुरणयारद्धच्छेदा, गुरिणज्जमारपस्स श्रद्धच्छेदजुदा । लद्धस्सद्धच्छेदा, श्रहियस्तच्छेदरणा पत्थि ॥
याका अर्थ - गुरणकार के अर्धच्छेद गुण्यराशि के अर्धच्छेद सहित जोड़े लब्धराशि के अर्धच्छेद होहि । जैसे गुणकार आठ, ताके अर्धच्छेद तीन अर गुण्य सोलह, ताके अर्धच्छेद च्यारि, इनिकी जोड़े लब्धराशि एक सो अठ्ठाईस के अर्धच्छेद सात हो है । जैसे ही गुणकार दश कोडाकोडि के सख्यात अर्धच्छेद गुण्यराशि पल्य, ताके अर्धच्छेदनि मे जोड़ें, लब्धराशि सागर के अर्धच्छेद हो है । बहुरि अधिक के छेद नाही हैं, काहेतै सो कहिये है, अर्धच्छेदन के अच्छे प्रमाण वर्गशलाका होइ, सो इहा पल्य के अर्धच्छेदनि ते सख्यात अर्धच्छेद सागर के अधिक कहे । सो इनिअधिक अच्छेदन के
अर्धच्छेद होइ, परन्तु वर्गशलाकारूप प्रयोजन की सिद्धि नाही, तातै अधिक के अच्छेद नाही करने जैसा कह्या, याही ते सांगर की वर्गशलाका का
भज्जस्सद्धछेदा, हारद्धछेदरगाह परिहीणा । अद्धच्छेदसलागा, लद्धस्स हवति सव्वत्थ ।।
अर्थ - भाज्यराशि के अर्धच्छेद भागहार के अच्छेदनि करि हीन करिए, तब लब्धराशि की अर्धच्छेद शलाका सर्वत्र हो है । जैसे एक सौ अट्ठाईस के भाज्य के अर्धच्छेद सात, इनमे भागहार आठ के तीन अर्धच्छेद घटाए लब्धराशि सोलह के च्यारि अर्धच्छेद हो है, से ही अन्यत्र जानना ।
विरलज्जमारगरासि, दिण्णस्सद्धच्छिदीहि संगुणिदे । श्रद्धच्छेदा होति हु, सव्वत्थुपण्णरासिस्स ।।
अर्थ- विरलन राशि की देय राशि के अर्धच्छेदन करि गुण उत्पन्न राशि के अर्धच्छेद सर्वत्र हो है । जैसे- विरलन राशि च्यारि, ताकौ देय राशि सोलह के अर्धच्छेद च्यारि करि ( गुणे ) उत्पन्न राशि परगट्टी के सोलह अर्धच्छेद हो है ।
भी पल्य अर्धच्छेद प्रमाण विरलन राशि को देय राशि पल्य, ताके अर्धच्छेदनि करि गुणे उत्पन्न राशि सूच्यगुल के अर्धच्छेद हो है । जैसे ही अन्यत्र जानना ।
विरलिदराशिच्छेदा, दिण्णद्धच्छेदच्छेदसंमिलिदा । वग्गसलागपमाणं, होति समुप्पण्णरासिस्स ।।
अर्थ - विरलन राशि के अर्धच्छेद देय राशि के अर्धच्छेदन के अर्धच्छेदनि करि सहित जोड़े उत्पन्न राशि की वर्गशलाका का प्रमारण हो है । जैसे विरलन राशि च्यारि के अर्धच्छेद दोय अर देय राशि सोलह के अर्धच्छेद च्यारि, तिनिके अर्धच्छेद दोय, इनको मिलाए उत्पन्न राशि परगट्ठी की वर्गशलाका च्यारि हो है । सही विरलन राशि पत्य के अच्छेद, तिनिके अर्धच्छेद तिनिविषै देय राशि पल्य, ताके अर्धच्छेदन के अर्धच्छेद जोडे उत्पन्न राशि सूच्यगुल के वर्गशलाका का प्रमाण हो है। जैसे ही अन्यत्र जानना ।
दुगुरगपरित्तास खेरगवहरिदद्धारपल्लवग्गसला । विदंगुलवग्गसला, सहिया सेढिस्स वग्गसला ॥
। गोम्मटसार जीवकाण्ड गापा ११७
अर्थ- दूणा जघन्य परीतासख्यात का भाग श्रद्धा की वर्गशलाका को दीए जो प्रमाण होइ, तीहि करि सयुक्त घनागुल की वर्गशलाका का जो प्रमाण, तितनी जगत्श्रेणी की वर्गशलाका हो है ।
विरलिदरासीदो पुरण, जेत्तियमेत्तारिण श्रहियरूवारिग । तेसि अण्णोण्णहदी, गुणयारो लद्धरासिस्स ।।
विरलन राशि ते जेते अधिक रूप होइ, तिनिका परस्पर गुग्गन की ए लब्ध राशि का गुणकार होइ । जैसे च्यारि अर्धच्छेदरूप विरलन राशि पर तीन अर्धच्छेद अधिक राशि, तहा विरलन राशि के अच्छे प्रमाण दुवा माडि परस्पर गुणे २x२x२x२ सोलह १६ लब्ध राशि होइ । अधिक राशि तीन अर्धच्छेद प्रमाण दुवा माडि २x२x२ परस्पर गुणे आठ गुरगकार होय, सो लब्धि राशि को गुणकार करि गुर सात अर्धच्छेद जाका पाइए, जैसा एक सौ अट्ठाईस होइ । से ही पल्य के अर्धच्छेद विरलन राशि, सो इतने दूवा माडि परस्पर गुणे लब्ध राशि पल्य होइ अर अधिक राशि सख्यात अर्धच्छेद, सो इतने दुवे माडि परस्पर गुणे दश कोडाकोडि गुणकार होइ । सो पल्य को दश कोडाकोडि करि गुणे सागर का प्रमाण हो है । जैसे ही अन्यत्र जानना ।
विरलिदरासीदो पुण, जेत्तियमेत्तारिग हीरणरूवाणि ।
तेसि श्रष्णोण्णहदी, हारो उप्पण्णरासिस्स ।।
अर्थ विरलन राशि तै जेते हीनरूप होइ, तिनिका परस्पर गुरगन कीए उत्पन्न राशि का भागहार होइ । जैसे विरलन राशि अर्धच्छेद सात र हीनरूप अर्धच्छेद तीन, तहा विरलन राशिमात्र दुवा माडि २x२x२x२x२x२x२ परस्पर गुणे एक सी अट्ठाईस उत्पन्न राशि होइ । बहुरि हीनरूप प्रमाण दुवा माडि २x२×२ परस्पर गुणं आठ भागहार राशि होइ, सो उत्पन्न राशि को भागहाररूप राशि का भाग दीए च्यारि अर्धच्छेद जाका पाइए पैसा सोलह हो है, जैसे ही अन्यत्र जानना । मान वर्णन कीया ।
सो असे मान भेदनि करि द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव का परिमाण कीजिए है, सो जहा द्रव्य का परिमारण होइ, तहा तितने पदार्थ जुदे - जुदे जानने ।
बहुरि जहा क्षेत्र का परिमारण होय, तहा तितने प्रदेश जानने ।
जहा काल का परिमाग होड, तहा तितने समय जानने ।
जहा भाव का परिमारण होइ, तहा तितने अविभाग प्रतिच्छेद जानने ।
डहा दृष्टात कहिए है - जैसे हजार मनुष्य हैं, वैसा कहिए तहा वे हजार जुदे-जुदे जानने, तैसे द्रव्य परिमारण विषे जुदे-जुदे पदार्थ जानने ।
बहुरि जैसे यहु वस्त्र वीस हाथ है, तहा उस वस्त्र विषे वीस अंश जुदे-जुदे नाही, परन्तु एक हाथ जितना क्षेत्र रोकै, ताकी कल्पना करि वीस हाथ कहिए है । तैसे क्षेत्र परिमारण विषै जितना क्षेत्र परमाणु रोकै, ताको प्रदेश कहिए, ताकी कल्पना करि क्षेत्र का परिमारण कहिए हैं ।
बहुरि जैसे एक वर्ष के तीन से छ्यासठि दिन-रात्रि कहिए, तहा अखंडित काल प्रवाह् विपै ऋश है नाही, परन्तु सूर्य के उदय- ग्रस्त होने की अपेक्षा कल्पना करि कहिए है । तैसे काल परिमारण विषै जितने काल करि परमाणु मद गति करि एक प्रदेश ते दूसरे प्रदेश को जाइ, तीहि काल को समय कहिए । तीहि अपेक्षा कल्पना करि काल का परिमारण कहिए है ।
बहुरि जैसे यहु सोला वानी का सोना है, तहा उस सोना विपै सोला प्रश है नाही, तथापि एक वान के सोना विपै जैसे वरणादिक पाइए है, तिनकी अपेक्षा कल्पना करि कहिए है । तैसे भाव परिणाम विपै केवलज्ञानगम्य अति सूक्ष्म जाका दूसरा भाग न होड, असा कोई शक्ति का अश ताकी अविभाग प्रतिच्छेद कहिए, ताकी कल्पना करि भाव का परिमागग कहिए । मुख्य परिमाण तौ असे जानना, विशेष जैसा विवक्षित होइ, सो जानना ।
बहुरि जहा क्षेत्र परिमाण विषैली का परिमाण कहिए, तहा प्रावली के जेते समय होड, तितने तहा प्रदेश जानने ।
बहुरि काल परिमाण विपै जहा लोक परिमाण कहे, तहा लोक के जितने प्रदेश होइ, तितने समय जानने, इत्यादि जैसे जानने । बहुरि जहा सख्यात, असख्यात प्रनत सामान्यपर्न कहे, तहा तिनिका भेद यथायोग्य जानना ।
सर्वभेद कहने में न आवै, ज्ञानगम्य है, तातं कौन रीति सौ कहिए ?
परन्तु जैसे लोक विषै कहिए याके लाखा रुपैया छ, तहां अंमा जानिए, कोड्यो नाही, हजारों नाहीं, वैसे होनाधिक भाव करि स्थूल परिमाण जानना, | के अर्धच्छेद मिलाए भी सूच्यगुल के अर्धच्छेदनि ते दूणे प्रतरागुल के अच्छेदहा है । बहुरि 'वग्गसला रूवहिया इस सूत्र करि वर्गशलाका ऊपरला स्थान विषे एक अधिक होइ, तातै इहा सूच्यगुल के अनतर प्रतरागुल का वर्गस्थान है, तातै सूच्यगुल की वर्गशलाका ते एक अधिक प्रतरागुल की वर्गशलाका है । बहुरि घनागुल है, सो द्विरूप घनधारा विषै प्राप्त है, सो यहु अन्य धारा विषै उत्पन्न है, सो 'तिगुणा तिगुणा परट्ठाणे' इस सूत्र करि अन्य धारा का ऊपरला स्थान विपै तिगुणा-तिगुणा अर्धच्छेद होहि, ताते सूच्यगुल के अर्धच्छेदन तै तिगुणे घनागुल के अर्धच्छेद है । अथवा तीन जायगा सूच्यगुल माडि परस्पर गुरणे, घनागुल हो है । तातै गुण्य-गुरणकार रूप तीन मूच्यगुल, तिनका अर्धच्छेद जोड़े भी घनागुल के अर्धच्छेद तितने ही हो है । बहुरि 'परसम' इस सूत्र करि अन्य धारा विषै वर्गशलाका समान हो है । सो इहा द्विरूप वर्गधारा विषै जेथवा स्थान विषै सूच्यगुल है, तेथवा ही स्थान विपै द्विरूप घनधारा विषै घनागुल है । तातै जेती सूच्यगुल की वर्गशलाका, तितनी ही घनागुल की वर्गशलाका जानना । बहुरि जगत्श्रेणी है, सो द्विरूप घनधारा विषे प्राप्त है, सो या अर्धच्छेद वर्गशलाका अन्य धारा विषै उपजै है । तहा 'विरलज्जमारणरासि दिण्णस्सद्धद्धिदीहि संगुरिगदे लद्धछेदा होंति' इस सूत्र करि विरलनरूप राशि को देय राशि का अर्धच्छेदन करि गुणे लब्ध राशि के अर्धच्छेद होहि । तातै इहा विरलन राशि पल्य का अर्धच्छेदनि का असख्यातवा भाग, ताको देय राशि धनागुल, ताके अर्धच्छेदनि करि गुणै जो प्रमाण होइ, तितने जगत् श्रेणी के अर्धच्छेद है । बहुरि दूरगा जघन्य परीतासख्यात का भाग श्रद्धा पल्य की वर्गशलाका को दीए जो प्रमाण होइ, तितना विरलन राशि का प्रर्धच्छेद है । ताकौ देय राशि घनागुल की वर्गशलाका विषे जोडै जो प्रमाण होड, तितनी जगत् श्रेणी की वर्गशलाका है । अथवा जगत्श्रेणी विपे देय राणि घनागुल, तीहिरूप द्विरूप घनधारा का स्थान तै ऊपरि विरलन राशि पल्य का अच्छेदन का सख्यातवा भाग, ताके जेते अर्धच्छेद होइ, तितने वर्गस्थान जाइ जगत्श्रेणीरूप स्थान उपजै है । तातै भी जगत् श्रेणी की वर्गशलाका पूर्वोक्त प्रमाण जाननी । सो जगत्श्रेणी विषै विरलन राशि का प्रमाण कितना है ? सो कहिए है, श्रद्धा पल्य का जो अर्धच्छेद राशि ताका प्रथम वर्गमूल, द्वितीय वर्गमूल इत्यादि क्रम ते दूरगा जघन्य परीतासख्यात के जेते अर्धच्छेद होहि, तितने वर्गमूल करने, सो द्विरूप वर्गधारा के स्थाननि विपे पल्य का अर्धच्छेदरूप स्थान ते नीचे तितने स्थान अत विषै जो वर्गमूलरूप स्थान होइ, ताके अर्धच्छेद दूरगा जघन्य परीतासख्यात का भाग पल्य की वर्गशलाका को दीये जो प्रमाण होइ, तितने होइ । बहुरि 'तम्मित्तदुगे गुणेरासी' इस सूत्र करि अर्धच्छेदनि का जेता प्रमाण, तितने दुवे माडि परस्पर गुणे राणि होइ, सो इहा पल्य की दर्गशलाका का प्रमारण भाज्य है, सो तितने दुवे माडि परस्पर गुणे तो पल्य का अर्धच्छेद राशि होय, अराजघन्य परीतासख्यात का प्रमाण भागहार है, सो तितने दुवे माडि परस्पर गुरणे यथासंभव असख्यात होड । प्रैसै तिस प्रत के मूल का प्रमाण पल्य के अर्धच्छेदनि के असख्यातवे भाग प्रमाण जानना, सोई इहा जगत्श्रेणी विषै विरलन राशि है । वहुरि जगत्प्रतर हे, सो द्विरूप घनधारा विपै प्राप्त हे, सो याके अर्धच्छेद वर्गशलाका अन्य धारानि विषै प्राप्त जानने । तहा जगत्श्रेणी के अर्धच्छेदनि ते दूर्ण जगत्प्रतर के अर्धच्छेद है । 'वग्गसला रूवहिया' इस सूत्र करि जगत्श्रेणी की वर्गशलाका ते एक अधिक जगत् प्रतर की वर्गशलाका है । बहुरि घनरूप लोक, सो द्विरूप घनाघन धारा विषै उपजै है । तहा 'तिगुणा तिगुणा परट्टा इस सूत्र करि द्विरूप घनधारा विषे प्राप्त जो जगत्श्रेणी, ताके अर्धच्छेदनि तै लोक के अर्धच्छेद तिगुणे जानने । अथवा तीन जायगा जगत्श्रेणी माडि परस्पर गुणे लोक होइ, सो गुण्य-गुणकार तीन जगत्श्रेणी के अर्धच्छेद जोडे भी तितने ही लोक के अर्धच्छेद हो हे । बहुरि 'परसम' इस सूत्र करि जगत् धरणी की वर्गशलाका मात्र ही लोक की वर्गशलाका है । इहा प्रयोजनरूप गाथा सूत्र कहिये है । उक्त च गुरणयारद्धच्छेदा, गुरिणज्जमारपस्स श्रद्धच्छेदजुदा । लद्धस्सद्धच्छेदा, श्रहियस्तच्छेदरणा पत्थि ॥ याका अर्थ - गुरणकार के अर्धच्छेद गुण्यराशि के अर्धच्छेद सहित जोड़े लब्धराशि के अर्धच्छेद होहि । जैसे गुणकार आठ, ताके अर्धच्छेद तीन अर गुण्य सोलह, ताके अर्धच्छेद च्यारि, इनिकी जोड़े लब्धराशि एक सो अठ्ठाईस के अर्धच्छेद सात हो है । जैसे ही गुणकार दश कोडाकोडि के सख्यात अर्धच्छेद गुण्यराशि पल्य, ताके अर्धच्छेदनि मे जोड़ें, लब्धराशि सागर के अर्धच्छेद हो है । बहुरि अधिक के छेद नाही हैं, काहेतै सो कहिये है, अर्धच्छेदन के अच्छे प्रमाण वर्गशलाका होइ, सो इहा पल्य के अर्धच्छेदनि ते सख्यात अर्धच्छेद सागर के अधिक कहे । सो इनिअधिक अच्छेदन के अर्धच्छेद होइ, परन्तु वर्गशलाकारूप प्रयोजन की सिद्धि नाही, तातै अधिक के अच्छेद नाही करने जैसा कह्या, याही ते सांगर की वर्गशलाका का भज्जस्सद्धछेदा, हारद्धछेदरगाह परिहीणा । अद्धच्छेदसलागा, लद्धस्स हवति सव्वत्थ ।। अर्थ - भाज्यराशि के अर्धच्छेद भागहार के अच्छेदनि करि हीन करिए, तब लब्धराशि की अर्धच्छेद शलाका सर्वत्र हो है । जैसे एक सौ अट्ठाईस के भाज्य के अर्धच्छेद सात, इनमे भागहार आठ के तीन अर्धच्छेद घटाए लब्धराशि सोलह के च्यारि अर्धच्छेद हो है, से ही अन्यत्र जानना । विरलज्जमारगरासि, दिण्णस्सद्धच्छिदीहि संगुणिदे । श्रद्धच्छेदा होति हु, सव्वत्थुपण्णरासिस्स ।। अर्थ- विरलन राशि की देय राशि के अर्धच्छेदन करि गुण उत्पन्न राशि के अर्धच्छेद सर्वत्र हो है । जैसे- विरलन राशि च्यारि, ताकौ देय राशि सोलह के अर्धच्छेद च्यारि करि उत्पन्न राशि परगट्टी के सोलह अर्धच्छेद हो है । भी पल्य अर्धच्छेद प्रमाण विरलन राशि को देय राशि पल्य, ताके अर्धच्छेदनि करि गुणे उत्पन्न राशि सूच्यगुल के अर्धच्छेद हो है । जैसे ही अन्यत्र जानना । विरलिदराशिच्छेदा, दिण्णद्धच्छेदच्छेदसंमिलिदा । वग्गसलागपमाणं, होति समुप्पण्णरासिस्स ।। अर्थ - विरलन राशि के अर्धच्छेद देय राशि के अर्धच्छेदन के अर्धच्छेदनि करि सहित जोड़े उत्पन्न राशि की वर्गशलाका का प्रमारण हो है । जैसे विरलन राशि च्यारि के अर्धच्छेद दोय अर देय राशि सोलह के अर्धच्छेद च्यारि, तिनिके अर्धच्छेद दोय, इनको मिलाए उत्पन्न राशि परगट्ठी की वर्गशलाका च्यारि हो है । सही विरलन राशि पत्य के अच्छेद, तिनिके अर्धच्छेद तिनिविषै देय राशि पल्य, ताके अर्धच्छेदन के अर्धच्छेद जोडे उत्पन्न राशि सूच्यगुल के वर्गशलाका का प्रमाण हो है। जैसे ही अन्यत्र जानना । दुगुरगपरित्तास खेरगवहरिदद्धारपल्लवग्गसला । विदंगुलवग्गसला, सहिया सेढिस्स वग्गसला ॥ । गोम्मटसार जीवकाण्ड गापा एक सौ सत्रह अर्थ- दूणा जघन्य परीतासख्यात का भाग श्रद्धा की वर्गशलाका को दीए जो प्रमाण होइ, तीहि करि सयुक्त घनागुल की वर्गशलाका का जो प्रमाण, तितनी जगत्श्रेणी की वर्गशलाका हो है । विरलिदरासीदो पुरण, जेत्तियमेत्तारिण श्रहियरूवारिग । तेसि अण्णोण्णहदी, गुणयारो लद्धरासिस्स ।। विरलन राशि ते जेते अधिक रूप होइ, तिनिका परस्पर गुग्गन की ए लब्ध राशि का गुणकार होइ । जैसे च्यारि अर्धच्छेदरूप विरलन राशि पर तीन अर्धच्छेद अधिक राशि, तहा विरलन राशि के अच्छे प्रमाण दुवा माडि परस्पर गुणे दोxदोxदोxदो सोलह सोलह लब्ध राशि होइ । अधिक राशि तीन अर्धच्छेद प्रमाण दुवा माडि दोxदोxदो परस्पर गुणे आठ गुरगकार होय, सो लब्धि राशि को गुणकार करि गुर सात अर्धच्छेद जाका पाइए, जैसा एक सौ अट्ठाईस होइ । से ही पल्य के अर्धच्छेद विरलन राशि, सो इतने दूवा माडि परस्पर गुणे लब्ध राशि पल्य होइ अर अधिक राशि सख्यात अर्धच्छेद, सो इतने दुवे माडि परस्पर गुणे दश कोडाकोडि गुणकार होइ । सो पल्य को दश कोडाकोडि करि गुणे सागर का प्रमाण हो है । जैसे ही अन्यत्र जानना । विरलिदरासीदो पुण, जेत्तियमेत्तारिग हीरणरूवाणि । तेसि श्रष्णोण्णहदी, हारो उप्पण्णरासिस्स ।। अर्थ विरलन राशि तै जेते हीनरूप होइ, तिनिका परस्पर गुरगन कीए उत्पन्न राशि का भागहार होइ । जैसे विरलन राशि अर्धच्छेद सात र हीनरूप अर्धच्छेद तीन, तहा विरलन राशिमात्र दुवा माडि दोxदोxदोxदोxदोxदोxदो परस्पर गुणे एक सी अट्ठाईस उत्पन्न राशि होइ । बहुरि हीनरूप प्रमाण दुवा माडि दोxदो×दो परस्पर गुणं आठ भागहार राशि होइ, सो उत्पन्न राशि को भागहाररूप राशि का भाग दीए च्यारि अर्धच्छेद जाका पाइए पैसा सोलह हो है, जैसे ही अन्यत्र जानना । मान वर्णन कीया । सो असे मान भेदनि करि द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव का परिमाण कीजिए है, सो जहा द्रव्य का परिमारण होइ, तहा तितने पदार्थ जुदे - जुदे जानने । बहुरि जहा क्षेत्र का परिमारण होय, तहा तितने प्रदेश जानने । जहा काल का परिमाग होड, तहा तितने समय जानने । जहा भाव का परिमारण होइ, तहा तितने अविभाग प्रतिच्छेद जानने । डहा दृष्टात कहिए है - जैसे हजार मनुष्य हैं, वैसा कहिए तहा वे हजार जुदे-जुदे जानने, तैसे द्रव्य परिमारण विषे जुदे-जुदे पदार्थ जानने । बहुरि जैसे यहु वस्त्र वीस हाथ है, तहा उस वस्त्र विषे वीस अंश जुदे-जुदे नाही, परन्तु एक हाथ जितना क्षेत्र रोकै, ताकी कल्पना करि वीस हाथ कहिए है । तैसे क्षेत्र परिमारण विषै जितना क्षेत्र परमाणु रोकै, ताको प्रदेश कहिए, ताकी कल्पना करि क्षेत्र का परिमारण कहिए हैं । बहुरि जैसे एक वर्ष के तीन से छ्यासठि दिन-रात्रि कहिए, तहा अखंडित काल प्रवाह् विपै ऋश है नाही, परन्तु सूर्य के उदय- ग्रस्त होने की अपेक्षा कल्पना करि कहिए है । तैसे काल परिमारण विषै जितने काल करि परमाणु मद गति करि एक प्रदेश ते दूसरे प्रदेश को जाइ, तीहि काल को समय कहिए । तीहि अपेक्षा कल्पना करि काल का परिमारण कहिए है । बहुरि जैसे यहु सोला वानी का सोना है, तहा उस सोना विपै सोला प्रश है नाही, तथापि एक वान के सोना विपै जैसे वरणादिक पाइए है, तिनकी अपेक्षा कल्पना करि कहिए है । तैसे भाव परिणाम विपै केवलज्ञानगम्य अति सूक्ष्म जाका दूसरा भाग न होड, असा कोई शक्ति का अश ताकी अविभाग प्रतिच्छेद कहिए, ताकी कल्पना करि भाव का परिमागग कहिए । मुख्य परिमाण तौ असे जानना, विशेष जैसा विवक्षित होइ, सो जानना । बहुरि जहा क्षेत्र परिमाण विषैली का परिमाण कहिए, तहा प्रावली के जेते समय होड, तितने तहा प्रदेश जानने । बहुरि काल परिमाण विपै जहा लोक परिमाण कहे, तहा लोक के जितने प्रदेश होइ, तितने समय जानने, इत्यादि जैसे जानने । बहुरि जहा सख्यात, असख्यात प्रनत सामान्यपर्न कहे, तहा तिनिका भेद यथायोग्य जानना । सर्वभेद कहने में न आवै, ज्ञानगम्य है, तातं कौन रीति सौ कहिए ? परन्तु जैसे लोक विषै कहिए याके लाखा रुपैया छ, तहां अंमा जानिए, कोड्यो नाही, हजारों नाहीं, वैसे होनाधिक भाव करि स्थूल परिमाण जानना, |
प्रधान तभी समझा जाएगा जब इससे प्राणी धर्म करे और कर्मों का विनाश करे। इसी शरीर से जीव केवलज्ञान पाकर मोक्ष में जाता है । आठ कर्मों को नष्ट करने में यही शरीर कारण बनता है । दुनिया में लड़ने के लिए हजारों हथियार है, किन्तु कर्मों की बेड़ी काटने के लिए सबसे बड़ा शस्त्र यही शरीर है । मानव शरीर ही पाप की बेड़ियाँ काटने में समर्थ होता है ।
भगवान् ने कितने मार्के की बात कही है। इसे ध्यान में लाओ और मनन करो। आपको कर्म काटने का शुभ अवसर मिला है। मनुष्य शरीर इसीलिए मिली है कि कर्मों को काट दो, नष्ट कर दो । मगर तुम्हारा ध्यान तो बाहर की ही ओर रहता है। जैसे बाहर के पदार्थों को इष्ट मानते हो वैसे ही किसी-किसी को अनिष्ट मानते हो । दूसरे को ही मित्र और दूसरे को ही शत्रू समझते हो । यही समस्त बुराइयों की जड़ है। इससे दूसरी हजारों बुराइयाँ उत्पन्न होती है। भगवान महावीर का स्पष्ट फर्माना है कि यह वहिदृष्टि दुःखों का कारण और भ्रमपूर्ण हैं । वस्तुतः तुम स्वयं ही अपने मित्रहो और स्वयं ही अपने शत्रु हो। तुम्हारा हित और श्रहित, सुख और दुःख तुम्हारे ही हाथ में है। दूसरा न तुम्हारा कुछ बिगाड़ सकता है और न सुधार सकता है। फिर भी तुम अपने सुख-दुःख के लिए दूसरों को उत्तरदायी ठहराते हो । इससे आत्मा में राग और द्वेष की जागृति होती है। राग द्वेष की परिणति से आत्मा अनेक प्रकार से कलुषित वनती हैं ।
तुमने जिसे अपने सुख का साधन समझ लिया, उस पर लट्टू हो गये और राग करने लगे । जो दुःख का कारण समझ में श्रीया, उस पर द्वेष भाव धारण कर लिया। फिर राग और द्वेष के कारण अनेक प्रकार की कार्रवाइयाँ चालू हो जाती और भूल
पर भूल होती ही चली जाती है। मगर यह भूल है भाइयो ! भगवान् के वचनों को समझो, चूझो और बाह्य पदार्थों को निमित्त मात्र मान कर उन पर समभाव धारण करो । निश्चय समझ लो कि आपको जो भी दुःख प्राप्त होता है, वह आपका ही उपाजन किया हुआ है । इसी प्रकार अगर आपको किसी प्रकार के सुख की प्राप्ति होती है तो उसके असली कारण भी आप ही है ।
आपके भीतर घुसी हुई बुराइयाँ आपके लिए दुःखों का निर्माण करती हैं। इसके विरुद्ध, आपकी सत्प्रवृत्तियाँ, आपके प्रशस्त विचार और व्यवहार आपके लिए सुख की सृष्टि करते है ।
भूल जाओ इस भ्रम को कि किसी दूसरे ने तुम्हे कष्ट दिया है। तुम्हें दूसरा जो कष्टदाता प्रतीत होता है, वह तो तुम्हारे द्वारा कृत कर्मों से प्रेरित निमित्त है । उसका कोई अपराध नहीं अपराध उसका है जिसने कर्म उपार्जन किये हैं। और वह तुम्हीं हो ।
इस प्रकार का सही दृष्टिकोण अपनाओगे तो तुम्हें इसी जीवन में, तत्काल, शान्ति की अनुभूति होने लगेगी । अन्तःकरण में समभाव उत्पन्न होगा। राग-द्वेष रूप विकारों से छुटकारा मिल जाएगा। साथ ही दुष्कृतों-अशुभ कर्मों से दूर रहने को प्रेरणा मिलेगी। इस प्रकार आप कर्मों की बेड़ी काटने में समर्थ हो सकेंगे। अतएव जम्बू कुमार की तरह कर्मों के बंधनों को नष्ट करने के लिए सन्नद्ध हो जाओ और भगवान् के मार्ग पर चल पड़ो।
जम्चू कुमार जब साधु- धर्म की आराधना के लिए गृह-त्याग करके जाने लगे तो उनके माता-पिता ने रास्ता रोक कर कहा- बेटा, प्यारे पुत्र; तुझे क्या हम चूढ़े माँ-बाप पर भी दया नहीं आती ? तू हमें निराधार छोड़ कर जा रहा है। तू हमारा इकलौता पुत्र है ।
जीवन का एक मात्र सहारा है और तू ही हमारी आँखों का एक मात्र तारा है। बेटा, हमारे बुढ़ापे को मत विगाड़ । इसकी लाज रखनी है तो मत जा ।
जम्बू कुमार प्रत्युत्तर में कहते हैंएक लोटियो पाणी पियो जी में माय ने बाप अनेक सगला जीवां की दया पालखूं माता, मन में आग विवेक । माता ए मारो सांभलो, जननी लेसू संयम भार ॥
'हे माता-पिता ! आप कहते हैं कि हम पर दया करो, दया करो । लेकिन जब से एक लोटा पानी पीता हूँ तो उसमें अख्य जीव होते हैं और उनके साथ अनन्त - अनन्त बार मेरा माता-पिता का नाता हो चुका है। यह जीव इसी जन्म में कोई नया उत्पन्न नहीं हुआ है। अनादिकाल से जन्म-मरण करता श्रा रहा है। अतएव इसके अनन्त माता-पिता हैं । तथ्य यह है कि इस जीव ने संसार के समस्त प्राणियों के साथ सभी प्रकार के संबंध अनन्त वार स्थापित किये हैं। भाई, बहिन, माता, पिता, पुत्र, पौत्र, आदि न बन चुका हो, ऐसा कोई जीव यहाँ नहीं है । "
जम्बू कुमार फिर कहते हैं- 'मैंने श्रीसुधर्मा स्वामी की वाणी सुनी है। मेरे चित्त में समभाव जगा है। अतएव मैं दया तो अवश्य करूँगा किन्तु संसार के समस्त जीवों पर करूँगा । आप स्वयं सोचिए कि मुझे सब की दया करनी चाहिए या सिर्फ आप दोनों की ? माता-पिता ! मैं आप दो की ही दया पालूँगा तो मेरे अनंत पूर्व भवों के माता-पिता, पुत्र-पौत्र आदि की अदया हो जाएगी। | प्रधान तभी समझा जाएगा जब इससे प्राणी धर्म करे और कर्मों का विनाश करे। इसी शरीर से जीव केवलज्ञान पाकर मोक्ष में जाता है । आठ कर्मों को नष्ट करने में यही शरीर कारण बनता है । दुनिया में लड़ने के लिए हजारों हथियार है, किन्तु कर्मों की बेड़ी काटने के लिए सबसे बड़ा शस्त्र यही शरीर है । मानव शरीर ही पाप की बेड़ियाँ काटने में समर्थ होता है । भगवान् ने कितने मार्के की बात कही है। इसे ध्यान में लाओ और मनन करो। आपको कर्म काटने का शुभ अवसर मिला है। मनुष्य शरीर इसीलिए मिली है कि कर्मों को काट दो, नष्ट कर दो । मगर तुम्हारा ध्यान तो बाहर की ही ओर रहता है। जैसे बाहर के पदार्थों को इष्ट मानते हो वैसे ही किसी-किसी को अनिष्ट मानते हो । दूसरे को ही मित्र और दूसरे को ही शत्रू समझते हो । यही समस्त बुराइयों की जड़ है। इससे दूसरी हजारों बुराइयाँ उत्पन्न होती है। भगवान महावीर का स्पष्ट फर्माना है कि यह वहिदृष्टि दुःखों का कारण और भ्रमपूर्ण हैं । वस्तुतः तुम स्वयं ही अपने मित्रहो और स्वयं ही अपने शत्रु हो। तुम्हारा हित और श्रहित, सुख और दुःख तुम्हारे ही हाथ में है। दूसरा न तुम्हारा कुछ बिगाड़ सकता है और न सुधार सकता है। फिर भी तुम अपने सुख-दुःख के लिए दूसरों को उत्तरदायी ठहराते हो । इससे आत्मा में राग और द्वेष की जागृति होती है। राग द्वेष की परिणति से आत्मा अनेक प्रकार से कलुषित वनती हैं । तुमने जिसे अपने सुख का साधन समझ लिया, उस पर लट्टू हो गये और राग करने लगे । जो दुःख का कारण समझ में श्रीया, उस पर द्वेष भाव धारण कर लिया। फिर राग और द्वेष के कारण अनेक प्रकार की कार्रवाइयाँ चालू हो जाती और भूल पर भूल होती ही चली जाती है। मगर यह भूल है भाइयो ! भगवान् के वचनों को समझो, चूझो और बाह्य पदार्थों को निमित्त मात्र मान कर उन पर समभाव धारण करो । निश्चय समझ लो कि आपको जो भी दुःख प्राप्त होता है, वह आपका ही उपाजन किया हुआ है । इसी प्रकार अगर आपको किसी प्रकार के सुख की प्राप्ति होती है तो उसके असली कारण भी आप ही है । आपके भीतर घुसी हुई बुराइयाँ आपके लिए दुःखों का निर्माण करती हैं। इसके विरुद्ध, आपकी सत्प्रवृत्तियाँ, आपके प्रशस्त विचार और व्यवहार आपके लिए सुख की सृष्टि करते है । भूल जाओ इस भ्रम को कि किसी दूसरे ने तुम्हे कष्ट दिया है। तुम्हें दूसरा जो कष्टदाता प्रतीत होता है, वह तो तुम्हारे द्वारा कृत कर्मों से प्रेरित निमित्त है । उसका कोई अपराध नहीं अपराध उसका है जिसने कर्म उपार्जन किये हैं। और वह तुम्हीं हो । इस प्रकार का सही दृष्टिकोण अपनाओगे तो तुम्हें इसी जीवन में, तत्काल, शान्ति की अनुभूति होने लगेगी । अन्तःकरण में समभाव उत्पन्न होगा। राग-द्वेष रूप विकारों से छुटकारा मिल जाएगा। साथ ही दुष्कृतों-अशुभ कर्मों से दूर रहने को प्रेरणा मिलेगी। इस प्रकार आप कर्मों की बेड़ी काटने में समर्थ हो सकेंगे। अतएव जम्बू कुमार की तरह कर्मों के बंधनों को नष्ट करने के लिए सन्नद्ध हो जाओ और भगवान् के मार्ग पर चल पड़ो। जम्चू कुमार जब साधु- धर्म की आराधना के लिए गृह-त्याग करके जाने लगे तो उनके माता-पिता ने रास्ता रोक कर कहा- बेटा, प्यारे पुत्र; तुझे क्या हम चूढ़े माँ-बाप पर भी दया नहीं आती ? तू हमें निराधार छोड़ कर जा रहा है। तू हमारा इकलौता पुत्र है । जीवन का एक मात्र सहारा है और तू ही हमारी आँखों का एक मात्र तारा है। बेटा, हमारे बुढ़ापे को मत विगाड़ । इसकी लाज रखनी है तो मत जा । जम्बू कुमार प्रत्युत्तर में कहते हैंएक लोटियो पाणी पियो जी में माय ने बाप अनेक सगला जीवां की दया पालखूं माता, मन में आग विवेक । माता ए मारो सांभलो, जननी लेसू संयम भार ॥ 'हे माता-पिता ! आप कहते हैं कि हम पर दया करो, दया करो । लेकिन जब से एक लोटा पानी पीता हूँ तो उसमें अख्य जीव होते हैं और उनके साथ अनन्त - अनन्त बार मेरा माता-पिता का नाता हो चुका है। यह जीव इसी जन्म में कोई नया उत्पन्न नहीं हुआ है। अनादिकाल से जन्म-मरण करता श्रा रहा है। अतएव इसके अनन्त माता-पिता हैं । तथ्य यह है कि इस जीव ने संसार के समस्त प्राणियों के साथ सभी प्रकार के संबंध अनन्त वार स्थापित किये हैं। भाई, बहिन, माता, पिता, पुत्र, पौत्र, आदि न बन चुका हो, ऐसा कोई जीव यहाँ नहीं है । " जम्बू कुमार फिर कहते हैं- 'मैंने श्रीसुधर्मा स्वामी की वाणी सुनी है। मेरे चित्त में समभाव जगा है। अतएव मैं दया तो अवश्य करूँगा किन्तु संसार के समस्त जीवों पर करूँगा । आप स्वयं सोचिए कि मुझे सब की दया करनी चाहिए या सिर्फ आप दोनों की ? माता-पिता ! मैं आप दो की ही दया पालूँगा तो मेरे अनंत पूर्व भवों के माता-पिता, पुत्र-पौत्र आदि की अदया हो जाएगी। |
. वैसे नभ मेघ और मानव को नहीं कभी देवेन्द्र कहे । पुद्गल परिणमन और उन्नत, या वरसा हुआ पयोद कहे ! अन्वयार्थ -
तहेव = इसी प्रकार । मेहं = मेघ । नहं = नभ । व=या । माणवं= मानव को । देव देवत्ति = देव-देव ऐसी । गिरं = भाषा । न वएज्जा = नहीं बोले । सम्मुच्छिए = पयोद-बादल उमड़ रहे । उन्नए = ऊपर उठ रहे अथवा वा पओए = जल से भरे हुए अथवा । वुटुबलाहइ = मेघ वरस गया है । त्ति = ऐसा । वएज्ज = बोलें ।
वात आदि के समान मेघ आदि के लिये प्रसंग आने पर मेघ, नभ, या मानव को देव-देव ऐसा नहीं बोले, मेघ अमड़ रहा, अथवा उन्नत हो भुक रहा है, अब तो मेघ बरस गया इस प्रकार निर्दोष भाषा बोले ।
मूलअंतलिक्खे त्ति णं बूया, गुज्झाणुचरिय ति य । रिद्धिमंतं नरं दिस्स, रिद्धिमतं त्ति आलवे ॥५३॥
हिन्दी पद्यनभ को अन्तरिक्षं बोले, या देव गमन का मार्ग कहे । देख ऋद्धिवाले मानव को, ऋद्धिमान यह वचन कहे ।। अन्वयार्थ -
अंतलिक्खेत्तिणं - आकाश के लिये अन्तरिक्ष ऐसा । य =और । गुज्झाणु चरियत्ति = गुह्यक आदि देवों से अनुचरित है ऐसा । बूया = कहें । रिद्धिमंतं=ऋद्धिमान् । नरं = मनुष्य को । दिस्स = देखकर । रिद्धिमंतंत्ति = यह सम्पत्तिशाली है ऐसा । आलवे = कथन करे ।
मेघ या नभ को देव कहने के बदले अन्तरीक्ष और गुह्यकादि देवों का गतागत मार्ग है ऐसा बोले, ऋद्धिमान् या ओजस्वी, तेजस्वी मनुष्य को देखकर यह ऋद्धिमान् व शक्तिमान है, इस प्रकार बोलें ।
तहेव सावजणुमोयणी गिरा, ओहारिणी जा य परोवघाइणी । से कोह लोह-भयसा व माणवो, न हासमाणो विगिरं वएजा । हिन्दी पद्य1
पापानुमोदिनी निश्चय की, पर घातक जो वाणी जग में । क्रोध लोभ भय हांस युक्त, नंर ना बोले हंसकर भव में ॥ अन्वयार्थ -
तहेव = वैसे ही । सावज्जणुमोयणी = सावद्य-पाप के अनुमोदन करने वाली । य=और । ओहारिणी - अवधारिणी तथा । जा जो । परोवघाइणी = अन्य जीवों को पीड़ा देने वाली है, ऐसी । गिरा = भाषा । कोह लोह भयसाको लोभ या भय से । माणवो = मानव । हासमाणो - हंसता हुआ भी । गिरं - भाषा । ण वएज्जा नहीं बोलें ।
भावार्थफिर संयमी साधु जो भाषा पाप का अनुमोदन करने वाली हो, जो निश्चयकारिणी और अन्य जीवों को पीड़ाकारी है वैसी भाषा, क्रोध के वश, लोभ के वश, या भय के वश मनुष्य हंसता हुआ भी ऐसा नहीं बोलें । क्रोधादि के आवेग में बोली हुई भाषा सत्य व्रत को मलिन करने वाली होती हैं ।
स वक्कसुद्धि समुपेहिया मुणी, गिरं च दुट्ठ परिवजए सया । मियं अट्ठ अणुवीइ भासए, सयाण मज्झे लहई पसंसणं ॥५५॥
वाक्य शुद्धि को देख श्रमण, दे दुष्ट वचन को छोड़ सदा । परिमित दोष रहित चिन्तन कर, वक्ता पाता सत्कीत्ति सदा ॥ अन्वयार्थ -
स = वह । मुणो = मुनि । वक्क सुद्धि वाक्य शुद्धि का । समुपेहिया - अच्छी तरह विचार कर । सया - सदा । दुटु दुष्ट । गिरं = भाषा का । | . वैसे नभ मेघ और मानव को नहीं कभी देवेन्द्र कहे । पुद्गल परिणमन और उन्नत, या वरसा हुआ पयोद कहे ! अन्वयार्थ - तहेव = इसी प्रकार । मेहं = मेघ । नहं = नभ । व=या । माणवं= मानव को । देव देवत्ति = देव-देव ऐसी । गिरं = भाषा । न वएज्जा = नहीं बोले । सम्मुच्छिए = पयोद-बादल उमड़ रहे । उन्नए = ऊपर उठ रहे अथवा वा पओए = जल से भरे हुए अथवा । वुटुबलाहइ = मेघ वरस गया है । त्ति = ऐसा । वएज्ज = बोलें । वात आदि के समान मेघ आदि के लिये प्रसंग आने पर मेघ, नभ, या मानव को देव-देव ऐसा नहीं बोले, मेघ अमड़ रहा, अथवा उन्नत हो भुक रहा है, अब तो मेघ बरस गया इस प्रकार निर्दोष भाषा बोले । मूलअंतलिक्खे त्ति णं बूया, गुज्झाणुचरिय ति य । रिद्धिमंतं नरं दिस्स, रिद्धिमतं त्ति आलवे ॥तिरेपन॥ हिन्दी पद्यनभ को अन्तरिक्षं बोले, या देव गमन का मार्ग कहे । देख ऋद्धिवाले मानव को, ऋद्धिमान यह वचन कहे ।। अन्वयार्थ - अंतलिक्खेत्तिणं - आकाश के लिये अन्तरिक्ष ऐसा । य =और । गुज्झाणु चरियत्ति = गुह्यक आदि देवों से अनुचरित है ऐसा । बूया = कहें । रिद्धिमंतं=ऋद्धिमान् । नरं = मनुष्य को । दिस्स = देखकर । रिद्धिमंतंत्ति = यह सम्पत्तिशाली है ऐसा । आलवे = कथन करे । मेघ या नभ को देव कहने के बदले अन्तरीक्ष और गुह्यकादि देवों का गतागत मार्ग है ऐसा बोले, ऋद्धिमान् या ओजस्वी, तेजस्वी मनुष्य को देखकर यह ऋद्धिमान् व शक्तिमान है, इस प्रकार बोलें । तहेव सावजणुमोयणी गिरा, ओहारिणी जा य परोवघाइणी । से कोह लोह-भयसा व माणवो, न हासमाणो विगिरं वएजा । हिन्दी पद्यएक पापानुमोदिनी निश्चय की, पर घातक जो वाणी जग में । क्रोध लोभ भय हांस युक्त, नंर ना बोले हंसकर भव में ॥ अन्वयार्थ - तहेव = वैसे ही । सावज्जणुमोयणी = सावद्य-पाप के अनुमोदन करने वाली । य=और । ओहारिणी - अवधारिणी तथा । जा जो । परोवघाइणी = अन्य जीवों को पीड़ा देने वाली है, ऐसी । गिरा = भाषा । कोह लोह भयसाको लोभ या भय से । माणवो = मानव । हासमाणो - हंसता हुआ भी । गिरं - भाषा । ण वएज्जा नहीं बोलें । भावार्थफिर संयमी साधु जो भाषा पाप का अनुमोदन करने वाली हो, जो निश्चयकारिणी और अन्य जीवों को पीड़ाकारी है वैसी भाषा, क्रोध के वश, लोभ के वश, या भय के वश मनुष्य हंसता हुआ भी ऐसा नहीं बोलें । क्रोधादि के आवेग में बोली हुई भाषा सत्य व्रत को मलिन करने वाली होती हैं । स वक्कसुद्धि समुपेहिया मुणी, गिरं च दुट्ठ परिवजए सया । मियं अट्ठ अणुवीइ भासए, सयाण मज्झे लहई पसंसणं ॥पचपन॥ वाक्य शुद्धि को देख श्रमण, दे दुष्ट वचन को छोड़ सदा । परिमित दोष रहित चिन्तन कर, वक्ता पाता सत्कीत्ति सदा ॥ अन्वयार्थ - स = वह । मुणो = मुनि । वक्क सुद्धि वाक्य शुद्धि का । समुपेहिया - अच्छी तरह विचार कर । सया - सदा । दुटु दुष्ट । गिरं = भाषा का । |
यूजर्स अपने दोस्तों और फॉलोअर्स को डायरेक्ट मैसेज, वॉइस कॉल और वीडियो कॉल भी कर सकते हैं.
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आम आदमी पार्टी से बगावत करने के बाद से ही पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की जिन्दगी में जलजला ला दिया है. सच में कहें तो कपिल मिश्रा ने केजरीवाल की नाक में दम कर दिया है. आज उन्होंने दिल्ली के बवाना में केजरीवाल के भ्रष्टाचार और घोटालों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रदर्शनी लगाई है. इस प्रदर्शनी में केजरीवाल के अब तक के सभी घोटालों और भ्रष्टाचार के बारे में विस्तार से बताया गया है और इन्फोग्राफिक्स के जरिये बहुत अच्छी तरह से समझाया गया है.
- मेडिकल एम्बुलेंस खरीद घोटाला,
इस प्रदर्शनी में सैकड़ों पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें केजरीवाल के घोटालों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है, इस प्रदर्शनी में लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है. आप भी इसमें शामिल होकर केजरीवाल के घोटालों में बारे में अपनी जानकारी बढ़ा सकते हैं.
| आम आदमी पार्टी से बगावत करने के बाद से ही पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की जिन्दगी में जलजला ला दिया है. सच में कहें तो कपिल मिश्रा ने केजरीवाल की नाक में दम कर दिया है. आज उन्होंने दिल्ली के बवाना में केजरीवाल के भ्रष्टाचार और घोटालों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रदर्शनी लगाई है. इस प्रदर्शनी में केजरीवाल के अब तक के सभी घोटालों और भ्रष्टाचार के बारे में विस्तार से बताया गया है और इन्फोग्राफिक्स के जरिये बहुत अच्छी तरह से समझाया गया है. - मेडिकल एम्बुलेंस खरीद घोटाला, इस प्रदर्शनी में सैकड़ों पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें केजरीवाल के घोटालों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है, इस प्रदर्शनी में लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है. आप भी इसमें शामिल होकर केजरीवाल के घोटालों में बारे में अपनी जानकारी बढ़ा सकते हैं. |
लखनऊ, 7 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या में 'अयोध्या शोध संस्थान' में कोदंड राम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके बाद वह दिगंबर अखाड़ा में अल्पाहार करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास के 81वें जन्मोत्सव समारोह का उद्घाटन करेंगे। यह समारोह 14 जून तक चलेगा और 15 जून को एक धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है जिसमें राम मंदिर को लेकर रणनीति तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, योगी 'कैरेबियन देशों की रामलीला यात्रा', 'अयोध्या की पुरातात्विक रिपोर्ट', 'थारुओं की कला एवं संस्कृति' तथा 'अवध की लोक चित्रकला' पुस्तक का लोकार्पण करेंगे। इस दौरान वह मूर्तिकारों, चित्रकारों एवं साहित्यकारों का सम्मान करेंगे। इराक एवं होंडुरास के राजदूत द्वारा प्रेषित 'राम की विश्व यात्रा' सम्बन्धी अभिलेखों के फोल्डर इस अवसर पर उन्हें भेंट किए जाएंगे।
भ्रमण के अवसर पर मुख्यमंत्री अयोध्या के विकास कार्यो का निरीक्षण करेंगे। वह राम की पैड़ी, वहां निर्माणाधीन भजन स्थल, अयोध्या बस स्टेशन के निर्माण कार्य तथा गुप्तार घाट के सौंदर्यीकरण कार्य की प्रगति की जानकारी प्राप्त करेंगे।
| लखनऊ, सात जून । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या में 'अयोध्या शोध संस्थान' में कोदंड राम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके बाद वह दिगंबर अखाड़ा में अल्पाहार करेंगे। मुख्यमंत्री योगी राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास के इक्यासीवें जन्मोत्सव समारोह का उद्घाटन करेंगे। यह समारोह चौदह जून तक चलेगा और पंद्रह जून को एक धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है जिसमें राम मंदिर को लेकर रणनीति तय की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, योगी 'कैरेबियन देशों की रामलीला यात्रा', 'अयोध्या की पुरातात्विक रिपोर्ट', 'थारुओं की कला एवं संस्कृति' तथा 'अवध की लोक चित्रकला' पुस्तक का लोकार्पण करेंगे। इस दौरान वह मूर्तिकारों, चित्रकारों एवं साहित्यकारों का सम्मान करेंगे। इराक एवं होंडुरास के राजदूत द्वारा प्रेषित 'राम की विश्व यात्रा' सम्बन्धी अभिलेखों के फोल्डर इस अवसर पर उन्हें भेंट किए जाएंगे। भ्रमण के अवसर पर मुख्यमंत्री अयोध्या के विकास कार्यो का निरीक्षण करेंगे। वह राम की पैड़ी, वहां निर्माणाधीन भजन स्थल, अयोध्या बस स्टेशन के निर्माण कार्य तथा गुप्तार घाट के सौंदर्यीकरण कार्य की प्रगति की जानकारी प्राप्त करेंगे। |
वो बेहद ख़ुशी का पल था, जब हमने सुना कि इस साल अगस्त 2016 के ग्रीष्मकालीन रियो ओलंपिक के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम को चुना गया है और यह खुशी उस वक़्त दोगुनी हो गई जब, भारतीय हॉकी ने अर्जुन पुरस्कार के लिए महिला हॉकी टीम की कप्तान रितु रानी को चुना।
भारतीय टीम का नेतृत्व कर 2013 के एशिया कप और 2014 के एशियाई खेलों में भारत को तीसरे स्थान पर लाने वाली 23 वर्षीय रितु रानी, हरियाणा के शाहबाद से है।
खेल एवं युवा मंत्रालय के द्वारा राष्ट्रीय खेल में उत्कृष्ट उपलब्धि पाने पर अर्जुन पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार को 1961 में स्थापित किया गया था, वर्तमान में अर्जुन पुरस्कार के रूप में एक पुस्तक और 5,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार तथा एक कांस्य प्रतिमा दी जाती है।
हमने पिछले दस वर्षों में अर्जुन पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं को देखा, और पाया की यह पुरुस्कार महिलाओं से दूर है! लेकिन ऐसा क्यों?
अर्जुन पुरस्कार सबसे अधिक महिलाओं को वर्ष 2013 में दिया गया है, जो 53.33 प्रतिशत था! जबकि 2010 में सबसे कम केवल 20 प्रतिशत महिलाओं को दिया गया था।
भारत में खेलों के लिए दिए जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार "राजीव गांधी खेल रत्न" का भी कुछ यही हाल है। राजीव गांधी खेल रत्न 1991 से शुरू किया गया था, जिसमें अब तक 28 प्राप्तकर्ताओं में से केवल 9 महिला रही हैं।
आशा है इस साल अर्जुन पुरस्कार में महिलाओं की भागीदारी बराबर रहेगी।
| वो बेहद ख़ुशी का पल था, जब हमने सुना कि इस साल अगस्त दो हज़ार सोलह के ग्रीष्मकालीन रियो ओलंपिक के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम को चुना गया है और यह खुशी उस वक़्त दोगुनी हो गई जब, भारतीय हॉकी ने अर्जुन पुरस्कार के लिए महिला हॉकी टीम की कप्तान रितु रानी को चुना। भारतीय टीम का नेतृत्व कर दो हज़ार तेरह के एशिया कप और दो हज़ार चौदह के एशियाई खेलों में भारत को तीसरे स्थान पर लाने वाली तेईस वर्षीय रितु रानी, हरियाणा के शाहबाद से है। खेल एवं युवा मंत्रालय के द्वारा राष्ट्रीय खेल में उत्कृष्ट उपलब्धि पाने पर अर्जुन पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार को एक हज़ार नौ सौ इकसठ में स्थापित किया गया था, वर्तमान में अर्जुन पुरस्कार के रूप में एक पुस्तक और पाँच,शून्य,शून्य रुपयापये का नकद पुरस्कार तथा एक कांस्य प्रतिमा दी जाती है। हमने पिछले दस वर्षों में अर्जुन पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं को देखा, और पाया की यह पुरुस्कार महिलाओं से दूर है! लेकिन ऐसा क्यों? अर्जुन पुरस्कार सबसे अधिक महिलाओं को वर्ष दो हज़ार तेरह में दिया गया है, जो तिरेपन.तैंतीस प्रतिशत था! जबकि दो हज़ार दस में सबसे कम केवल बीस प्रतिशत महिलाओं को दिया गया था। भारत में खेलों के लिए दिए जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार "राजीव गांधी खेल रत्न" का भी कुछ यही हाल है। राजीव गांधी खेल रत्न एक हज़ार नौ सौ इक्यानवे से शुरू किया गया था, जिसमें अब तक अट्ठाईस प्राप्तकर्ताओं में से केवल नौ महिला रही हैं। आशा है इस साल अर्जुन पुरस्कार में महिलाओं की भागीदारी बराबर रहेगी। |
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
| चार की उप-धारा एक में निर्धारित सत्रह मदों को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा बाईस सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम दो हज़ार पाँच के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन |
गूगल पर कभी भी गलती से बम बनाने की तकनीक के बारे में सर्च न करें। अगर गलती से आपने इस बारे में सर्च किया तो आप सबसे पहले सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ जाएंगे, इसलिए मजाक में भी कभी गूगल पर बम बनाने की तकनीक के बारे में सर्च न करें।
गूगल पर आप कभी भी गलती से बच्चों से जुड़े अश्लील कंटेंट या फिर पॉर्न वीडियो सर्च न करें। दरअसल भारत में चाइल्ड पॉर्न देखना, बनाना और अपने पास सुरक्षित रखना कानूनी अपराध है और ऐसे करते पकड़े जाने पर 5 से 7 साल तक जेल का प्रावधान है।
गूगल सर्च के जरिए कभी भी बैंक कस्टमर केयर के नंबर को सर्च नहीं करना चाहिए। दरअसल कई बार फ्रॉडस्टर्स फेक बैंक नंबर को गूगल पर सर्च रिजल्ट में रैंक करवाकर यूजर्स की ओर से कॉल करने पर फ्रॉड करने की कोशिश करते हैं।
कई बार हम पैसे बचाने के चक्कर में गूगल पर शॉपिंग ऑफर्स के बारे में सर्च करते हैं। लेकिन कई बार फ्रॉड वेबसाइट आपको पहले ऑफर्स का झांसा देती है और फिर आपका बैंक अकाउंट खाली कर देती हैं, इसलिए आप कभी शॉपिंग ऑफर्स के बारे में गूगल में सर्च न करें।
भारत में बिना डॉक्टर की सही मंजूरी के बिना गर्भपात कराना भी गैरकानूनी है। ऐसे में अगर आपने गूगल पर गर्भपात कराने के तरीके के बारे में सर्च किया तो भी आप मुसीबत में पड़ सकते हैं।
| गूगल पर कभी भी गलती से बम बनाने की तकनीक के बारे में सर्च न करें। अगर गलती से आपने इस बारे में सर्च किया तो आप सबसे पहले सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आ जाएंगे, इसलिए मजाक में भी कभी गूगल पर बम बनाने की तकनीक के बारे में सर्च न करें। गूगल पर आप कभी भी गलती से बच्चों से जुड़े अश्लील कंटेंट या फिर पॉर्न वीडियो सर्च न करें। दरअसल भारत में चाइल्ड पॉर्न देखना, बनाना और अपने पास सुरक्षित रखना कानूनी अपराध है और ऐसे करते पकड़े जाने पर पाँच से सात साल तक जेल का प्रावधान है। गूगल सर्च के जरिए कभी भी बैंक कस्टमर केयर के नंबर को सर्च नहीं करना चाहिए। दरअसल कई बार फ्रॉडस्टर्स फेक बैंक नंबर को गूगल पर सर्च रिजल्ट में रैंक करवाकर यूजर्स की ओर से कॉल करने पर फ्रॉड करने की कोशिश करते हैं। कई बार हम पैसे बचाने के चक्कर में गूगल पर शॉपिंग ऑफर्स के बारे में सर्च करते हैं। लेकिन कई बार फ्रॉड वेबसाइट आपको पहले ऑफर्स का झांसा देती है और फिर आपका बैंक अकाउंट खाली कर देती हैं, इसलिए आप कभी शॉपिंग ऑफर्स के बारे में गूगल में सर्च न करें। भारत में बिना डॉक्टर की सही मंजूरी के बिना गर्भपात कराना भी गैरकानूनी है। ऐसे में अगर आपने गूगल पर गर्भपात कराने के तरीके के बारे में सर्च किया तो भी आप मुसीबत में पड़ सकते हैं। |
रीवा शहर में सूअरों के बीच अफ्रीकन स्वाइन फीवर का अटैक जारी है। आलम है कि एक पखवाड़े के अंदर दो हजार से ज्यादा सूअरों की मौत हो चुकी है। शहर के बाद अफ्रीकन स्वाइन फीवर का वायरस ग्रामीण इलाकों में पहुंच गया है। मंगलवार को मैदानी से निकलने वाले धीरमा नाले में तुरकहा मोड़ के पास दो मृत सूअरों की लाश देखी गई है।
रोजाना नालों में बह रहे सूअरों के शव से इंसानों के बीच संक्रामक बीमारी का डर सताने लगा है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मृत सूअरों को सुरक्षित जगह पर दफनाने की मांग की है। जिससे वायरस का असर इंसानों के बीच न फैले। साथ ही सूअरों के बीच फैली महामारी को पशु चिकित्सा विभाग के माध्यम से खत्म कराई जाए।
बता दें कि शहर के समीपी ग्राम मैदानी और तुरकहा के नालों में बह रही सूअरों की लाश को लेकर कांग्रेस नेत्री कविता पाण्डेय ने एक वीडियो ट्वीट किया। दावा किया कि रीवा में फैले वायरस से सूअरों की लाशे धीरमा नदी के किनारे पड़ी हुई है। तुरंत उचित प्रबंध करें। अन्यथा रीवा शहर की जनता जानलेवा संक्रामक बीमारी की चपेट में आ जाएगी। फिर कविता ने वीडियो को ट्विटर पर चौहान शिवराज, रीवा कलेक्टर और हेल्थ विभाग को टैग किया है।
डॉ. प्रभाकर चतुर्वेदी ने बताया कि मंगलवार को मैदानी से तुरकहा जाने वाले रोड के किराने धीरमा नाले में दो मृत सूअरों की लाश दिखी है। कहा कि रीवा शहर में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से सूअरों की मौत का सिलसिला जारी। वहीं अब वायरस गांव क्षेत्र के सूअरों पर आ गया है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया है कि गंभीर बीमारी के दुष्परिणामों को देखते हुए शीघ्र उचित व्यवस्था बनाएं। अन्यथा एक बड़ी आबादी, जानलेवा संक्रामक बीमारी की चपेट में आ जाएगी।
गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले 11 सूअरों के सैंपल रीवा से भोपाल भेजे गए थे। वहां राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल में जांच के दौरान रीवा के सूअरों पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई। वायरस की जानकारी मिलने पर पशु चिकित्सा विभाग ने सूअरों की जानकारी जुटाई। 20 अगस्त की स्थिति में 12 दिन के अंदर 1813 सूअरों की मौत के आंकड़े जारी हुए। अब रीवा के सूअरों की खरीद विक्रय और मांस बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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| रीवा शहर में सूअरों के बीच अफ्रीकन स्वाइन फीवर का अटैक जारी है। आलम है कि एक पखवाड़े के अंदर दो हजार से ज्यादा सूअरों की मौत हो चुकी है। शहर के बाद अफ्रीकन स्वाइन फीवर का वायरस ग्रामीण इलाकों में पहुंच गया है। मंगलवार को मैदानी से निकलने वाले धीरमा नाले में तुरकहा मोड़ के पास दो मृत सूअरों की लाश देखी गई है। रोजाना नालों में बह रहे सूअरों के शव से इंसानों के बीच संक्रामक बीमारी का डर सताने लगा है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मृत सूअरों को सुरक्षित जगह पर दफनाने की मांग की है। जिससे वायरस का असर इंसानों के बीच न फैले। साथ ही सूअरों के बीच फैली महामारी को पशु चिकित्सा विभाग के माध्यम से खत्म कराई जाए। बता दें कि शहर के समीपी ग्राम मैदानी और तुरकहा के नालों में बह रही सूअरों की लाश को लेकर कांग्रेस नेत्री कविता पाण्डेय ने एक वीडियो ट्वीट किया। दावा किया कि रीवा में फैले वायरस से सूअरों की लाशे धीरमा नदी के किनारे पड़ी हुई है। तुरंत उचित प्रबंध करें। अन्यथा रीवा शहर की जनता जानलेवा संक्रामक बीमारी की चपेट में आ जाएगी। फिर कविता ने वीडियो को ट्विटर पर चौहान शिवराज, रीवा कलेक्टर और हेल्थ विभाग को टैग किया है। डॉ. प्रभाकर चतुर्वेदी ने बताया कि मंगलवार को मैदानी से तुरकहा जाने वाले रोड के किराने धीरमा नाले में दो मृत सूअरों की लाश दिखी है। कहा कि रीवा शहर में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से सूअरों की मौत का सिलसिला जारी। वहीं अब वायरस गांव क्षेत्र के सूअरों पर आ गया है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया है कि गंभीर बीमारी के दुष्परिणामों को देखते हुए शीघ्र उचित व्यवस्था बनाएं। अन्यथा एक बड़ी आबादी, जानलेवा संक्रामक बीमारी की चपेट में आ जाएगी। गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले ग्यारह सूअरों के सैंपल रीवा से भोपाल भेजे गए थे। वहां राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल में जांच के दौरान रीवा के सूअरों पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई। वायरस की जानकारी मिलने पर पशु चिकित्सा विभाग ने सूअरों की जानकारी जुटाई। बीस अगस्त की स्थिति में बारह दिन के अंदर एक हज़ार आठ सौ तेरह सूअरों की मौत के आंकड़े जारी हुए। अब रीवा के सूअरों की खरीद विक्रय और मांस बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। This website follows the DNPA Code of Ethics. |
मुंबई,(एजेंसी/वार्ता): इंडिया अगेंस्ट करप्शन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हेमंत पाटिल ने सोमवार को आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में महाराष्ट्र मंत्रालय में विकास कार्यों के नाम पर दो हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।
श्री पाटिल ने मीडिया को जारी बयान में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र मंत्रालय के साथ काम करने वाले शीर्ष रैंक के अधिकारियों को आवंटित किए गए कपड़े बदलने, रखरखाव के काम, मंत्रियों के केबिन की खिड़कियों के शीशे बदलने, मंत्रालय और विधान परिषद के नवीनीकरण कार्यों, वर्षा बंगले और कई अन्य बंगलों के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया था।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार पीडब्ल्यूडी विभाग में कार्यरत अधिकारियों और मंत्री के बहकावे में आकर हो रहा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपील की कि उनके दावों की गहन जांच की जानी चाहिए, अन्यथा महाराष्ट्र के लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।
श्री पाटिल ने यह भी चेतावनी दी कि अगर भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वह बंबई उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करेंगे। उनके पास सबूत हैं और इसे सही समय पर अदालत के सामने पेश करेंगे।
-(एजेंसी/वार्ता)
यह भी पढ़ेंः- काली गर्दन को ऐसे बना सकते है सुंदर, साथ ही स्किन पर लाये ग्लो, जानिए टिप्स!
| मुंबई,: इंडिया अगेंस्ट करप्शन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हेमंत पाटिल ने सोमवार को आरोप लगाया कि पिछले दस वर्षों में महाराष्ट्र मंत्रालय में विकास कार्यों के नाम पर दो हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। श्री पाटिल ने मीडिया को जारी बयान में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र मंत्रालय के साथ काम करने वाले शीर्ष रैंक के अधिकारियों को आवंटित किए गए कपड़े बदलने, रखरखाव के काम, मंत्रियों के केबिन की खिड़कियों के शीशे बदलने, मंत्रालय और विधान परिषद के नवीनीकरण कार्यों, वर्षा बंगले और कई अन्य बंगलों के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया था। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार पीडब्ल्यूडी विभाग में कार्यरत अधिकारियों और मंत्री के बहकावे में आकर हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपील की कि उनके दावों की गहन जांच की जानी चाहिए, अन्यथा महाराष्ट्र के लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। श्री पाटिल ने यह भी चेतावनी दी कि अगर भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वह बंबई उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करेंगे। उनके पास सबूत हैं और इसे सही समय पर अदालत के सामने पेश करेंगे। - यह भी पढ़ेंः- काली गर्दन को ऐसे बना सकते है सुंदर, साथ ही स्किन पर लाये ग्लो, जानिए टिप्स! |
2019 में 27 मार्च को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले एंटी सैटेलाइट हथियार के सफल प्रक्षेपण की घोषणा की थी. इस इंटरस्पेटस ने लॉ आरबिट में 300 किमी ऊंचाई पर जाकर एक परीक्षण उपग्रह को नष्ट कर दिया था.
59 साल पहले 21 नवंबर 1963 को तिरुवंतपुरम् के थुंबा से भारत के वैज्ञानिकों ने पहला रॉकेट अंतरिक्ष में भेजा था, लांच करने वाले स्थान तक यह रॉकेट साइिकल पर लाया गया था, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि भारत एक दिन अंतरिक्ष में महाशक्ति बन जाएगा. उस रॉकेट की सफलता से वो थुंबा गांव, थुंबा इक्यूटोरियल रॉकेट लांच स्टेशन (TERLS) बना और बाद में यही विक्रम भाई साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) के तौर पर जाना गया. साल दर साल भारत के अंतरिक्ष मिशन में सफलता के सितारे जुड़ते रहे, 2019 में इसमें एक और सितारा जुड़ा जब भारतीय रक्षा और अनुसंधान संगठन (DRDO) ने मिशन शक्ति को लांच किया जिसने पहली बार अंतरिक्ष में उपग्रह (सैटेलाइट) को ध्वस्त कर एक रिकॉर्ड बनाया.
2019 में 27 मार्च को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले एंटी सैटेलाइट हथियार के सफल प्रक्षेपण की घोषणा की थी. इस इंटरस्पेटस ने लॉ आरबिट में 300 किमी ऊंचाई पर जाकर एक परीक्षण उपग्रह को नष्ट कर दिया था. यह मिसाइल ओडिशा के चांदीपुर से लांच की गई थी, जिसमें महज 168 सेकेंड के बाद अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया था. डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने इसे मिशन शक्ति का नाम दिया था.
डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने मिशन शक्ति से अंतरिक्ष में उपग्रह मारने की क्षमता का प्रदर्शन किया था, यह सही मायनों में बहुत बड़ी बात है, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में सभी विकसित देश अपनी एक स्पेस आर्मी गठित करेंगे ऐसे में होने वाले Future War से निपटने के लिए ये एंटी सैटेलाइट प्रणाली बेहद काम आने वाली है.
2019 में इस ताकत को हासिल करने के साथ ही भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया, इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन ही यह कारनामा कर सके हैं. वर्तमान समय में ये किसी भी देश के लिए सबसे बड़ी ताकत है, क्योंकि अंतरिक्ष तकनीकी से होने वाले युद्ध में यही हथियार काम आने वाला है.
मिशन शक्त ऐसा एंटी सैटेलाइट सिस्टम है जो अपने लक्ष्य को ढूंढकर नष्ट कर देती है, यदि इसका लक्ष्य अपना रास्ता बदल ले तब भी ये उस तक पहुंच जाती है. यह 1 हजार किमी ऊपर और 700 मीटर नीचे तक जाकर अपने लक्ष्य को भेद सकती है.
29 टन वजन की यह मिसाइल 1 सेकेंड में 10 किमी तक रफ्तार भर सकती है. इसको डायवर्ट एटीट्यूड कंट्रो्रोल सिस्टम का उपयोग करते हैं. डीआरडीओ ने लांचिंग तारीख से सिर्फ तीन माह पहले ही इसे बनाना शुरू किया था, तीन माह में वैज्ञानिकों की ये सफलता निश्चित ही बहुत बड़ी बात थी.
| दो हज़ार उन्नीस में सत्ताईस मार्च को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले एंटी सैटेलाइट हथियार के सफल प्रक्षेपण की घोषणा की थी. इस इंटरस्पेटस ने लॉ आरबिट में तीन सौ किमी ऊंचाई पर जाकर एक परीक्षण उपग्रह को नष्ट कर दिया था. उनसठ साल पहले इक्कीस नवंबर एक हज़ार नौ सौ तिरेसठ को तिरुवंतपुरम् के थुंबा से भारत के वैज्ञानिकों ने पहला रॉकेट अंतरिक्ष में भेजा था, लांच करने वाले स्थान तक यह रॉकेट साइिकल पर लाया गया था, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि भारत एक दिन अंतरिक्ष में महाशक्ति बन जाएगा. उस रॉकेट की सफलता से वो थुंबा गांव, थुंबा इक्यूटोरियल रॉकेट लांच स्टेशन बना और बाद में यही विक्रम भाई साराभाई स्पेस सेंटर के तौर पर जाना गया. साल दर साल भारत के अंतरिक्ष मिशन में सफलता के सितारे जुड़ते रहे, दो हज़ार उन्नीस में इसमें एक और सितारा जुड़ा जब भारतीय रक्षा और अनुसंधान संगठन ने मिशन शक्ति को लांच किया जिसने पहली बार अंतरिक्ष में उपग्रह को ध्वस्त कर एक रिकॉर्ड बनाया. दो हज़ार उन्नीस में सत्ताईस मार्च को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले एंटी सैटेलाइट हथियार के सफल प्रक्षेपण की घोषणा की थी. इस इंटरस्पेटस ने लॉ आरबिट में तीन सौ किमी ऊंचाई पर जाकर एक परीक्षण उपग्रह को नष्ट कर दिया था. यह मिसाइल ओडिशा के चांदीपुर से लांच की गई थी, जिसमें महज एक सौ अड़सठ सेकेंड के बाद अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया था. डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने इसे मिशन शक्ति का नाम दिया था. डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने मिशन शक्ति से अंतरिक्ष में उपग्रह मारने की क्षमता का प्रदर्शन किया था, यह सही मायनों में बहुत बड़ी बात है, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में सभी विकसित देश अपनी एक स्पेस आर्मी गठित करेंगे ऐसे में होने वाले Future War से निपटने के लिए ये एंटी सैटेलाइट प्रणाली बेहद काम आने वाली है. दो हज़ार उन्नीस में इस ताकत को हासिल करने के साथ ही भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया, इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन ही यह कारनामा कर सके हैं. वर्तमान समय में ये किसी भी देश के लिए सबसे बड़ी ताकत है, क्योंकि अंतरिक्ष तकनीकी से होने वाले युद्ध में यही हथियार काम आने वाला है. मिशन शक्त ऐसा एंटी सैटेलाइट सिस्टम है जो अपने लक्ष्य को ढूंढकर नष्ट कर देती है, यदि इसका लक्ष्य अपना रास्ता बदल ले तब भी ये उस तक पहुंच जाती है. यह एक हजार किमी ऊपर और सात सौ मीटर नीचे तक जाकर अपने लक्ष्य को भेद सकती है. उनतीस टन वजन की यह मिसाइल एक सेकेंड में दस किमी तक रफ्तार भर सकती है. इसको डायवर्ट एटीट्यूड कंट्रो्रोल सिस्टम का उपयोग करते हैं. डीआरडीओ ने लांचिंग तारीख से सिर्फ तीन माह पहले ही इसे बनाना शुरू किया था, तीन माह में वैज्ञानिकों की ये सफलता निश्चित ही बहुत बड़ी बात थी. |
(जी. एन. एस. ) ता. 07नई दिल्लीराष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सोमवार वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस नीति को तैयार करने में लाखों लोगों से बात की गई, जिनमें छात्र-शिक्षक-अभिभावक सभी शामिल थे। पीएम मोदी ने कहा कि आज हर किसी को ये नीति अपनी लग रही है, लोग इसमें जो बदलाव देखना चाहते थे वो दिख रहे हैं।
| ता. सातनई दिल्लीराष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सोमवार वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस नीति को तैयार करने में लाखों लोगों से बात की गई, जिनमें छात्र-शिक्षक-अभिभावक सभी शामिल थे। पीएम मोदी ने कहा कि आज हर किसी को ये नीति अपनी लग रही है, लोग इसमें जो बदलाव देखना चाहते थे वो दिख रहे हैं। |
*अस्वीकरणः इस पृष्ठ में प्रदर्शित तस्वीरें उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत की जाती हैं और माना जाता है कि वे सार्वजनिक डोमेन से ली गयी हैं। इन तस्वीरों का कॉपीराइट उनके मूल प्रकाशक / फोटोग्राफर का है। यदि आपको लगता है कि ये फोटोज़ आपकी हैं या आपको लगता है कि आपके कॉपीराइट का उल्लंघन किया गया है, तो कृपया ([email protected]) पर हमें बतायें। हम तुरंत उन तस्वीरों को हटा देंगे।
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इस अवधि में मिले जुले फल मिलेंगे। लम्बी यात्राएं सफल नहीं होंगी न सफलदायक ही सिद्ध होगी। उच्च पद प्रतिष्ठा प्राप्त लोगों से भेंट होगी और उनकी कृपा रहेगी। माता पिता बीमार रह सकते हैं। धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण करेंगे। साख अच्छी रहने से काम भी खूब मिलेगा। रूपये पैसे के लिहाज से भी यह समय अच्छा है।
इस अवधि में भी मिले जुले फल मिलेंगे। कई अच्छे अवसर मिलेंगे पर निकी वेल्लन उनका पूरा उपयोग नहीं कर पायेंगे। स्वास्थ्य के कारण परेशान रहेंगे। मित्र, परिवार और सहयोगियों के साथ बर्ताव में सर्तक रहें। यात्राएं सफलदायक नहीं होंगी इसलिये उनसे बचें। मां बाप का रूग्ण स्वास्थ्य चिन्ताग्रस्त रखेगा।
बड़े बूढों से सहयोग प्राप्त करेंगे। सुदूर स्थलों तक की गई लम्बी यात्राएं सफलदायक सिद्ध होंगी। आमदनी बढ़ेगी और आय के नये स्त्रोत प्राप्त होंगे। यद्यापि खर्चे भी बढेंगे लेकिन आमदनी से अधिक नहीं होंगे। सट्टे के द्वारा आय होने की भी संभावना है। इस समय का पूरा सदुपयोग करें।
निकी वेल्लन महत्वपूर्ण व्यक्तियों के सम्पर्क में आयेंगे। आमदनी में इजाफा स्पष्टरूप से प्रतिक्षित है। नये उद्यमों से सम्बद्ध रहेंगे। मित्र और सहयोगी पूरी मदद करेंगे। लम्बी यात्राओं से लाभ होगा। विदेशियों से अधिक सम्पर्क बनेंगे। पारिवारिक जीवन अति सुखद रहेगा। प्रणय और प्रेम संबंधों के लिये यह काल वरदान सदृश है। निकी वेल्लन संघर्ष में वीरोचित भावना से जूझते रहेंगे और शत्रुओं का पराभव कर देंगे। वैसे निकी वेल्लन का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। सिर्फ कर्ण रोग से परेशान रह सकते हैं।
निकी वेल्लन शुभ एवम श्रेष्ठ कृत्यों से सम्ब्दीत रहेंगे। इस दौरान निकी वेल्लन काफी प्रसन्न रहेंगे और परिवार में कोई श्रेष्ठ संस्कार भी सम्पन्न होगा। निकी वेल्लन की आमदनी बढ़ेगी तथा सरकारी अफसरों से निकी वेल्लन के संबंध भी सुधरेंगे। अपनी योग्यता के कारण निकी वेल्लन विपरीत परिस्थितियों का भी भली प्रकार सामना कर लेंगे। पारिवारिक सुख सुनिश्चित रहेगा। दर्शन एवम् तत्व मीमांसा में निकी वेल्लन की विशेष रूचि रहेगी। इस अवधि मे दिमाग पूरी तरह चैतन्य और सानकूल रहेगा।
निकी वेल्लन के हर काम में अड़चनें आएगी और देरी होगी। कभी कभी असुरक्षा की भावना से आक्रान्त रहेंगें। काम का बोझ बहुत रहेगा और फालतू के कामों में भी निकी वेल्लन फंसे रह सकते हैं। निकी वेल्लन का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहेगा। पारिवारिक जीवन सुखद नहीं रहेगा। रिश्तेदारों के स्वास्थ्य के कारण निकी वेल्लन चिन्तित रह सकते हैं। भागीदारों या सहयोगियों की लापरवाही के कारण निकी वेल्लन को धक्का पहुंच सकता है। वैसे इस अवधि का आखिरी हिस्सा निकी वेल्लन को कुछ राहत देगा। आशावादी होना निराशावादी होने से सदैव अच्छा है।
व्यापार या व्यवसाय में निकी वेल्लन बहुत अच्छा काम करेंगे। व्यापार का विस्तार भी हो सकता है। इस अवधि के दौरान निकी वेल्लन पूरी तरह कर्मठ रहेंगे। वरिष्ठ लोगों या सत्तावान व्यक्तियों के साथ निकी वेल्लन के संबंधों में सुधार आयेगा। पारिवारिक माहौल संतोषप्रद रहेगा। निकी वेल्लन को वाहन भी प्राप्त हो सकता है। विदेशों से अच्छी खबर मिलने की संभावना है। घर में किसी शुभ कृत्य का आयोजन होगा।
इस अवधि में निकी वेल्लन बहुत से काम एक साथ करने का प्रयत्न करेंगे और ठीक से कुछ भी नहीं कर पायेंगे। जल्दबाजी से बिल्कुल काम नहीं बनेगा। निकी वेल्लन इस बात का पूरा ध्यान रखें कि इस अवधि में परिवार के किसी सदस्य की बीमार पड़ने की संभावना है। कुल मिलाकर पारिवारिक माहौल तनावग्रस्त ही रहेगा। जोखिम उठाने की प्रवृति को लगाम दें। शत्रु निकी वेल्लन की साख बिगाड़ने का प्रयत्न करेंगे। इस ओर पूरी तरह शक्र्तिक रहें। जहां तक संभव हो। यात्रा से बचें। पेट के रोग से व्यथित रहेंगे।
अपने कार्य क्षेत्र में निकी वेल्लन महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त करेंगे। प्रतिष्ठा और सम्मान में प्रचुर वृद्धि होगी। इस अवधि में विपरीत परिस्थितियों से भी निकी वेल्लन कुशलता से निपट सकेंगे। व्यापारी सहयोगियों या व्यवसायकि लोगों ग्राहकों के साथ निकी वेल्लन के संबंध दिन व रात सुधरेंगे। समय के साथ साथ निकी वेल्लन संग्रहशील होते जायेंगे और विलास सामग्री पर भी व्यय करेंगे। परिवार जनों का बर्ताव बहुत अच्छा रहेगा। व्यापारिक यात्राओं की संभावना है।
| इस अवधि में मिले जुले फल मिलेंगे। लम्बी यात्राएं सफल नहीं होंगी न सफलदायक ही सिद्ध होगी। उच्च पद प्रतिष्ठा प्राप्त लोगों से भेंट होगी और उनकी कृपा रहेगी। माता पिता बीमार रह सकते हैं। धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण करेंगे। साख अच्छी रहने से काम भी खूब मिलेगा। रूपये पैसे के लिहाज से भी यह समय अच्छा है। इस अवधि में भी मिले जुले फल मिलेंगे। कई अच्छे अवसर मिलेंगे पर निकी वेल्लन उनका पूरा उपयोग नहीं कर पायेंगे। स्वास्थ्य के कारण परेशान रहेंगे। मित्र, परिवार और सहयोगियों के साथ बर्ताव में सर्तक रहें। यात्राएं सफलदायक नहीं होंगी इसलिये उनसे बचें। मां बाप का रूग्ण स्वास्थ्य चिन्ताग्रस्त रखेगा। बड़े बूढों से सहयोग प्राप्त करेंगे। सुदूर स्थलों तक की गई लम्बी यात्राएं सफलदायक सिद्ध होंगी। आमदनी बढ़ेगी और आय के नये स्त्रोत प्राप्त होंगे। यद्यापि खर्चे भी बढेंगे लेकिन आमदनी से अधिक नहीं होंगे। सट्टे के द्वारा आय होने की भी संभावना है। इस समय का पूरा सदुपयोग करें। निकी वेल्लन महत्वपूर्ण व्यक्तियों के सम्पर्क में आयेंगे। आमदनी में इजाफा स्पष्टरूप से प्रतिक्षित है। नये उद्यमों से सम्बद्ध रहेंगे। मित्र और सहयोगी पूरी मदद करेंगे। लम्बी यात्राओं से लाभ होगा। विदेशियों से अधिक सम्पर्क बनेंगे। पारिवारिक जीवन अति सुखद रहेगा। प्रणय और प्रेम संबंधों के लिये यह काल वरदान सदृश है। निकी वेल्लन संघर्ष में वीरोचित भावना से जूझते रहेंगे और शत्रुओं का पराभव कर देंगे। वैसे निकी वेल्लन का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। सिर्फ कर्ण रोग से परेशान रह सकते हैं। निकी वेल्लन शुभ एवम श्रेष्ठ कृत्यों से सम्ब्दीत रहेंगे। इस दौरान निकी वेल्लन काफी प्रसन्न रहेंगे और परिवार में कोई श्रेष्ठ संस्कार भी सम्पन्न होगा। निकी वेल्लन की आमदनी बढ़ेगी तथा सरकारी अफसरों से निकी वेल्लन के संबंध भी सुधरेंगे। अपनी योग्यता के कारण निकी वेल्लन विपरीत परिस्थितियों का भी भली प्रकार सामना कर लेंगे। पारिवारिक सुख सुनिश्चित रहेगा। दर्शन एवम् तत्व मीमांसा में निकी वेल्लन की विशेष रूचि रहेगी। इस अवधि मे दिमाग पूरी तरह चैतन्य और सानकूल रहेगा। निकी वेल्लन के हर काम में अड़चनें आएगी और देरी होगी। कभी कभी असुरक्षा की भावना से आक्रान्त रहेंगें। काम का बोझ बहुत रहेगा और फालतू के कामों में भी निकी वेल्लन फंसे रह सकते हैं। निकी वेल्लन का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहेगा। पारिवारिक जीवन सुखद नहीं रहेगा। रिश्तेदारों के स्वास्थ्य के कारण निकी वेल्लन चिन्तित रह सकते हैं। भागीदारों या सहयोगियों की लापरवाही के कारण निकी वेल्लन को धक्का पहुंच सकता है। वैसे इस अवधि का आखिरी हिस्सा निकी वेल्लन को कुछ राहत देगा। आशावादी होना निराशावादी होने से सदैव अच्छा है। व्यापार या व्यवसाय में निकी वेल्लन बहुत अच्छा काम करेंगे। व्यापार का विस्तार भी हो सकता है। इस अवधि के दौरान निकी वेल्लन पूरी तरह कर्मठ रहेंगे। वरिष्ठ लोगों या सत्तावान व्यक्तियों के साथ निकी वेल्लन के संबंधों में सुधार आयेगा। पारिवारिक माहौल संतोषप्रद रहेगा। निकी वेल्लन को वाहन भी प्राप्त हो सकता है। विदेशों से अच्छी खबर मिलने की संभावना है। घर में किसी शुभ कृत्य का आयोजन होगा। इस अवधि में निकी वेल्लन बहुत से काम एक साथ करने का प्रयत्न करेंगे और ठीक से कुछ भी नहीं कर पायेंगे। जल्दबाजी से बिल्कुल काम नहीं बनेगा। निकी वेल्लन इस बात का पूरा ध्यान रखें कि इस अवधि में परिवार के किसी सदस्य की बीमार पड़ने की संभावना है। कुल मिलाकर पारिवारिक माहौल तनावग्रस्त ही रहेगा। जोखिम उठाने की प्रवृति को लगाम दें। शत्रु निकी वेल्लन की साख बिगाड़ने का प्रयत्न करेंगे। इस ओर पूरी तरह शक्र्तिक रहें। जहां तक संभव हो। यात्रा से बचें। पेट के रोग से व्यथित रहेंगे। अपने कार्य क्षेत्र में निकी वेल्लन महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त करेंगे। प्रतिष्ठा और सम्मान में प्रचुर वृद्धि होगी। इस अवधि में विपरीत परिस्थितियों से भी निकी वेल्लन कुशलता से निपट सकेंगे। व्यापारी सहयोगियों या व्यवसायकि लोगों ग्राहकों के साथ निकी वेल्लन के संबंध दिन व रात सुधरेंगे। समय के साथ साथ निकी वेल्लन संग्रहशील होते जायेंगे और विलास सामग्री पर भी व्यय करेंगे। परिवार जनों का बर्ताव बहुत अच्छा रहेगा। व्यापारिक यात्राओं की संभावना है। |
सीमावर्ती बाड़मेर जिले के कप्तान परिस देशमुख ने एक और अनूठी पहल करते हुए अब थानास्तर पर जन सुनवाई करेंगे और ऐसा करने वाला सभवतया पहला जिला होगा जहां पर परिवादियों और आमजन को थानों में होने वाली परेशानियों का निपटारा जन सुनवाई के जरिये करेंगे। पिछले सप्ताह ही पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने पुलिस में भस्टाचार को मिटाने के लिए एक नंबर जारी किया अगर कोई पुलिसकर्मी या अधिकारी पुलिस सत्यापन या अन्य किसी काम के लिए पैसे मागे तो नंबर डायल कर शिकायत कर सकते है।
पुलिस के अनुसार पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख 14 जून को पुलिस थाना सिवाना में इस अनूठी पहल की शुरुवात करेंगे जिसमे आमजन और परिवादियों को पुलिस से सम्बन्धित कोई भी समस्या एवं मामले के समाधान के लिए थाना स्थल पर उपस्थित होकर अपनी समस्या रख सकता है।
पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया की पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख 14 जून को पुलिस थाना सिवाना, 21 जून को पुलिस थाना शिव, 24 जून को पुलिस स्टेशन सिणधरी तथा 28 जून को पुलिस स्टेशन समदड़ी पर सायं 3 से 4 बजे तक जन सुनवाई आयोजित होगी। इस सम्बन्ध में आमजन को सूचित किया जाता है कि पुलिस से सम्बन्धित कोई भी समस्या एवं मामले के समाधान हेतु निर्धारित तारीख को सम्बन्धित पुलिस थाना पर उपस्थित होकर अपनी समस्या रख सकते है।
| सीमावर्ती बाड़मेर जिले के कप्तान परिस देशमुख ने एक और अनूठी पहल करते हुए अब थानास्तर पर जन सुनवाई करेंगे और ऐसा करने वाला सभवतया पहला जिला होगा जहां पर परिवादियों और आमजन को थानों में होने वाली परेशानियों का निपटारा जन सुनवाई के जरिये करेंगे। पिछले सप्ताह ही पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख ने पुलिस में भस्टाचार को मिटाने के लिए एक नंबर जारी किया अगर कोई पुलिसकर्मी या अधिकारी पुलिस सत्यापन या अन्य किसी काम के लिए पैसे मागे तो नंबर डायल कर शिकायत कर सकते है। पुलिस के अनुसार पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख चौदह जून को पुलिस थाना सिवाना में इस अनूठी पहल की शुरुवात करेंगे जिसमे आमजन और परिवादियों को पुलिस से सम्बन्धित कोई भी समस्या एवं मामले के समाधान के लिए थाना स्थल पर उपस्थित होकर अपनी समस्या रख सकता है। पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी कर बताया की पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख चौदह जून को पुलिस थाना सिवाना, इक्कीस जून को पुलिस थाना शिव, चौबीस जून को पुलिस स्टेशन सिणधरी तथा अट्ठाईस जून को पुलिस स्टेशन समदड़ी पर सायं तीन से चार बजे तक जन सुनवाई आयोजित होगी। इस सम्बन्ध में आमजन को सूचित किया जाता है कि पुलिस से सम्बन्धित कोई भी समस्या एवं मामले के समाधान हेतु निर्धारित तारीख को सम्बन्धित पुलिस थाना पर उपस्थित होकर अपनी समस्या रख सकते है। |
परेशान हैं । वह भी इस बात को जानने के लिये बहुत चिन्तित हैं कि उसकी वास्तविक वजह क्या है ।
इसी लिये उन्होंने इसी बात का पता लगाने के लिये अपनी मेहर की यह शर्त रखी है कि जो कोई आदमी उस घटना की सच्ची कहानी पता कर के लायेगा वह उसी से शादी करेंगीं । वही उनका, उनके देश का और उनकी सारी सम्पत्ति का मालिक होगा ।
बहरावर ने अन्त में कहा "आपने उस घटना का पूरा हाल सुन लिया । आप विचार कर लीजिये कि अगर आप उस नौजवान के बारे में सारी खबर ला सकते हैं या नहीं। अगर हाँ तो आप नीमरोज़ जाने की जल्दी से तैयारी कीजिये और नहीं तो मना कर दीजिये और घर वापस चले जाइये ।
"अगर अल्लाह मुझसे खुश हुआ तो मैं इस मामले की सारी खोज कर के राजकुमारी जी के पास जल्दी ही लौटूंगा । और अगर मेरी किस्मत ने साथ नहीं दिया तो फिर इसका कोई इलाज नहीं है । पर राजकुमारी जी को मुझसे वायदा करना होगा कि वह अपने वायदे से मुकरेंगी नहीं ।
इसके अलावा अब मेरे दिल में एक बेचैन सा विचार उठ रहा है । अगर राजकुमारी जी मुझको एक बार अपने सामने बुला लें और मुझे परदे के बाहर बैठने की इजाज़त दें और मुझे अपने सामने यह विनती करने की इजाज़त दें ताकि वह उसे अपने कानों से सुन लें और उसे सुन कर अपने होठों से जवाब दें तभी मेरे दिल को शान्ति
मिलेगी । और उसके बाद में ही मैं अपने काम में सफल हो पाऊँगा ।
मेरी यह विनती दासी ने जा कर राजकुमारी को बतायी तो उसने मुझे अपने सामने लाने का हुक्म दिया । वही दासी फिर लौट कर आयी और मुझे राजकुमारी के कमरे तक ले गयी जहाँ वह बैठी हुई थी।
मैंने देखा वाह वहाँ क्या दृश्य था । वहाँ काल्मुक, तुर्किस्तान, अबिसीनिया, उज़बक, टारटरी और काशमीर की सुन्दर दास दासियाँ और हथियारबन्द सुन्दर लड़कियाँ दो लाइनों में खड़े हुए थे । सभी ने कीमती गहने पहन रखे थे और सभी अपने सीने पर अपनी एक बॉह को दूसरी बॉह पर रखे खड़े हुए थे ।
ऐसे दरबार को मैं क्या कहूँ - क्या इन्द्र का दरबार ? या फिर ये सब परियों के देश से आये थे । इनको देख कर मेरे दिल से एक आह सी निकल गयी और मेरा दिल धड़कने लगा । पर मैंने उसको जबरदस्ती दबा कर रखा हुआ था ।
उन सबके सामने थोड़ा झुकते हुए मैं आगे बढ़ा पर मेरे पैर तो जैसे 100-100 मन" भारी हो गये थे । जब भी मैं किसी लड़की की तरफ देखता तो मेरा दिल उसकी तरफ बढ़ने के लिये मना करने लगता ।
111 A Man (or Mound) used to be of 40 Seers and was used in India and around as a weighing measure of dry material and liquid before the metric measurements were introduced in 1950. One Seer is a little less than the Kilogram or about two pounds. | परेशान हैं । वह भी इस बात को जानने के लिये बहुत चिन्तित हैं कि उसकी वास्तविक वजह क्या है । इसी लिये उन्होंने इसी बात का पता लगाने के लिये अपनी मेहर की यह शर्त रखी है कि जो कोई आदमी उस घटना की सच्ची कहानी पता कर के लायेगा वह उसी से शादी करेंगीं । वही उनका, उनके देश का और उनकी सारी सम्पत्ति का मालिक होगा । बहरावर ने अन्त में कहा "आपने उस घटना का पूरा हाल सुन लिया । आप विचार कर लीजिये कि अगर आप उस नौजवान के बारे में सारी खबर ला सकते हैं या नहीं। अगर हाँ तो आप नीमरोज़ जाने की जल्दी से तैयारी कीजिये और नहीं तो मना कर दीजिये और घर वापस चले जाइये । "अगर अल्लाह मुझसे खुश हुआ तो मैं इस मामले की सारी खोज कर के राजकुमारी जी के पास जल्दी ही लौटूंगा । और अगर मेरी किस्मत ने साथ नहीं दिया तो फिर इसका कोई इलाज नहीं है । पर राजकुमारी जी को मुझसे वायदा करना होगा कि वह अपने वायदे से मुकरेंगी नहीं । इसके अलावा अब मेरे दिल में एक बेचैन सा विचार उठ रहा है । अगर राजकुमारी जी मुझको एक बार अपने सामने बुला लें और मुझे परदे के बाहर बैठने की इजाज़त दें और मुझे अपने सामने यह विनती करने की इजाज़त दें ताकि वह उसे अपने कानों से सुन लें और उसे सुन कर अपने होठों से जवाब दें तभी मेरे दिल को शान्ति मिलेगी । और उसके बाद में ही मैं अपने काम में सफल हो पाऊँगा । मेरी यह विनती दासी ने जा कर राजकुमारी को बतायी तो उसने मुझे अपने सामने लाने का हुक्म दिया । वही दासी फिर लौट कर आयी और मुझे राजकुमारी के कमरे तक ले गयी जहाँ वह बैठी हुई थी। मैंने देखा वाह वहाँ क्या दृश्य था । वहाँ काल्मुक, तुर्किस्तान, अबिसीनिया, उज़बक, टारटरी और काशमीर की सुन्दर दास दासियाँ और हथियारबन्द सुन्दर लड़कियाँ दो लाइनों में खड़े हुए थे । सभी ने कीमती गहने पहन रखे थे और सभी अपने सीने पर अपनी एक बॉह को दूसरी बॉह पर रखे खड़े हुए थे । ऐसे दरबार को मैं क्या कहूँ - क्या इन्द्र का दरबार ? या फिर ये सब परियों के देश से आये थे । इनको देख कर मेरे दिल से एक आह सी निकल गयी और मेरा दिल धड़कने लगा । पर मैंने उसको जबरदस्ती दबा कर रखा हुआ था । उन सबके सामने थोड़ा झुकते हुए मैं आगे बढ़ा पर मेरे पैर तो जैसे एक सौ-एक सौ मन" भारी हो गये थे । जब भी मैं किसी लड़की की तरफ देखता तो मेरा दिल उसकी तरफ बढ़ने के लिये मना करने लगता । एक सौ ग्यारह एम्पीयर Man used to be of चालीस Seers and was used in India and around as a weighing measure of dry material and liquid before the metric measurements were introduced in एक हज़ार नौ सौ पचास. One Seer is a little less than the Kilogram or about two pounds. |
कभी-कभार । अशोक वाजपेयीः अच्छा साहित्य हमें हमेशा वहां ले जाता है जहां भाषा पहले न गई होः वह हमारी अनुभूति और अभिव्यक्ति के भूगोल को विस्तृत करता है. साहित्य हमें अधिकार और शक्ति के सभी प्रतिष्ठानों से, फिर वे राज्यपरक हों या धर्म, प्रश्न पूछने की हिम्मत देता है.
नागपुर स्थित विदर्भ साहित्य अंक अपनी स्थापना की एक शताब्दी पूरी कर चुका है और उस सिलसिले में वहां एक शाम को दो-ढाई घंटे चले सार्वजनिक संवाद के लिए जाना हुआ. मैंने शुरुआत में कहा कि नागपुर एक ऐसा शहर है जहां मराठी और हिन्दी के बीच लगातार स्वाभाविक आवाजाही होती हैः पहले वह मुक्तिबोध का शहर था और अब मराठी नाटककार महेश एलकुंचवार का शहर है.
वह ऐसा शहर भी है जहां खाकी के प्रकोप और कुछ किलोमीटर दूर पर बसे सेवाग्राम में खादी के प्रकल्प के बीच एक लगभग महाकाव्यात्मक द्वंद्व होता और हो रहा है. इस बहाने साहित्य से मिलने वाले कुछ सबकों का ज़िक्र करना उचित होगा.
साहित्य हमें संसार से ब्योरों में, अंतर्विरोधों-विडंबनाओं आदि से घिरे संसार से अनुराग करना सिखाता हैः हम संसार को उसके सहारे बेहतर समझते-सराहते-सहते हैं. साहित्य हममें यह एहसास भी गहरा और तीव्र करता है कि हमारा काम दूसरों के बिना संसार में चल नहीं सकता.
वह हमें बताता है कि 'हम' और 'वे' का युग्म अवास्तविक हैः हम ही वे हैं और वे ही हम हैं. साहित्य हमारे समय और समाज में हो रहे अन्यायों और अत्याचारों की शिनाख़्त करता है और उनसे संघर्ष करने की प्रेरणा देता है. वह हर समय और समाज में वैकल्पिक सचाई और संसार की कल्पना करता और विकल्पों की खोज में हमें शामिल करता है.
साहित्य, जब-तब, हमें यह भी जताता है कि संसार बनाने-बिगाड़ने में हमारी भी भूमिका है और हम अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकते. वह हमें समय के साथ समयातीत में और संसार के साथ ब्रह्मांड में भी अवस्थित करता है. साहित्य हमें सिखाता है कि हम निरे यथार्थ में महदूद नहीं है और कल्पना और स्वप्न भी रचते-गढ़ते हैं.
अच्छा साहित्य हमें हमेशा वहां ले जाता है जहां भाषा पहले न गई होः वह हमारी अनुभूति और अभिव्यक्ति के भूगोल को विस्तृत करता है. साहित्य हमें अधिकार और शक्ति के सभी प्रतिष्ठानों से, फिर वे राज्यपरक हों या धर्म और धनपरक, प्रश्न पूछने की हिम्मत देता है.
हर समय संसार में सत्य की परमता और बहुलता में द्वंद्व होता आया है. इस संदर्भ में साहित्य की एक ज़रूरी शिक्षा यह है कि संसार में कोई एक परम सत्य नहीं है, सत्य की बहुलता है और कोई भी सत्य परम नहीं हैः यह भी कि सत्य पहले से दिए हुए नहीं हैं- हम ही अपने व्यवहार और चिंतन अपनी कल्पना और स्वप्नशीलता से, अपने विचार और संघर्ष से उन्हें रचते-पाते हैं.
साहित्य से हमें यह भी पता चलता है कि सत्य पर किसी व्यक्ति, समूह या सत्ता का एकाधिकार न होता है, न होना चाहिए. साहित्य हमारी मानवीयता को अधिक खुली, अधिक ग्रहणशील, अधिक साझेदार बनाता है. एक ऐसे समय में जब समाज में अधिनायकतावाद का वर्चस्व हो रहा है, साहित्य हमें आगाह करता है और साधारण की महिमा और गरिमा को केंद्रीय करता है.
एक समय था जब हिन्दी में कुछ लोकप्रिय पत्रिकाएं थीं जैसे 'कहानी', 'धर्मयुग', 'साप्ताहिक हिंदुस्तान', 'दिनमान', 'सारिका' आदि. इनमें से कुछ शुद्ध साहित्यिक पत्रिकाएं नहीं थीं पर उनके माध्यम से सामान्य पाठक साहित्य और कलाओं का कुछ संस्पर्श पा लेते थे. इन बड़ी पत्रिकाओं के बरक़्स समानान्तर ढंग से छोटी पत्रिकाएं निकलती थीं, जिनसे नई प्रतिभाएं सामने आती रहती हैं. पहले क़िस्म की पत्रिकाएं अधिकांशतः बड़े औद्योगिक या मीडिया घरानों से निकलती थीं और धीरे-धीरे बंद हो गई. ं. लेकिन यह ग़ौरतलब है कि छोटी पत्रिकाएँ निकलती रही हैं और उनमें से कई सार्थक ढंग से दीर्घजीवी भी रहीं जैसे 'पहल'. साहित्य के नये विमर्श, नई प्रतिभाएँ, नये प्रश्न, नई बहसें, नये पाठक सभी इन पत्रिकाओं से ही आये. इनकी इस तरह साहित्य को, साहित्य-बोध को सजीव और सजग रखने की भूमिका की क़तई अनदेखी नहीं होना चाहिये. यह भी नोट करने की बात है कि पिछले पचास वर्षों में महत्वपूर्ण हिन्दी लेखकों में से अधिकांश छोटी पत्रिकाओं से ही सामने आये हैं. बड़ी लोकप्रिय पत्रिकाओं का होना एक बड़ी कमी है पर उस कारण साहित्य या लेखक पिछड़ नहीं गये हैं.
सामुदायिकता का एक रूप शहरों-कस्बों में होने वाली साहित्यिक गोष्ठियां भी हैं. ये गोष्ठियां सृजन और विचार दोनों के लिए बहुत उपयुक्त और आत्मीय जगहें रही हैं जिनमें अच्छे-बुरे हर तरह के साहित्य के लिए अवसर होता था. वहां लेखकों के बीच ईर्ष्या, मोह-मत्सर, मित्रता और शत्रुता, समझ और संवेदना आदि विकसित होते, बढ़ते-झरते रहते थे.
उनके लिए बहुत तामझाम की ज़रूरत नहीं होती थी. अक्सर तो एक प्याला चाय सबके लिए काफ़ी होती थी. मुझे सागर में हुई एक गोष्ठी याद हैः मेरी उभरते जीवन की थी. उसमें हम दस-पंद्रह कवि ही थे. अध्यक्षता एक बुजुर्ग कवि कर रहे थे. एक कवि जब बहुत भाव प्रवण होकर कविता पढ़ रहा था तभी चाय आ गई. उसके प्यालों की खनक की ओर अध्यक्ष का ध्यान चला गया. तो वह कवि बहुत नाराज़ हुआ और बोला कि मैं कविता सुना रहा हूं और आप चाय की तरफ़ ध्यान दे रहे हैं. इस पर अध्यक्ष ने कहा कि कविता अच्छी है पर चाय बेहतर है.
दुनिया में कविता से बेहतर बहुत सी चीजें मानी-समझी-बताई जाएंगी यह पाठ मैंने उस कच्ची उमर में उस गोष्ठी से ही सीखा था और लगभग सत्तर बरस साहित्य में बिताने के बाद भी मुझे वह याद है- बीच-बीच में याद आता रहा है. ऐसी गोष्ठियों में आलोचनात्मक दृष्टियां बहुत कम सक्रिय होती थीं. पर पुस्तकों और साहित्य से मुंह फेरे हिन्दी समाज में लेखकों का मनोबल बनाए या बढ़ाने में मददगार होती थीं.
इधर सोशल मीडिया पर कई नए समूह बने हैं जो ज़्यादातर परस्पर प्रशंसा पर आधारित हैं. उनमें रचना और प्रस्तुति और प्रशंसा तभी तात्कालिक, तुरंता हैं. उनमें जो हड़बड़ी है वह सार्थक कम ही है. रचना के लिए आवश्यक श्रम और धैर्य की भी कभी दीख पड़ती है. पर सामुदायिकता का, फिर भी, यह एक नया रूप है. उसमें शायद आत्मीयता कम, आत्मरति अधिक है.
भारत में सक्रिय एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के अंतर्गत एक समिति में इस बात पर एक अंतरंग चर्चा हो रही थी कि जापानी सौंदर्यशास्त्र, जापानी दर्शन, जापानी साहित्य और कलाओं की विशेषज्ञता रखने वाले कौन से विद्वान हमारे यहां हैं. बहुत मुश्किल से और ख़ासी माथापच्ची करने के बाद बहुत कम नाम सूझे और जो सूझे उनकी विशेषज्ञता कितनी गहरी है इस बारे में आश्वस्ति नहीं थी.
यह हालत तब है जब जापान से धार्मिक स्तर पर, पारंपरिक तत्व-चिंतन आदि कई स्तरों पर हमारे घनिष्ठ संबंध रहे हैं. जापान तो थोड़ा दूर है. पर चीन तो हमारा पड़ोसी है जो हमें दशकों से सामरिक स्तर पर, हमारी सरहदों पर हमें तंग करता, हमारी ज़मीन पर कब्ज़ा करता, उसे हड़पता रहा है. उसके बारे में हमारी क्या विशेषज्ञता है?
चीनी चित्त के बारे में हमारी समझ किस स्तर की है. वहां जो साम्यवाद है वह कैसे पूंजीवादी प्रक्रियाओं का उपयोग कर विकसित हुआ है और उसकी साम्राज्यवादी आकांक्षा का वैचारिक आधार क्या है इसके बारे में हम भारतीय कितना कम जानते हैं. लगता तो यह है कि एक अर्थ में हम इतने आत्मकेंद्रित रहे है कि हमने गंभीरता और ज़िम्मेदारी से पड़ोसी चित्तों को समझने की बहुत कम कोशिश की है. हमसे मिलते-जुलते बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका आदि के बारे में हमारी जिज्ञासा बहुत सीमित और विशेषज्ञता बहुत क्षीण है.
मुझे याद आता है कि दशकों पहले जापान से दो विशेषज्ञ भारत भवन अपने एक पारंपरिक कलाओं के अंतरराष्ट्रीय समारोह में मध्य प्रदेश से कोई संभावित समूह खोजने आए थे. उन्हें हमने कुछ जानकारी, कुछ दस्तावेज़, कुछ प्रस्ताव दिए. कुल एक महीने बाद एक विशेषज्ञ दल फिर जापान से आया. नए लोग थे. उनसे जब चर्चा होने लगी तो मैंने पाया कि वे कुछ लोककलाओं की शैलियों के पक्षों के नाम ले रहे हैं.
मैं चकित हुआ तो पता चला कि कुल एक महीने में उन्होंने हमारे हिन्दी में दिए गए प्रकाशनों के जापानी अनुवाद कर लिए थे और उन अनुवादों को साथ लेकर आए थे. हमारे कई विश्वविद्यालयों में कुछ देशों पर केंद्रित विभाग हैं पर उनमें कोई ऐसी प्रभावशाली विशेषज्ञता विकसित हुई है इसका मुझे पता नहीं. मुझे यह भी नहीं पता कि, उदाहरण के लिए, हिन्दी या दूसरी भारतीय भाषाओं में जापानी कला-परंपरा, जापानी सौंदर्यशास्त्र, जापानी काव्य-परंपरा, चीनी काव्यशास्त्र, चीनी सौंदर्यदर्शन आदि पर कोई प्रामाणिक पुस्तकें हैं.
चीनी-जापानी राजनय, शस्त्र-सुरक्षा आदि पर कुछ अच्छी सामाग्री जुटाई गई होगी पर जापानी और चीनी सभ्यता की सभ्यता-समीक्षा हमने बहुत कम की है जबकि इन सभ्यताओं में भारतीय सभ्यता की कुछ भूमिका रही है. हमारी पारंपरिक स्मृति अपने बारे में और दूसरी सभ्यताओं के बारे में लगातार छीज रही है.
(लेखक वरिष्ठ साहित्यकार हैं. )
| कभी-कभार । अशोक वाजपेयीः अच्छा साहित्य हमें हमेशा वहां ले जाता है जहां भाषा पहले न गई होः वह हमारी अनुभूति और अभिव्यक्ति के भूगोल को विस्तृत करता है. साहित्य हमें अधिकार और शक्ति के सभी प्रतिष्ठानों से, फिर वे राज्यपरक हों या धर्म, प्रश्न पूछने की हिम्मत देता है. नागपुर स्थित विदर्भ साहित्य अंक अपनी स्थापना की एक शताब्दी पूरी कर चुका है और उस सिलसिले में वहां एक शाम को दो-ढाई घंटे चले सार्वजनिक संवाद के लिए जाना हुआ. मैंने शुरुआत में कहा कि नागपुर एक ऐसा शहर है जहां मराठी और हिन्दी के बीच लगातार स्वाभाविक आवाजाही होती हैः पहले वह मुक्तिबोध का शहर था और अब मराठी नाटककार महेश एलकुंचवार का शहर है. वह ऐसा शहर भी है जहां खाकी के प्रकोप और कुछ किलोमीटर दूर पर बसे सेवाग्राम में खादी के प्रकल्प के बीच एक लगभग महाकाव्यात्मक द्वंद्व होता और हो रहा है. इस बहाने साहित्य से मिलने वाले कुछ सबकों का ज़िक्र करना उचित होगा. साहित्य हमें संसार से ब्योरों में, अंतर्विरोधों-विडंबनाओं आदि से घिरे संसार से अनुराग करना सिखाता हैः हम संसार को उसके सहारे बेहतर समझते-सराहते-सहते हैं. साहित्य हममें यह एहसास भी गहरा और तीव्र करता है कि हमारा काम दूसरों के बिना संसार में चल नहीं सकता. वह हमें बताता है कि 'हम' और 'वे' का युग्म अवास्तविक हैः हम ही वे हैं और वे ही हम हैं. साहित्य हमारे समय और समाज में हो रहे अन्यायों और अत्याचारों की शिनाख़्त करता है और उनसे संघर्ष करने की प्रेरणा देता है. वह हर समय और समाज में वैकल्पिक सचाई और संसार की कल्पना करता और विकल्पों की खोज में हमें शामिल करता है. साहित्य, जब-तब, हमें यह भी जताता है कि संसार बनाने-बिगाड़ने में हमारी भी भूमिका है और हम अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकते. वह हमें समय के साथ समयातीत में और संसार के साथ ब्रह्मांड में भी अवस्थित करता है. साहित्य हमें सिखाता है कि हम निरे यथार्थ में महदूद नहीं है और कल्पना और स्वप्न भी रचते-गढ़ते हैं. अच्छा साहित्य हमें हमेशा वहां ले जाता है जहां भाषा पहले न गई होः वह हमारी अनुभूति और अभिव्यक्ति के भूगोल को विस्तृत करता है. साहित्य हमें अधिकार और शक्ति के सभी प्रतिष्ठानों से, फिर वे राज्यपरक हों या धर्म और धनपरक, प्रश्न पूछने की हिम्मत देता है. हर समय संसार में सत्य की परमता और बहुलता में द्वंद्व होता आया है. इस संदर्भ में साहित्य की एक ज़रूरी शिक्षा यह है कि संसार में कोई एक परम सत्य नहीं है, सत्य की बहुलता है और कोई भी सत्य परम नहीं हैः यह भी कि सत्य पहले से दिए हुए नहीं हैं- हम ही अपने व्यवहार और चिंतन अपनी कल्पना और स्वप्नशीलता से, अपने विचार और संघर्ष से उन्हें रचते-पाते हैं. साहित्य से हमें यह भी पता चलता है कि सत्य पर किसी व्यक्ति, समूह या सत्ता का एकाधिकार न होता है, न होना चाहिए. साहित्य हमारी मानवीयता को अधिक खुली, अधिक ग्रहणशील, अधिक साझेदार बनाता है. एक ऐसे समय में जब समाज में अधिनायकतावाद का वर्चस्व हो रहा है, साहित्य हमें आगाह करता है और साधारण की महिमा और गरिमा को केंद्रीय करता है. एक समय था जब हिन्दी में कुछ लोकप्रिय पत्रिकाएं थीं जैसे 'कहानी', 'धर्मयुग', 'साप्ताहिक हिंदुस्तान', 'दिनमान', 'सारिका' आदि. इनमें से कुछ शुद्ध साहित्यिक पत्रिकाएं नहीं थीं पर उनके माध्यम से सामान्य पाठक साहित्य और कलाओं का कुछ संस्पर्श पा लेते थे. इन बड़ी पत्रिकाओं के बरक़्स समानान्तर ढंग से छोटी पत्रिकाएं निकलती थीं, जिनसे नई प्रतिभाएं सामने आती रहती हैं. पहले क़िस्म की पत्रिकाएं अधिकांशतः बड़े औद्योगिक या मीडिया घरानों से निकलती थीं और धीरे-धीरे बंद हो गई. ं. लेकिन यह ग़ौरतलब है कि छोटी पत्रिकाएँ निकलती रही हैं और उनमें से कई सार्थक ढंग से दीर्घजीवी भी रहीं जैसे 'पहल'. साहित्य के नये विमर्श, नई प्रतिभाएँ, नये प्रश्न, नई बहसें, नये पाठक सभी इन पत्रिकाओं से ही आये. इनकी इस तरह साहित्य को, साहित्य-बोध को सजीव और सजग रखने की भूमिका की क़तई अनदेखी नहीं होना चाहिये. यह भी नोट करने की बात है कि पिछले पचास वर्षों में महत्वपूर्ण हिन्दी लेखकों में से अधिकांश छोटी पत्रिकाओं से ही सामने आये हैं. बड़ी लोकप्रिय पत्रिकाओं का होना एक बड़ी कमी है पर उस कारण साहित्य या लेखक पिछड़ नहीं गये हैं. सामुदायिकता का एक रूप शहरों-कस्बों में होने वाली साहित्यिक गोष्ठियां भी हैं. ये गोष्ठियां सृजन और विचार दोनों के लिए बहुत उपयुक्त और आत्मीय जगहें रही हैं जिनमें अच्छे-बुरे हर तरह के साहित्य के लिए अवसर होता था. वहां लेखकों के बीच ईर्ष्या, मोह-मत्सर, मित्रता और शत्रुता, समझ और संवेदना आदि विकसित होते, बढ़ते-झरते रहते थे. उनके लिए बहुत तामझाम की ज़रूरत नहीं होती थी. अक्सर तो एक प्याला चाय सबके लिए काफ़ी होती थी. मुझे सागर में हुई एक गोष्ठी याद हैः मेरी उभरते जीवन की थी. उसमें हम दस-पंद्रह कवि ही थे. अध्यक्षता एक बुजुर्ग कवि कर रहे थे. एक कवि जब बहुत भाव प्रवण होकर कविता पढ़ रहा था तभी चाय आ गई. उसके प्यालों की खनक की ओर अध्यक्ष का ध्यान चला गया. तो वह कवि बहुत नाराज़ हुआ और बोला कि मैं कविता सुना रहा हूं और आप चाय की तरफ़ ध्यान दे रहे हैं. इस पर अध्यक्ष ने कहा कि कविता अच्छी है पर चाय बेहतर है. दुनिया में कविता से बेहतर बहुत सी चीजें मानी-समझी-बताई जाएंगी यह पाठ मैंने उस कच्ची उमर में उस गोष्ठी से ही सीखा था और लगभग सत्तर बरस साहित्य में बिताने के बाद भी मुझे वह याद है- बीच-बीच में याद आता रहा है. ऐसी गोष्ठियों में आलोचनात्मक दृष्टियां बहुत कम सक्रिय होती थीं. पर पुस्तकों और साहित्य से मुंह फेरे हिन्दी समाज में लेखकों का मनोबल बनाए या बढ़ाने में मददगार होती थीं. इधर सोशल मीडिया पर कई नए समूह बने हैं जो ज़्यादातर परस्पर प्रशंसा पर आधारित हैं. उनमें रचना और प्रस्तुति और प्रशंसा तभी तात्कालिक, तुरंता हैं. उनमें जो हड़बड़ी है वह सार्थक कम ही है. रचना के लिए आवश्यक श्रम और धैर्य की भी कभी दीख पड़ती है. पर सामुदायिकता का, फिर भी, यह एक नया रूप है. उसमें शायद आत्मीयता कम, आत्मरति अधिक है. भारत में सक्रिय एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के अंतर्गत एक समिति में इस बात पर एक अंतरंग चर्चा हो रही थी कि जापानी सौंदर्यशास्त्र, जापानी दर्शन, जापानी साहित्य और कलाओं की विशेषज्ञता रखने वाले कौन से विद्वान हमारे यहां हैं. बहुत मुश्किल से और ख़ासी माथापच्ची करने के बाद बहुत कम नाम सूझे और जो सूझे उनकी विशेषज्ञता कितनी गहरी है इस बारे में आश्वस्ति नहीं थी. यह हालत तब है जब जापान से धार्मिक स्तर पर, पारंपरिक तत्व-चिंतन आदि कई स्तरों पर हमारे घनिष्ठ संबंध रहे हैं. जापान तो थोड़ा दूर है. पर चीन तो हमारा पड़ोसी है जो हमें दशकों से सामरिक स्तर पर, हमारी सरहदों पर हमें तंग करता, हमारी ज़मीन पर कब्ज़ा करता, उसे हड़पता रहा है. उसके बारे में हमारी क्या विशेषज्ञता है? चीनी चित्त के बारे में हमारी समझ किस स्तर की है. वहां जो साम्यवाद है वह कैसे पूंजीवादी प्रक्रियाओं का उपयोग कर विकसित हुआ है और उसकी साम्राज्यवादी आकांक्षा का वैचारिक आधार क्या है इसके बारे में हम भारतीय कितना कम जानते हैं. लगता तो यह है कि एक अर्थ में हम इतने आत्मकेंद्रित रहे है कि हमने गंभीरता और ज़िम्मेदारी से पड़ोसी चित्तों को समझने की बहुत कम कोशिश की है. हमसे मिलते-जुलते बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका आदि के बारे में हमारी जिज्ञासा बहुत सीमित और विशेषज्ञता बहुत क्षीण है. मुझे याद आता है कि दशकों पहले जापान से दो विशेषज्ञ भारत भवन अपने एक पारंपरिक कलाओं के अंतरराष्ट्रीय समारोह में मध्य प्रदेश से कोई संभावित समूह खोजने आए थे. उन्हें हमने कुछ जानकारी, कुछ दस्तावेज़, कुछ प्रस्ताव दिए. कुल एक महीने बाद एक विशेषज्ञ दल फिर जापान से आया. नए लोग थे. उनसे जब चर्चा होने लगी तो मैंने पाया कि वे कुछ लोककलाओं की शैलियों के पक्षों के नाम ले रहे हैं. मैं चकित हुआ तो पता चला कि कुल एक महीने में उन्होंने हमारे हिन्दी में दिए गए प्रकाशनों के जापानी अनुवाद कर लिए थे और उन अनुवादों को साथ लेकर आए थे. हमारे कई विश्वविद्यालयों में कुछ देशों पर केंद्रित विभाग हैं पर उनमें कोई ऐसी प्रभावशाली विशेषज्ञता विकसित हुई है इसका मुझे पता नहीं. मुझे यह भी नहीं पता कि, उदाहरण के लिए, हिन्दी या दूसरी भारतीय भाषाओं में जापानी कला-परंपरा, जापानी सौंदर्यशास्त्र, जापानी काव्य-परंपरा, चीनी काव्यशास्त्र, चीनी सौंदर्यदर्शन आदि पर कोई प्रामाणिक पुस्तकें हैं. चीनी-जापानी राजनय, शस्त्र-सुरक्षा आदि पर कुछ अच्छी सामाग्री जुटाई गई होगी पर जापानी और चीनी सभ्यता की सभ्यता-समीक्षा हमने बहुत कम की है जबकि इन सभ्यताओं में भारतीय सभ्यता की कुछ भूमिका रही है. हमारी पारंपरिक स्मृति अपने बारे में और दूसरी सभ्यताओं के बारे में लगातार छीज रही है. |
देवली-उनियारा से कांग्रेस विधायक हरीश चंद्र मीणा ने खाद-बीज की कमी का मुद्दा उठाया है। मीणा ने उनके विधानसभा क्षेत्र समेत जिले में खाद-बीज की कालाबाजारी और जमाखोरी का आरोप लगाया है। मीणा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खाद-बीज उपलब्ध कराने के साथ ही जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए विभाग को निर्देश देने की मांग की है। मीणा ने लिखा कि जिले में खाद-बीज की कालाबाजरी और जमाखोरी की जा चुकी है। दुकानदार अब किसानों को मनमानी रेट में खाद-बीज बेच रहे हैं, जिससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कालाबाजारी पर विभाग का कोई कंट्रोल नहीं है और पूरे जिले में ऐसे ही हालात बने हुए हैं।
मीणा ने बताया कि आए दिन किसानों की शिकायतें आ रही है कि अभी रबी फसल की बुवाई की तैयारियां की जा रही है, लेकिन उनको खाद-बीज नहीं मिल रहा है। इधर उधर चक्कर लगाने के बाद महंगे दामों पर खाद-बीज मिल रहा है। उन्होंने CM को अवगत कराया कि किसानों को अभी सबसे ज्यादा DAP खाद की जरूरत है, लेकिन वह नहीं मिल रहा है। यूरिया तो 1 महीने पहले दुकानों से गायब सा हो गया है, ऐसे में किसानों को रबी फसल की बुवाई में खाद बीज की चिंता सताने लगी है। ऐसे में सीएम पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज उपलब्ध कराएं। विधायक ने लेटर की एक कॉपी कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को भी भेजी है। MLA मीणा के निजी सचिव मोहम्मद असलम ने बताया कि किसानों की इस समस्या को लेकर कृषि विभाग लापरवाह बना हुआ है।
MLA मीणा ने CM को यह भी अवगत कराया कि इस साल बीसलपुर बांध भरने से उसकी नहरों में पानी छूटेगा। इसलिए करीब पौने दो लाख हेक्टेयर बुवाई का रकबा बढ़ेगा। इससे खाद-बीज की ज्यादा दिमांड रहेगी। उसी अनुरूप जिले में खाद बीज उपलब्ध कराया जाए।
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| देवली-उनियारा से कांग्रेस विधायक हरीश चंद्र मीणा ने खाद-बीज की कमी का मुद्दा उठाया है। मीणा ने उनके विधानसभा क्षेत्र समेत जिले में खाद-बीज की कालाबाजारी और जमाखोरी का आरोप लगाया है। मीणा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खाद-बीज उपलब्ध कराने के साथ ही जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए विभाग को निर्देश देने की मांग की है। मीणा ने लिखा कि जिले में खाद-बीज की कालाबाजरी और जमाखोरी की जा चुकी है। दुकानदार अब किसानों को मनमानी रेट में खाद-बीज बेच रहे हैं, जिससे किसानों को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कालाबाजारी पर विभाग का कोई कंट्रोल नहीं है और पूरे जिले में ऐसे ही हालात बने हुए हैं। मीणा ने बताया कि आए दिन किसानों की शिकायतें आ रही है कि अभी रबी फसल की बुवाई की तैयारियां की जा रही है, लेकिन उनको खाद-बीज नहीं मिल रहा है। इधर उधर चक्कर लगाने के बाद महंगे दामों पर खाद-बीज मिल रहा है। उन्होंने CM को अवगत कराया कि किसानों को अभी सबसे ज्यादा DAP खाद की जरूरत है, लेकिन वह नहीं मिल रहा है। यूरिया तो एक महीने पहले दुकानों से गायब सा हो गया है, ऐसे में किसानों को रबी फसल की बुवाई में खाद बीज की चिंता सताने लगी है। ऐसे में सीएम पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज उपलब्ध कराएं। विधायक ने लेटर की एक कॉपी कलेक्टर चिन्मयी गोपाल को भी भेजी है। MLA मीणा के निजी सचिव मोहम्मद असलम ने बताया कि किसानों की इस समस्या को लेकर कृषि विभाग लापरवाह बना हुआ है। MLA मीणा ने CM को यह भी अवगत कराया कि इस साल बीसलपुर बांध भरने से उसकी नहरों में पानी छूटेगा। इसलिए करीब पौने दो लाख हेक्टेयर बुवाई का रकबा बढ़ेगा। इससे खाद-बीज की ज्यादा दिमांड रहेगी। उसी अनुरूप जिले में खाद बीज उपलब्ध कराया जाए। This website follows the DNPA Code of Ethics. |
अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि उनका मन कभी स्थिर नहीं रह पाता। छोटी-छोटी बातों पर कभी भी उनका मूड खराब हो जाता है। ऐसे में ये जबरदस्त उपाय आपके मूड स्विंग के दौरान आपकी मदद कर सकते हैं।
अगर आपका स्वभाव अतिसंवेदनशील है तो आप हर विषय पर बहुत अधिक सोचने लगते हैं। जिसकी वजह से आपका मूड बार-बार खराब हो जाता है। ऐसा यदि बार-बार होता है तो व्यक्ति मानसिक अस्थिरता का शिकार हो जाता है। ऐसे में कोशिश करें कि आप खुद पर नियंत्रण रखें और भावनाओं के आवेग में न आएं।
जिस पल आपको लगे कि आप अपने लक्ष्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं और बिना वजह इधर-उधर की बातों को अधिक सोच रहे हैं तो तुरंत उस दिशा में सोचने पर कुछ समय के लिए विराम लगाएं। कोशिश करने से यह काम आपके लिए आसान हो जाएगा और आप उस वजह को आसानी से पकड़ सकेंगे जिसकी वजह से अक्सर आपका मूड अचानक से बदल जाता है।
आपको सबसे अच्छा क्या लगता है? या कौन सी ऐसी चीज है जिसे खाकर आपका मूड अच्छा हो जाता है? आप मूड अच्छा करने के लिए ढेर सारी चॉकलेट खाते हैं? या फिर बागवानी या व्यायाम करने से आपको खुशी मिलती है?
आपको जो कुछ भी अच्छा लगता है या आपका जो भी शौक है, अगर आप उसे अपनी जीवनशैली में अपनाएं तो यकीनन आप मूड के बदलवों को नियंत्रित कर पाएंगे। इन गतिविधियों से शरीर में 'फील गुड हार्मोन' पैदा होता है जो आपको सकारात्मक सोच देता है।
कई बार ऐसे मौके आते हैं जब हम किसी एक विषय या कार्य पर केंद्रित रहने की बहुत सी कोशिशें करते हैं। ऐसे में कई बार हमारा मस्तिष्क हमें अपने अवचेतन हिस्से से तरह-तरह के संकेत देता है कि हम कहां गलत हैं या क्या हमसे नहीं हो सकता।
अगर आप इन अवचेतन मन के संकेतों को समझ लें तो आपको यह अहसास हो जाएगा कि आप क्या कर रहे हैं और आपको क्या करने की जरूरत है। इस तरह आप अपने मन को स्थिर रख सकते हैं और मूड में जल्दी-जल्दी आने वाले बदलावों को दूर कर सकते हैं।
| अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि उनका मन कभी स्थिर नहीं रह पाता। छोटी-छोटी बातों पर कभी भी उनका मूड खराब हो जाता है। ऐसे में ये जबरदस्त उपाय आपके मूड स्विंग के दौरान आपकी मदद कर सकते हैं। अगर आपका स्वभाव अतिसंवेदनशील है तो आप हर विषय पर बहुत अधिक सोचने लगते हैं। जिसकी वजह से आपका मूड बार-बार खराब हो जाता है। ऐसा यदि बार-बार होता है तो व्यक्ति मानसिक अस्थिरता का शिकार हो जाता है। ऐसे में कोशिश करें कि आप खुद पर नियंत्रण रखें और भावनाओं के आवेग में न आएं। जिस पल आपको लगे कि आप अपने लक्ष्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं और बिना वजह इधर-उधर की बातों को अधिक सोच रहे हैं तो तुरंत उस दिशा में सोचने पर कुछ समय के लिए विराम लगाएं। कोशिश करने से यह काम आपके लिए आसान हो जाएगा और आप उस वजह को आसानी से पकड़ सकेंगे जिसकी वजह से अक्सर आपका मूड अचानक से बदल जाता है। आपको सबसे अच्छा क्या लगता है? या कौन सी ऐसी चीज है जिसे खाकर आपका मूड अच्छा हो जाता है? आप मूड अच्छा करने के लिए ढेर सारी चॉकलेट खाते हैं? या फिर बागवानी या व्यायाम करने से आपको खुशी मिलती है? आपको जो कुछ भी अच्छा लगता है या आपका जो भी शौक है, अगर आप उसे अपनी जीवनशैली में अपनाएं तो यकीनन आप मूड के बदलवों को नियंत्रित कर पाएंगे। इन गतिविधियों से शरीर में 'फील गुड हार्मोन' पैदा होता है जो आपको सकारात्मक सोच देता है। कई बार ऐसे मौके आते हैं जब हम किसी एक विषय या कार्य पर केंद्रित रहने की बहुत सी कोशिशें करते हैं। ऐसे में कई बार हमारा मस्तिष्क हमें अपने अवचेतन हिस्से से तरह-तरह के संकेत देता है कि हम कहां गलत हैं या क्या हमसे नहीं हो सकता। अगर आप इन अवचेतन मन के संकेतों को समझ लें तो आपको यह अहसास हो जाएगा कि आप क्या कर रहे हैं और आपको क्या करने की जरूरत है। इस तरह आप अपने मन को स्थिर रख सकते हैं और मूड में जल्दी-जल्दी आने वाले बदलावों को दूर कर सकते हैं। |
SIWAN : सीवान में इन दिनों वाहन चोर गिरोह काफी सक्रिय हो गया है । बाइक और अन्य गाड़ियों की लगतार लूट चोरी जैसे घटनाए हो रही हैं। लेकिन इस बार लुटेरों के इरादे पर पानी फिर गया। लुटेरे जिन्हें लूटना चाहते थे. उन्हीं की गाड़ी में अपना बाइक टक्कर मार दी। जिसमें एक लुटेरे की मौत हो गई। वहीं दूसरा लुटेरा घायल हो गया। फिलहाल, घटना सामने आने के बाद पुलिस ने घायल बदमाश को हिरासत में ले लिया है।
मामले में बताया गया कि बीती रात एक बाइक पर तीन युवक सवार होकर बारात से वापस अपने घर के लिए जा रहे थे कि तभी जीबी नगर थाना क्षेत्र के हरदोबारा के समीप फकरुदीनपुर के पास बाइक पर सवार दो अपराधियो ने बारात से लौट रहे राहगीर से लूट के नियक्त से पीछा करना शुरू कर दिया। लेकिन भाग दौड़ में दोनो के गाड़ी में भीषण टक्कर हो गई। जिसमे एक कि मौत हो गई तो वही चार घायल हो गए। लूट करने वाले में बड़हरिया थाना क्षेत्र के बहुवारा निवासी राहुल तो दूसरा विनोद कुमार है। जिसमें विनोद कुमार की मौत हो गई है।
घटना को लेकर पुलिस ने बताया कि दोनों बदमाश मोटरसाइकिल छीनने का काम अपने साथियों के साथ करते थे। उनके पास से देशी कट्टा भी बरामद हुआ हैं । वही जो घायल हुए हैं उनका इलाज सींवान सदर अस्पताल में चल रहा है । छीनने वाले घायल शख्श से पुलिस गिरफ्त में लेकर इनके बाकी साथियों की गिरफ्तारी के लिए पूछताछ करने में जुटी हुई हैं।
| SIWAN : सीवान में इन दिनों वाहन चोर गिरोह काफी सक्रिय हो गया है । बाइक और अन्य गाड़ियों की लगतार लूट चोरी जैसे घटनाए हो रही हैं। लेकिन इस बार लुटेरों के इरादे पर पानी फिर गया। लुटेरे जिन्हें लूटना चाहते थे. उन्हीं की गाड़ी में अपना बाइक टक्कर मार दी। जिसमें एक लुटेरे की मौत हो गई। वहीं दूसरा लुटेरा घायल हो गया। फिलहाल, घटना सामने आने के बाद पुलिस ने घायल बदमाश को हिरासत में ले लिया है। मामले में बताया गया कि बीती रात एक बाइक पर तीन युवक सवार होकर बारात से वापस अपने घर के लिए जा रहे थे कि तभी जीबी नगर थाना क्षेत्र के हरदोबारा के समीप फकरुदीनपुर के पास बाइक पर सवार दो अपराधियो ने बारात से लौट रहे राहगीर से लूट के नियक्त से पीछा करना शुरू कर दिया। लेकिन भाग दौड़ में दोनो के गाड़ी में भीषण टक्कर हो गई। जिसमे एक कि मौत हो गई तो वही चार घायल हो गए। लूट करने वाले में बड़हरिया थाना क्षेत्र के बहुवारा निवासी राहुल तो दूसरा विनोद कुमार है। जिसमें विनोद कुमार की मौत हो गई है। घटना को लेकर पुलिस ने बताया कि दोनों बदमाश मोटरसाइकिल छीनने का काम अपने साथियों के साथ करते थे। उनके पास से देशी कट्टा भी बरामद हुआ हैं । वही जो घायल हुए हैं उनका इलाज सींवान सदर अस्पताल में चल रहा है । छीनने वाले घायल शख्श से पुलिस गिरफ्त में लेकर इनके बाकी साथियों की गिरफ्तारी के लिए पूछताछ करने में जुटी हुई हैं। |
बिहार सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले में शहीद हुये सूबे के जवानों के परिवार को 36-36 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। साथ ही नीतीश कुमार सरकार द्वारा शहीद परिवारों के आश्रितों को एक-एक नौकरी देने की घोषणा की गई है।
नीतीश कुमार सरकार ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकवादियों के हमले में शहीद हुये बिहार के दो सीआरपीएफ के जवानों के परिवारों को 36-36 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। इसके अलावा नीतीश कुमार सरकार की ओर से शहीद परिवारों के आश्रितों को एक-एक नौकरी देने की घोषणा भी की गई है। जानकारी है कि राज्य सरकार की तरफ से दोनों शहीद जवानों के परिवार को 11-11 लाख रुपये अनुग्रह अनुदान के रूप में प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा दोनों शहीद जवानों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष की ओर से भी 25-25 लाख रुपये की राहत प्रदान की जायेगी। राज्य सरकार की ओर से शहीदों के परिवारों को एक-एक नौकरी भी दी जायेगी।
याद रहे बीते सोमवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकवादियों के हमले में बिहार के रोहतास जिले के विक्रमंगज थाना क्षेत्र के घोषिया कलां ग्राम निवासी सीआरपीएफ जवान खुर्शीद खान और जहानाबाद जिले के शकुराबाद थाना क्षेत्र के अइरा गांव के रहने वाले सीआरपीएफ जवान लवकुश शर्मा शहीद हो गये थे।
बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को पटना एयरपोर्ट पर पहुंचकर बारामुला में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद सीआरपीएफ के दो वीर जवानों बिहार के लाल रोहतास के मोहम्मद ख़ुर्शीद खान और जहानाबाद के लवकुश शर्मा के पार्थिव शरीर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने मां भारती के वीर सुपुत्रों के बलिदान को कोटिशः नमन किया। वहीं उन्होंने कहा कि देश इन वीर जवानों का सदैव ऋणी रहेगा।
| बिहार सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले में शहीद हुये सूबे के जवानों के परिवार को छत्तीस-छत्तीस लाख रुपये देने का ऐलान किया है। साथ ही नीतीश कुमार सरकार द्वारा शहीद परिवारों के आश्रितों को एक-एक नौकरी देने की घोषणा की गई है। नीतीश कुमार सरकार ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकवादियों के हमले में शहीद हुये बिहार के दो सीआरपीएफ के जवानों के परिवारों को छत्तीस-छत्तीस लाख रुपये देने का ऐलान किया है। इसके अलावा नीतीश कुमार सरकार की ओर से शहीद परिवारों के आश्रितों को एक-एक नौकरी देने की घोषणा भी की गई है। जानकारी है कि राज्य सरकार की तरफ से दोनों शहीद जवानों के परिवार को ग्यारह-ग्यारह लाख रुपये अनुग्रह अनुदान के रूप में प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा दोनों शहीद जवानों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष की ओर से भी पच्चीस-पच्चीस लाख रुपये की राहत प्रदान की जायेगी। राज्य सरकार की ओर से शहीदों के परिवारों को एक-एक नौकरी भी दी जायेगी। याद रहे बीते सोमवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आतंकवादियों के हमले में बिहार के रोहतास जिले के विक्रमंगज थाना क्षेत्र के घोषिया कलां ग्राम निवासी सीआरपीएफ जवान खुर्शीद खान और जहानाबाद जिले के शकुराबाद थाना क्षेत्र के अइरा गांव के रहने वाले सीआरपीएफ जवान लवकुश शर्मा शहीद हो गये थे। बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष एवं राजद नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को पटना एयरपोर्ट पर पहुंचकर बारामुला में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद सीआरपीएफ के दो वीर जवानों बिहार के लाल रोहतास के मोहम्मद ख़ुर्शीद खान और जहानाबाद के लवकुश शर्मा के पार्थिव शरीर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने मां भारती के वीर सुपुत्रों के बलिदान को कोटिशः नमन किया। वहीं उन्होंने कहा कि देश इन वीर जवानों का सदैव ऋणी रहेगा। |
उपचार - शाखाओं पर चिपके हुए कोशों को समेट कर जला दिया जय । उदर विष भी छिड़का जा सकता - है । एक प्रकार का परोपजीवी कीड़ा इस कीड़े के कोश पर रखता है । इल्ली कोश में प्रवेशकर कोशस्थ प्राणी को खा जाती है ।
एक प्रकार का कांसिया और तीन प्रकार का मीलो सीरस भी ग्राम के झाड़ पर आक्रमण करते हैं । किन्तु ये बहुत ही कम नुकसान पहुँचाते हैं । रिंकोनस - इसका लैटिन नाम Rhynchaenus hiangiferae है । इस कीड़े के स्थानीय नाम का पता न चल सकने के कारण ही यह नाम दिया गया है ।
मादा पत्ते पर अण्डे देती है । बिना पैर की इल्ली
कोमल पत्ते के अंदर सुरंग बनाकर भीतर प्रवेश करती और पते को खाती रहती है। इससे कभी कभी पत्तों को बहुत ज्यादा हानि पहुँचती है। यह भारत के सभी भागों में पाया जाता है ।
उपचार - निकोटिन सलफेट या तमाखू का सत छिड़कना लाभदायक है।
बिमटा - ग्राम के झाड़ पर रहने वाली लालरंग की चीटी को विमटा कहते हैं । झाड़ों पर पाई जाने वाली बड़ी चीटियों को भारत के कुछ जिलों में दूध मकोड़ी या माटा भी कहते हैं । यह नवजात कोमल पत्तों को एक दूसरे | उपचार - शाखाओं पर चिपके हुए कोशों को समेट कर जला दिया जय । उदर विष भी छिड़का जा सकता - है । एक प्रकार का परोपजीवी कीड़ा इस कीड़े के कोश पर रखता है । इल्ली कोश में प्रवेशकर कोशस्थ प्राणी को खा जाती है । एक प्रकार का कांसिया और तीन प्रकार का मीलो सीरस भी ग्राम के झाड़ पर आक्रमण करते हैं । किन्तु ये बहुत ही कम नुकसान पहुँचाते हैं । रिंकोनस - इसका लैटिन नाम Rhynchaenus hiangiferae है । इस कीड़े के स्थानीय नाम का पता न चल सकने के कारण ही यह नाम दिया गया है । मादा पत्ते पर अण्डे देती है । बिना पैर की इल्ली कोमल पत्ते के अंदर सुरंग बनाकर भीतर प्रवेश करती और पते को खाती रहती है। इससे कभी कभी पत्तों को बहुत ज्यादा हानि पहुँचती है। यह भारत के सभी भागों में पाया जाता है । उपचार - निकोटिन सलफेट या तमाखू का सत छिड़कना लाभदायक है। बिमटा - ग्राम के झाड़ पर रहने वाली लालरंग की चीटी को विमटा कहते हैं । झाड़ों पर पाई जाने वाली बड़ी चीटियों को भारत के कुछ जिलों में दूध मकोड़ी या माटा भी कहते हैं । यह नवजात कोमल पत्तों को एक दूसरे |
Ranchi: कोरोना की सेकंड वेब जानलेवा साबित हो रही है. एक के बाद एक कोरोना के मरीज गंभीर हालत में इलाज के लिए हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं. जहां गंभीर मरीजों के इलाज के लिए सारी सुविधाएं तो है लेकिन जरूरी इंजेक्शन और प्लाज्मा हर किसी के लिए उपलब्ध नहीं है. ऐसे में गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए लगातार प्लाज्मा की डिमांड की जा रही है. चूंकि, दवाओं के साथ ही वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की लोगों को ज़रूरत पड़ रही है. इसी के साथ ही कोरोना से जंग जीत चुके लोगों के प्लाज्मा की भी मांग बढ़ी है. सोशल साइट्स और ग्रुप में लोग अपने परिजनों के लिए प्लाज्मा मांग रहे है ताकि उनकी जान बचाई जा सके, लेकिन डोनर्स ही नहीं मिल रहे है.
डोनेट किया गया प्लाज्मा 1 साल तक ब्लड बैंक में सुरक्षित रखा जा सकता है. अगर कोरोना से रिकवर हो चुके लोग ठीक होने के 14 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट करें तो केवल रिम्स में 100 से ज्यादा प्लाज्मा हर समय उपलब्ध होगा. जिससे कि गंभीर मरीजों को तत्काल प्लाज्मा उपलब्ध कराया जा सकेगा. बताते चलें कि प्लाज़्मा से कोरोना संक्रमितों की जान बचाई जा सकती है. प्लाज्मा बनाया नहीं जा सकता, यह सिर्फ डोनेट ही किया जा सकता है. इसके बावजूद लोग प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे नहीं आ रहे है.
ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ सुषमा की मानें तो कोरोना के मरीज़ जिनको हल्के लक्षण हैं. उनका इलाज होम आइसोलेशन में किया जाता है, जबकि गंभीर मरीजों को हॉस्पिटल में एडमिट करते हैं. डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के गंभीर मरीज होते है उनको बचाने के लिए प्लाज्मा थेरेपी है. ऐसे मरीजों के लिए प्लाज़्मा सिर्फ उन्हीं लोगों से दान में मिल सकता है, जो पहले कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं. केवल रिम्स में ही हर दिन 50 यूनिट प्लाज्मा की डिमांड की जा रही है. लेकिन काफी ढूंढने के बाद भी 20 से 25 डोनर से प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आते हैं.
रक्तवीर कहे जाने वाले डॉ चंद्रभूषण खुद प्लाज्मा और ब्लड डोनेट करते हैं. वहीं लोगों को भी इसके लिए जागरूक करते है ताकि लोग प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आएं. इसके लिए रेगुलर एंटी बॉडी टाइटर टेस्ट कैंप भी लगाए जा रहे है, लेकिन अब लोगों से अपील की जा रही है कि जब प्लाज्मा की जरूरत पड़ती है तो लोग दौड़ते हुए आते हैं. अगर यही जज्बा प्लाज्मा डोनेट करने में दिखाएं तो न जाने कितने लोगों को नया जीवन मिल सकता है.
- प्लाज़्मा दान करने से पहले अपना आई जीजी टेस्ट अवश्य कराए, अगर ये वैल्यू 4 से ऊपर है तब ही आप दान कर सकत है.
- एक वर्ष में 24 बार प्लाज्मा दान कर सकते हैं. जो लोग भी कोरोना बीमारी से रिकवर्ड हुए हैं, वो हर दो सप्ताह यानी 14 दिन के बाद प्लाज्मा दान कर सकते हैं.
- प्लाज्मा दान करने से डोनर के शरीर से किसी भी तरीके से खून की कमी नहीं होती है. क्योंकि केवल लिक्विड जिसमें एंटीबॉडी होते हैं डोनर के शरीर से लिया जाता है.
- प्लाज्मा देने के मात्र 24 घंटे के अंदर इसकी रिकवरी हो जाती है.
- प्लाज्मा फ्रेसिस के अंतर्गत एक आदमी का 400 एमएल प्लाज़्मा दान करता हैं जिससे 200 एमएल का 2 यूनिट प्लाज़्मा बनता है. जिसे दो अलग अलग लोगों को दिया जा सकता है.
| Ranchi: कोरोना की सेकंड वेब जानलेवा साबित हो रही है. एक के बाद एक कोरोना के मरीज गंभीर हालत में इलाज के लिए हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं. जहां गंभीर मरीजों के इलाज के लिए सारी सुविधाएं तो है लेकिन जरूरी इंजेक्शन और प्लाज्मा हर किसी के लिए उपलब्ध नहीं है. ऐसे में गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए लगातार प्लाज्मा की डिमांड की जा रही है. चूंकि, दवाओं के साथ ही वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की लोगों को ज़रूरत पड़ रही है. इसी के साथ ही कोरोना से जंग जीत चुके लोगों के प्लाज्मा की भी मांग बढ़ी है. सोशल साइट्स और ग्रुप में लोग अपने परिजनों के लिए प्लाज्मा मांग रहे है ताकि उनकी जान बचाई जा सके, लेकिन डोनर्स ही नहीं मिल रहे है. डोनेट किया गया प्लाज्मा एक साल तक ब्लड बैंक में सुरक्षित रखा जा सकता है. अगर कोरोना से रिकवर हो चुके लोग ठीक होने के चौदह दिन बाद प्लाज्मा डोनेट करें तो केवल रिम्स में एक सौ से ज्यादा प्लाज्मा हर समय उपलब्ध होगा. जिससे कि गंभीर मरीजों को तत्काल प्लाज्मा उपलब्ध कराया जा सकेगा. बताते चलें कि प्लाज़्मा से कोरोना संक्रमितों की जान बचाई जा सकती है. प्लाज्मा बनाया नहीं जा सकता, यह सिर्फ डोनेट ही किया जा सकता है. इसके बावजूद लोग प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे नहीं आ रहे है. ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ सुषमा की मानें तो कोरोना के मरीज़ जिनको हल्के लक्षण हैं. उनका इलाज होम आइसोलेशन में किया जाता है, जबकि गंभीर मरीजों को हॉस्पिटल में एडमिट करते हैं. डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के गंभीर मरीज होते है उनको बचाने के लिए प्लाज्मा थेरेपी है. ऐसे मरीजों के लिए प्लाज़्मा सिर्फ उन्हीं लोगों से दान में मिल सकता है, जो पहले कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं. केवल रिम्स में ही हर दिन पचास यूनिट प्लाज्मा की डिमांड की जा रही है. लेकिन काफी ढूंढने के बाद भी बीस से पच्चीस डोनर से प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आते हैं. रक्तवीर कहे जाने वाले डॉ चंद्रभूषण खुद प्लाज्मा और ब्लड डोनेट करते हैं. वहीं लोगों को भी इसके लिए जागरूक करते है ताकि लोग प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आएं. इसके लिए रेगुलर एंटी बॉडी टाइटर टेस्ट कैंप भी लगाए जा रहे है, लेकिन अब लोगों से अपील की जा रही है कि जब प्लाज्मा की जरूरत पड़ती है तो लोग दौड़ते हुए आते हैं. अगर यही जज्बा प्लाज्मा डोनेट करने में दिखाएं तो न जाने कितने लोगों को नया जीवन मिल सकता है. - प्लाज़्मा दान करने से पहले अपना आई जीजी टेस्ट अवश्य कराए, अगर ये वैल्यू चार से ऊपर है तब ही आप दान कर सकत है. - एक वर्ष में चौबीस बार प्लाज्मा दान कर सकते हैं. जो लोग भी कोरोना बीमारी से रिकवर्ड हुए हैं, वो हर दो सप्ताह यानी चौदह दिन के बाद प्लाज्मा दान कर सकते हैं. - प्लाज्मा दान करने से डोनर के शरीर से किसी भी तरीके से खून की कमी नहीं होती है. क्योंकि केवल लिक्विड जिसमें एंटीबॉडी होते हैं डोनर के शरीर से लिया जाता है. - प्लाज्मा देने के मात्र चौबीस घंटाटे के अंदर इसकी रिकवरी हो जाती है. - प्लाज्मा फ्रेसिस के अंतर्गत एक आदमी का चार सौ एमएल प्लाज़्मा दान करता हैं जिससे दो सौ एमएल का दो यूनिट प्लाज़्मा बनता है. जिसे दो अलग अलग लोगों को दिया जा सकता है. |
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